और रितिक बिष्ट चला गया….!!!

    अपने बहते अरमानों के साथ रितिक…अपने पिता के साथ वापस गाँव चला गया….वो भी सिर्फ अंग्रेजी में एक नं कम होने के कारण….!
    मैंने कुछ दिनों पहले बागेश्वर के एक दूरवर्ती गाँव से दिल्ली में 11th में सांइस पढ़ने की चाह में आए मेधावी छात्र रितिक के बारे में पोस्ट की थी…।
  सांइस में 77 मैथ्स में 78 होने के बावजूद उसे सांइस में एडमिशन सिर्फ इसलिए नहीं मिल पाया क्योंकि अंग्रेजी में उसके 1 नं कम यानि सिर्फ 60 अंक थे….
    खैर.. उसके साथ दिल्ली में दो धोखे किए गए थे.. पहला ये कि सर्वोदय स्कूल INA ने उसे एडमिशन दे दिया था…बकायदा फीस ले ली गई थी..उसने स्कूल की ड्रेस और कॉपी किताबें खरीद लीं थीं.. अचानक उसे स्कूल जाने के 15 दिन बाद  क्लास से बुलाकर कहा कि ये लो अपनी फीस… आपका सांइस में एडमिशन नहीं हो सकता…कॉमर्स चाहिए तो एडमिशन मिल जाएगा….
     उसके पिता को जब ये पता चला तो वो पहाड़ से तुरंत आए.. स्कूल से बात की.. लेकिन नियम का हवाला देकर..वापस भेज दिया.. उन्होंने कहा कि आपने एडमिशन करना ही नहीं था.. अब तो प्राइवेट स्कूलों में भी एडमिशन बंद हो गये.. स्कूल ने सॉरी कहकर पल्ला झाड़ लिया…..
   दूसरा धोखा उसे मनीष सिसोदिया के OSD दीपक दहिया ने बिना उसकी शिकायत सुने स्कूल को रिएडमिशन का लैटर( नियमानुसार) भिजवाकर दिया….
     अगले दिन जब दहिया जी से बात हुई तो वो हम पर बिफर पड़े.. और साफ कहा कि आप लोग झूठ बोल रहे हो… स्कूल ने उसे एडमिशन दिया ही नहीं.. और ना ही वो क्लास में बैठा होगा….
    हमने कहा…सर, आप बिना बात सुने लैटर दे दिए..अब आप नियमों का हवाला दे रहे हैं.. परसों ही आप मना कर देते.. उम्मीद तो ना बंधाते…
  खैर. हमने कहा कि सर, आप हमें एक बार मनीष सिसोदिया जी से मिलने दें… उनसे हम रिक्वेस्ट करेंगे कि सांइस वर्ग में एडमिशन के लिए आप अंग्रेजी को इतनी तवज्जों क्यों दे रहे हैं..??? मैथ्स और सांइस में बच्चे के 75 से ऊपर हैं….
   दीपक दहिया बोले.. वो मनीष सिसोदिया हैं .. उपमुखयमंत्री हैं…कोई आम नहीं… जो ऐसे छोटे मोटे कामों के लिए लोगों से मिलने लगें… जाओ यहाँ.से…नहीं मिलेंगे..वो….
   हमने कहा सर… बच्चा बहुत हताश है… हताशा में वो कुछ भी कर सकता है.. वो बोले.. तो भाई क्या करूँ….बच्चा आपका है..आप संभालो… आत्महत्या करेगा तो.. आपकी जिम्मेदारी….. पर मनीष सिसोदिया नहीं मिलेंगे.. तो नहीं.. मिलेंगे..
  हम निराश..हताश….. वापस आ गए……
    दुख इस बात का है कि… सर्वोदय स्कूलों में… कहीं कहीं तो सांइस में गिनके 7 बच्चे पढ़ रहे हैं….लेकिन रितिक जैसे होनहार छात्रों को निराश होकर… एडमिशन की उम्मीद दिखाकर.. वापस आना पढ़ रहा है…..
   अंत में आपको इतना.जरूर बताना चाहूँगा कि … रितिक ने निराशा में आत्महत्या की कोशिश की थी…..उसके पापा ने बताने से मना.किया.था….पर ..मुझसे रहा ना गया……इसलिए उसके पापा उसे अपने साथ पहाड़ ले गए…..क्योंकि बच्चे को हर हाल में सांइस चाहिए थी… और वो बच्चा होनहार है.. इसकी गांरटी मैं एक टीचर के रूप में भी दे.सकता हूँ…..
    निराश मैं भी हूँ क्योंकि मैं उसका एडमिशन जानपहचान से नहीं… उसके अधिकार उसकी योग्यता के तहत करवाना चाहता था……
  अंग्रेजी में 61 नं की बाध्यता…..मेरी समझ से बाहर है…..आपको समझ आ रही हो तो मुझे भी .समझा दें..और उस रितिक को भी.. ताकि फिर से वो आत्महत्या करने की कोशिश ना करे……