आज का पंचाग आपका राशि फल, जब हनुमान जी ने हनुमान गढ़ी आ कर वानर रूप में टाईम बम डिफ्यूज किया, क्षत्रपति शिवाजी महाराज का पराक्रम और सदाशयता

*🙏🏻श्री हनुमते नमो नमः🙏🏻* 

*पुण्य लाभ के लिए इस पंचांग को औरों को भी अवश्य भेजिए🙏🏻🙏🏻*        

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌤️ *दिनांक – 05 दिसम्बर 2023*

🌤️ *दिन – मंगलवार*

🌤️ *विक्रम संवत – 2080*

🌤️ *शक संवत -1945*

🌤️ *अयन – दक्षिणायन*

🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु* 

🌤️ *मास – मार्गशीर्ष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार कार्तिक)*

🌤️ *पक्ष – कृष्ण* 

🌤️ *तिथि – अष्टमी रात्रि 12:37 तक तकतत्पश्चात नवमी*

🌤️ *नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी 06 दिसम्बर रात्रि 03:38 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*

🌤️ *योग – विष्कंभ रात्रि 10:42 तक तत्पश्चात प्रीति*

🌤️ *राहुकाल – शाम 03:15 से शाम 04:35 तक*

🌞 *सूर्योदय-07:03*

🌤️ *सूर्यास्त- 17:55*

👉 *दिशाशूल – उत्तर दिशा में*

🚩 *व्रत पर्व विवरण- कालभैरव जयंती*

💥 *विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

   🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

👉🏻 *अथर्व मंत्र विधि साधना से हर परेशानी होगी दूर | भूत-प्रेत भगाने का आसान तरीका*⤵️

🌷 *दीर्घायु के लिए* 🌷

👉🏻 *२ ग्राम सौंठ में पानी मिलाकर रात को लोहे की कड़ाही के अंदर लेप करें l प्रातः काल वह सौंठ दूंध में मिलाकर पीने से दीर्घायुश की प्राप्ति होती है l*

🙏🏻 *ऋषिप्रसाद – नवम्बर. 2009*

       🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞

🌷 *भूत-प्रेत भागने के लिए* 🌷

😱 *भूत-पिशाच जहाँ रहते हैं, वहां गाय खड़ी कर दो, गाय की सुगंध से भूत अपने आप भागेंगे l किसी के घर में भूत-प्रेत का वास हो, तो गाय का गोबर अथवा गाय का झरण छिटका करो l गाय का कंडा जलाओ, उस पे थोड़ा गाय का घी डाल दो, अपने आप भागेंगे, भागना नहीं पड़ेगा l अगर किसी व्यक्ति के अंदर भूत घुसे हैं तो उसे उसी धूप वाले कमरे में बिठाओ, भाग जायेंगे l*

         🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞

🌷 *अथर्व मंत्र विधि* 🌷

👉🏻 *कोई भी रोग हो, कोई भी परेशानी हो “ॐ अच्युताय नमः, ॐ गोविन्दाय नमः, ॐ अनंताय नमः नामभेशजात” (अच्युताय नमः – जो कभी चुय्त नहीं होते, गोविन्दाय नमः – जिनकी सत्ता से इन्द्रियाँ विचरण करती हैं, अनंताय नमः- जिसकी सत्ता से शक्ति, सामर्थ्य व कृपा का कोई अंत नहीं) इस मंत्र से अभिमंत्रित करके गंगा जल या तुलसी के पत्ते खाएं या दूसरों को दें तो रोगों व नीच विचारों में गिरने से बचता है l इसे बोलते हैं, अथर्व मंत्र विधि ………. ऐसा रोज़ सुमिरन करें l*

       🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

              आज का राशि फल 

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज आप पूर्वनियोजित कार्यो को आगे बढ़ाएंगे इसमें सहकर्मी एवं परिजनों का भी महत्वपूर्व सहयोग मिलेगा। नौकरी पेशा जातक काम से मन चुराने के कारण अपमानित हो सकते है सतर्क रहें। आज थोड़े प्रयास के बाद आशा से अधिक सफलता मिल सकती है। सभी सरकार नियंत्रित कार्य एवं जायदाद सम्बंधित कार्य मध्यान के आस-पास करना लाभदायक रहेगा। व्यावसायिक क्षेत्र पर नए प्रयोग अभी ना आजमाएं परन्तु निवेश अवस्य लाभ देगा। महिलाएं भी आज अधिक व्यस्त होने के कारण थकान अनुभव

करेंगी। विद्यार्थी पढ़ाई से मन चुरायेंगे।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आप पूर्वाग्रह से ग्रसित रहेंगे। अपने जिद्दी स्वभाव के कारण आसपास का वातावरण अशान्त बनाएंगे। मनमानी के चलते घर में भी तनाव का वातावरण बनेगा। सामाजिक क्षेत्र पर धन के साथ साथ मान हानि के योग है बेहतर रहेगा की आज कोई भी बड़ा कार्य ना करें यात्रा भी अतिआवश्यक होने पर ही करें व्यर्थ समय एवं धन नष्ट होने की संभावनाएं अधिक है। परन्तु जोखिम वाले कार्यो में निवेश आज अवश्य लाभ कराएगा। परिवारक वातावरण आपकी गलतियों के कारण पहले कलुषित होगा लेकिन संध्या तक सब सामान्य होने लगेगा। महिलाओं से सतर्क रहें।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन आपको अवश्य धन लाभ कराएगा। सेहत भी साथ देने से कार्यो में उत्साह बना रहेगा। लेकिन कार्य क्षेत्र पर लेन देन में स्पष्टता रखें विवाद के साथ सम्मान हानि हो सकती है। आज जिस भी कार्य को करेंगे उसमे सफलता की संभावना अधिक रहेगी। धन लाभ अल्प मात्रा में परंतु कई बार होने से आज का कोटा पूरा कर लेंगे। गृहस्थ में आज थोड़ी उठा-पटक लगी रहेगी किसी ना किसी के रूठने का कार्यक्रम लगा रहने से मानसिक रूप से थोड़ा विचलित हो सकते है फिर भी स्थिति आपके नियंत्रण में ही रहेगी। हास्य-परिहास के अवसर भी मिलते रहेंगे। संतान के विषय में शुभ समाचार मिलेगा।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज आप अपनी मनमानी नीति के चलते सार्वजानिक क्षेत्र पर आलोचना के शिकार होंगे। कार्य व्यवसाय में अधिकांश समय आश्वासनो से ही काम चलाना पड़ेगा। आप का स्वभाव भी टालमटोल वाला रहेगा। अत्यधिक लोभी प्रवृति संभावित लाभ को हानि में बदल सकती है। किसी की मदद करने से पीछे ना हटे भविष्य के लिए लाभदायक रहेगा। आज परोपकारी स्वभाव ना होते हुए भी किसी की बेमन से सहायता करनी पड़ सकती है। घर के बुजुर्ग आप पर प्रसन्न रहेंगे जिसे अपनी बात मनवाने में आसानी रहेगी। स्त्री संतान भी सहयोग करेंगे।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज आप अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु कुछ भी करने के लिए तैयार रहेंगे परंतु ध्यान रहे अनैतिक कार्य एवं प्रलोभन के अवसर मिलने पर भी ये पारिवारिक मान हानि का कारण बन सकते है। दिन के आरंभ में कार्य क्षेत्र पर मंदी रहेगी भविष्य के लिये चिंतित हो सकते है लेकिन धीरे-धीरे कार्यो में गति आने लगेगी धन लाभ विलम्ब से परन्तु अवश्य होगा। संध्या तक संतोषजनक व्यवसाय रहने से राहत मिलेगी। परिवार में मांगलिक कार्यक्रमो में सम्मिलित होने पर खर्च करेंगे। सुखोपभोग की वस्तुओ में कमी आएगी।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज परिस्थितिया प्रतिकूल रहने से कोई राहत की उम्मीद नहीं दिखेगी। लोग आपके हर निर्णय को गलत साबित करेंगे। पारिवारिक सदस्य के जिद्दी व्यवहार के कारण घरेलु वातावरण गर्म हो सकता है। आज आप केवल अपने मन की सुनना छोड़ अन्य लोगो के विचारो को भी प्रयोग करें निश्चित लाभ होगा। व्यवसायी वर्ग बार-बार असफल होने अथवा आशानुकूल काम ना बनने से हतोत्साहित होंगे फिर भी प्रयास जारी रखें संतोषजनक परिणाम मिलेंगे। स्त्री पक्ष से पहले परेशानी बाद में लाभ संभावित है। कंजूसी करके कुछ धन बचाएंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज दिन का पूर्वार्ध आपकी आशाओं से थोड़ा कम लाभ देगा फिर भी कार्यो को बेहतर रूप से करने की कोशिश करेंगे। धन लाभ के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ेगा इसका मध्यान से पहले फल अवश्य मिलेगा। सरकारी कार्यो में उलझने बढ़ने से धन एवं समय बर्बाद हो सकता है आज के लिए इन्हें निरस्त रखना ही ठीक रहेगा। मध्यान के बाद का समय कष्टप्रद रहेगा चल-अचल संपत्ति के कारण परिवार में विवाद होने की संभावना है किसी भी गंभीर स्थिति से बचने के लिए मूक दर्शक बनकर रहें ऐसा करने से फैसला आपके पक्ष में हो सकता है। स्त्री संतान का सहयोग मिलेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन आप अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकेंगे कार्य व्यवसाय में सरकारी सहयोग मिलने की संभावना अधिक रहेगी लोन सम्बंधित कार्य आज करना लाभदायक रहेगा। परन्तु सेहत के दृष्टिकोण से दिन उतार चढ़ाव वाला रहेगा शरीर में दर्द अकड़न की शिकायत रहेगी फिर भी कार्य बाधित नहीं होंगे। धन लाभ होने से और अधिक लगन से कार्यो को करेंगे। अधिकारी वर्ग का मूड संदिग्ध रहने से गुप्त भय बना रहेगा। परिवार में रिश्तेदारो के कारण कोई नई समस्या खड़ी हो सकती है। वाणी में मधुरता बनाये व्यर्थ की उलझनों से बचे रहेंगे। घर के बुजुर्ग आपके विचारों से सहमत रहेंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज दिन का अधिकांश समय शांति से व्यतीत करेंगे परन्तु बीच-बीच में पारिवारिक उलझने परेशान करेंगी। व्यवसाय में परिश्रम का फल विलम्ब से मिलेगा धन लाभ के लिए अधिक इन्तजार करना पड़ेगा सहकर्मीयो से नम्रता से व्यवहार करें अन्यथा सारा कार्य खुद ही करना पड़ सकता है। आपके व्यवहार में परिवर्तन आने से लोग आश्चर्य करेंगे। सामाजिक क्षेत्र से आय के नवीन साधन बनेंगे उच्चवर्ग के लोगो से लाभदायक जान-पहचान होगी। पारिवारिक जीवन में विषमताओं का अहसास होगा खर्च करने पर भी स्थिति नियंत्रण से बाहर जायेगी स्वयजनो से वैर विरोध बढेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन मिश्रित फलदायक रहेगा। शारीरिक रूप से चुस्त रहेंगे लेकिन असमय क्रोध आने से रक्तचाप अनियंत्रित हो सकता है। जिम्मेदारी वाले कार्यो को प्राथमिकता देंगे कार्य व्यवसाय में थोड़ी अड़चनों का बाद निर्वाह योग्य आय कमा लेंगे सहकर्मियो से बिनाबात ना उलझे कार्य में विलम्ब हो सकता है। जोखिम वाले कार्यो में निवेश किसी की सलाह के बाद ही करें सही जगह निवेश भविष्य में लाभ कराएगा। पारिवारिक वातावरण में तालमेल की कमी रहेगी। घर के बड़े अथवा स्त्री वर्ग से विचारो में भिन्नता के कारण मतभेद उभर सकते है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन आपके लिए प्रत्येक कार्यो में विजय दिलाने वाला रहेगा परन्तु विरोधी भी प्रबल रहने से सफलता आसान नहीं रहेगी। आज जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उसमे कोई ना कोई अड़चन अवश्य आएगी फिर भी यदि दृढ़ निश्चय कर लगे रहे तो सफलता निश्चित मिलेगी। घर में किसी बीमार के स्वास्थ्य में सुधार आएगा परन्तु आपको कब्ज,गैस सम्बंधित समस्या बनी रहेगी। व्यवसाय मे व्यस्तता के कारण किसी अन्य कार्य में देरी होने से हानि भी हो सकती है। प्रतिस्पर्धी आज चाहकर भी आपके धन लाभ को नहीं रोक पाएंगे। पारिवारिक वातावरण उदासीन फिर भी शांत रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन शुभफलदायी रहेगा सेहत छोटी मोटी व्याधि को छोड़ सामान्य रहेगी लेकिन फिर भी कार्यो में आलस्य करने से विलम्ब होगा। घर से ज्यादा आज बाहर का वातावरण अधिक अनुकूल मिलेगा। कार्य व्यवसाय में पूर्व की गलतियों से अनुभव होगा अपनी गलती मानने से सहयोगियों से मतभेद कम होंगे। विपरीत लिंगीय के प्रति अधिक आकर्षण कार्यो में व्यवधान डाल सकता है सम्मान में कमी का कारण भी बनेगा। दोपहर के बाद पूर्व नियोजित कार्यो से धन लाभ होगा। संध्या का समय मित्रो एवं परिजनों के साथ आनंद मनोरंजन में बितायेंगे इससे थकान कम अनुभव होगी।

🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩

        🌞 *~ हिन्दू पंचांग *🌞

   〰〰〰🙏राधे राधे🙏〰〰〰

1998 की वो चमत्कारिक सत्य घटना।

पाखण्डी मदर टेरेसा का झूठ को फैला फैलाकर तो मीडिया ने उसे महिमामण्डित कर दिया किन्तु इसी बिके हुए मीडिया ने एक अद्भुत घटना को जो प्रभु के प्रति आस्था को और प्रगाढ़ करती है उसे कभी समाज के सामने आने ही नहीं दिया।

बात 1998 की है जब सोशल मीडिया नहीं था और सारा मीडिया पैसों की खनक पर विदेशी बाला के दरबार मे तवायफों की भांति मुजरा किया करता था।

मेरे प्रभु राम और रामभक्त हनुमान जी की एक रोचक घटना प्रस्तुत कर रहा हूँ जो आजतक समाज मे बहुत ही कम लोगों की जानकारी में होगी।

श्री हनुमान गढ़ी अयोध्या जी।

मंदिर परिसर में लगे ठंडे पानी

की मशीन के पास बैठा एक छोटा

सा वानर मुंह में दो बिजली के तारों को लिए चबाए जा रहा था,

मानों कोई फल हो।

पूरा मंदिर खाली करा लिया गया

था,एक एक श्रद्धालु और एक एक दर्शनार्थी से।

केवल पुलिस बल और बम निरोधक दस्ता वहां उस समय हनुमान गढ़ी मंदिर के भीतर था। वे सभी के उस छोटे से वानर को बैटरी का तार चबाते हुए देख रहे थे।

मंदिर पूरा खाली और पुलिस के साथ में बम निरोधक दस्ता वहां क्या कर रहा था?

क्योंकि

1998 में घटी ये सत्य घटना आज तक किसी अखबार या न्यूज चैनल में ये घटना दिखाई नही गई है।

कारण था उस समय अयोध्या का विषय अति संवेदनशील होना।

साल 1998 में करीब बीस किलो

आरडीएक्स अयोध्या में आने की

खबर उत्तरप्रदेश की एसटीएफ

यानी विशेष पुलिस दस्ते को लगी थी,जिसमे से अधिकांशतः आरडीएक्स को समय रहते पुलिस की मुस्तैदी से जब्त कर लिया गया और अयोध्या में

किसी प्रकार का धमाका नही हुआ।

परन्तु एक आतंकी बम निरोधक

दस्ते का भेष बनाकर अयोध्या के सबसे प्राचीन हनुमान गढ़ी मंदिर में घुस गया और उसने टाइमर सेट करके वहां ठंडे पानी की मशीन में बम लगा दिया।

जब तक पुलिस ने उसे बाहर

भागते समय पकड़ा और पूछताछ शुरू की तब तक केवल एक मिनट का समय शेष रह गया था मंदिर में बम के विस्फोट के लिए।

ऐसा उस आतंकी ने स्वयं

बताया था।

तुरत फुरत पूरा का पूरा पुलिस बल जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर अविनाश मिश्रा कर रहे थे,मंदिर में घुसे और वो टाइम बम को खोजने लगे।

मंदिर का हर एक कोना हर एक

गलियारा छान मारा पर बम जैसा

कुछ भी किसी को दिखाई नही दे

रहा था कि तभी सबने देखा…..!

मंदिर के प्रांगण में बने ठंडे पानी की मशीन के पास एक छोटा वानर बैठकर अपने हाथों में दो तार लिए उनसे खेल रहा था और मुंह में लेकर चबाए जा

रहा था,जैसे कुछ काट रहा हो।

पुलिस को अंदेशा हो गया की हो

ना हो इसी मशीन में बम फिट किया गया है,उन्होंने उस वानर के मुंह से तार छुड़ाने के लिए केले उसकी ओर

फेंके।

और केले जैसे ही उस वानर की ओर फेंके गए वैसे ही वो तार छोड़कर बिना केले लिए वहां से उतरकर चला गया।

या यूं कहिए कि

अंतर्ध्यान हो गया।

तुरंत ही बम निरोधक दस्ता वहां

बुलवाया गया और जैसे ही मशीन खोली गई, उसमे से एक टाइमर सेट किया गया बम पाया गया।

“सर इस बम को तो डिफ्यूज

(नष्ट) किया जा चुका है!

ये देखिए टाइमर 3 सेकेंड

पर रुक चुका है!”

“उस छोटे से बंदर ने तार काटकर बम को फटने से रोक दिया है!”

बड़े उत्साह के साथ बम निरोधक दस्ते के उस सिपाही ने सूचना दी।

फिर अचानक ही जैसे ही कुछ ही सारे पुलिस बल ने की नजर हनुमान गढ़ी मंदिर के शिखर पर पड़ी तो देखा कि वहां वही छोटा सा वानर प्रकट होकर,शिखर के कलश को सहला रहा था।

अब आप ही विचार कीजिए कि वह छोटा सा वानर था या फिर भक्त प्रवर श्री हनुमान जी। जो इस लीला, इस चमत्कार के द्वारा संसार से मानो कुछ कह रहे थे!

निश्चित ही ……

वो हनुमान जी ही थे जो रूप बसलकर आए थे और डंके की चोट पर सारे संसार को बता रहे थे की अवध मेरे प्रभु श्रीराम की है और इसकी ओर जब जब संकट आएगा तब तब मैं किसी न किसी रूप में आकर इस अवध की रक्षा करूंगा।

“अपने प्रभु की परम प्रिय अयोध्या नगरी पर आंच भी नही आने दूंगा।

“17 अक्टूबर 1858 को बाहदुर शाह ज़फर मकेंजी नाम के समुंद्री जहाज़ से रंगून पहुंचा दिए गये थे ,शाही खानदान के 35 लोग उस जहाज़ में सवार थे ,कैप्टेन नेल्सन डेविस रंगून का इंचार्ज था , उसने बादशाह और उसके लोगों को बंदरगाह पर रिसीव किया और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी हुकूमत के बादशाह को लेकर अपने घर पहुंचा !

बहादुर शाह ज़फर कैदी होने के बाद भी बादशाह थे, इसलिए नेल्सन परेशान था, उसे ये ठीक नही लग रहा था कि बादशाह को किसी जेल ख़ाने में रखा जाये … इसलिए उसने अपना गैराज खाली करवाया और वहीँ बादशाह को रखने का इंतज़ाम कराया !

17 अगस्त 1666 में शिवाजी महाराज ने औरंगजेब की सुरक्षा व्यवस्था को चकमा देकर आगरा की कैद से मुक्ति पा ली थी और 91 दिन की यात्रा कर महाराष्ट्र के रायगढ़ किले में पहुंच गए थे। विभिन्न इतिहासकारों के दिए विवरण से हमें पता चलता है कि कितना बड़ा काम था.

इतिहासकार जदुनाथ सरकार अपनी किताब ‘शिवाजी एंड हिज़ टाइम्स’ में लिखते हैं, ”जय सिंह ने शिवाजी को यह उम्मीद दिलाई कि हो सकता है कि औरंगज़ेब से मुलाकात के बाद कि वो दक्कन में उन्हें अपना वायसराय बना दें और बीजापुर और गोलकुंडापर कब्ज़ा करने के लिए उनके नेतृत्व में एक फौज भेजें.”

शिवाजी अपनी माँ जीजाबाई को राज्य का संरक्षक बनाकर 5 मार्च, 1666 को औरंगज़ेब से मिलने आगरा के लिए निकल पड़े।

9 मई, 1666 को शिवाजी आगरा के बाहरी इलाके में पहुंच चुके थे, जहाँ उस समय औरंगज़ेब का दरबार लगा हुआ था.

तय हुआ कि 12 मई को उनकी औरंगज़ेब से मुलाकात कराई जाएगी। राम सिंह ने शिवाजी को उनके बेटे संभाजी और 10 अर्दलियों के साथ दीवाने आम में औरंगज़ेब के सामने पेश किया.

मराठा प्रमुख की तरफ़ से औरंगज़ेब को 2,000 सोने की मोहरें ‘नज़र’ और 6,000 रुपये ‘निसार’ के तौर पर पेश किए गए। शिवाजी ने औरंगज़ेब के सिंहासन के पास जाकर उन्हें तीन बार सलाम किया.

एक क्षण के लिए दरबार में सन्नाटा छा गया. औरंगज़ेब ने सिर हिलाकर शिवाजी के उपहार स्वीकार किए. फिर बादशाह ने अपने एक सहायक के कान में कुछ कहा. वो उन्हें उस जगह पर ले गया जो तीसरे दर्जे के मनसबदारों के लिए पहले से ही नियत थी। दरबार की कार्यवाही बदस्तूर चलने लगी. शिवाजी को इस तरह के रूखे स्वागत की उम्मीद नहीं थी.

जदुनाथ सरकार लिखते हैं कि शिवाजी को ये बात पसंद नहीं आई कि औरंगज़ेब ने आगरा के बाहर उनका स्वागत करने के लिए राम सिंह और मुख़लिस ख़ाँ जैसे मामूली अफ़सर भेजे.

दरबार में सिर झुकाने के बावजूद शिवाजी के लिए न तो कोई अच्छा शब्द कहा गया और न ही उन्हें कोई उपहार दिया गया। उन्हें साधारण मनसबदारों के बीच कई पंक्तियाँ पीछे खड़ा करवा दिया गया, जहाँ से उन्हें औरंगज़ेब दिखाई तक नहीं पड़ रहे थे.

तब तक शिवाजी का पारा सातवें आसमान तक पहुंच चुका था। उन्होंने राम सिंह से पूछा कि उन्हें किन लोगों के बीच खड़ा किया गया है?

जब राम सिंह ने बताया कि वो पाँच हज़ारी मनसबदारों के बीच खड़े हैं तो शिवाजी चिल्लाए, ”मेरा सात साल का लड़का और मेरा नौकर नेताजी तक पाँच हज़ारी है. बादशाह की इतनी सेवा करने और इतनी दूर से आगरा आने का बावजूद मुझे इस लायक समझा गया है?”

फिर शिवाजी ने पूछा, ”मेरे आगे कौन महानुभाव खड़े हैं?” जब राम सिंह ने बताया कि वो राजा राय सिंह सिसोदिया हैं तो शिवाजी चिल्लाकर बोले, ”राय सिंह राजा जय सिंह के अदना मातहत हैं. क्या मुझे उनकी श्रेणी में रखा गया है?”

औरंगज़ेब के पहले 10 वर्षों के शासन पर लिखी किताब ‘आलमगीरनामा’ में मोहम्मद काज़िम लिखते हैं, ”अपने अपमान से नाराज़ होकर शिवाजी राम सिंह से ऊँचे स्वर में बात करने लगे. दरबार के क़ायदे क़ानून का पालन न हो पाने से परेशान राम सिंह ने शिवाजी को चुप कराने की कोशिश की लेकिन वो कामयाब नहीं हुए.”

शिवाजी की तेज़ आवाज़ सुन कर औरंगज़ेब ने पूछा कि यह शोर कैसा है? इस पर राम सिंह ने कूटनीतिक जवाब दिया, ”शेर जंगल का जानवर है. वो यहाँ की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है और बीमार पड़ गया है.”

उन्होंने औरंगज़ेब से माफ़ी माँगते हुए कहा कि दक्कन से आए इन महानुभाव को शाही दरबार के क़ायदे-कानून नहीं पता हैं.

इस पर औरंगज़ेब ने कहा कि शिवाजी को बगल के कमरे में ले जाकर उनके ऊपर गुलाब जल का छिड़काव किया जाए. जब वो ठीक हो जाएं तो उन्हें दरबार ख़त्म होने का इंतेज़ार किए बिना सीधे उनके निवास स्थान पर पहुंचा दिया जाए.

राम सिंह को हुक्म हुआ कि वो शिवाजी को आगरा शहर की चारदीवारी से बाहर जयपुर सराय में ठहराएं.

जैसे ही शिवाजी जयपुर निवास पहुंचे, घुड़सवारों की एक टुकड़ी ने निवास को चारों तरफ़ से घेर लिया. थोड़ी देर में कुछ पैदल सैनिक भी वहाँ पहुंच गए. उन्होंने अपनी तोप का मुँह भवन के हर दरवाज़े की तरफ़ मोड़ दिया.

जब कुछ दिन बीत गए और सैनिक चुपचाप शिवाजी की निगरानी करते रहे तो यह साफ़ हो गया कि औरंगज़ेब की मंशा शिवाजी को मारने की नहीं थी.

डेनिस किंकेड अपनी किताब ‘शिवाजी द ग्रेट रेबेल’ में लिखते हैं, ”हाँलाकि शिवाजी को वो भवन छोड़ने की मनाही थी ,जहाँ वो रह रहे थे लेकिन तब भी औरंगज़ेब उन्हें गाहेबगाहे विनम्र संदेश भेजते रहे.”

उन्होंने उनके लिए फलों की टोकरियाँ भी भिजवाईं गई. शिवाजी ने प्रधान वज़ीर उमदाउल मुल्क को संदेश भिजवाया कि बादशाह ने उन्हें सुरक्षित वापस भेजने का वादा किया था लेकिन उसका कुछ असर नहीं हुआ। धीरे-धीरे शिवाजी को ये एहसास होने लगा कि औरंगज़ेब उन्हें भड़काना चाह रहे हैं ताकि वो कुछ ऐसा काम करें जिससे उन्हें मारने का बहाना मिल जाए.

भवन की निगरानी कर रहे सैनिकों ने अचानक महसूस किया कि शिवाजी के व्यवहार में परिवर्तन आना शुरू हो गया. वो खुश दिखाई देने लगे.

वो उनकी सुरक्षा में लगे सैनिकों के साथ हँसी-मज़ाक करने लगे. उन्होंने सैनिक अफ़सरों को कई उपहार भिजवाए और उनको ये कहते सुना गया कि आगरा का मौसम उन्हें बहुत रास आ रहा है।

शिवाजी ने ये भी कहा कि वो बादशाह के बहुत एहसानमंद हैं कि वो उन के लिए फल और मिठाइयाँ भिजवा रहे हैं. शासन की आपाधापी से दूर उन्हें आगरा जैसे सुसंस्कृत शहर में रह कर बहुत मज़ा आ रहा है.

इस बीच औरंगज़ेब के जासूस उन पर दिन-रात नज़र रखे हुए थे. उन्होंने बादशाह तक ख़बर भिजवाई कि शिवाजी बहुत संतुष्ट नज़र आते हैं.

डेनिस किंकेड लिखते हैं, ”औरंगज़ेब के आश्वस्त करने के लिए शिवाजी ने उन तक संदेश भिजवा कर पूछा कि क्या उनकी पत्नी और माँ उनके पास आ कर रह सकते हैं? औरंगज़ेब इसके लिए राज़ी हो गए. उन्होंने सोचा कि कोई शख़्स अपनी महिलाओं को बंधक के रूप में रख कर निकल भागने का ख़याल तो अपने मन में नहीं ही लाएगा. यह सही है कि शाही अनुमति मिलने के बावजूद शिवाजी के परिवार की महिलाएं उनके पास नहीं पहुंची.”

कारण बताया गया कि शायद उस इलाके में बारिश की वजह से वो इतना लंबा सफ़र नहीं कर पा रही हैं.

कुछ दिन बाद शिवाजी ने यह पेशकश कर दी कि वो अपने साथ आए मराठा घुड़सवारों को वापस भेजना चाहते हैं. बादशाह ख़ुद उन सैनिकों से पीछा छुड़ाना चाह रहे थे. वो यह जान कर खुश हो गए कि शिवाजी ने ख़ुद यह इच्छा प्रकट की है.

शिवाजी ने बहाना किया कि वो बीमार हैं. मुगल पहरेदारों को उनकी कराहें सुनाई देने लगी. अपने को ठीक करने के प्रयास में वो अपने निवास के बाहर ब्राह्मणों और साधुओं को हर शाम मिठाइयाँ और फल भिजवाने लगे.

बाहर तैनात सैनिकों ने कुछ दिनों तक तो बाहर जाने वाले सामान की तलाशी ली लेकिन फिर उन्होंने उसकी तरफ़ ध्यान देना बंद कर दिया.

जदुनाथ सरकार अपनी किताब ‘शिवाजी एंड हिज़ टाइम्स’ में लिखते हैं, ”19 अगस्त 1666 को शिवाजी ने बाहर तैनात सैनिकों को कहला भेजा कि वो बहुत बीमार हैं और बिस्तर पर लेटे हुए हैं. उनके आराम में व्यवधान न डाला जाए और किसी को अंदर न भेजा जाए.”

दूसरी तरफ़ शिवाजी के सौतेले भाई हीरोजी फ़रजाँद जिनकी शक्ल उनसे मिलती जुलती थी, उनके कपड़े और उनका मोतियों का हार पहन कर उनकी पलंग पर लेट गए. उन्होंने कंबल से अपने सारे शरीर को ढ़क लिया. उनका सिर्फ़ एक हाथ दिखाई देता रहा, जिसमें उन्होंने शिवाजी के सोने के कड़े पहन रखे थे.

शिवाजी और उनके बेटे संभाजी फलों की एक टोकरी में बैठे, जिसे मज़दूर बाँस के सहारे कंधे पर उठाकर भवन से बाहर ले आए. निगरानी कर रहे सैनिकों ने उन टोकरियों की तलाशी लेने की ज़रूरत नहीं महसूस की.

इन टोकरियों को शहर के एकांत वाले इलाके में ले जाया गया. वहाँ से मज़दूरों को वापस भेज दिया गया. शिवाजी और उनके बेटे टोकरियों से निकलकर आगरा से छह मील दूर एक गाँव में पहुंचे जहाँ उनके मुख्य न्यायाधीथ नीरजी रावजी उनका इंतज़ार कर रहे थे.

एसएम पगाड़ी अपनी किताब छत्रपति शिवाजी में लिखते हैं, ”यह मानकर नहीं चलना चाहिए कि शिवाजी टोकरी में बैठकर ही बाहर आए. वो इस तरह के व्यक्ति नहीं थे कि टोकरी में बैठकर पूरी तरह से असहाय बन जाएं. शिवाजी का नौ साल का बेटा संभाजी ज़रूर टोकरी के अंदर बैठा होगा लेकिन शिवाजी मज़दूर के वेश में खुद टोकरी लेकर बाहर आए होंगे.”

इस बीच हीरोजी रातभर और अगले दिन दोपहर तक उस पलंग पर लेटे रहे. सैनिकों ने जब शिवाजी के कमरे में झाँककर देखा तो वो यह देखकर संतुष्ट हो गए कि शिवाजी के सोने के कड़े बिस्तर पर लेटे व्यक्ति के हाथ में दिखाई दे रहे हैं और ज़मीन पर बैठा एक व्यक्ति उनके पैरों की मालिश कर रहा है। करीब तीन बजे हीरोजी चुपके से एक नौकर के साथ घर के बाहर निकल गए। इस बीच हीरोजी रातभर और अगले दिन दोपहर तक उस पलंग पर लेटे रहे. इतने समय मे छत्रपति शिवाजी औरंगजेब की पकड़ से बहुत दूर चले गए.

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