आज का पंचाग आपका राशि फल, आज वसंत पंचमी के दिन करें ये कार्य अन्यथा ये समय बीत जायेगा

राजा भोज ने कालीदास से कहा कि ऐसा वाक्य लिखो जिसे दुखी पढें तो प्रसन्न हों और सुखी पढें तो चिंतित हो जांय
तब कालिदास ने यह वाक्य लिखा…. “ये समय बीत जायेगा”

राजा भोज संस्कृत के उत्तम कोटि के विद्वान थे, अतएव उनके दरबार में कालिदास, दण्डी, भारवि, माघ सतंजय आदि बड़े-बड़े प्रतिभावान विद्वान रहते थे।

एक बार की बात है सतंजय कवि अपनी प्रशंसा में निम्न पंक्तियाँ लिख कर भोज के राज दरबार में जा रहे थे

अपशब्दं शतं माघ
त्रिशतं भारवी च:
कालीदासो अगण्यं च:
कवि एक:सतंजय:

अर्थात माघ के ग्रन्थों में सौ अपशब्द हैं भारवी के तीन सौ कालीदास के अनगिनत हैं और सतंजय ऐसे कवि हैं जिनके ग्रंथों में एक भी अपशब्द नहीं हैं…..

इसी मध्य मार्ग में उन्हें कालीदास मिले उन्होंने बातचीत में भोज के दरबार में जाने का उद्देश्य पता चला तो कालिदास ने उक्त कविता पढ़ कर कहा कि मित्र सतंजय कविता बहुत सुन्दर है परन्तु इसमें पहला शब्द ही ‘अपशब्द’ लिखा गया है इसके स्थान पर ‘आपशब्दं’ करो ताकि आपके साहित्य में अपशब्द रहे ही नहीं।

सतंजय को परामर्श उचित प्रतीत हुआ और ‘अ’ के स्थान पर ‘आ’ कर दिया..

अब सतंजय प्रसन्नता के मद में भोज के दरबार में प्रविष्ट हुए और कहा महाराज आज मैने ये कविता लिखी….

आपशब्दं शतं माघ
त्रिशतं भारवी च:
कालीदासो नगयं च:
कवि एक:सतंजय:

‘आप’ शब्द का अर्थ हुआ ‘भगवान’।….
सुना होगा आपने “ताके हृदय आप'” 
अब कविता का अर्थ ही परिवर्तित हो गया था……

अर्थात माघ के ग्रन्थों में भगवान का नाम सौ बार आया है, भारवी के तीन सौ बार कालीदास के अनगिनत बार…. और सतंजय ऐसे कवि हैं जिनके ग्रंथों में एक बार भी नहीं …..

राजा भोज कविता पढ़ कर अचंभित हुए पूछा इस कविता को तुमने ही लिखा क्या! ❗️
तो सतंजय अचकचा गये…. बोले लिखा तो हमीं ने था… परन्तु मार्ग में कालीदास मिले और उन्होंने अ को आ कर दिया जो अपशब्द के स्थान पर आपशब्द हो गया
अब मुझे भी भान हो रहा है कि इसी कारण कालीदास श्रेष्ठ कवि हैं…

बाद के सैक्युलर दौर में बामपंथियों ने ऐसे दुर्लभतम हजारों संवाद चुरा कर अय्याश अधर्मी लुटेरे आक्रान्ताओं के नाम पर चेंप दिए…. ✍️हरीश मैखुरी

‌‌      *सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी,* 

 *विद्यारम्भं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा।* 

*सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने ।*

*विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोऽस्तु ते ॥* बसन्त पंचमी उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं💐🙏🏻🚩🙏🏻🌹🙏

      *༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻​​

          *सुप्रभातम*  *आज का पञ्चाङ्ग*

*_बुधवार, १४ फरवरी २०२४_*

*═══════⊰⧱⊱═══════*

सूर्योदय: 🌄 ०७:०८, सूर्यास्त: 🌅 ०६:१४

चन्द्रोदय: 🌝 ०९:४६, चन्द्रास्त: 🌜२३:०७

अयन 🌘 उत्तरायणे * (दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🗻 शिशिर, 

शक सम्वत:👉१९४५(शोभकृत)

विक्रम सम्वत:👉२०८० (पिंगल)

मास 👉 माघ, पक्ष 👉 शुक्ल 

तिथि 👉 पञ्चमी (१२:०९से षष्ठी)

नक्षत्र 👉 रेवती (१०:४३ से अश्विनी)

योग👉शुभ(१९:५९ से शुक्ल)

प्रथम करण👉बालव(१२:०९तक

द्वितीय करण 👉 कौलव

 (२३:०६ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 कुम्भ 

चंद्र 🌟 मेष (१०:४३ से)

मंगल🌟मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)

बुध🌟मकर (अस्त, पूर्व, मार्गी)

गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र🌟मकर(उदित,पश्चिम,मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ

 (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

राहु 🌟 मीन 

केतु 🌟 कन्या  

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳

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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌❌

अमृत काल 👉 ०८:३० से ०९:५९

रवियोग 👉 १०:४३ से ३०:५८

विजय मुहूर्त 👉 १४:२२ से १५:०७

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:०१ से १८:२७

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:०४ से १९:२१

निशिता मुहूर्त 👉 २४:०५ से २४:५७

राहुकाल 👉 १२:३१ से १३:५४

राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०८:२२ से ०९:४५

होमाहुति 👉 बुध

दिशाशूल 👉 उत्तर

अग्निवास 👉 पाताल (१२:०९ से पृथ्वी)

चन्द्रवास 👉 उत्तर (पूर्व १०:४३ से) 

शिववास 👉 कैलाश पर (१२:०९ से नन्दी पर)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – लाभ २ – अमृत

३ – काल ४ – शुभ

५ – रोग ६ – उद्वेग

७ – चर ८ – लाभ

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – उद्वेग २ – शुभ

३ – अमृत ४ – चर

५ – रोग ६ – काल

७ – लाभ ८ – उद्वेग

नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

🚌🚈🚗⛵🛫

पूर्व-उत्तर (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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बसंत पञ्चमी, माँ सरस्वती जन्मोत्सव, पंचक समाप्त १०:४२ पर, विवाह मुहूर्त वृष लग्न (प्रात: ११:३९ से दोपहर ०१:३५) तक, उपनयन (जनेऊ) संस्कार मुहूर्त+गृहप्रवेश मुहूर्त+विधा एवं अक्षर आरम्भ मुहूर्त+व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०७:०८ से ०९:५३ तक, चूड़ाकर्म (मुण्डन) संस्कार मुहूर्त+नींव खुदाई एवं गृहारम्भ मुहूर्त+वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त प्रातः ११:१५ से १२:४० तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज १०:४३ तक जन्मे शिशुओ का नाम रेवती नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ची) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम अश्विनी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (चू, चे, चो, ला) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

मकर – २९:१८ से ०७:००

कुम्भ – ०७:०० से ०८:२५

मीन – ०८:२५ से ०९:४९

मेष – ०९:४९ से ११:२३

वृषभ – ११:२३ से १३:१७

मिथुन – १३:१७ से १५:३२

कर्क – १५:३२ से १७:५४

सिंह – १७:५४ से २०:१३

कन्या – २०:१३ से २२:३१

तुला – २२:३१ से २४:५२

वृश्चिक – २४:५२ से २७:११

धनु – २७:११ से २९:१५

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पञ्चक रहित मुहूर्त

मृत्यु पञ्चक – ०६:५८ से ०७:००

अग्नि पञ्चक – ०७:०० से ०८:२५

शुभ मुहूर्त – ०८:२५ से ०९:४९

मृत्यु पञ्चक – ०९:४९ से १०:४३

अग्नि पञ्चक – १०:४३ से ११:२३

शुभ मुहूर्त – ११:२३ से १२:०९

रज पञ्चक – १२:०९ से १३:१७

शुभ मुहूर्त – १३:१७ से १५:३२

चोर पञ्चक – १५:३२ से १७:५४

शुभ मुहूर्त – १७:५४ से २०:१३

रोग पञ्चक – २०:१३ से २२:३१

शुभ मुहूर्त – २२:३१ से २४:५२

मृत्यु पञ्चक – २४:५२ से २७:११

अग्नि पञ्चक – २७:११ से २९:१५

शुभ मुहूर्त – २९:१५ से ३०:५८

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“वीणाधरे विपुलमङ्गलदानशीले भक्तार्तिनाशिनि विरिञ्चिहरीशवन्द्ये।

कीर्तिप्रदेऽखिलमनोरथदे महार्हे विद्याप्रदायिनि सरस्वतिनौमि नित्यम्।।

🌺आज का राशिफल🌺

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन से आप कुछ अधिक आशा लगाए रहेंगे दिन के मध्यान तक दिनचार्य सुव्यवस्थित रहेगी लेकिन मध्यान बाद से स्वभाव में लापरवाही आने के कारण अव्यवस्था बढ़ेगी। धन लाभ आज किसी ना किसी रूप में अवश्य होगा परन्तु आशानुकूल ना होने पर मन उदास भी रहेगा। आपका मनमौजी व्यवहार स्नेहीजन से संबंध में कड़वाहट लायेगा। किसी से किया वादा अंत समय मे तोड़ने पर कलह की स्थिति बनेगी। धर्म कर्म में आस्था तो रहेगी लेकिन पूजा पाठ केवल औपचारिकता पूर्ति के लिये ही करेंगे। कार्य व्यवसाय की गति सामान्य रहेगी परन्तु मन की चंचलता उचित लाभ से दूर रखेगी। स्वास्थ्य में सुधार आएगा मौज शौक पर बिना विचारे खर्च करेंगे।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन कोई भी निर्णय जल्दबाजी में ना ले वरना बाद में पछताना पड़ेगा परिस्थितियां आज हानिकारक बनी हुई है सही दिशा में जा रहा काम भी किसी की गलती से बिगड़ने की संभावना है। कार्य व्यवसाय में आज किसी भी प्रकार की जोर जबरदस्ती नुकसान कराएगी। धन को लेकर दो पक्षो में खींचतान की स्थिति बनेंगी धैर्य से काम लें अन्यथा मामला गंभीर हो सकता है। कार्य स्थल पर सहकर्मियों का असहयोगी व्यवहार अखरेगा। काम के समय आज सभी पीठ दिखाएंगे केवल घर के सदस्य ही कठिन परिस्थिति में साथ देंगे। पारिवारिक वातावरण भी किसी ना किसी कारण उखड़ा सा रहेगा। आरोग्य में कमी रहेगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन राज-समाज मे आपकी प्रतिष्ठा बढ़ाएगा। आज कुछ ना करने पर भी आपका व्यक्तित्त्व बढ़ा हुआ रहेगा। लेकिन थोड़ी सी प्रशंसा पाकर अहम की भावना भी आएगी अपने से छोटो को अहमियत नही देंगे जहां से स्वार्थ सिद्धि की संभावना रहेगी वहां चापलूसी करने से भी नही चूकेंगे परन्तु जहां कोई लाभ नजर नही आएगा वहां देखेंगे तक नही। कार्य व्यवसाय में बुद्धि चातुर्य से लाभ कमाएंगे लेकिन किसी ना किसी कारण कुछ समय के लिये अशांति बनेगी। नौकरो अथवा सहकर्मियों पर ज्यादा दबाव डालने पर अकेले काम करने की नौबत आ सकती है। गृहस्थ जीवन मे आप हास्य के पात्र बनेंगे लेकिन शन्ति रहेगी। सेहत आज कुछ बेहतर बनेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन कार्यो में सफलता दिलाने वाला रहेगा परन्तु सफलता को धन के साथ ना जोड़े अन्यथा दुखी होना पड़ेगा। आर्थिके दृष्टिकोण से दिन पहले की तुलना में बेहतर रहेगा परन्तु इसके लिये सहयोग की आवश्यकता भी पड़ेगी। वैसे तो आज आप व्यवहारिक ही रहेंगे लेकिन उच्चवर्गीय लोगो के साथ संपर्क में में अभिमान जगायेगा जो आगे के लिये स्नेह संबंधों में खटास ला सकता है। कार्य क्षेत्र पर सरकारी सहयोग पाने के लिये दिन उत्तम है प्रयास में कमी ना रखें। नौकरी वालो पर अधिकारी कृपा दृष्टि रखेंगे लेकिन ज्यादा उत्सुक ना हो इसके पीछे बड़ा स्वार्थ हो सकता है। परिवार का वातावरण आपकी अनदेखी के कारण अशान्त होगा स्वतः ही सामान्य भी हो जाएगा। सेहत में कुछ समय के लिये नरमी रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन आध्यात्मिक दृष्टिकोण से लाभदायक रहेगा। धर्म कर्म के प्रति आज निष्ठा रहेगी दान पुण्य करने के अवसर सुलभ होंगे इनका लाभ निकट भविष्य में किसी भी रूप में अवश्य मिलेगा। कार्य-व्यवसाय की स्थिति मध्यान तक दयनीय रहेगी इसके बाद एक आध सौदे मिलने से खर्च निकालने लायक आय हो जाएगी ज्यादा धन कमाने की कामना से आज डोर रहना ही बेहतर रहेगा सहज रूप से जितना मिले उसमे संतोष करें अन्यथा कोई नई मुसीबत आ सकती है। संध्या का समय व्यवसायी वर्ग के लिये सुखद रहेगा भविष्य से संबंधित शुभ समाचार मिलेंगे। घर की सुख शांति वाणी पर नियंत्रण पर निर्भर रहेगी। पेट संबंधित विकार होगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन प्रतिकूल फलदायी रहेगा। दिन का पहला भाग नासमझी के कारण व्यर्थ खराब होगा। परिजनो से बिना कारण के ही फटकार सुननी पड़ेगी स्वभाव में उद्दंडता तो रहेगी परन्तु स्थिति को भांप विरोध नही करेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी आज मानसिक दबाव में कार्य करना पड़ेगा जो निर्णय सही लग रहे होंगे वह अंत समय मे गलत सिद्ध होंगे धन संबंधित व्यवहार आज देख भाल कर ही करें विवाद होने की आशंका है। कार्य क्षेत्र पर भी गरमा गरमी का माहौल बनेगा जिसका सीधा असर काम पर पड़ेगा धन लाभ में कमी आने से भी परेशान रहेंगे। संध्या का समय घर मे मौन रहकर बिताये धर्य खोने पर विवाद बढ़ सकता है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज आपको लाभ की सम्भावना दिन के आरंभ से ही रहेगी कुछ शुभ प्रसंग घटने पर मानसिक रूप से निश्चिन्त रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज अन्य दिनों की तुलना में कम मेहनत से अधिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे। नौकरी वाले लोग अतिरिक्त आय बनाने के लिये जोड़ तोड़ करेंगे इसमें सफलता मिलेगी लेकिन विलंब से। आर्थिक रूप से दिन मध्यान तक उदासीन रहने के कारण अधीरता आएगी जल्दबाजी से बचें धन लाभ विलंब से सही लेकिन होगा जरूर। व्यापार में विस्तार कर सकते है लेकिन नया व्यवसाय आरम्भ करने के लिये एक दिन और प्रतीक्षा करें। पारिवारिक सदस्य आपके निर्णय की प्रतीक्षा में रहेंगे किसी को निराश नही करेंगे। धर्म कर्म में आस्था बढ़ेगी। सेहत में आपकी गलती से शिथिलता आएगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन सम्पन्नता कारक रहेगा दिन के आरंभिक भाग में किसी महत्त्वपूर्ण कार्य का निर्णय लेने में दुविधा होगी लेकिन परिजन अथवा अन्य किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन इससे बाहर निकलेगा। कार्य-व्यवसाय में भाग्य का साथ मिलने पर प्रतिस्पर्धा के बाद भी संतोषजनक लाभ पा लेंगे धन के साथ ही अन्य सुख के साधनों में भी वृद्धि होगी। लेकिन ध्यान रहे आज छोटी मोटी बातो पर बहस करने से बचें अन्यथा भविष्य के लाभदायक संबंध खराब हो सकते है। नौकरी पेशा लोग अन्य लोगो से बेहतर कार्य करने पर सम्मानित होंगे। परिजनों अथवा किसी नजदीकी से उपहार लाभ मिलेगा पर इसके बीचे कुछ निजी स्वार्थ भी रहेगा। आरोग्य के ऊपर खर्च होगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज आपके व्यक्तित्त्व में विकास होगा अधिकांश कार्यो को देखभाल कर ही करेंगे वाणी में मिठास रहेगी लेकिन मन मे कड़वाहट परिजनो से नही छुपा सकेंगे। कार्य क्षेत्र पर किस पुरानी बात को लेकर वैर भाव बढेगा लेकिन विवेक जाग्रत रहने के कारण स्थिति गंभीर नही हो सकेगी। काम-धंधे से आज चालाकी से ही लाभ कमाया जा सकता है परंतु प्रलोभन से बचे अन्यथा पुराने व्यवसायिक संबंध खराब हो सकते हैं। धन लाभ समय रहेगा। नौकरी करने वाले अपनी विद्या बुद्धि के बल से उन्नति पाएंगे सामाजिक क्षेत्र पर आप अत्यंत बुद्धिमान समझे जाएंगे परन्तु घर मे आपकी छवि कुटिल जैसी रहेगी। घरेलू कामो की अनदेखी अशान्ति फैला सकती है। सेहत मानसिक परिश्रम अधिक रहने के कारण विपरीत रहेगी। 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन मिला-जुला फल देगा। आज आप जिस कार्य को करने का मन बनाएंगे उसके आरम्भ में पहले खराब सेहत बाधा डालेगी आरम्भ होने के बाद भी सरकारी अथवा अन्य आर्थिक कारणों से बीच मे छोड़ना पड़ा सकता है। कार्य क्षेत्र की गतिविधियां आपकी सोच के विपरीत रहेंगी सहकर्मी अथवा कर्मचारी आपकी अनदेखी का फायदा उठाने से चूकेंगे नही लोग अपना हित साधने के लिये आपके नुकसान की परवाह नही करेंगे। धन को लेकर आज कुछ ना कुछ समस्या लगी रहेगी। सही समय पर कार्य पूर्ण ना होने पर आगे के व्यावसायिक व्यवहार प्रभावित होंगे। परिजन अथवा अन्य बाहरी व्यक्ति किसी बात का बदला ले सकता है। 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज दिन के आरंभ से ही मानसिक रूप से स्फूर्ति रहेगी सेहत उत्तम रहने पर भी आलस्य नही जाएगा। लेकिन दिनचार्य गई गति धीमी होने पर भी मध्यान बाद गंभीरता से कार्य कर कमियों की भरपाई कर लेंगे। आज आप जिस भी कार्य को करेंगे उसमे सफलता निश्चित रहेगी लेकिन कार्य आरंभ से पहले भ्रमित होने से बचें अन्य किसी से मार्गदर्शन की अपेक्षा ना रखें वरना कुछ उल्टा ही होगा। धन की आमद में पिछले दिनों से सुधार होगा दैनिक खर्च आसानी से निकल जायेंगे भविष्य के लिये संचय भी कर सकेंगे। नए व्यवसाय अथवा व्यवसाय विस्तार के लिये निवेश अत्यंत शुभ रहेगा। घर के सदस्य कामना पूर्ति में विलंब होने पर गुस्सा करेंगे पूर्ति होने के बाद उत्साहित रहेंगे। असन्तुलित खान-पान अथवा दिनचार्य नए रोग को जन्म देगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन आप कुछ अभाव का अनुभव करेंगे फिर भी परिस्थिति के अनुसार स्वयं को ढाल लेना ही बेहतर समझेंगे। आज आप अपने स्वभाव में परिवर्तन लाने का प्रयास करेंगे इसमें काफी हद तक सफल भी रहेंगे लेकिन मन की इच्छाओं को मारना आंतरिक दुख का कारण बनेगा। आज परोपकार और आध्यात्म की भावना रहने से अपने कार्य छोड़ औरो की सहायता को तत्पर रहेंगे इसके पीछे कुछ स्वार्थ भी अवश्य रहेगा। कार्य क्षेत्र से लाभ की आशा अन्य दिनों की तुलना में कम रहेगी दिनचार्य को भी उसी अनुसार रखेंगे। संध्या के आस पास थोड़ा बहुत धन मिलने से संतोष होगा लेकिन परिजन आपसे असंतुष्ट ही रहेंगे। सेहत आज लगभग ठीक ही रहेगी।

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पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती हाथों में पुस्तक, वीणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान हो कर प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही वसंत पंचमी से ही वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। शास्त्रों के अनुसार वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से मां लक्ष्मी और देवी काली भी प्रसन्न होती हैं। 

वसंत पंचमी की तिथि

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पंचांग के अनुसार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से हो रही है। अगले दिन 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर इसका समापन होगा। उदया तिथि 14 फरवरी को प्राप्त हो रही है, इसलिए इस साल वसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी को मनाया जाएगा। 

वसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त

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14 फरवरी को वसंत पंचमी वाले दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस दिन पूजा के लिए आपके पास करीब 5 घंटे 35 मिनट तक का समय है।

वसंत पंचमी की पूजा विधि 

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वसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर पीले या सफेद रंग का वस्त्र पहनें। उसके बाद सरस्वती पूजा का संकल्प लें। 

पूजा स्थान पर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मां सरस्वती को गंगाजल से स्नान कराएं। फिर उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं। 

इसके बाद पीले फूल, अक्षत, सफेद चंदन या पीले रंग की रोली, पीला गुलाल, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें।

इस दिन सरस्वती माता को गेंदे के फूल की माला पहनाएं। साथ ही पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। 

इसके बाद सरस्वती वंदना एवं मंत्र से मां सरस्वती की पूजा करें। 

आप चाहें तो पूजा के समय सरस्वती कवच का पाठ भी कर सकते हैं। 

आखिर में हवन कुंड बनाकर हवन सामग्री तैयार कर लें और ‘ओम श्री सरस्वत्यै नमः: स्वहा” मंत्र की एक माला का जाप करते हुए हवन करें। 

फिर अंत में खड़े होकर मां सरस्वती की आरती करें।

क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी?

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बसंत पंचमी (जिसे वसंत पंचमी भी कहा जाता है) जीवन में नई चीजें शुरू करने का एक शुभ दिन है। बहुत से लोग इस दिन “गृहप्रवेश” के दिन नए घर में प्रवेश करते हैं, कोई नया व्यवसाय शुरू करते हैं या महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू करते हैं। इस त्योहार को अक्सर समृद्धि और सौभाग्य से जोड़ा जाता है। बसंत पंचमी के साथ, यह माना जाता है कि वसंत ऋतु की शुरुआत होती है, जो फसलों और कटाई के लिए एक अच्छा समय है। कड़ाके की ठंड के बाद, इस त्योहार को वसंत का पहला दिन, फसल काटने का समय माना जाता है। चूंकि भारत मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए यह समझ में आता है कि यह त्योहार भारतीयों के दिलों में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन माता सरस्वती प्रकट हुई थीं इसलिए इस दिन बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता की विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। मां सरस्वती को विद्या एवं बुद्धि की देवी माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती से विद्या, बुद्धि, कला एवं ज्ञान का वरदान माना जाता है इसलिए लोगों को इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए और पीले फूलों से देवी सरस्वती की पूजा करनी चाहिए। 

🕉🔱✍️✍️ ज्योतिष आचार्य पांडुरंगराव शास्त्री* 

*नींव ही कमजोर पड़ रही है गृहस्थी की..!!*
आज हर दिन किसी न किसी का घर खराब हो रहा है ।
*इसके मूल कारण और जड़ पर कोई नहीं जा रहा है, जो कि अति संभव है एवं निम्न हैं:–
*1, पीहरवालों की अनावश्यक दखलंदाज़ी।*
*2, संस्कार विहीन शिक्षा*
*3, आपसी तालमेल का अभाव*
*4, ज़ुबानदराज़ी*
*5, सहनशक्ति की कमी*
*6, आधुनिकता का आडम्बर*
*7, समाज का भय न होना*
*8, घमंड झूठे ज्ञान का*
*9, अपनों से अधिक गैरों की राय*
*10, परिवार से कटना।*
*11.घण्टों मोबाइल पर चिपके रहना ,और घर गृहस्थी की तरफ ध्यान न देना।*
*12. अहंकार के वशीभूत होना ।*
पहले भी तो परिवार होता था,
*और वो भी बड़ा।*
*लेकिन वर्षों आपस में निभती थी!*
*भय था , प्रेम था और रिश्तों की मर्यादित जवाबदेही भी।*
*पहले माँ बाप ये कहते थे कि मेरी बेटी गृह कार्य में दक्ष है*,
*और अब कहते हैं कि मेरी बेटी नाज़ों से पली है । आज तक हमने तिनका भी नहीं उठवाया।*
*तो फिर करेगी क्या शादी के बाद ?*
*शिक्षा के घमँड में बेटी को आदरभाव,अच्छी बातें,घर के कामकाज सिखाना और परिवार चलाने के सँस्कार नहीं देते।*
*माँएं खुद की रसोई से ज्यादा बेटी के घर में क्या बना इसपर ध्यान देती हैं।*
*भले ही खुद के घर में रसोई में सब्जी जल रही है ।*
*मोबाईल तो है ही रात दिन बात करने के लिए।*
परिवार के लिये किसी के पास समय नहीं।
*या तो TV या फिर पड़ोसन से एक दूसरे की बुराई या फिर दूसरे के घरों में तांक-झांक।*
जितने सदस्य उतने मोबाईल।
*बस लगे रहो।*
बुज़ुर्गों को तो बोझ समझते हैं।
*पूरा परिवार साथ बैठकर भोजन तक नहीं कर सकता।*
सब अपने कमरे में।
*वो भी मोबाईल पर।*
बड़े घरों का हाल तो और भी खराब है।
*कुत्ते बिल्ली के लिये समय है।*
*परिवार के लिये नहीं*।
*सबसे ज्यादा बदलाव तो इन दिनों महिलाओं में आया है।*
*दिन भर मनोरँजन,*
*मोबाईल,*
*स्कूटी..कार पर घूमना फिरना ,*
*समय बचे तो बाज़ार जाकर शॉपिंग करना*
*और ब्यूटी पार्लर।*
जहां घंटों लाईन भले ही लगानी पड़े ।
भोजन बनाने या परिवार के लिये समय नहीं।
*होटल रोज़ नये-नये खुल रहे हैं।*
जिसमें स्वाद के नाम पर कचरा बिक रहा है।
*और साथ ही बिक रही है बीमारी एवं फैल रही है घर में अशांति।*
आधुनिकता तो होटलबाज़ी में है।
*बुज़ुर्ग तो हैं ही घर में बतौर चौकीदार।*
पहले शादी ब्याह में महिलाएं गृहकार्य में हाथ बंटाने जाती थीं।
*और अब नृत्य सीखकर।*
क्यों कि *महिला संगीत* में अपनी नृत्य प्रतिभा जो दिखानी है।
*जिस महिला की घर के काम में तबियत खराब रहती है वो भी घंटों नाच सकती है।*
*👌🏻घूँघट और साड़ी हटना तो चलो ठीक है,*
*लेकिन अकारण शरीर प्रदर्शन भी अनुचित है ?
*बड़े छोटे की शर्म या डर रहा क्या ?*
वरमाला में पूरी फूहड़ता।
*कोई लड़के को उठा रहा है।*
*कोई लड़की को उठा रहा है*
*और हम ये तमाशा देख रहे हैं, प्रसन्न होकर, मौन रहकर।*
*माँ बाप बच्ची को शिक्षा तो बहुत दे रहे हैं ,
*लेकिन उस शिक्षा के पीछे की सोच ?*
ये सोच नहीं है कि परिवार को शिक्षित करें।
*अपितु मस्तिष्क में ये है कि कहीं तलाक-वलाक हो जाये तो अपने पाँव पर खड़ी हो जाये*
*ख़ुद कमा खा ले।*
*जब ऐसी अनिष्ट सोच और आशंका पहले ही दिमाग में हो तो रिज़ल्ट तो वही सामने आना ही है।*
साइँस ये कहता है कि गर्भवती महिला अगर कमरे में सुन्दर शिशु की तस्वीर टांग ले तो शिशु भी सुन्दर और हृष्ट-पुष्ट होगा।
*मतलब हमारी सोच का रिश्ता भविष्य से है।*
बस यही सोच कि – अकेले भी जिंदगी जी लेगी गलत है ।
*संतान सभी को प्रिय है।*
लेकिन ऐसे लाड़ प्यार में हम उसका जीवन खराब कर रहे हैं।
*पहले पुराने समय में , स्त्री तो छोड़ो पुरुष भी थाने, कोर्ट कचहरी जाने से घबराते थे।*
*और शर्म भी करते थे।*
*लेकिन अब तो फैशन हो गया है।*
पढ़े-लिखे युवक-युवतियाँ *तलाकनामा* तो जेब में लेकर घूमते हैं।
*पहले समाज के चार लोगों की राय मानी जाती थी।*
*और अब तो समाज की कौन कहे , माँ बाप तक को जूते की नोंक पर रखते हैं।*
*सबसे खतरनाक है – ज़ुबान और भाषा,जिस पर अब कोई नियंत्रण नहीं रखना चाहता।*
कभी-कभी न चाहते हुए भी चुप रहकर घर को बिगड़ने से बचाया जा सकता है।
*लेकिन चुप रहना कमज़ोरी समझा जाता है।* आखिर शिक्षित जो हैं।
*और हम किसी से कम नहीं वाली सोच जो विरासत में मिली है।*
*आखिर झुक गये तो माँ बाप की इज्जत चली जायेगी।*
*गोली से बड़ा घाव बोली का होता है।*
*आज समाज ,सरकार व सभी चैनल केवल महिलाओं के हित की बात करते हैं।*
*पुरुष जैसे अत्याचारी और नरभक्षी हों।*
*बेटा भी तो पुरुष ही है।*
*एक अच्छा पति भी तो पुरुष ही है।*
*जो खुद सुबह से शाम तक दौड़ता है, परिवार की खुशहाली के लिये।*
*खुद के पास भले ही पहनने के कपड़े न हों।*
*घरवाली के लिये हार के सपने ज़रूर देखता है।*
बच्चों को महँगी शिक्षा देता है।
*मैं मानता हूँ पहले नारी अबला थी।*
माँ बाप से एक चिठ्ठी को मोहताज़।
*और बड़े परिवार के काम का बोझ।*
अब ऐसा है क्या ?
*सारी आज़ादी।*
मनोरंजन हेतु TV,
*कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन,*
*मसाला पीसने के लिए मिक्सी*,
*रेडिमेड पैक्ड आटा,
*पैसे हैं तो नौकर-चाकर,*
*घूमने को स्कूटी या कार*
*फिर भी और आज़ादी चाहिये।*
आखिर ये मृगतृष्णा का अंत कब और कैसे होगा?
*घर में कोई काम ही नहीं बचा।*
दो लोगों का परिवार।
*उस पर भी ताना।।*
कि रात दिन काम कर रही हूं।
*ब्यूटी पार्लर आधे घंटे जाना आधे घंटे आना और एक घंटे सजना नहीं अखरता।*
लेकिन दो रोटी बनाना अखर जाता है।
*कोई कुछ बोला तो क्यों बोला ?*
*बस यही सब वजह है घर बिगड़ने की।*
खुद की जगह घर को सजाने में ध्यान दें , तो ये सब न हो।
*समय होकर भी समय कम है परिवार के लिये*
ऐसे में परिवार तो टूटेंगे ही।
*पहले की हवेलियां सैकड़ों बरसों से खड़ी हैं।*और पुराने रिश्ते भी।
*आज बिड़ला सीमेन्ट वाले मजबूत घर कुछ दिनों में ही धराशायी।* और रिश्ते भी महीनों में खत्म।
*इसका कारण है*
रिश्तों मे *ग़लत सँस्कार*
*खैर हम तो जी लिये।*
सोचे आनेवाली पीढी।
*घर चाहिये या दिखावे की आज़ादी ?*
दिनभर बाहर घूमने के बाद रात तो घर में ही महफूज़ होती है।
आप मानो या ना मानो मन आपका है यह कड़वा सत्य है।..🤝👏🙏🌷🙏 (साभार) 
🙏🌹 जय श्रीराम 🚩🌹🙏