आज का पंचाग आपका राशि फल, रक्षाबंधन की तिथि पर निर्णय सिंधु का मत, प्राथमिक शिक्षा से ही वैद्यकीय शिक्षा आरम्भ हो तो अंग्रेजी उपचार पद्धति के मकड़जाल से मिलेगी मुक्ति, अष्टावक्र ने राजा जनक से कहा यदि मनुष्य हो कर आत्म साक्षात्कार नहीं हुआ तो पशुओं की श्रेणी में हो

*🚩🔱❄«ॐ»«ॐ»«ॐ»❄🔱🚩*
🌞🛕🛕 *जय रामजी की*🛕🛕🌞
🌺 *जय श्री राधेकृष्णा*🌺
🔔 *बम महाँकाल बाबा*🔔
🏹 *जय माँ जगदम्ब भवानी*🏹
*🐀🐘जय श्री गणेश🐘🐀*
※══❖═══▩ஜ ۩۞۩ ஜ▩═══❖══※
दिनांक :-07-अगस्त-2022
वार :-रविवार
तिथी :-10दशमी:-23:51
पक्ष:-शुक्लपक्ष
माह:-श्रावण
नक्षत्र:-अनुराधा:-16:30
योग:-ब्रह्म:-10:01
करण:-तैतिल:-13:05
चन्द्रमा:-वृश्चिक
सुर्योदय:-05:58
सुर्यास्त:-19:14
दिशा शुल…..पश्चिम
निवारण उपाय:-जौं का सेवन
ऋतु :-वर्षा ऋतु
गुलीक काल:-15:48से 17:26
राहू काल:-17:26से19:04
अभीजित….12:06से12:59
विक्रम सम्वंत ………2079
शक सम्वंत …………1944
युगाब्द ………………5124
सम्वंत सर नाम:-नल
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-07:39से09:17तक
लाभ:-09:17से10:55तक
अमृत:-10:55से12:33तक
शुभ:-14:10से15:48तक
🌗चोघङिया रात🌓
शुभ:-19:04से20:26तक
अमृत:-20:26से21:48तक
चंचल:-21:48से23:11तक
लाभ :-01:55से03:17तक
शुभ :-04:39से06:02तक
🌲आज के विशेष योग🌲
वर्ष का 127वाँ दिन, आदित्य पूजन, रवियोग अहोरात्र, मृत्युयोग सूर्योदय से 16:30, भाई इतवार व्रत(मालवा)
🌺 👉वास्तु टिप्स👈🌺
चतुर्थी के दिन बैलपत्र ना तोडे।
सुविचार
जितना हो सके चुप रहना ही अच्छा है क्योंकि सबसे ज्यादा गुनाह इंसान की जुबान ही कराती हैं।👍
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
रात को भोजन करने के तुरन्त बाद नहीं सोना चाहिए, जितना भारी भोजन किया हो ,इस अंतर की मात्रा भी उतनी ही अधिक होगी, यानी थोड़ी ज्यादा देर तक चहल कदमी कीजिए । नींबू रस ले ले तो और भी अच्छा!
*🐏🐂 राशिफल🐊🐬*
☀️ मेष राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कार्यक्षेत्र में काम की अधिकता रहेगी और कारोबार में धनलाभ की स्थिति रहेगी, लेकिन पूरा दिन भागदौड़ में बीतेगा। क्रोध पर नियंत्रण और वाणी पर संयम रखें।
☀️ वृषभ राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। कार्यक्षेत्र में छोटी-छोटी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कार्यभार की अधिकता रहेगी, लेकिन अपनी मेहनत से कार्यों में सफल होंगे। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। वाणी पर संयम रखना होगा।
☀️ मिथुन राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। गृहों की स्थिति आपके अनुकूल बन रही है, जिससे कार्यक्षेत्र में उन्नति के योग रहेंगे। कारोबार में नौकरी में तरक्की की संभावना रहेगी। अपने प्रयासों से अंतत: कार्य सफल होंगे और धनलाभ की स्थिति रहेगी। परिजनों-मित्रों के साथ आनंदपूर्वक समय व्यतीत कर सकेंगे।
☀️ कर्क राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। व्यावसायिक क्षेत्र में आर्थिक लाभ है, कार्यभार की अधिकता रहेगी, लेकिन परिश्रम और अपने प्रयासों से कार्यों में सफलता मिलेगी। मित्रों-परिजनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। घरेलू माहौल अनुकूल बना रहेगा।
☀️ सिंह राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। धनलाभ की स्थिति रहेगी। कार्यक्षेत्र में कामकाज की अधिकता रहेगी और भागदौड़ अधिक होगी, जिससे शारीरिक और मानसिक रूप से थकान का अनुभव होगा। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। क्रोध पर नियंत्रण रखें।
☀️ कन्या राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। अपने प्रयासों से कार्यों में सफलता मिलेगी और धनलाभ होगा, जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा और परिजनों-दोस्तों के साथ एक समय आनंदपूर्वक व्यतीत होगा।
☀️ तुला राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। कारोबार मध्यम रहेगा और कार्यक्षेत्र में बाधाएं उत्पन्न होंगी, लेकिन अंतत: अपने परिश्रम से कार्यों में सफलता मिलेगी। कोर्ट-कचहरी के मामलों में विशेष सावधानी रखें। परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा।
☀️ वृश्चिक राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। काम को लेकर उच्च अधिकारियों का दबाव रहेगा, जिससे तनाव का सामना करना पड़ सकता है। अविवाहितों के लिए विवाह के नए अवसर प्राप्त होंगे। विद्यार्थी वर्ग के लिए समय अनुकूल है।
☀️ धनु राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कार्यक्षेत्र में काम की अधिकता रहेगी, सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। सामाजिक और धार्मिक कार्यों के प्रति रूझान बढ़ेगा। परिवार में मांगलिक कार्यों का आयोजन हो सकता है।
☀️ मकर राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। धनलाभ की स्थिति रहेगी। कारोबार विस्तार की नई योजनाएं बना सकते हैं लेकिन नये कार्यों की शुरुआत करने से बचें, अन्यथा नुकसान हो सकता है। दांपत्य जीवन खुशहाल रहेगा। सामाजिक कार्यों में भाग लेंगे।
☀️ कुंभ राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगी। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी और व्यापार में आर्थिक लाभ के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। मित्रों-परिजनों के सहयोग से कार्यों में सफलता मिलने से आर्थिक स्थिति स्थिति मजबूत होगी। आलस्य से बचना होगा।
☀️ मीन राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। व्यावसाय में नई ऊर्जा के साथ काम करेंगे और अपने प्रयासों से सभी कार्य सफल होंगे। परिजनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा। सेहत को लेकर सतर्क रहें। यात्रा पर जाने से बचें।
*🎊🎉🎁 आज जिनका जन्मदिवस या विवाह वर्षगांठ हैं उन सभी मित्रो को कोटिशः शुभकामनायें🎁🎊🎉*
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कब मनाएं रक्षा बंधन

आपको अवगत कराना है कि रक्षा बंधन को लेकर लोग भ्रम की स्थिति में हैं कि राखी किस समय बांधनी है । क्योंकि 11 अगस्त को भद्रा है।
आप 11 अगस्त को शाम 5 बजकर 19 मिनट से लेकर 6 बजकर 20 मिनट तक राखी बांध सकते हैं।

कई लोग पूछ रहे कि भद्रा का मतलब क्या है ।

पुराणों के अनुसार भद्रा भगवान सूर्यदेव की पुत्री और राजा शनि की बहन है। शनि की तरह ही इसका स्वभाव भी कड़क बताया गया है। उनके स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए ही भगवान ब्रह्मा ने उन्हें कालगणना या पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टि करण में स्थान दिया। भद्रा की स्थिति में कुछ शुभ कार्यों, यात्रा और उत्पादन आदि कार्यों को निषेध माना गया किंतु भद्रा काल में तंत्र कार्य, अदालती और राजनीतिक चुनाव कार्य सुफल देने वाले माने

कुछ विद्वान 11 तारीख़ को पड़ने वाली भद्रा को अशुभ मानते है और उनका मानना है उस दिन पड़ने वाली पाताल की भद्रा का कोई शास्त्र सम्मत उल्लेख नहीं तो आइए शास्त्र सम्मत समझें भद्रा को ताकि कोई संशय ना हो

धर्मसिंधु में स्पष्ट उल्लेख है ..

जीभद्रायां द्वे न कर्तव्यम् श्रावणी फाल्गुनी वा। श्रावणी नृपतिं हन्ति,ग्रामों दहति फाल्गुनी

अर्थात भद्रा काल में दो त्यौहार नहीं मनाने चाहिए श्रावणी अर्थात रक्षाबंधन फाल्गुनी अर्थात होली
भद्रा काल में रक्षाबंधन मनेगा तो राजा के लिए कष्टकारी है और होली दहन के समय भद्रा रहेगी तो प्रजा ,ग्राम आदि के लिए हानिकारक है लेकिन सदैव भद्रा सदैव अशुभ नहीं होती कहीं-कहीं स्वीकार भी करनी पड़ती है खगोलीय परिवर्तन से ही पर्व विवादित होता है परंतु धर्म ग्रंथों में इसका स्पष्ट समाधान किया गया है।

जब भद्रा स्वर्ग या पाताल लोक में होगी तब वह शुभ फल प्रदान करने में समर्थ होती है। संस्कृत ग्रन्थ पीयूषधारा में कहा गया है
स्वर्गे भद्रा शुभं कुर्यात पाताले च धनागम। मृत्युलोक स्थिता भद्रा सर्व कार्य विनाशनी ।।

मुहूर्त मार्तण्ड में भी कहा गया है —“स्थिताभूर्लोख़्या भद्रा सदात्याज्या स्वर्गपातालगा शुभा” अतः यह स्पष्ट है कि मेष, वृष, मिथुन, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु या मकर राशि के चन्द्रमा में भद्रा पड़ रही है तो वह शुभ फल प्रदान करने वाली होती है

– श्रावणी उपाकर्म व रक्षा बन्धन का निर्णय :-सुप्रसिद्ध धर्म ग्रन्थों निर्णय सिन्धु,धर्म सिन्धु,पुरुषार्थ चिन्तामणि,कालमाधव,निर्णयामृत आदि के अनुसार दिनांक 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि दो मुहूर्त से कम होने के कारण दिनांक 11 अगस्त को ही श्रावणी उपाकर्म व रक्षा बन्धन शास्त्र सम्मत हैं

भद्रा निर्णय:-मुहूर्त चिन्तामणि 1/45 के अनुसार मकर राशि के चन्द्रमा में भद्रा वास पाताल में होने से इस दिन मकरस्थ चन्द्रमा की भद्रा को पीयूषधारा,मुहूर्त गणपति,भूपाल बल्लभ,आदि ग्रन्थों में अत्यन्त शुभ व ग्राह्य बताया गया है (देखिए वृहद् दैवज्ञ-रंजन 26/40) फिर मुहूर्त प्रकाश में तो स्पष्ट ही कहा है कि आवश्यक कार्य में मुख मात्र को छोड़कर सम्पूर्ण भद्रा में शुभ कार्य कर सकते हैं । भद्रा का मुख सायं 5:51 बजे से प्रारम्भ हो रहा है अतः पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ प्रातः 10:39 बजे से सायं 05:51 बजे तक का सम्पूर्ण समय श्रावणी उपाकर्म व रक्षा बन्धन के लिए पूर्णरूपेण शुद्ध हैं ।

निर्णयामृत धर्म ग्रन्थ के आधार पर श्रावणी उपाकर्म (जनेऊ धारण) भाद्रपद कृष्ण प्रतिपदा व धनिष्ठा नक्षत्र में नहीं हो सकता है इस कारण भी 11 अगस्त को ही प्रातः 10:39 से सायंकाल 05:51 के मध्य सम्पूर्ण समय उपाकर्म व जनेऊ धारण के लिए शुभ है यहाँ भी पूर्ववत् भद्रा का कोई दोष नहीं है

निर्णय का सार :- दिनांक 11 अगस्त 2022 को प्रातः 10:39 बजे से सायं 05:51 बजे तक बिना किसी संकोच के श्रावणी उपाकर्म (जनेऊ धारण) व रक्षाबंधन निःशंकोच मनायें तथा पर्वों की एकरूपता बनाये रखें ।
सबका कल्याण हो 🙏🏻🙏🏻

*😍आपका दिन शुभ हो😍*
*🚩जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम🚩*
_*👧🏻बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ👸🏻*_

काश ये सब हमारी प्राथमिक शिक्षा की पद्धति में शामिल होता

दूध ना पचे तो ~ सोंफ

दही ना पचे तो ~ सोंठ

छाछ ना पचे तो ~जीरा व काली मिर्च

अरबी व मूली ना पचे तो ~ अजवायन

कड़ी ना पचे तो ~ कड़ी पत्ता,

तैल, घी, ना पचे तो ~ कलौंजी…

पनीर ना पचे तो ~ भुना जीरा,

भोजन ना पचे तो ~ गर्म जल

केला ना पचे तो ~ इलायची

ख़रबूज़ा ना पचे तो ~ मिश्री का उपयोग करें…

1.योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है।

2. लकवा – सोडियम की कमी के कारण होता है ।

3. हाई वी पी में – स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे ।

4. लो बी पी – सेंधा नमक डालकर पानी पीयें ।

5. कूबड़ निकलना- फास्फोरस की कमी ।

6. कफ – फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है । गुड व शहद खाएं

7. दमा, अस्थमा – सल्फर की कमी ।

8. सिजेरियन आपरेशन – आयरन , कैल्शियम की कमी ।

9. सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें ।

10. अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें ।

11. जम्भाई- शरीर में आक्सीजन की कमी ।

12. जुकाम – जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पियें ।

13. ताम्बे का पानी – प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें ।

14. किडनी – भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये ।

15. गिलास एक रेखीय होता है तथा इसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है । गिलास अंग्रेजो ( पुर्तगाल) की सभ्यता से आयी है अतः लोटे का पानी पियें, लोटे का कम सर्फेसटेन्स होता है ।

16. अस्थमा , मधुमेह , कैंसर से गहरे रंग की वनस्पतियाँ बचाती हैं ।

17. वास्तु के अनुसार जिस घर में जितना खुला स्थान होगा उस घर के लोगों का दिमाग व हृदय भी उतना ही खुला होगा ।

18. परम्परायें वहीँ विकसित होगीं जहाँ जलवायु के अनुसार व्यवस्थायें विकसित होगीं ।

19. पथरी – अर्जुन की छाल से पथरी की समस्यायें ना के बराबर है ।

20. RO का पानी कभी ना पियें यह गुणवत्ता को स्थिर नहीं रखता । कुएँ का पानी पियें । बारिस का पानी सबसे अच्छा , पानी की सफाई के लिए सहिजन की फली सबसे बेहतर है ।

21. सोकर उठते समय हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का स्वर चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें ।

22. पेट के बल सोने से हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या आती है ।

23. भोजन के लिए पूर्व दिशा , पढाई के लिए उत्तर दिशा बेहतर है ।

24. HDL बढ़ने से मोटापा कम होगा LDL व VLDL कम होगा ।

25. गैस की समस्या होने पर भोजन में अजवाइन मिलाना शुरू कर दें ।

26. चीनी के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है , यह शरीर में जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है। चीनी खाने से पित्त बढ़ता है ।

27. शुक्रोज हजम नहीं होता है फ्रेक्टोज हजम होता है और भगवान् की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है ।

28. वात के असर में नींद कम आती है ।

29. कफ के प्रभाव में व्यक्ति प्रेम अधिक करता है ।

30. कफ के असर में पढाई कम होती है ।

31. पित्त के असर में पढाई अधिक होती है ।

33. आँखों के रोग – कैट्रेक्टस, मोतियाविन्द, ग्लूकोमा , आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है ।

34. शाम को वात -नाशक चीजें खानी चाहिए ।

35. प्रातः 4 बजे जाग जाना चाहिए ।

36. सोते समय रक्त दवाव सामान्य या सामान्य से कम होता है ।

37. व्यायाम – वात रोगियों के लिए मालिश के बाद व्यायाम , पित्त वालों को व्यायाम के बाद मालिश करनी चाहिए । कफ के लोगों को स्नान के बाद मालिश करनी चाहिए ।

38. भारत की जलवायु वात प्रकृति की है , दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करना चाहिए ।

39. जो माताएं घरेलू कार्य करती हैं उनके लिए व्यायाम जरुरी नहीं ।

40. निद्रा से पित्त शांत होता है , मालिश से वायु शांति होती है , उल्टी से कफ शांत होता है तथा उपवास(लंघन) से बुखार शांत होता है ।

41. भारी वस्तुयें शरीर का रक्तदाब बढाती है , क्योंकि उनका गुरुत्व अधिक होता है ।

42. दुनियां के महान वैज्ञानिक का स्कूली शिक्षा का सफ़र अच्छा नहीं रहा, चाहे वह 8 वीं फेल न्यूटन हों या 9 वीं फेल आइस्टीन हों ,

43. माँस खाने वालों के शरीर से अम्ल-स्राव करने वाली ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं ।

44. तेल हमेशा गाढ़ा खाना चाहिएं सिर्फ लकडी वाली घाणी का , दूध हमेशा पतला पीना चाहिए ।

45.छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है ।

46. कोलेस्ट्रोल की बढ़ी हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है । ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ है ।

47.मिर्गी दौरे में अमोनिया या चूने की गंध सूँघानी चाहिए ।

48.सिरदर्द में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें ।

49. भोजन के पहले मीठा खाने से बाद में खट्टा खाने से शुगर नहीं होता है ।

50.भोजन के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें ।

51. अवसाद में आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस की कमी हो जाती है । फास्फोरस गुड और अमरुद में अधिक है

52. पीले केले में आयरन कम और कैल्शियम अधिक होता है । हरे केले में कैल्शियम थोडा कम लेकिन फास्फोरस ज्यादा होता है तथा लाल केले में कैल्शियम कम आयरन ज्यादा होता है । हर हरी चीज में भरपूर फास्फोरस होती है, वही हरी चीज पकने के बाद पीली हो जाती है जिसमे कैल्शियम अधिक होता है ।

53. छोटे केले में बड़े केले से ज्यादा कैल्शियम होता है ।

54.रसौली की गलाने वाली सारी दवाएँ चूने से बनती हैं ।

55. हेपेटाइट्स A से E तक के लिए चूना बेहतर है ।

56. एंटी टिटनेस के लिए हाईपेरियम 200 की दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दे ।

57. ऐसी चोट जिसमे खून जम गया हो उसके लिए नैट्रमसल्फ दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दें । बच्चो को एक बूंद पानी में डालकर दें ।

58. मोटे लोगों में कैल्शियम की कमी होती है अतः त्रिफला दें । त्रिकूट ( सोंठ+कालीमिर्च+ मघा पीपली ) भी दे सकते हैं ।

59. अस्थमा में नारियल दें । नारियल फल होते हुए भी क्षारीय है ।दालचीनी + गुड + नारियल दें ।

60. चूना बालों को मजबूत करता है तथा आँखों की रोशनी बढाता है ।

61. दूध का सर्फेसटेंसेज कम होने से त्वचा का कचरा बाहर निकाल देता है ।

62. गाय की घी सबसे अधिक पित्तनाशक फिर कफ व वायुनाशक है ।

63. जिस भोजन में सूर्य का प्रकाश व हवा का स्पर्श ना हो उसे नहीं खाना चाहिए

64. गौ-मूत्र अर्क आँखों में ना डालें ।

65. गाय के दूध में घी मिलाकर देने से कफ की संभावना कम होती है लेकिन चीनी मिलाकर देने से कफ बढ़ता है।

66.मासिक के दौरान वायु बढ़ जाता है , 3-4 दिन स्त्रियों को उल्टा सोना चाहिए इससे गर्भाशय फैलने का खतरा नहीं रहता है । दर्द की स्थति में गर्म पानी में देशी घी दो चम्मच डालकर पियें ।

67.रात में आलू खाने से वजन बढ़ता है ।

68.भोजन के बाद बज्रासन में बैठने से वात नियंत्रित होता है ।

69.भोजन के बाद कंघी करें कंघी करते समय आपके बालों में कंघी के दांत चुभने चाहिए । बाल जल्द सफ़ेद नहीं होगा ।

70.अजवाईन अपान वायु को बढ़ा देता है जिससे पेट की समस्यायें कम होती है

71.अगर पेट में मल बंध गया है तो अदरक का रस या सोंठ का प्रयोग करें

72. कब्ज होने की अवस्था में सुबह पानी पीकर कुछ देर एडियों के बल चलना चाहिए ।

73. रास्ता चलने, श्रम कार्य के बाद थकने पर या धातु गर्म होने पर दायीं करवट लेटना चाहिए ।

74. जो दिन मे दायीं करवट लेता है तथा रात्रि में बायीं करवट लेता है उसे थकान व शारीरिक पीड़ा कम होती है ।

75. बिना कैल्शियम की उपस्थिति के कोई भी विटामिन व पोषक तत्व पूर्ण कार्य नहीं करते है ।

76.स्वस्थ्य व्यक्ति सिर्फ 5 मिनट शौच में लगाता है ।

77.भोजन करते समय डकार आपके भोजन को पूर्ण और हाजमे को संतुष्टि का संकेत है ।

78.सुबह के नाश्ते में फल , दोपहर को दही व रात्रि को दूध का सेवन करना चाहिए ।

79. रात्रि को कभी भी अधिक प्रोटीन वाली वस्तुयें नहीं खानी चाहिए । जैसे – दाल , पनीर , राजमा , लोबिया आदि ।

80. शौच और भोजन के समय मुंह बंद रखें , भोजन के समय टी वी ना देखें ।

81.मासिक चक्र के दौरान स्त्री को ठंडे पानी से स्नान , व आग से दूर रहना चाहिए ।

82. जो बीमारी जितनी देर से आती है , वह उतनी देर से जाती भी है ।

83. जो बीमारी अंदर से आती है , उसका समाधान भी अंदर से ही होना चाहिए ।

84.एलोपैथी ने एक ही चीज दी है , दर्द से राहत । आज एलोपैथी की दवाओं के कारण ही लोगों की किडनी , लीवर , आतें , हृदय ख़राब हो रहे हैं । एलोपैथी एक बिमारी खत्म करती है तो दस बिमारी देकर भी जाती है ।

85. खाने की वस्तु में कभी भी ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए , ब्लड-प्रेशर बढ़ता है ।

86 .रंगों द्वारा चिकित्सा करने के लिए इंद्रधनुष को समझ लें , पहले जामुनी , फिर नीला ….. अंत में लाल रंग ।

87 .छोटे बच्चों को सबसे अधिक सोना चाहिए , क्योंकि उनमें वह कफ प्रवृति होती है , स्त्री को भी पुरुष से अधिक विश्राम करना चाहिए

88. जो सूर्य निकलने के बाद उठते हैं , उन्हें पेट की भयंकर बीमारियां होती है , क्योंकि बड़ी आँत मल को चूसने लगती है ।

89.बिना शरीर की गंदगी निकाले स्वास्थ्य शरीर की कल्पना निरर्थक है , मल-मूत्र से 5% , कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने से 22 %, तथा पसीना निकलने लगभग 70 % शरीर से विजातीय तत्व निकलते हैं ।

90. चिंता , क्रोध , ईर्ष्या करने से गलत हार्मोन्स का निर्माण होता है जिससे कब्ज , बबासीर , अजीर्ण , अपच , रक्तचाप , थायरायड की समस्या उतपन्न होती है ।

91.गर्मियों में बेल , गुलकंद , तरबूजा , खरबूजा व सर्दियों में सफ़ेद मूसली , सोंठ का प्रयोग करें ।

92. प्रसव के बाद माँ का पीला दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को 10 गुना बढ़ा देता है । बच्चो को टीके लगाने की आवश्यकता नहीं होती है ।

93. रात को सोते समय सर्दियों में देशी मधु लगाकर सोयें त्वचा में निखार आएगा

94. दुनिया में कोई चीज व्यर्थ नहीं , हमें उपयोग करना आना चाहिए।

95.जो अपने दुखों को दूर करके दूसरों के भी दुःखों को दूर करता है , वही मोक्ष का अधिकारी है ।

96.सोने से आधे घंटे पूर्व जल का सेवन करने से वायु नियंत्रित होती है , लकवा , हार्ट-अटैक का खतरा कम होता है ।

97.स्नान से पूर्व और भोजन के बाद पेशाब जाने से रक्तचाप नियंत्रित होता है।

98 .तेज धूप में चलने के बाद , शारीरिक श्रम करने के बाद , शौच से आने के तुरंत बाद जल का सेवन निषिद्ध है

99. त्रिफला अमृत है जिससे वात, पित्त , कफ तीनो शांत होते हैं । इसके अतिरिक्त भोजन के बाद पान व चूना ।

100. इस विश्व की सबसे मँहगी दवा लार है , जो प्रकृति ने तुम्हें अनमोल दी है ,इसे ना थूकें।

जनक ने एक धर्म-सभा बुलाई थी। उसमें बड़े-बड़े पंडित आए। उसमें अष्टावक्र के पिता भी गए। अष्टावक्र आठ जगह से टेढ़ा था, इसलिए तो नाम पड़ा अष्टावक्र। दोपहर हो गई। अष्टावक्र की मां ने कहा कि तेरे पिता लौटे नहीं, भूख लगती होगी, तू जाकर उनको बुला ला।

अष्टावक्र गया। धर्म–सभा चल रही थी, विवाद चल रहा था। अष्टावक्र अंदर गया। उसको आठ जगह से टेढ़ा देख कर सारे पंडितजन हंसने लगे। वह तो कार्टून मालूम हो रहा था। इतनी जगह से तिरछा आदमी देखा नहीं था। एक टांग इधर जा रही है, दूसरी टांग उधर जा रही है, एक हाथ इधर जा रहा है, दूसरा हाथ उधर जा रहा है, एक आंख इधर देख रही है, दूसरी आंख उधर देख रही है। उसको जिसने देखा वही हंसने लगा कि यह तो एक चमत्कार है! सब को हंसते देख कर.. .यहां तक कि जनक को भी हंसी आ गई।

मगर एकदम से धक्का लगा, क्योंकि अष्टावक्र बीच दरबार में खड़ा होकर इतने जोर से खिलखिलाया कि जितने लोग हंस रहे थे सब एक सकते में आ गए और चुप हो गए। जनक ने पूछा कि मेरे भाई, और सब क्यों हंस रहे थे, वह तो मुझे मालूम है, क्योंकि मैं खुद भी हंसा था, मगर तुम क्यों हंसे? उसने कहा मैं इसलिए हंसा कि ये चमार बैठ कर यहां क्या कर रहे हैं!

अष्टावक्र ने चमार की ठीक परिभाषा की, क्योंकि इनको चमड़ी ही दिखाई पड़ती है। मेरा शरीर आठ जगह से टेढ़ा है, इनको शरीर ही दिखाई पड़ता है। ये सब चमार इकट्ठे कर लिए हैं और इनसे धर्म-सभा हो रही है और ब्रह्मज्ञान की चर्चा हो रही है? इनको अभी आत्मा दिखाई नहीं पड़ती। है कोई यहां जिसको मेरी आत्मा दिखाई पड़ती हो? क्योंकि आत्मा तो एक भी जगह से टेढ़ी नहीं है।

वहां एक भी नहीं था। कहते हैं, जनक ने उठ कर अष्टावक्र के पैर छुए। और कहा कि आप मुझे उपदेश दें। इस तरह अष्टावक्र-गीता का जन्म हुआ। और अष्टावक्र-गीता भारत के ग्रंथों में अद्वितीय है। श्रीमद्भगवद्गीता से भी एक दर्जा ऊपर! इसलिए श्रीमद्भगवद्गीता को मैंने गीता कहा है और अष्टावक्र-गीता को महागीता कहा है। उसका एक-एक वचन हीरों से भी तौला जाए, हजारों हीरों से भी तौला जाए, तो भी पलड़ा उस वचन का ही भारी रहेगा, हीरों का भारी नहीं हो सकता। सारे सूत्र ध्यान के हैं और समाधि के हैं।

तो तुम समझ लेना, जब तक तुम्हें शरीर ही दिखाई पड़ता है-अपना और दूसरों का–तब तक तुम चमार ही हो। मेरे हिसाब से सभी शूद्र पैदा होते हैं, कभी-कभी कोई ब्राह्मण हो पाता है–कोई बुद्ध, कोई कृष्ण, कोई महावीर, कोई रैदास, कोई फरीद, कोई नानक। कभी-कभी कोई ब्राह्मण हो पाता है; नहीं तो लोग शूद्र ही पैदा होते हैं, शूद्र ही मर जाते हैं। तो यह सूत्र तुम्हारे संबंध में भी है–तुम्हारे ही संबंध में है! 

मन ही पूजा मन ही धूप(संत रैदास-वाणी),