ये षड्यंत्र देश के उद्योगपतियों के विरूद्ध कम देश के विरूद्ध अधिक है, अर्ध कुंभ, कुंभ, पूर्ण कुंभ और महाकुंभ: जानिए क्या है अंतर, कैसे होती है गणना… क्यों इस बार प्रयागराज में लग रहा है महाकुंभ, आज का पंचाग आपका राशि फल

 *।। ॐ ।।*  🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩

📜««« *आज का पंचांग* »»»📜

कलियुगाब्द……………………5126

विक्रम संवत्…………………..2081

शक संवत्………………………1946

रवि………………………..दक्षिणायन

मास………………………………..पौष

पक्ष………………………………शुक्ल

तिथी…………………………….नवमी

दोप 02.25 पर्यंत पश्चात दशमी

सूर्योदय (इंदौर)…प्रातः 07.09.00 पर

सूर्यास्त (इंदौर)…संध्या 05.58.03 पर

सूर्य राशि………………………..धनु

चन्द्र राशि……………………….मेष

गुरु राशि………………………वृषभ

नक्षत्र………………………..अश्विनी

दोप 04.28 पर्यंत पश्चात भरणी

योग…………………………….सिद्ध

रात्रि 08.15 पर्यंत पश्चात साध्य

करण………………………..कौलव

दोप 02.25 पर्यंत पश्चात तैतिल

ऋतु………………..(सहस्य) हेमंत

दिन………………………….बुधवार

💮 *आंग्ल मतानुसार* :-

08 जनवरी सन 2025 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-

दोपहर 12.33 से 01.53 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*

*धनु* 05:38:02 08:36:50

*मकर* 08:36:50 09:25:30

*कुम्भ* 09:25:30 10:52:33

*मीन* 10:52:33 12:17:48

*मेष* 12:17:48 13:53:18

*वृषभ* 13:53:18 15:49:11

*मिथुन* 15:49:11 18:04:11

*कर्क* 18:04:11 20:24:53

*सिंह* 20:24:53 22:42:33

*कन्या* 22:42:33 24:59:13

*तुला* 24:59:13 27:19:06

*वृश्चिक* 27:19:06 29:38:02

🚦 *दिशाशूल* :-

उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक……………………8

🔯 शुभ रंग……………………..हरा

💮 *चौघडिया :-*

प्रात: 08.32 से 09.52 तक अमृत

प्रात: 11.12 से 12.32 तक शुभ

दोप 03.12 से 04.33 तक चंचल

सायं 04.33 से 05.53 तक लाभ

रात्रि 07.33 से 09.13 तक शुभ ।

💮 *आज का मंत्र* :-।। ॐ एकदंताय नम: ।।

 *संस्कृत सुभाषितानि :-*

*श्रीमद्भगवतगीता (दशमोऽध्यायः – विभूतियोग:) -*

किरीटिनं गदिनं चक्रिणं च तेजोराशिं सर्वतो दीप्तिमन्तम् ।

पश्यामि त्वां दुर्निरीक्ष्यं समन्ता-द्दीप्तानलार्कद्युतिमप्रमेयम् ॥११- १७॥

अर्थात : 

आपको मैं मुकुटयुक्त, गदायुक्त और चक्रयुक्त तथा सब ओर से प्रकाशमान तेज के पुंज, प्रज्वलित अग्नि और सूर्य के सदृश ज्योतियुक्त, कठिनता से देखे जाने योग्य और सब ओर से अप्रमेयस्वरूप देखता हूँ॥17॥

🍃 *आरोग्यं :*-

*वजन को कम करने के लिए पियें ये ड्रिंक्स -*

*1. पानी -*

वजन घटाने के लिए जल वास्तव में सहायक हो सकता है। यह 100 फीसदी कैलोरी-मुक्त है, इससे आपको अधिक कैलोरी बर्न करने में सहायता मिलती है। वजन घटाने के लिए आपको खाना खाने से आधा घंटा पहले और खाना खाने के एक घंटा बाद खूब पानी पीना चाहिए। इसके अलावा आप दिन में कभी भी पानी पीजिए। इससे आप ओवरईटिंग से भी बचेंगे। 

*2. नारियल पानी -*

नारियल का पानी फलों में प्राकृतिक रूप से पैदा होने वाला फल है। इसमें 94 फीसदी पानी और बहुत कम वसा होता है। नारियल पानी भी वजन कम करने में मदद करता है। यह फैट फ्री ड्रिंक कोलेस्ट्रॉतल के एलडीएल को कम करता है और जमी चर्बी को जलाता है। 

*3. ग्रीन टी -*

ग्रीन टी एंटीऑक्सिडेंट और पोषक तत्वों के साथ भरी हुई है, जो शरीर पर शक्तिशाली प्रभाव डालता है। यह शरीर का वसा कम करने में मदद करता है। एक शोध में माना की ग्रीन टी में विशेष प्रकार के पोलीफेनॉल्स पाए जाते हैं जिससे शरीर में फैट्स को बर्न करने में मदद मिलती है।

*4. नींबू पानी -*

नींबू पानी एक ऐसा पेय पदार्थ है, जिसका आनंद किसी भी मौसम में लिया जा सकता है। इसे पीने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। जिसमें पाचन शक्ति को बढ़ाना, फोकस बढ़ाना और ऊर्जा के स्तर क बढ़ाना शामिल है। इसके अलावा इससे वजन घटाने में भी मदद मिलती है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*

*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*

आज निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। लाभ होगा। भाग्य की अनुकूलता रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कोर्ट व कचहरी के काम से छुटकारा मिल सकता है। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*

*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*

कारोबार में लंबे समय से रुके कार्य पूर्ण होने के योग हैं। बड़ा लाभ हो सकता है। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। शत्रुओं से सावधानी आवश्यक है। हानि पहुंचाने के प्रयास करेंगे। प्रसन्नता रहेगी। स्थायी संपत्ति की खरीद-फरोख्त हो सकती है। आज प्रमाद न करें।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*

*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*

नौकरी में कोई नया काम कर पाएंगे। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त हो सकता है। निवेश में जल्दबाजी न करें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। दुष्टजन हानि पहुंचाने का प्रयत्न करेंगे। प्रसन्नता रहेगी।

🦀*राशि फलादेश कर्क :-*

*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*

आय होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। बेवजह नकारात्मकता रहेगी। आलस्य हावी रहेगा। कोई बड़ी परेशानी आ सकती है। भागदौड़ अधिक होगी। शोक समाचार प्राप्त हो सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*

*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*

कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। वरिष्ठ व्यक्तियों का मार्गदर्शन लाभ में वृद्धि करेगा। निवेशादि मनोनुकूल रहेंगे। मित्रों तथा रिश्तेदारों का सहयोग कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी।

🏻 *राशि फलादेश कन्या :-*

*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*

व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभदायक रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। व्यय होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। आत्मसम्मान बना रहेगा। कोई बड़ा काम तथा बाहर जाने का मन बनेगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। धनागम होगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*

*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*

व्यापारिक यात्रा सफल रहेगी। कोई बड़ा काम हो सकता है। भेंट व उपहार की प्राप्ति हो सकती है। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड आदि में सोच-समझकर निवेश करें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*

*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*

परिवार के साथ जीवन सुखपूर्वक व्यतीत होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। व्ययवृद्धि होगी। विवाद को बढ़ावा न दें। दुष्टजनों से सावधानी आवश्यक है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी भी निर्णय को लेने में विवेक का प्रयोग करें।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*

*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*

आज आपको पत्नी के भाग्य का साथ मिलेगा। रुका हुआ पैसा मिलने के योग हैं। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। राजकीय सहयोग मिलेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। आशंका-कुशंका रहेगी। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। आलस्य न करें।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*

*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*

लंबे समय से रुके कार्य पूर्ण होने के योग हैं, प्रयास करते रहें। आय में वृद्धि होगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी न करें। आर्थिक उन्नति के लिए नई नीति बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*

*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*

व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। पार्टनरों से सहयोग प्राप्त होगा। निवेश लाभदायक रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। किसी साधु-संत की सेवा करने का अवसर प्राप्त होगा। भाग्य का साथ मिलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।

🐟 *राशि फलादेश मीन :-*

*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*

व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। चोट व दुर्घटना से हानि हो सकती है। भ्रम की स्थिति बन सकती है। किसी व्यक्ति के व्यवहार से मन को ठेस पहुंच सकती है। जल्दबाजी न करें। विवाद की स्थिति नहीं बनने दें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। आलस्य हावी रहेगा।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

भारत की प्रतिव्यक्ति आय 2800 डॉलर है,यदि 5% टॉप अमीर हटा दे तों ये 1200 डॉलर के आसपास रह जायेगी यानि देश की 95% जनता अफ्रीका से भी गरीब रह जायेगी।

इसे नकारात्मक ढंग से सोचा जाए तों ये 5% हमारे दुश्मन हुए या सरकार ही हमारी दुश्मन हुई,लेकिन यदि प्रश्न ही पलट दे तों?

भारत से इन 5% को निकाल दो या फिर इन्हे बर्बाद कर दो तों भारत की स्थिति क्या होंगी?140 करोड़ की आबादी वाला युगांडा या सोमालिया?लोग एक दूसरे को मार रहे होंगे,सड़के कसाईं घर मे बदल चुकी होंगी।

अब आप सोचिये हमारे दिमाग़ मे ज़ब इन 5% के खिलाफ नफ़रत भरी जाती है तों नफ़रत भरने वाले इस देश को किस तरफ ले जाना चाहते है?1917 की रुसी क्रांति आप पढोगे तों समझ जाओगे कि ये क्या चाहते है।

अमेरिका ने अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान जॉर्ज सोरोस को दिया है,वो सोरोस जिसने खुलकर कहा था कि मैं राइट विंग के खिलाफ हुँ।वो सोरोस जिसने बैंक ऑफ़ इंग्लैंड समेत कई देशो तक को बर्बाद किया है।

सोरोस की सबसे बड़ी ताकत थी कि उसने दुनिया भर के मीडिया हॉउस को खरीद रखा था।लेकिन सिर्फ एक भारतीय मीडिया था जहाँ वो ये दौड़ बीजेपी से हार गया।पूरे भारतीय मीडिया मे एक NDTV रह गया था जो बहुत वामपंथी था।

लेकिन NDTV को गौतम अडानी ने खरीद लिया और यही से गौतम अडानी जॉर्ज सोरोस के रडार पर आ गए। उनका NDTV खरीदना हुआ कि हिंडनबर्ग की तलवार चल गयी। उससे पहले आपने कभी राहुल गाँधी को अडानी पर हमला करते नहीं देखा होगा लेकिन फिर राहुल गाँधी को भी एक्टिवेट किया गया।

झारखंड सरकार ने भी ऊर्जा प्रोजेक्टस अडानी को सौंपे, अब आप बताइये कि अडानी नहीं तों किसे सौंपते?आप और हम तों नहीं ले सकते…जाहिर है ये किसी कोरियन या जापानी कम्पनी को जाते,भारत का व्यापारिक घाटा होता।

लेकिन ये तथ्य बताने की जगह आपको भड़काया जाता है,आपके अवचेतन मन मे भारतीय उद्योगपतियों के लिये नफ़रत भरी जाती है।ध्रुव राठी जैसा अफवाह फैलाने वाला यूट्यूबर खड़ा किया जाता है जो बांग्लादेश तक को विकास का प्रतीक बोलता था।

इनफार्मेशन वार बहुत बड़ी चीज होती है। जॉर्ज सोरोस की कुल सम्पत्ति 6 अरब डॉलर है जबकि गौतम अडानी की 75 अरब डॉलर।अडानी ने अपने नेटवर्क की दम पर खुद को बर्बाद होने से बचा लिया।

अडानी को असली नुकसान तब ही था जब मोदीजी 2024 हारते मगर ऐसा हुआ नहीं,इसलिए जश्न मनाओ।13 दिन बाद दुनिया एलन मस्क की मुट्ठी मे होंगी,जो कि राइट विंग को सपोर्ट करते है। 

जॉर्ज सोरोस 94 साल का है और क़ब्र मे पैर लटकाये बैठा है,अमेरिका दुनिया को पहले की तरह अस्थिर करता रहेगा बस अच्छी बात ये है अब दक्षिणपंथ के दौर की शुरुआत होंगी। चुंकि रिपब्लिकन और बीजेपी दोनों दक्षिणपंथी पार्टी है इसलिए फिलहाल भारत अमेरिका के रडार से दूर ही रहेगा।

कुल मिलाकर ये षड्यंत्र देश के उद्योगपतियों के विरूद्ध कम देश के विरूद्ध अधिक जाता है, ✍️साभार परख जी 

_अर्ध कुंभ, कुंभ, पूर्ण कुंभ और महाकुंभ: जानिए क्या है अंतर, कैसे होती है गणना… क्यों इस बार प्रयागराज में लग रहा है महाकुंभ…_*

*_प्रयागराज में इस साल महाकुंभ मेले का भव्य आयोजन हो रहा है, जो हर 144 साल में एक बार होता है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम पर आयोजित इस मेले को धार्मिक आस्था और भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। करोड़ों श्रद्धालु देश-विदेश से इस मेले में भाग लेने आ रहे हैं। महाकुंभ में संगम पर स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दौरान स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मेले में साधु-संतों और नागा साधुओं के अखाड़े भी हिस्सा लेते हैं।_*

*_यह महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति और एकता का उत्सव भी है। इस बार प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले को महाकुंभ कहा जा रहा है, ऐसा क्यों है? कुंभ, अर्ध कुंभ, पूर्ण कुंभ और महाकुंभ में क्या अंतर होता है और इनकी खगोलीय गणना किस आधार पर की जाती है, इस लेख के माध्यम से आपको समझाते हैं।_*

*_महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति का ऐसा पवित्र उत्सव है, जिसकी गूँज प्राचीन ग्रंथों से लेकर आधुनिक युग तक सुनाई देती है। यह मेला न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय दर्शन, परंपरा और खगोलीय विज्ञान का अद्भुत संगम भी है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश की बूंदें हरिद्वार, प्रयागराज (इलाहाबाद), उज्जैन और नासिक के पवित्र स्थलों पर गिरीं। यही कारण है कि इन चार स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन होता है।_*

*_खगोलीय गणनाओं के आधार पर कुंभ और महाकुंभ का आयोजन अनंत काल से होता रहा है। विष्णु पुराण में इस बात का उल्लेख है कि जब गुरु कुंभ राशि में प्रवेश करता है और सूर्य मेष राशि में होता है, तो हरिद्वार में कुंभ का आयोजन होता है। इसी प्रकार, जब सूर्य और गुरु सिंह राशि में होते हैं, तो नासिक में कुंभ लगता है। उज्जैन में कुंभ तब होता है जब गुरु कुंभ राशि में प्रवेश करता है। प्रयागराज में माघ अमावस्या के दिन सूर्य और चंद्रमा मकर राशि में होते हैं और गुरु मेष राशि में होता है। इस खगोलीय गणना का सटीक पालन आज भी किया जाता है।_*

*_अर्ध कुंभ_*

*_अर्ध कुंभ एक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो हर छह साल में हरिद्वार और प्रयागराज में होता है। यह आयोजन गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर होता है, जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक पवित्र माना जाता है। अर्ध कुंभ का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि इसे कुंभ मेले का आधा चक्र माना जाता है।_*

*_इसमें लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए आते हैं, क्योंकि यह मान्यता है कि इस दौरान संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके आयोजन का समय भी खगोलीय गणनाओं पर आधारित होता है। जब बृहस्पति वृश्चिक राशि में और सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तब अर्ध कुंभ का आयोजन होता है।_*

*_कुंभ मेला_*

*_कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है, जो हर 12 साल में चार स्थलों – हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। इसे भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक माना जाता है। कुंभ मेले की पौराणिक कथा समुद्र मंथन से जुड़ी है, जिसमें अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों में संघर्ष हुआ था। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण पवित्र नदियों में स्नान है, जिसे अमृत स्नान कहा जाता है।_*

*_यह मेला भी खगोलीय गणनाओं पर आधारित होता है। जब बृहस्पति सिंह राशि में और सूर्य मेष राशि में होता है, तब कुंभ मेले का आयोजन होता है। इसके अलावा, अन्य ग्रहों की स्थिति भी इसकी तिथि निर्धारण में महत्वपूर्ण होती है।_*

*_पूर्ण कुंभ_*

*_पूर्ण कुंभ मेला कुंभ मेले का ही विस्तार है, जो हर 12 साल में प्रयागराज में आयोजित होता है। इसे कुंभ का पूर्ण रूप माना जाता है और इसका महत्व अन्य कुंभ मेलों से अधिक है। पवित्र नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर होने वाले इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति है।_*

*_पूर्ण कुंभ का आयोजन शास्त्रों और पुराणों में वर्णित है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु और साधु-संत भाग लेते हैं। विशेष रूप से नागा साधु और अखाड़ों का योगदान महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान, हवन, कथा वाचन और प्रवचन होते हैं। पूर्ण कुंभ का आयोजन भी खगोलीय गणनाओं के आधार पर होता है।_*

*_महाकुंभ_*

*_महाकुंभ मेला भारतीय धार्मिक आयोजनों का सबसे बड़ा पर्व है, जो हर 144 साल में केवल प्रयागराज में आयोजित होता है। इसे कुंभ मेले का सबसे पवित्र और महत्त्वपूर्ण रूप माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस मेले में संगम पर स्नान करना आत्मा को पवित्र और पापों से मुक्त करता है।_*

*_महाकुंभ का आयोजन खगोलीय गणनाओं पर आधारित होता है। जब बृहस्पति, सूर्य और चंद्रमा एक विशेष स्थिति में होते हैं, तब इसका आयोजन होता है। खास बात ये है कि महाकुंभ का आयोजन 12 पूर्ण कुंभ के साथ यानी हर 144 साल में होता है, वो भी सिर्फ प्रयाग में। साल 2013 में प्रयागराज में आखिरी बार पूर्ण कुंभ का आयोजन हुआ था। इस बार महाकुंभ का 12वाँ अवसर यानी 144वाँ साल है, इसलिए इस पूर्ण कुंभ को महाकुंभ कहा जा रहा है।_*

*_हर 144 साल आयोजित होने वाले महाकुंभ को देवताओं और मनुष्यों के संयुक्त पर्व के रूप में देखा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, पृथ्वी का एक वर्ष देवताओं के एक दिन के बराबर होता है। इसी गणना के आधार पर 144 वर्षों के अंतराल को महाकुंभ के रूप में मनाया जाता है।_*

*_महाकुंभ 2025 में पाँच प्रमुख स्नान पर्व होंगे, जिनमें तीन राजसी स्नान शामिल हैं-_*

*_1. पौष पूर्णिमा (13 जनवरी 2025): कल्पवास का आरंभ।_*

*_2. मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025): पहला शाही स्नान।_*

*_3. मौनी अमावस्या (29 जनवरी 2025): दूसरा शाही स्नान।_*

*_4. बसंत पंचमी (3 फरवरी 2025): तीसरा शाही स्नान।_*

*_5. माघी पूर्णिमा (12 फरवरी 2025): कल्पवास का समापन।_*

*_6. महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025): महाकुंभ का अंतिम दिन।_*

*_कुंभ मेले का हर प्रकार अर्धकुंभ, कुंभ, पूर्ण कुंभ और महाकुंभ हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन आयोजनों के पीछे पौराणिक और ज्योतिषीय मान्यताएँ हैं, जो इनकी विशेषता को और भी बढ़ा देती हैं। महाकुंभ का आयोजन केवल प्रयागराज में होता है, जो इसे और भी खास बनाता है। 2025 का महाकुंभ न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र होगा, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का भव्य प्रदर्शन भी करेगा।_*