राहुल के भरोसे कांग्रेस का होगा बेड़ापार या डूबेगी नैया


हरीश मैखुरी

 
मौजूदा समय में राहुल के चेहरे को कांग्रेस पार्टी अपने लिए संजीवनी मान रही है। एक तरह से देखा जाए तो कांग्रेस के दिग्गज चेहरे नेहरु गांधी परिवार के वटवृक्ष के नीचे पनप ही नहीं पाए, इसीलिए कांग्रेस के पास राहुल को छोड़कर दूसरा ऐसा चेहरा है भी नहीं जिसे कांग्रेस पार्टी अपना नेता स्वीकार करे। जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी कांग्रेस के पास बुढ़ापे की छड़ी है, जो कांग्रेस को सहारा तो दे सकती है लेकिन दौड़ा नहीं सकती। कांग्रेस को अपने बलबूते पार्टी खड़ी करनी है तो हरीश रावत, कमलनाथ, प्रमोद तिवारी, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे जमीन से जुड़े और तेजतर्रार नेताओं की टीम देशभर में खड़ी करनी होगी।

राहुल गांधी मौजमस्ती की जिस पारिवारिक पृष्ठभूमि से आते हैं, वहां राजनीति एक शौक हो सकता है, सेवा नहीं। आज देश में भारतीय जनता पार्टी की टीम मोदी अगर जनता के बीच अपनी खास पैठ बना रही है तो उसके पीछे मोदी टीम के ऐसे कर्मठ और जुझारू लीडरसिप है जिसके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं। ऐसे में 2019 में यदि कांग्रेस को मोदी टीम को परास्त कर दिल्ली का मार्ग प्रशस्त करना है तो राहुल गांधी की केवट गिरि में कांग्रेस की नैया डूबने के चांस अधिक हैं। पार्टी भी किसी ऐसे चेहरे के लिए छटपटाती हुई नजर आती है जो मोदी को टक्कर दे सके। पिछले दिनों जयराम रमेश और पार्टी के कई नेता इस तरह के बयान खुलकर दे चुके हैं।