आज का पंचाग आपका राशि फल, धामी सरकार ने अब तक 60 से ज़्यादा नक़ल माफिया पंहुचाये सलाख़ों के पीछे*, ब्रह्म सत्यं जगद्मित्थ्या, अंग्रेजी शासन में आजीवन कारावास में काला पानी जाते हुए वीर सावरकर ने अपनी पत्नी से जो बात कही…

​ 𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
*श्री हरिहरो*
*विजयतेतराम*

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*
🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓

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*_शनिवार, ११ फरवरी २०२३_*

सूर्योदय: 🌄 ०७:०५
सूर्यास्त: 🌅 ०६:११
चन्द्रोदय: 🌝 २३:०६
चन्द्रास्त: 🌜१०:०१
अयन 🌖 उत्तरायणे
(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🎄 शिशिर
शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)
मास 👉 फाल्गुन
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि👉पञ्चमी(०९:०८ से षष्ठी
नक्षत्र👉चित्रा(२५:४०से स्वाती
योग👉शूल(१६:२३से गण्ड)
प्रथम करण👉तैतिल(०९:०८तक
द्वितीय करण👉गर(२१:३१ तक
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मकर
चंद्र 🌟 तुला (१३:०२ से)
मंगल🌟वृष(उदित,पश्चिम,मार्गी)
बुध🌟मकर(उदित,पूर्व,मार्गी )
गुरु🌟मीन(उदित,पूर्व,मार्गी)
शुक्र🌟कुम्भ(उदित,पश्चिम)
शनि🌟कुम्भ(अस्त,पश्चिम,मार्गी)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०९ से १२:५३
अमृत काल 👉 १८:५४ से २०:३५
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 २५:४० से ३१:००
रवियोग 👉 २५:४० से ३१:००
विजय मुहूर्त 👉 १४:२१ से १५:०६
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:५९ से १८:२५
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:०२ से १९:२०
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०५ से २४:५७
राहुकाल 👉 ०९:४६ से ११:०९
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १३:५४ से १५:१७
होमाहुति 👉 गुरु
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पृथ्वी (०९:०८ तक)
चन्द्रवास 👉 दक्षिण (पश्चिम १३:०३ से)
शिववास 👉 नन्दी पर (०९:०८ से भोजन में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पश्चिम-दक्षिण (वायविंडिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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माता यशोदा जयन्ती, व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०८:३१ से ०९:५५ तक, वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:४१ से ०१:०२ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २५:४० तक जन्मे शिशुओ का नाम चित्रा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (पे, पो, रा, री) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम स्वाती नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार (रू) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मकर – २९:२९ से ०७:१०
कुम्भ – ०७:१० से ०८:३६
मीन – ०८:३६ से १०:००
मेष – १०:०० से ११:३३
वृषभ – ११:३३ से १३:२८
मिथुन – १३:२८ से १५:४३
कर्क – १५:४३ से १८:०५
सिंह – १८:०५ से २०:२४
कन्या – २०:२४ से २२:४२
तुला – २२:४२ से २५:०२
वृश्चिक – २५:०२ से २७:२२
धनु – २७:२२ से २९:२५
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पञ्चक रहित मुहूर्त
चोर पञ्चक – ०७:०१ से ०७:१०
शुभ मुहूर्त – ०७:१० से ०८:३६
रोग पञ्चक – ०८:३६ से ०९:०८
शुभ मुहूर्त – ०९:०८ से १०:००
शुभ मुहूर्त – १०:०० से ११:३३
रोग पञ्चक – ११:३३ से १३:२८
शुभ मुहूर्त – १३:२८ से १५:४३
मृत्यु पञ्चक – १५:४३ से १८:०५
अग्नि पञ्चक – १८:०५ से २०:२४
शुभ मुहूर्त – २०:२४ से २२:४२
रज पञ्चक – २२:४२ से २५:०२
शुभ मुहूर्त – २५:०२ से २५:४०
चोर पञ्चक – २५:४० से २७:२२
शुभ मुहूर्त – २७:२२ से २९:२५
रोग पञ्चक – २९:२५ से ३१:००
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आप जिस भी कार्य को हाथ मे लेंगे उसी में लापरवाही दिखाएंगे। घर के बुजुर्ग अथवा अधिकारी वर्ग आपसे नाराज होंगे लेकिन दयालुता भी दिखाएंगे। कार्य व्यवसाय की स्थिति गंभीर रहेगी लाभ के अवसर हाथ आते आते निकल सकते है। आज आपकी मानसिकता कम समय मे अधिक धन कमाने की रहेगी इसमें हानि-लाभ की परवाह किये बिना जल्दबाजी दिखाएंगे। मध्यान तक धैर्य धारण करें इसके बाद स्थिति में सुधार आने लगेगा। रुके कार्यो में गति आने के साथ ही नये लाभ के अनुबंध भी मिलेंगे। महिलाये किसी के ऊपर जली भुनी रहेंगी घर मे अशांति का कारण भी बन सकती है। बुजुर्गो से मतभेद का परिणाम हानिकर होगा। सेहत सामान्य रहेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज भी परिस्थिति आपके पक्ष में रहेगी लेकिन आज आपका स्वभाव पल पल में बदलेगा कही सुनी बातो पर आंख बंद करके विश्वास ना करें अन्यथा शांत दिनचर्या खराब होगी। हाथ खुला रहेगा धन आने के साथ ही जाने के रास्ते बना लेगा। दौड़ धूप अधिक रहने से शारीरिक शिथिलता बनेगी। मध्यान के बाद किसी अभीष्ट सिद्धि के योग बन रहे है आलस्य ना करें अन्यथा लाभ से वंचित रह सकते है। प्रियजनों के साथ आनंद के क्षण बिताने का समय मिलेगा। घर मे स्थिति सामान्य रहेगी। आज आर्थिक मामलों के प्रति बेपरवाह भी रहेंगे। आवश्यक कार्य संध्या से पहले करले इसके बाद विघ्न बाधा के योग बनने लगेंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आप अपनी बुद्धि विवेक का कुछ अधिक प्रयोग करेंगे सही दिशा में जा रहे कार्य अथवा किसी व्यक्ति विशेष को भी संदेह की दृष्टि से देखना झगड़े का कारण बन सकता है। अतिआत्मविश्वास आज अवश्य ही कुछ का कुछ उल्टा ही करेगा। जिस भी कार्य को करेंगे उसमे भाग दौड़ अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक करनी पड़ेगी। काम धंधा लाभ की अपेक्षा हानि ही अधिक करायेगा। धन को लेकर मन विचलित रहेगा। आज आप अपने जीवनी की समीक्षा भी करेंगे जिससे मन हीनभावना से ग्रस्त रहेगा। व्यावसायिक अथवा अन्य पारिवारिक-धार्मिक कारणों से यात्रा के योग बनेंगे टालने के प्रयास करें। सेहत में उतारचढ़ाव लगा रहेगा स्नायु तंत्र कमजोर रहने से विविध समस्या उपजेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आपके स्वभाव में अहम की भावना रहेगी आदत अनुसार गुस्सा भी अधिक रहने के कारण जहां भी जाएंगे वही का वातावरण खराब करेंगे। अपने कार्य निकालने के लिये गलत तरीके अपनाने से नही डरेंगे। घर मे भाई बंधुओ से धैर्य की कमी के चलते किसी ना किसी बात पर मतभेद होने की संभावना है मामूली बात को बढ़ाने से परिणाम गंभीर भी हो सकते है। व्यवसाय में सोचने में वक्त खराब ना करें जोभी निर्णय लेना है शीघ्र ही लें लाभ के अवसर अनिर्णायक स्थिति के कारण हाथ से निकल सकते है। महिलाओं को गुस्से पर काबू रखने की अधिक आवश्यकता है। बात-बात पर नाराज होने से घर का वातावरण अस्त-व्यस्त हो सकता है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज दिन के पूर्वार्ध की अपेक्षा मध्यान के बाद का समय बेहतर रहेगा। आर्थिक एवं अचल संपत्ति के लिये समय शुभ है। कई दिनों से अटके किस कार्य के पूर्ण होने से धन लाभ होगा। पैतृक अथवा अन्य सम्पति से भी लाभ के योग बन रहे है। आज आप अपने मन की बात मन मे ही रखें सार्वजनिक होने पर कुछ ना कुछ हानि हो सकती है। महिलाओं की भावनाएं आज पल-पल में बदलेंगी जिससे सही निर्णय लेने में दिक्कत आएगी। बड़े लोगो से स्वार्थ सिद्धि पूर्ण कर लेंगे। पति पत्नी मे गरमा गरमी हो सकती है विवेकि व्यवहार अपनाए। यात्रा पर्यटन की योजना बनेगी। खर्च सोच समझ कर ही करें। मानसिक चिंताओं को छोड़ सेहत आज ठीक रहेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आपकी संतोषी प्रवृति रहेगी धन अथवा सम्मान पाने की इच्छा रहने पर भी इसके लिए ज्यादा मेहनत करने के पक्ष में नही रहेंगे सहज रूप से जितना मिले उससे संतोष हो जाएगा। महिलाये भी सीमित साधनों से काम चला लेंगी। कोई अप्रिय कार्य करने की ग्लानि रहेगी। आमदनी स्थिर रहेगी संचित कोष से खर्च चलाने पड़ेंगे। विपरीत लिंगीय वर्ग से आकर्षण बढेगा। प्रेम प्रसंगों में खटास आएगी। संताने जिद पर अड़ेंगी जिससे घर मे अशांति फैलेगी। असंयमित दिनचार्य के कारण स्वास्थ्य प्रतिकूल होने की संभावना है। बुजुर्गो की चिंता रहेगी। मित्र परिचितों के साथ संध्या के समय मौज शौक पूरे करेंगे परन्तु रंग में भंग पड़ने वाली स्थिति बन सकती है सतर्क रहें।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन पिछले कुछ दिनों की तुलना में हर प्रकार से बेहतर रहेगा। आज आपका स्वभाव लापरवाहों जैसा रहेगा। अन्य लोगो को दुविधा में डाल स्वयं अपने मे मस्त रहेंगे। कार्य व्यवसाय में अव्यवस्था सुधारने में समय खराब होगा फिर भी लाभ आज किसी ना किसी रूप में अवश्य हो जाएगा। सह कर्मीयो के मनमानी व्यवहार के कारण क्रोध आएगा फिर भी स्थिति बिगड़ने नही देंगे। हाथ खुला होने से धन ज्यादा देर टिकेगा नही। उधारी के व्यवहार भूल से भी ना करें अन्यथा उलझने बढ़ेंगी। सामाजिक व्यवहार दिखावा मात्र ही रहेंगे। परिवार में सुख शान्ति की अनुभूति होगी लेकिन महिला वर्ग का स्वभाव अचानक बदल सकता है सतर्क रहें।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन धैर्य रखने की आवश्यकता है। आज आपके अधिकांश कार्य बनते बनते बिगड़ने से मन मे नकारात्मक भाव उत्पन्न होंगे। आप जहां से लाभ की संभावनाए लगाये रहेंगे वहां से ही अचानक हानि के समाचार मिलने से मन दुखी होगा। पूर्व में किये गलत आचरण का फल आज किसी ना किसी रूप में भोगना पड़ेगा। कारोबार में आज जोखिम भूल कर भी ना लें नाही ही किसी से उधार संबंधित व्यवहार करें। पारिवारिक वातावरण भी आज अस्त-व्यस्त ही रहेगा घर मे मौसमी बीमारियों का प्रकोप रहने के कारण दवाओं पर धन खर्च करना पड़ेगा। महिलाये शारीरिक रूप से असमर्थ रहेंगी स्वभाव में चिड़चिड़ा पन रहने से छोटी-छोटी बातों पर नाराज हो जाएंगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके मान सम्मान में वृद्धि कराएगा लेकिन किसी के बहकावे में आकर आप स्वयं ही अपने लिए परेशानी खड़ी कर सकते है सावधान रहें। स्वार्थी लोग आपके संपर्क में अधिक रहेंगे इनसे किसी भी आवश्यकता पूर्ति की उम्मीद ना रखें। आप जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे आरम्भ में लाभ-हानि को लेकर भ्रम पैदा होगा परन्तु शीघ्र ही स्थिति स्पष्ट होने लगेगी। लाभ कमाने के लिए आपको जोखिम लेना ही पड़ेगा इसका परिणाम आपके पक्ष में ही रहेगा। व्यवसाय से जुड़ी महिलाओ को पदोन्नति के साथ प्रोत्साहन के रूप में आर्थिक सहायता भी मिल सकती है। सामाजिक कार्यो में सम्मिलित होना पड़ेगा। छोटी मोटी व्याधि लगी रहेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आपको परिजनों का प्रत्येक कार्य मे समर्थन मिलेगा। दिन के आरम्भ में शुभ समाचार मिलने से उत्साह में वृद्धि होगी। आज आपके दैनिक कार्य अन्य दिनों से पहले पूर्ण होंगे। व्यवसाय में भी उन्नति के योग बन रहे है व्यवसाय को नया रूप देने की योजना बनायेंगे। धन से ज्यादा व्यवहार को महत्त्व देंगे इसके परिणाम स्वरूप परिजनों के साथ बाहर के लोगो का भी स्नेह मिलेगा। नौकरी वालो की काम के सिलसिले से यात्रा हो सकती है। कार्य क्षेत्र पर आज बहस से बचें। आर्थिक उलझने दिन के मध्यान तक परेशान करेंगी इसके बाद आकस्मिक लाभ होने से थोड़ी राहत मिलेगी। महिलाओ की फरमाइश पूरी होने पर प्रसन्न रहेंगी। मनोरंजन के अवसर मुश्किल से ही मिलेंगे।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आपको मध्यान तक धैर्य से कार्य करने की सलाह है दोपहर बाद सेहत संबंधित समस्या कम रहेंगी। कार्य व्यवसाय के प्रति कम ही गंभीर रहेंगे धार्मिक कार्यो के प्रति रुचि रहेगी लेकिन कोई ना कोई व्यवधान आने से समय कम ही दे पाएंगे। व्यवसायी वर्ग दिन के आरम्भ में आलसी रहेंगे दोपहर बाद किसी कार्य के बनने से प्रसन्न होंगे। आज जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उसमे स्वयं अथवा सहकर्मी की खराब सेहत बाधा डालेगी। आर्थिक लाभ के लिये इंतजार करना पड़ेगा संध्या के आस-पास होगी वह भी अनर्गल कार्यो में खर्च हो सकती है। महिलाये शारीरिक अकड़न अथवा नसों में विकार आने से असहज रहेंगी। यात्रा का मन बन रहा है तो फिलहाल स्थगित रखें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपकी दिनचार्य अनर्गल प्रवृतियों में खराब होगी। सेहत प्रातः काल से ही नरम रहेगी कुछ करने का मन नही करेगा स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहने से आसपास का वातावरण आपके कारण अशान्त रहेगा। परिजनों की असंतोषी प्रवृति के कारण भी घरेलू वातावरण लगभग खराब ही रहेगा। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मी अथवा अन्य लोगो के आश्रित रहना पड़ेगा फिर भी जरूरत के अनुसार लाभ अवश्य हो जायेगा। किसी भी महत्त्वपूर्ण निर्णय को लेने से पहले एक बार लाभ हानि की समीक्षा अवश्य करें।महिलाये आज व्यवहार संयमित रखें मान हानि की संभावना है। आडम्बर के ऊपर खर्च होगा। यात्रा एवं धन संबंधित व्यवहार अतिआवश्यक होने पर ही करें।
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*सुशासन के साथ युवाओं के स्वर्णिम भविष्य के लिए कृतसंकल्पित धामी सरकार*

*अब तक 60 से ज़्यादा नक़ल माफिया सलाख़ों के पीछे*

 

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर नकल माफियाओं के खिलाफ एक्शन लगातार जारी है। JE/AE परीक्षा प्रकरण में एसआईटी हरिद्वार ने आज चौथी गिरफ्तारी कर दी है। एक ओर पिछले कुछ महीनों में नकल माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई में 60 से ज्यादा लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है वहीं दूसरी ओर प्रदेश में सख्त नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को भी मुख्यमंत्री ने मंजूरी देकर सरकार की साफ़ नियत स्पष्ट हो चुकी है। प्रदेश में अब नकल माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई और भी सख़्त तरीक़े से की जा सकेगी।

धामी सरकार के मुक़ाबले कुछ पुरानी सरकारों के कार्यकाल पर नजर डाली जाए तो उनमें बस हिला- हवाली नजर आती थी, लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने अब तक की कारवाई में अपना मंतव्य स्पष्ट कर दिया है, मुख्यमंत्री इस बात को बार-बार मंचों से कह चुके हैं की *“प्रदेश में नक़ल माफियाओं के दीमक का अंत तभी संभव है जब इसे जड़ से खत्म किया जाए”* यही कारण है कि पिछले 6-7 महीनों में धामी सरकार के सामने परीक्षा में धांधली संबंधित जो भी प्रकरण सामने आए उनको ठोस कार्रवाई की गई।

 

 

*कैबिनेट ने राज्य लोक सेवा आयोग को सौंपी जिम्मेदारी*

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर UKSSSC द्वारा गतिमान 7000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को राज्य लोक सेवा आयोग (UKPSC) को हस्तान्तरित करने के सम्बंध में 9 सिंतबर को कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कर दिया गया। था। इस मामले में लोक सेवा आयोग द्वारा 4 जनवरी को पटवारी भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। मामले में गड़बड़ी की शिकायत मिलते ही प्रदेश सरकार ने न सिर्फ़ आयोग के कार्मिक को गिरफ़्तार कर परीक्षा स्थगित कर दी। बल्कि उक्त परीक्षा की नई तिथि 12 जनवरी को घोषित कर परीक्षा देने वाले छात्रों को रोडवेज़ बसों में निशुल्क पेपर देने हेतु आवागमन की व्यवस्था भी की गई है।

धीरे धीरे पढ़ें- जैसे जाग्रत में स्वप्न मिथ्या है, स्वप्न में जाग्रत मिथ्या है और सुषुप्ति में जाग्रत और स्वप्न दोनों मिथ्या हैं। ऐसे ही व्यवहार काल में जो सत्य है, वह चिंतन काल में मिथ्या है। और चिंतन काल में जो सत्य है, वह व्यवहार काल में मिथ्या है।

यह सही है कि व्यवहार काल में व्यवहार बुद्धि में चढ़ बैठता है। पर चिंतन में बैठे कि मिथ्या हुआ।

तो बस अब बार बार चिंतन में बैठना है। इस बार बार के चिंतन से नया कर्म निर्मित नहीं होगा। अब कर्म रूपी साइकिल का पैडल, जो इतने जन्मों से घुमाया है, उसी कारण प्रारब्ध का पहिया घूम रहा है। तो अब पैडल न मारें तो यह कब तक घूमेगा? यूँही घूमते घूमते रुक जाएगा।

यों बार बार चिंतन करने वाले को, यह देह रहने तक ही जगत दिखता है, देह गिरते ही जगत भी गिर जाता है, फिर नहीं उठता, फिर कभी नहीं उठता।

पर यहाँ एक बात समझने की और है, मान लो कि लोकेशानन्द अपने आँगन में बैठा आत्मज्ञान विषयक चर्चा कर रहा है। जगत के मिथ्यात्व का प्रतिपादन कर रहा है। सभी साधक ध्यान से सुन रहे हैं।

कि तभी छत से कोई बालक नीचे गिर गया। अब हमें क्या करना चाहिए?

“जगत तो मिथ्या है, यहाँ गिरना क्या और उठना क्या? यहाँ कोई गिरा विरा नहीं है, यह सब तो भ्रम मात्र है।” ऐसा मानकर बैठे रहें? या बच्चे को हस्पताल ले जाने की व्यवस्था करें?

निश्चित ही आप कहेंगे कि बच्चे को संभालना चाहिए। और यही सही भी है।

कारण वही कि यद्यपि चिंतन काल में व्यवहार मिथ्या है, पर वहीं व्यवहार काल में चिंतन भी तो मिथ्या है। इसीलिए व्यवहार तो निभाना ही पड़ेगा। और व्यवहार तो व्यवहार से ही निभेगा।

देखें, सीताजी का हरण हुआ तो रामजी कितना रोए? वे जानते हैं कि सीताजी भी नकली हैं, सीताजी का हरण भी नकली है, दृश्य जगत मिथ्या है। फिर भी जमीन आसमान एक कर दिया। क्यों? 

क्योंकि व्यवहार तो निभाना ही पड़ेगा। और व्यवहार तो व्यवहार से ही निभेगा।

वीर सावरकर

एक कल्पना कीजिए… तीस वर्ष का पति जेल की सलाखों के भीतर खड़ा है और बाहर उसकी वह युवा पत्नी खड़ी है, जिसका बच्चा हाल ही में मृत हुआ है…

 

इस बात की पूरी संभावना है कि अब शायद इस जन्म में इन पति-पत्नी की भेंट न हो. ऐसे कठिन समय पर इन दोनों ने क्या बातचीत की होगी. कल्पना मात्र से आप सिहर उठे ना?? जी हाँ!!! मैं बात कर रहा हूँ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे चमकते सितारे विनायक दामोदर सावरकर की. यह परिस्थिति उनके जीवन में आई थी, जब अंग्रेजों ने उन्हें कालापानी (Andaman Cellular Jail) की कठोरतम सजा के लिए अंडमान जेल भेजने का निर्णय लिया और उनकी पत्नी उनसे मिलने जेल में आईं.

 

मजबूत ह्रदय वाले वीर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) ने अपनी पत्नी से एक ही बात कही… – “तिनके-तीलियाँ बीनना और बटोरना तथा उससे एक घर बनाकर उसमें बाल-बच्चों का पालन-पोषण करना… यदि इसी को परिवार और कर्तव्य कहते हैं तो ऐसा संसार तो कौए और चिड़िया भी बसाते हैं. अपने घर-परिवार-बच्चों के लिए तो सभी काम करते हैं. मैंने अपने देश को अपना परिवार माना है, इसका गर्व कीजिए. इस दुनिया में कुछ भी बोए बिना कुछ उगता नहीं है. धरती से ज्वार की फसल उगानी हो तो उसके कुछ दानों को जमीन में गड़ना ही होता है. वह बीच जमीन में, खेत में जाकर मिलते हैं तभी अगली ज्वार की फसल आती है. यदि हिन्दुस्तान में अच्छे घर निर्माण करना है तो हमें अपना घर कुर्बान करना चाहिए. कोई न कोई मकान ध्वस्त होकर मिट्टी में न मिलेगा, तब तक नए मकान का नवनिर्माण कैसे होगा…”. कल्पना करो कि हमने अपने ही हाथों अपने घर के चूल्हे फोड़ दिए हैं, अपने घर में आग लगा दी है. परन्तु आज का यही धुआँ कल भारत के प्रत्येक घर से स्वर्ण का धुआँ बनकर निकलेगा. यमुनाबाई, बुरा न मानें, मैंने तुम्हें एक ही जन्म में इतना कष्ट दिया है कि “यही पति मुझे जन्म-जन्मांतर तक मिले” ऐसा कैसे कह सकती हो…” यदि अगला जन्म मिला, तो हमारी भेंट होगी… अन्यथा यहीं से विदा लेता हूँ…. (उन दिनों यही माना जाता था, कि जिसे कालापानी की भयंकर सजा मिली वह वहाँ से जीवित वापस नहीं आएगा).

 

अब सोचिये, इस भीषण परिस्थिति में मात्र 25-26 वर्ष की उस युवा स्त्री ने अपने पति यानी वीर सावरकर से क्या कहा होगा?? यमुनाबाई (अर्थात भाऊराव चिपलूनकर की पुत्री) धीरे से नीचे बैठीं, और जाली में से अपने हाथ अंदर करके उन्होंने सावरकर के पैरों को स्पर्श किया. उन चरणों की धूल अपने मस्तक पर लगाई. सावरकर भी चौंक गए, अंदर से हिल गए… उन्होंने पूछा…. ये क्या करती हो?? अमर क्रांतिकारी की पत्नी ने कहा… “मैं यह चरण अपनी आँखों में बसा लेना चाहती हूँ, ताकि अगले जन्म में कहीं मुझसे चूक न हो जाए. अपने परिवार का पोषण और चिंता करने वाले मैंने बहुत देखे हैं, लेकिन समूचे भारतवर्ष को अपना परिवार मानने वाला व्यक्ति मेरा पति है… इसमें बुरा मानने वाली बात ही क्या है. यदि आप सत्यवान हैं, तो मैं सावित्री हूँ. मेरी तपस्या में इतना बल है, कि मैं यमराज से आपको वापस छीन लाऊँगी. आप चिंता न करें… अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें… हम इसी स्थान पर आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं…”.

क्या जबरदस्त ताकत है… उस युवावस्था में पति को कालापानी की सजा पर ले जाते समय, कितना हिम्मत भरा वार्तालाप है… सचमुच, क्रान्ति की भावना कुछ स्वर्ग से तय होती है, कुछ संस्कारों से. यह हर किसी को नहीं मिलती.