भव्य रहा एम्स ऋषिकेश का दीक्षांत समारोह, वहां भर्ती स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उपेक्षित

 भारत के गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल भारत सरकार और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की गरिमामय उपस्थिति में एम्स ऋषिकेश का द्वितीय दीक्षांत समारोह धूमधाम से संपन्न हुआ। दीक्षांत समारोह के भव्य आयोजन में 252 विद्यार्थियों को  एमबीबीएस व पैरामेडिकल स्टाफ की डिग्री व दीक्षा दी गई। गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर  यहां 100 अरब रूपयों की 11 योजनाओं का शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि तीर्थ नगरी में जो हमारे एमबीबीएस डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ पास हो कर निकले हैं अब समाज की सेवा का दायित्व भी उन्हीं के कंधों पर हैं। डॉक्टर हर्षवर्धन स्वास्थ्य मंत्री भारत सरकार  ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा का क्षेत्र व्यवसाय से कई आगे सामाजिक सेवा का क्षेत्र है। मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में के जरिए हमें हिमालय की सेवा का पुण्य और जन कल्याण के कार्य एक साथ करने का मौका मिलता है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दूरदराज क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सा सेवाएं बढ़ाने की आवश्यकता पर फोकस किया। इस अवसर पर उत्तराखंड के विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने भी अपने विचार रखे। एम्स निदेशक ने यहां आए हुए सभी मुख्य अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया और सभी दीक्षा प्राप्त नये स्पेशलिस्टों को आशीष वचन दिया।.       एम्स ऋषिकेश की शुरुआत 1913 में सुषमा स्वराज के प्रयासों से केवल 50 बेड से शुरू हुुई,  आज इस संस्थान में 1060 बेड और 45 सुपर स्पेशलिस्ट विभाग हैं।

   इस अवसर पर यह उल्लेख करना भी आवश्यक है कि टिहरी गढ़वाल के वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री सच्चिदानंद पैन्यूली हनुमन्तपुरम, गंगानगर निवासी भी स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण दिनांक 09मार्च 2020 से एम्स,ऋषिकेश में भर्ती हैं। एम्स चिकित्सालय में उनकी उपेक्षा देखकर अच्छा नहीं लगा, यहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए प्राइवेट वार्ड की व्यवस्था तक नहीं है उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मनोरमा देवी भी उसी दिन एम्स में भर्ती की गयी थीं जहां दिनांक 12मार्च 2020 को उनका निधन हो गया। बता दें कि श्री पैन्यूली टिहरी गढ़वाल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व पूर्व सांसद श्री स्व.परिपूर्णानन्द पैन्यूली के छोटे भाई हैं। लेकिन अफसोस की बात है कि सरकार द्वारा अभी तक वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री सच्चिदानंद जी पैन्यूली की सुध नहीं ली गई है, जबकि श्री पैन्यूली जी ने अपने गांव(छोल गांव) में चिकित्सालय निर्माण के लिए अपनी भूमि दान थी, जिसका लोकार्पण तत्कालीन रक्षा मंत्री,भारत सरकार श्री के.सी.पंत द्वारा किया गया था। श्री पैन्यूली को पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी पाटिल द्वारा भी सम्मानित किया श्री पैन्यूली स्वतंत्रता भारत की राष्ट्रीय स्वतंत्रता के नायक श्री सुभाष चंद्र बोस की स्वतंत्रता संग्राम सेना में काम रहने वाले गिने चुने जीवित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी है जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व निछावर कर दिया था आजादी के बाद भी उन्होंने सेवा भाव से अपनी जमीन भी स्वास्थ्य विभाग को दान दे दी थी। यही अनुभव पहाड़ की कंदराओं से इलाज की उम्मीद से आने वाले कुछ मरीजों ने भी बताये। अच्छा होता भारत के स्वास्थ्य मंत्री इस दीक्षांत समारोह के अवसर पर एम्स प्रशासन को भी दीक्षित कर देते।