केन्द्रीय बजट से पहले एक्शन में आये त्रिवेन्द्र सिंह रावत

हरीश मैखुरी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत केन्द्रीय बजट से पहले एक्शन में आये और अपने मंत्रियों के साथ दिल्ली दरबार में सही समय पर सही जगह निशाना लगाया। इससे वित्तीय संकट से दो चार हो रहे उत्तराखंड को केन्द्रीय मदद की उम्मीद बढ़ गई  है । मुख्यमंत्री ने दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ प्री-बजट बैठक में राज्य से सम्बंधित महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की। उनके  के सामने हिमालयी राज्यों को पर्यावरणीय सेवा में योगदान देने के लिये ग्रीन बोनस दिए जाने का प्रस्ताव रखा। इसके अलावा पर्यटन उद्योग, हॉस्पिटैलिटी, चार धाम ऑल वेदर रोड पर भी चर्चा की। इस दौरान काबीना मंत्री पकाश पंत उनके साथ रहे । प्रकाश पंत ने कहा कि उन्होंने आगामी बजट में राज्य के लिए 7 हजार करोड़ रुपये मांगे हैं। 

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल  से  मुलाकात की। इस दौरान आम बजट में रेलवे सेक्टर से उत्तराखंड की जरूरतों के बारे में उन्हें अवगत कराया। जुलाई तक ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो जाएगा। देवबंद-रूड़की प्रोजेक्ट हेतु 9 गांवों का भूमि अधिग्रहण फाइनल स्टेज में है।  उत्तराखण्ड सरकार ने इसके लिए 220 करोड़ रूपए जारी किए हैं। उन्होंने रेल मंत्री  से राज्य हित में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व एवं गंगा दर्शन विशेष रेल सेवा संचालित करने और दून रेलवे स्टेशन को हर्रावाला से संचालित किए जाने का अनुरोध किया ।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर  से भी मुलाकात की। इस दौरान प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा व उच्च शिक्षा के मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। इस मुलाकात में  विद्यालयी शिक्षा मंत्री श्री अरविंद पांडेय व उच्च शिक्षा मंत्री श्री डाॅ धनसिंह रावत भी साथ रहे
समझा जा रहा है कि इन मुलाकातों का लाभ निश्चित रूप से आगामी बजट में उत्तराखण्ड को मिल सकता है और तनख्वाह देने के लिए भी कर्ज के सहारे चल रहे उत्तराखंड को राहत मिलेगी।