वन माफिया के इशारे पर देवदार के हजारों कल्पवृक्षों पर चली आरी

माननीय मुख्यमंत्री और वन मंत्री उत्तराखंड कृपया इस खबर का संज्ञान लेते हुए तत्काल मामले की जांच कर  बनों का कटान प्रत्येक स्थिति में रुकना चाहिए।  चाहे इसके लिए कथित विकास कार्य को क्यों न रोकना पड़े या उसका रूट डाइवर्ट करके चलाना पड़े।  किसी भी कीमत पर देवदार के कल्पवृक्ष कटने नहीं चाहिए – संपादक ब्रेकिंग उत्तराखंड

ग्राउंड जीरो से  मन्नू फर्तियाल की खास रिपोर्ट 

देवदार के जंगल दोस्तों में बहुत समय से देवदार के पेड़ों के बारे में आपसे कहना चाहता था देवदार का पेड़ देव वृक्ष नाम से मशहूर है किंतु कुछ समय से उत्तराखंड के इन वृक्षों को लकड़ी तस्करों ने समाप्त कर दिया है मैं मूल रूप से जनपद चंपावत का निवासी हूं जनपद चंपावत देवदार बनि के लिए प्रसिद्ध है चौकी हो या हो तिलोन सब जगह देवदार बनि थी मेरा होमटाउन लोहाघाट है मेरा गांव मल्ला बापरू या चंपावत मेरे घर के पास सब जगह देवदार बनि है किंतु चाहे लोहाघाट हो या चंपावत हो इन देवदार के जंगलों को लकड़ी तस्करों ने समाप्त कर दिया है देवदार का वृक्ष एक कल्पवृक्ष का रूप माना जाता है जिसमें देवता निवास करते हैं दोस्तों कभी लोहाघाट और चंपावत में भरपूर मात्रा में हिमपात होता था शायद उसमें देवदार के जंगलों का महत्वपूर्ण योगदान रहा होगा धौलादेवी चकराता का कोटी कनासर हो लोहाघाट हो लकड़ी तस्करो इन वनों को लूट खाया है

मां भगवती ऐसे लोगों को सद्बुद्धि प्रदान करें और उन तस्करों को भी सद्बुद्धि दें चंपावत में मेरे घर के पास तो जो देवदार का वन है वह तो लोगों ने कील ठोक ठोक के समाप्त कर दिया है वहीं से वन विभाग के अधिकारी रोज गुजरते हैं किंतु कोई देखने वाला नहीं है सब सोते रहते है लोहाघाट में तो आज तक मुझे कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिला जो इन देवदार के वनों को बचाने के लिए भगीरथ प्रयास करें यह कालू मेहरा की जन्मभूमि है ।