बेरोजगार संगठन के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री धामी से की वार्ता, मुख्यमंत्री का आश्वासन ‘हमारी सरकार निष्पक्ष, नकल विहीन और पारदर्शी परीक्षा कराने हेतु प्रतिबद्ध’

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से आज बेरोजगार संगठन के प्रतिनिधिमण्डल ने वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार निष्पक्ष, नकल विहीन और पारदर्शी परीक्षा कराने हेतु प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून उत्तराखण्ड राज्य में लागू हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रविवार को होने वाली पटवारी/लेखपाल भर्ती परीक्षा को शांति पूर्ण, निष्पक्ष और नकल विहीन कराने के लिए समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। अभ्यर्थियों को परीक्षा केन्द्र तक आने-जाने के लिए नि:शुल्क परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

ख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने  शुक्रवार को सचिवालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि हम किसी भी कीमत पर छात्रों का हित चाहते हैं। इसीलिए जिन भी परिक्षाओं में गड़बड़ियां पाई गई, राज्य सरकार ने उन्हें तत्काल रद्द करते हुए नई तिथि घोषित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्यर्थियों को असुविधा न हो, इसके लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में परीक्षा के लिए आने पर निशुल्क व्यवस्था की गयी है और परीक्षा शुल्क को भी नहीं लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नकल अध्यादेश को लेकर हमने कहा था कि इसे हम जरूर लेकर आएंगे। लेकिन किन्हीं कारणों से कैबिनेट होने में देरी हो गयी। कैबिनेट न होने के बावजूद हमने नकल विरोधी अध्यादेश को विचलन से महामहिम राज्यपाल को अग्रसारित कर दिया है। यह भी तय कर दिया है कि अब जितनी भी परीक्षाएं होंगी वो सभी इस अध्यादेश से आच्छादित होंगी। सबसे सख्त कानून जो हो सकता है, वो हमने बनाने का काम किया है। इस कानून के तहत आजीवन कारावास तक की सजा के अलावा दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने के सख्त प्रावधान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने छात्रों, बेटों-बेटियों से कहना चाहते हैं कि सभी परीक्षा पारदर्शी होंगी,किसी भी अफवाहों पर न जाएं, परीक्षा की तैयारी पर ध्यान दें, सभी परीक्षाएं निष्पक्ष और शुचिता के साथ होंगी।