उत्तराखंड में 3998 नये कोरोना संक्रमित,19 की मृत्यु, नहीं रहे गंगोत्री विधायक गोपाल रावत, स्वास्थ्य विभाग को मिले 345 चिकित्साधिकारी, गुड न्यूज : उत्तराखंड के पहले स्पाईन सर्जरी स्पेशलिस्ट डाॅ प्रियंक उनियाल अपने प्रदेश में ही दे रहे सेवा

✍️हरीश मैखुरी

उत्तराखण्ड में फूटा कोरोना बम ,प्रदेश में 19 लोगो की मौत के साथ आज 3998 नए मामले आये। उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अगले 3 दिनो तक सरकारी कार्यालय रहेंगे बंद, केवल आवश्यक सरकारी कार्यालय ही रहेंगे खुले।

उत्तराखंड के लिए आज दुखद समाचार है। गंगोत्री के विधायक श्री गोपाल रावत जी का गुरुवार को निधन हो गया, वह बीते दिसम्बर महीने से कैंसर से जूझ रहे थे, आज गोविन्द चिकित्सालय में उन्होंने आखिरी सांस ली।

विधायक गोपाल रावत के निधन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने श्रध्दांजलि देते हुए कहा कि “लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे गंगोत्री के विधायक श्री गोपाल रावत जी के निधन का दुखद समाचार सुनकर आहत हूं। उनसे जुड़ी कई यादें मेरे स्मृतिपटल पर ताजा हो गईं हैं। मन व्यथित है। बीते 17 अप्रैल को मैं उनकी कुशलक्षेम पूछने देहरादून के एक निजी अस्पताल में गया था।

पार्टीहित और गंगोत्री वैली के विकास के लिए किए गए उनके कार्य हमेशा याद किए जायेंगे। संगठन के लिए यह अपूर्णीय क्षति है। मेरी भगवान बद्री विशाल व बाबा केदार से यही प्रार्थना है कि पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें। मेरी उनके परिजनों और शुभचिंतकों के प्रति गहरी संवेदनाएं हैं। दुख की इस घड़ी में हम सब उनके परिवार के साथ खड़े हैं।ॐ शांति-शांति।”

उत्तराखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने श्रध्दांजलि देते हुए कहा कि” गंगोत्री से माननीय विधायक, श्री गोपाल सिंह रावत जी के निधन का दु:खद समाचार मिला। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और शोक संतप्त परिजनों को दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करे। मेरी गहरी संवेदनाएं स्वर्गीय गोपाल सिंह रावत जी के परिजनों के साथ हैं। ॐ शांति”

    विधायक गोपाल रावत के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत, वन मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, बद्रीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट, कर्णप्रयाग विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी, थराली विधायक मुन्नी देवी शाह ने भी श्रध्दांजलि दी और गहरा शोक प्रकट किया है। 

स्वास्थ्य विभाग को मिले 345 चिकित्साधिकारी

-मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा, कोविड महामारी से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह तत्पर

देहरादून। कोविड महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच स्वास्थ्य विभाग को 345 नए चिकित्साधिकारी मिले हैं। जल्द ही इन चिकित्सकों की तैनाती कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोविड के बीच इन चिकित्सकों के मिलने से राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं और भी सुदृढ़ होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार विस्तार प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन चिकित्सकों के आने से कोविड महामारी से निपटने में सरकार को मदद मिलेगी।

*ई संजीवनी वर्चुअल ओपीडी के पहले दिन 1295 मरीज़ों ने लिया घर बैठे चिकित्सा परामर्श*

*प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के मरीज़ों को मिला निशुल्क चिकित्सा परामर्श*

देहरादून/ उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गई ईसंजीवनी वर्चुअल ओपीडी के पहले दिन राज्य दूरस्थ क्षेत्रों के साथ ही प्रदेशभर से कुल 1295 मरीजों ने इस सेवा का लाभ उठाया. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देशों पर उत्तराखंड सरकार द्वारा टेलीमेडिसिन सेवा के साथ वर्चुअल ओपीडी की गुरुवार से ही शुरुआत शुरुआत की गई है. जो लोग किसी वजह से अस्पताल नहीं जा पा रहे उनके लिए ये सेवा बहुत उपयोगी है. इससे कोविड और नॉन कोविड दोनो प्रकार के मरीज़ों को लाभ होगा.

*सचिव अमित नेगी ने बताया कि ईसंजीवनी टेलीमेडिसिन वर्चुअल ओपीडी के पहले दिन सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक निशुल्क चिकित्सा परामर्श दिया गया, जिसमें 104 टोल फ्री नंबर के जरिए 347, ई संजीवनी टेलीमेडिसिन के जरिए 405, व्हाट्सएप वॉयस कॉल के जरिए 192, व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए 27 जबकि व्हाट्सएप चैट के जरिए 324 मरीजों को निशुल्क चिकित्सा परामर्श दिया गया. पूरे प्रदेश से 1295 लोगों ने इस सेवा का पहले दिन लाभ उठाया.* गौरतलब है कि राज्य सरकार की इस विशेष पहल का मकसद दूरस्थ इलाक़ों में रहने वाले लोगों की एक्स्पर्ट डॉक्टर्स के जरिए चिकित्सीय परामर्श देना है. प्रदेश सरकार की इस वर्चुअल ओपीडी का लाभ व्हाट्सएप वीडियो कॉल एवं टोल फ्री हेल्पलाइन के जरिए लिया जा सकता है. राज्य सरकार द्वारा इसके लिए 104 टोल फ्री नंबर जारी किया गया है. इसके साथ ही 9412080622 व्हाट्सएप नंबर के जरिए भी जनता सेवा का लाभ ले सकती हैं. इसके साथ ही www.esanjeevaniopd.in/register
के माध्यम से भी इस सेवा का लाभ लिया जा सकता है.
वर्चुअल ओपीडी रोजाना सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक जारी रहेगी. ईसंजीवनी वर्चुअल ओपीडी के जरिए ह्रदय रोग विशेषज्ञ, ईएनटी विशेषज्ञ, नेत्र विशेषज्ञ, प्रसूति रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ के अलावा फिजीशियन का चिकित्सकीय परामर्श लिया जा सकेगा.

उत्तराखंड ने देश को बहुत विभूतियाँ दी है जो दुनियां भर में प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं लेकिन कुछ लोग आज भी बाहर तरक्की करने के बाद अपने प्रदेश में रहकर पहाड़ के लिए दिन रात समर्पित हैं, इस कड़ी में हैं एक युवा डॉक्टर, डॉ.प्रियंक उनियाल, जो की उत्तरखंड के पहले सुपर स्पेशलिस्ट स्पाइन सर्जन हैं।

इनका पहाड़ों और उत्तरकाशी से बहुत पुराना नाता और बेहद प्रेम रहा है। इनका जन्म उत्तरकाशी में बाड़ाहाट में हुआ था और पूरी शुरुवाती शिक्षा टिहरी में हुई। डॉ उनियाल की माँ उत्तरकाशी के महिमानंद कुड़ियाल परिवार से हैं।

कुड़ियाल परिवार ने उत्तराखंड को सुप्रसिद्ध डॉ.महेश कुड़ियाल दिये हैं जो की उत्तरखंड में पहले न्यूरो सर्जन थे और डॉ.शिवा कुड़ियाल जो की उत्तरकाशी में वरिष्ठ रेडियोलाजिस्ट के रूप मे विगत कई वर्षों से अच्छी सेवाएं दे रहे है उस वक़्त जब पहाड़ में कोई डॉक्टर आने को तैयार नहीं हैं।

डॉ उनियाल ने स्पाइन सर्जरी की डिग्री कोरिया के विश्व के सर्वश्रेष्ट और एक लेजेंड माने जाने वाले डॉ गन चोईi के मार्गदर्शन में की थी। डॉ चोई ने डॉ.प्रियंक को सुपरस्पेशलिटी डिग्री करने के पश्चात विदाई में आशीर्वाद और स्नेह स्वरुप अपने बेशकीमती पर्सनल ऑपेरशन करने के उपकरण और औज़ार का पूरा सेट भेंट किया था।

कोरिया से डॉक्टरी की फाइनल पढाई पूर्ण करने के बाद वह अपने अन्य डॉक्टर सहपाठियों के तरह अमेरिका अदि न जाकर वापस भारत /उत्तराखंड आये।

मैक्स में ऊंचे पद पर कार्यकर्त डॉ उनियाल
पूर्व में AIIMS ऋषिकेश, Hindu Rao हॉस्पिटल , नई दिल्ली, मल्ल्या हॉस्पिटल, बैंगलोर अदि में सेवाएं दे चुके हैं|

अभी तक डॉ.प्रियंक कई लोगो की मदद कर चुके। वह हमेशा सस्ते इलाज के पक्षधर रहे हैं और उनकी पैसे कमाने की होड़ की बजाय अच्छे कार्य और सेवा को प्राथमिकता देना बहुत प्रभावित करता है। समय समय पर उन्होंने गांव में मेडिकल कैम्प्स भी लगाए हैं। वह उन डॉक्टर के लिए मिसाल हैं जो पहाड़ पर नही जाना चाहते। प्रियंक लगातार अपने काम से समय निकालकर पहाड़ के लोगो के बीच समय बिता ते हैं और उन्हें स्वास्थ संबधी जानकारी देते रहते हैं।

डॉ प्रियंक उनियाल का बचपन संघर्षों से गुजरा।
आजसे लगभग 10 वर्ष पूर्व चम्बा और ऋषिकेश के बीच आगराखाल के पास एक बेहद दर्दनाक बस हादसा हुआ था जिसमे 35 लोगों की जान गई थी | इसी एक्सीडेंट में प्रियंक के पिता डॉ.राजेन्द्र प्रसाद उनियाल भी अपनी पत्नी और माता पिता के साथ सफर कर रहे थे । इस एक्सीडेंट में डॉ.उनियाल का अपने माता पिता सहित देहांत हुआ। पत्नी की जान किसी तरह चमत्कारिक रूप से बच गई। मगर उनको सिर में गहरी गंभीर चोट के साथ रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर साथ में पति/ माता पिता की मौत का जबरदस्त सदमा। एक वर्ष बिस्तर पर बिता कर उन्होने मौत से लड़कर किसी जीत पाई क्यों की अभी उनके ऊपर 3 बच्चों की पूरी जिम्मेदारी थी।

परिवार बुरी तरह टूट और बिखर गया। आगे डॉक्टरी की पढाई जारी रखने के लिए बेहद सीमित संसाधन थे । प्रियक के चाचा जी ने पूरे परिवार का साथ दिया और सबको सम्भाला । ऐसाएकजुट संयुत परिवार और संस्कार आज एक मिसाल है।

डॉ.प्रियंक की पत्नी डॉ.कृति कुमाऊं से हैं और एक वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ है और देहरादून के प्रतिष्टित कैलाश हॉस्पिटल में कार्यरत है। दोनों डॉक्टर पति पत्नी एक सुपरस्पेशलिटी डॉक्टर होने के साथ साथ एक बहुत अच्छे सरल इंसान और समाजसेवी भी हैं ।

इतनी कम उम्र में डॉ.प्रियंक आज चिकित्सा जगत में काफी प्रख्यात हो चुके हैं। उन्हें दूसरे प्रदेशों और विदेश में गेस्ट फैकल्टी के रूप में आमंत्रित किया जाता है। उनका कहना है कि पहाड़ों के प्रति एक बड़ा ऋण है, मेडिकल सुविधा की एक बेहद कमी यहाँ के एक बड़े दुःख पलायन का कारण है। उनका मानना है कि वह डॉक्टर के रूप में कल के दिन पहाड़ों के लिए कुछ बड़ा कर पाते है तो यही उसकी अपने स्वर्गीय पिता के लिए सबसे बड़ी श्रद्दांजलि होगी