देहरादून-अपर नेहरू ग्राम के सरस्वती विहार में कब्जायी सरकारी जमीन

नोटबंदी के बाद जहां पूरे भारत में प्रॉपर्टी का नकली भूमि समाप्त हो गया, वहीं मुंबई और देहरादून जैसे शहरों में आज भी प्रॉपर्टी का क्रेज बना हुआ है, इसी को देखते हुए देहरादून की जमीनों में चप्पे चप्पे पर भू माफिया की नजर बनी हुई है, भू-माफिया जहां मौका मिलता है वहीं अतिक्रमण कर जमीन कब्जा देते हैं। फुटपाथ हो, सरकारी जमीन या वन विभाग से लगी कोई जमीन माफिया जमीनों को कब्जाने का मौका हाथ से जाने नहीं देता। इस मामले में शरारती तत्व भी पीछे नहीं है ये तत्व कहीं पर एक मुट्ठी जमीन खरीदते हैं और उसके आसपास की सारी जमीन हड़प देते हैं। फुटपाथ पर तो यहां के व्यापारी अपना अधिकार समझते हैं और अपनी दुकानें फुटपाथ कब्जा कर खोलना देहरादून शहर की नियति बन गया है।.             

 हालिया मामला अप्पर नेहरू ग्राम स्थित बालाजी धाम के निकट सरस्वती विहार से लगी जमीन का है, यहां पर भी बन विभाग से लगी जमीन पर कब्जाने वाले लोगों की नजर है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कुछ लोगों द्वारा यहां सरकारी जमीन पर कब्जा करने की नियत से इस जगह को मलबे से पाटा जा रहा है। जबकि इस जमीन पर ग्रामीणों द्वारा पूर्व में सरकारी पौधशाला के माध्यम से वृक्षारोपण किया गया था, साथ ही यहां बच्चों के खेलने का पार्क भी प्रस्तावित है, लेकिन ये लोग ग्रामीणों द्वारा लगाए गए वृक्षों को उजाड़ कर निरंतर इस जमीन पर कब्जा कर रहे हैं , जबकि सूचना के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। वन विभाग की यह जमीन मसूरी रेंज के क्षेत्र में आती है, क्षेत्र के लोगों द्वारा बताया गया कि इस अतिक्रमण को रोकने के लिए माननीय मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को पत्र लिखे गए हैं, इस मामले में मसूरी रेंज के रेंज अधिकारी संपर्क करने पर उनका नंबर नहीं लग पाया। इस तरह के अतिक्रमण से देहरादून काफी विद्रूप हो चुका है,और यहां हरियाली नष्ट होने के कगार पर है। जिम्मेदार अधिकारी सही समय  पर अतिक्रमण नहीं रोकते हैं इसलिए जमीनों को कब्जा करके हड़पने वालों के हौसले बुलंद हैंं। इन अतिक्रमण करने वालों ने हाईकोर्ट द्वारा दिए गये अतिक्रमण हटाने के आदेश को भी ठेंगे पर रखा हुआ है।