संदेश खाली : नरभक्षियों के सम्मुख शांति का पाठ करने से सभ्यताएं नहीं बचती, प्रधानमंत्री मोदी जा सकते हैं संदेश खाली

  • सन्देशखाली !!

नॉर्थ 24 परगना के संदेशखाली की महिलाओं ने तृणमूल नेता शेख शाहजहां और उसके साथियों के खिलाफ रेप के आरोप लगाए हैं। वहां आये दिन हिन्दू लडकियों को घर से उठा लिया जाता है। यहां करीब पैंतालीस दिनों से ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं। राशन घोटाले में ED ने एक महीने पहले शाहजहां के ठिकानों पर छापे मारे थे। इस दौरान ED की टीम पर जानलेवा हमला किया गया था। तब से ही तृणमूल नेता शाहजहां फरार है। शाहजहां समर्थकों ने पुलिस पर भी हमला किया जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हुए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को संदेश खाली जाने नहीं दे रही है। 

पूरे विश्व में जिसको कि हिन्दू राष्ट्र कहा जा सकता हो उसी देश मे पश्चिम बंगाल में कट्टरपंथी नर-भक्षी कौम का महिलाओं एवं बच्चियों के साथ सरेआम आतंक बलात्कार की घटनाएँ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साए में किया जा रहा है वो भी रोहिंग्या बंग्लादेशी घुसपैठियों के द्वारा। शांतिप्रिय समुदाय कट्टरपंथियों की देश की आबादी अधिक होते ही अपने ही देश मे हिन्दू धर्म की महिलाओं की यह दुर्दशा हो रही तो आने वाले भविष्य अनुमान लगाया जा सकता है कि में अपने ही देश में हिन्दू धर्म का मान-सम्मान कितना सुरक्षित रहने वाला होगा!! यह विचार से ही रूह कांप उठती है?। इसी लिए देश की केंद्र सरकार एवं हिन्दू वादी संगठनों के द्वारा ठोस कदम नहीं उठाए गये तो आने वाले समय में इन कट्टरपंथियों के हौसले और अधिक बुलंद ही होने वाले हैं क्योंकि इनके हिमायती इसी देश में रहने खानदानी हिन्दू धर्म एवं समाज एवं संस्कृति के घोर कट्टर दुश्मन वो अपने आप को इस देश की जागिरी मान के चलते आ रहे हैं वही पार्टी दल अपनी इनके इस प्रकार के कुकृत्य में अपनी अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं। 

आप गृहस्थ हैं,रात के नौ बजे, घर का दरवाजा ज़ोर से पीटने की आवाज़ से आप आतंकित हो जाते हैं… जब दरवाज़ा टूटने की नौबत आ जाती है तो मजबूर होकर आप दरवाज़ा खोल खोलते हैं…. कई TMC के टोपीवाले कारकुन आपके 4 थप्पड़ मार के कहते हैं कि तेरी बड़ी बेटी कहाँ हैं…. आप कांप उठते हैं…. कारकुन अंदर नहीं घुसता ,सिर्फ ऑर्डर सुनाता है कि ” अमुक जगह पर अपनी बेटी और अपनी पत्नी को खुद लेकर आ जाना…. सुबह तेरी बीवी और बेटी को वापस कर दिया जाएगा …. वरना मौत के लिए तैयार रहें” 

आप खुद अपनी बेटी और बीवी को ‘अमुक जगह’ पर छोड़ कर आते हैं…. सुबह आपकी बीवी लूटी-पिटी मुँह छिपाए वापस आ जाती हैं…. लेकिन बेटी कई दिन बाद वापस आएगी क्योकि कुछ दरिंदों की हवस की प्यास अभी शांत नहीं हुई ! आप पुलिस के पास जाते है…एक पार्टी के दफ्तर में नाक रगड़ते हैं…मगर कोई आपकी नहीं सुनता… वहां सनातनी बेटी जो अधिकतर दलित सनातनी हिंदू हैं….इस कृत्य को झेलने के लिए अभिशप्त हैं ! कोई सुनने वाला नहीं,केंद्र भी नहीं….

” मेरा कातिल ही मेरा मुंसिफ है,

क्या मेरे हक में फैसला देगा “….

सन्देशखाली… वह जगह है जो सुंदरबन और 24 परगना के नज़दीक है …. एक बांग्लादेशी शख्स खुल्लमखुल्ला घोषणा करता है कि वह बांग्लादेशी है, मगर चुनाव जीत जाता है …अब तो भारत की सीनियर मिनिस्टर स्मृति ईरानी बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके उसका नाम शेख शाहजहाँ बताती हैं…. शेख शाहजहाँ को गिरफ्तार करने ID जाती है तो IG सहित पूरी ID टीम की भयंकर पिटाई होती है….

ज़ुल्म की इंतेहा देखिये… उधर बलात्कार की शिकायत लेकर गए… 111 पीड़ितों पर ही FIR दर्ज हो जाती है !

गूगल पर संदेशखाली टाइप कीजिये… यूट्यूब पर यह नाम डालिये….आंखें गीली न हो जाएं तो कहिएगा !! इस क्षेत्र के हिंदुओं को अपने रीति रिवाज, त्योहार, शादी-ब्याह भी इन्ही कादर भाई, शेख शाहजहाँ जैसों से अनुमति लेकर मनाने पड़ते हैं…. यह सब कुछ अपने भारत मे हो रहा है….

किस्सा कितना दर्दनाक है… इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि कराची में भी बिल्कुल हिन्दू स्त्रियों के साथ यही सब कुछ होता है….लगातार होता है…. वहां भी अत्याचारी उसी मज़हब के हैं… महिलाएं भी भील और अनुसूचित जाति की हैं… मुसलसल बलात्कारों से उत्पन्न बच्चों को भी इन्ही स्त्रियों और इनके निरीह पतियों को पालना पड़ता है ! अक्सर स्त्रियों को पता ही नहीं होता कि नवागंतुक बच्चे का पिता कौन है …. किसने कल्पना की थी कि कथित आज़ादी के बाद यह सब भारत के कथित ‘बहुसंख्यकों’ की स्त्रियों के साथ भी होगा…..

*सभ्यता… शांति का पाठ करने से नहीं बचती है… हिंदुओं पर ये टिप्पणी विल डूरंट ने की थी*

अमेरिका में पैदा हुए 20वीं शताब्दी के महानतम विद्वान विल डूरंट ने 1935 में एक किताब प्रकाशित की… जिसका नाम था… ‘The Complete Story of Civilization’

विल डूरंट को दुनिया का महानतम इतिहासकार इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने पूरी दुनिया के इतिहास को मानव सभ्यता की शुरुआत से (लेकर उस समय तक) लिखा था।

विल डूरंट की ये किताब “सभ्यताओं का संपूर्ण इतिहास” कई खंडों में प्रकाशित हुई थी।

इसी किताब में उन्होंने भारत के इतिहास का भी जिक्र किया है… इस किताब में भारत पर लिखे एक चैप्टर का नाम है… The Moslem Conquest.

उस चैप्टर की पहली लाइन है… The Moammedan Conquest Of India is The biggest bloodshed in the history of the world

इसका अर्थ हुआ… भारत पर मुसलमानों की विजय… दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा रक्तपात है।

यहां नोट करने वाली बात ये भी है कि ये टिप्पणी उस इतिहासकार ने की है जिसने पूरी दुनिया का इतिहास पढ़ा था।

विल डूरंट ने कहा कि भारत की तबाही के ज़िम्मेदार वो धर्म हैं जिन्होंने भारत में अहिंसा को प्रमोट किया।

विल डूरंट ने भारत में मुहम्मद गौरी की लूट पर टिप्पणी करते हुए लिखा कि भारतीय सभ्यता इतनी समृद्ध थी कि मुहम्मद गौरी लूटा हुआ बहुत सारा माल भारत में छोड़कर जाने पर मजबूर हो जाता था क्योंकि हर बार लूट का सामान ले जाने की व्यवस्था ही कम पड़ जाती थी।

आगे इसी चैप्टर में विल डूरंट ने लिखा है कि सभ्यता बहुत अनमोल चीज होती है और उसकी सुरक्षा सिर्फ शांति का पाठ करने से नहीं होती है।

ये टिप्पणी विश्व के महानतम विद्वानों में से एक विल डूरंट ने साल 1935 में की थी।

इस टिप्पणी को किए हुए भी आज 85 साल बीत चुके हैं। लेकिन क्या हिंदुओं ने इस टिप्पणी से कुछ शिक्षा ली?

क्या अब भी हिंदू शांति का पाठ नहीं कर रहा है?

इस पर ज़रा विचार कीजिए कि आखिर कब तक हम शांति का पाठ करके अपनी महान भारतीय सभ्यता को बर्बाद करते रहेंगे?

और एक बात… जब देवता किसी को दंडित करना चाहते हैं तो उसके पीछे डंडा लेकर नहीं घूमते हैं सिर्फ उसकी बुद्धि हर लेते हैं और उसे महात्मा गांधी जैसे नेता दे देते हैं जो उसे अहिंसा का पाठ पढ़ाता रहे। (साभार संकलन) 

ब्रेकिंग अपडेट 

पीएम मोदी पीड़ितों से मिलने संदेशखाली जाएंगे, सुवेंदु अधिकारी ने बताया।

 इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को संदेशखाली जाने की अनुमति दे दी है।

 कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेशखाली में धारा 144 के तहत लगाए गए निषेधाज्ञा आदेश पर भी रोक लगा दी।

आश्चर्यजनक ये है कि #हाथरस जाने वाली  सैक्युलर गैंग और बामपंथी गिरोह अरबी कबीलों के दुर्दांत पिछलग्गु टुकड़े गैंग का बामपंथी मीडिया संदेश खाली जाने का नाम नहीं ले रहा

वहां के समाचार भी सैक्युलर मीडिया से ओझल हैं।

यही स्थिति पाल घर पर थी। इसे कहते हैं सलैक्टेड पत्रकारिता