जीएसटी की वजह से सेना की कैंटीनों में संकट

जीएसटी लागू होने के बाद से सेना की कैंटीनों में सामान की सप्लाई तकरीबन तकरीबन ठप पड़ी है। जीएसटी लगने के बाद से कैंटीन में उपलब्ध सामान की कीमत पर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। यह स्थिति पूरे उत्तराखंड में है। इस कारण प्रदेश के हजारों सैन्य और पूर्व सैनिकों के परिवारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
इस कारण उत्तराखंड स्थित सैनिक और अर्द्ध सैनिक बलों की कैंटीन में अब तक सामान की आपूर्ति सामान्य नहीं हो पाई है। उत्तराखंड की सभी सैन्य कैंटीन में देहरादून के ईसी रोड स्थित सेंट्रल डिपो से सामान की आपूर्ति होती है। सूत्रोंके मुताबिक बीते डेढ़ महीने में सेंट्राल डिपो में ही बहुत कम सामान पहुंच पाया है, ऐसे में कैंटीनों में सामान की आपूर्ति तकरीबन रुकी हुई है।
दून के सब एरिया कैंटीन में इस बीच सामान की आपूर्ति एक तिहाई ही रह गई है। जबकि क्लेमन्टाउन स्थित बीएसएफ कैंटीन में तो बीते एक माह से पूरी तरह आपूर्ति ठप है। यही स्थित लैंसडान, रानीखेत जैसी दूसरी कैंटीन की है। घर गृहस्थी के सामान के अलावा कैंटीन में शराब की आपूर्ति भी आधी रह गई है। सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने एक दो सप्ताह के अंदर कैंटीन में अब सामान आपूर्ति सामान्य होने की दावा किया है। हालांकि अधिकारिक तौर पर कैंटीन प्रबंधन इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
उत्तराखंड पूर्व सैनिक एवं अर्द्ध सैनिक संयुक्त संगठन के प्रदेश महासचिव पीसी थपलियाल के मुताबिक एक समस्या यह भी हुई कि सरकार ने अर्द्धसैनिकों को सीएसडी कैंटीन की सुविधा तो दे दी है ,लेकिन कोटा नहीं बढ़ाया है। इससे कैंटीन में सामान की किल्लत पहले से ही बनी हुई थी। आज जीएसटी लगने के बाद सामान की सप्लाई सीमित हो गई है। इससे उत्तराखंड के हजारों सैन्य और पूर्व सैनिक परिवारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।