आज का पंचाग आपका राशि फल, चमोली के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में वर्षों बाद खिली संजीवनी ‘फेन कमल’ की ऐसी क्यारियाँ, महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री का जन्मदिवस, जाने वीर सावरकर के विषय में, जाम साहब दिग्विजय सिंह ने अपना महल विदेशी शरणार्थियों को दे दिया

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शनिवार, ०२ अक्टूबर २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:१६
सूर्यास्त: 🌅 ०६:०३
चन्द्रोदय: 🌝 २६:३६
चन्द्रास्त: 🌜१५:४८
अयन 🌕 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 एकादशी (२३:१० तक)
नक्षत्र 👉 आश्लेशा (२७:३५ तक)
योग 👉 सिद्ध (१७:४७ तक)
प्रथम करण 👉 बव (११:१३ तक)
द्वितीय करण 👉 बालव (२३:१० तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 सिंह (२७:३४ से)
मंगल 🌟 कन्या (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कन्या (अस्त, पूर्व, वक्री)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 वृश्चिक (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४२ से १२:३०
अमृत काल 👉 २५:५७ से २७:३५
विजय मुहूर्त 👉 १४:०४ से १४:५२
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:४९ से १८:१३
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४२ से २४:३१
राहुकाल 👉 ०९:०८ से १०:३७
राहुवास 👉 पूर्व
गुलिक काल 👉 ०६:११ से ०७:३९
यमगण्ड 👉 १३:३५ से १५:०४
होमाहुति 👉 राहु (२७:३५ तक)
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पाताल (२३:१० से पृथ्वी)
चन्द्रवास 👉 उत्तर (पूर्व २७:३५ से)
शिववास 👉 कैलाश पर (२३:१० नन्दी पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पूर्व-उत्तर (वाय विन्डिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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इंदिरा एकादशी (व्रत सभी के लिये), एकादशी तिथि का श्राद्ध, शुक्र वृश्चिक में ०९:४६ से आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २७:३५ तक जन्मे शिशुओ का नाम
आश्लेषा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (डी, डू, डे, डो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम मघा नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश (मा) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या – २९:०५ से ०७:२३
तुला – ०७:२३ से ०९:४४
वृश्चिक – ०९:४४ से १२:०४
धनु – १२:०४ से १४:०७
मकर – १४:०७ से १५:४८
कुम्भ – १५:४८ से १७:१४
मीन – १७:१४ से १८:३८
मेष – १८:३८ से २०:११
वृषभ – २०:११ से २२:०६
मिथुन – २२:०६ से २४:२१
कर्क – २४:२१ से २६:४३
सिंह – २६:४३ से २९:०२
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०६:११ से ०७:२३
रज पञ्चक – ०७:२३ से ०९:४४
शुभ मुहूर्त – ०९:४४ से १२:०४
चोर पञ्चक – १२:०४ से १४:०७
शुभ मुहूर्त – १४:०७ से १५:४८
रोग पञ्चक – १५:४८ से १७:१४
शुभ मुहूर्त – १७:१४ से १८:३८
शुभ मुहूर्त – १८:३८ से २०:११
रोग पञ्चक – २०:११ से २२:०६
शुभ मुहूर्त – २२:०६ से २३:१०
मृत्यु पञ्चक – २३:१० से २४:२१
अग्नि पञ्चक – २४:२१ से २६:४३
शुभ मुहूर्त – २६:४३ से २७:३५
रज पञ्चक – २७:३५ से २९:०२
शुभ मुहूर्त – २९:०२ से ३०:११
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज भी मध्यान तक का समय मानसिक रूप से अशांति वाला रहेगा। घर और कार्य क्षेत्र में तालमेल बैठाने में खासी परेशानी आएगी। घर का वातावरण भी उग्र रहेगा अपने मन की बात किसी से बांटने पर सहयोग मिलने की जगह मजाक बनाये जाने से मन अधिक दुखी होगा। आज आपका मन किसी अरिष्ट की आशंका से भयभीत भी रहेगा लेकिन ऐसा कुछ घटित हुआ भी तो आपको डरने की आवश्यकता नही दोपहर बाद से स्थित आपके पक्ष में बनने लगेगी आपका विरोध करने वालो को भी आपकी सहायता की आवश्यकता पड़ेगी। व्यवसायी वर्ग मोल।भाव मे समय खराब करेंगे जिसका प्रभाव आमदनी पर पड़ेगा। नौकरी करने वालो को काम।निकलने के लिये लालच दिया जाएगा परन्तु आज अनैतिक कर्म से बचे अन्यथा मान हानि निश्चित होगी। कफ अथवा खांसी से परेशानी हो सकती है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपको लाभ के अवसर उपलब्ध कराएगा। कार्य व्यवसाय में लाभ कमाने के लिये सही गलत का विचार नही करेंगे किसी का टोकना अखरेगा। एक से अधिक कार्यो में भाग्य आजमाएंगे जिससे धन लाभ तो अवश्य और आवश्यकता से अधिक होगा लेकिन स्वभाव में दिखावे की प्रवृति रहने के कारण खर्च अनाप शनाप करेंगे जो आगे जाकर आर्थिक उलझनों का कारण बनेगा। कार्य क्षेत्र पर परिस्थित अनुसार स्वयं को ढाल लेंगे मीठा बोलकर काम सहजता से निकाल लेंगे। लेकिन घर परिवार में आचरण इसके विपरीत रहेगा। घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति बहस के बाद ही करेंगे। जमीन जायदाद के कार्यो से अवश्य लाभ होगा पर भागीदारी के कार्य ना करें। निकट समय के लिये यात्रा की योजना बनेगी इसके लिये धन व्यय भी करेंगे। किसी से कड़वी बात बोलने के कारण अपमानित हो सकते है। कुछ समय के लिये कमजोरी अनुभव होगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज दिन का अधिकांश समय समय खयाली पुलाव पकाने में व्यर्थ करेंगे। मन मे योजनाए बड़ी बड़ी बनाएंगे लेकिन इनको साकार करना सपना देखना जैसा रहेगा। धन एव सहयोग की कमी आज प्रत्येक कार्य मे बाधक बनेगी। आर्थिक विषयो में किसी अन्य के ऊपर निर्भर रहना पड़ेगा। बुद्धि विवेक के मामले में आप अन्य लोगो से अव्वल रहेंगे लेकिन व्यवहारिकता की कमी बने बनाये कार्यो को बिगाड़ सकती है। आज किसी से काम निकालने के लिये झूटी तारीफ एवं चापलूसी करनी ही पड़ेगी इसके बाद भी लाभ होने में संदेह ही रहेगा। घर मे माता अथवा किसी अन्य स्त्री वर्ग से अहम को लेकर वैचारिक मतभेद हो सकते है यहां स्वयं को छोटा मां लेने से कामनापूर्ति सहज हो जाएगा अन्यथा एक नई मुसीबत खड़ी कर लेंगे। मन मे लंबी यात्रा की योजना बनेगी पर धन की कमी के कारण टल सकती है। मानसिक भय को छोड़ सेहत लगभग ठीक ही रहेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आप मौज मस्ती के मूड में।रहेंगे। मध्यान तक का समय कार्यो के प्रति लापरवाही में बीतेगा इसके बाद कोई आवश्यक कार्य पूर्ण करने में व्यस्त हो जाएंगे। आज आपका ध्यान कार्य करते समय भी मनोरंजन की तरफ भटकेगा जिससे कार्य क्षेत्र पर स्थिरता नही बन पाएगी। हंसी मजाक में सहकर्मियो एवं परिजनों को बेवजह परेशान करना आगे भारी पड़ेगा। पैतृक एवं पुराने कार्य से धन लाभ होगा लेकिन रुक नही पायेगा आज संचित धन में से भी खर्च करना पास सकता है। घर ने भाई बंधुओ से कम ही पटेगी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप के किये तैयार रहेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र पर आपकी छवि धनवान जैसी ही रहेगी लेकिन अंदर से इसके विपरीत अनुभव करेंगे। घर अथवा देव स्थल के धार्मिक कार्य मे मन मारकर सम्मिलित होना पड़ेगा। मौसम जनित बीमारी से सावधान रहें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आपको आज मध्यान तक धैर्य धारण करने की आवश्यकता है। मध्यान तक जोभी कार्य करेंगे उसमे धन अथवा समय बर्बाद होने की संभावना अधिक रहेगी आप भी जल्दी से जोखिम लेने के लिये तैयार नही रहेंगे लेकिन किसी के उकसावे में आकर अनुचित कदम उठा सकते है। आर्थिक कार्यो को आज टालना ही बेहतर रहेगा। मध्यान बाद से परिस्थिति में धीरे-धीरे सुधार आने लगेगा। कही से लाभ की संभावना जागेगी धन भी अकस्मात मिलने से हिम्मत बढ़ेगी लेकिन स्वभाव में चंचलता भी बढ़ने से निर्णय गलत होने की संभावना भी अधिक रहेगी। पारिवारिक वातावरण में संध्या बाद थोड़ी बहुत खटपट के बाद सुधार होगा। संतान के सहयोग एवं स्वयं के विवेक से सरकारी क्षेत्र के अधूरे कार्य आगे बढ़ेंगे। वायरल बुखार अथवा शल्य चिकित्सा के कारण धन व्यय हो सकता है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन व्यर्थ की उठापटक में बीतेगा जिस कार्य को करना चाहिये उसमे लापरवाही करेंगे नही करने वाले कार्यो को प्रसन्न होकर करेंगे जिससे सामाजिक।एव पारिवारिक सम्मान में कुछ कमी आएगी लेकिन आज आस पास के लोगो को आपकी हर प्रकार से मदद की आवश्यकता पड़ेगी जिसकारण कोई भी आपका प्रतिरोध करने से पहले एकबार अवश्य सोचेगा। कार्य क्षेत्र पर अपनी वाणी के प्रभाव से लोगो का दिल जीतेंगे फिर भी आर्थिक लाभ पाने के लिये अपने स्वाभिमान को त्यागना पड़ेगा। धन की आमद न्यून रहेगी लेकिन खर्च आकस्मिक होने से आर्थिक संतुलन गड़बड़ायेगा। आज पारिवारिक मामलों की अनदेखी करेंगे किसी सदस्य के नाराज होने पर मनाने की जगह उल्टा आरोप लगाएंगे। यात्रा की कामना मन मे रह जायेगी। सेहत आज ठीक ही रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आपका ध्यान उलझे घरेलू मामलों को निपटाने पर अधिक रहेगा सन्तानो के साथ घर के अन्य सदस्यों की समस्याओं का मिल बैठकर समाधन करेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज धन और सम्मान दोनो मिलेगा लेकिन कुछ न कुछ कमी भी अनुभव होगी। काले वस्तु अथवा तेल के व्यवसाय से जुड़े लोगों को नए लाभ के अनुबन्ध मिलेंगे। नौकरी पेशाओ से आज लापरवाही में कोई गलती होने की संभावना है जिसका भुगतान लंबे समय तक किसी न किसी रूप में करना पड़ेगा। सरकारी क्षेत्र पर व्यवहारिकता बढ़ेगी लेकिन अपना कार्य निकालने की जगह अन्य के कार्यो को सुलझाने से स्वयं उलझ जाएंगे। कुछ समय के लिये कार्यो से ऊबन अनुभव होगी बाहर घूमने की योजना बनाएंगे लेकिन व्यर्थ की उलझनों के चलते टालनी पड़ेगी। सेहत आज छूट पुट बातो को छोड़ उत्तम रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप धर्म कर्म के प्रति विशेष ध्यान देंगे मन मे आध्यात्मिक भाव और भय दोनो रहेंगे। दिन का आरंभिक भाग मानसिक रूप से शांत रहेगा इसके बाद का अधिकांश समय भागदौड़ में बीतेगा किसी से किया वादा पूर्ण करना आपके लिये चुनौती भरा रहेगा इसके पीछे शारीरिक आवश्यकताओं की भी अनदेखी करेंगे कार्य व्यवसाय में कुछ समय के लिए तेजी बनेगी इसका लाभ उठायें दिन भर इसी के सहारे रहना पड़ेगा। आज सुखोपभोग में कटौती कर बचत करने में सफल रहेंगे लेकिन अंत समय मे कोई नया खर्च बनने से कामना अधूरी रह जायेगी। किसी परिजन का आवश्यकता से अधिक बोलना मन को अखरेगा लेकिन कलह के भय से अनदेखा करेंगे। माता अथवा किसी स्त्री वर्ग की सेहत चिंता का विषय रहेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज दिन का आरंभिक भाग बेचैनी वाला रहेगा सेहत में सुधार अनुभव करेंगे लेकिन लापरवाही के चलते कोई नई समस्या खड़ी होगी। आज किसी भी प्रकार के जोखिम वाले कार्य एवं यात्रा लोहे एवं ठंडे पदार्थो से संभलकर रहे किसी न किसी रूप में शारीरिक कष्ट होने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा कम रहने के बाद भी इसका कोई विशेष लाभ नही उठा सकेंगे व्यवसाय में अस्थिरता रहेगी फिर भी कामचलाऊ आय बिना भागदौड़ किये मिल जाएगी लेकिन सरकारी कार्य ढीले पड़ने तथा उधारी एवं कर्ज को लेकर मानसिक अशांति रहेगी। संध्या के समय अपने पराक्रम से हानि वाले कार्यो को अपने पक्ष में कर लाभ कमाएंगे। महिलाए आज अनिद्रा एवं असंतोष की भावना से ग्रस्त रहेंगी। घर मे किसी की गलती पर विरोध करना उल्टा पड़ जायेगा। संध्या के समय धार्मिक भावनाएं जागृत होंगी धार्मिक कार्यो में उपस्थिति देंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन बीते दिन की तुलना में धैर्य कम रहेगा। जो भी कार्य करेंगे उसका परिणाम शीघ्र ना मिलने पर अधीर हो उठेंगे। जल्दबाजी में किये कार्य मे कुछ न कुछ नुक्स निकलने पर दोबारा करना पड़ेगा इसका ध्यान रहे। कार्य क्षेत्र पर भी आज धन पाने की लालसा में अनैतिक मार्ग अपना सकते है आरंभ में इससे लाभ ही होगा लेकिन अंत यहां भी निराश करेगा । सफेद वस्तु एवं सौन्दर्यप्रसाधन-साजसज्जा के कार्यो में निवेश भविष्य में लाभ दिला सकता है। व्यावसायिक एवं धार्मिक कारणों से यात्रा हो सकती है इसमे सामान का ख्याल रखे गम होने की आशंका है। अचल संपत्ति के कार्यो में धन फंसने पर आगे की योजना अधर में लटकेंगी। घरेलू वातावरण संध्या पश्चात उग्र होने की संभावना है विवेक से काम लें। चर्म रोग, अथवा जुखाम से परेशानी हो सकती है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज भी आपका स्वभाव साथ वालो के लिये परेशानी खड़ी करेगा। बात बात में शक करने की आदत प्रेम संबंधों में खटास लाएगी। कार्य क्षेत्र पर आज भाग्य का साथ मिलने पर भी अधिकांश कार्य या सौदे अंत समय मे लटकेंगे अथवा कम लाभ में करने पड़ेंगे। धन की स्थिति में बीते दिन से सुधार आएगा लेकिन घरेलू एवं व्यावसायिक खर्च भी अन्य दिन से अधिक रहने के कारण बचत नही हो सकेगी। कोर्ट कचहरी के कार्य मे अतिरिक्त समय और धन का व्यय हो सकता है फिर भी परिणाम आशाजनक नही मिलने से क्रोध आएगा। अचल संपत्ति संबंधित कार्य आज ना करें बेकार की उलझन बढ़ेंगी। घरेलू वातावरण में शांति रहेगी लेकिन स्वार्थ की भावना प्रबल सहने के कारण आत्मीयता की कमी देखने को मिलेगी। सार्वजिनक क्षेत्र पर दिखावे के कारण सम्मान मिलेगा। पुराने रोग से दोबारा परेशानी हो सकती है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन भागदौड़ में बीतेगा दिन का पहला भाग पूजापाठ आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने में लगाएंगे इससे कुछ समय के लिये आत्म शान्ति अनुभव होगी लेकिन सांसारिक कामनाओ की चाहता ज्यादा देर शांत नही रहने देगी। कार्य क्षेत्र पर बौद्धिक और शारीरिक मेहनत के बाद भी आज कुछ न कुछ कमी का अनुभव होगा। आपका स्वभाव हर किसी से मेल ना खाने के कारण अपनी बातों को स्पष्ट रूप से कहने में संकोच करेंगे। धन की आमद और खर्च बराबर रहेंगे सरकारी कार्यो में थोड़े प्रयास के बाद सफलता मिल जाएगी लेकिन परिणाम आने में समय लग सकता है। पारिवारिक कारणों से चिंतित रहेंगे लेकिन भाई बंधुओ के जिद्दी व्यवहार के कारण स्वय को मजबूर अनुभव करेंगे। खाली समय दिमाग मे उटपटांग विचार आएंगे। सेहत कभी नरम कभी गरम रहेगी।
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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏

✍️संजय कुंवर

सुखद!– रूपकुण्ड और सप्तकुंड की पहाड़ियों में बरसों बाद खिली दुर्लभ फेन कमल की क्यारियाँ, प्रकृति प्रेमी अतीव प्रसन्न …..
ग्राउंड जीरो से संजय चौहान!
भले ही उत्तराखंड में इस बार अभी तक वर्षा ऋतु की बारिश सामान्य से 23 प्रतिशत कम हुई है। 24 जून को मानसून के आने के बाद से करीब 86 दिन बाद शुक्रवार तक प्रदेश में औसत 1128.2 मिलीमीटर बारिश होनी थी, लेकिन इस अवधि में केवल 871.4 मिलीमीटर बारिश हुई। अब राज्य में मानसून विदा होने को है। लेकिन अबकी बार एक सुखद समाचार से प्रकृति प्रेमी और वन विभाग के चेहरे खिल उठे हैं। इस बार चमोली के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित बुग्यालो और पहाडियों में बरसों बाद संजीवनी बूटी अर्थात फेन कमल की भरमार देखने को मिली। मैंने जीवन में पहली बार फेन कमल की ऐसी क्यारियाँ देखी है। शायद फेन कमल की ऐसी फोटो भी आपको पहली बार देखने को मिल रही होंगी। जो की पर्यावरणीय दृष्टि से बेहद शुभ संकेत और शुकुन भरी खबर है। विगत दिनों सुतोल के रास्ते बेहद कठिन रूपकुण्ड ट्रैकिंग कर वापस लौटे ट्रैकर मकर सिंह नेगी और रोमांच से भरी सप्तकुंड ट्रैक से वापस लौटे ट्रैकर बृहषराज तडियाल और सुखबीर नें बताया की इस बार रूपकुण्ड की पहाड़ियों से लेकर सप्तकुंड तक दुर्लभ हिमालयी पुष्प फेनकमल की भरमार है। बरसों बाद इतनी संख्या में फेनकमल का खिलना पर्यावरणीय दृष्टि से शुभ संकेत हैं।

गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जनपद में फूलो की घाटी, रूपकुंड, सप्तकुंड, नंदी कुंड, हेमकुण्ड, द्रोणागिरी, चिनाप फूलों की घाटी, सहित अन्य क्षेत्र में औषधीय गुणों से युक्त बेहद सुंदर और अतिदुर्लभ फूल पाए जाते हैं, जिनमें ब्रह्म कमल और फेन कमल प्रमुख हैं, इनकी सुंदरता हर किसी को मन्त्र मुग्ध कर देने वाली होती है। फेनकमल हिमालय में 4500 मीटर से 6000 मीटर तक की ऊचाई पर मिलता है। जिसका वैज्ञानिक नाम Sassurea Simpsoniata है। यह अमूमन जुलाई मध्य से अक्तूबर मध्य के बीच बहुतायत मात्रा में खिलता है। खासतौर पर उन पहाडियों में जहां पत्थरों की भी भरमार होती है। सफेद रंग के इस फूल को देखने में ऐसा लगता है जैसे मानो किसी ने पत्तियों के बीच साबुन का झाग का गोला सा बना दिया हो। कहा जाता है की इस पुष्प से भगवान शिव के अघोरी औघड़ रूप की पूजा होती है। यह ब्रह्म कमल की तरह खुशबूदार नहीं होता है। इस पुष्प की धार्मिक महत्ता भले ही कम है, मगर औषधीय गुणों में यह ब्रह्मकमल या अन्य हिमालयी जड़ी बूटियों में सबसे उच्च स्थान रखता है। इसीलिए आयुर्वेदाचार्य और आयुर्वेद मनीषियों द्वारा इसे ही हिमालय में प्राप्य संजीवनी बूटी माना गया है। मान्यता है कि राम – रावण युद्ध के दौरान जब लक्ष्मण, मेघनाद द्वारा शक्ति लगने के कारण मूर्छित हो गए थे तो वीर हनुमान द्वारा हिमालय के द्रोणागिरी पर्वत से इस बहुमूल्य बूटी वाले पहाड़ को ही लंका ले जाया गया। जिसके बाद सुषैण वैद्य की सहायता से लक्ष्मण के प्राण बचाए गए थे।

वास्तव में देखा जाए तो तो इस बार हिमालय के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित बुग्यालो और पहाडियों में संजीवनी बूटी अर्थात फेन कमल की भरमार न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से बेहद शुभ संकेत हैं अपितु अन्य औषधीय पादपों के लिए भी शुभ है। क्योंकि विगत कई बरसों से औषधीय पादपों को लेकर बेतहाशा दोहन की खबरें सामने आई थी। लेकिन अब उम्मीद की जानी चाहिए की आनें वाले समय में भी लोगों को हिमालर की पहाड़ियों में बहुमूल्य पुष्प फेनकमल की भरमार देखने को मिलेगी।

*वीर सावरकर कौन थे..?*
आजकल कुछ वामपंथी वीर सावरकर को कोसते रहते हैं। परन्तु वीर सावरकर की ये 25 बातें पढ़कर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो उठेगा। इसको पढ़े बिना आज़ादी का ज्ञान अधूरा है! आइए जानते हैं एक ऐसे महान क्रांतिकारी के बारे में जिनका नाम इतिहास के पन्नों से मिटा दिया गया। जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के द्वारा इतनी यातनाएं झेलीं की उसके बारे में कल्पना करके ही इस देश के करोड़ों भारत माँ के कायर पुत्रों में सिहरन पैदा हो जायेगी।
जिनका नाम लेने मात्र से आज भी हमारे देश के राजनेता भयभीत होते हैं क्योंकि उन्होंने माँ भारती की निस्वार्थ सेवा की थी। वो थे हमारे परमवीर सावरकर।
1. वीर सावरकर पहले क्रांतिकारी देशभक्त थे जिन्होंने 1901 में ब्रिटेन की रानी विक्टोरिया की मृत्यु पर नासिक में शोक सभा का विरोध किया और कहा कि वो हमारे शत्रु देश की रानी थी, हम शोक क्यूँ करें? क्या किसी भारतीय महापुरुष के निधन पर ब्रिटेन में शोक सभा हुई है.?
2. वीर सावरकर पहले देशभक्त थे जिन्होंने एडवर्ड सप्तम के राज्याभिषेक समारोह का उत्सव मनाने वालों को त्र्यम्बकेश्वर में बड़े बड़े पोस्टर लगाकर कहा था कि गुलामी का उत्सव मत मनाओ..!
3. विदेशी वस्त्रों की पहली होली पूना में 7 अक्तूबर 1905 को वीर सावरकर ने जलाई थी…!
4. वीर सावरकर पहले ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्होंने विदेशी वस्त्रों का दहन किया, तब बाल गंगाधर तिलक ने अपने पत्र केसरी में उनको शिवाजी के समान बताकर उनकी प्रशंसा की थी *जबकि इस घटना की दक्षिण अफ्रीका के अपने पत्र ‘इन्डियन ओपीनियन’ में गाँधी ने निंदा की थी…!
5. सावरकर द्वारा विदेशी वस्त्र दहन की इस प्रथम घटना के 16 वर्ष बाद गाँधी उनके मार्ग पर चले और 11 जुलाई 1921 को मुंबई के परेल में विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार किया…!
6. सावरकर पहले भारतीय थे जिनको 1905 में विदेशी वस्त्र दहन के कारण पुणे के फर्म्युसन कॉलेज से निकाल दिया गया और दस रूपये जुरमाना किया… इसके विरोध में हड़ताल हुई… स्वयं तिलक जी ने ‘केसरी’ पत्र में सावरकर के पक्ष में सम्पादकीय लिखा…!
7. वीर सावरकर ऐसे पहले बैरिस्टर थे जिन्होंने 1909 में ब्रिटेन में ग्रेज-इन परीक्षा पास करने के बाद *ब्रिटेन के राजा के प्रति वफ़ादार होने की शपथ नहीं ली…* इस कारण उन्हें *बैरिस्टर होने की उपाधि का पत्र कभी नहीं दिया गया…!*
8. वीर सावरकर पहले ऐसे लेखक थे जिन्होंने अंग्रेजों द्वारा ग़दर कहे जाने वाले संघर्ष को ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ नामक ग्रन्थ लिखकर सिद्ध कर दिया…!
9. सावरकर पहले ऐसे क्रांतिकारी लेखक थे जिनके लिखे ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ पुस्तक पर ब्रिटिश संसद ने प्रकाशित होने से पहले प्रतिबन्ध लगाया था…।
10. *‘1857 का स्वातंत्र्य समर’* विदेशों में छापा गया और भारत में भगत सिंह ने इसे छपवाया था जिसकी एक एक प्रति तीन-तीन सौ रूपये में बिकी थी…! भारतीय क्रांतिकारियों के लिए यह पवित्र गीता थी… पुलिस छापों में देशभक्तों के घरों में यही पुस्तक मिलती थी…!
11. वीर सावरकर पहले क्रान्तिकारी थे जो समुद्री जहाज में बंदी बनाकर ब्रिटेन से भारत लाते समय आठ जुलाई 1910 को समुद्र में कूद पड़े थे और तैरकर फ्रांस पहुँच गए थे…!
12. सावरकर पहले क्रान्तिकारी थे जिनका मुकद्दमा अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय हेग में चला, मगर ब्रिटेन और फ्रांस की मिलीभगत के कारण उनको न्याय नहीं मिला और बंदी बनाकर भारत लाया गया…!
13. वीर सावरकर विश्व के पहले क्रांतिकारी और भारत के पहले राष्ट्रभक्त थे जिन्हें अंग्रेजी सरकार ने दो आजन्म कारावास की सजा सुनाई थी…!
14. सावरकर पहले ऐसे देशभक्त थे जो दो जन्म कारावास की सजा सुनते ही हंसकर बोले – *“चलो, ईसाई सत्ता ने हिन्दू धर्म के पुनर्जन्म सिद्धांत को मान लिया”…!*
15. वीर सावरकर पहले राजनैतिक बंदी थे जिन्होंने काला पानी की सज़ा के समय 10 साल से भी अधिक समय तक आज़ादी के लिए कोल्हू चलाकर 30 पोंड तेल प्रतिदिन निकाला…!
16. वीर सावरकर काला पानी में पहले ऐसे कैदी थे जिन्होंने काल कोठरी की दीवारों पर कंकर कोयले से कवितायें लिखीं और 6000 पंक्तियाँ याद रखी..!
17. वीर सावरकर पहले देशभक्त लेखक थे, जिनकी लिखी हुई पुस्तकों पर आज़ादी के बाद कई वर्षों तक प्रतिबन्ध लगा रहा…!
18. वीर सावरकर पहले विद्वान लेखक थे जिन्होंने हिन्दू को परिभाषित करते हुए लिखा कि :
*‘आसिन्धु सिन्धुपर्यन्ता यस्य भारत भूमिका,*
*पितृभू: पुण्यभूश्चैव स वै हिन्दुरितीस्मृतः।*
अर्थात समुद्र से हिमालय तक भारत भूमि जिसकी पितृभूमि है, जिसके पूर्वज यहीं पैदा हुए हैं व यही पुण्य भूमि है, जिसके तीर्थ भारत भूमि में ही हैं, वही हिन्दू है..! (हिन्दू की इस परिभाषा को सभी स्वीकार नहीं करते। )
*19. वीर सावरकर प्रथम राष्ट्रभक्त थे जिन्हें अंग्रेजी सत्ता ने 30 वर्षों तक जेलों में रखा तथा आजादी के बाद 1948 में नेहरु सरकार ने गाँधी हत्या की आड़ में लाल किले में बंद रखा पर न्यायालय द्वारा आरोप झूठे पाए जाने के बाद ससम्मान रिहा कर दिया…* देशी-विदेशी दोनों सरकारों को उनके राष्ट्रवादी विचारों से डर लगता था…!
20. वीर सावरकर पहले क्रांतिकारी थे जब उनका 26 फरवरी 1966 को उनका स्वर्गारोहण हुआ तब *भारतीय संसद में कुछ सांसदों ने शोक प्रस्ताव रखा तो यह कहकर रोक दिया गया कि वे संसद सदस्य नहीं थे जबकि चर्चिल की मौत पर शोक मनाया गया था…!*
21. वीर सावरकर पहले क्रांतिकारी राष्ट्रभक्त स्वातंत्र्य वीर थे जिनके मरणोपरांत 26 फरवरी 2003 को उसी संसद में मूर्ति लगी जिसमे कभी उनके निधन पर शोक प्रस्ताव भी रोका गया था…!
*22. वीर सावरकर ऐसे पहले राष्ट्रवादी विचारक थे जिनके चित्र को संसद भवन में लगाने से रोकने के लिए कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाँधी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा लेकिन राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम ने सुझाव पत्र नकार दिया और वीर सावरकर के *चित्र का अनावरण राष्ट्रपति ने अपने कर-कमलों से किया…!*
*23. वीर सावरकर पहले ऐसे राष्ट्रभक्त हुए जिनके शिलालेख को अंडमान द्वीप की सेल्युलर जेल के कीर्ति स्तम्भ से UPA सरकार के मंत्री मणिशंकर अय्यर ने हटवा दिया था और उसकी जगह गांधी का शिलालेख लगवा दिया..!*
24. वीर सावरकर ने दस साल आज़ादी के लिए काला पानी में कोल्हू चलाया था जबकि गाँधी ने काला पानी की उस जेल में कभी दस मिनट चरखा नहीं चलाया..?
25. वीर सावरकर माँ भारती के पहले सपूत थे जिन्हें जीते जी और मरने के बाद भी आगे बढ़ने से रोका गया… पर आश्चर्य की बात यह है कि इन सभी विरोधियों के घोर अँधेरे को चीरकर आज वीर सावरकर सभी में लोकप्रिय और युवाओं के आदर्श बन रहे हैं।
*वन्दे मातरम्।।*
जब हिटलर ने पोलैंड पर आक्रमण कर के द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत की… तो उस समय पोलैंड के सैनिकों ने अपने देश की 500 महिलाओं और लगभग 200 बच्चों को एक जहाज़ में बैठा कर समुद्र में छोड़ दिया और कैप्टन से कहा कि इन्हें किसी भी देश में ले जाओ, जहाँ इन्हें शरण मिल सके, यदि जीवन रहा… हम बचे रहे अथवा ये बचे रहे तो दुबारा मिलेंगे !
500 शरणार्थी पोलिश महिलाओं और 200 बच्चों से भरा वो जहाज ईरान के सिराफ़ बंदरगाह पहुंचा, वहाँ किसी को शरण क्या उतरने की अनुमति तक नहीं मिली, फिर सेशेल्स में भी नहीं मिली, उस के उपरान्त अदन में भी अनुमति नहीं मिली…। अंत में समुद्र में भटकता-भटकता वो जहाज गुजरात के जामनगर के तट पर आया….!
जामनगर के तत्कालीन महाराजा “जाम साहब दिग्विजय सिंह” ने न केवल 500 महिलाओं व 200 बच्चों के लिए अपना एक राजमहल जिसे हवामहल कहते हैं, वो रहने के लिए दिया बल्कि अपनी रियासत में बालाचढ़ी में सैनिक स्कूल में उन बच्चों की पढाई लिखाई की व्यवस्था की। ये शरणार्थी जामनगर में कुल नौ वर्ष रहे।
उन्हीं शरणार्थी बच्चों में से एक बच्चा कालांतर में पोलैंड का प्रधानमंत्री भी बना….। आज भी प्रत्येक वर्ष उन शरणार्थियों के वंशज जामनगर आते हैं और अपने पूर्वजों को याद करते हैं।
पोलैंड की राजधानी वारसा में कई सडकों के नाम महराजा जाम साहब के नाम पर हैं, उन के नाम पर पोलैंड में कई योजनायें चलती हैं। प्रत्येक वर्ष पोलैंड के समाचार पत्रों में महाराजा जाम साहब दिग्विजय सिंह जी के बारे में आर्टिकल छपता है। प्राचीन काल से भारत वसुधैव_कुटुम्बकम व सहिष्णुता का पाठ संसार को पढ़ाता आया है और आज कल के नौसिखिए नेता, ऐजेंडाधारी मीडिया , मलेच्छ आदि लोग भारत की सहिष्णुता पर प्रश्न चिह्न लगाते फिरते हैं ?
जय जननी, जय भारतभूमि !
यही है सनातन धर्म व संस्कृति,
ऐसा है हमारा भारत वर्ष।
भारत के राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में भारत का आत्म विश्वास जगाने वाले भारतीय सनातन धर्म संस्कृति के मूल मंत्र अहिंसा परमोधरम धर्म हिंसा तथैव च: को चरितार्थ करने वाले सांवरमती के संत मोहन दास कर्मचंद्र गांधी जी और जय जवान जय किसान का मूलमंत्र देने वाले भारत का स्वाभिमान बढ़ाने वाले सरल स्वभाव के धनी सादगीपूर्ण निष्ठावान प्रधानमंत्री श्री पंडित लाल बहादुर शास्त्री जी के जन्म दिवस पर उन्हें सादर नमन् 💐💐✍️💐💐✍️