आज का पंचाग, आपका राशि फल, जाने भगवान राम अपने 14 वर्षों के वनवास के वर्षों में कहां कहां रहे व उन स्थानों पर क्या क्या घटनायें हुयीं

🕉 श्रीभारद्वाज ज्योतिष पञ्चांग श्रीहरि 🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शनिवार, १४ अगस्त २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:५३
सूर्यास्त: 🌅 ०६:५७
चन्द्रोदय: 🌝 ११:१७
चन्द्रास्त: 🌜२२:४७
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🌦️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (राक्षस)
मास 👉 श्रावण
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 षष्ठी (११:५० तक)
नक्षत्र 👉 चित्रा (०६:५६ तक)
योग 👉 शुभ (११:१३ तक)
प्रथम करण 👉 तैतिल (११:५० तक)
द्वितीय करण 👉 गर (२२:५२ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कर्क
चंद्र 🌟 तुला
मंगल 🌟 सिंह (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 सिंह (उदित, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 कन्या (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५५ से १२:४८ अमृत काल 👉 २१:२३ से २२:५४
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०६:५६ से २९:४४
रवियोग 👉 ०५:४३ से ०६:५६
विजय मुहूर्त 👉 १४:३४ से १५:२७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:४६ से १९:१०
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०० से २४:४३
राहुकाल 👉 ०९:०२ से १०:४२
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १४:०१ से १५:४०
होमाहुति 👉 बुध – ०६:५६ तक
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पाताल – ११:५० पृथ्वी
चन्द्रवास 👉 पश्चिम
शिववास 👉 नन्दी पर – ११:५० भोजन में
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पश्चिम-दक्षिण (वाय विन्डिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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वर्ण षष्ठी, बुध पश्चिम में उदित २३:१२ से,
विवाहदी मुहूर्त (पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, कश्मीर) आदि प्रदेशो के लिये गौधुली सायं ०७:०० से ०८:३९ तक, नीवखुदाई एवं गृहारम्भ+ गृहप्रवेश+ व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०७:३७ से ०९:१५ तक, वाहनादि क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:३१ से सायं ०५:२६ तक, देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०७:३७ से ०९:१५ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ०६:५६ तक जन्मे शिशुओ का नाम
चित्रा नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (री) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम स्वाति नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (रू, रे, रो, ता) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रज पञ्चक – ०५:४३ से ०५:५९
शुभ मुहूर्त – ०५:५९ से ०६:५६
चोर पञ्चक – ०६:५६ से ०८:१८
शुभ मुहूर्त – ०८:१८ से १०:३६
रोग पञ्चक – १०:३६ से ११:५०
शुभ मुहूर्त – ११:५० से १२:५७
मृत्यु पञ्चक – १२:५७ से १५:१६
अग्नि पञ्चक – १५:१६ से १७:२०
शुभ मुहूर्त – १७:२० से १९:०१
रज पञ्चक – १९:०१ से २०:२७
शुभ मुहूर्त – २०:२७ से २१:५०
शुभ मुहूर्त – २१:५० से २३:२४
रज पञ्चक – २३:२४ से २५:१९
शुभ मुहूर्त – २५:१९ से २७:३४
चोर पञ्चक – २७:३४ से २९:४४
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उदय-लग्न मुहूर्त
कर्क – २७:३८ से ०५:५९
सिंह – ०५:५९ से ०८:१८
कन्या – ०८:१८ से १०:३६
तुला – १०:३६ से १२:५७
वृश्चिक – १२:५७ से १५:१६
धनु – १५:१६ से १७:२०
मकर – १७:२० से १९:०१
कुम्भ – १९:०१ से २०:२७
मीन – २०:२७ से २१:५०
मेष – २१:५० से २३:२४
वृषभ – २३:२४ से २५:१९
मिथुन – २५:१९ से २७:३४
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन कई मांगलिक प्रसंग बनने से मन शांत रहेगा। घर में अथवा धार्मिक क्षेत्र की पूजा पाठ में सम्मिलित होने के अवसर मिलेंगे। परिवार की महिलाएं एवं बुजुर्ग आपको अधिक स्नेह देंगे। कार्य व्यवसाय से आज अपेक्षा के अनुसार लाभ नहीं मिल सकेगा फिर भी आवश्यक कार्य निर्विघ्न पूर्ण होंगे। उधारी का धन फंसने से नई परेशानी बढ़ेगी परन्तु धन को लेकर आज किसी से बहस ना करें डूबने की भी सम्भावना है। मध्यान के बाद का समय यात्रा पर्यटन में बितायेंगे घर में भी उत्तम भोजन का सुख मिलेगा। सुख के साधनों में वृद्धि होगी। दिखावे पर खर्च भी अधिक रहेंगे। स्त्री सुख मिलेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप किसी के बनते काम में अकारण ही टांग अडायेंगे जिससे घर एवं बाहर के लोग नाराज रहेंगे। लोग आपसे स्वार्थ वश सामने से ही मीठा व्यवहार करेंगे परन्तु पीठ पीछे बुराई करेंगे लेकिन इन सब बातों को आप जानकार भी बेफिक्र दिनचर्या बितायेंगे। परोपकार की भावना भी अधिक रहेगी जरूरतमंदों की सहायता अपने काम छोड़ कर भी करेंगे फिर भी बिना मांगे किसी की सहायता ना करें। आर्थिक स्थिति सामान्य ही रहेगी लेकिन खर्च राजसी रहने से शीघ्र ही धन की कमी अनुभव करेंगे। प्रेम-प्रसंगों में निकटता थोड़ी देर ही टिक पाएगी। यात्रा पर्यटन के योग है। संध्या से स्थिति विकट हो जाएगी सतर्क रहें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आप संबंधों को लेकर ज्यादा गंभीर रहेंगे जिससे कुछ दिनों से चल रही पारिवारिक खटास में कमी आएगी। परंतु व्यवसाय को लेकर आज भी दुविधा में रहेंगे नौकरी पेशा जातक कार्य क्षेत्र में परिवर्तन की योजना बना सकते है भविष्य के लिये लाभदायक रहेगा। व्यवसायी वर्ग भी आज कुछ ना कुछ नई उधेड़-बुन में लगे रहेंगे लेकिन किसी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुँच सकेंगे। धन लाभ प्रयास करने पर अवश्य होगा परन्तु खर्च भी बराबर लगे रहने से बचत सम्भव नहीं रहेगी। आज रिश्तेदारी में जाएँ तो पुराने व्यवहारों को त्याग कर ही जाये अन्यथा आनंद के क्षण ख़राब बनेंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन भी बेवजह की गरमा-गरमी होने से अशान्त रहेगा। प्रातः काल से ही मन भारी-भारी रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आज भी परिश्रम का उपयुक्त फल नहीं मिलेगा आर्थिक स्थिति गड़बड़ाने से उधार लेने की नौबत आ सकती है। व्यवसाय में स्वयं के निर्णय गलत साबित होंगे अभिमान त्याग किसी अनुभवी की सलाह अवश्य लें शीघ्र ही कोई रास्ता मिलेगा। मध्यान्ह के बाद वाहन चलाने में सतर्कता बरते किसी अन्य की गलती से आपका नुकसान हो सकता है। संध्या के आसपास धन की आमद होने से कुछ राहत मिलेगी। आज आर्थिक जोखिम ना लें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आप कार्यो से समय निकाल मन्त्र-टोटको पर प्रयोग करेंगे जिसमे कोई सफलता ना मिलने से समय एवं धन दोनों व्यर्थ होने की संभावना अधिक रहेगी। सामाजिक व्यवहारिकता आज कई क्षेत्रों पर काम आएगी इसलिए जिद्दी व्यवहार को बीच में ना आने दें। व्यवसाय में आकस्मिक वृद्धि होगी परन्तु धन की प्राप्ति के लिए इन्तजार करना पड़ सकता है। नए कार्यो की रूपरेखा अवश्य बना सकते है पर आज आरम्भ नाही करें तो बेहतर रहेगा। परिजनों की आवश्यकता की अनदेखी अशांति खड़ी करेगी विशेष कर महिलाये आपसे ज्यादा असंतुष्ट रहेगी। सन्तानो के कारण खर्च करना पड़ेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन मंगलदायक रहेगा। धर्म-कर्म में रूचि रहेगी धार्मिक यात्रा अथवा दान-पुण्य के अवसर मिलेंगे परन्तु व्यावसायिक क्षेत्र पर विलम्ब के कारण अनुबंध हाथ से निकल सकता है इसको ज्यादा महत्त्व भी नहीं देंगे। आज आलस्य एवं कार्य के प्रति उत्साह की कमी भी रहेगी फिर भी घरेलु कार्य की भरमार रहेगी इनमे से भी कुछ अधूरे रह सकते है। सामाजिक क्षेत्र पर उन्नति करेंगे नए लाभ के सम्बन्ध बनाने की कोशिश सफल रहेगी। पारिवारिक वातावरण गरिमामय रहेगा लोग आपके पारिवारिक आचरण की मिसाल देंगे। मौज-शौक पर खर्च करेंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आप निश्चिन्त होकर प्रत्येक कार्य करेंगे आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर बनेगी जिससे आज हानि लाभ का कोई विशेष प्रभाव दिनचर्या पर नहीं रहेगा। आराम का जीवन जीना प्राथमिकता रहेगी। मानसिक रूप से भी अधिक स्वतंत्र अनुभव करेंगे किसी के दबाव में अथवा अधीन कार्य करना आपको पसंद होगा चाहे नुक्सान ही क्यों ना हो। मन चंचल रहने के कारण एक साथ कई विचार मन को दिग्भ्रमित रखेंगे। धन लाभ आज बहुत मुश्किल से ही हो पायेगा। घर में सुख के साधन बढ़ेंगे इन पर खर्च भी लगा रहेगा। व्यापार ने निवेश अथवा उधार के व्यवहार कम ही रखें।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप सभी कार्यो में लापरवाही करेंगे अथवा जल्दबाजी में करने का प्रयास करेंगे जिसमें हानि निश्चित रहेगी। कार्य क्षेत्र पर कुछ ना कुछ बदलाव लाने का प्रयास करेंगे परन्तु इससे आपकी पुरानी पहचान खराब हो सकती है जो की निकट भविष्य में आर्थिक मंदी का कारण बनेगी। अकारण क्रोध आने से प्रेम सम्बन्धो में खटास आएगी इसलिए मौन रहने का प्रयास करें। आध्यत्म के प्रति आज एकमत नहीं रहेंगे मन भटकने के कारण शांति नहीं मिल सकेगी। दिन का कुछ समय कागजो की देखभाल में व्यतीत होगा किसी महत्त्वपूर्ण कागजात के गुम होने से दुविधा में रहेंगे। पारिवारिक वातावरण आपके व्यवहार पर केंद्रित रहेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपकी अपेक्षाओं के अनुसार रहेगा। सामाजिक एवं पारिवारिक क्षेत्र पर आज आप भाग्यशाली माने जाएंगे। आपके अधिकांश कार्य सरलता से बनते चले जाएंगे। जायदाद सम्बंधित कार्यो को आज करना शुभ रहेगा। सरकार की तरफ से निराशा जनक समाचार मिल सकता है। विदेश सम्बंधित कार्यो में आज सफलता सुनिश्चित रहेगी। धार्मिक क्षेत्र पर योगदान के लिए सम्मानित किए जाएंगे। परिवार में भी आज आपको विशेष स्नेह एव सुविधा मिलेगी परन्तु महिलाये ईर्ष्यालु भाव के कारण दुखी रहेंगी। स्वास्थ्य बीच में नरम रहेगा। धन लाभ में थोड़ा विलम्ब हो सकता है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन व्यवसायियो के लिए उत्तम रहेगा अधूरे कार्य पूर्ण होने से धन की आमद होगी नए अनुबंध भी मिल सकते है जिससे भविष्य की योजनाएं बलवती बनेंगी। परन्तु आज सरकारी नौकरी पेशा जातक किसी कार्य को लेकर दिन भर दुविधा की स्थिति में रह सकते है अधिकारियो के सहयोग से दुविधा से मुक्ति मिलेगी परन्तु विलम्ब से। पारिवारिक जन आज बेवजह जिद पर अड़ेंगे जिससे असुविधा महसूस करेंगे परन्तु बाद में यही आनंद का कारण बनेगी। पड़ोसियों से मेलजोल बढेगा। मध्यान का समय अधिकतर आलस्य के कारण आराम में बीतेगा। सुख शांति बनी रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपकी आध्यात्मिक रूचि बढ़ेगी सत्संग प्रवचनों का लाभ लेंगे इसके लिए यात्रा एवं खर्च भी अधिक रहेगा परन्तु मन कही और भटकने के कारण मानसिक रूप से संतुष्ट नहीं हो पाएंगे। व्यवसाय में अधिक ध्यान नहीं देने के कारण अल्प लाभ से संतोष करना पड़ेगा नौकरों की मांग पूरी ना होने पर स्थिति गंभीर बन सकती है अव्यवस्था बढ़ेगी। आज आप खुद में अधिक मगन रहेंगे जिसका व्यवहारिकता पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। दिखावे की मानसिकता अथवा अपने को आगे रखने रखने की सोच भी दुःख का कारण बनेगी। परिजनों का व्यवहार शंकालु रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज दिन भर असंयमित दिनचर्या के कारण शारीरिक रूप से शिथिलता रहेगी। प्रत्येक कार्य में पहले लापरवाही दिखाएंगे परन्तु बाद में उसी कार्य में सीमा पार कर लीन हो जाएंगे ऐसी मानसिकता दिन भर देखने को मिलेगी। ध्यान योग का अभ्यास करना आज शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि से अत्यन्त लाभदायक रह सकता है। आर्थिक रूप से दिन उलझनों वाला रहेगा आय की अपेक्षा खर्च अधिक रहेंगे संतुलन बनाना मुश्किल रहेगा। महिलाओं की भी आज जमा पूंजी खर्च हो सकती है। स्वयं एवं परिजनों की सेहत का विशेष ख्याल रखें। बुजुर्गो से 🙏🐚🕉️🚩🚩🕉️🐚🙏🐚. जय राम जी 🙏 गया जी 🙏 बिहार 🙏 पंडितजी राकेश उपायधेया 🙏 9199904819 9304149795 🙏

क्या आप जानते हैं कि राम जी अपने 14 वर्षों के वनवास के दौरान कहां कहां रहे व उन स्थानों पर क्या क्या घटनायें हुयीं?
कुल पड़ाव इस प्रकार हैं
प्रयाग,चित्रकूट,सतना,रामटेक,पंचवटी,भंडारदारा,तुलजापुर,सुरेबान,कर्दीगुड,कोप्पल,हम्पी,तिरूचरापल्ली,कोडिक्करल,रामनाथपुरम,रामेश्वरम् (भारत)
तीन स्थान वास्गामुवा,दुनुविला एवम् वन्थेरूमुलई ये श्रीलंका में हैं।
नुवारा एलिया एक वो स्थान है जहां से होकर प्रभु श्री राम जी लंका के लिये गुजरे थे।

पहला पड़ाव था सिंगरौर जो कि प्रयाग राज से 35 किमी का दूरी पर है यहीं पर केवट प्रसंग हुआ था यह नगर गंगा घाटी के तट पर स्थित है यहीं पर श्री राम जी ने मां सीता के साथ गंगा मां की वन्दना की थी।

यात्रा का दूसरा पड़ाव था कुरई जहां प्रभु सिंगरौर से गंगा पार करने के पश्चात् उतरे थे यहां
प्रभु ने लक्ष्मण जी एवम् मां सीता के साथ विश्राम किया था।

तीसरा स्थान है प्रयाग जिसको किसी कालखंड में इलाहाबाद कहा जाता था तीर्थों के राजा प्रयागराज को ही माना जाता है क्योॆकि यहां वैतरिणी मां गंगा एवम् गंगा नदी की मुख्य सहायक नदी यमुना जी का मां सरस्वती के साथ संगम होता है।

चित्रकूट प्रभू का चौथा पड़ाव है भ्रातभक्ति का अद्भुत ही संयोग देखने को मिलता है इस जगह पर जब भरत प्रभु को मनाने के लिये जाते हैं लेकिन पितृवचनों से बंधे प्रभु पिता के देहान्त के बावजूद अयोध्या जाने से मना कर देते हैं फलस्वरूप भरत को प्रभु जी की चरण पादुका लेकर जाना पड़ता है।

यात्रा का अगला पड़ाव सतना बनता है जो कि वर्तमान में मध्यप्रदेश मे है, यहां प्रभु ने राक्षसों का वध किया प्रभु यहां अत्रि मुनि के आश्रम में रहे थे।

यात्रा का अगला एवम् सबसे लम्बा पड़ाव दंडकारण्य था जो कि वर्तमान में छत्तीसगढ में है यहां प्रभु दस वर्षों तक रहे थे

यात्रा का अगला पड़ाव था पंचवटी पंच अर्थात् पांच वट अर्थात् वृक्ष ये स्थान नासिक में गोदावरी के तट पर है ऐसा माना जाता है कि इन वृक्षों को प्रभु ने सीता मां ने व लक्ष्मण जी ने अपने हाथों से लगाया था यहीं पर शूपर्णखा प्रसंग हुआ था।

यात्रा का अगला पड़ाव था सर्वतीर्थ जो कि नासिक से 56 किमी दूर है यहीं पर मां सीता के स्वरूप का हरण हुआ था व यहीं पर प्रभु श्री राम ने जटायु जी का अंतिम संस्कार किया था।
इसी तीर्थ पर लक्ष्मणरेखा खींची गयी थी।

सर्वतीर्थ के बाद मां सीता को खोजते खोजते प्रभु तुंगभद्रा एवम् कावेरी आदि नदियों के तटों पर स्थित स्थलों पर गये।

यात्रा का अगला पड़ाव था केरल का पम्पा नदी का तट जहां सालों से प्रभु प्रतीक्षारत मां शबरी की भेंट प्रभु से हुयी यहां से वो ऋष्यमूक पर्वत की ओर चले गये।

यात्रा का अगला पड़ाव था ऋष्यमूक पर्वत जहां प्रभू की भेॆट भक्तराज हनुमाम जी एवम् वानरसेना से हुयी यहीं पर प्रभु को मां सीता के आभूषण वानरराज सुग्रीव द्वारा दिखलाये गये यहीं पर भगवान ने पापी बाली का वध किया था।

यात्रा का अगला पड़ाव था कोडीकरई जहां प्रभु ने अपनी सेना को एकत्रित किया व ये जानकारी प्राप्त की कि यहां से समुद्र को पार करना सम्भव नहीं है अत: तब उन्होंने रामेश्वरम् की ओर प्रस्थान किया।

यात्रा का अगला पड़ाव था श्री रामेशवरम् जहां प्रभु ने लंका पर चढाई करने से पूर्व भगवान शिव की पूजा अर्चना कर उनका आशीष लिया व यहीं पर विश्वविख्यात प्रभु शिव का प्रभु द्वारा स्थापित शिवलिंग है।

यात्रा का अगला पड़ाव था धनुषकोडी ये वह स्थान था जहां से श्रीलंका की भारत से सबसे नजदीक दूरी थी यहीं पर प्रभु ने नल नील जैसे अभियन्ताओं की मदद से आज तक जीवित श्रीराम सेतु का निर्माण किया था। ऐसा माना जाता है कि धनुषकोडि ही मात्र भारत व श्रीलंका के बीच स्थलीय सीमा है।

यात्रा का अगला पड़ाव था नुवारा एलिया यहां पहाड़ियों से मध्य लंका की ऊंची पहाड़ियों के बीचों बीच तथा गुफाओं के भंवरजाल मिलते हैं यहीं से होकर प्रभु गुजरे थे।

यात्रा का आखिरी पड़ाव था लंका जहां पर प्रभु ने मां सीता के स्वरूप को पुन: प्राप्त कर रावण वध कर विभीषण को लंका का राजा बना कर उनका पथ प्रदर्शित किया था।

#जय_श्रीराम