आयुष्मान भारत संसार की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना:-मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी, मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य एवं बद्रीनाथ मास्टर प्लान में कार्यों को हिमपात से पहले पूर्ण करने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राजपुर रोड़ देहरादून स्थित होटल में देहरादून ऑब्सेटेट्रिक्स एवं गाईन सोसाइटी द्वारा आयोजित ’नारी स्वास्थ्य जन आंदोलन यात्रा – एनीमिया नेशनल राइड’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

      मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समाज में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से कार्य करने वाले लोग हमेशा ही जन सेवा का कार्य करते हैं। बिना आशा एवं अपेक्षा के स्वास्थ्य के प्रति जनजागरूकता के संचालन का कार्य निश्चित रूप से पुण्य का कार्य है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर नारी स्वास्थ्य जन आंदोलन कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे सामाजिक क्षेत्र का महाअभियान बताया। उन्होंने चम्पावत स्थित मायावती अद्वैत आश्रम में अपने प्रवास के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि वहां वे मायावती अस्पताल में सूरत के एक चिकित्सक से मिले। वह साल में अपनी दो माह की सेवा, निस्वार्थ भाव से निशुल्क मायावती आश्रम के अस्पताल में देने आते हैं। उन्होंने कहा ऐसे तमाम लोग जो निस्वार्थ भाव से जनसेवा के कार्य करते हैं वह मानवता की सेवा करने वाले होते हैं। उन्होंने कहा सफल जीवन वही है जो दूसरों की सेवा में समर्पित रहता है।

     मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्चे और अच्छे मन से लोगों की सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं होती, उससे आपको आत्मिक संतुष्टि होती है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज संपूर्ण दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य के क्षेत्र की योजना आयुष्मान भारत योजना भारत में चलाई जा रही है, जिसमे सालाना 5 लाख रुपये के इलाज की गारंटी मिलती है। उन्होंने कहा कि एनीमिया के प्रति भी लोगों को जागरूक करना वास्तव में मातृशक्ति की बड़ी सेवा है। उत्तराखण्ड में मातृशक्ति के कल्याण के लिये विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने सदैव ही राष्ट्रहित एवं मातृ शक्ति के हित में बढ़ते कदमों को मजबूती प्रदान करने हेतु प्रतिबद्धता से प्रयास किये हैं। यह अभिनव पहल अपने उद्देश्य को चरितार्थ कर देवभूमि उत्तराखण्ड सहित भारत के अन्य क्षेत्रों में स्त्री रोग उपचार की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम सिद्ध होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि देवभूमि की मातृशक्ति को सशक्त एवं सुरक्षित बनाने की दिशा में इसी प्रकार के प्रयास निश्चित रूप से सार्थक सिद्ध होंगे।

     कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा हमारा राज्य का पूरे देश में ब्लड डोनेशन में तीसरा स्थान है, टीवी मुक्त भारत में पहले स्थान एवं एनीमिया से लड़ाई के क्षेत्र में टॉप 10 राज्यों में शामिल हैं, उन्होंने बताया कि उत्तराखंड राज्य में अभी तक 50 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं, जिसमें से 6 लाख लोगों को मुफ्त में इलाज मिला है। साथ ही पूरे राज्य में जल्द ही डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने का कार्य भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा पर्वतीय क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज में फैकेल्टी स्टॉप को बढ़ाए जाने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज के फैकल्टी को 50 प्रतिशत अधिक वेतन दिए जाने पर सहमति बनी है, जिससे फैकल्टी डॉक्टर की कमी पूरी होगी।

     इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी, सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा ऋषिकेश पई, देहरादून की अध्यक्ष डॉ. आरती लूथरा डॉ. माधुरी पटेल, डॉ. ज्योति शर्मा, डॉ राधिका रतूड़ी, डॉ अजय खन्ना एवं अन्य चिकित्सक, शिक्षक आदि उपस्थित रहे।

*देहरादून (सू. ब्यूरो)*
मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य एवं बद्रीनाथ मास्टर प्लान कार्यों की समीक्षा की।

मुख्य सचिव ने कहा कि बद्रीनाथ धाम एवं केदारनाथ धाम दोनों में बर्फ पड़ने से पहले पूर्ण किए जाने वाले कार्यों को निर्धारित समय सीमा तक पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कांट्रेक्टर का पैसा किसी भी हाल में रुकना नहीं चाहिए, कांट्रेक्टर का भुगतान समय पर किया जाए। जो कार्य देर से शुरू हुए हैं या अभी तक शुरू ही नहीं हो पाए हैं, उनकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाए।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि बद्रीनाथ में रिवरफ्रंट डेवलपमेंट वर्क्स को अगले सीजन में नदी का जल स्तर बढ़ने से पहले पानी के स्तर से ऊपर तक पूर्ण कर लिया जाए, जिससे बाद में कार्य बाधित न हो। उन्होंने कार्यों में आ रही समस्याओं से उन्हें अवगत कराए जाने के भी निर्देश दिए ताकि समस्याओं का शीघ्र से शीघ्र निस्तारण किया जा सके। उन्होंने कहा कि बर्फबारी के कारण लेबर कम होने से जो समस्याएं आ रही हैं, इसके लिए अन्य राज्यों से भी लेबर की व्यवस्था की जाए, साथ ही पीडब्ल्यूडी अपनी विभागीय लेबर और टेक्निकल लेबर की भी व्यवस्था करे। उन्होंने कहा कि अगली यात्रा शुरू होने से पहले जो कार्य अनिवार्य रूप से पूर्ण होने हैं उन कार्यों पर उपलब्ध लेबर को शिफ्ट कर प्राथिमकता के आधार पर कार्यों को पूर्ण किया जाए।

इस अवसर पर सचिव श्री सचिन कुर्वे सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी एवं विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।