*भद्रा ददृक्ष उर्विया वि भास्युत् ते शोचिर्भानवो द्यामपप्तन्।आविर्वक्ष: कृणुषे शुम्भमानोषो देवि रोचमाना महोभि:।।*
*हे उषे! तू दिव्य रश्मियों से शोभायमान होती है।तू उज्जवल रश्मियों से सुशोभित, अपने अंतर्स्थल को उदित कर अपने प्रकाश से सबका मंगल करती हो।*
*वहन्ति सीमरुणासो रुशन्तो गाव: सुभगामुर्विया प्रथानाम्।अपेजते शूरो अस्तेव शत्रून् बाधते तमो अजिरो न वोलहा।।*
*हे श्रेष्ठ गमन करने वाली धनवती उषे! तू हविदाता को अन्न,बल,रस और यश प्रदान करती है।तू हम यजमानों को भी अन्न,धन और पुत्र से युक्त करे।*
*भगवान सूर्य देव की कृपादृष्टि सदैव आप एवं आपके परिवार पर बनी रहे ।*
*🙏🍁 सुप्रभात 🍁🙏*
*🙏आज का विचार 🙏*
*किसी को मकान बनाने में आनन्द आता है तो बनाने दो अगर आपको अपने झोपड़े में प्रसन्नता है तो व्यर्थ में मकान बनाने की दौड़ में क्यों दौड़ रहे हो?*
*अगर आप अपने वर्तमान से संतुष्ट हो प्रसन्न हो तो दूसरे क्या कर रहे है उनसे तुलना करके खुद को परेशान न करें*
*क्योंकि कुछ पाने की आपकी यह दौड़ समय लेगी, शक्ति लेगी, जीवन लेगी और जो आप पा लोगे उससे आपको कभी तृप्ति सन्तुष्टि नही मिलेगी, क्योंकि आप जिसके लिए दौड़े हो वह आपकी चाह कभी भी नही थी।*
*आजकल हम दूसरों को देख कर दौड़ रहे हैं दुसरो से तुलना कर रहे हैं इसीलिए तो हम सब मे इतनी अतृप्ति है।*
*प्रभावित होके देखा देखी में दौड़ने के बाद कुछ न मिले तो तकलीफ होती है और कुछ मिल जाए तो हम पाते है कि पाई हुई वस्तु में कोई सार ही नहीं है,*
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*•🌺कृष्णमय शु-प्रभात🌺•*
*🌿🔔जय भोले नाथ🔔🌿*
*शुप्रभात मित्रो आपका दिन शुभ एवम् खूबसूरत हो*
*🙏🏻ॐ सूर्यो देवाय नमः🙏🏻*
*पुण्य लाभ के लिए इस पंचांग को औरों को भी अवश्य भेजिए🙏🏻🙏🏻*🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 16 अक्टूबर 2022*
🌤️ *दिन – रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शरद ॠतु*
🌤️ *मास – कार्तिक (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार अश्विन)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – षष्ठी सुबह 07:03 तक तत्पश्चात सप्तमी*
🌤️ *नक्षत्र – आर्द्रा 17 अक्टूबर रात्रि 02:15 तक तत्पश्चात पुनर्वसु*
🌤️ *योग – परिघ शाम 03:09 तक तत्पश्चात शिव*
🌤️ *राहुकाल – शाम 04:46 से शाम 06:14 तक*
🌞 *सूर्योदय – 06:35*
🌦️ *सूर्यास्त – 18:12*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – रविवारी सप्तमी (सुबह 7:04 से 17 अक्टूबर सूर्योदय तक)*
🔥 *विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 ~ *वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *पटाखों से जलने पर* 🌷
🎆 *पटाखों से जलने पर जले हुए स्थान पर कच्चे आलू के पतले पतले चिप्स काट कर रख दें या आलू का रस लगा दें । और कुछ ना लगाये । इससे १-२ घंटे में आराम हो जायेगा ।*
🙏🏻 *पूज्य बापूजी – Urli Kanchan 16th Oct 10*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *राहु मंत्र* 🌷
🙏🏻 *राहुदेवता का मंत्र है ..*
🌷 *ॐ राहवे नम: | ॐ राहवे नम: |*
🙏🏻 *अर्धकाय महावीर्यं, चंद्रादित्य विमर्दनं |*
*सिंहिका गर्भसंभूतं ,तं राहूं प्रणमाम्यहं ||*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *शास्त्रों के अनुसार* 🌷
🔵 *दीपावली के दिनों में न करें ये 7 काम*
🙏🏻 *दीपावली के दिनों में देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के उपाय किए जाते है, पूजा की जाती है, लेकिन इन उपायों के साथ ही कुछ सावधानियां भी रखनी जरूरी हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि दीपावली के दिनों में हमें कौन-कौन काम नहीं करना चाहिए। यदि वर्जित किए गए काम दीपावली पर किए जाते हैं तो कई उपाय करने के बाद भी लक्ष्मी कृपा प्राप्त नहीं हो पाती है।*
🔵 *यहां जानिए दीपोत्सव में कौन-कौन से काम न करें…*
❌ *सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए*
*वैसे तो हर रोज सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए, लेकिन काफी लोग ऐसे हैं जो सुबह देर से ही उठते हैं। शास्त्रों के अनुसार दीपावली के दिनों में ब्रह्म मुहूर्त में ही उठ जाना चाहिए। जो लोग इन दिनों में सूर्योदय के बाद तक सोते रहते हैं, उन्हें महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं हो पाती है।*
❌ *माता-पिता और बुजुर्गों का अपमान न करें*
*दीपावली पर इस बात का विशेष ध्यान रखें कि किसी भी परिस्थिति में कोई अधार्मिक काम न हो। माता-पिता एवं बुजुर्गों का सम्मान करें। जो लोग माता-पिता का अनादर करते हैं, उनके यहां देवी-देवताओं की कृपा नहीं होती है और दरिद्रता बनी रहती है। किसी को धोखा ना दें। झूठ न बोलें। सभी से प्रेम पूर्वक व्यवहार करें।*
❌ *घर में गंदगी न रखें*
*दीपावली पर घर में गंदगी नहीं होना चाहिए। घर का कोना-कोना एकदम साफ एवं स्वच्छ होना चाहिए। किसी भी प्रकार की बदबू घर में या घर के आसपास नहीं होनी चाहिए। सफाई के साथ ही घर को महकाने के लिए सुगंधित पदार्थों का उपयोग किया जा सकता है।*
❌ *क्रोध न करें*
*दीपावली पर क्रोध नहीं करना चाहिए और जोर से चिल्लाना भी अशुभ रहता है। जो लोग इन दिनों क्रोध करते हैं या जोर से चिल्लाते हैं, उन्हें लक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं हो पाती है। घर में शांत, सुखद एवं पवित्र वातावरण बनाए रखना चाहिए। लक्ष्मी ऐसे घरों में निवास करती हैं जहां शांति रहती है।*
❌ *शाम के समय न सोएं*
*कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर दिन में या शाम के समय सोना नहीं चाहिए। यदि कोई व्यक्ति बीमार है, वृद्ध है या कोई स्त्री गर्भवती है तो वह दिन में या शाम को सो सकती हैं, लेकिन स्वस्थ व्यक्ति को दिन में या शाम को सोना नहीं चाहिए। शास्त्रों के अनुसार जो लोग ऐसे समय में सोते हैं, वे निर्धन बने रहते हैं।*
❌ *वाद-विवाद न करें*
*इन दिनों में इस बात का भी ध्यान रखें कि घर में किसी भी प्रकार का कलह या झगड़ा नहीं होना चाहिए। घर-परिवार के सभी सदस्य प्रेम से रहें और खुशी का माहौल बनाकर रखें। जिन घरों में झगड़ा या कलह होता है, वहां देवी की कृपा नहीं होती है। घर के साथ ही बाहर भी इस बात का ध्यान रखें कि किसी से वाद-विवाद या झगड़ा ना करें।*
❌ *नशा न करें*
*शास्त्रों के अनुसार इन दिनों में किसी भी प्रकार का नशा करना वर्जित किया गया है। जो लोग दीपावली के दिन नशा करते हैं, वे हमेशा दरिद्र रहते हैं। नशे की स्थिति में घर की शांति भंग हो सकती है और सभी सदस्यों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। इससे बचना चाहिए। अन्यथा वाद-विवाद हो सकते हैं और लक्ष्मी पूजा भी ठीक से नहीं हो पाती है।*
📖 *वैदिक पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*