सैनिकों के शौर्य महोत्सव की धनराशि लटका गया संस्कृति निदेशालय, सेना के पूर्व कर्नल को घंटे भर बिठा कर टरका दिया

✍️हरीश मैखुरी

 सैनिकों के सम्मान की बातें बहुत होती हैं लेकिन जब सचमुच उन्हें कुछ देने की बात आती है तो हम उन्हें लटका देते हैं टरका देते हैं उनके हाथ बांध देते हैं। ऐसा ही एक प्रसंग चमोली जनपद का है यहां विक्टोरिया क्रॉस दरबान सिंह की स्मृति में हर वर्ष शौर्य महोत्सव का आयोजन किया जाता है इस महोत्सव के लिए संस्कृति विभाग के माध्यम से उत्तराखंड सरकार भी किंचित सहयोग करती है लेकिन वर्ष 1921 के आयोजन का भुगतान संस्कृति निदेशालय द्वारा अभी तक नहीं किया गया है और जब आयोजन समिति के श्री कर्नल डीएस बर्त्वाल इस भुगतान के लिए प्रयास कर रहे हैं ताकि इस वर्ष 23 नवम्बर से 25 नवम्बर 2022 तक होने वाला आयोजन जो कि डेढ़ महीने बाद ही होना है उसको कर सकें संस्कृति निदेशालय कर्नल को भी लटका दिया है और भुगतान पर कुंडली मारे संस्कृति निदेशालय के संबधित कर्मी धामी सरकार के मंसूबों और संस्कृति मंत्री की कर्मठता पर पानी फेरने का कार्य कर रहे हैं दुखी हो दुखी होकर आयोजन समिति के कर्नल डीएस बर्त्वाल ने इस पूरे प्रकरण को सोशल मीडिया के माध्यम से भी उजागर कर दिया उन्होंने लिखा 

“‌दिनाँक 06 अक्तूबर 2022: बात 24 जून 2022 की है जब प्रथम भारतीय विक्टोरिया क्रास नायक दरवानसिंह नेगी जी की 72वीं पुण्य तिथि पर हम सब लोग उनके पैतृक गाँव कफारतीर, पट्टी कड़ाकोट, विकास खण्ड नारायणबगड़, जिला चमोली, उत्तराखण्ड में इकट्ठा हुए थे। समारोह के तुरंत बाद शौर्य महोत्सव 2022 के सिलसिले में एक बैठक हुई और वीसी दरवानसिंह नेगी फाउंडेशन जिसमें कि मैं स्वयं भी एक संरक्षक बनाया गया हूँ, इस फाउंडेशन के महासचिव श्री गम्भीरसिंह नेगी जी ने खुलासा करते हुए चिंता व्यक्त की कि अभी तक पिछले शौर्य महोत्सव 2021 के बिलों का भुगतान नहीं हो पाया है और वह फाइल विगत सात महीनों से एसडीएम थराली के कार्यालय में विचाराधीन है। बैठक के दरमियान जब इस विषय में वे काफी भावुक, हैरान परेशान और चिंतित दिखे तो मैंने यह जिम्मेदारी ली कि मैं स्वयं ही समबन्धित अधिकारी /कर्मचारियों को फोन पर वार्ता कर लूंगा और समय आने पर सब ठीक हो जायेगा वशर्ते कि मुझे उनके मोबाइल नंबर दिये जाॅंय व समय समय पर याद दिलाई जाय। खैर! एसडीएम थराली के कार्यालय से 08 जुलाई को जिला मुख्यालय गोपेश्वर फाइल चले गई और 13 जुलाई 2022 को जब मैंने अपर जिलाधिकारी चमोली को वटसैप् पर मामले की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने अविलम्ब मुझे उनके कार्यालय द्बारा दिनांक 11 जुलाई 2022 का संस्कृति विभाग, उत्तराखंड शासन को प्रेषित पत्र की प्रति वटसैप् कर दी। यहाँ पर अपर जिलाधिकारी चमोली की त्वरित कार्य कुशला/ कार्यवाही काबिलेतारीफ है जिन्होंने कि 24 घंटे से कम समय में पूरे दस्तावेजों की जांच पड़ताल कर के एसडीएम थराली से प्राप्त बिल वित्तीय स्वीकृति हेतु उन्हें संस्कृति विभाग, उत्तराखण्ड शासन में भेज दिया। इन सायबान से न मेरा निजी परिचय है और न कभी मिला हूँ। शासन स्तर पर भी हमारी चमोली की भाँति उसी गति से कार्य होता होगा यह मेरे सपने तब चकनाचूर हो गये जब संस्कृति विभाग देहरादून में मैं 28 जुलाई 2022 को पहुॅंचा और पता चला कि वित्त अधिकारी ने फाइल में यह जानकारी लेनी चाही कि इस विषय में शासनादेश कहाँ है और क्या है। अलबत्ता फाइल में सबकुछ पहले से मौजूद है बस पन्ना पलटने की देरी है। परन्तु पन्ना कौन पलटे! अधिकारी महोदय थोड़े ही पलटेंगे पन्ने! बीच बीच में जाता रहा और खबर विक्टोरिया क्राॅस फाउंडेशन के पदाधिकारियों को देता रहा। आज जब फिर कफारतीर- खैंतोलीखाल में बैठक होना सुनिश्चित हुआ तो सोचा कि बैठक के बजाय संस्कृति निदेशालय देहरादून जाकर मामले की मौजूदा स्थिति पता करना अधिक उपयोगी होगा। अत: आज 12 बजे लगभग संस्कृति निदेशालय में पहुॅंचा। देखा तो आज भी फाइल जस की तस उसी टिप्पणी के साथ अपने स्थान से हिली नहीं है। वही ढाक के तीन पात। कोई प्रत्युत्तर नहीं, फाइल तीन माह से जैसे की तैसी पड़ी है। खैर: जब सबंधित अधिकारी/कर्मचारियों से विनम्रता पूर्वक इस विषय पर अपनी जिज्ञासा प्रदर्शित की तो उन्होंने पुनः वही तीन माह पूर्व की स्थिति से अवगत किया कि वित्त अधिकारी इस समबन्ध में शासनादेश मांग रहे हैं जबकि उसकी एक प्रति फाइल में पहले से लगी है। जब उनसे पूछा गया कि वित्त अधिकारी कौन साहब हैं और उन्हें उनके प्रश्न का जवाब क्यों नहीं दिखाया गया तो उत्तर मिला कि वे तीन महीने से संस्कृति विभाग में नहीं दिखाई दिये और यह भी पता नहीं है कि वे और कहाँ कहाँ बैठते हैं। तत्पश्चात् इसी सिलसिले में निदेशक महोदया, संस्कृति विभाग उत्तराखण्ड से मिले तो वे काफी असहज दिखाई पड़ीं। पहली प्रतिक्रिया थीं कि 05 लाख कैसे मिलेगा फंड तो है ही नहीं। खैर फिर भी उन्होंने आगुन्तक कक्ष की ओर इशारा करते हुए बैठने को कहा और शायद सम्बंधित अधिकारी को बुला कर मामले की मौजूदा स्थिति जानी। एक घंटे के अंतराल के पश्चात् जब दोबारा टहलकर्मी के माध्यम से निदेशक महोदया को संदेश पहुंचाया कि हमारे लिए क्या आदेश हैं; खाली हाथ वापस लौटें या इंतजारी का विस्तारीकरण करें तो वापस संदेश मिला कि इंतजारी का क्षणिक और विस्तारीकरण किया जाता है। लगभग एक घंटे बाद जब निदेशक महोदया द्बारा अंतिम आदेश सुनने के लिए बुलाया गया तो हालत पांच दशक पुराने समय के जैसी थी जब हाई स्कूल इण्टर का रिजल्ट अखबार वाले से सुनने की प्रतीक्षा किया करते थे। खैर: उन्होंने मुझे पूरी स्थिति से अवगत कराया हालांकि मैं स्वयं भी पहले से ही जानता था परन्तु अपनी मिलीट्री ट्रेनिंग के मुताबिक क्रमश: नीचे से ऊपर तक हर स्तर पर स्थिति औपचारिक तौर पर उनके संज्ञान में लाने की कोशिश कर रहा था ताकि हमारा उद्देश्य पूरा हो जाय। उनका कहना था कि वे वित्त अधिकारी को कह कर जल्दी ही उचित कार्यवाही करवायेंगी। कुल मिलाकर आज दिनांक 06 अक्तूबर 2022 का समय दोपहर 1200 से 1330 तक संस्कृति विभाग उत्तराखण्ड में प्रथम विक्टोरिया क्राॅस नायक दरवानसिंह नेगी शौर्य महोत्सव 2021 जो कि दिनांक 23 नवम्बर से 25 नवम्बर 2021 तक चला था, उनके विलों ₹5,00,000( रुपये पांच लाख मात्र) के भुगतान के लिए पैरवी करने का रहा। विदित हो कि आगामी शौर्य महोत्सव 2022 के लिए अब मात्र डेढ़ महीने रह गये हैं और यदि पिछले विलों का भुगतान समय पर नहीं हुआ तो इस शौर्य महोत्सव में काफी कठिनाइयाँ झेलनी पड़ सकतीं हैं। अतः आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास भी है कि सचिव संस्कृति इस मामले का संज्ञान लेंगे और विक्टोरिया क्रास नायक दरवानसिंह नेगी फाउंडेशन कफारत्तीर, जिला चमोली के पिछले सभी विलों के भुगतान हेतु यथोचित धनराशि स्वीकृत करेंगे। जयहिन्द, जय उत्तराखण्ड।
धन्यवाद
कर्नल डीएस बर्त्वाल,
संरक्षक विक्टोरिया क्राॅस नायक दरवानसिंह नेगी फाउंडेशन कफारतीर, तहसील, नारायणबगड़,
जिला चमोली गढ़वाल, उत्तराखण्ड।”

ब्रेकिंग उत्तराखंड डाट काम का सुझाव तो ये है कि Don’t run for the BRAND, Be a Brand ‘शौर्य महोत्सव के लिए पांच लाख की राशि के स्पांसर तो मिल जायेंगे। 😎