अग्निपथ योजना बना देगी भारतीय सेना को अजेय, CRPF और असम राईफल में अग्निवीरों को मिलेगा १०%आरक्षण और आयुसीमा में तीन वर्ष की छूट, इजरायल, रूस, अमेरिका, फ्रांस, चीन में भी अपने देश के हिसाब से सेना में भर्ती होने के नियम हैं

  • अग्निपथ योजना को लेकर गृह मंत्रालय का बड़ा निर्णय 

CRPF और असम राइफल्स की भर्ती में 10% का आरक्षण

अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी का कोटा रिजर्व रहेगा

अभ्यर्थियों को उम्रसीमा में 3 साल की छूट भी मिलेगी

अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए आयुसीम में 5 वर्ष की छूटनौसेना अध्यक्ष एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा, #अग्निपथ_योजना परिवर्तनकारी योजना है। यह मेड इन इंडिया और मेड फॉर इंडिया योजना है। प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, उन्हें अग्निपथ योजना को पढ़ना और समझना चाहिए क्योंकि यह योजना राष्ट्र सेवा का अवसर है।

अग्निपथ योजना क्या है,,,

1:- उम्र 17 वर्ष 6 माह से 21 वर्ष

2:- योग्यता सीनियर सेकेंडरी

3:- पहले की तरह फिजिकल टेस्ट

4:- सेवा अवधि 4 वर्ष

5:- प्रशिक्षण अवधि 6 माह

6:- प्रथम वर्ष वेतन 30 हजार रुपये
महीना जिसमें 9 हजार की कटौती
होगी, मतलब 21 हजार प्रति माह
मिलेंगे, द्वितीय वर्ष 33000 रुपये
मिलेगे जिसमे 10000 रुपये प्रति
माह कटौती होगी, 23 हजार प्रति
माह मिलेंगे, तृतीय वर्ष 36000
हजार रुपये मिलेंगे, जिसमे 11000
कटौती होकर 25000 हजार रुपये
प्रति माह मिलेंगे, चौथे वर्ष 40000
हजार रुपये प्रति माह मिलेंगे, जिसमे
12000 रुपये महीना कटेंगे,
28000 हजार रुपये प्रति माह मिलेंगे,

7:- 4 साल सेवा अवधि बार रिटायरमेंट पर सेवा निधि पैकेज बतोर 11 लाख 71 हजार रुपये मिलेंगे,

8:- 4 साल की सेवा अवधि उपरांत
योग्यता मापदंडों के हिसाब से 25 %
जवानों को स्थायी रूप से सेना में
नियुक्ति दे दी जाएगी, बाकी 75 %
जवानों को अग्निवीर कौशल प्रमाण
पत्र दिया जाएगा, जिसके बेस पर
प्राइवेट कम्पनियों में जॉब में
प्राथमिकता मिलेगी, साथ ही
खुद का व्यवसाय करने के लिए
मिनिमम ब्याज दरों पर नॉन
सिक्योर लोन दिलाया जाएगा,,

9:-तीनों सेनाओं में प्रतिवर्ष 50000
हजार जवानो की भर्ती की जाएगी,!!

10:- मौकापरस्तों के
बहकावे में मत आना ….बहुत ही महत्त्वपूर्ण 
योजना है, कुछ सेफ्टी डिपार्टमेंट
को छोड़ दे तो, 22 , 23 वर्ष से तो
बेरोजगार रोजगार के लिए अप्लाई
करना शुरू करते है, जबकि
अग्निपथ योजना में तो 18, 19 में
लगा बच्चा 22,23 में तो रिटायर ही
हो जाएगा, मतलब बाद में वो अपने
खर्चे पर अच्छी जॉब की तैयारी कर
सकता है, बच्चे अक्सर 18, 20
,22 की उम्र में ही गलत संगत में
पड़कर भटक जाते है, जबकि इस
उम्र में तो वो देश सेवा कर रहा होगा,
फिजिकल फिट रहेगा, आर्थिक
परेशानी नही होगी, इसलिए मित्रों
भारत सरकार बहुत ही कारगर
योजना लेकर आई है, ज्यादा से
ज्यादा युवा फायदा उठाए,”!!!✍️

अग्निपथ योजना पर भावी अग्निवीरों का ये बबाल उचित नहीं। 


इजरायल, रूस, अमेरिका, फ्रांस, चीन में भी अपने देश के हिसाब से सेना में भर्ती होने के नियम हैं, वहां तो ऐसा हंगामा नहीं होता। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस योजना के लॉन्चिंग पर कहा था कि हमने कई देशों की योजनाओं को समझा फिर अपने हिसाब से इसे बनाया है। उन्होंने साफ कहा कि भारत ने किसी योजना की नकल नहीं की है। ऐसे में युवाओं का हंगामा करना ठीक नहीं है। बल्कि इस योजना को समझें। इसमें अनिवार्यता नहीं बल्कि ये विकल्प है।………ऐसे में सरकार ने 24 जून से भर्ती का ऐलान कर दिया है। अब देखना है कि आंदोलन कर रहे युवाओं में से कितने भर्ती कैम्प में जाते और कितने आंदोलन पर अडिग रहेंगे। हालांकि इस भीड़ में बेरोजगार युवाओं से ज्यादा आसामाजिक तत्व ज्यादा नजर आ रहे हैं……….

इजरायल—-

इजरायल में सभी युवाओं को अनिवार्य तौर पर सैन्य सेवा में जाना होता है। पुरुषों को अनिवार्य तौर पर 32 महीने सेना में सर्विस देनी होती है जबकि महिलाओं को 24 महीने सेना में बिताना होता है। इसके बाद इन्हें रिजर्व लिस्ट में शामिल कर लिया जाता है और जरूरत पड़ने पर कभी भी ड्यूटी के लिए बुलाया जा सकता है। इस दौरान जवानों को हथियार और उपकरण चलान की बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है। ब्रिगेड लेवल की ट्रेनिंग के बाद उन्हें ऑपरेशनल ड्यूटी पर लगाया जाता है। इसमें से 10 फीसदी जवानों को सैन्यबलों में रिटेन कर लिया जाता है और उन्हें 7 साल का अनुबंध दिया जाता है। कम से कम 12 साल तक सेना में बिताने वाले जवान पेंशन के हकदार होते हैं।

अमेरिका—-

अमेरिकी सेना में करीब 14 लाख जवान हैं। यहां भर्ती स्वैच्छिक आधार (Voluntary Basis) होती है। ज्यादातर जवान 4 साल के लिए सेना में शामिल होते हैं। इसके बाद उन्हें 4 साल के लिए रिजर्व ड्यूटी पीरियड लगाई जाती है। इस दौरान अगर कभी जरूरत हुई तो इन सैनिकों को वापस ड्यूटी पर बुलाया जा सकता है। जवान इस दौरान फुल सर्विस में भी शामिल हो सकते हैं और ऐसी स्थिति में वे पेंशन के योग्य होंगे। 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद वे सभी प्रकार की सुविधाएं पाने के हकदार होंगे। समय से पहले रिटायर होने की स्थिति में ऐसे जवान कुछ निश्चित अलाउंस और पर्क्स पाने के अधिकारी होंगे। हालांकि ये अलग-अलग मामलों में अलग होगा।

फ्रांस—-

फ्रांस में जवानों की भर्ती अनुबंध के आधार पर होता है। इस भर्ती के कई मॉडल होते हैं। इसमें अनुबंध को एक साल के लिए बढ़ाने से लेकर 5 साल तक का अनुबंध दिया जाता है। 5 साल के अनुबंध को भी बढ़ाया जा सकता है। जवानों को 3 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है। जो जवान 19 साल तक देश की सेवा करते हैं, वे पेंशन के हकदार होंगे।

रूस—–

रूस में जवानों की अनिवार्य भर्ती का हाईब्रिड मॉडल अपनाया जाता है। इसके अलावा अनुबंध के आधार पर भर्ती की जाती है। अनिवार्य सैनिकों को एक साल की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद उन्हें एक साल सेना में सेवा देना होता है। इसके बाद उन्हें रिजर्व में शामिल कर लिया जाता है। ऐसे जवानों की अनिवार्य भर्ती तरीका अपनाया जाता है। ऐसे जवानों को यूनिवर्सिटी में एडमिशन में प्राथमिकता दी जाती है। उनके पास सैन्य अकादमी में भी शिक्षा लेने का विकल्प होता है।

चीन—-

चीन में सेना भर्ती अनिवार्य तौर पर होती है। हर साल 4.5 लाख युवा ट्रेनिंग के लिए शामिल किए जाते हैं। चीन में पुरुषों की आबादी को देखते हुए हर साल 80 लाख युवा इस ट्रेनिंग के लिए तैयार होते हैं। ऐसे जवान 2 साल की अनिवार्य सेवा दते हैं। इस दौरान उन्हें 40 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद यूनिट या जरूरत के हिसाब से ऐसे जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग भी दी जाती है। इसके बाद सेलेक्शन बेसिस पर अज्ञात संख्या में सैनिकों को चीनी सेना में शामिल कर लिया जाता है। सेना छोड़ने के बाद इन जवानों को अपना बिजनेस शुरू करने के लिए सस्ता लोन दिया जाता है। अगर कोई कंपनी ऐसे जवानों को अपने यहां रोजगार देती है तो उन्हें टैक्स

बेनिफिट मिलता है।(साभार)