आज का पंचाग, आपका राशि फल, ऐसे करें बजरंगबली की पूजा ताकि मिले समस्याओं से मुक्ति, कोविड के निवारणार्थ निरापद आयुर्वेदिक चिकित्सा एवं निर्देश, गुरू एवं ब्राह्मणों की दक्षिणा का महात्म्य

📖 *नीतिदर्शन……………..*✍🏿
*धननाशे$धिकं दुःखं मन्ये सर्वमहत्तरम्।*
*ज्ञातयो ह्यवमन्यन्ते मित्राणि च धनाच्च्युत्तम्।।*
📝 *भावार्थ* 👉🏿 धनका नाश अत्यन्त दुःखदायक है। निर्धन व्यक्तिको उसकी जातिके जन तथा मित्र अपमानित करते रहते हैं।
💐👏🏿 *सुदिनम्* 👏🏿💐
🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७८ || शक-सम्वत् १९४३ || सौम्यायन् || राक्षस नाम संवत्सर || वसन्त ऋतु || वैशाख कृष्णपक्ष || तिथि अष्टमी अपराह्न १:०९ तक उपरान्त नवमी || कुजवासर || वैशाख सौर २१ प्रविष्ठ || तदनुसार ०४ मई २०२१ ई० || नक्षत्र श्रवण पूर्वाह्ण ८:२२ तक उपरान्त धनिष्ठा || मकरस्थ चन्द्रमा सायं ८:३९ तक तदुपरान्त कुम्भस्थ चन्द्रमा एवं पंचकारम्भ ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

 🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः सभी मित्र मंडली को आज का पंचांग एवं राशिफल भेजा जा रहा है इस का लाभ उठाएंगे हनुमान जी सभी मित्र मंडली की मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे
*यत्र यत्र रघुनाथ कीर्तनं*
*तत्र तत्र कृतमस्तकाञ्जलिम्।*
*भाष्पवारि परिपूर्ण लोचनं*
*मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ।
अर्थ : जहां – जहां भगवान श्रीरघुनाथकी संकीर्तन होता है, वहां शरणागत मस्तक, जुडे हुए हस्त कमल और नेत्रोंमें भावपूर्ण आनंद अश्रुके साथ उपस्थित होते हैं , ऐसे राक्षसोंका संहार करनेवाले, श्रीहनुमानको हमारा कोटिश: प्रणाम।

✍️पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री ✡️
✡️दैनिक पंचांग✡️
✡️विक्रम संवत 2078✡️
✡️बैशाख मासे ✡️
✡️21 प्रविष्टे गते ✡️
✡️दिनांक ✡️ :04 – 05 – 2021(मंगलवार)✡️
सूर्योदय :05.56 am
सूर्यास्त :06.52 pm
सूर्य राशि :मेष
चन्द्रोदय :01.27 am
चंद्रास्त :12.37 am
चन्द्र राशि :मकर कल 08:43 pm तक, बाद में कुंभ
विक्रम सम्वत :विक्रम संवत 2078
अमांत महीना :चैत्र 22
पूर्णिमांत महीना :बैशाख 7
पक्ष :कृष्ण 8
तिथि :अष्टमी 1.10 pm तक, बाद में नवमी
नक्षत्र :श्रवण 8.26 am तक, बाद में धनिष्ठा
योग :शुक्ल 8.21 pm तक, बाद में ब्रह्म
करण :कौलव 1:10 pm तक, बाद में तैतिल
राहु काल :3.52 pm – 5.32 pm
कुलिक काल :12.31 pm – 2.11 pm
यमगण्ड :9.11 am – 10.51 am
अभिजीत मुहूर्त :11.57 AM – 12.49 PM
दुर्मुहूर्त :08:30 am – 09:22 am, 11:17 pm – 12:01 am
✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️
✡️आज के लिए राशिफल ✡️✡️(04-05-2021) ✡️
✡️मेष✡️04-05-2021
आज आपकी अधिकांश योजनाएं क्रियान्वित होंगी। आज आप योजनाओं को सफल बनाने के लिए सहकर्मियों का अधिकतम समर्थन पाने के लिए अपनी बातचीत को आगे बढ़ाएंगे। व्यापारी अपनी प्रखर सोच के लिए प्रशंसा एवं सम्मान के पात्र बनेंगे। आर्थिक रूप से आप सुरक्षित महसूस करेंगे और आप संपत्ति या संप्रेषण में निवेश कर सकते हैं। छोटी यात्राओं और पारिवारिक छुट्टी के लिए यह एक अच्छी अवधि है। परिवार के साथ बिताया गया समय अपेक्षा से अधिक आनंदमय होगा। सामाजिक रूप से आप सक्रिय रहेंगे।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️वृष ✡️04-05-2021
आज घर-परिवार में किसी मांगलिक आयोजन की रूपरेखा बनेगी। आर्ट्स स्टूडेंट्स को अपने टीचर्स का पूरा-पूरा सहयोग मिलेगा। किसी विषय में आ रही समस्या आज आसानी से सुलझ जायेगी। सुबह के समय वर्क आउट शुरू करने से आप चुस्त-दुरुस्त बने रहेंगे। आज आपको व्यवसाय से जुड़े सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे। सामाजिक स्तर पर आपकी लोकप्रियता बढ़ेगी। आपको कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। नौकरीपेशा लोगों को कामकाज में लाभ मिलेगा। कार्यस्थल पर आपका प्रदर्शन बहुत शानदार रहेगा। मंदिर में शहद की शीशी दान करें, समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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✡️मिथुन ✡️04-05-2021
आज आप खुद की योजना पर भरोसा रखें। पैसों के मामलों में दिलचस्प ऑफर मिल सकते हैं। इन पर बहुत गंभीरता से विचार करें। ऑफिस और बिजनेस में आप दूसरों की देखादेखी कर सकते हैं। करियर, कॉन्टैक्ट्स और इमेज के लिए दिन अच्छा हो सकता है। किसी स्थान से पैसे मिलने का इंतजार रहेगाऔर पैसा मिल भी सकता है। जमीन-जायदाद से फायदे के योग बन रहे हैं। स्टूडेंट्स को प्रतियोगिताओं में सफलता मिल सकती है। महिलाओं के लिए दिन शुभ है। धन लाभ की भी संभावना है।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️कर्क ✡️04-05-2021
परिचित व्यक्ति का सहयोग आपकी परेशानियों को दूर करेगा। कामकाज की ओर ध्यान देने का समय है और अपने भविष्य को बनाने के लिए भी वो सारे कदम उठाने होंगे जो आपकी अच्छाई को उभारे। आर्थिक संकट आ सकता है। ऐसे समय में ईश्वर की आराधना एवं आध्यात्मिकता आपके मन को शांति प्रदान कर सकती है। बातचीत करते समय भ्रांति न हो ध्यान रखिएगा। आपको कमाई के कई अवसर मिलेंगे।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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✡️सिंह ✡️04-05-2021
आपको जल्द ही घर में किसी नए सदस्य के आने के बारे में अच्छा समाचार सुनने को मिलेगा। जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते में सुधार आएगा। वह आपका भरपूर सहयोग करेंगे। घर में कोई शुभ कार्य संपन्न हो सकता है। अगर आप विदेश यात्रा के बारे में सोच रहे हैं, तो उत्तम समय है। खर्चों में बढ़ोतरी होगी किन्तु आप पैसों की बर्बादी करने से बचे रहेंगें। प्रेम संबंधों में बात का बतंगड़ न बनाएं और अहंकार से बचें। आप में से कुछ का स्वास्थ्य आज नरम-गरम रह सकता है।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : हल्का नीला
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✡️कन्या✡️04-05-2021
आज आप कोई आवश्यक काम करने में सफल रहेंगे। आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। आपका प्रेम-संबंध मधुरता से भरपूर रहेगा। दोस्तों के साथ बाहर पर जाने से आपको प्रसन्ननता मिलेगी। धन से जुड़ी चिंताएं दूर हो जाएगी। अपनी कार्यक्षमता के बल पर आपको आगे बढ़ने के कई अवसर मिलेंगे। नींद पूरी होने के कारण आप अच्छा अनुभव करेंगे। इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर्स के लिए दिन अनुकूल रहेगा। कार्य में सफलता सुनिश्चित होगी। माता-पिता का आशीर्वाद लें, दोस्तों के साथ संबंध सुदृढ़ होंगे।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
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✡️तुला ✡️04-05-2021
किसी मुख्य कार्य को लेकर आप बहुत उत्साही हो सकते हैं। नए अनुभव मिल सकते हैं। कुशल लोगों से मिलन होने के योग हैं। जो आपका भविष्य बढ़ा सकते हैं। व्यवसाय में कोई लेनदेन करना चाहते हैं, तो इस में आपके लिए दिन अच्छा हो सकता है। आज आप दूसरों को अपनी बात सरलता से समझने की कोशिश करेंगे। जो काम बहुत दिनों से करने की सोच रहे थे, आज आप वो कर सकते हैं। भविष्य को आगे बढ़ाने की कोशिश सफल हो सकती है। धार्मिक कार्यों में भी आपकी रुचि बढ़ सकती है।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️वृश्चिक ✡️04-05-2021
आज कुछ मानसिक चिंता रहेगी। कारोबार में वृद्धि होगी। कारोबार में सामान्यता रहेगी। अचानक कोई खास काम आपको करना पड़ सकता है। परिवार में मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। माता पिता का आशीर्वाद आपके साथ बना रहेगा। सामाजिक दायित्व का निर्वाह होगा। परिजनों का व्यवहार अच्छा रहेगा। वित्तीय मोर्चे पर भारी लाभ आपके रास्ते में आएगा, लेकिन खर्च में समझदारी रखें।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : ग्रे रंग
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✡️धनु ✡️04-05-2021
आज परिणाम आपके पक्ष में होंगे। आप भावनात्मक रूप से अलग-थलग महसूस कर सकते हैं, और इस पर पाने के लिए आपको मुद्दों पर काम करने की आवश्यकता होगी। आर्थिक रूप से आप सुरक्षित रहेंगे, लेकिन खर्चों का दबाव अधिक रहेगा। आत्मविश्वास के साथ काम करना जारी रखें। परिवार में सद्भाव स्थापित रहेगा और बच्चे आपको गर्व करेंगे। निर्यात और आयात से जुड़े लोगों के लिए यात्रा संभव है।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
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✡️मकर ✡️04-05-2021
आज आपको आर्थिक रूप से लाभ होगा। करियर में आपको अपने गुरु का सहयोग प्राप्त होगा। आज कामकाज की अधिकता आपकी सेहत पर असर डाल सकती है। अपनी सेहत को बेहतर बनाये रखने के लिए आपको सुबह-शाम टहलना चाहिए। इससे आप बेहतर फील करेंगे। आज आपको दूसरों की नकारात्मक सोच से बचना चाहिए। परिवार वालों के साथ किसी टूर का प्लान बनायेंगे। लेन-देन के मामलों में आपको सावधानी बरतने की जरुरत है। मंदिर में इत्र की शीशी दान करें, करियर में आपकी बेहतरी सुनिश्चित होगी।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️कुंभ ✡️04-05-2021
कोई कानूनी मामला है, तो उसके बारे में अच्छी खबर मिल सकती है। दोस्तों के साथ कामकाज के लिए प्लानिंग बन सकती है। लोगों के साथ तालमेल बनेगा और मुलाकात भी हो सकती है। गोचर कुंडली के कर्म भाव में चंद्रमा होने से आपको सफलता मिलने के योग बन रहे है। बहुत जल्दी ही आपको कोई यात्राकरनी पड़ सकती है। पुराने निवेश से फायदा होने के योग बन रहे है। ऑफिस में लोग आपकी तारीफ कर सकते हैं। समाज और परिवार में सम्मान मिलने के योग हैं। बड़े लोग आपसे खुश हो सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : हल्का लाल
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✡️मीन ✡️04-05-2021
आज कार्य की अधिकता रहेगी। आपके सारे जरूरी काम पुरे होंगे। स्थाई संपत्ति खरीदने में जल्दबाजी न करें। अपनी काबिलियत को बढ़ाना बहुत जरूरी है क्योंकि वही चीज आपकी भविष्य मे भी मदद करेगी। बच्चों के प्रति आप उदार रूप अपना सकते हैं। पुराने दोस्तों से मिलकर आप बहुत अच्छा महसूस कर सकते हैं। यात्रा करने से आपको सुकून महसूस कर सकते हैं। व्यापार में आप कोई छोटे-मोटे परिवर्तन अथवा नया काम करने का विचार करेंगे।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
——————–✍️ पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाड़ी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631,9149003677✡️✡️✡️✡️✡️

बजरंगबली की पूजा से मिलती है अनेक समस्याओं से मुक्ति
राजेश मंत्री
1- प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी का सिंदूर से पूजन किया जाए तो समस्त दुखों से मुक्ति मिलती है।

2. हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा में सावधानी बहुत जरूरी है। मंगलवार को यदि सुबह बड़ के पेड़ के एक पत्ते को तोड़कर गंगा जल से धो कर हनुमान जी को अर्पित करें या पीपल के पांच पतों पर लाल चंदन से राम राम लिख कर उनकी माला हनुमान जी को पहनायें तो  धन की आवक बढ़ती है। आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है। और राज प्रसाद मिलताा है यानी सरकारी नौकरी लगती है। 

3. मंगलवार को पान का बीड़ा नियम से चढ़ाया जाए तो रोजगार के रास्ते खुलते हैं। नौकरीपेशा को प्रमोशन के अवसर मिलते हैं।

4. मंगलवार को शाम के समय हनुमान जी को केवड़े का इत्र एवं गुलाब की माला चढ़ाएं और कोशिश करें कि स्वयं लाल रंग के वस्त्र पहनें। धन के लिए हनुमान जी को प्रसन्न करने का यह सबसे सरल उपाय है।

5. मंगलवार के दिन शाम को व्रत करके बूंदी के लड्डू या बूंदी का प्रसाद बांटें। इससे संतान संबंधी समस्याएं दूर होती है।

6. इस दिन हनुमान जी के पैरों में फिटकरी रखने से बुरे सपनों से पीछा छूट जाता है।

7. हनुमान जी के मंदिर में जा कर रामरक्षास्त्रोत का पाठ करने से सारे बिगड़े काम संवर जाते हैं। अटके कामों की बाधा दूर होती है। कर्ज से भी मुक्ति मिलती है।

8. मंगलवार के दिन हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष बैठ राम नाम का 108 बार जाप करें क्योंकि हनुमान जी रामजी के अनन्य भक्त हैं। इसलिए जो भी श्रीराम की भक्ति करता है उन्हें वह पहले वरदान देते हैं। हनुमान जी इस उपाय से प्रसन्न हो विवाह संबंधी मनोकामना पूरी करते हैं।

9. मंगलवार के दिन हनुमान जी के सामने सरसों के तेल का दिया जलाएं और चालीसा का पाठ करें। यह उपाय दांपत्य जीवन में सरसता लाता है।

10. ॐ हं हनुमंतये नम: मंत्र का जप करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् का रुद्राक्ष की माला से जप करने से भी हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं।

संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा के उच्चारण से सभी बुरी शक्तियां दूर भाग जाती हैं। आरोग्य का वरदान मिलता है।


*_वैद्य नवनीत भारद्वाज के द्वारा रोग निवारण।_*
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♦️ *_काया कल्प आयुर्वेद रिसर्च इंस्टीट्यूट_*

*_सफीदों , जिला जींद (हरियाणा)_** ♦️

*कोविड के निवारणार्थ निरापद आयुर्वेदिक चिकित्सा-निर्देश*

🔹कोविड-19 रोग के प्रारम्भिक सौम्य लक्षण, जैसे – हलका बुखार, बदन-दर्द, गले में कफ का जमा हो जाना, बेचैनी, सिरदर्द आदि शुरू होने पर हड़बड़ायें नहीं, डरें नहीं, *अपना मनोबल ऊँचा रखें।* आयुर्वेदिक चिकित्सा-पद्धति के अनुसार उपचार करें व रोग से शीघ्र छुटकारा पा लें ।
आयुर्वेद ने विषाणु-संक्रमण से होनेवाले बुखार को *आगंतुज ज्वर* कहा है और इसे ठीक करने का *निरापद चिकित्सा-सूत्र* भी दिया है ।

🔹 *ज्वरादौ लङ्घनं प्रोक्तम्* अर्थात् बुखार आते ही सर्वप्रथम उपवास करना चाहिए ।

*उपवास विधि :*
*बुखार के पहले दिन*-
केवल सोंठ से सिद्ध किया हुआ पानी पियें । 2 लीटर पानी में 1 चम्मच सोंठ डालकर डेढ़ लीटर पानी शेष रहने तक उबालें । पहले दिन मात्र यही पानी पियें, इसके अतिरिक्त कुछ भी न लें।

*बुखार के दूसरे दिन*
केवल मूँग का पानी (सूप) दिन में 2 बार लें ।

*मूँग का पानी बनाने की विधि* – 50 ग्राम साबुत मूँग 4-5 घंटे भिगोकर रखें । फिर उसमें यथावश्यक पानी तथा अदरक, काली मिर्च, धनिया पाउडर, जीरा, हल्दी व सेंधा नमक डाल के पकायें । यथावश्यक मात्रा में पियें ।

*बुखार के तीसरे दिन*- उपरोक्त विधि से मूँग बनाकर उसका सेवन करें ।

*चौथे दिन* बुखार न हो तो मूँग के साथ एकाध ज्वार या जौ की रोटी ले सकते हैं । बुखार हो तो चौथे दिन भी केवल मूँग ही लेना है ।
*इस प्रकार आहार-क्रम रखने से बुखार उतर जाता है । भूख खुल जाती है व शरीर में शक्ति आती है ।*

🔹 *बुखार में पानी का प्रयोग*-उपचार के दिनों में उपरोक्त अनुसार सोंठ डालकर उबाला हुआ गुनगुना पानी ही पियें। सोंठ उपलब्ध न हो तो साबुत धनिया का उपयोग भी कर सकते हैं |

🔹 *ध्यान रहे*- कमजोर, वृद्ध, गर्भिणी महिलाओं व बालकों को बुखार के पहले दिन केवल सोंठ के पानी पर उपवास नहीं करना है, वे मूँग का पानी अथवा मूँग की पतली दाल ले सकते हैं ।

🔹 *विहार*- अलग व बंद कमरे में रहें । शरीर को हवा न लगने दें । चादर ओढ़कर बैठें या लेटें । इससे पसीना आकर बुखार उतरने में मदद मिलती है । कमरे में गौ-चंदन धूपबत्ती जलायें । स्नान नहीं करें अपितु गर्म पानी से शरीर पोंछ लें । सम्पूर्ण विश्रांति आवश्यक है परंतु दिन में सोयें नहीं ।

🔹 *बुखार में औषधि प्रयोग*

*गिलोय वटी, संशमनी वटी एवं महामिरतुंजय रस का सेवन रोग से मुक्ति दिलानेवाला है।*

*सेवन-विधि*- 2-2 गोलियाँ दिन में 3 बार सोंठ सिद्ध-पानी से लें ।
🔹अगर कफ व खाँसी अधिक हो तो *सिद्ध काया कल्प टेबलेट* अथवा *काया कल्प रसायन टेबलेट* की 2-2 गोलियाँ दिन में 3 बार सोंठ-सिद्ध पानी से लें अथवा आधा चम्मच *सितोपलादि चूर्ण* में 1 चुटकी त्रिकटु चूर्ण मिलाकर 2 बार शहद के साथ लें ।

*औषधि प्राप्ति स्थान*-
*_काया कल्प आयुर्वेद रिसर्च इंस्टीट्यूट_*
*_सफीदों , जिला जींद (हरियाणा)_*

🔹 *उपरोक्त औषधियाँ उपलब्ध न हों पायें तो निम्न औषधियाँ नजदीकी आयुर्वेदिक औषधालय से प्राप्त करें ।*

*संशमनी वटी/गिलोय घनवटी*- 2-2 गोलियाँ दिन में 3 बार सोंठ-सिद्ध जल से लें ।

*महासुदर्शन घनवटी*- 2-2 गोलियाँ दिन में 3 बार सोंठ-सिद्ध जल से लें ।

*लक्ष्मीविलास रस* : 2-2 गोलियाँ सुबह-शाम शहद के साथ लें ।

*सितोपलादि चूर्ण* 3 ग्राम चूर्ण में 1 चुटकी त्रिकटु चूर्ण मिलाकर दिन में 2 से 3 बार शहद के साथ लें ।

*उपरोक्त औषधियाँ 5 से 7 दिन अथवा यथावश्यक समय तक लें* ।

🔹 *महत्वपूर्ण सूचना* :
उपरोक्त प्रारंभिक लक्षणों के साथ श्वास लेने में दिक्कत हो, ऑक्सीजन का स्तर 90-95 हो गया हो व श्वसन गति बढ़ गयी हो तो घबरायें नहीं । *उपरोक्त औषधियों के साथ* निम्न उपाय शीघ्र शुरू करें ।

*श्वासकास चिंतामणि रस* – 1 गोली
*समीरपन्नग रस*- 125 मि.ग्रा.
*प्रवाल भस्म* – 125 मि. ग्रा.
*शुद्ध टंकण* 250 मि. ग्रा.

उपरोक्त 4 दवाइयाँ मिलाकर 5-5 मि.ली. अदरक व तुलसी रस व 1 चम्मच शहद के मिश्रण के साथ सुबह – शाम लें ।

*एलादि गुटिका* – 2-2 गोलियाँ दिन में 3 बार सोंठ-सिद्ध जल से लें ।

*कनकासव*- 4-4 चम्मच समभाग पानी में मिलाकर दिन में 2 बार लें ।

[जिनको मधुमेह (डायबिटीज) है वे शहद के स्थान पर अदरक व तुलसी के 5-5 मि.ली. रस के मिश्रण का उपयोग करें।]

🔹 *सावधानी*- *बुखार में क्या नहीं करना चाहिए ?*

दिन में सोना, स्नान, मालिश, भोजन, ठंडा पानी पीना, प्रवात अर्थात् पंखे की हवा लेना अथवा खुली हवा में बैठना (एयरकंडीशंड कमरे में रहना), व्यायाम करना, शरीर पर लेप या तेल लगाना वर्जित है । अन्यथा उलटी, चक्कर आना, मूर्च्छित होना, प्यास, सूजन आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं ।

*बुखार में नाक में तेल या नींबू का रस नहीं डालना चाहिए ।*

🔹 *बुखार उतरने के बाद की देखभाल*
खूब खुलकर भूख लगने पर पाचनशक्ति के अनुसार भोजन करें । तोरई, परवल, गिल्की, शलजम, सहजन, मूँग या मोठ की दाल तथा जौ या ज्वार की रोटी ले सकते हैं । भोजन बनाने में जीरा, काली मिर्च, तमालपत्र, अदरक व लहसुन का उपयोग अनुकूलता के अनुसार करें । 15-20 काली द्राक्ष या 8-10 मुनक्का पानी में भिगोके रखें, उबालकर ले। मीठा अनार ले सकते हैं ।

🔹 *बुखार के बाद आनेवाली कमजोरी को दूर करने के लिए*

*कायाकल्प रसायन चूर्ण* 3 ग्राम सुबह शहद में मिलाकर लें।

*आँवला सुधा* 20 मिली में 1 चम्मच शहद व पानी मिला के दोपहर के समय लें ।

*अश्वगंधा चूर्ण* 2 ग्राम शहद के साथ ले सकते हैं ।

बड़ी उम्र है व कमजोरी ज्यादा आ गयी हो तो *काया कल्प रसायन* की 1 गोली सुबह शहद के साथ लें ।

*प्राप्ति स्थान- *_काया कल्प आयुर्वेद रिसर्च इंस्टीट्यूट_*
*_सफीदों , जिला जींद (हरियाणा)_**

🔹 *संपर्क सूत्र*-
_whatsup_
*_9813201008_*

🙏🏻 *सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दु:ख भागभवेत।*
कृपया पोस्ट में पहले से लिखी बातों पर प्रश्न न पूछे और न ही फोन करें।

आप कोरियर से भी दवा मंगवा सकते हैं।

www.navneetayurveda.com

यह लेख सामान्य उपचार की जन सामान्य को जानकारी और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रचार प्रसार के लिए लिखा गया है. यदि आप किसी विशेष और गम्भीर रोग से पीड़ित हैं तो अपने निकट के वैद्य से मिलकर ही अपना इलाज करवाएं. या हमसे संपर्क करे

 

सभी प्रकार की आयुर्वैदिक मेडिसिन से संबंधित जानकारी के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को लाइक एवं सबस्कराइब करें।

https://www.youtube.com/channel/UCs0vAfOASseGU5l7LVXAbkw

 

_विशेष चिकित्सीय सलाह हेतु आप व्यक्तिगत हर इतवार और शनिवार सुबह 10बजे से साय 2 बजे सम्पर्क कर सकते हैं या आ कर मिल कर जांच करवा सकते हैं।_

“`काया कल्प आयुर्वेद रिसर्च इंस्टीट्यूट
गुरु ब्रम्हानंद आश्रम , नजदीक रेलवे फाटक, सफीदों गैस गोदाम, जिला जींद (हरियाणा)
वैद्य नवनित भारद्वाज (आयुर्वेदाचार्य, पंचकर्म, योगा)

प्रधान -आदि शंकराचार्य योगा और औषधालय केंद्र ,जीदं रोड सफिदो।

सचिव हरीयाणा-सर्व ब्राह्मण महासभा भारत

आयुर्वेद विशेषज्ञ एवं अध्यापक-रामस्वरूप आक्षर्म,(सफिदो,कपालमोचन, ऋषिकेश,हरिद्वार)

 

चिकित्सा सलाहकार एवं आयुर्वेद प्रचारक-स्वामी निगमबोध आक्षर्म एवं टर्सट,(लुधियाना,हरिद्वार)

ओषधि निर्माण एवं मुख्य चिकित्सक-डेरा बाबा दया दास (कुचपड धनाना, महम,रोहतक)

मैं वैद्य नवनित भारद्वाज भारत को भारतीयता के मान्यता के आधार पर फिर से खड़ा करना चाहता हूँ उस काम मे लगा हुआ हूँ

वैद्य नवनित भारद्वाज जी के आयुवेदिक ग्रुप में सदस्य बना चाहते है तो वडसप्प नम्बर 9813201008 पर- नाम,पता,क्या कार्य करते हैं – मैसेज करें।

जटिल से जटिल रोगों के उपचार हेतु लेख पढ़ें व share करें।

https://m.facebook.com/DrNavneetBhardwaj/?_e_pi_=7%2CPAGE_ID10%2C3868181226

“`अमर शहीद राष्ट्रगुरु, आयुर्वेदज्ञाता, होमियोपैथी ज्ञाता स्वर्गीय भाई राजीव दीक्षित जी के सपनो (स्वस्थ व समृद्ध भारत) को पूरा करने हेतु अपना समय दान दें मेरी दिल की तम्मना है हर इंसान का स्वस्थ स्वास्थ्य के हेतु समृद्धि का नाश न हो इसलिये इन ज्ञान को अपनाकर अपना व औरो का स्वस्थ व समृद्धि बचाये। ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और जो भाई बहन इन सामाजिक मीडिया से दूर हैं उन्हें आप व्यक्तिगत रूप से ज्ञान दें।“`

 

*_Note- इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि किसी रोगी को इसका फायदा मिल सके_*

वन्देमातरम
*ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः*

*दक्षिणा का महत्व*

सनातन धर्म में ब्राह्मणों और गुरू को दक्षिणा का अधिकारी बताया गया है। क्योंकि ये दोनों ही स्वस्थ सुसंस्कृत और सभ्य समाज के सृजक हैं। इस लिए सभी को 25 वर्ष तक गुरुकुलों में विद्या और वेदाध्ययन आवश्यक था। कार्य सिद्धि और मनोकामना पूर्ण हो इसके लिए गुरुकुल में दीक्षा के उपरांत दक्षिणा और ब्राह्मणों को पूजा पाठ यज्ञ हवन जात कर्म चूड़ाकर्म विवाह संस्कार आदि के उपरांत दक्षिणा का विधान है। दक्षिणा अपनी श्रधा के अनुरूप देनी चाहिए और ब्रामण को परम संतोषी होना चाहिए। गरीब का एक रुपया या सेठ के सौ रुपये में ब्राहमण पूजा में भेद न करे। और संतुष्ट हो कर प्रसन्नता से विदा लें। 

ब्राह्मणों को दक्षिणा हवन की पूर्णाहुति करके एक मुहूर्त ( 24 ) मिनट के अन्दर दे देनी चाहिये , अन्यथा मुहूर्त बीतने पर यथा समय यदि नहीं दे तो एक पहर एक दिवस एक मास के अन्तर्गत दक्षिणा उसी अनुपात बढा कर देनी चाहिए। नहीं तो उस यजमान का कर्म निष्फल हो जाता है, और उसे ब्रह्महत्या लग जाती है, उसके हाथ से किये जाने वाला हव्य – कव्य देवता और पितर कभी प्राप्त नहीं करते । इसलिए ब्राह्मणों की दक्षिणा जितनी जल्दी हो देनी चाहिये ।

👆यह जो कुछ भी कहा है सबका शास्त्रों में प्रमाण है ।👇

मुहूर्ते समतीते तु , भवेच्छतगुणा च सा ।

त्रिरात्रे तद्दशगुणा , सप्ताहे द्विगुणा मता ।।

मासे लक्षगुणा प्रोक्ता ,ब्राह्मणानां च वर्धते ।

संवत्सर व्यतीते तु , त्रिकोटिगुणा भवेत् ।।

कर्म्मं तद्यजमानानां , सर्वञ्च निष्फलं भवेत् ।

सब्रह्मस्वापहारी च , न कर्मार्होशुचिर्नर: ।।

🚩इसलिए चाणक्य ने कहा “””नास्ति यज्ञसमो रिपु: “”” मतलब यज्ञादि कर्म विधि से सम्पन्न हो तब लाभ अन्यथा सबसे बडे शत्रु की तरह है ।

🚩गीता में स्वयं भगवान ने कहा 👇

विधिहीनमसृष्टान्नं , मन्त्रहीनमदक्षिणम् ।

श्रद्धाविरहितं यज्ञं , तामसं परिचक्षते ।।

🚩बिना सही विधि से बनाया भोजन जैसे परिणाम में नुकसान करता है , वैसे ही ब्राह्मण के बोले गये मन्त्र दक्षिणा न देने पर नुकसान करते हैं ।

🚩शास्त्र कहते हैं लोहे के चने या टुकडे भी व्यक्ति पचा सकता है परन्तु ब्राह्मणों के धन को नहीं पचा सकता है ।किसी भी उपाय से ब्राह्मणों का धन लेने वाला हमेशा दु:ख ही पाता है । इस पर एक कहानी सुनाता हूँ शास्त्रों में वर्णित 👇

🚩 महाभारत का युद्ध चल रहा था , युद्ध के मैदान में सियार , आदि हिंसक जीव योद्धाओं के गरम -२ खून को पी रहे थे , इतने में ही धृष्टद्युम्न ने तलवार से पुत्रशोक से दु:खी निशस्त्र द्रोणाचार्य की गर्दन काट दी । तब द्रोणाचार्य के गरम -२ खून को पीने के लिए सियारिन दौडती है , तो सियार अपनी सियारिन से कहता है 👇

🚩प्रिये “”” विप्ररक्तोSयं गलद्दगलद्दहति “””

👆यह ब्राह्मण का खून है इसे मत पीना , यह शरीर को गला- गला कर नष्ट कर देगा । तब उस सियारिन ने भी ब्राह्मण द्रोणाचार्य का रक्तपान नहीं किया ।

🚩ऋषि – मुनियों का कर के रुप में खून लेने पर ही रावण के कुल का संहार हो गया ।इसलिए जीवन में कभी भी ब्राह्मणों के द्रव्य का अपहरण किसी भी रुप में नहीं करना चाहिये ।

🚩वित्तशाट्ठ्यं न कुर्वीत, सति द्रव्ये फलप्रदम ।

अनुष्ठान , पाठ – पूजन जब भी करवायें ब्राह्मणों को उचित दक्षिणा देनी चाहिये , और दक्षिणा के अतिरिक्त उनके आने – जाने का किराया आदि -२ पूछकर अलग से देना चाहिये ।

🚩उसके बाद विनम्रता से ब्राह्मणों की वचनों द्वारा भी सन्तुष्टि करते हुए आशीर्वाद देना चाहिये , ऐसा करने पर ब्राह्मण मुँह से नहीं बल्कि हृदय से आशीर्वाद देता है , और तब यजमान का कल्याण होता है ।

🚩यत्र भुंड्क्ते द्विजस्तस्मात् , तत्र भुंड्क्ते हरि: स्वयम् ।।

*_👆 जिस घर में इस तरह श्रद्धा से गुरु और ब्राह्मण भोजन करवाया जाता है, वहाँ गुरू और ब्राह्मण के रुप में स्वयं भगवान ही भोजन करते हैं , ब्राहमण आपके घर में विधि विधान से बीजमंत्रों को निरूपण करते हैं जो आपके श्रधाभाव से ही पल्लवित पुष्पित होते हैं। पढें और सदाआचरण भी करें ।*
जय श्री कृष्णा जय जगन्नाथ