आज का पंचाग आपका राशि फल, भारत यदि गरीबों और सपेरों का देश था तो लुटेरे मुगल आक्रांता और अंग्रेज लुटेरे यहां क्यों आये अपने ही संपन्न देशों में रहते

।। 🕉 ।।  🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩

📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜

कलियुगाब्द…………………….5126

विक्रम संवत्……………………2081

शक संवत्………………………1946

मास……………………………आषाढ़

पक्ष………………………………शुक्ल

तिथी……………………………अष्टमी

संध्या 05.23 पर्यंत पश्चात नवमी

रवि………………………..दक्षिणायन

सूर्योदय (इंदौर)..प्रातः 05.50.05 पर

सूर्यास्त…………संध्या 07.15.00 पर

सूर्य राशि……………………….मिथुन

चन्द्र राशि……………………….कन्या

गुरु राशि………………………..वृषभ

नक्षत्र…………………………….चित्रा

रात्रि 09.58 पर्यंत पश्चात स्वाति

योग………………………………शिव

प्रातः 06.07 पर्यंत पश्चात सिद्ध

करण……………………………..बव

संध्या 05.23 पर्यंत पश्चात बालव

ऋतु…………………….(शचि) ग्रीष्म

दिन…………………………..रविवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*

14 जुलाई सन 2024 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक…………………….5

🔯 शुभ रंग…………………….नीला

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*दोप 12.05 से 12.59 तक ।

👁‍🗨*राहुकाल :-*संध्या 05.31 से 07.10 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*

*मिथुन*03:49:21 06:02:48

*कर्क*06:02:48 08:19:14

*सिंह*08:19:14 10:31:02

*कन्या*10:31:02 12:41:42

*तुला*12:41:42 14:56:20

*वृश्चिक*14:56:20 17:12:30

*धनु*17:12:30 19:18:06

*मकर*19:18:06 21:05:13

*कुम्भ*21:05:13 22:38:46

*मीन*22:38:46 24:09:58

*मेष*24:09:58 25:50:42

*वृषभ*25:50:42 27:49:21

🚦 *दिशाशूल :-*

पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया :-*

प्रात: 07.33 से 09.12 तक चंचल

प्रात: 09.12 से 10.52 तक लाभ

प्रात: 10.52 से 12.31 तक अमृत

दोप. 02.11 से 03.50 तक शुभ

सायं 07.09 से 08.30 तक शुभ

संध्या 08.30 से 09.50 तक अमृत

रात्रि 09.50 से 11.11 तक चंचल ।

💮 *आज का मंत्रः*

॥ ॐ आदित्याय नम: ॥

 *संस्कृत सुभाषितानि :-*

*श्रीमद्भगवतगीता (सप्तमोऽध्यायः – ज्ञानविज्ञानयोग:) -*

कामैस्तैस्तैर्हृतज्ञानाः प्रपद्यन्तेऽन्यदेवताः ।

तं तं नियममास्थाय प्रकृत्या नियताः स्वया ॥७- २०॥अर्थात :

उन-उन भोगों की कामना द्वारा जिनका ज्ञान हरा जा चुका है, वे लोग अपने स्वभाव से प्रेरित होकर उस-उस नियम को धारण करके अन्य देवताओं को भजते हैं अर्थात पूजते हैं॥20॥

🍃 *आरोग्यं सलाह :-*

* बालों का झड़ना रोकने के घरेलू उपाय : -*

*1. गुड़हल का तेल -*

गुड़हल के तेल में विटामिन सी, विटामिन ए और मिनरल्स होते हैं, इसलिए माना जाता है कि इससे बालों को झड़ना कम होने के साथ-साथ वह काले और घने भी बनते हैं। शायद आपको पता नहीं कि बाल के उगने और झड़ने तक उसको तीन चरणों से गुजरना पड़ता है। जब बालों का विकास शुरू होता है यानि प्रथम चरण को एनाजेन , दूसरे चरण यानि विकास के दौरान के समय को कैटाजेन और आखिरी चरण यानि टेलोजेन कहते हैं। गुड़हल इन तीनों चरणों में कार्यकारी होता है।

*बनाने की विधि -*

– गुड़हल की पत्तियां या फूल लें।

– नारियल या तिल के तेल में 5 से 10 मिनट तक उबालें।

– उबालते समय ध्यान रखें कि पत्तियां या फूल जलने ना पाएं।

– ठंडा होने पर छानकर इसे एक जार रख लें।

– फिर इस तेल को आप बालों में हफ्ते में तीन से चार बार लगायें।

*उपयोग करने की विधि-*

गुड़हल के तेल को ठंडा करने के बाद बालों की जड़ों में उंगलियों से हल्के से मालिश करें। रात को लगाने के बाद सुबह पानी से या हर्बल शैंपू से धो लें।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*

*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*

रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्‍थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवेक से कार्य करें। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*

*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*

रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। कारोबारी वृद्धि की योजना बनेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। समय की अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से कोई भी कार्य न करें। विवाद में न पड़ें। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। मनोरंजन का समय मिलेगा।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*

*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। काम में मन नहीं लगेगा। बाहर जाने की योजना बनेगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार के साथ समय मनोरंजन में व्यतीत होगा। आय होगी। व्यापार ठीक चलेगा। बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*

*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*

उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। मित्रों की सहायता करने का मौका मिलेगा। समय अच्छा व्यतीत होगा। प्रसन्नता रहेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है। खान-पान पर ध्यान दें। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*

*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*

उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। आत्मसम्मान बनेगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। नए मित्र बनेंगे। कोई बड़ा कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। कुसंगति से दूर रहें। हानि संभव है। विवाद को बढ़ावा न दें। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें।

👩‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*

*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*

नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति पर व्यय होगा। व्यापार लाभदायक रहेगा। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के काम में दखल न दें। मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। जल्दबाजी न करें। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*

*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*

व्यापार ठीक चलेगा। यात्रा में विशेष सावधानी रखें। किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। किसी मनोरंजक कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। तनाव रहेगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*

*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*

यात्रा मनोरंजक रहेगी। सामाजिक कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। व्यापार ठीक चलेगा। परिवार के साथ समय सुखमय व्यतीत होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। दूर से अच्‍छे समाचार प्राप्त होंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है, प्रयास करें।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*

*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*

योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। मित्रों के साथ समय मनोरंजक बीतेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। समय अनुकूल है। कोई आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से खिन्नता रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*

*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*

लाभ के अवसर हाथ आएंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मनोरंजन के साधन प्राप्त होंगे। तीर्थदर्शन की योजना बनेगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। परिवार के साथ रहने का अवसर प्राप्त होगा। लाभ होगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*

*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*

हल्की हंसी-मजाक न करें। विवाद हो सकता है। किसी व्यक्ति की नाराजी से मन खराब होगा। मित्रों तथा रिश्तेदारों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। मनोरंजन होगा। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। जल्दबाजी व लापरवाही भारी पड़ सकती है। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा।

🐟 *राशि फलादेश मीन :-*

*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*

किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मित्रों का सहयोग व साथ मिलेगा। भाइयों से मतभेद दूर होंगे। व्यापार ठीक चलेगा। समय सुखमय व्यतीत होगा। बुद्धि का प्रयोग किसी भी समस्या का निवारण कर सकता है, यह याद रखें।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

*जय श्री राम**जय श्री कृष्ण*

*🏵️ मेरे “दोस्त”, अब “थकने” लगे हैं, किसी का “पेट” निकल आया है, किसी के “बाल” “पक” गए हैं, किसी के “बाल” “गिर” गए है, किसी पर भारी “जिम्मेदारी” है, सबको छोटी मोटी कुछ ना कुछ “बीमारी” हैं, किसी को “लोन” की ईएमआई की फिक्र है, किसी को “बच्चों” की शादी की चिन्ता है, किसी को “हेल्थ” चेक अप की फिक्र हैं, किसी को “अंबानी” से आगे निकलने की चिन्ता है, पहले दिनभर “दौड़ते” भागते थे, अब वो “हांफने” लगे हैं, पहले फुरसत का “समय” निकाल लेते थे,अब किसी को “समय” नहीं हैं, पहले घंटों साथ बैठकर “गपसप” करते थे, अब तो “मरने” की भी फुरसत नहीं है, कुछ भी होता था फिर भी “घूमने” के लिए समय निकाल लेते थे, अब तो एक “कॉल” करने का समय नहीं है, कुछ भी कहो दोस्तों, पर ये सच है कि अब मेरे “दोस्त” “थकने” लगे हैं, ये भी सच हैं, दोस्तों, ये “जीवन” है, ये ऐसे ही “चलता” रहेगा, इसकी “ज्यादा” चिन्ता मत करो,यहां सब कुछ चलता रहेगा ।।,*

*🏵️राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।* *सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने॥*

*🏵️सुप्रभात, आपका जीवन मंगलमय हो*

*अशोक परमार*

भारत के सैक्युलर और बामपंथी कहानीकारों ने इतिहास के नाम पर जिस कुटिलता से पाठ्यक्रम में आगरे का #तेजोमहालय और दिल्ली का #लालकोट लुटेरे म्लेच्छ आक्रांताओं के नाम चेंपा है। क्या वे बता सकते हैं कि यदि भारत में इन लुटेरे आक्रांताओं ने महल और किले बनाये तो उनके अपने उन भिखारी देशों में क्यों नहीं किले बनाये जहां उस काल में झोपड़ियां तक नहीं थी वहां तो वे उस काल में केवल कच्चा मांस चबाने वाले असंस्कारी असभ्य लुटेरे असुर ही थे। जिस काल में अखंड भारत में नालंदा विश्वविद्यालय तक्षशिला विश्वविद्यालय शारदा विश्वविद्यालय विक्रम शिला विश्वविद्यालय आदि सौ विश्वविद्यालय और आठ लाख गुरूकुल थे। भारत में सोने-चांदी से लकदक मंदिर थे। शतप्रतिशत लोग शिक्षित विद्वान थे। घी दूध की नदियाँ बहती थी। न भुखमरी थी न बेरोजगारी। इसी समृद्धि को लूटने ही तो बारहवीं सदी में इस्लामी आक्रांता और सोलहवीं शदी में डच और अंग्रेज लुटेरे आये। इतिहास की इन्हीं फर्जी पुस्तकों में पढाया जाता है कि भारत एक गरीब था सपेरों का देश था।यदि ऐसा था तो लुटेरे मुगल आक्रांता और अंग्रेज लुटेरे यहां दया धर्म करने आये! अपने संपन्न देशों में रहते ना। स्पष्ट है कि वे यहां के सोना चांदी और कृषि उपज पर डाका डालने आये