जिसका डर था वही हुआ, गंगोत्री सीट पर उप चुनाव की संभावना ना के बराबर

असल में प्रदेश में भाजपा के अधिकतर कानूनी सलाहकार सरकार या संगठन में कांग्रेसी मानसिकता के हैं, अगर क़ानूनदा को यह ज्ञात था कि गंगोत्री उप चुनाव लोक प्रतिनिधित्व की धारा(Representation of the people Act) 151ए के कारण नहीं हो पाएंगे, तो तीरथ जी की ताजपोशी से पहले यह जानकारी पार्टी हाई कमान को क्यों नहीं दी गयी, यही चूक पूर्व मुख्यमंत्री जी से भी विगत में हुई, उन्होंने भी अधिकांश सरकारी वकीलों की भर्ती कांग्रेस से ही की, नतीजा यह हुआ कि हाइकोर्ट में उनके विरुद्ध सी०बी०आई० जांच तक के आदेश हो गए। पता नहीं क्यों भाजपा के नेता कांग्रेस के लोगों के सम्मोहन में फंस जाते हैं, वो भी हरीश रावत जी के करीबी लोगों के।
संदर्भ—- Representation of the People Act, 1951

(वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश पुजारी हाइकोर्ट में स्टैंडिंग काउंसिल रहे हैं)