आज का पंचाग, आपका राशि फल, वृक्षों की पूजा-उपासना क्यों, कौन-से नमक का प्रयोग करें, अस्पताल से अधिक उपयोग थे अखाड़े, सबसे अधिक अस्वस्थ भारत में क्यों, नहीं रहे अंतर्राष्ट्रीय ओजोन लेयर स्टडी सयुंक्तराष्ट्रसंघ समिति के रूद्रप्रयाग निवासी हुकुम सिंह कपरवान

*🙏🏻🙏🏻 प्रणाम🙏🏻🙏🏻*

*इच्छा पूरी नहीं होती है तो क्रोध बढ़ता है*

*इच्छा पूरी होती है तो लोभ बढ़ता है*

*इस लिए जीवन में हर परिस्थिति में धैर्य*
*बनाये रखना ही श्रेष्ठता है*

*🙏🏻🙏🏻सुप्रभात🙏🏻🙏🏻*

📖 *नीतिदर्शन……………..*✍🏿

*नरस्याभरणं ज्ञानं रूपस्याभरणं गुणः।*
*गुणस्यभरणं ज्ञानं ज्ञानस्याभरणं क्षमा।।*
📝 *भावार्थ* 👉🏿 मनुष्यका आभूषण उसका रूप होता है, रूपका आभूषण गुण होता है, गुणका ज्ञान होता है और ज्ञानका आभूषण क्षमा होता है। अर्थात् रूपवान् होना भी तभी सार्थक है जब सच्चे गुण, सच्चा ज्ञान और क्षमा मनुष्यके भीतर हो।
💐👏🏿 *सुदिनम्* 👏🏿💐
 🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७८ || शक-सम्वत् १९४३ || सौम्यायन् || राक्षस नाम संवत्सर || वसन्त ऋतु || वैशाख कृष्णपक्ष || तिथि सप्तमी अपराह्न १:४० तक उपरान्त अष्टमी || इन्दुवासर || वैशाख सौर २० प्रविष्ठ || तदनुसार ०३ मई २०२१ ई० || नक्षत्र उत्तराषाढ़ा पूर्वाह्ण ८:२० तक उपरान्त श्रवण || मकरस्थ चन्द्रमा ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय सभी मित्र मंडली से विनती है, कि आनेवाले ३ दिनों में जितना हो सके उतना श्रीमद्भगवद् गीता के १४ वां अध्याय का पठन करें ।
नीचे दिया हुआ मंत्र आपके उत्तम आरोग्य स्वास्थ्य के लिये है। इस मंत्र की अखंडल श्रृखंला तैयार हो, इस कारण आप इस मंत्र का पाठ करके आगे १० लोगों को भेजें , नहीं भेज सके तो मुझे वापिस भेजें, कारण श्रृखंला टूटेगी नहीं ।
*ॐ नमों भगवते सुदर्शन वासुदेवाय , धन्वंतराय अमृतकलश हस्ताय , सकला भय विनाशाय , सर्व रोग निवारणाय , त्रिलोक पठाय, त्रिलोक लोकनिथाये , ॐ श्री महाविष्णु स्वरूपा, ॐ श्री श्रीॐ औषधा चक्र नारायण स्वहा !!✍️ पण्डित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री ✡️
✡️दैनिक पंचांग✡️
✡️विक्रम संवत 2078✡️
✡️बैशाख मासे ✡️
✡️20 प्रविष्टे गते
✡️दिनांक ✡️:03 – 05 – 2021(सोमवार)✡️
सूर्योदय :05.56 am
सूर्यास्त :06.51 pm
सूर्य राशि :मेष
चन्द्रोदय :12.39 am
चंद्रास्त :12.37 am
चन्द्र राशि :मकर
विक्रम सम्वत :विक्रम संवत 2078
अमांत महीना :चैत्र 21
पूर्णिमांत महीना :बैशाख 6
पक्ष :कृष्ण 7
तिथि :सप्तमी 1.39 pm तक, बाद में अष्टमी
नक्षत्र :उत्तराषाढ़ा 8.22 am तक, बाद में श्रवण
योग :शुभ 9.37 pm तक, बाद में शुक्ल
करण :बव 1:39 pm तक, बाद में बालव
राहु काल :7.30 am – 9.10 am
कुलिक काल :2.11 pm – 3.52 pm
यमगण्ड :10.51 am – 12.31 pm
अभिजीत मुहूर्त :11.57 AM – 12.49 PM
दुर्मुहूर्त :12:49 pm – 01:41 pm, 03:24 pm – 04:16 pm
 🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️

🕉️आज के लिए राशिफल ✡️✡️(03-05-2021) ✡️
✡️मेष✡️
03-05-2021
ज़िंदगी का भरपूर लाभ लेने के लिए अपनी महत्वाकांक्षाओं को वश में रखें। योग का आश्रय लें, योग आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बना कर हृदय मन मस्तिष्क को आरोग्य प्रदान करताा है। माता-पिता की सहायता से आप आर्थिक तंगी से बाहर निकलने में सफल रहेंगे। कोई चिट्ठी या ई-मेल पूरे परिवार के लिए अच्छी ख़बर लाएगी। विवाहोतर प्रेम संबंध आपकी प्रतिष्ठा धूमिल कर सकते हैं। कामकाज के दौरान तनाव आपकी मानसिक शान्ति भंग कर सकता है। अचानक यात्रा के कारण आप आपाधापी और तनाव का शिकार हो सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
—————————————
✡️वृष ✡️03-05-2021
आज का दिन सकाारात्मक रहेगा, आपका कोई महत्वपूर्ण काम आज पूरा हो जाएगा। आपका मन प्रसन्न रहेगा। पारिवारिक संंबंधों में मधुरता बढ़ेगी। लंबे समय से चल रहे विवाद में जीत मिलेगी। छात्रों को नए अवसर मिलेंगे। अगर आप कहीं घूमने हेतु जा रहे हैं तो अपने साथ खाने के पदार्थों को रखें । लवमेट से मनमुटाव हो सकता है, सोच-समझकर बात करें। महाकाली की उपासना करें। आपकी निजी जिंदगी के बारे में दोस्तों से आपको अच्छी सलाह मिलेगी।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
—————————————
✡️मिथुन ✡️03-05-2021
आज अपनी बातों को लेकर थोड़े जिद्दी रहेंगे। ये स्थिति आपको परेशानी में डाल सकती है। आप दोस्तों के किसी भी तरह के मामलों में पड़कर समय खराब न करें। अपने काम पर ध्यान दें। ज्यादा व्यस्त रहेंगे। हर तरह की मेहनत और कोशिशों के बावजूद कुछ न कुछ काम पेंडिंग हो सकता है। आपके मन में किसी न किसी चीज को लेकर संदेह भी रहेगा। अगर आप कही निवेश करने वाले हैं तो निवेश करने से पहले सभी पहलुओं पर एक बार विचार कर लें।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : हल्का हरा
————————————–
✡️कर्क ✡️03-05-2021
हर निवेश को सावधानीपूर्वक अंजाम दें और ग़ैर-ज़रूरी नुक़सान से बचने के लिए उचित सलाह लेने में न हिचकिचाएँ। अपनी बातों पर क़ाबू रखें, क्योंकि इसके चलते बड़े-बुज़ुर्ग आहत महसूस कर सकते हैं। बेकार की बातें करके समय बर्बाद करने से बेहतर है कि आप शांत रहें। याद रखें कि समझदार कामों के ज़रिए ही हम जीवन को अर्थ देते हैं। उन्हें महसूस करने दें कि आप उनका ख़याल रखते हैं। आपकी आँखें इतनी चमकीली हैं कि वे आपके प्रिय की अंधेरी रात को भी रोशन कर सकती हैं। कुछ के लिए पार्ट-टाइम नौकरी अच्छा विकल्प है।
भाग्यशाली दिशा : पूर्वोत्तर
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
—————————————
✡️सिंह ✡️
03-05-2021
आज का दिन शानदार रहने वाला है। आपको कोई गुडन्यूज मिल सकती है। बच्चों के साथ डिनर पर जा सकते हैं। ऑफिस में किसी से अपनी पर्सनल बातें ना शेयर करें। इस राशि के डॉक्टर्स के लिए दिन अच्छा है। जीवनसाथी की किसी बात को गंभीरता से ना लेने पर विवाद हो सकता है, शाम को उन्हें कहीं डीनर पर ले जाएं। बिजनेस में बढ़ोतरी होगी, आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी। सेहत आज फिट रहेगी। छोटी कन्या को वस्त्र दान करें। भागीदारी लाभदायक बनेगी।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
—————————————
✡️कन्या✡️03-05-2021
आप अपने आहार पर नियंत्रण रखें और चुस्त-दुरुस्त रहने के लिए नियमित व्यायाम करें। आर्थिक संबंधों में अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। आज आपमें धैर्य की कमी रहेगी। आज बौद्धिक-तार्किक विचार विनिमय के लिए समय बहुत अच्छा है। समाज में सम्मान मिलेगा। मित्रों के साथ मुलाकात होगी। उनके साथ घूमने-फिरने का आयोजन हो सकता है। अच्छे भोजन और सुंदर परिधान से आपका मन खुश रहेगा। शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। विपरीत लिंग के व्यक्तियों का साथ अच्छा लगेगा।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
—————————————
✡️तुला ✡️03-05-2021
अगर आप हर किसी की मांग पूरी करने की कोशिश करेंगे, तो सिर्फ़ नाकामी आपके हाथ लगेगी। अपने प्रिय के साथ ख़रीदारी करने जाते समय ज़्यादा आक्रामक व्यवहार न करें। आज के दिन आप सबके ध्यान का केंद्र होंगे और सफलता आपकी पहुँच में होगी। अपने काम और शब्दों पर ग़ौर करें क्योंकि आधिकारिक आंकड़े समझने में मुश्किल होंगे, अगर आप कुछ गड़बड़ करते हैं तो। आध्यात्मिकता और ईश्वरभक्ति ही आप को सहायता देगी।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
—————————————
✡️वृश्चिक ✡️03-05-2021
आज भाग्य आपके साथ रहेगा। कार्यक्षेत्र में कुछ नया करने की कोशिश करेंगे, आपको सफलता मिलेगी। बैंक से जुड़े कामों में सावधानी बरतें। ऑफिस में दिन अच्छा बीतेगा, मीटिंग में लोग आपकी बातों को ध्यानपूर्वक सुनेंगें। नए लोगों से मुलाकात होगी। लोग आपकी ओर आकर्षित होंगे। आज आपका सामना नई आर्थिक योजनाओं से हो सकता है। कोई भी फ़ैसला करने से पहले अच्छाइयों और कमियों पर सावधानी से विचार-विमर्श कर लें।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
—————————————
✡️धनु ✡️03-05-2021
आज आपको सभी मोर्चों पर नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। इसलिए धीरज रखें और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करें। आप शांत होने के लिए अपने आप को कल्पना कर सकते हैं। यह किसी भी प्रकार की व्यापार वार्ता के लिए एक बढ़िया दिन है। क्योंकि आपकी शांति और मन की स्थिरता आपको मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन करती है। जो आप के लिए तरस रहे हैं आप आज अपने प्रतिद्वंद्वी से मिल सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग
—————————————
✡️मकर ✡️03-05-2021
जीत का जश्न आपके दिल को ख़ुशी से भर देगा। इस उत्साह को दोगुना करने के लिए आप अपनी ख़ुशी में दोस्तों को भागीदार बना सकते हैं। पुराने निवेशों के चलते आय में बढ़ोत्तरी नज़र आ रही है। परिवार वालों का हँसी-मज़ाक भरा बर्ताव घर के वातावरण को हल्का-फुल्का और ख़ुशनुमा बना देगा। याद रखिए कि आँखें कभी झूठ नहीं बोलतीं। आज आपके प्रिय की आँखें आपको वाक़ई कुछ ख़ास बताएंगी। आज आपके बॉस का बढ़िया मिज़ाज पूरे कार्यालय के माहौल को अच्छा बना देगा।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
—————————————
✡️कुंभ ✡️03-05-2021
आज बिजनेस के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है, ये यात्रा आपके लिए फायदेमंद रहेगी। आज किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति से मुलाकात होगी। किसी मल्टीनेशनल कंपनी से जॉब ऑफर आ सकता है, घर का माहौल खुशनुमा बनेगा। अविवाहितों के लिए दिन शुभ है, विवाह के लिए सुयोग्य रिश्ता आ सकता है। शारीरिक और मानसिक रूप से आप मजबूत रहेंगे। छात्रों को आज कम मेहनत से ही सफलता मिल जायेगी। बड़ों का आशीर्वाद लेकर दिन की शुरूआत करें।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : लाल रंग
—————————————
✡️मीन ✡️03-05-2021
आज आप की शारीरिक स्फूर्ति और मानसिक प्रफुल्लता बनी रहेगी। परिवारजनों और मित्रों के साथ खान-पान का स्वाद ले पाएंगे। ऑफिस में कोई अच्छी खबर मिल सकती है। आज के दिन आपको खुशखबरी मिलने की संभावना है जिससे आपका परिवार खुशी से मचल उठेगा। बाद खान-पान में ध्यान रखिएगा। कार्य अपूर्ण रह जाने की पूरी संभावना है। प्रवास में विघ्न आएंगे। आपके परिश्रम और कठिन मेहनत से आपको हर एक क्षेत्र में सफलता मिलेगी।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
—————————————
आपका अपना पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631,9149003677🙏🏽🙏🏽🙏🏽🕉️🕉️

*जिन्दगी की तपिश को सहन कीजिए, अक्सर वे पौधे मुरझा जाते हैं, जिनकी परवरिश छाया में होती है*।

*दो तथ्य हमारे व्यक्तित्व को परिभाषित करते हैं, *
*एक, हमारा धीरज, जब हमारे पास कुछ न हो *
*और *
*दूसरा हमारा व्यवहार, जब हमारे पास सब कुछ हो*

*आपका दिन शुभ व मंगलमय हो *🌹🌹

 
 वृक्षों की पूजा-उपासना क्यों?
भारतीय संस्कृति में वृक्षों का विशेष महत्त्व है, क्योंकि वे हमारे जीवन के प्राण हैं। पुराणों तथा धर्म-ग्रंथों में पेड़-पौधों को बड़ा पवित्र और देवता के रूप में माना जाता है, इसलिए उनके साथ पारिवारिक संबंध बनाए जाते हैं। जब से वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध कर दिया है कि पेड़-पौधों में भी जीवन होता है, लोक विश्वासों में दृढ़ता आई है, इसलिए पाप और पुण्य की अवधारणा भी उसके साथ जुड़ गई है और देव तुल्य वृक्षों का संरक्षण पुण्य व उनका विनाश करना पाप स्वरूप माना जाने लगा है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार जो मनुष्य वृक्षों का आरोपण करते हैं, वे वृक्ष परलोक में उसके पुत्र होकर जन्म लेते हैं। जो वृक्षों का दान करता है, वृक्षों के पुष्पों द्वारा देवताओं को प्रसन्न करता है और मेघ के बरसने पर छाता के द्वारा अभ्यागतों को तथा जल से पितरों को प्रसन्न करता है। पुष्पों का दान करने से समृद्धिशाली होता है। ऋग्वेद में वृक्षों को काटने या नष्ट करने की निंदा की गई है।
मा काकम्बीरमुद्वृहो वनस्पतिमशस्तीर्वि हि नीनशः । 
मोत सूरो अह एवा चन ग्रीवा आदधते वेः॥
-ऋग्वेद 6/48/17
अर्थात् जिस प्रकार दुष्ट बाज पक्षी दूसरे पखेरुओं की गरदन मरोड़ कर उन्हें दुख देता है और मार डालता है, तुम वैसे न बनो और इन वृक्षों को दुख न दो। इनका उच्छेदन न करो, ये पशु-पक्षियों और जीव-जंतुओं को शरण देते हैं।
मनुस्मृति में वृक्षों की योनि पूर्व जन्म के कारण मानी गई है और इन्हें जीवित एवं सुख-दुख का अनुभव करने वाला माना गया है। परम पिता परमात्मा ने वृक्ष का आविर्भाव संसार में परोपकार के लिए ही किया है, ताकि वह सदैव परोपकार में ही रत रहे। खुद भीषण धूप, गर्मी में रहकर दूसरों को छाया प्रदान करना और अपना सर्वस्व दूसरों के कल्याण के लिए अर्पित कर देना वृक्ष का सत्पुरुष के समान ही आचरण को दर्शाता है। वृक्षों की छाया में बैठकर ही हमारे न जाने कितने ही ऋषि-मुनियों ने तपस्याएं की हैं। विष्णु स्मृति के कूपतडागखननं तदुत्सर्ग विधान में लिखा है।
वृक्षारोपयितुवर्बुक्षा परलोके पुत्रा भवन्ति वृक्षप्रदो वृक्षप्रसूनैर्देवाहे प्रीणयितफलैश्चतिधीन् छाययाचाम्भ्यागतान् देवे वर्षत्युदकेन पितृॄन । पुष्प प्रदानेन श्रीमान् भवति ।
अर्थात् जो व्यक्ति वृक्षों को लगाता है, वे वृक्ष परलोक में उसके पुत्र होकर जन्म लेते हैं। वृक्षों का दान करने वाला, वृक्षों के पुष्पों द्वारा देवताओं को प्रसन्न करता है और मेघ के बरसने पर छाते के द्वारा अभ्यागतों को तथा जल से पितरों को प्रसन्न करता है, पुष्पों का दान करता है वह समृद्धशाली बनता है।
‘वट सावित्री’ के अवसर पर स्त्रियां अचल सौभाग्य देने वाले बरगद के वृक्ष की पूजा करती हैं। गुरुवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा की जाती है। इसके पत्ते पर भोजन करना शुभ माना जाता है। पारिजात वृक्ष को कल्पवृक्ष मानकर पूजा जाता है। अशोकाष्टमी के दिन अशोक वृक्ष की पूजा दुख को मिटाकर आशा को पूर्ण करने के लिए की जाती है। आंवले के वृक्ष में भगवान् विष्णु का निवास मानकर कार्तिक मास में इसकी पूजा, परिक्रमा करके स्त्रियां सुहाग का वरदान मांगती हैं। आम के पत्ते, मंजरी, छाल और लकड़ी यज्ञ व अनुष्ठानों में उपयोग की जाती हैं। पीपल के वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है। इस पर जल चढ़ाने, पूजा करने से संतान सुख मिलता है। इसके तने पर सूत लपेटना और परिक्रमा लगाने का भी विधान शास्त्रों में बताया गया है। तुलसी की नित्य पूजा करके जल चढ़ाना और इसके पास दीपक जलाकर रखना भारतीय नारियों का एक धार्मिक कृत्य है। विष्णु भगवान की प्रिया मानकर इसका पूजन किया जाता है। तुलसीदल का काफी महत्त्व माना जाता है l✍️डॉ0 विजय शंकर मिश्र
 बरगद एक लगाइये,पीपल रोपें पाँच।
घरघर नीम लगाइये,यही पुरातन साँच।।
यही पुरातन साँच,- आज सब मान रहे हैं।
भाग जाय प्रदूषण सभी अब जान रहे हैं।।
विश्वताप मिट जाये होय हर जन मन गदगद।
धरती पर त्रिदेव हैं- नीम पीपल औ बरगद।।
*आप को लगेगा अजीब बात है किन्तु यह सत्य है.. .*
*पिछले 68 सालों में पीपल, बरगद और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्द किया गया है*
*पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% एबजार्बर है, बरगद 80% और नीम 75 %*
*अब सरकार ने इन पेड़ों से दूरी बना ली तथा इसके बदले विदेशी यूकेलिप्टस को लगाना शुरू कर दिया जो जमीन को जल विहीन कर देता है*
*आज हर जगह यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य सजावटी पेड़ो ने ले ली है*
*अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नही रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही*
*हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगाये तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त हिन्दुस्तान होगा*
*वैसे आपको एक और जानकारी दे दी जाए*
पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है जिसकी वजह शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं।
वैसे भी पीपल को वृक्षों का राजा कहते है। इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए-
*मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु,*
*सखा शंकरमेवच।*
*पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम,*
*वृक्षराज नमस्तुते।*
*अब करने योग्य कार्य*
पेड़ों को बचाने के लिए हमारे पूरखो ने प्रकृति को धर्म की संस्कृति से जोड़ दिया और हमारे देश के कुछ लोग कहते हैं ये अंधविश्वास है
इन जीवनदायी पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा लगाने के लिए समाज में जागरूकता बढ़ायें हम भी संकल्प लें जहाँ भी जब भी मौका मिले पेड़ अवश्य लगाये 🙏
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
काला नमक और सेंधा नमक में क्या अंतर है !!
#काला नमक क्रिस्टल के रूप में काला-भूरा होता है जबकि सेंधा नमक क्रिस्टल के रूप में हल्का गुलाबी होता है.
# काले नमक का पाउडर गहरा गुलाबी रंग का और सेंधे नमक का पाउडर हल्के गुलाबी या सफ़ेद रंग का होता है.
# काले नमक की अपेक्षा सेंधा नमक अधिक शुद्ध माना गया है.
# काला नमक भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, हिमालयन नमक की खानों की प्राकृतिक नमक की खानों से प्राप्त किया जाता है. और ये भारत की सांभर झील में भी पाया जाता है जबकि सेंधा नमक पंजाब के पाकिस्तानी भाग, हिमालय के कुछ नमक की खान, सूखी हुई झील के नमक की खानों से निकाला जाता है.
# सेंधा नमक आयुर्वेद में त्रिदोषों के वजह से उपजे रोग के उपचार में प्रयोग होता है और साथ ही ये पित्त दोष को भी दूर करता है जबकि काला नमक कब्ज (Constipation), पाचन समस्या, गैस ठीक करता है.
# सेंधा नमक ह्रदय के लिए अच्छा होता है और इसके सेवन से डायबिटीज और ऑस्टियोपोरोसिस से बचा जा सकता है वहीं दूसरी तरफ काला नमक गैस की दिक्कत के लिए तुरंत आराम दायक होता है.
# सेंधा नमक डिप्रेशन (Depression), तनाव (Stress) कम करने में कारगर होता है और मांसपेशियों के खिचाव और जकड़न में राहत दिलाता है वहीं दूसरी तरफ पैर में सूजन, फटी एड़ियों, गोखरू (warts), पैर में मोच आने पे गर्म पानी में काला नमक मिला के उसमे पैर डालकर बैठने से आराम मिल जाता है.
# सेंधा नमक अधिकतर व्रत में प्रयोग किया जाता है क्यूंकि इसे शुद्ध माना जाता है वहीं काला नमक उतना शुद्ध नहीं माना जाता है.
# सेंधा नमक खाने से ब्लड प्रेशर ठीक रहता है, यह रक्त वाहिकाओं को लचीली बनाता है वहीं दूसरी तरफ काले नमक के सेवन से बाल झड़ने-टूटने, दोमुंहे बालों की समस्याओं को दूर किया जा सकता है. ये बालों की ग्रोथ और मोटाई बढ़ाता है।
*मैं  तो चिल्ला चिल्ला कर कहूंगा कि लौट चलो पुरानी जडों की ओर…….*
अस्पताल खोलो , अस्पताल खोलो
चिल्लाने वालो  100 अस्पताल न खुलवा कर मौहल्ले मौहल्ले के बंद पडे़ अखाडे़ खुलवा दो ,
दंड  बिट्ठक पेलो फेफड़ों में हवा भरना सीखो,
बच्चों को मैदान में पुराने खेल खेलने दो फिर देखो कौन बीमार पड़ता है ।
पुराने जमाने में डाक्टर घर पर आता था अब हम उसके क्लिनिक में लाईन लगाते गर्व समझते हैं ।
अखाडे़ जाने में शर्म आती है , फेफड़े नहीं फुलाओगे तो अस्पताल ही तो जाओगे , मोटी रकम चुकाओगे हाथ में खुची सुई लेकर शान से बताओगे एवन हास्पिटल से आया हूं 25000 दिन का चार्ज था । अरे बेवकूफ ये क्यों नही समझता शमशानग्रह का टोकन लेकर आया है ।                                        
आज की स्थिति का सबसे बडा़ कारण है संयुक्त परिवार खत्म होना ।
इससे खानपान संयमित व संतुलित होता था ।
घर के अचार मुरब्बे होते थे ।
अब शादी होते ही घर से अलग और सैर सपाटे चालू । खाना कौन बनाये तो होटल, पिज्जा, बर्गर, छोले भटूरे, डोसा , इढली, पैकेट बंद खाना शुरू ।
ये पेट तो भर सकते हैंं जीभ को स्वाद दे सकते हैं पर शारीरिक ताकत नहीं दे सकते , और धीरे-धीरे बीमारी का घर खुद तैयार करते हैंं ।
अब औलाद पैदा हुई तो चुम्मा ले लेकर सबसे अच्छे पैरेंट्स बनकर दिखाना चाहेंगे , मुन्ना को कोई तकलीफ न हो पपोल पपोल कर रखेंगे , अब दो साल में प्राइवेट स्कूल में नाम लिखवा देंगे क्योंकि पैसा है पावर है फीस भर देंगे , सरकारी स्कूल की ऐसी की तैसी, जबकि खुद सरकारी स्कूल में पढे़ थे ।
बच्चा मोम डैड बोलेगा हम खुश होंगे , बच्चा अंग्रेजी पढे़गा तो रामायण , महाभारत , महाराणा प्रताप कौन थे कैसे जानेगा और बच्चा स्ट्रांग कैसे बनेगा ।
अरे याद करो वो गुल्ली-डंडा का खेल , हॉकी, ठिकडफोड़, पकड़मपकडाई, लुकाछिपाई,  खो-खो जैसे न जाने कितने ही उछलकूद वाले खेल खेल कर हमारे बुजर्ग 90-100 साल तक जीते हैं जबकि आज कल के बच्चे 50 साल मुश्किल से निकालेंगे ।
अब घर में कूलर एसी चाहिए सारे खिड़की दरवाजे बंद अब शुद्ध वायु कहां से मिले ? कबूतरनुमा दड़बों जिसे फ्लैट कहते हैंं उसमें  चौथी पांचवीं मंजिल पर रहेंगे जहां न सूर्य का प्रकाश आयेगा न हवा, बंद बंद रहेंगे । अब आफिस से घर 10 किलोमीटर दूर तो घर पहु़ंचने का टेंशन  इसलिये बेंक से कर्ज लेकर कार खरीद ली छोटेमोटे काम के लिये मोटर सायकल ले ली । बस फ्लैट गाडी़  के कर्ज में बंध गये उसका टैंशन । 
शरीर को तंदरुस्त के लिए पैसे देकर जिम जा कर बन्द कमरे में मशीनों पर तो कूदने में अपनी शान समझते हो हेल्थ टोनिक के नाम पर महंगी दवाई (केमिकल-जहर) खाते हो , लेकिन सुबह सुबह घर के नजदीक होने पर भी पार्क में पैदल जा कर ताजी हवा के साथ घूमना और वर्जिश करना मंजूर नही ।
थोड़ा सा कुछ भी होने पर हजारों रुपये की टेस्टिंग व दवाइयां खा लेंगे लेकिन दादी-नानी के बताए नुस्खे मंजूर नही ।
तो ऐसे में आदमी जी कहां रहा है रोज रोज मर ही तो रहा है ।
पोस्ट अच्छी लगे तो बिना बदलाव किए आगे जरूर भेजें ।
जनसंख्या अधिक आय/संसाधन कम होने से इंसान के मस्तिष्क में आर्थिक असुरक्षा की भावना जाग्रत होती है तब वह नैतिक मूल्यों को ताक पर रखकर सब को लूटना शुरू कर देता है।  
क्या कभी अपने आप से यह सवाल किए हैं ?
विश्व में हम इतने गरीब क्यों हैं ? 
हम भारतीयो का जीवन जीने का स्तर इतना नीचा क्यों है? 
हमारे पास आधारभूत सुविधाओं की इतनी कमी क्यों है?
 सबसे ज्यादा अस्वस्थ भारत में क्यों है?
  सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार यहां पर क्यों है?
 सबसे अधिक सामाजिक असुरक्षा यहां पर क्यों है?
 इन सब के मूल कारण के ऊपर देश आजाद होने के बाद से लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है मंत्री, प्रशासनिक अधिकारी, डॉक्टर, बिजनेसमैन जनता की समस्याओ का स्थायी समाधान नहीं कर सकता जब तक समस्या का मूल कारण नहीं पकड़ते ।
इन सब की तरफ से किया गया प्रयास ऊंट के मुंह में जीरा साबित होगा ।
क्या आपने कभी सोचा चाइना और अमेरिका विश्व में टॉप आर्थिक शक्ति कैसे बन गए क्योंकि अमेरिका के पास हमारे से 3 गुना ज्यादा भौगोलिक संसाधन है और जनसंख्या हमारे से 5 गुना कम ।
ऐसे ही चाइना के पास भी हमारे से 3 गुना ज्यादा भौगोलिक संसाधन है और जनसंख्या हमारे बराबर 
यदि हमारे को अमेरिका की तरह विश्व  की टाॅप आर्थिक शक्ति बनना है तो हमारी जनसंख्या 11 करोड होनी चाहिए और यदि चाइना की तरह विश्व की दूसरी आर्थिक शक्ति बनना है तो हमारी जनसंख्या 50 करोड़ होनी चाहिए कहने का तात्पर्य यह है की हम अपने देश की जनसंख्या 11 करोड़ भी नहीं कर सकते और 50 करोड भी नहीं कर सकते लेकिन अभी सख्त कानून बनाकर इसके ऊपर अंकुश अवश्य लगा सकते हैं।
विचार अवश्य करे और एक अभियान की शुरुआत करे । जय हिंद 🙏
प्रो सुरेन्द्र काला ने शोशल मीडिया पर जानकारी दी है दुख भरे आहत मन से यह सूचना देते हुए ब्यतिथ हूँ कि मेरे अभिन्न मित्र डी आर डी ओ से एडिशनल डायरेक्टर पद से रिटायर्ड अंतर्राष्ट्रीय ओजोन लेयर स्टडी पर बनी सयुंक्तराष्ट्रसंघ समिति के सदस्य तथा पचौरी कमेटी के सदस्य के नाते नोबल पुरस्कार से सम्मानित हुकुम सिंह कपरवान जी  कल 1 मई सायं 6 बजकर 45 मिनट पर हम सब को छोड़कर प्रभु चरणो में लीन हो गए, उन्होंने ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली.कपरवान जी रुद्रप्रयाग जिले अन्तर्गत बोंठा गावँ के मूल निवासी थे और बर्तमान में सेक्टर70 नोएडा में रह रहे थे,सच्चे उत्तराखंडी एक कर्मठ सामाजिक कार्यकर्ता के नाते वे जन जन के प्रिय रहें हैं-अलविदा मित्र