आज का पंचाग, आपका राशि फल, निर्जला एकादशी व्रत 21, जून 2021, व्रत के नियम, पूजा विधि व कथा, हल्दी वाले दूध के स्वास्थ्य लाभ, मानव शरीर की जैविक घड़ी

🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः सभी मित्र मंडली को आज का पंचांग एवं राशिफल भेजा जा रहा है इस का लाभ उठाएंगे।*चन्द्रमा की स्तुति* :–
*दधिशंख तुषाराभं क्षीरोदार्णवसम्भवम् नमामि शशिनं सोमम् शम्भो मुकुट भूषणम्।। हिन्दी ब्याख्या:–दधि शंख अथवा हिम के समान जिनकी दीप्ति है जिन की उत्पत्ति क्षीर समुद्र से हैं जो शिवजी के मुकुट पर अलंकार की तरह विराजमान रहते हैं मैं उन चंद्रदेव को प्रणाम करता हूं।।चन्द्र गायत्री मंत्र:–🕉️ *अत्रिपुत्राय विद्महे सागरोद्भवाय धीज्ञहि तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात्*।।
यथाशक्ति चंद्र गायत्री का जप करने के बाद पलाश युक्त पायस घी से दशांश हवन करें चंद्रदेव एवं भगवान शंकर आपकी समस्त मनोकामना को पूर्ण करेंगे।।।
आपका अपना *पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री*8449046631*🙏🏽
*दैनिक पंचांग*✡️
✡️वीर विक्रमादित्य संवत् ✡️
✡️आषाढ़ मासे
✡️07 प्रविष्टे गते ✡️
✡️दिनांक ✡️ :21 – 06 – ✡️2021(सोमवार)✡️
✡️सूर्योदय :05.45 am✡️
✡️सूर्यास्त :07.11 pm✡️
✡️सूर्य राशि :मिथुन✡️
✡️चन्द्रोदय :03.38 pm✡️
✡️चंद्रास्त :03.11 am✡️
✡️चन्द्र राशि : तुला ✡️
✡️अमांत महीना :ज्येष्ठ 11
✡️पूर्णिमांत महीना :ज्येष्ठ 26
✡️पक्ष :शुक्ल 11✡️
✡️तिथि :एकादशी 1.31 pm तक, बाद में द्वादशी✡️
✡️नक्षत्र :स्वाति 4.45 pm तक, बाद में विशाखा✡️
✡️योग :शिव 5.33 pm तक, बाद में सिद्ध✡️
✡️करण :विष्टि 1:31 pm तक, बाद में बव 11:59 pm तक, बाद में बालव✡️
✡️राहु काल :7.30 am – 9.10 am✡️
✡️कुलिक काल :2.11 pm – 3.52 pm✡️
✡️यमगण्ड :10.51 am – 12.31 pm✡️
✡️अभिजीत मुहूर्त :12.01 PM – 12.55 PM✡️
✡️दुर्मुहूर्त :12:55 pm – 01:49 pm, 03:36 pm – 04:30 pm✡️
*मित्रों राहुकाल यमघंट काल एवं दूर मुहूर्त में शुभ कार्य वर्जित हैं यात्रा आरंभ करना वर्जित है तथा अभिजीत मुहूर्त एवं कुलिक काल में यात्रा एवं शुभ कार्य आरंभ करना शुभ होते हैं*✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️🕉️🕉️🕉️
✍️चक्रधर प्रसाद शास्त्री: मित्रों बहुत से मित्रों ने राशि नाम एवं प्रसिद्ध नाम के माध्यम से राशिफल देखने की प्रक्रिया जाननी चाही इसके विषय में महर्षि पाराशर जी ने पाराशरी नामक ग्रंथ में लिखा है कि:–
*देशे ग्रामे गृहे युद्धे, सेवायां व्यवहार के। नाम राशे प्रधानत्वं , जन्म राशि न चिंन्तयेत्*।।
हिंदी ब्यख्या:–
प्रदेश में घर के बाहर गांव में युद्ध के समय सेवारत में व्यवहारिक नाम की प्रधानता होती है स्थानों पर जन्म राशि का चिंतन न करके प्रचलित नाम की राशि का चिंतन करना चाहिए।
*विवाह सर्वमांगल्यै, यात्रायां ग्रह गोचरे । जन्म राशे प्रधानत्वम्, नाम राशि न चिंन्तयेत्*।।
हिन्दी ब्याख्या:–
विवाह के समय मां सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों में यात्रा में ग्रह गोचर दशा के पूजन में जन्म राशि की प्रधानता होती है प्रसिद्ध नाम राशि का चिंतन नहीं करना चाहिए।।
✡️आज के लिए राशिफल ✡️✡️(21-06-2021) ✡️

✡️मेष✡️21-06 में-2021
आज आपका मन आध्यात्म में अधिक लगा रहेगा। धार्मिक यात्राओं के योग बन रहे हैं। किसी खास काम को लेकर कोई शानदार योजना बन सकती है साथ ही उस पर काम भी शुरू हो सकता है। परिवारवालों के साथ समय अधिक बीतेगा। पारिवारिक कामों को करने में आज अपनों का साथ मिलेगा। अगर आप घर बदलने की सोच रहे हैं तो आज का दिन शुभ है। नई सोसाइटी में आज ही शिफ्ट हो जायें। स्वास्थ्य के लिहाज से आज का दिन बढ़िया है। सेहत आज ठीक रहेगी।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : लाल रंग
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✡️वृष ✡️21-06-2021
आप कुछ चुनौतियों का सामना करेंगे, लेकिन अंततः चीजें आपके पक्ष में होंगी। दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों पर अपना ध्यान केंद्रित करें और सकारात्मक बातचीत स्थापित करने के लिए कदम उठाएं। निवेश करने के लिए आवेगी निर्णय न लें। यदि पैतृक संपत्ति के संबंध में कोई भी लंबित मामला है, तो उसे सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने का प्रयास करें, यह आपकी संतुष्टि के लिए होगा। अपनी सेहत का ध्यान रखें। उत्तरार्ध में कार्य से संबंधित यात्रा नए अवसरों को खोलेगी। दोस्त और परिवार आज आपको पूरा सहयोग देंगे।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
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✡️मिथुन ✡️21-06-2021
जल्दबाजी में कोई काम न करें। पैसों की स्थिति की चिंता करनी होगी। आपका फालतू खर्चा हो सकता है। नौकरी और बिजनेस में किसी बात को लेकर उलझनें बढ़ सकती हैं। पैसों के मामलों में सावधानी रखनी होगी। सेहत को लेकर लापरवाही न करें। ऑफिस या वर्क प्लेसपर तनावपूर्ण स्थिति बन सकती है। आज आप दोस्तों और परिवार की जरूरतों में फंस सकते हैं। पेट संबंधित रोग होने के योग बन रहे हैं।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : गुलाब रंग
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✡️कर्क ✡️21-06-2021
आज मन में सकारात्मक विचार बनाए रखना अच्छा होगा। इसका लाभ भी मिलेगा। प्रगति के मार्ग में आने वाली बाधाएं खत्म होंगी। धन के आगमन के रास्ते बनेंगे। अगर आप सिंगल हैं और किसी को मन ही मन चाहते हैं तो उनसे सीधे जाकर अपने दिल की बात कहें। सेहत आज फिट रहेगी। नए कार्यों का प्रारंभ कर सकेंगे। जो लोग अविवाहित हैं उनके लिए दिन अच्छा रहेगा। ऑफिस में अपनी प्रगति के बारे में विचार करेंगे।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : हल्का पीला
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✡️सिंह ✡️21-06-2021
आज का दिन अनुकूल रहने वाला है। कामकाज में आज मन लगेगा। कार्यक्षेत्र में परफॉरमेंस अच्छी होने से आपकी अलग पहचान बनेगी। महत्वपूर्ण लोगों के साथ बात करते समय सतर्क रहें, कोई इम्पॉरटेंट बात सुनने को मिल सकती है। जो आपके लिये काफी फायदेमंद रहेगी। इस राशि के जो लोग वकील हैं आज उन्हें किसी लंबित केस में जीत हासिल होगी। विरोधी पक्ष आज आपको भ्रमित करने की पूरी कोशिश करेंगे। समझदारी से काम लेने पर सभी काम सरलतापूर्वक पूरा हो जायेगा।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
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✡️कन्या✡️21-06-2021
आज आप भावनात्मक रूप से परेशान हो सकते हैं। परिवार में झगड़े बढ़ सकते हैं और सहयोगियों के साथ विवाद संभव है। आपको विनम्रता एव धैर्यशीलता के साथ वरिष्ठों से व्यवहार करना चाहिए। संपत्ति सम्बंधित मामलों में सावधानी से निपटने की आवश्यकता है और इस संबंध में आपको एक ठोस कदम उठाना चाहिए। आपकी माता की सेहत कुछ चिंता का कारण बन सकती है। आपको वाहन चलाते समय अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। यह अवधि किसी नए उद्यम अथवा निवेश के लिए भविष्यसूचक नहीं है; इसलिए आपको इन सबसे दूर रहना चाहिए।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हल्का भूरा
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✡️तुला ✡️21-06-2021
नौकरी और बिजनेस में लाभ की संभावना बन रही है। आपके लिए दिन अच्छा रहेगा। विशेष लाभ व उन्नति के लिए आज आपको कुछ ज्यादा ही कोशिशें करनी पड़ सकती है, लेकिन आप सफल भी हो सकते हैं। आपके किए गए काम किस्मत की मदद से पूरे हो सकते हैं। अपने फायदे की चिंता जरूर करें। दूसरों को नाराज किए बिना चतुराई से काम करें। लव पार्टनर पर खर्चा ज्यादा हो सकता है। लवर या जीवनसाथी पर गुस्सा न करें। किसी पर अपनी भावनाएं जबरदस्ती न थोपें।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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✡️वृश्चिक ✡️21-06-2021
आज मानसिक रूप से प्रसन्नता बनी रहेगी। यदि आप किसी कार्य को लेकर यात्रा करने का प्रयास कर रहे हैं तो आपको यात्राओं में बाधा उत्पन्न हो सकती है। हो सकता है शाम तक किसी अच्छे रेस्टोरेंट में जायें और लजीज खाने का लुत्फ़ भी उठायें। मेहनत औरसमझदारी के साथ आप कुछ ऐसे काम निपटा सकते हैं जो जोखिम भरे हैं। लव लाइफ में भी किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। लवमेट आज लॉन्ग ड्राइव पर जाएंगे, इस दौरान फोटोग्राफी करने से बचें।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : गहरा लाल
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✡️धनु ✡️21-06-2021
आज का दिन खुशनुमा रहने वाला है।कारोबार में आप एक लय बनाकर काम करें , जिससे समय की बचत होगी। आज नियमित तरीके से अपने दायरे और ज्ञान को बढ़ाने की कोशिश करें, सफलता जरुर हासिल होगी। बैंक से लोन लेने में आ रही दिक्कतें आज अचानक से सॉल्व हो जाएंगी। आज उधार के लेन-देन से बचें। आर्थिक पक्ष सामान्य रहेगा। सेहत में उतार-चढ़ाव की सम्भावना बनी रहेगी। अगर किसी फ्रैंड से कई दिनों से मन-मुटाव बना हुआ है तो आज दोस्ती के लिये हांथ बढ़ा सकते हैं। शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं, मनोकामना पूरी होगी।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : हल्का नीला
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✡️मकर ✡️21-06-2021
आपका साहस और आत्मविश्वास-स्तर आज उच्चतम स्तर पर है। आप रचनात्मक उद्देश्यों में इनका पूरा उपयोग करने में सफल होंगे। व्यापारिक क्षेत्र में आप कुछ विपरीत स्थितियों से दृढ़ता से निपटेंगे। प्रगतिशील बदलाव आपके लिए अद्भुत काम करेंगे। आपकी स्थिति और आय के स्तर में सुधार संभव है। आपकी कुछ महत्वाकांक्षाएं पूरी हो जाएंगी और आपके द्वारा कुछ नए अधिग्रहण हो सकते हैं। आप अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे और आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️कुंभ ✡️21-06-2021
आर्थिक तंगी खत्म होगी। इनकम और खर्चा बराबर रहेगा। ऑफिस में अधिकारियों से सहयोग मिलेगा। कार्यक्षेत्र में आप पूरी ताकत से काम निपटा लेंगे। आर्थिक तंगी खत्म हो सकती है। अचानक धन लाभ हो सकता है। अच्छे लोगों की संगति से फायदा हो सकता है। संतान से कोई अच्छी खबर मिलने के योग हैं। कोशिशों से समस्याएं सुलझा लेंगे। आप महवपूर्ण सम्बन्ध स्थापित करेंगे और आपकी लोकप्रियता बहुत बढ़ जाएगी।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : हल्का नीला
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✡️मीन ✡️21-06-2021
आज आपको घरेलू मुद्दों पर गौर करने की जरूरत हो सकती है। आर्थिक स्थितियां अनुकूल रहेंगी। मन में उत्साह भर उठेगा। किसी रिश्तेदार के कारण तनाव मिलेगा। धन प्राप्ति के लिए किसी नए कार्य का शुभारंभ किया जा सकता है। आप अपने प्रिय के रवैये के प्रति काफ़ी संवेदनशील रहेंगे। कामकाज के साथ आपकी जिम्मेदारी बढ़ सकती है। आपका पॉजीटिव व्यवहार लोगों को प्रभावित कर देगा। आज आप किसी खास नतीजे के इंतजार में धैर्य रखेंगे तो खुश होंगे।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हल्का लाल
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*आपका अपना पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631,9149003677*। 🙏🙏🏽🙏🏽🙏🏽

अन्य प्रदेशों से पंचाग

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻सोमवार, २१ जून २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:२९
सूर्यास्त: 🌅 ०७:१३
चन्द्रोदय: 🌝 १५:३७
चन्द्रास्त: 🌜२६:५१
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🌦️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 ज्येष्ठ
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 एकादशी (१३:३१ तक)
नक्षत्र 👉 स्वाती (१६:४६ तक)
योग 👉 शिव (१७:३४ तक)
प्रथम करण 👉 विष्टि (१३:३१ तक)
द्वितीय करण 👉 बव (२३:५८ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मिथुन
चंद्र 🌟 तुला
मंगल 🌟 कर्क (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 वृष (उदय, पूर्व, वक्री)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 मिथुन (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५१ से १२:४७
अमृत काल 👉 ०८:४३ से १०:११
विजय मुहूर्त 👉 १४:४० से १५:३६
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०७ से १९:३१
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५९ से २४:३९
राहुकाल 👉 ०७:०२ से ०८:४७
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:३३ से १२:१९
होमाहुति 👉 शनि
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पाताल (१३:३१ से पृथ्वी)
भद्रावास 👉 पाताललोक (१३:३१ तक)
चन्द्रवास 👉 पश्चिम
शिववास 👉 क्रीड़ा में (१३:३१ से कैलाश पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – अमृत २ – काल
३ – शुभ ४ – रोग
५ – उद्वेग ६ – चर
७ – लाभ ८ – अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – चर २ – रोग
३ – काल ४ – लाभ
५ – उद्वेग ६ – शुभ
७ – अमृत ८ – चर
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पश्चिम-दक्षिण (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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निर्जला एकादशी व्रत (सभी के लिये), रवि दक्षिण गोलीय गति आरम्भ, वर्षा ऋतु आरम्भ, विवाहादि मुहूर्त कन्या लग्न दोपहर ०१:३२ से ०२:१७ तक, उपनयन+चूड़ाकर्म संस्कार+ गृहप्रवेश+ देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०९:०२ से १०:४५ तक, वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर ०२:१२ से सायं ०७:१८ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १६:४६ तक जन्मे शिशुओ का नाम
स्वाति नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (रो, ता) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम विशाखा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश (ती, तू, ते) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन – २८:५५ से ०७:१०
कर्क – ०७:१० से ०९:३२
सिंह – ०९:३२ से ११:५०
कन्या – ११:५० से १४:०८
तुला – १४:०८ से १६:२९
वृश्चिक – १६:२९ से १८:४९
धनु – १८:४९ से २०:५२
मकर – २०:५२ से २२:३३
कुम्भ – २२:३३ से २३:५९
मीन – २३:५९ से २५:२३
मेष – २५:२३ से २६:५६
वृषभ – २६:५६ से २८:५१
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रज पञ्चक – ०५:१६ से ०७:१०
शुभ मुहूर्त – ०७:१० से ०९:३२
चोर पञ्चक – ०९:३२ से ११:५०
शुभ मुहूर्त – ११:५० से १३:३१
रोग पञ्चक – १३:३१ से १४:०८
शुभ मुहूर्त – १४:०८ से १६:२९
मृत्यु पञ्चक – १६:२९ से १६:४६
अग्नि पञ्चक – १६:४६ से १८:४९
शुभ मुहूर्त – १८:४९ से २०:५२
रज पञ्चक – २०:५२ से २२:३३
शुभ मुहूर्त – २२:३३ से २३:५९
चोर पञ्चक – २३:५९ से २५:२३
रज पञ्चक – २५:२३ से २६:५६
शुभ मुहूर्त – २६:५६ से २८:५१
चोर पञ्चक – २८:५१ से २९:१६
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन लाभदायक होते हुए भी इसका उचित लाभ नही उठा सकेंगे। पूर्व में बनाई योजना के कारण कार्य व्यवसाय की और ज्यादा ध्यान नही दे सकेंगे कार्य क्षेत्र पर आज सहकर्मियों की कमी भी लाभ को सीमित करने का कारण बनेगी फिर भी काम चलाऊ धन किसी ना किसी प्रकार मिल ही जायेगा। मित्र रिश्तेदारी के साथ आज धार्मिक कार्यो के खर्च भी अतिरिक्त करने पड़ेंगे। व्यवहारिकता स्वभाव में दिखावा मात्र ही रहेगी स्वार्थ साधने के लिये मीठा व्यवहार करेंगे अन्यथा किसी से बात करना भी पसंद नही होगा। आवश्यक कार्य संध्या से पहले पूर्ण कर लें इसके बाद व्यर्थ की गतिविधियों में फंसने के कारण अधूरे रह सकते है। सेहत सामान्य रहेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिये थोड़ा उठापटक वाला रहेगा। आज आप बाहर के लोगो को आचरण में रहने का उपदेश देंगे लेकिन घर मे स्वयं के ऊपर लागू नही करेंगे। परिजन आपसे किसी ना किसी बात को लेकर विरोधाभास रखेंगे। आज आप अपने निर्णय पर ज्याददेर नही टिकेंगे इससे आस-पास के लोगो को खासी परेशानी होगी। कार्य क्षेत्र पर भी सहकर्मी अथवा अधीनस्थों पर नाजायज रौब दिखाना अपमानित कराएगा। धन लाभ के लिये किसी की चाटुकारिता करनी पड़ेगी जो आपको पसंद ना होने पर सीमित साधनों से निर्वाह करना पड़ेगा। खर्च आय की तुलना में अधिक रहने से आर्थिक संतुलन गड़बड़ायेगा। परिजनों की नाराजगी शांति से बैठने नही देगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आप पूर्व नियोजित योजनाओं को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थित रूप से कार्य करेंगे परन्तु फिर भी कोई काम अचनाक आने से असुविधा होगी कार्यक्रम में फेरबदल भी करना पड़ेगा। धर का वातावरण आशा से अधिक शांत मिलेगा सभी सदस्य अपने अपने काम मे मस्त रहेंगे लेकिन किसी काम की बोलने पर विपरीत व्यवहार भी कर सकते है। काम-धंधा आज पहले से कुछ मंदा रहेगा धन लाभ के एक दो प्रसंग ही बनेंगे लेकिन खर्च के हिसाब से पर्याप्त नही होंगे। आज आपका मन अनैतिक कार्यो में शीघ्र आकर्षित होगा बचकर रहें वरना बैठे बिठाये नई मुसीबत खड़ी होगी। स्वास्थ्य में पहके से राहत लेकिन पूर्ण ठीक नही रहेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन भी विपरीत फलदायी बना रहेगा। दिन के आरम्भ में ही घर का मंगलमय वातावरण आपकी लापरवाहि अथवा उद्दंड व्यवहार के कारण अशान्त बनेगा। बात बात पर गर्मी दिखाकर मुख्य समस्या से बचने का प्रयास करेंगे। परिजनों से तालमेल बिठाना आज नामुमकिन ही रहेगा। कार्य क्षेत्र पर भी स्वयं गलती करेंगे और दोषी अन्य को ठहराएंगे सहकर्मियों अथवा देनदारों से धन को लेकर विवाद गहरा सकता है। मित्र मंडली में भी आपका रुखा व्यवहार रंग में भंग डालेगा। विवेक से काम लें आर्थिक लाभ के अवसर हाथ आते आते निकल सकते है। आवश्यक कार्यो को छोड़ व्यसन अथवा अन्य व्यर्थ के कार्यो पर खर्च करेंगे। धर्म के प्रति आस्था अन्य दिनों से कम रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आपको कुछ अतिरिक्त कार्य सौपे जाएंगे लापरवाह एवं आलसी स्वभाव के चलते आरम्भ में ये झंझट लगेंगे लेकिन कुछ समय बीतने पर इनमे ही मग्न हो जाएंगे कार्य व्यवसाय में मध्यान तक ही रुचि लेंगे इसके बाद का समय एकांत में बिताना पसंद करेंगे। आज आप एकबार लिए निर्णय से पीछे नही हटेंगे चाहे हानि ही क्यो ना हो घर मे मांगलिक आयोजन होंगे वातावरण आत्मबल देने वाला रहेगा। दिन का कुछ समय पूर्व में किये कार्यो की समीक्षा में बीतेगा इससे संतोष की प्राप्ति होगीं। संध्या बाद मन काल्पनिक दुनिया मे खोया रहेगा। परिवार के सदस्य अपनी अनदेखी से उदास रहेंगे। सेहत कुछ समय के लिये नरम बनेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आपके लिये आज की दिनचार्य थोड़ी सुस्त रहेगी लेकिन फिर भी शान्तिप्रद रहेगा। आरंभिक भाग में प्रत्येक कार्य मे आलस्य करेंगे घरेलू कार्यो की टालमटोल से परिजनों को परेशानी होगी बहस भी हो सकती है। काम-धंधे को लेकर आज ज्यादा झंझट में पड़ना पसंद नही करेंगे नौकरी वाले लोग भी आज का दिन शांति से बिताना पसंद करेंगे लेकिन कुछ ना कुछ काम आने से कामना पूर्ति नही हो सकेगी। आज आपको धन की अपेक्षा सम्मान लाभ अधिक मिलेगा। सार्वजनिक कार्यो में रुचि बढ़ेगी। मित्र परिचितों के साथ धार्मिक क्षेत्र की यात्रा होगी। सेहत में संध्या बाद नरमी आने लगेगी सतर्क रहें।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आपका लक्ष्य घर मे सुख के साधनों की वृद्वि करना रहेगा इसमे काफी हद तक सफल भी रहेंगे व्यवसायी वर्ग खर्च करने से पीछे नही हटेंगे आर्थिक स्थिति ठीक रहने और परिजनों के सुख को देखते हुए अखरेगा भी नही। कार्य व्यवसाय में आकस्मिक उछाल आने से व्यस्तता बढ़ेगी पूर्वनियोजित कार्य मे फेरबदल करना पड़ेगा। नौकरी वाले जातको से मितव्ययी व्यवहार के कारण परिजन नाराज हो सकते है। मध्यान के बाद काम से ऊबन होने लगेगी लेकिन आज अतिरिक्त परिश्रम करते है तो कल इसका आश्चर्जनक लाभ देखने को मिलेगा। परिवार में आनंद का वातावरण रहेगा छोटी बातों को अनदेखा करें। सेहत ठीक रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज भी परिस्थिति प्रतिकूल रहेगी जल्दी से की कार्य कोंकरने का मन नही करेगा इस कार्य को करेंगे उसमे कोई स्वयंजन ही टांग अडायेगा। शारीरिक रूप से भी कुछ ना कुछ कमजोरी बनी रहेगी महिलाये विशेष ध्यान रखें कमजोरी के कारण हाथ पैर में शिथिलता रहेगी। कार्य व्यवसाय में हानि के डर से आज महत्त्वपूर्ण फ़ैसले लेने से डरेंगे। ज्यादा सोच विचारने के चक्कर मे लाभ के सौदे हाथ से निकल सकते है। धन लाभ आज लेदेकर हो ही जायेगा परन्तु पर्याप्त नही होगा। हित शत्रुओं से सावधान रहें पीठ पीछे अहित कर सकते है। परिजनों की सांत्वना मिलने से राहत अनुभव होगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आप पिछले कुछ दिनों से बेहतर अनुभव करेंगे लेकिन आज धन को लेकर कुछ ना कुछ समस्या बनी रहेगी। स्वयं की तुलना अन्य लोगों से करने पर मन हीन भावना से ग्रस्त रहेगा। आज आप मेहनत करने के पक्ष में बिलकुल नही रहेंगे बैठे बिताये लाभ पाने के चक्कर मे छोटे मोटे लाभ से भी वंचित रहना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर धन लाभ की संभावनाए बनेंगी लेकिन अंत समय मे निराश ही होना पड़ेगा। लोग मतलब से व्यवहार रखेंगे काम निकलने के बाद भूल जाएंगे। गृहस्थ में भी धन संबंधित अभाव अनुभव होगा मन की इच्छाएं आज कम रखें अन्यथा दुख होगा। स्वास्थ्य में सुधार आएगा फिर भी आलस करेंगे। घर मे मंगल कार्य होंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन भाग्योदय करने वाला रहेगा शरीर भी साथ देने से कार्यो को निष्ठां से करेंगे। किसी प्रतिष्ठित संस्था अथवा सरकारी क्षेत्र से लाभ के कार्यानुबंध मिल सकते है। विरोधी भी शांत रहने से सफलता सुनिश्चित रहेगी। परन्तु पारिवारिक वातावरण उथल पुथल वाला रहेगा। परिजन की सेहत पर खर्च करना पड़ेगा अधिक भागदौड़ के कारण आयवश्यक कार्यो में विलम्ब होगा परन्तु हानि से बचे रहेंगे। आज किसी भी कार्य में आलस्य ना करें अन्यथा भविष्य में इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। आज किये कार्यो की पुनरावृत्ति शीघ्र ही देखने को मिलेगी जिससे जैसा व्यवहार करेंगे वैसा ही आपके साथ घटित होगा इसलिये सभी से प्रेम व्यवहार रखें।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपको धर्म कर्म पूजा पाठ में सम्मिलित होने के सुअवसर प्रदान करेगा। आध्यत्मिक भावना भी बढ़ी रहने से पुण्य और परोपकार के कार्य में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगे लेकिन आज घरेलू एवं व्यावसायिक कार्यो में ढील देने के कारण गृहस्थ में कलह के साथ ही व्यवसाय से उचित लाभ नही उठा पाएंगे। सहकर्मियों का सहयोग भी आज ना के बराबर रहेगा अधिकांश कार्य स्वयं के बल पर ही करने पड़ेंगे। घर के किसी सदस्य की जिद कुछ समय के लिये परेशानी में डालेगी पूरी होने पर ही वातावरण सामान्य बन सकेगा। सेहत को लेकर आशंकित रहेंगे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपकी दिनचर्या चाहकर भी व्यवस्थित नही हो सकेगी मन मे काफी कुछ सोच कर रखेंगे लेकिन अंत समय मे ही विचार किये कार्य निरस्त कर अन्य कार्यो में लगना पड़ेगा। आज आपकी मानसिकता भी व्यवसायी रहेगी प्रत्येक कार्य मे हानि लाभ देखकर ही चलेंगे कार्य अथवा अन्य किसी क्षेत्र से आशा ना होने के बाद भी अकस्मात लाभ होने पर उत्साह बढ़ेगा फिर भी आर्थिक स्थिति से संतोष नही होगा ज्यादा से ज्यादा धन कमाने के चक्कर मे सेहत की अनदेखी करेंगे जो बाद महंगी पड़ेगी। दिन भर छुट पुट खर्च लगे रहेगें लेकिन संध्या बाद बड़ा खर्च करने की योजना बनेगी। घर मे भी छोटी मोटी बातो को छोड़ शांति रहेगी। यात्रा में वाहनादि से सावधानी रखें।
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏

#निर्जला_एकादशी 🔥

निर्जला एकादशी व्रत 21, जून 2021, व्रत के नियम, पूजा विधि व कथा❗

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है। यही कारण है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि एकादशी व्रत रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। व्रती सभी सुखों को भोगकर अंत में मोक्ष को जाता है।
हर माह में दो एकादशी तिथि आती हैं। एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में।

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 21 जून दिन सोमवार को पड़ रही है। इस दिन शिव योग के साथ सिद्धि योग भी बन रहा है। शिव योग 21 जून को शाम 05 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सिद्धि योग लग जाएगा।

🌿 एकादशी व्रत नियम-🌺

निर्जला एकादशी व्रत में जल का त्याग करना होता है। इस व्रत में व्रती पानी का सेवन नहीं कर सकता है। इसीलिए इस व्रत को निर्जला एकादशी व्रत कहते हैं, व्रत का पारण करने के बाद ही व्रती जल का सेवन कर सकता है।

🌿 एकादशी पूजा विधि-🌺

1 = सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
2 = घर के मंदिर में शुद्ध देशी घी का दीप प्रज्वलित करें।
3 = यदि घर में भगवान विष्णु की प्रतिमा है तो भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें,यदि
चित्र है तो गंगाजल के छीटे मारें ।
4 = भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
5 = अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
6 = भगवान की आरती करें।
7 = भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
8 = भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
9 = इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
10 = इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

💥 ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी भीमसेनी/ पांडव एकादशी व्रत कथा 🌷

भीमसेन व्यासजी से कहने लगे कि हे पितामह! भ्राता युधिष्ठिर, माता कुंती, द्रोपदी, अर्जुन, नकुल और सहदेव आदि सब एकादशी का व्रत करने को कहते हैं, परंतु महाराज मैं उनसे कहता हूं कि भाई मैं भगवान की शक्ति पूजा आदि तो कर सकता हूं, दान भी दे सकता हूं परंतु भोजन के बिना नहीं रह सकता।

इस पर व्यासजी कहने लगे कि हे भीमसेन! यदि तुम नरक को बुरा और स्वर्ग को अच्छा समझते हो तो प्रति मास की दोनों एक‍ा‍दशियों को अन्न मत खाया करो। भीम कहने लगे कि हे पितामह! मैं तो पहले ही कह चुका हूं कि मैं भूख सहन नहीं कर सकता। यदि वर्षभर में कोई एक ही व्रत हो तो वह मैं रख सकता हूं, क्योंकि मेरे पेट में वृक नाम वाली अग्नि है सो मैं भोजन किए बिना नहीं रह सकता। भोजन करने से वह शांत रहती है, इसलिए पूरा उपवास तो क्या एक समय भी बिना भोजन किए रहना कठिन है।

अत: आप मुझे कोई ऐसा व्रत बताइए जो वर्ष में केवल एक बार ही करना पड़े और मुझे स्वर्ग की प्राप्ति हो जाए।

श्री व्यासजी कहने लगे कि हे पुत्र! बड़े-बड़े ऋषियों ने बहुत शास्त्र आदि बनाए हैं जिनसे बिना धन के थोड़े परिश्रम से ही स्वर्ग की प्राप्ति हो सकती है। इसी प्रकार शास्त्रों में दोनों पक्षों की एका‍दशी का व्रत मुक्ति के लिए रखा जाता है।

व्यासजी के वचन सुनकर भीमसेन नरक में जाने के नाम से भयभीत हो गए और कांपकर कहने लगे कि अब क्या करूं? मास में दो व्रत तो मैं कर नहीं सकता, हां वर्ष में एक व्रत करने का प्रयत्न अवश्य कर सकता हूं। अत: वर्ष में एक दिन व्रत करने से यदि मेरी मुक्ति हो जाए तो ऐसा कोई व्रत बताइए।

यह सुनकर व्यासजी कहने लगे कि वृषभ और मिथुन की संक्रां‍‍ति के बीच ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की जो एकादशी आती है, उसका नाम निर्जला है। तुम उस एकादशी का व्रत करो। इस एकादशी के व्रत में स्नान और आचमन के सिवा जल वर्जित है। आचमन में छ: मासे से अधिक जल नहीं होना चाहिए अन्यथा वह मद्यपान के सदृश हो जाता है। इस दिन भोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि भोजन करने से व्रत नष्ट हो जाता है।

यदि एकादशी को सूर्योदय से लेकर द्वादशी के सूर्योदय तक जल ग्रहण न करे तो उसे सारी एकादशियों के व्रत का फल प्राप्त होता है। द्वादशी को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करके ब्राह्मणों का दान आदि देना चाहिए। इसके पश्चात भूखे और सत्पात्र ब्राह्मण को भोजन कराकर फिर आप भोजन कर लेना चाहिए। इसका फल पूरे एक वर्ष की संपूर्ण एकादशियों के बराबर होता है।

व्यासजी कहने लगे कि हे भीमसेन! यह मुझको स्वयं भगवान ने बताया है। इस एकादशी का पुण्य समस्त तीर्थों और दानों से अधिक है। केवल एक दिन मनुष्य निर्जल रहने से पापों से मुक्त हो जाता है।

जो मनुष्य निर्जला एकादशी का व्रत करते हैं उनकी मृत्यु के समय यमदूत आकर नहीं घेरते वरन भगवान के पार्षद उसे पुष्पक विमान में बिठाकर स्वर्ग को ले जाते हैं। अत: संसार में सबसे श्रेष्ठ निर्जला एकादशी का व्रत है। इसलिए यत्न के साथ इस व्रत को करना चाहिए। उस दिन ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का उच्चारण करना चाहिए और गौदान करना चाहिए।

इस प्रकार व्यासजी की आज्ञानुसार भीमसेन ने इस व्रत को किया। इसलिए इस एकादशी को भीमसेनी या पांडव एकादशी भी कहते हैं। निर्जला व्रत करने से पूर्व भगवान से प्रार्थना करें कि हे भगवन! आज मैं निर्जला व्रत करता हूं, दूसरे दिन भोजन करूंगा। मैं इस व्रत को श्रद्धापूर्वक करूंगा, अत: आपकी कृपा से मेरे सब पाप नष्ट हो जाएं। इस दिन जल से भरा हुआ एक घड़ा वस्त्र से ढंक कर स्वर्ण सहित दान करना चाहिए।

जो मनुष्य इस व्रत को करते हैं उनको करोड़ पल सोने के दान का फल मिलता है और जो इस दिन यज्ञादिक करते हैं उनका फल तो वर्णन ही नहीं किया जा सकता। इस एकादशी के व्रत से मनुष्य विष्णुलोक को प्राप्त होता है। जो मनुष्य इस दिन अन्न खाते हैं, ‍वे चांडाल के समान हैं। वे अंत में नरक में जाते हैं। जिसने निर्जला एकादशी का व्रत किया है वह चाहे ब्रह्म हत्यारा हो, मद्यपान करता हो, चोरी की हो या गुरु के साथ द्वेष किया हो मगर इस व्रत के प्रभाव से स्वर्ग जाता है।

हे कुंतीपुत्र! जो पुरुष या स्त्री श्रद्धापूर्वक इस व्रत को करते हैं उन्हें अग्रलिखित कर्म करने चाहिए। प्रथम भगवान का पूजन, फिर गौदान, ब्राह्मणों को मिष्ठान्न व दक्षिणा देनी चाहिए तथा जल से भरे कलश का दान अवश्य करना चाहिए। निर्जला के दिन अन्न, वस्त्र, उपाहन (जूती) आदि का दान भी करना चाहिए।

वर्ष भर की एकादशियों का पुण्य लाभ देने वाली इस श्रेष्ठ निर्जला एकादशी को पांडव एकादशी या भीमसेनी एकादशी नाम से भी जाना जाता है। जो मनुष्य भक्तिपूर्वक इस कथा को पढ़ते या सुनते या सुनातेहैं, उन्हें निश्चय ही स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

स्वार्थ और भय से वशीभूत होकर ईश्वर की आराधना करना भक्ति नही है निष्काम भाव से ईश्वर के प्रति समर्पित होना ही भक्ति है l

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 🙏

*बहुत चर्चा है हल्दी वाले दूध की,जानिए चमत्कारी फायदे*

1 जब चोट लग जाए – यदि किसी कारण से शरीर के बाहरी या अंदरूनी हिस्से में चोट लग जाए, तो हल्दी वाला दूध उसे जल्द से जल्द ठीक करने में बेहद लाभदायक है। क्योंकि यह अपने एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता।

2 शारीरिक दर्द – शरीर के दर्द में हल्दी वाला दूध आराम देता है।
हाथ पैर व शरीर के अन्य भागों में दर्द की शिकायत होने पर रात को सोने से पहले हल्दी वाले दूध का सेवन करें।

3 त्वचा हो साफ और खूबसूरत – दूध पीने से त्वचा में प्राकृतिक चमक पैदा होती है, और दूध के साथ हल्दी का सेवन, एंटीसेप्टिक व एंटी बैक्टीरियल होने के कारण त्वचा की समस्याओं जैसे – इंफेक्शन, खुजली, मुंहासे आदि के बैक्टीरिया को धीरे-धीरे खत्म कर देता है। इससे आपकी त्वचा साफ और स्वस्थ और चमकदार दिखाई देती है।

4 सर्दी होने पर – सर्दी, जुकाम या कफ होने पर हल्दी वाले दूध का सेवन अत्यधिक लाभकारी साबित होता है। इससे सर्दी, जुकाम तो ठीक होता ही है, साथ ही गर्म दूध के सेवन से फेफड़ों में जमा हुआ कफ भी निकल जाता है। सर्दी के मौसम में इसका सेवन आपको स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

5 हड्डियां बने मजबूत – दूध में कैल्श‍ियम होने के कारण यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और हल्दी के गुणों के कारण रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। इससे हड्डी संबंधि‍त अन्य समस्याओं से छुटकारा मिलता है और ऑस्टियोपोरोसिस में कमी आती है।

6 जब नींद न आए – यदि आपको किसी भी कारण से नींद नहीं आ रही है, तो आपके लिए सबसे अच्छा घरेलू नुस्खा है, हल्दी वाला दूध। बस रात को भोजन के बाद सोने के आधे घंटे पहले हल्दी वाला दूध पीएं, और देखि‍ए कमाल।

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*👉🏻दूध ना पचे तो ~ सोंफ* ,
*👉🏻दही ना पचे तो ~ सोंठ*,
*👉🏻छाछ ना पचे तो ~जीरा व काली मिर्च*
*👉🏻अरबी व मूली ना पचे तो ~ अजवायन*
*👉🏻कड़ी ना पचे तो ~ कड़ी पत्ता,*
*👉🏻तैल, घी, ना पचे तो ~ कलौंजी…*
*👉🏻पनीर ना पचे तो ~ भुना जीरा,*
*👉🏻भोजन ना पचे तो ~ गर्म जल*
*👉🏻केला ना पचे तो ~ इलायची*
*👉🏻ख़रबूज़ा ना पचे तो ~ मिश्री का उपयोग करें…*
1.योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है।
2. *लकवा* – सोडियम की कमी के कारण होता है ।
3. *हाई वी पी में* – स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे ।
4. *लो बी पी* – सेंधा नमक डालकर पानी पीयें ।
5. *कूबड़ निकलना*- फास्फोरस की कमी ।
6. *कफ* – फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है । गुड व शहद खाएं
7. *दमा, अस्थमा* – सल्फर की कमी ।
8. *सिजेरियन आपरेशन* – आयरन , कैल्शियम की कमी ।
9. *सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें* ।
10. *अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें* ।
11. *जम्भाई*- शरीर में आक्सीजन की कमी ।
12. *जुकाम* – जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पियें ।
13. *ताम्बे का पानी* – प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें ।
14. *किडनी* – भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये ।
15. *गिलास* एक रेखीय होता है तथा इसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है । गिलास अंग्रेजो ( पुर्तगाल) की सभ्यता से आयी है अतः लोटे का पानी पियें, लोटे का कम सर्फेसटेन्स होता है ।
16. *अस्थमा , मधुमेह , कैंसर* से गहरे रंग की वनस्पतियाँ बचाती हैं ।
17. *वास्तु* के अनुसार जिस घर में जितना खुला स्थान होगा उस घर के लोगों का दिमाग व हृदय भी उतना ही खुला होगा ।
18. *परम्परायें* वहीँ विकसित होगीं जहाँ जलवायु के अनुसार व्यवस्थायें विकसित होगीं ।
19. *पथरी* – अर्जुन की छाल से पथरी की समस्यायें ना के बराबर है ।
20. *RO* का पानी कभी ना पियें यह गुणवत्ता को स्थिर नहीं रखता । कुएँ का पानी पियें । बारिस का पानी सबसे अच्छा , पानी की सफाई के लिए *सहिजन* की फली सबसे बेहतर है ।
21. *सोकर उठते समय* हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का *स्वर* चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें ।
22. *पेट के बल सोने से* हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या आती है ।
23. *भोजन* के लिए पूर्व दिशा , *पढाई* के लिए उत्तर दिशा बेहतर है ।
24. *HDL* बढ़ने से मोटापा कम होगा LDL व VLDL कम होगा ।
25. *गैस की समस्या* होने पर भोजन में अजवाइन मिलाना शुरू कर दें ।
26. *चीनी* के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है , यह शरीर में जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है। चीनी खाने से *पित्त* बढ़ता है ।
27. *शुक्रोज* हजम नहीं होता है *फ्रेक्टोज* हजम होता है और भगवान् की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है ।
28. *वात* के असर में नींद कम आती है ।
29. *कफ* के प्रभाव में व्यक्ति प्रेम अधिक करता है ।
30. *कफ* के असर में पढाई कम होती है ।
31. *पित्त* के असर में पढाई अधिक होती है ।
33. *आँखों के रोग* – कैट्रेक्टस, मोतियाविन्द, ग्लूकोमा , आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है ।
34. *शाम को वात*-नाशक चीजें खानी चाहिए ।
35. *प्रातः 4 बजे जाग जाना चाहिए* ।
36. *सोते समय* रक्त दवाव सामान्य या सामान्य से कम होता है ।
37. *व्यायाम* – *वात रोगियों* के लिए मालिश के बाद व्यायाम , *पित्त वालों* को व्यायाम के बाद मालिश करनी चाहिए । *कफ के लोगों* को स्नान के बाद मालिश करनी चाहिए ।
38. *भारत की जलवायु* वात प्रकृति की है , दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करना चाहिए ।
39. *जो माताएं* घरेलू कार्य करती हैं उनके लिए व्यायाम जरुरी नहीं ।
40. *निद्रा* से *पित्त* शांत होता है , मालिश से *वायु* शांति होती है , उल्टी से *कफ* शांत होता है तथा *उपवास* ( लंघन ) से बुखार शांत होता है ।
41. *भारी वस्तुयें* शरीर का रक्तदाब बढाती है , क्योंकि उनका गुरुत्व अधिक होता है ।
42. *दुनियां के महान* वैज्ञानिक का स्कूली शिक्षा का सफ़र अच्छा नहीं रहा, चाहे वह 8 वीं फेल न्यूटन हों या 9 वीं फेल आइस्टीन हों ,
43. *माँस खाने वालों* के शरीर से अम्ल-स्राव करने वाली ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं ।
44. *तेल हमेशा* गाढ़ा खाना चाहिएं सिर्फ लकडी वाली घाणी का , दूध हमेशा पतला पीना चाहिए ।
45. *छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है ।*
46. *कोलेस्ट्रोल की बढ़ी* हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है । ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ है ।
47. *मिर्गी दौरे* में अमोनिया या चूने की गंध सूँघानी चाहिए ।
48. *सिरदर्द* में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें ।
49. *भोजन के पहले* मीठा खाने से बाद में खट्टा खाने से शुगर नहीं होता है ।
50. *भोजन* के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें ।
51. *अवसाद* में आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस की कमी हो जाती है । फास्फोरस गुड और अमरुद में अधिक है
52. *पीले केले* में आयरन कम और कैल्शियम अधिक होता है । हरे केले में कैल्शियम थोडा कम लेकिन फास्फोरस ज्यादा होता है तथा लाल केले में कैल्शियम कम आयरन ज्यादा होता है । हर हरी चीज में भरपूर फास्फोरस होती है, वही हरी चीज पकने के बाद पीली हो जाती है जिसमे कैल्शियम अधिक होता है ।
53. *छोटे केले* में बड़े केले से ज्यादा कैल्शियम होता है ।
54. *रसौली* की गलाने वाली सारी दवाएँ चूने से बनती हैं ।
55. हेपेटाइट्स A से E तक के लिए चूना बेहतर है ।
56. *एंटी टिटनेस* के लिए हाईपेरियम 200 की दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दे ।
57. *ऐसी चोट* जिसमे खून जम गया हो उसके लिए नैट्रमसल्फ दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दें । बच्चो को एक बूंद पानी में डालकर दें ।
58. *मोटे लोगों में कैल्शियम* की कमी होती है अतः त्रिफला दें । त्रिकूट ( सोंठ+कालीमिर्च+ मघा पीपली ) भी दे सकते हैं ।
59. *अस्थमा में नारियल दें ।* नारियल फल होते हुए भी क्षारीय है ।दालचीनी + गुड + नारियल दें ।
60. *चूना* बालों को मजबूत करता है तथा आँखों की रोशनी बढाता है ।
61. *दूध* का सर्फेसटेंसेज कम होने से त्वचा का कचरा बाहर निकाल देता है ।
62. *गाय की घी सबसे अधिक पित्तनाशक फिर कफ व वायुनाशक है ।*
63. *जिस भोजन* में सूर्य का प्रकाश व हवा का स्पर्श ना हो उसे नहीं खाना चाहिए
64. *गौ-मूत्र अर्क आँखों में ना डालें ।*
65. *गाय के दूध* में घी मिलाकर देने से कफ की संभावना कम होती है लेकिन चीनी मिलाकर देने से कफ बढ़ता है ।
66. *मासिक के दौरान* वायु बढ़ जाता है , 3-4 दिन स्त्रियों को उल्टा सोना चाहिए इससे गर्भाशय फैलने का खतरा नहीं रहता है । दर्द की स्थति में गर्म पानी में देशी घी दो चम्मच डालकर पियें ।
67. *रात* में आलू खाने से वजन बढ़ता है ।
68. *भोजन के* बाद बज्रासन में बैठने से *वात* नियंत्रित होता है ।
69. *भोजन* के बाद कंघी करें कंघी करते समय आपके बालों में कंघी के दांत चुभने चाहिए । बाल जल्द सफ़ेद नहीं होगा ।
70. *अजवाईन* अपान वायु को बढ़ा देता है जिससे पेट की समस्यायें कम होती है
71. *अगर पेट* में मल बंध गया है तो अदरक का रस या सोंठ का प्रयोग करें
72. *कब्ज* होने की अवस्था में सुबह पानी पीकर कुछ देर एडियों के बल चलना चाहिए ।
73. *रास्ता चलने*, श्रम कार्य के बाद थकने पर या धातु गर्म होने पर दायीं करवट लेटना चाहिए ।
74. *जो दिन मे दायीं करवट लेता है तथा रात्रि में बायीं करवट लेता है उसे थकान व शारीरिक पीड़ा कम होती है ।*
75. *बिना कैल्शियम* की उपस्थिति के कोई भी विटामिन व पोषक तत्व पूर्ण कार्य नहीं करते है ।
76. *स्वस्थ्य व्यक्ति* सिर्फ 5 मिनट शौच में लगाता है ।
77. *भोजन* करते समय डकार आपके भोजन को पूर्ण और हाजमे को संतुष्टि का संकेत है ।
78. *सुबह के नाश्ते* में फल , *दोपहर को दही* व *रात्रि को दूध* का सेवन करना चाहिए ।
79. *रात्रि* को कभी भी अधिक प्रोटीन वाली वस्तुयें नहीं खानी चाहिए । जैसे – दाल , पनीर , राजमा , लोबिया आदि ।
80. *शौच और भोजन* के समय मुंह बंद रखें , भोजन के समय टी वी ना देखें ।
81. *मासिक चक्र* के दौरान स्त्री को ठंडे पानी से स्नान , व आग से दूर रहना चाहिए ।
82. *जो बीमारी जितनी देर से आती है , वह उतनी देर से जाती भी है ।*
83. *जो बीमारी अंदर से आती है , उसका समाधान भी अंदर से ही होना चाहिए ।*
84. *एलोपैथी* ने एक ही चीज दी है , दर्द से राहत । आज एलोपैथी की दवाओं के कारण ही लोगों की किडनी , लीवर , आतें , हृदय ख़राब हो रहे हैं । एलोपैथी एक बिमारी खत्म करती है तो दस बिमारी देकर भी जाती है ।
85. *खाने* की वस्तु में कभी भी ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए , ब्लड-प्रेशर बढ़ता है ।
86 . *रंगों द्वारा* चिकित्सा करने के लिए इंद्रधनुष को समझ लें , पहले जामुनी , फिर नीला ….. अंत में लाल रंग ।
87 . *छोटे* बच्चों को सबसे अधिक सोना चाहिए , क्योंकि उनमें वह कफ प्रवृति होती है , स्त्री को भी पुरुष से अधिक विश्राम करना चाहिए
88. *जो सूर्य निकलने* के बाद उठते हैं , उन्हें पेट की भयंकर बीमारियां होती है , क्योंकि बड़ी आँत मल को चूसने लगती है ।
89. *बिना शरीर की गंदगी* निकाले स्वास्थ्य शरीर की कल्पना निरर्थक है , मल-मूत्र से 5% , कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने से 22 %, तथा पसीना निकलने लगभग 70 % शरीर से विजातीय तत्व निकलते हैं ।
90. *चिंता , क्रोध , ईर्ष्या करने से गलत हार्मोन्स का निर्माण होता है जिससे कब्ज , बबासीर , अजीर्ण , अपच , रक्तचाप , थायरायड की समस्या उतपन्न होती है ।*
91. *गर्मियों में बेल , गुलकंद , तरबूजा , खरबूजा व सर्दियों में सफ़ेद मूसली , सोंठ का प्रयोग करें ।*
92. *प्रसव* के बाद माँ का पीला दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को 10 गुना बढ़ा देता है । बच्चो को टीके लगाने की आवश्यकता नहीं होती है ।
93. *रात को सोते समय* सर्दियों में देशी मधु लगाकर सोयें त्वचा में निखार आएगा
94. *दुनिया में कोई चीज व्यर्थ नहीं , हमें उपयोग करना आना चाहिए*।
95. *जो अपने दुखों* को दूर करके दूसरों के भी दुःखों को दूर करता है , वही मोक्ष का अधिकारी है ।
96. *सोने से* आधे घंटे पूर्व जल का सेवन करने से वायु नियंत्रित होती है , लकवा , हार्ट-अटैक का खतरा कम होता है ।
97. *स्नान से पूर्व और भोजन के बाद पेशाब जाने से रक्तचाप नियंत्रित होता है*।
98 . *तेज धूप* में चलने के बाद , शारीरिक श्रम करने के बाद , शौच से आने के तुरंत बाद जल का सेवन निषिद्ध है
99. *त्रिफला अमृत है* जिससे *वात, पित्त , कफ* तीनो शांत होते हैं । इसके अतिरिक्त भोजन के बाद पान व चूना ।
100. इस विश्व की सबसे मँहगी *दवा लार* है , जो प्रकृति ने तुम्हें अनमोल दी है ,इसे ना थूकें। 

*रात्रि 11 से 3 के दौरान आपके रक्त संचरण का अधिक भाग लीवर की ओर केन्द्रित होता है | जब लीवर अधिक खून प्राप्त करता है तब उसका आकार बढ़ जाता है | यह महत्त्वपूर्ण समय होता है जब आपका शरीर विष हरण की प्रक्रिया से गुजरता है | आपका लीवर, शरीर द्वारा दिन भर में एकत्रित विषाक्त पदार्थों को निष्क्रिय करता है और खत्म भी करता है |*

*💁🏻‍♀ यदि आप 11बजे सो जाते हैं तो आपके पास अपने शरीर को विषमुक्त करने के लिए पूरे चार घण्टे होते हैं |*
*यदि 12 बजे सोते हैं तो 3 घण्टे |*

*💁🏻‍♀ यदि 1बजे सोते हैं तो 2 घण्टे |*

*💁🏻‍♀ यदि 2 बजे सोते हैं तो केवल एक ही घण्टा विषाक्त पदार्थों की सफाई के लिए मिलता है |*

*💁🏻‍♀ अगर आप 3 बजे के बाद सोते हैं ? दुर्भाग्य से आपके पास शरीर को विषमुक्त करने के लिए कोई समय नहीं बचा | यदि आप इसी तरह से सोना जारी रखते हैं, समय के साथ ये विषाक्त पदार्थ आपके शरीर में जमा होने लगते हैं |*

*💁🏻‍♀ क्या आप कभी देर तक जागे हैं? क्या आपने महसूस किया है कि अगले दिन आपको बहुत थकान होती है, चाहे आप कितने भी घण्टे सो लें ?*

*💁🏻‍♀ शरीर को विषमुक्त करने का पूरा समय न देकर आप शरीर की कई महत्त्वपूर्ण क्रियाओं से भी चूक जाते हैं |*

*💁🏻‍♀ प्रात: 3 से 5 के बीच रक्त संचरण का केन्द्र आपके लंग्स होते हैं |*
*👉🏻 इस समय आपको ताज़ी हवा में साँस लेना चाहिए और व्यायाम करना चाहिए | अपने शरीर में अच्छी ऊर्जा भर लेनी चाहिए, किसी उद्यान में बेहतर होगा | इस समय हवा एकदम ताज़ी और लाभप्रद अयनों से भरपूर होती है |*

*💁🏻‍♀ प्रात: 5 से 7 के बीच रक्त संचरण का केन्द्र आपकी बड़ी आँत की ओर होता है | आपको इस समय शौच करना चाहिए | अपनी बड़ी आँत से सारा अनचाहा मल बाहर कर देना चाहिए | अपने शरीर को दिन भर ग्रहण किए जाने वाले पोषक तत्वों के लिए तैयार करें |*

*💁🏻‍♀ सुबह 7 से 9 के बीच रक्त संचरण का केन्द्र आपका पेट या अमाशय होता है | इस समय आपको नाश्ता करना चाहिए | यह दिन का सबसे जरूरी आहार है | ध्यान रखें कि इसमें सारे आवश्यक पोषक तत्त्व हों | सुबह नाश्ता न करना भविष्य में कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का कारण बनता है |*

*👉🏻 तो आपके पास अपने दिन की शुरुआत करने का आदर्श तरीका आ गया है l अपने शरीर की प्राकृतिक जैविक घड़ी का अनुसरण करते ~ अपनी प्राकृतिक दिनचर्या का पालन करें |*
*🙏🏻स्वस्थ रहें, व्यस्त रहें, मस्त रहें।🙏🏻* *