शिवसेना की दुर्गति से सबको सीख लेनी होगी 

शिवसेना की दुर्गति से सबको सीख लेनी होगी 

‘शिवसेना के भविष्य संबंधित बिंदु चिन्हित किए गए कि पार्टी के इस संभावित आसन्न पतन की रही है?

*सबसे बड़ा कारण तो शिवसेना के अपने मूल विचार से भटकने को देखा जा रहा है इससे नकारा भी नहीं  जा सकता* बाला साहब ठाकरे जब तक जीवित रहे तब तक शिवसेना की तूती बोलती रही। 

लेकिन आज की स्थितियां पूरी तरह परिवर्तन हो गया है। वास्तव में अपनी वैचारिकी से बाल ठाकरे ने समर्थकों कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का जो वर्ग बनाया था जो अपने साहस या कहें कि दुस्साहस के दम पर कुछ भी कर गुजरने से नहीं चूकता था वही आज शिवसेना से छिटक सा गया है तो इसकी सबसे बड़ी वजह यही विचारधारा है जिससे उद्धव ठाकरे की पार्टी विमुख हो गई थी !