मंगलवार की देर रात धनबाद के मुगमा में जोरदार विस्फोट हुआ। सबकी नींद उड़ गई। अनहोनी की आशंका में बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, युवा सब जैसे सोए थे, उसी हाल में उठकर अपने-अपने घरों से भाग चले। भागते-भागते मुगमा स्टेशन पहुंच गए और वहीं शरण ली। सुबह पता चला, धमाके के साथ करीब 500 मीटर के दायरे में जमीन फट गई थी। इसकी जद में पानी से लबालब भरा एक तालाब भी आ गया। जमीन फटने से तालाब का पूरा पानी दरारों में समा गया। कोयले के अवैध उत्खनन के कारण हुई घटना…
मंगलवार की शाम तक जिस तालाब को बस्ती में और आसपास रहने वाले लोगों ने पूरी तरह से भरा हुआ देखा था, वह बुधवार तड़के सूखा नजर आया। ग्रामीणों ने जमीन फटने के लिए इलाके में वर्षों से चल रहे कोयले के अवैध उत्खनन को जिम्मेवार बताया है। ग्रामीण बताते हैं कि जहां जमीन फटी है, वहां पश्चिम बंगाल और जामताड़ा से मजदूरों को बुलाकर अवैध तरीके से कोयले का खनन कराया जाता है।
स्थानीय पुलिस और ईसीएल (ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के सुरक्षाकर्मी भी इस गोरखधंधे में शामिल हैं। उन्हें कोयला तस्करों से हर महीने बंधी-बंधाई रकम थमा दी जाती है। इसके एवज में वे अवैध खनन को संरक्षण देते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि कोई उनकी सुनने वाला नहीं है। पुलिस-प्रशासन से शिकायत करने पर उल्टे उन्हें ही धमकाया जाता है।