चीन में गूंजा भारत माता की जय का नारा

डोकलाम विवाद पर भारत और चीन के बीच हुए समझौते के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बढ़े ‘कद’ के साथ ब्रिक्स सम्मेलन में पहुंचेंगे, क्योंकि बीते तीन सालों में पहली बार किसी एशियाई देश ने चीन को अपना सामर्थ्य दिखाया है। पीएम मोदी आज चीन जा रहे हैं। चीन की जनता उनसे मिलने के लिए एयरपोर्ट पर जुटनी शुरू हो गई है। चीन की राजधानी में ऐसा माहौल है कि जैसे संयुक्त राष्ट्र का चीफ चीन आ रहा हो। चीन में रहने वाले भारतीय लो सड़क पर तिरंगा लेकर भारत माता की जय के नारे लगा रहे हैं।

हालांकि संभव है कि सम्मेलन के दौरान जब पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिलेंगे तो डोकलाम से जुड़े किसी पहलू पर बात ना करें और दोनों के बीच आपसी बातचीत से संबंध बनाने की कोशिश करें। हॉनलूलू स्थित एशिया पसिफिक सेंटर फॉर सिक्यॉरिटी स्टडीज के प्रफेसर मोहन मलिक ने बताया, ‘शी की अपेक्षा मोदी (डोकलाम के बाद) बढ़े ‘कद’ और अपने मजबूत नेतृत्व के प्रमाण के साथ चीन जाएंगे।’

मलिक ने कहा, ‘यह दौरा मई में चीन के बेल्ट ऐंड रोड फोरम में शामिल होने से और तमाम धमकियों के बावजूद चीन की सेना (PLA) से घबराकर दूर होने से इनकार किए जाने के बाद आया है।’ विश्लेषकों का मानना है कि पीएम मोदी की चीन समेत अन्य ब्रिक्स  सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों से होने वाली मुलाकातों में डोकलाम का मुद्दा हावी रहेगा।

सम्मेलन में आंतकवाद के विरोध पर होने वाले बातचीत को लेकर चीन के कूटनीतिज्ञों की मोदी पर खास नजर है। वे देखना चाहते हैं कि पीएम मोदी ब्रिक्स में अपने संवाद में इस मुद्दे को कैसे डील करेंगे। चीन को डर है कि मोदी पाकिस्तान का नाम ले सकते हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने पहले ही संकेत दिए हैं कि अगर ऐसा कुछ हुआ तो वह आपत्ति दर्ज कराएगा। नाम ना जाहिर करने की शर्त पर एक चीनी विशेषज्ञ ने  बताया कि चीन पीएम मोदी से उम्मीद कर रहा है कि वह सार्वजनिक रूप से संकेत देंगे कि डोकलाम संकट के समाधान की पहल का प्रभाव है और भारत चीन से अपने रिश्ते को बेहतर करना चाहता है।