ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम जी ज्योतिष्पीठ ब्रह्मलीन । आज ऋषिकेश में उन्हें समाधि दी गई। वैसे शंकराचार्य को जल समाधि देने का विधान है, लेकिन गंगा भक्ति के कारण माधवाश्रम जी ने भू समाधि लेने की ईच्छा प्रकट की। उनकी इच्छानुसार उन्हें समाधि एवं भारी जन समुदाय द्वारा श्रध्दांजलि दी गई। जगद्गुरू शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी माधवाश्रम जी महाराज पंचतत्व में हुए लीन, उनकी मृत्यु चंड़ीगढ़ अस्पताल में इलाज के दौरान हुई। शंकराचार्य माधवाश्रम महाराज लम्बे समय से चल रहे थे बीमार, माधवाश्रम महाराज मूलतः जनपद रुद्रप्रयाग के बैंजी गांव के थे निवासी, इनकी शिक्षा-दीक्षा गांव में ही हुई। इनके शरीर को दंडीजाड़ा जर्नादन आश्रम मायाकुण्ड त्रिवेणीघाट ऋषिकेश लाया गया, जहां देश-विदेश से आये श्रद्धालुओं ने उनके अंतिम दर्शन किए।