आज का पंचाग, आज है विजया एकादशी, जो समय से नहीं चेते वे फंस हैं यूक्रेन में, युगांडा का जन संहार 1972

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शनिवार, २६ फरवरी २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:५१
सूर्यास्त: 🌅 ०६:१४
चन्द्रोदय: 🌝 २८:१७
चन्द्रास्त: 🌜१३:२६
अयन 🌕 उत्तरायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: 🌿 बसंत
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 फाल्गुन
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 दशमी (१०:३९ तक)
नक्षत्र 👉 मूल (१०:३२ तक)
योग 👉 सिद्धि (२०:५२ तक)
प्रथम करण 👉 विष्टि (१०:३९ तक)
द्वितीय करण 👉 बव (२१:२६ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य 🌟 कुम्भ
चंद्र 🌟 धनु
मंगल 🌟 मकर (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 कुंम्भ (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र 🌟 धनु (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०७ से १२:५३
अमृत काल 👉 २८:२१ से २९:५०
विजय मुहूर्त 👉 १४:२४ से १५:१०
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:०२ से १८:२६
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०४ से २४:५४
राहुकाल 👉 ०९:३८ से ११:०४
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १३:५६ से १५:२२
होमाहुति 👉 राहु
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 आकाश
भद्रावास 👉 पाताल (१०:३९ तक)
चन्द्रवास 👉 पूर्व
शिववास 👉 क्रीड़ा में (१०:३९ से कैलाश पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पूर्व-उत्तर (वाय विन्डिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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विजया एकादशी व्रत (स्मार्त मत), मंगल मकर में १५:४९ से, स्वामी दयानन्द जयन्ती आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १०:३२ तक जन्मे शिशुओ का नाम
मूल नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (भी) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम पूर्वाषाढ नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश: (भू, धा, फा, ढा) नामाक्षर रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कुम्भ – ३०:१० से ०७:३६
मीन – ०७:३६ से ०९:००
मेष – ०९:०० से १०:३३
वृषभ – १०:३३ से १२:२८
मिथुन – १२:२८ से १४:४३
कर्क – १४:४३ से १७:०५
सिंह – १७:०५ से १९:२४
कन्या – १९:२४ से २१:४२
तुला – २१:४२ से २४:०२
वृश्चिक – २४:०२ से २६:२२
धनु – २६:२२ से २८:२५
मकर – २८:२५ से ३०:०६
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रोग पञ्चक – ०६:४६ से ०७:३६
शुभ मुहूर्त – ०७:३६ से ०९:००
शुभ मुहूर्त – ०९:०० से १०:३२
रोग पञ्चक – १०:३२ से १०:३३
शुभ मुहूर्त – १०:३३ से १०:३९
मृत्यु पञ्चक – १०:३९ से १२:२८
अग्नि पञ्चक – १२:२८ से १४:४३
शुभ मुहूर्त – १४:४३ से १७:०५
रज पञ्चक – १७:०५ से १९:२४
शुभ मुहूर्त – १९:२४ से २१:४२
चोर पञ्चक – २१:४२ से २४:०२
शुभ मुहूर्त – २४:०२ से २६:२२
रोग पञ्चक – २६:२२ से २८:२५
शुभ मुहूर्त – २८:२५ से ३०:०६
मृत्यु पञ्चक – ३०:०६ से ३०:४५
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन भाग्योन्नति वाला रहेगा। दिन का प्रथम भाग आलस्य की भेंट चढेगा परन्तु मध्यान से कार्यो में पूरी निष्ठा से जुट जाएंगे अधूरे कार्य पूरे होने पर धन की आमद होगी। आर्थिक रूप से आज का दिन आपकी आशाओ पर खरा उतरेगा लेकिन उधारी के व्यवहार कुछ समय के लिये परेशान करेंगे। घर मे धर्म कर्म के आयोजन होंगे। शुभ धार्मिक यात्रा की योजना भी बनायेगे। उगाही से लाभ होगा। परिजनों के साथ मित्रवत व्यवहार रहेगा। कार्य क्षेत्र पर स्त्री का सहयोग मिलेगा। पारिवार में सुख के साधनों की खरीद का विचार करेंगे। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन स्वास्थ्य के लीये हानि कारक रहेगा दिन के आरम्भ से ही सेहत में गिरावट अनुभव होगी लेकिन कार्य भर के कारण अनदेखी करेंगे बाद में रोग बढ़ने पर ज्यादा परेशानी होगी कार्य भी अधूरे रह सकते है बेहतर रहेगा आज ज्यादा परिश्रम करने से बचे जोखिम वाले कार्य पानी अथवा उपकरणों से सावधानी रखें। कार्यो में उत्साहहीनता रहने के कारण पूर्व निर्धारित योजनाएं टालनी पड़ सकती है। व्यवसायिक स्थल पर प्रतिस्पर्धा के कारण टकराव की स्थिति बनेगी। आज के दिन शालीनता के साथ व्यवहार करना फायदेमंद रहेगा। अधिक क्रोध एवं ईर्ष्या की प्रवृति धन के साथ आपसी व्यवहार बिगाड़ेगी। लाभ हानि बराबर रहेंगे धन को लेकर भाग दौड़ व्यर्थ जाएगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आपके साथ आकस्मिक घटनाएं घटित होंगी इनका फल मिला जुला रहेगा। सामाजिक क्षेत्र पर सम्मान तो बढ़ेगा लेकिन किसी स्वयं जन के कारण शर्मिंदगी भी देखनी पड़ेगी। आप दिन भर किसी ना किसी कारण से व्यस्त ही रहेंगे व्यस्तता को धन के साथ ना जोड़े। आज संबंधों को ज्यादा महत्त्व दें निकट भविष्य में ये ही धन लाभ कराएंगे। कार्य व्यवसाय से काम चलाऊ आय आसानी से हो जाएगी निवेश बेझिझक होकर कर सकते है। घरेलू कार्य समय से करने पर भी परिजन किसी न किसी कारण से नाराज ही रहेंगे। गृहस्थ की बाते मित्र स्नेही जन से भी ना बांटे हानिकर हो सकता है। किसी के ऊपर छींटा कशी करने से बचे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आप मानसिक रूप से दुविधा में रहेंगे जिस भी कार्य को करने का प्रयास करेंगे उसमे कोई ना कोई व्यवधान आने से मन खिन्न होगा। कार्य क्षेत्र पर सहयोग की कमी नही रहेगी लेकिन भाग्य का साथ ना मिलने से अधिक संघर्ष करना पड़ेगा। अपने बड़बोले पन के कारण स्वयं ही मुसीबतों को न्योता देंगे। परिजनो से आज अधिकतर कार्यो में वैचारिक मतभेद रहेंगे। महिलाये गलती करने पर लीपापोती करेंगी लेकिन सफल नही होंगी। नौकरी पेशाओ को लापरवाह होकर कार्य करने पर अधिकारियो की डांट सुन्नी पड़ेगी। स्वभाव में भी आज सुस्ती अधिक रहेगी। धन लाभ के अवसर हाथ से निकलने की संभावना है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आपका स्वभाव संपर्क में आने वालों को आश्चर्य चकित करेगा। अपना मतलब साधने के लिये किसी की चापलूसी करने से भी परहेज नही करेंगे। लोगो को आपका व्यवहार हितैषी लगेगा लेकिन अंदर स्वार्थ सिद्धि की भावना रहेगी। धन संबंधित परेशानी आज नही रहेगी। दिन आपकी मनोकामनाओ की पूर्ति कराने वाला रहेगा। कार्य क्षेत्र पर परिश्रम के अनुसार लाभ मिलेने से संतोष रहेगा। नए कार्यो में निवेश कर सकते है। पैतृक संपत्ति के मामलो में उलझने रहेंगी परन्तु परिवार के सदस्यों में आपसी सामंजस्य बना रहेगा। फिर भी झगड़ो को टालने के लिए छोटी-मोटी बातों को अनदेखा करें। दिन भर मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिये प्रतिकूल रहेगा। कार्य क्षेत्र पर धीमी गति से कार्य करने पर लोगो की आलोचना सुन्नी पड़ेगी आर्थिक कारण से भी किसी से तकरार होने की सम्भावना है। आप जो भी कार्य करेंगे उसका विपरीत फल ही मिलेगा। अतिरिक्त आय कमाने के प्रलोभन में हाथ लगी पूंजी ना चली जाए इसका ध्यान रखें। गलत निर्णय अवश्य हानि का कारण बनेगा। परिजनो से मतभेद रहेंगे घरेलू झगड़े से बचने के लिये मौन धारण उत्तम उपाय है। मित्र परिचितों से भी संबंधों में उदासीनता अधिक रहेगी। धार्मिक पूजा पाठ के प्रसंग बनेंगे। दवाओं पर खर्च करना पड़ सकता है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आपके लिये आज का दिन शुभ रहेगा दिन के आरंभ में स्वास्थ्य चुस्त रहेगा मन मे धन संबंधित उलझन रहेगी लेकिन अकस्मात लाभ के समाचार मिलने से उत्साह बढ़ेगा रुके कार्यो में गति आएगी। कुछ दिनों से टल रही मनोकामना की पूर्ति आज कर सकेंगे। व्यवसाय में नए अनुबंध मिलेंगे लेकिन नए कार्य का आरंभ आज ना करें। धन का निवेश शीघ्र ही फलदायी होगा। नौकरी वाले लोग मध्यान तक कार्य के प्रति कम ही गंभीरता दिखाएंगे। मित्र अथवा रिश्तेदारों के कारण कुछ समय के लिये परेशानी में पड़ेंगे। किसी पर भी आवश्यकता से अधिक विश्वास ना करें ना ही किसी को मन के राज बताये।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन बीते कुछ दिनों की अपेक्षा में राहत प्रदान करेगा। दिन का आरम्भ घर मे धार्मिक कार्यो से होगा इसके कारण चहल पहल भी रहेगी आध्यात्मिक पक्ष आज प्रबल रहेगा। कार्य क्षेत्र पर अन्य दिन की अपेक्षा कार्य विलंब से चलेंगे मंदी भी रहेगी। आर्थिक स्थिति धन की आमद कम एवं खर्च अधिक होने से सोचनीय रहेगी। आज आपके द्वारा कोई परोपकार भी होगा जसका लाभ सम्मान के रूप में लंबे समय तक मिलेगा लेकिन विरोधियों की बातों का बुरा नही मानने से शत्रु पक्ष आगे ज्यादा उदंडता कर सकता है। महिलाये आज धैर्य रहने पर भी मन का गुबार छुपा नही सकेंगी महात्त्वकांक्षाये अधिक रहने के कारण दुखी होंगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिये धन और ज्ञान वृद्धिकारक रहेगा। आज आप जिस भी कार्य को करेंगे उसमे अपनी कार्य कुशलता का परिचय देंगे। अपने अनुकूल कार्य मे विशेष योग्यता मिलेगी।
आज आपके मन में राग-द्वेष की भावना रहने से किसी प्रिय व्यक्ति से दूरी बन सकती है लेकिन सामजिक व्यवहार बढ़ने का लाभ मिलेगा। संध्या के समय आकस्मिक धन अथवा उपहार लाभ के योग है। आज के दिन प्रेम-प्यार से दूर रहना ही हितकर रहेगा। लंबी यात्रा की योजना बनेगी यथा सम्भव आज टालें। स्वास्थ्य संबंधित समस्या कुछ समय के लिये रहेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन विषम परिस्थितियों वाला रहेगा मन मे बड़ी बड़ी योजनाए बनती रहेंगी लेकिन सहयोग की कमी और धन के अभाव के कारण इन्हें साकार नही कर पाएंगे। धन संबंधित समस्या आज मुख्य रूप से दिनचार्य को प्रभावित करेगी धन लाभ होगा लेकिन आवश्यकता की तुलना में ना के बराबर ही। अपनी भावनाओं को किसी के आगे सांझा करने से कतराएंगे आपसी संबंध को बचाना इसका मूल उद्देश्य रहेगा। लोगो की उद्दंडता को मजबूरन नजरअंदाज करना पड़ेगा। खर्च करने में भी मितव्ययता बरतेंगे। जिस भी कार्य को लेकर निश्चिन्त रहेंगे उसी में कुछ ना कुछ विघ्न उपस्थित होगा। सरकारी कार्य लंबित रहेंगे नौकरी में भी उत्साह की कमी रहेगी। पेट संबंधी व्याधि से परेशानी होगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आपका विवेकी व्यवहार कार्य क्षेत्र पर सम्मान दिलाएगा लेकिन घर के सदस्यों के प्रति सनकी मिजाज रहने के कारण आपसी मतभेद रहेंगे। नए कार्य का आरंभ फिलहाल टालें पुराने अधूरे कार्य पूर्ण करने पर अधिक ध्यान दे समय पर कार्य पूरे ना करने पर सम्मान हानि हो सकती है। व्यावसायिक काम काज को लेकर अन्य लोगो के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा अवकाश भी लेना पड़ सकता है। लाभ आशानुकूल ना होने से थोड़ी निरशा भी रहेगी। महिलाये वाणी के प्रयोग में संतुलन बरते बेवजह कलह के प्रसंग बनने से रंग में भंग वाली स्थिति बन सकती है। संध्या के आस-पास थकान के कारण किसी काम मे मन नही लगेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन कार्य सफलता वाला रहेगा लेकिन आज आपको लक्ष्य बनाए कर कार्य करना पडेगा तभी सफलता निश्चित होगी। मार्ग से भ्रमित करने वाले प्रसंग उपस्थित होंगे लाभ की जगह है वाले कार्य ज्यादा आकर्षित करेंगे दुविधा की स्थिति में जानकारों से सलाह लेकर ही कदम बढ़ाए अन्यथा लाभ होते होते हानि हो सकती है। उच्च प्रतिष्ठित लोगो की सहायता सरकारी क्षेत्र के काम आसान बनाएगी लेकिन इसके लिये अनैतिक मांगे भी माननी पड़ेंगी। पारिवारिक वातावरण शंकालु रहेगा घर के सदस्य एक दूसरे के कामो में कमियां निकालेंगे। सेहत मध्यान तक ठीक रहेगी इसके बाद हाथ पैरों में शिथिलता आएगी।
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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏

🌷 *विजया एकादशी व्रत* 🌷
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष { गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार माध कृष्ण पक्ष }की एकादशी को *विजया एकादशी कहते हैं*

👉 *एकादशी तिथि की शुरुआत*👇

कल 26 फरवरी 2022, शनिवार सुबह 10:39 मिनट से

👉 *ऐकादशी तिथी का समापन*👇

परसों 27 फरवरी 2022, रविवार सुबह 08:12 मिनट पर

👉 *एकादशी व्रत के पारण का समय 👇*

28 फरवरी 2022, सोमवार को सुबह 06:48 से 09:06 बजे तक

👉 *विशेष*
*एकादशी का व्रत सूर्योदय तिथि 27 फरवरी 2022, रविवार के दिन ही रखें* …. *शनिवार एवं रविवार के दिन खाने में चावल या चावल से बनी हुई वस्तुओं का प्रयोग बिल्कुल भी ना*करें❌ भले ही आपने व्रत ना रखा हो…. फिर भी चावल या चावल से बनी हुई चीज का खाना वर्जित है 🙏*

*इस बार विजया एकादशी पर दो शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि योग और त्रिपुष्कर योग भी बन रहे हैं.* सर्वार्थ सिद्धि योग 27 फरवरी को सुबह 08:49 बजे से लग रहा है, जो अगले दिन 28 फरवरी की सुबह 06:48 बजे तक रहेगा.
वहीं त्रिपुष्कर योग 27 फरवरी की सुबह 08:49 बजे से प्रारंभ हो रहा है. ये 28 फरवरी को सुबह 05:42 बजे तक मान्य होगा. मान्यता है कि *सर्वार्थ सिद्धि योग में किया गया कोई भी काम सफल जरूर होता है.*

👉 *विजया एकादशी व्रत कथा* 👇

पौराणिक कथा के अनुसार, प्रभु श्री राम के वनवास के दौरान रावण ने माता सीता का हरण कर लिया. तब भगवान राम और उनके अनुज लक्ष्मण बहुत ही चिंतित हुए. माता सीता की खोज के दौरान हनुमान की मदद से भगवान राम की वानरराज सुग्रीव से मुलाकात हुई. वानर सेना की मदद से भगवान राम लंका पर चढ़ाई करने के लिए विशाल समुद्र तट पर आये. विशाल समुद्र के चलते लंका पर चढ़ाई कैसे की जाए. इसके लिए कोई उपाय समझ में नहीं आ रहा था.

अंत में भगवान राम ने समुद्र से मार्ग के लिए निवेदन किया, परंतु मार्ग नहीं मिला. फिर भगवान राम ने ऋषि-मुनियों से इसका उपाय पूछा. तब ऋषि-मुनियों ने विजया एकादशी का व्रत करने की सलाह दी. साथ ही यह भी बताया कि किसी भी शुभ कार्य की सिद्धि के लिए व्रत करने का विधान है. प्रभु श्रीराम ने विजया एकादशी का व्रत किया और व्रत के प्रभाव से समुद्र को पार किया लंका पर चढ़ाई की और रावण का वध किया और माता सीता से फिर पुनः मिलन हुआ🙏

विजया एकादशी व्रत के प्रभाव से मनुष्य को विजय प्राप्त होती है भयंकर शत्रुओ से जब आप घिरे हो और सामने पराजय दिख रही हो …उस विकट स्थिति में भी अगर विजया एकादशी का व्रत किया जाए तो …व्रत के प्रभाव से अवश्य ही विजय प्राप्त होती है 🙏इस एकादशी के व्रत के श्रवण एवं पठन से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं🙏

🙏 *ओम नमो नारायणाय* 🙏

यूक्रेन मे ढेरों भारतीय फंसे हैं, उनके साथ सबकी सहानुभूति है।

पर यह क्लैसिक इग्ज़ैम्पल है कैसे हम भारतीय समय से चेतते नहीं, वार्निंगस इग्नोर करते हैं और फिर अंत मे अकस्मात जाग्रत हो चाहते हैं सरकार आकर हमें बचा ले अभी तुरंत।

वैसे आपको उत्कंठा होगी, बाकी देश कैसे हैंडल कर रहे हैं। अमेरिका ने महीने भर पहले अपने नागरिकों को वार्निंग इशू की थे कि युद्ध हो सकता है यूक्रेन से निकल लो – जाहिर सी बात है गए अपने खर्च पर हो तो आओगे भी अपने ही खर्च पर। दस बारह दिन पूर्व अमेरिका ने अपने मिलिटरी जहाज भेज अपने दूतावास कर्मी आदि भी बुलवा लिए। मे बी एकाध प्रतिशत अमेरिकन हम लोगों जैसी जींस वाले होंगे जो अभी तक नहीं गए। उनका क्या। कुछ नहीं। अमेरिका ने बोल दिया कि तुम जानो तुम्हारा काम जाने। सरकार कोई ईवैक्यवैशन फिलहाल नहीं करेगी। आगे होगा यह कि दूतावास इन नागरिकों के संपर्क मे रहेगा। अगल बगल के देशों से कहीं न कहीं कोई न कोई प्राइवेट प्लैन उड़ रहा होगा, जिसकी सूचना इन्हें दे दी जाएगी – जाहिर बात है एक का टिकट सौ का मिलेगा। पैसा खर्च करो, न हो तो लोन दे दिया जाएगा, प्राइवेट हवाई जहाज से आ जाओ, जिंदगी भर लोन चुकता करना। सबसे अंत मे हो सकता है एकाध स्पेशल फ्लाइट चालू करवा दी जाएँ जिसमें सारा खर्च यात्रियों की जेब से ही जाएगा। आ जाओ वापस।

और यह लाजिकल भी है।

करोना काल के दौरान यूक्रेन आदि देशों मे जब कक्षाएं ऑफलाइन आरंभ हुई, तब चूंकि सामान्य फ्लाइट नहीं चल रही थीं तो वहाँ के कालेजों ने विशेष प्राइवेट प्लैन चलवाए जिससे कि छात्र यूक्रेन जा सकें। जाहिर सी बात है ज्यादा पैसा लगा पर पैसा पैरेंट्स ने ही दिया। अभी आपात काल है। जिसे जहां जैसे जीतने पैसे से मौका लगे आ जाए।

अब चूंकि फंस गए हैं, भले ही लाख गलती रही हो पर हैं अपने ही नागरिक। भारत सरकार से यह उम्मीद रहेगी कि समस्या का राजनैतिक हल निकालते हुवे इन नागरिकों को यूक्रेन से किसी दूसरे देश बाई रोड ले जाने का तरीका निकलवाए। यदि सरकार ऐसा कर लेती है तो यह सरकार की सहृदयता और तारीफ होगी।

बाकी इस प्रक्रिया मे रोड का खर्च / हवाई यात्रा का खर्च संबंधित लोगों से ही लेना चाहिए। और मुझे नहीं लगता किसी पैरेंट को इसमे कोई समस्या होगी। इस व्यक्त पैंतीस हजार के बदले साढ़े तीन लाख लग जाएँ, पर सभी यही चाहेंगे कि रास्ता निकल आए और घर वापसी हो।

आगे से भी विदेश मे हों या घर से बाहर इतनी समझ अवश्य रखनी चाहिए कि ऐसी स्थितियाँ हों उससे पहले ही या तो घर वापस हो लो या फिर संयम रखो।

*युगांडा जन संहार 1972*

🧐 🤔 😇 😳 🙄

   युगांडा एक अफ्रीकी देश है जो केन्या के बगल मे स्थित है। पूर्व मे यह देश भारत की तरह अंग्रेजों का गुलाम था। अंग्रेज बहुत सारे भारतीयो को युगांडा लेकर गये जो वहां बस गये। कुछ भारतीय वहां रोजगार धन्धे के लिए भी गये और वहीं बस गये। यहां की आवादी मे 85% मुस्लिम, 14 % ईसाई थे।

               भारतवासियों ने वहाँ जाकर अपने पुरूषार्थ का पसीना बहाया जिसके फलस्वरूप वे वहाँ जाकर समृद्ध बन गए. उद्योग -धंधे से लेकर राजनीति तक में भारतीयों का सिक्का चल पड़ा।

              ईदी अमीन नाम के एक मुस्लिम सैन्य अधिकारी ने 1971 में तख्ता पलटकर मिल्टन ओबेटो को हटा दिया और स्वयं युगांडा का प्रमुख बन गया।

             अपने शासन के एक साल बाद 1972 में, इसने गैर मुस्लिम भारतीयों को बाहर निकल जाने का फरमान सुनाया. इस फरमान के बाद भी जब प्रवासी भारतीय हिंदूओं ने युगांडा नहीं छोड़ा तो उसने अपने इस्लामिक सैनिकों को लूट-मार करने की खुली छूट दे दी।

             युगांडा के सेंट्रल और उत्तरी जोन में मुसलमान ज्यादा रहते हैं और इसी जोनमें प्रवासी भारतीय भी ज्यादा रहते थे. ईदी अमीन की खुली छूट के कारण सेना के साथ-साथ मुसलमानों ने भी हिंदुओं को मारना-पीटना और लूटना शुरु कर दिया जिसके कारण अपने कठिन परिश्रम से अर्जित पीढ़ियों की समूची कमाई छोड़कर हिंदूओं को वहां से भागना पड़ा।

               सेना और मुस्लिम जनता ने मिलकर हिंदूओं की संपत्ति पर कब्जा कर लिया।

               सैकड़ों हिंदूओं को मार भी दिया गया. फिर भी 60000 लोग वहां से भागने में सफल रहे._

          इनको वहां से सुरक्षित निकालने में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

               इंदिरा गांधी तब देश की प्रधानमंत्री थी. युगांडा के हिंदूओं पर अत्याचार को देखकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मा० बालासाहेब देवरस जी ने इंदिरा गांधी से संयुक्त राष्ट्र में शिकायत करने की अपील की, किंतु हिन्दुओं के लिए इन्दिरा गांधी ने कोई कदम नहीं उठाया।

               तब संघ के सर संघचालक जी ने केन्या के हिंदू संगठनों को तार भेजकर भारत वंशियों को सहायता करने की अपील की।

               दरअसल केन्या युगांडा का पड़ोसी देश है और केन्या में 1947 के मकर संक्रांति के दिन संघ के स्वयंसेवकों ने ’भारतीय स्वयंसेवक संघ’ नामक संगठन का निर्माण किया था और यह बहुत जल्दी ही एक बड़ा संगठन बन गया था।

               खैर संकट की उस घड़ी में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के केन्या की अपनी शाखा (भारतीय स्वयंसेवक संघ) के स्वयंसेवकों ने युगांडा के हिंदुओं के पुनर्वास में तन-मन धन से सहायता की।

               यहाँ तक कि उन प्रवासी भारतीयों को ब्रिटेन और फिजी भेजने में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

               तब उनके इस कार्य पर अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के दूतावासों ने ’भारतीय स्वयंसेवक संघ’ की प्रशंसा की थी।

               उन 60000 हिंदूओं में 29000 हिंदूओं ने ब्रिटेन में शरण ली तो 4500 फीजी गए, 5000 ने कनाडा में, 1200 लोगों ने केन्या में शरण ली तो 11000 लोग लौटकर भारत आए।

               शुरू में इंदिरा गांधी युगांडा से आए 11000 हिंदूओं पर मौन साधी रही. लेकिन जब अटल बिहारी वाजपेई व लालकृष्ण आडवाणी और समूचा संघ परिवार इस पर शोर मचाने लगा, तब जाकर इंदिरा गांधी को इन्हें नागरिकता देनी पडी।

               यह बात जानना भी महत्वपूर्ण है कि जिन 29000 हिंदूओं ने ब्रिटेन में शरण ली थी उसके कारण वहाँ के समाचारपत्रों ने इसके लिए अपनी सरकार की कड़ी आलोचना करना शुरु कर दिया।

               ब्रिटेन के अखबारों की आलोचना इतनी कड़वी थी कि मजबूरन वहां के विदेश मंत्री को यह कहना पड़ा कि ’हम इनको ब्रिटेन में नहीं रखने जा रहे हैं. हम इन सभी को भारत भेजेगें।

               तब इस मुद्दे पर ब्रिटेन के अधिकारियों और भारत के अधिकारियों में बातचीत शुरू हुई. भारत टस से मस नहीं हुआ. उसके बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इंदिरा गांधी से खुद बात की, किंतु इंदिरा गांधी ने 29000 भारतीयों को लेने से इंकार कर दिया।

               बाद में यू एनओ ने हस्तक्षेप किया कि ’यह अभी प्रताडऩा से पीड़ित हैं, इसलिए इनको तत्काल ब्रिटेन में ही रहने दिया जाए’. बाद में उनके अच्छे ब्यवहार के कारण सभी 29000 को ब्रिटेन की नागरिकता दे दी गई।

                तब की कांग्रेस और इन्दिरा गांधी की उपेक्षा की वजह से युगांडा ने हिन्दुओं का उत्पीडन हुआ और उन्हें भारत में शरण नहीं दी गई. और वो शरणार्थी बनकर दर दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हुए।

             *सन 1971 में, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सरकार ने बंगलादेश से आए मुस्लिम घुसपैठियों के लिए नागरिकता बिल में संशोधन किया और सभी बंगलादेशी मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देकर उन्हें सारी सुविधाएं दी।*

               कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता केवल हिन्दुओं को सुविधाएं देनें से खराब होती हैं, मुस्लिमों को देने से नहीं. तभी तो आज जब मोदी सरकार दुनियां में सताए जा रहे हिन्दुओं को भारतीय नागरिकता देकर सहारा देना चाहती है, तब कैसे कांग्रेस ने नागरिक संशोधन बिल का विरोध किया, हम सबने व्यथित मन से देखा।

               समय है कि दुनियां के हिन्दू समझें कि उनकी चिन्ता करने वाला पूरी दुनियां में यदि कोई है, तो वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वं भाजपा ही है, बाकी केवल वोट के भूखे हैं और देश को खोखला करने की मानसिकता पाले हुए हैं।

     *कल हमारे वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह जी ने सदन में 1972 मे युगांडा के हिन्दुओं पर हुए जुल्मों का उल्लेख किया और दर्द की उस घड़ी मे कांग्रेस ने हिंदुओं के साथ जो वर्ताव किया उसका जीवन्त वर्णन किया। आप सोचिये क्या इंदिरा जी केवल मुस्लिमो की प्रधानमंत्री थी?? क्या इंदिरा जी को भारतीय हिंदुओं ने बोट नही दिया था??*संकलन ✍️राजेन्द्र *माधवन* विदिशा मध्य प्रदेश