इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह में राजपथ एवं 29 जनवरी की शाम को होने वाली ‘बीटिंग द रिट्रीट’ सेरेमनी में बदल जायेंगे अंग्रेजी दास्ता के प्रतीक चिन्ह और धुनें

✍️हरीश मैखुरी

     भारत के 73 वें गणतंत्र दिवस समारोह के पांच दिवसीय आयोजन में गणतंत्र दिवस समारोह के अंतर्गत 29 जनवरी की शाम को होने वाली ‘बीटिंग द रिट्रीट’ सेरेमनी इस बार खास होगी। इस विशेष समारोह में सेना की ओर से 26 धुनों को बजाया जाएगा। हालांकि, 1950 से बजने वाली ‘अबाइड विद मी’ धुन इस समारोह का भाग नहीं होगी। सेना की ओर से जारी की गई सूची में इस धुन को शामिल नहीं किया गया है, लेकिन भारतीय सेना की टुकड़ियां इस बार जिन 26 धुनों को बजाते हुए मार्चपास्ट करेंगी, वह हर किसी भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा कर देगा।
गणतंत्र दिवस समारोह के अंतर्गत ‘बीटिंग द रिट्रीट’ सेरेमनी एक मुख्य भाग है। 29 जनवरी की शाम को हर वर्ष होने वाली यह बीटिंग रिट्रीट गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का प्रतीक है। तीनों सेनाएं इस विशेष अवसर पर विशेष धुनें बजाकर राष्ट्रपति से अपनी बैरकों में वापस जाने के लिए आधिकारिक अनुमति मांगती हैं। पारंपरिक धुनों के साथ मार्चपास्ट करती सेनाएं गणतंत्र दिवस समारोह के समापन की घोषणा भी करती हैं।
1950 से अब तक गणतंत्र दिवस का समापन स्कॉटिश कवि हैनरी लाइट के द्वारा लिखे गए ‘अबाइड विद मी’ की धुन को बजाकर किया जाता था। कथित तौर पर यह महात्मा गांधी की पसंदीदा धुन भी है। हालांकि, इस बार यह धुन बीटिंग रिट्रीट का हिस्सा नहीं होगी। भारतीय सेना की ओर से जारी की गई सूची में इस धुन को स्थान नहीं मिला है। इससे पहले 2020 में भी इसे शामिल नहीं किया गया था, लेकिन विवाद के बाद 2021 की बीटिंग रिट्रीट में इस धुन को बजाया गया। एक बार फिर यह धुन समापन समारोह में नहीं सुनाई देगी।
गणतंत्र दिवस के बीटिंग रिट्रीट के लिए जारी की गई सूची में पहली धुन बिगुल पर फैनफेयर गीत की होगी। इस समारोह में हे कांचा, चन्ना बिलौरी, जय जन्म भूमि, नृत्य सरिता, विजय जोश, केशरिया बन्ना, वीर सियाचीन, हाथरोई, विजय घोष, लड़ाकू, स्वदेशी’, अमर चैतन्न, गोल्डन ऐरो, स्वर्ण जयंती, वीर सैनिक, यशस्वी, जय भारतीय, करेला, सिकि-अ- मोल, हिंद की सेना, कदम-कदम बढ़ाए जा, ऐ मेरे वतन के लोगों को शामिल किया गया है।
उसी तरह दिल्ली भारत द्वार पर अंग्रेजी दास्ता का प्रतीक जार्ज पंचम की मूर्ति हटा कर उसके स्थान पर स्वतंत्रता के मुख्य नायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी की मूर्ति लग गयी है। आशा है कि शीघ्र ही भारतीय मुद्रा पर भी सुभाष चंद्र बोस होंगे।

उत्तराखंड की झांकी में भी देश का सतयुग का धाम बद्रीविशाल। हेमकुंड साहिब और डोबरा चांठी पुल भी दिखाया जा रहा है।

समापन समारोह में मास बैंड वीर सैनिक गीत और पाइप्स एंड ड्रम्स बैंड 6 धुन बजाएंगे। एयरफोर्स का बैंड 4 धुन प्ले करेगा। इसमें फ्लाइट लेफ्टिनेंट एल एस रूपाचंद्रन की तरफ से खास लड़ाकू धुन भी शामिल होगी। नेवी का बैंड 4 धुनें बजाएगा। आर्मी मिलिट्री बैंड- केरल, सिकी ए मोल और हिंद की सेना नाम से 3 धुनें बजाएगा। मास बैंड 3 और धुनें कदम-कदम बढ़ाए जा, ड्रमर्स कॉल और ऐ मेरे वतन के लोगों की प्रस्तुति देगा। वहीं गणतंत्र दिवस समारोह के आयोजन के अवसर पर बजने वाली धुन ईश्वर अल्ला तेरो नाम भी सिड्यूल से हटाये जाने का समाचार भी शोशल मीडिया पर तैर रहे हैं। इसी प्रकार राजपथ की झांकियों में भी आपको पर्याप्त बदलाव देखने को मिलेगा अधिकतर झांकियों में भारतीय सभ्यता संस्कृति और विकास के प्रतीकों को इस बार दिखाया जा रहा है कुल मिलाकर स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर इस बार अंग्रेजी दास्ता के बहुत से प्रतीकों को हटाने का सराहनीय कार्यो को मूर्त रूप देने का केन्द्र सरकार ने प्रयास किया है।