आज का पंचाग आपका राशि फल, हिन्दू महिलाओं को श्रृंगार और आभूषण रहित बनाने का षड्यंत्र, सिल्क्यारा टनल के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन से मायूस गिद्ध, डीपस्टेट पन्नू कनाडा और कथित किसान आन्दोलन

 *🌺 महर्षि पाराशर पंचांग 🌺

*दिनांक :𝀈**02/12/2023, शनिवार*

पंचमी, कृष्ण पक्ष,

मार्गशीर्ष

▬▬▬▬▬⁂ॐ⁂▬▬▬▬▬

तिथि——-पंचमी 17:13:32 तक

पक्ष————————-कृष्ण

नक्षत्र————-पुष्य 18:53:07

योग—————ब्रह्म 20:17:23

करण————तैतुल 17:13:32

करण————–गर 30:16:49

वार———————–शनिवार

माह———————-मार्गशीर्ष

चन्द्र राशि———————कर्क

सूर्य राशि——————-वृश्चिक

रितु————————–हेमंत

आयन—————–दक्षिणायण

संवत्सर——————शोभकृत

संवत्सर (उत्तर)—————–पिंगल

विक्रम संवत—————-2080

गुजराती संवत————–2080

शक संवत———-1945

कलि संवत—————–5124

वृन्दावन 

सूर्योदय—————-06:54:03

सूर्यास्त—————-17:22:47

दिन काल————–10:28:43

रात्री काल————-13:32:01

चंद्रास्त————— 11:11:03 

चंद्रोदय—————- 21:51:08

लग्न—-वृश्चिक 15°24′ , 225°24′

सूर्य नक्षत्र—————– अनुराधा 

चन्द्र नक्षत्र——————- पुष्य

नक्षत्र पाया——————-रजत

*🚩💮शुभा$शुभ मुहूर्त💮🚩*

राहू काल 09:31 – 10:50 अशुभ

यम घंटा 13:27 – 14:46 अशुभ

गुली काल 06:54 – 08: 13अशुभ 

अभिजित 11:47 – 12:29 शुभ

दूर मुहूर्त 08:18 – 08:59 अशुभ

🚩गंड मूल 18:53 – अहोरात्र अशुभ

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩💮 पद, चरण 💮🚩*

हो—- पुष्य 12:16:44

ड—- पुष्य 18:53:07

डी—- आश्लेषा 25:31:17

*🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩*

        ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद

========================

सूर्य= वृश्चिक 14:30, अनुराधा 4 ने 

चन्द्र= कर्क 05:30 , पुनर्वसु 1 हु 

बुध =धनु 05:53′ मूल 2 यो 

शु क्र=तुला 02°05, चित्रा’ 3 रा 

मंगल=वृश्चिक 10°30 ‘ अनुराधा’ 3 नू 

गुरु=मेष 12°30 ‘ अश्विनी , 4 ला 

शनि=कुम्भ 07°50 ‘ शतभिषा ,1 गो      

राहू=(व) मीन 28°20 वी रेवती , 4 ची 

केतु=(व) कन्या 28°20 चित्रा , 2 पो 

 

💮चोघडिया, दिन

काल 06:54 – 08:13 अशुभ

शुभ 08:13 – 09:31 शुभ

रोग 09:31 – 10:50 अशुभ

उद्वेग 10:50 – 12:08 अशुभ

चर 12:08 – 13:27 शुभ

लाभ 13:27 – 14:46 शुभ

अमृत 14:46 – 16:04 शुभ

काल 16:04 – 17:23 अशुभ

 

🚩चोघडिया, रात

लाभ 17:23 – 19:04 शुभ

उद्वेग 19:04 – 20:46 अशुभ

शुभ 20:46 – 22:27 शुभ

अमृत 22:27 – 24:09* शुभ

चर 24:09* – 25:50* शुभ

रोग 25:50* – 27:32* अशुभ

काल 27:32* – 29:13* अशुभ

लाभ 29:13* – 30:55* शुभ

💮होरा, दिन

शनि 06:54 – 07:46

बृहस्पति 07:46 – 08:39

मंगल 08:39 – 09:31

सूर्य 09:31 – 10:24

शुक्र 10:24 – 11:16

बुध 11:16 – 12:08

चन्द्र 12:08 – 13:01

शनि 13:01 – 13:53

बृहस्पति 13:53 – 14:46

मंगल 14:46 – 15:38

सूर्य 15:38 – 16:30

शुक्र 16:30 – 17:23

🚩होरा, रात

बुध 17:23 – 18:30

चन्द्र 18:30 – 19:38

शनि 19:38 – 20:46

बृहस्पति 20:46 – 21:53

मंगल 21:53 – 23:01

सूर्य 23:01 – 24:09

शुक्र 24:09* – 25:16

बुध 25:16* – 26:24

चन्द्र 26:24* – 27:32

शनि 27:32* – 28:39

बृहस्पति 28:39* – 29:47

मंगल 29:47* – 30:55

 

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩* 

  

वृश्चिक > 04:40 से 07:00 तक

धनु > 07:00 से 09:06 तक

मकर > 09:06 से 10:52 तक

कुम्भ > 10:52 से 12:20 तक

मीन > 12:20 से 13:52 तक

मेष > 13:52 से 15:32 तक

वृषभ > 15:32 से 17:32 तक

मिथुन > 17:32 से 19:44 तक

कर्क > 19:44 से 22:00 तक

सिंह > 22:00 से 00:14 तक

कन्या > 00:14 से 02:24 तक

तुला > 02:24 से 04:40 तक

 

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

 

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

 

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

 15 + 5 + 7 + 1 = 28 ÷ 4 = 0 शेष

 मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

 मंगल ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

   20 + 20 + 5 = 45 ÷ 7 = 3 शेष

वृषभारूढ़ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी🚩💮*

 * व्यास पंचमी

* श्री हरिराम व्यास महोत्सव किशोरवन (वृन्दावन)

*🚩💮 शुभ विचार 💮🚩*

उद्योगे नास्ति दारिद्र्य जपतो नास्ति पातकम् ।

मौनेनकलहोनास्ति नास्ति जागरितो भयम् ।।

।। चा o नी o।।

जो उद्यमशील हैं, वे गरीब नहीं हो सकते,

जो हरदम भगवान को याद करते है उनहे पाप नहीं छू सकता.

जो मौन रहते है वो झगड़ों मे नहीं पड़ते.

जो जागृत रहते है वो िनभरय होते है.

*🚩💮 सुभाषितानि 💮🚩*

गीता -: सांख्ययोग अo-02

अव्यक्तादीनि भूतानि व्यक्तमध्यानि भारत ।,

अव्यक्तनिधनान्येव तत्र का परिदेवना ॥,

हे अर्जुन! सम्पूर्ण प्राणी जन्म से पहले अप्रकट थे और मरने के बाद भी अप्रकट हो जाने वाले हैं, केवल बीच में ही प्रकट हैं, फिर ऐसी स्थिति में क्या शोक करना है?॥,28॥,

*💮🚩दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष

धनार्जन होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। प्रमाद न करें। व्यापार-व्यवसाय में इच्छित लाभ की संभावना है। भाइयों की मदद मिलेगी। संपत्ति के लेनदेन में सावधानी रखें।

🐂वृष

संतान के कार्यों पर नजर रखें। पूंजी निवेश बढ़ेगा। प्रचार-प्रसार से दूर रहें। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से सहयोग मिलेगा।

👫मिथुन

जोखिम व जमानत के कार्य न करें। लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रयत्न करें, सफलता मिलेगी। शुभ कार्यों में संलग्न होने से सुयश एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा। व्यापारिक निर्णय लेने में देर नहीं करें। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर होगी। धन की आवक बनी रहेगी।

🦀कर्क

भौतिक विकास के कार्यों को बल मिलेगा। फालतू खर्च होगा। भागीदारी के प्रस्ताव आएंगे। दिनचर्या नियमित रहेगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम न लें। झंझटों में न पड़ें। आय में कमी होगी।

🐅सिंह

प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु शांत रहेंगे। धनार्जन होगा। आज विशेष लाभ होने की संभावना है। मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। बुद्धि एवं मनोबल से सुख-संपन्नता बढ़ेगी। व्यापार में कार्य का विस्तार होगा। सगे-संबंधी मिलेंगे।

🙎‍♀️कन्या

मान बढ़ेगा। मेहमानों का आवागमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। पराक्रम में वृद्धि होगी। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। अभिष्ट कार्य की सिद्धि के योग हैं। उलझनों से मुक्ति मिलेगी।

⚖️तुला

स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है। चिंता बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय में सावधानी रखें। क्रोध पर नियंत्रण रखें। वास्तविकता को महत्व दें। प्रयासों में सफलता के योग कम हैं। परिवार में कलह-कलेश का माहौल रह सकता है।

🦂वृश्चिक

यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। भेंट आदि की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में उन्नति के योग हैं। संतान की ओर से सुखद स्थिति बनेगी। प्रयास की मात्रा के अनुसार लाभ की अधिकता रहेगी। अपनी वस्तुएँ संभालकर रखें।

🏹धनु

उदर विकार के योग के कारण खान-पान पर संयम रखें। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक प्रगति में रुकावट आ सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है, जोखिम न लें। अजनबी व्यक्ति पर विश्वास न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🐊मकर

धनार्जन होगा। प्रमाद न करें। संतान के कार्यों से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नेतृत्व गुण की प्रधानता के कारण प्रशासन व नेतृत्व संबंधी कार्य सफल होंगे। शत्रुओं से सावधान रहें। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी।

🍯कुंभ

समय की अनुकूलता का लाभ अधिकाधिक लेना चाहिए। नवीन उपलब्धियों की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। परिवार की समस्याओं की चिंता रहेगी।

🐟मीन

रुके कार्य बनेंगे। जोखिम न लें। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। व्यवहार कुशलता एवं सहनशीलता के बल पर आने वाली बाधाओं का समाधान हो सकेगा। खानपान पर नियंत्रण रखें। नए अनुबंधों का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। पूछ-परख रहेगी।

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*

*एक मुस्लिम लेखिका ने हिंदू समाज के बारे में इस लेख के माध्यम से कुछ लिखा है जो विचारणीय है।*____________________

*आपकी विवाहित……. महिलाओं ने माथे पर पल्लू तो छोड़िये, साड़ी पहनना तक छोड़ दिया। किसने रोका है उन्हें?*

*तिलक बिंदी तो आपकी पहचान हुआ करती थी न। कोरा मस्तक और सूने कपाल को तो आप अशुभ, अमंगल और शोकाकुल होने का चिह्न मानते थे न। आपने घर से निकलने से पहले तिलक लगाना तो छोड़ा ही, आपकी महिलाओं ने भी आधुनिकता और फैशन के चक्कर में और फारवर्ड दिखने की होड़ में माथे पर बिंदी लगाना क्यों छोड़ दिया?*

*आप लोगों ने नामकरण, विवाह, सगाई जैसे संस्कारों को दिखावे की लज्जा-* विहीन फूहड़ रस्मों में और जन्म दिवस, वर्षगांठ जैसे अवसरों को बर्थ-डे और एनिवर्सरी फंक्शंस में बदल दिया तो क्या यह हमारी त्रुटि है?*

*हमारे यहाँ बच्चा जब* *चलना सीखता है तो बाप की उंगलियाँ पकड़ कर* *इबादत के लिए जाता है और जीवन भर इबादत को अपना फर्ज़ समझता है।* *आप लोगों ने तो स्वयं ही मंदिरों की ओर देखना छोड़ दिया, जाते भी केवल तभी हो जब भगवान से कुछ* *माँगना हो अथवा किसी संकट से छुटकारा पाना हो। अब यदि आपके बच्चे ये सब नहीं जानते कि मंदिर में क्यों जाना है, वहाँ जाकर क्या करना है और ईश्वर की उपासना उनका कर्तव्य है तो क्या ये सब हमारा दोष है?*

*आप के बच्चे कॉन्वेंट से पढ़ने के बाद पोयम सुनाते थे तो आपका सर ऊँचा* *होता था ! होना तो यह चाहिये था कि वे बच्चे* *भगवद्गीता के चार श्लोक कंठस्थ कर सुनाते तो* *आपको गर्व होता!*

*इसके उलट जब आज वो नहीं सुना पाते तो ना तो* *आपके मन में इस बात की कोई ग्लानि है, ना ही इस* *बात पर आपको कोई खेद है! हमारे घरों में किसी बाप का सिर तब शर्म से झुक जाता है जब उसका बच्चा रिश्तेदारों के सामने कोई दुआ नहीं सुना पाता!*

*हमारे घरों में बच्चा बोलना सीखता है तो हम सिखाते हैं कि सलाम करना सीखो* *बड़ों से, आप लोगों ने* *प्रणाम और नमस्कार को हैलो हाय से बदल दिया तो इसके दोषी क्या हम हैं?*

*हमारे मजहब का लड़का कॉन्वेंट से आकर भी उर्दू अरबी सीख लेता है और हमारी धार्मिक पुस्तक पढ़ने बैठ जाता है!और आपका बच्चा न रामायण पढ़ता है और ना ही गीता उसे संस्कृत तो छोड़िये, शुद्ध हिंदी भी ठीक से नहीं आती। क्या यह भी हमारी त्रुटि है?*

*आपके पास तो सब कुछ था-*

*संस्कृति, इतिहास परंपराएँ

आपने उन सब को तथा-* *कथित आधुनिकता की अंधी दौड़ में त्याग दिया और हमने नहीं त्यागा बस इतना ही भेद है! आप लोग ही तो पीछा छुड़ाए बैठे हैं, अपनी जड़ों से! हम ने अपनी जड़ें ना तो कल छोड़ी थी और ना ही आज छोड़ने को राजी हैं*

*आप लोगों को तो स्वयं ही तिलक, जनेऊ, शिखा आदि से और आपकी महिलाओं को भी माथे पर बिंदी, हाथ में चूड़ी, गले में मंगलसूत्र, इन सब से लज्जा आने लगी, इन्हें धारण करना अनावश्यक लगने लगा और गर्व के साथ खुलकर अपनी पहचान प्रदर्शित करने में संकोच होने लग गया!* *तथाकथित आधुनिकता के नाम पर आप लोगों ने स्वयं ही अपने रीति रिवाज,* *अपनी परंपराएँ, अपने* *संस्कार, अपनी भाषा,* *अपना पहनावा – ये सब कुछ पिछड़ापन समझकर त्याग दिया।*

*आज इतने वर्षों बाद आप लोगों की नींद खुली है तो आप अपने ही समाज के दूसरे लोगों को अपनी जड़ों से जुड़ने के लिये कहते फिर रहे हैं।*

*अपनी पहचान के संरक्षण हेतु जागृत रहने की भावना किसी भी सजीव समाज के लोगों के मन में स्वत:स्फूर्त होनी चाहिये, उसके लिये आपको अपने ही लोगों को कहना पड़ रहा है। विचार कीजिये कि यह कितनी बड़ी विडंबना है।*

*यह भी विचार कीजिये कि अपनी संस्कृति के लुप्त हो जाने का भय आता कहाँ से है और असुरक्षा की भावना का वास्तविक कारण क्या है?*

*आपकी समस्या यह है कि आप अपने समाज को तो जागा हुआ देखना चाहते हैं किंतु ऐसा चाहते समय आप स्वयं आगे बढ़कर उदाहरण प्रस्तुत करने वाला आचरण नहीं करते, जैसे बन गए हैं वैसे ही बने रहते हैं।*

*आप स्वयं अपनी जड़ों से जुड़े हुए हो, ऐसा दूसरों को आप में दिखता नहीं है और इसीलिये आपके अपने समाज में तो छोड़िए,आपके परिवार में भी कोई आपकी सुनता नहीं,, ठीक इसी* *प्रकार आपके समाज में अन्य सब लोग भी ऐसा ही आपके जैसा डबल स्टैंडर्ड वाला हाइपोक्रिटिकल* *व्यवहार (शाब्दिक पाखंड) करते हैं। इसीलिये आपके समाज में कोई भी किसी की नहीं सुनता। क्या यह हमारी त्रुटि है?*

*दशकों से अपनी हिंदू* *पहचान को मिटा देने का* *कार्य आप स्वयं ही एक* *दूसरे से अधिक बढ़-चढ़* *कर करते रहेऔर आज भी ठीक वैसा ही कर रहे हैं।* *परंतु हम अपनी पहचान आज तक भी वैसे ही बनाए रखने में सफल रहे हैं, तो हमें देखकर आपको बुरा लगता है*

*हमसे ईर्ष्या होती है हमसे घृणा करने लगते हैं।*

*आप अपनी संस्कृति और परम्पराओं को नहीं संभाल पाए तो अपनी लापरवाही और विफलता का गुस्सा* *हमारी जड़ों को काट कर क्यों निकालना चाहते हैं?*

*दूसरों को देखकर विचलित होने के स्थान पर* *आवश्यकता ये सीखने की है कि कैसे अपने संस्कारों में निष्ठा रखी जाती है। कैसे* *उन पर गर्व किया जाता है। कैसे तत्परता से उन्हें सहेज कर उनका संरक्षण किया जाता है।*

*अपनी पहचान को आप खुलकर प्रदर्शित कीजिये, इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है किंतु अपनी संस्कृति तो आपको बचानी नहीं है, उसे अपने हाथों स्वयं ही नष्ट* *करने पर तुले हुए हो।*

*अपने समाज में अपनी सांस्कृतिक पहचान पर गर्व करने का और उसे* *अभिव्यक्त करने वाले सांस्कृतिक चिह्नों को धारण करने का कल्चर तो बनाइए पहले।*

*डाॅ.जयदेव डबास की कलम से*

पन्नू प्रकरण से आपको पता चला कि तथाकथित किसान आंदोलन असल मे चला कौन रहा था??

दरअसल ये डीप स्टेट ही इस आंदोलन के पीछे खड़ा था। इसकी शुरुआत होती है नरेंद्र मोदी के एक फैसले से कि सरकार अब दालों का इम्पोर्ट बन्द करेगी और इसे अपने देश में उगायेगी। इससे पहले ज्यादातर दाल कनाडा से इम्पोर्ट हो रही थी। कनाडा में भी इस दाल की खेती पर कब्जा था वहां बसे पंजाबियों (ज्यादातर खाली स्थानीयों) का। जैसे ही सरकार ने दाल इम्पोर्ट बन्द किया ये इतना बिदके कि कनेडियन पप्पू पर चढ़ दौड़े। वो भी भारत को WTO में घसीट लाया कि भारत अपने किसानों को सब्सिडी देकर ओपन मार्केट को खराब कर रहा है।

लेकिन भारत ने कनेडियन पप्पू को पप्पू पर रखकर दालों की खेती बड़े पैमाने पर भारत मे शुरू कर दी। इसी का बदला लेने को फिर जब मोदी किसान बिल लाये जोकि जून में जिसका अध्यादेश आया था और सबको पता था कि कानून बनेगा, इन्होंने कानून बनने के बाद अचानक से उसपर बवाल काट दिया। इनको फंडिंग विदेश से आनी शुरू हो गयी। जो टिकैत जून में कह रहा था कि मोदी ने मेरे बाप का सपना पूरा कर दिया वो 6 महीने बाद कहने लगा कि ये तो काला कानून है। सरकार ने इसको समझाने का प्रयास किया और इसका भाई मान भी गया था लेकिन फिर टेंट के अंदर ऐसा कुछ हुआ कि ये बाहर आकर फूट फूट रोने लगा और इसने जाट की इज्जत का मुद्दा इसे बना लिया। दूसरी तरफ खाली स्थानीयों ने इसे हिन्दू बनाम सिक्ख पहले से ही बना दिया था और इसका फायदा खाली स्थान खड़ा करने को पाकिस्तान चीन आदि ने भी उठाना शुरू कर दिया और कैसी बड़ी बड़ी बातें होने लगी कि हम तो साउथ एशिया का भूगोल ही बदल देंगे, इंदिरा की तरह मोदी ठोक देंगे और फिर तुरन्त कांग्रेस जैसी नीच पार्टी भी इनके समर्थन में खड़ी हो गयी जो इंदिरा के लिए ऐसा कह रहे थे। जाहिर है इन्हें सोरोस से लेकर चीन ने एक्टिव किया और तब तक अधिकतर भारतीयों को तो सोरोस या डीप स्टेट का पता ही नही था।

इसके बाद अंतराष्ट्रीय स्तर पर इनके समर्थन में ट्वीट आने लगे और करोड़ो डॉलर की फंडिंग विदेश में भी की जाने लगी ताकि भारत के विरोध में माहौल बनाया जाए। कनाडा और अमेरिका इस फंडिंग को खाली स्थानीयों के कहने पर कर रहे थे। इसके बाद अमरिंदर ने जब ये खबर दी कि पूरा पंजाब जलाने का प्लान बन चुका है, अब ये राजनीति से ऊपर की बात हो चुकी है तो मोदी ने आगे आकर कह दिया कि कानून तो किसान के अच्छे के लिए आया था लेकिन देश की सुरक्षा को देखते हुए इसे वापिस ले रहा हूँ। इसका बदला कैप्टन से भी कांग्रेस ने लिए जब उन्हें कुर्सी से हटवा दिया। 

इस सारे घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट भी इनके साथ था जिसने कानून पर स्टे लगा दिया था और जांच कमेटी बिठा दी कि सर्वे होगा और जब सर्वे में ये आया कि 70% किसान इस कानून के समर्थन में हैं तो सुप्रीम कोर्ट ने आजतक वो आंकड़ा जारी नही किया। वो तो इन्ही के अंदर का कोई इस डाटा को रिलीज कर गया जिससे हमें ये पता चला कि देश का किसान इसके समर्थन में था बस एक पंजाब, चुनिंदा हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को लाकर देश में आग लगवाने का प्लान था। इसमें नक्सली लवणासुर भी डीप स्टेट के लिए काम कर रहा था जिसे खाली स्थानीयों ने ही फिर पंजाब जितवाकर दिया और ये बात खुद पन्नू कह चुका है और न सिर्फ पन्नू बल्कि इन खाली स्थानीयों को ठीक करने वाले KPS गिल से लेकर इसके नेता ही ये बता चुके थे।

लाल किले पर चढ़ दौड़ना भी उसी का बहाना था ताकि इनको भून दिया जाए और जो ये पप्पू आज तक फर्जी 750 शहीद बताता है वो असल मे हो जाएं जिससे फिर पंजाब उसी तरह जल उठता जैसे कश्मीर जला था और वहां टारगेट होता हिन्दू और उसके बदले में देश मे टारगेट होते फिर सिक्ख।

इसीलिए मोदी जब कहते थे कि ये संयोग नहीं प्रयोग है या कहते थे कि आप नही जानते मैंने कैसे कैसों से दुश्मनी मोल ली है जो मुझे मार डालना चाहते हैं तो वो यूं ही नही कहते थे। मोदी ने असल में डीप स्टेट के हर माफिया से दुश्मनी ली है फिर वो उपरोक्त मुद्दा हो, आयल हो, फार्मा हो या हथियार… 

मोदी ने भारत प्रथम रखने के चक्कर मे सबको नाराज किया है जिस वजह से डीप स्टेट इतना एक्टिव हुआ कि फ्रस्ट्रेशन में उनका एजेंट सोरोस पर्दे के सामने आ गया। इसी क्रम में फिर अडानी पर हमला हुआ, इसी के क्रम में भारत मे जातीय संघर्ष करवाना हो या अल्पसंख्यक के नाम पर पप्पू का विदेश में र-रोना करना या मणिपुर जैसा घटनाक्रम.. हर चीज हो रही है। किसी भी तरह आपको खून दिखाना है ताकि आप बेहोश हों और फिर गुस्से में सरकार के खिलाफ हो जाएं। पप्पू की हर विदेश यात्रा इसी तरह के टूलकिट बनाने के लिए होती है वरना खुद सोचिए कि इस जोकर को कोई क्यों मुंह लगाएगा जिसे भारत मे कोई सीरियस नही लेता है।।

इसी क्रम में फिर कनाडा वापिस एक्टिव होकर भारत पर इल्जाम लगाया था कि तुमने हमारा नागरिक मार दिया और अब अमरीका सेम आरोप लगा रहा है। वो इस बहाने भारत के खिलाफ ऐसा माहौल बनवाना चाहता है कि भारत फिर अमेरिका-कनाडा आदि से डायरेक्ट दुश्मनी मोल ले और इस बहाने से फिर अमेरिका अपना नाटो एक्टिव करे। सीधी लड़ाई के लिए नही बल्कि सेंक्शन वाली लड़ाई के लिए जैसा रूस के साथ किया है। इस वजह से जैसे ही भारत की इकोनॉमी कोलैप्स होगी जैसा अडानी के माध्यम से प्लान था तो यहां उसका पालतू पप्पू एक्टिव होगा कि देखो मोदी ने देश बर्बाद कर दिया। आज कांग्रेसी जो हमला कर रहे हैं कि मोदी ने दुनिया में हमे शर्मशार कर दिया वो इसी का एक बहाना है क्योंकि दूसरी तरफ हम 4 ट्रिलियन जीडीपी टच कर चुके हैं, हमारा शेयर मार्केट 4 ट्रिलियन क्रॉस कर चुका है, हमारा एक्सपोर्ट 750 बिलियन डॉलर पार कर चुका है और हमारी ग्रोथ भी 7.5% से चल रही है।। 

अब इन आकड़ो को फेल तभी किया जा सकता है जब हमारे से दूसरे देशों खासकर अमेरिका और यूरोप के सम्बंध खराब हों।

बाकी, इस पन्नू को तो हम जरूर ठोकेंगे लेकिन जैसा आरोप अमेरिका या कनाडा लगा रहा है, वैसे कच्चे खिलाड़ी हम हैं नहीं.. हाँ अमेरिका ने खुद को एक्सपोज़ जरूर कर दिया जैसा कनाडा ने किया था कि ये खाली स्थानी इनके पाले हुए एसेट्स हैं जो ये भारत के खिलाफ रिजीम चेंज में इस्तेमाल कर रहे हैं। अब तक इन्हें पाकिस्तान इस्तेमाल करता था लेकिन उसे भिखारी बना दिया तो अब इन्हें अमरीका(डीप स्टेट) ने खरीद लिया है और ये अब उनके इशारे पर भारत के खिलाफ एक्टिव हो रखे हैं।

लेकिन फिर कहता हूँ कि ये पन्नू जैसे कितना भी रो लें, इनकी सुपारी फैंटम लोगों को दे दी गयी है। जब वो मारेंगें तो न अमेरिका, न कनाडा, न ISI और न कोई और को भनक तक नही लगेगी कि कौन इनको मारकर चला गया। इनका फाइव ऑय हमारे थर्ड ऑय की ताकत अभी जानता नही है।। अमेरिका को अगर दुश्मनी निकालनी है तो डायरेक्ट सामने आए क्योंकि अब वो दिन और सरकारें लद गयी जो इनके सामने घुटने टेकती थी। इनके भी भूस भर दिया जाएगा अगर किसी गलतफहमी में हो तों।

भूलना नही चाहिए कि मोदी ने कहा था कि हम 125 करोड़ हैं। एक एक कदम चल लें तो 125 कदम होते हैं। ये बहुत गहरी बात थी जो लगता है इन जैसो को समझ नही आई है अभी भी।। ऐसे ही ढाई फ्रंट की बात नही की थी और न ऐसे ही आत्मनिर्भर भारत की। हमने इन जैसो के लिए तैयारी बहुत पहले से ही कर ली थी।। बस कहना हमने अब शुरू किया है। (साभार शोशल मीडिया वायरल पोस्ट) 

आपको याद है गुजरात के मोरेबा में पुल गिर गया था। चुनाव का समय था खूब हल्ला हुआ कि जिस ओरेवा कम्पनी ने इस पुल का रखरखाव का ठेका लिया उसका मालिक जयसुख पटेल मोदी का दोस्त है इसलिए उसपर कोई कार्यवाही नही हो रही, मोदी उसे बचा रहे हैं।।
लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुए तो एक भी डुक्कर ने फिर इस घटना की चर्चा नही की जबकि गुजरात सरकार ने अपनी 1300 पन्नो की चार्जशीट में जयसुख पटेल को भी आरोपी बनाया था और उसने फिर कोर्ट में सरेंडर भी किया था और वो जेल भेज दिया गया।।
अब इसी तरह पहले गिद्ध इस उम्मीद में थे कि उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूर मर जाये ताकि चुनाव में इसका फायदा लें लेकिन जब वो इनकी बद्दुआ नही लग सकी तो अब सेम उसी तरह ये टनल बनाने वाली कम्पनी के पीछे पड़ गए हैं कि उसको दोषी बना कब कार्यवाही होगी। इसके लिए बाकायदा इन्होंने वही अपनी घटिया स्ट्रेटजी भी चली जब उस कम्पनी को अडानी का बताने लगे लेकिन उधर अडानी ने ही सामने आकर इसे सिरे से खारिज कर दिया कि हमारा कोई लेना देना ही नही है इस कम्पनी से।
लेकिन ये गिद्ध कहा शांत रहते हैं तो अब कहने लगे कि जिसकी भी कम्पनी हो उसपर कार्यवाही तो हो लेकिन फिर वही बात है ना कि इन कुत्तों के भौंकने से तो कार्यवाही नही होगी। उसके लिए पहले जांच कमेटी बनेगी फिर जांच रिपोर्ट आएगी और फिर उसमें तय होगा कि आगे क्या कार्यवाही करनी है जैसा कि धामी जी कह ही दिए हैं कि हम इसकी जांच करेंगे।
लेकिन गिद्घों को लगता है कि फटाफट से माहौल बनवा दो क्योंकि इस सफल ऑपरेशन का क्रेडिट मोदी को जा रहा है। ऊपर से सभी फंसे मजदूर भी सरकार के द्वारा किये गए प्रयासों की तारीफ कर रहे हैं तो कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा ना कि मोदी को लोग गाली दे सकें।
वैसे कल ये उधर बचाव कार्य मे लगे दो मजहबी ले आये थे हीरो बनाने लेकिन उस एजेंडा का भी कोई फायदा नही मिला क्योंकि लोग पूछने लगे कि टँकी घटना के समय तो उसका कोई मजहब तुम्हारे लिए नही होता तो अब इस बचाव कार्य मे कैसे मजहब ढूंढ लिया।
इसलिए चलो किसी भी तरह मोदी और भाजपा को टारगेट करते हैं।
और याद रखें कि कल को जब कार्यवाही हुई(अगर लापरवाही सिद्ध हुई) तो उस समय अगर कोई चुनाव नही चल रहा होगा या मोदी को घेरने को कुछ नही मिल रहा होगा तो ये उस खबर को उसी तरह इग्नोर कर देंगे जैसे जब मोरबी में कार्यवाही हुई और उससे कुछ भाजपा विरोधी मेटेरियल नही मिला तो इन्होंने एक ट्वीट तक उसपर करना जरूरी नहीं समझा था।

विदेशी टनल एक्सपर्ट अर्नाल्ड डिक्स जितने बार भी टनल के अंदर गए और बाहर निकले, उतनी बार पास वापस स्थापित पूजा स्थल के आगे घुटनों पर बैठकर हाथ जोड़े और आंख बंद करके अरदास किया।

इन्हीं अमेरिकी एक्सपर्ट ने आते ही टनल के मुहाने से हटाए गए पूजा स्थल को वापस रखवाया था। कहा था कि हिमालय ने गुस्सा दिखाया है। उन्होंने मजदूरों को बंधक बनाया है। अब हिमालय ही जब चाहेगा, तब उनको छोड़ेगा।

हुआ भी ऐसा ही। अमेरिकी मशीन आगर भी पहली बार किसी मिशन पर टूट गया और दरवाजे तक पहुंचकर भी सारे एक्सपर्ट लाचार हो गए थे।

अमेरिकी टनल विशेषज्ञ ने कहा था कि उन्होंने मां काली से एक डील की है। शायद अब वे उस आध्यात्म अनुभव को साझा करेंगे।

आज भी अर्नाल्ड उस छोटे से चबूतरे वाले मंदिर के में देवी, भोलेनाथ और बाबा बौखनाथ की पूजा की और बहुत देर तक वहीं बैठे रहे।

सबसे अजूबा तब हुआ, जब इसी पूजा स्थल के पीछे चट्टान पर पानी की धारा निकल गई। और उससे बाबा भोलेनाथ की आकृति सी बन गई। मौसम अचानक साफ हो गया। जबकि बारिश का अनुमान मौसम विभाग ने बता रखा था। उसे देखकर अर्नाल्ड ने कहा कि आज हिमालय और यहां के बाबा भोलेनाथ खुशखबरी देने वाले हैं।

एक दूसरे धर्म के प्रख्यात इंजीनियर द्वारा हिंदू धर्म की मान्यताओं को इस स्तर तक समझना और इज्जत देना काफी कुछ कह जाता है।

जहाँ विज्ञान डगमगाता है। वहीं से आस्था की शुरूआत होती है। विज्ञान और धर्म विपरीत नहीं बल्कि पूरक है।

ये बात बड़े बड़े वैज्ञानिक ओर अर्नाल्ड डिक्स जैसे लोग तो समझते है लेकिन भारत मे ही कुछ वामी नही समझते।