*🚩🔱❄«ॐ»«ॐ»«ॐ»❄🔱🚩*
*🌞🛕🛕जय रामजी की🛕🛕🌞*
🌺 *जय श्री राधेकृष्णा*🌺
🔔 *बम महाँकाल बाबा*🔔
🏹 *जय माँ जगदम्ब भवानी*🏹
*🐀🐘जय श्री गणेश🐘🐀*
※══❖═══▩ஜ ۩۞۩ ஜ▩═══❖══※
दिनांक :-15-जून-2023
वार:-गुरुवार
तिथी :-12द्बादशी:-08:32
पक्ष :-कृष्णपक्ष
माह:-आषाढ
नक्षत्र :-भरणी:-14:12
योग:-सुकर्मा:-25:02
करण:-तैतिल:-08:32
चन्द्रमा:-मेष:-20:24/वृषभ
सुर्योदय:-05:39
सुर्यास्त:-19:24
दिशा शुल…..दक्षिण
निवारण उपाय:-दही का सेवन
ऋतु :-ग्रीष्म-ऋतु
गुलीक काल:-09:05से 10:46
राहू काल:-14:09से15:50
अभीजित….12:00से12:54
विक्रम सम्वंत ………2080
शक सम्वंत …………1945
युगाब्द ………………5125
सम्वंत सर नाम:-पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-05:42से07:23तक
चंचल:-10:46से12:27तक
लाभ:-12:27से14:09तक
अमृत:-14:09से15:50तक
शुभ:-17:31से19:13तक
🌓चोघङिया रात🌗
अमृत:-19:13से20:31तक
चंचल:-20:31से21:50तक
लाभ:-00:27से01:46तक
शुभ:-03:05से04:24तक
अमृत:-04:24से05:42तक
आज के विशेष योग
वर्ष का86वा दिन, प्रदोष व्रत, सूर्य मिथुन पर 18:16, बं.आषाढ मास प्रा. स्थिरयोग 14:12 से 29:40तक, यमघण्टयोग 14:12
से29:40, संक्रांति पुण्यकाल सायंकाल राजस संक्रांति (उड़ीसा),
🙏🪷वास्तु टिप्स🪷🙏
घर में पारिजात के पौधे को उत्तर या पूर्व दिशा में लगाएं।
सुविचार
लोग कितना आसानी से कह देते हैं रात गई बात गई। उनको कौन बताए. दिल पर लगने वाली बातो को मिटाने मे रात नही जिन्दगी छोटी पड जाती है। 👍
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*बालों का झड़ना रोकने के घरेलू उपाय : -*
*1. गुड़हल का तेल -*
गुड़हल के तेल में विटामिन सी, विटामिन ए और मिनरल्स होते हैं, इसलिए माना जाता है कि इससे बालों को झड़ना कम होने के साथ-साथ वह काले और घने भी बनते हैं। शायद आपको पता नहीं कि बाल के उगने और झड़ने तक उसको तीन चरणों से गुजरना पड़ता है। जब बालों का विकास शुरू होता है यानि प्रथम चरण को एनाजेन , दूसरे चरण यानि विकास के दौरान के समय को कैटाजेन और आखिरी चरण यानि टेलोजेन कहते हैं। गुड़हल इन तीनों चरणों में कार्यकारी होता है।
*बनाने की विधि -*
– गुड़हल की पत्तियां या फूल लें।
– नारियल या तिल के तेल में 5 से 10 मिनट तक उबालें।
– उबालते समय ध्यान रखें कि पत्तियां या फूल जलने ना पाएं।
– ठंडा होने पर छानकर इसे एक जार रख लें।
– फिर इस तेल को आप बालों में हफ्ते में तीन से चार बार लगायें।
*इस्तेमाल करने का तरीका -*
गुड़हल के तेल को ठंडा करने के बाद बालों की जड़ों में उंगलियों से हल्के से मालिश करें। रात को लगाने के बाद सुबह पानी से या हर्बल शैंपू से धो लें।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
कोई नया रोग परेशानी का कारण बन सकता है। खान-पान का ध्यान रखें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। कोई विवाद की आशंका है। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। धनार्जन होगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
शत्रुभय रहेगा। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। व्यस्तता के चलते थकान रहेगी। भूमि व भवन इत्यादि के काम लाभदायक रहेंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। उत्साह बना रहेगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। आत्मसम्मान बना रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। जल्दबाजी व लापरवाही न करें। थकान रह सकती है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। प्रमाद न करें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। तनाव रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी मनोरंजक यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। लाभ होगा।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
बेवजह विवाद हो सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जल्दबाजी में निर्णय न लें। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। आय बनी रहेगी। मित्र सहयोग करेंगे।
👩🏻🦱 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
प्रयास सफल रहेंगे। कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता व उत्साह से कार्य कर पाएंगे। नए काम मिल सकते हैं। किसी मित्र की सहायता करने का अवसर प्राप्त हो सकता है। व्यावसायिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। प्रसन्नता बनी रहेगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। किसी लंबी यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। घर में अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
थकान व कमजोरी रहेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। चोट व रोग से बचें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति के सहयोग से सफल रहेंगे। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। किसी बड़ी समस्या से मुक्ति मिलेगी।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
अचानक कोई बड़ा व्यय होगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। किसी अपने से ही विवाद हो सकता है। लेन-देन में सावधानी रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। कारोबार अच्छा चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
शत्रुओं का पराभव होगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। घर-परिवार की किसी समस्या के बारे में चिंता रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
आर्थिक उन्नति के लिए नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। व्यावसायिक मतभेद दूर होकर नए काम मिलेंगे। प्रसन्नता बनी रहेगी।
🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
पूजा-पाठ में मन लगेगा। किसी धार्मिक कार्य पर व्यय होने की संभावना है। असहाय लोगों की सहायता करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। यात्रा सफल रहेगी। कुसंगति से बचें। कारोबार अच्छा चलेगा। लाभ होगा।
*🎊🎉🎁 आज जिनका जन्मदिवस या विवाह वर्षगांठ हैं उन सभी मित्रो को कोटिशः शुभकामनायें🎁🎊🎉
*🚩जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम🚩*
_*👧🏻बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ👧🏻*_1. #ब्रह्म_विवाह..
दोनों पक्षों की सहमति से समान वर्ग के सुयोज्ञ वर से कन्या का विवाह निश्चित कर देना ‘ब्रह्म विवाह’ कहलाता है।
सामान्य रूप से इस विवाह के पश्चात कन्या को आभूषणयुक्त करके विदा किया जाता है।
वर्तमान का “Arranged Marriage” ‘ब्रह्म विवाह’ का ही रूप है.
2. #दैव_विवाह
किसी सेवा कार्य (विशेषतः धार्मिक अनुष्टान) के मूल्य स्वरूप अपनी कन्या को दान में दे देना ‘दैव विवाह’ कहलाता है
3. #आर्श_विवाह
कन्या-पक्ष वालों को कन्या का मूल्य देकर (सामान्यतः गौदान करके) कन्या से विवाह कर लेना ‘अर्श विवाह’ कहलाता है..
4. #प्रजापत्य_विवाह…
कन्या की #सहमति के बिना उसका #विवाह अभिजात्य वर्ग के वर से कर देना ‘प्रजापत्य विवाह’ कहलाता है।
5. #गंधर्व_विवाह…
मातापिता और परिवार वालों की #सहमति के बिना वर और कन्या का बिना किसी रीति-नीति के आपस में विवाह कर लेना ‘गंधर्व विवाह’ कहलाता है.
6 #राक्षस_विवाह’
कन्या को खरीद कर (आर्थिक रूप से) विवाह कर लेना ‘#असुर_विवाह’ और कन्या की सहमति के बिना उसका अपहरण करके जबरदस्ती विवाह कर लेना ‘
7 #पैशाच_विवाह
कन्या की गहननिद्रा, मानसिक दुर्बलता आदि का लाभ उठा कर उससे शारीरिक सम्बंध बना लेना और उससे विवाह करना ‘पैशाच विवाह’ कहलाता है..
गीता पढ़ने के दुर्लभ लाभ…..
1. जब हम पहली बार भगवत गीता पढ़ते हैं। तो हम एक अंधे व्यक्ति के रूप मे पढ़ते हैं बस इतानाही समझ मे आता हैं कि कौन किसके पिता, कौन किसकी बहन, कौन किसका भाई। बस इससे ज्यादा कुछ समझ मे नही आता।
2. जब दुसरी बार भगवत गीता पड़ते हैं तो हमारे मन मे सवाल जागते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया या उन्होंने वैसा क्यों किया।
3. जब तीसरी बार भगवत गीता को पड़ेंगे, तो हमें धीरे- धीरे उसके मतलब समझ मे आने शुरू हो जायेंगे। लेकिन हर एक को वो मतलब अपने तरीके से ही समझ मे आयेंगे।
4. जब चौथी बार हम भगवन गीता को पड़ेंगे, तो हर एक पात्र की जो भावनायें हैं, इमोशन… उसको आप समझ पायेंगे कि किसके मन मे क्या चल रहा हैं। जैसे अर्जुन के मन मे क्या चल रहा हैं या दुर्योधन के मन मे क्या चल रहा हैं। इसको हम समझ पायेंगे।
5. जब पाँचवी बार हम भगवत गीता को पड़ेंगे तो पूरा कुरूक्षेत्र हमारे मन मे खड़ा होता हैं, तैयार होता हैं, हमारे मन मे अलग- अलग प्रकार की कल्पनायें होती हैं।
6. जब हम छठी बार भगवत गीता को पढ़ते हैं, तब हमें ऐसा नही लगता कि हम पढ़ रहे हैं… हमें ऐसा ही लगता हैं कि कोई हमें बता रहा हैं।
7. जब सातवीं बार भगवत गीता को पड़ेंगे तब हम अर्जुन बन जाते हैं और ऐसा ही लगता हैं कि सामने वो ही भगवान हैं, जो मुझे ये बता रहे हैं।
8. और जब आठवीं बार भगवत गीता को पढ़ते हैं तब यह एहसास होता हैं कि कृष्ण कही बाहर नही हैं। वो तो हमारे अंदर हैं और हम उनके अंदर हैं। जब हम आठ बार भगवत गीता पढ़ लेंगे तब हमें गीता का महत्व पता चलेगा।
कि संसार मे भगवत गीता से अलग कुछ हैं ही नही और इस संसार मे भगवत गीता ही हमारे मोक्ष का सबसे सरल उपाय हैं।
भगवत गीता मे ही मनुष्य के सारे प्रश्नों के उत्तर लिखें हैं। जो प्रश्न मनुष्य ईश्वर से पूछना चाहता हैं। वो बस गीता मे सहज ढ़़ग से लिखें हैं। मनुष्य की सारी परेशानियों के उत्तर भगवत गीता मे लिखें हैं। गीता अमृत हैं। समय निकाल कर गीता अवश्य पढ़ें। जय श्री राधे