भगवान राम की महिमा और अयोध्या पर शियारों का रूदन

अयोध्या पर सियारों का रुदन

अयोध्या में हर तरफ श्रीराम के नाम की गूंज है। सीताराम – सीताराम के जप जारी हैं। रामचरित मानस और हनुमान चालीसा के अखंड पाठ चल रहे हैं। वेद मंत्र वायुमंडल में व्याप्त हैं। किंतु टीवी स्क्रीनों के माध्यम से ज्ञात हो रहा है कि अयोध्या की ओर मुंह करके अनगिनत #सियार अकेले या झुंड में रुदन कर रहे हैं। 

किसको न्यौता गया, किसको नहीं गया, कौन नहीं जा रहा है, किसने न्यौता ठुकरा दिया है, मुहूर्त ठीक नहीं है, मंदिर वहीं नहीं बन रहा है, इनके सवाल, उनकी आपत्तियाँ। रुदन के ऐसे अनेक आलाप भी अयोध्या सुन रही है। 

प्रभु श्रीराम तो सब का मंगल ही करते हैं। किंतु इस रुदन पर अयोध्या आए रामभक्त अभी मौन हैं। यहाँ राम की स्तुतियों के मधुर वातावरण में बदशक्ल शातिर सियारों के सदाबहार रुदन पर किसके पास समय है। न्यौता किसी को भी गया होता, ये फिर भी रो ही रहे होते। मुहूर्त ये नहीं वो होता तो रोने का वही कारण पर्याप्त था। 

एक वर्ग है, जिसकी आँखों में अयोध्या खटक रही है और वो वर्ग अरब या अफगान का नहीं है। पाकिस्तान का भी नहीं है। वो मुस्लिम भी नहीं है। सियारों की यह विचित्र प्रजाति है, जिसके गुणधर्म सबको ज्ञात हैं। इन पर विस्तृत विवरण प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत आकाश से उतरेगा। तब तक केवल अयोध्या में लीन रहने का सौभाग्यशाली समय है।

श्री राम जैसे राजा अपने पुरुषार्थ एवं कर्मो से इतिहास लिख डालते हैं तो कुछ दरबारियों से लिखवाते हैं।

अपना राजा दरबारियों पर विश्वास नही करता कर्म पर करता है, वरना जितने उसने बेरोजगार किये ये सब किसी समय दरबारी ही थे। इनसे बेहतर उसके पक्ष में कोई तथाकथित “गोदी” वाला नही लिख सकता है, क्योंकि दरबारियों के खून में ही चाटुकारिता होती है जैसा वो विपक्ष में बैठकर भी बराबर करते हैं।

खैर ये सब इसलिए बता रहा हूँ कि भले ही ये दरबारी कुछ भी वर्तमाम इतिहास में छेड़ छाड़ करने की कोशिश करें लेकिन अपने राजा ने अपना इतिहास इतना बड़ा लिख दिया है कि ये सब उसके सामने बौने नजर आएंगे।

ऐसे ही राजा इतिहास में हजारों साल अमर रहेगा कि उसने राम मंदिर बनवाया था। उम्मीद है कि काशी मथुरा भी वो लिखवा कर जाए। बाकी संसद किसने बनवाई, डिजिटल क्रांति कौन लाया आदि छोटे इतिहास में भी वो 100 साल के लिए अमर हो गया है।

इसका भी बहुत लोगों को बहुत दर्द होता है कि ये राजा अपनी लकीर इतनी लंबी कैसे खींच रहा है जिसमें पुराने सारे बौने नजर आएंगे और भविष्य वालो को टेंशन रहेगी कि वर्तमान राजा से कम करने में तो बात बन नही पाएगी, उससे ज्यादा ही करकर दिखाना होगा।

जिन्हें ये अतिश्योक्ति लग रही हो तो इतिहास में बहुत से राजा, राष्ट्राध्यक्ष हुए हैं लेकिन हम सबको पढ़ाने या याद दिलाने के नाम पर चुनिंदा ही होते हैं कि फलां चीज उसके समय हुई थी। 

उम्मीद है समझ गए होंगे। (साभार कुटुंब एप)

*जालंधर मे 2000 करोड़ की लागत से दुनिया का*
*चौथा सबसे बड़ा चर्च बन रहा है*…‼️

मगर पैसा कहां से आ रहा है कोई नहीं पूछ रहा…❓

चर्च की जगह अस्पताल बनाने कि राय भी कोई
नहीं दे रहा…🙄

चर्च की जगह स्कुल बनाने कि सलाह भी कोई
नहीं दे रहा…🤔

आधी दिल्ली को समाधि स्थल बना दिया इन खर्चीली समाधियों के स्थान पर कोई मेडिकल कॉलेज, चिकित्सालय या गुरूकुल होता तो कितने लोगों और समाज का भला होता कोई प्रश्न नहीं कर रहा है।

*इनका शियार रूदन केवल मंदिर बनने पर ही आरंभ क्यों होता! ❗️ 😑😑😑