प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को दी कृष्ण द्वारिका और भेंटद्वारिका को जोड़ने वाले विशाल समुद्री ‘सुदर्शन सेतु’ की सौगात समुद्र की अतल गहराई में जाकर कृष्ण युग की द्वारिका की पूजा करने वाले वे देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बने

✍️हरीश मैखुरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी करते हैं बड़ा करते हैं। रविवार को प्रधानमंत्री ने गुजरात के द्वारका में समुद्र में गहरे पानी के अंदर गए और भगवान श्रीकृष्ण की नगरी के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि यह एक दिव्य अनुभव था। मोदी ने बेट द्वारका में भगवान द्वारकाधीश की पूजा भी की। इसके बाद उन्होंने ओखा को बेट द्वारका को जोड़ने वाले सुदर्शन सेतु का लोकार्पण किया। इसके बाद उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने द्वारका की जनता को 52 करोड़ की सौगात दी। इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि मुझे देवकाज का सौभाग्य मिला है। मैंने समंदर में जाकर द्वारका जी के दर्शन किए। द्वारकाधीश की दिव्यता को महसूस किया। सुदर्शन सेतु का लोकार्पण करना मेरा सौभाग्य है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मुझे सुदर्शन सेतु के लोकार्पण का भी सौभाग्य मिला है।पीएम ने कहा कि 6 साल पहले मुझे इस सेतु के शिलान्यास का अवसर मिला था। ये सेतु ओखा को बेट द्वारका द्वीप से जोड़ेगा। ये सेतु द्वारकाधीश के दर्शन भी सुगम बनाएगा और यहां की दिव्यता को भी बढ़ाएगा। इसी मध्य पीएम मोदी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय जो घोटाले होते थे उन्हें हमने बंद कर दिया है। घोटालों में जो पैंसा घोटालेबाजों की जेब में चला जाता था आज वो देश के विकास में लग रहा है। इससे पहले पीएम मोदी ने द्वारकाधीश मंदिर में पूजा अर्चना की। प्रधानमंत्री ने बेट द्वारका मंदिर में भी दर्शन पूजन किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अरब सागर में बेयट द्वारका द्वीप को मुख्य भूमि ओखा से जोड़ने वाले देश के सबसे लंबे केबल-आधारित पुल ‘सुदर्शन सेतु’ का गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले में उद्घाटन किया। अद्वितीय डिजाइन से बने इस सेतु के दोनों ओर श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सुसज्जित एक पैदलपथ है। इस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को दी कृष्ण द्वारिका और भेंटद्वारिका को जोड़ने वाले विशाल समुद्री ‘सुदर्शन सेतु’ की सौगात समुद्र की अतल गहराई में जाकर कृष्ण युग की द्वारिका की पूजा करने वाले वे देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बने।