आज का पंचाग, आपका राशि फल, सनातन संस्कृति की रक्षा करना प्रत्येक भारतीय का दायित्व, मंदिरों की छत शंक्वाकार क्यों बनाते हैं!, इन महान हस्ती का नाम था रानी राशमणि

 🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः सभी मित्र मंडली को आज का पंचांग एवं राशिफल भेजा जा रहा है इस का लाभ उठाएंगे✡️ *गुरु स्तुति*:– ✡️
*देवानां च ऋषिणां च,गुरूं कान्चन सन्निभम्*। *बुद्धिभूतं,त्रिलोकेशं,तं नमामि बृहस्पतिम्*।।
✡️हिन्दी ब्याख्या:–✡️
जो देवताओं और ऋषि यों के गुरु हैं कंचन के समान जिनकी प्रभा है जो बुद्धि के अखंड भंडार और तीनों लोकों के प्रभु हैं उन बृहस्पति देव को मैं प्रणाम करता हूं।
बृहस्पति गायत्री:–✡️
*अंगिरोजाताय विद्महे वाचस्पतये च धीमहि तन्नो गुरू: प्रचोदयात्*।।
यथाशक्ति जप के बाद पीपल युक्त पायस घी से दशांश हवन करना चाहिए।।
आपका अपना *पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री* ✡️
✡️दैनिक पंचांग✡️
✡️वीर विक्रमादित्य संवत् ✡️
✡️2078✡️
✡️आषाढ़ मासे✡️
✡️10 प्रविष्टे ✡️
दिनांक ✡️ :24 – 06 – 2021(गुरुवार)✡️
✡️सूर्योदय :05.46 पूर्वाह्न✡️
✡️सूर्यास्त :07.12 अपराह्न✡️
✡️सूर्य राशि :मिथुन✡️
✡️चन्द्रोदय :07.03 अपराह्न✡️
🙏🏽चंद्रास्त :05.56 पूर्वाह्न✡️
🙏🏽चन्द्र राशि :वृश्चिक कल✡️ 09:11 पूर्वाह्न तक, बाद में धनु✡️
✡️अमांत महीना :ज्येष्ठ 14✡️
✡️पूर्णिमांत महीना :ज्येष्ठ 29✡️
✡️पक्ष :शुक्ल पूर्णिमा✡️
✡️तिथि :चतुर्दशी 3.32 पूर्वाह्न तक, बाद में अमावस्या✡️
✡️नक्षत्र :ज्येष्ठा 9.11 पूर्वाह्न तक, बाद में मूल✡️
✡️योग :शुभ 6.06 पूर्वाह्न तक, बाद में शुक्ल✡️
✡️करण :विष्टि 1:50 अपराह्न तक, बाद में बव बालव✡️
✡️राहु काल :2.11 अपराह्न से – 3.51 अपराह्न तक✡️
✡️कुलिक काल :9.09 पूर्वाह्न से- 10.50 पूर्वाह्न तक✡️
✡️यमगण्ड :5.48 पूर्वाह्न से – 7.29 पूर्वाह्न तक✡️
✡️अभिजीत मुहूर्त :12.02 अपराह्न से – 12.56 अपराह्न तक✡️
✡️दुर्मुहूर्त :10:15 पूर्वाह्न से – 11:08 पूर्वाह्न तक, 03:37 अपराह्न से – 04:30 अपराह्न तक✡️
*मित्रों राहुकाल यमघंट काल एवं दूर मुहूर्त में यात्रा एवं शुभ कार्य आरंभ करने वर्जित है अभिजीत मुहूर्त एवं कुलिक काल में यात्रा एवं शुभ कार्य आरंभ करने शुभ होते हैं*
✍️ चक्रधर प्रसाद शास्त्री:
✡️आज के लिए राशिफल(24-06-2021) ✡️
✡️मेष✡️24-06-2021
आपका व्यक्तित्व आकर्षक रहेगा। मन भी मजबूत रहेगा। घर, जमीन-जायदाद से संबंधित कुछ बहुत अच्छे और नए अवसर आपको मिल सकते हैं। कार्यालय के कुछ अधूरे कार्य पूरे करने में आप प्रयत्न शील रहेंगे। आपके मन की शंका भी दूर हो सकती है। जो बदलाव हो रहे हैं, वह आपकी उन्नति के लिए भी आवश्यक है। परिवार और समाज के लोग आपके लिए अधिक सहयोगी हो सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️वृष ✡️✡️24-06-2021✡️
आज आपका दिन मिला-जुला रहेगा। ब्यापार के सिलसिले में आपको यात्रा करनी पड़ सकती है। किसी से बात करते समय आपको विनम्र स्वभाव रखें। इससे लोगों पर आपका प्रभाव पड़ेगा। अगर आप ठेकेदार हैं, तो आज आपको बहुत ही सोच-समझ कर निवेश करना चाहिए। किसी कार्ययोजना पर काम करने से पहले आपको पहले सारणी तैयार करना चाहिए। इससे आपको काम में लाभ मिलेगा। स्वास्थ के मामले में आप खुद को थोड़ा थकान भरा अनुभव कर सकते हैं। आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की जरूरत है।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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🙏🏽मिथुन ✡️24-06-2021
आज योजनाओं को पूर्ण रूप से क्रियान्वित किया जा सकता है और यह आपको लाभदायक परिणाम दे पाएंगी। नौकरीपेशा जातक कार्यस्थल पर अपने कार्य और कर्तव्यनिष्ठा के लिए उचित प्रशंसा और सम्मान प्राप्त कर सकते हैं। आर्थिक रूप से यह एक शुभ दिन है। लंबी अवधि में भारी लाभ अर्जित करने के लिए आप नए उद्यम में निवेश कर सकते हैं। इस तरह के निवेश के लिए समय परिपक्व है। प्रेमियों के लिए समय शुभ है। पारिवारिक जीवन में जीवनसाथी तथा भाई-बहनों के साथ कुछ मन मुटाव हो सकता है। बुजुर्गों का स्वास्थ्य कुछ नरम -गरम रह सकता है।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हल्का हरा
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🙏🏽कर्क ✡️24-06-2021
आज आप वर्तमान स्थिति को समझेंगे और भविष्य के बारे में आपका अनुमान ठीक रहेगा। कामकाज को लेकर हालात कुछ ऐसे हैं जिन्हें अपनी परिश्रम और अपनी लगन से संभालना होगा। कोई नया काम या प्रोजेक्ट मिल सकता है। कुछ नए लोगों से मुलाकात हो सकती है। अच्छी तरक्की के मामले आपके स्थापित हो सकते हैं। योजनाओं में सफलता मिलने के योग हैं। पैसों की स्थिति पर विचार करना होगा। ननिहाल पक्ष से कोई शुभ समाचार मिल सकता है।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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🙏🏽सिंह ✡️24-06-2021
आज आपके मन में कोई नया विचार आ सकता है। आप उस पर जल्द ही काम भी शुरू कर सकते हैं। आज दिन खत्म होते-होते आपको ऐसा लग सकता है कि आपका कोई काम पूरा नहीं हो पाया है, जिससे आपको कुछ तनाव महसूस हो सकता है। इसलिए कोई भी काम करने से पहले उसकी रूपरेखा जरूर बना लें। शाम को बच्चों के साथ समय बिताने पर आप राहत महसूस करेंगे। प्रॉपर्टी के लिये आपको कोई अच्छी डील मिल सकती है। आज सेहत पर ध्यान देने की जरूरत है। बाहर का खाना खाने से परहेज करें। नारियल बहते पानी में प्रवाहित करें, सारी परेशानी दूर होगी।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : गहरा ग्रे
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🕉️कन्या🕉️24-06-2021
भविष्य में बदलाव के कारण से समय ठीक कहा जा सकता है। साफ और नपी-तुली बात करने से परेशानियों से बच सकते हैं। दोस्तों और रिश्तेदारों की सहायता भी आपको मिल सकती हैं। धन लाभ के योग हैं। किए गए कामों में लाभ हो सकता है। संबंधों में सुधार होने के योग बन रहे हैं। सबका सम्मान करें। आपके लिए कुछ फैसलों में सटीकता हो सकती है। प्रोफेशन में सफलता मिल सकती है। विवाह योग्य लोगों को प्रस्ताव मिल सकते हैं। कोई बड़ा फैसला लेने से पहले साथ वालों से सलाह ले सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग
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🙏🏽तुला ✡️24-06-2021
कठिन समस्याओं का समाधान मिलेगा। व्यावसायिक रूप से आज का दिन अच्छा रहेगा। नौकरीपेशा जातकों को कोई शुभ समाचार मिल सकता है। आप अपने विचारों को दूसरों के समक्ष सकारात्मक रूप में प्रस्तुत कर पाएंगे। परीक्षा या प्रतियोगिता के माध्यम से नौकरी की तलाश करने वाले या अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के इच्छुक लोगों को अपने प्रयासों में सफलता मिलेगी। व्यवसाय विस्तार की योजना बनेगी। आप अपने समर्पण और कड़ी मेहनत से दूसरों से आगे रहेंगे। पारिवारिक जीवन सामंजस्यपूर्ण होगा।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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वृश्चिक24-06-2021
आज आर्थिक मोर्चे पर चीजें ठीक होंगी, जिससे चीजें अनुकूल होंगी। आपकी उम्मीदों और कोशिशों में बहुत अच्छा तालमेल बन सकता है। आज आप हर दिशा में कोशिश कर सकते हैं। जिस भी काम से जुड़े हुए हैं उसमें भरोसा बनाये रखेंगे तो कई तरह की नई संभावनाएं उभरती चली जाएंगी। आप जितनी मेहनत करेंगे, उतने ही सफल होंगे। इस राशि के बेरोजगार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। सम्मान बढ़ेगा।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग
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धनु24-06-2021
आज आपका दिन सामान्य रहेगा। काम में जीवनसाथी की सलाह फायदेमंद हो सकती है। वित्तीय मामलों में समझदारी से काम लेना आपके लिए बेहतर रहेगा। बिजनेस में नई परियोजनाओं से आपको फायदा हो सकता है। माता-पिता की सेहत में सुधार होगा। ऑफिस में किसी सहकर्मी के साथ बहस करने से आपको बचना चाहिए। स्थिति आपके विपरित हो सकती है। अधिकारियों के साथ आपको बेहतर संबध बनाये रखने की कोशिश करनी चाहिए। कोई दोस्त आपकी काम में मदद कर सकता है , आप मानसिक राहत महसूस करेंगे।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
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मकर24-06-2021
आपकी कोई बड़ी परेशानी पैसों से सुलझ सकती है। इनकम के कई रास्ते खुल सकते हैं। आज कामकाज ज्यादा हो सकता है। बॉस से बातचीत में आपको सफलता मिल सकती है। बिजनेस में फायदे के योग हैं। साथियों से मदद मिल सकती है। पार्टनर के सहयोग से आप सफल हो सकते हैं। रोजमर्रा के काम भी पूरे हो सकते हैं और आपकी सेहत अच्छी रहेगी।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : हल्का पीला
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कुंभ24-06-2021
आप जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता एवं समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। आप अपने वरिष्ठों से लाभ प्राप्त करेंगे और व्यावसायिक रूप से आपकी स्थिति और स्थिर हो सकती है। आपकी कमाई बढ़ेगी और आपको कई अन्य स्रोतों से लाभ होगा। दूर की यात्रा फलदायी साबित हो सकती है। पारिवारिक जीवन शांतिपूर्ण और आरामदायक रहेगा और सभी सदस्य एक-दूसरे के साथ सौहार्दपूर्वक व्यवहार रखेंगे। स्वास्थ्य के संदर्भ में आप गुलाबी रंग में बने रहेंगे।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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मीन24-06-2021
आज आप समय के साथ स्वयं को ढालने की कोशिश करेंगे। काम के मोर्चे पर आपकी आकस्मिक प्रकृति हानिकारक होगी क्योंकि आपका बॉस आपको किसी चीज़ से आगाह कर सकता है। कुछ नया काम करने की सोच सकते हैं। धन लाभ के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। आपका मन पूजा-पाठ में अधिक लगेगा। दाम्पत्य जीवन में थोड़ा तनाव आ सकता है। जीवन साथी की कड़वी बातें आज आपको दुखी कर सकती हैं। नए काम में रोड़ा आ सकता है। शाम तक काम बन जाएंगे।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हल्का हरा
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आपका ✍️ *पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631, 9149003677*🙏🏽🙏🏽🙏🏽
🔴   सनातन संस्कृति इतर सभी संस्कृतियोंसे श्रेष्ठ है तथा अनादि और अनन्त भी है। दूसरी संस्कृतियाँ सनातन संस्कृतिका अंश लेकर ही जीवित हैं । संस्कृतिका जन्मस्थान होनेके कारण भारतवर्षका माहात्म्य विश्व में प्रख्यात है । ऐसी सर्वादरणीय आर्य भारतीय संस्कृतिकी रक्षा करना प्रत्येक व्यक्तिका कर्तव्य है । विशेषतः आज तो उसकी प्रशंसा करने की अपेक्षा रक्षा करनेकी आवश्यकता ही अधिक है । 
       👉 अतः उस सनातन भारतीय संस्कृतिकी रक्षा करने तथा आत्मकल्याण के लिये निम्नलिखित सिद्धान्तोंपर ध्यान देना और उनका यथावत् अनुसरण करना प्रत्येक भारतीयके लिये अवश्यकर्तव्य और श्रेयस्कर है ➖
☑️ १. स्वधर्मपर महान् प्रेम रखो और यथाशक्ति धर्मका पालन करो । धर्मका यथावत् पालन करनेसे सुख, स्वर्ग एवं मोक्ष प्राप्त होते हैं। यह बात निश्चय करके मानो ।
☑️ २. तुम्हारे धर्मका नाम ‘#सनातनधर्म’ है । यह धर्म किसी मानवका चलाया हुआ मत अथवा पंथ नहीं । यह तो सनातन प्रभुका सनातन धर्म है ।
☑️ ३. जगत्कर्ता परमेश्वरने सूर्य, चन्द्रमा, मेघ, जल, पवन, पृथ्वी, वृक्ष, ओषधि, अन्न, पशु, पक्षी, मनुष्य आदिको बनाया तथा साथ-साथ इन सबका धर्म भी बनाया । धर्मके बिना किसीका अस्तित्व ही टिक नहीं सकता ।
☑️ ४. धैर्य, क्षमा, सत्यभाषण, अहिंसा, सर्वप्रकारसे पवित्रता तथा स्वच्छता, मन तथा इन्द्रियोंका नियन्त्रण, भिन्न-भिन्न ‘विद्याओं और कलाओंका शिक्षण, विवेकपूर्वक कार्यसम्पादन, क्रोध न करना, अस्तेय ( चोरी न करना), मादक वस्तुओंका त्याग, ईश्वर-भक्ति, परलोकविषयमें ध्यान, माता-पिता, गुरु तथा वृद्धोंका आज्ञापालन, जन्म-भूमिकी सेवा, परस्त्री मात्र में मातृबुद्धि – ये सब सामान्य धर्म हैं। विशेष धर्ममें स्त्रियोंका धर्म, पुरुषोंका धर्म, पिताका धर्म, पुत्रका धर्म, राजाका धर्म,प्रजाका धर्म, गुरुका धर्म, शिष्यका धर्म, वर्णधर्म, आश्रमधर्म, युगधर्म, देशधर्म तथा अन्य भित्र भित्र आपद्धर्म आदि हैं।
☑️ ५. धर्मको जानने के लिये धर्मशास्त्रोंका अध्ययन करो अथवा सदाचारी विद्वान् ब्राह्मणद्वारा धर्म वार्ता श्रवण करो। चार वेद, दस उपनिषद्, छः दर्शन, अठारह स्मृतियाँ, अठारह पुराण, रामायण तथा महाभारत इत्यादि हमारे प्रामाणिक तथा उपादेय ग्रन्थ हैं।
☑️ ६. गणेश, शिव, विष्णु, सूर्य और जगदम्बा—ये पाँच हमारे पूजनीय देवता हैं और परब्रह्म परमात्मा सर्वोपरि इष्ट देवता हैं। ये सब देवता इन परब्रह्म परमात्माके ही लीलारूप हैं ! एवं इन परमात्माके भी अनेक अवतार होते हैं।
☑️ ७. जिस कुलमें परम्परासे जिस देवताको इष्टदेव के रूपमें माना जाता है, उस कुलमें उसी देवता की विशेष आराधना होनी चाहिये; परंतु अन्य किसी भी देवताकी निन्दा नहीं करनी चाहिये । प्रत्युत दूसरे सम्प्रदायके भक्तों के साथ प्रेमका ही व्यवहार करना चाहिये ।
☑️ ८. संसारके सब कार्य एक ओर रखकर सर्वप्रथम भगवान् का भजन करना आवश्यक है । यदि तुमने विश्व में समस्त कार्य किये, किंतु भगवान् का भजन नहीं किया, तो मानव-शरीर पाकर क्या लाभ प्राप्त किया ? कुछ भी नहीं ।
☑️ ९. आलस्य छोड़कर आगे बढ़ने का कार्य करो । अपनी कमाई में से अच्छे पात्रों को दान करो ।
☑️ १०. अपने जीवनको पवित्र एवं सुखी बनाने के लिये मादक वस्तुओं तथा अन्य दुर्व्यसनोंसे बचे रहो । बीड़ी, सिगरेट, भाँग, गाँजा, अफीम, शराब आदि धर्म, धन तथा आरोग्य आदिका नाश करनेवाले हैं; अतः उनका त्याग करनेसे ही तुम भगवान् के भक्त बन सकोगे ।
☑️ ११. दूसरोंकी हानि न करो; परंतु तुम्हारे देश, धर्म, जाति तथा मानको यदि कोई हानि पहुँचाता हो तो उसको किसी भी धर्मसङ्गत उपाय से सन्मार्गपर लाने का प्रयत्न करो । स्वयं अत्याचार करना जितना पाप है, उतना ही पाप दूसरोंके द्वारा किये गये अत्याचार सहने में होता है; अतः धीर होकर पुरुषार्थ करो ।
☑️ १२. सदा देव-दर्शन, शास्त्रश्रवण, भगवदुपासना, पितृतर्पण, अतिथि सत्कार, सत्संग तथा स्ववर्णाश्रमोचित सन्ध्या आदि सत्कर्म किया करो।aa
‼️हर हर महादेव‼️
  #श्रुतिधर_पाठक
#मंदिरों_की_छत सपाट क्यों नहीं होती, नुकीली क्यों बनाई जाती है
मंदिर तो आपने देखे ही होंगे। मंदिरों की छतों पर एक विशेष प्रकार की आकृति बनाई जाती है। यह आकृति ऊपर की तरफ नुकीली हो जाती है। प्रश्न यह है कि मंदिरों की छतों को इस प्रकार से क्यों बनाया जाता है। क्या इसके पीछे कोई साइंस है। आइए जानते हैं:-
मंदिरों की छत कितने प्रकार की होती है
विशेषज्ञों के अनुसार भारत मे 2 तरह की मंदिर निर्माण शैलियां है उत्तर भारत (नागर शैली) दक्षिण भारत (द्रविड़ शैली)। उत्तर भारत मे छत को मंदिर वास्तु की भाषा मे शिखर कहते है और दक्षिण भारत मे इसको विमान कहते है। दक्षिण भारत मे शिखर सिर्फ ऊपर रखे पत्थर को बोलते जबकि उत्तर भारत मे सबसे ऊपर कलश रखा होता है। इसके अलावा इन से मिलती-जुलती कुछ और मंदिर निर्माण शैलियां भी होती है।
मंदिर की छत को पिरामिड जैसा क्यों बनाया जाता है
धार्मिक दृष्टि से बात करें तो ब्रह्मांड एक बिंदु के रूप में था अतः मंदिर का शिखर एक बिंदु के रूप में होता है जो ब्रह्मांड से सकारात्मक ऊर्जा को संचित करने का काम करता है। विज्ञान भी इस बात को स्वीकार करता है कि अंदर से खोखला इस तरह का पिरामिड बनाने से उस खाली स्थान में सकारात्मक ऊर्जा का मंडार एकत्रित हो जाता है। यदि कोई मनुष्य इस ऊर्जा केंद्र के नीचे आता है तो उसे भी सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। स्थापत्य कला के अनुसार जरूरी नहीं है कि सामने भगवान की प्रतिमा हो, लेकिन यदि आपके इष्टदेव की प्रतिमा है तो सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव मानसिक रूप से कई गुना बढ़ जाता है।
दूसरा प्रमुख कारण यह है कि इस तरह की आकृति के कारण सूर्य की किरणें उसे प्रभावित नहीं कर पाती और त्रिकोण के अंदर एवं नीचे वाला हिस्सा बाहर अधिक तापमान होने के बावजूद ठंडा रहता है। क्योंकि भारत में मंदिरों का निर्माण यात्रियों के विश्राम के लिए भी किया गया था अतः यात्रियों की थकान जल्दी से दूर हो सके इसलिए भी इस तरह की स्थापत्य कला का उपयोग किया गया।
मंदिर के शिखर के कारण उसे दूर से पहचाना जा सकता है क्योंकि नीचे भगवान की प्रतिमा स्थापित है इस प्रकार की आकृति के कारण कोई भी व्यक्ति प्रतिमा के ऊपर खड़ा नहीं हो सकता। मंदिरों का निर्माण पूर्ण वैज्ञानिक विधि से किया जाता है। मंदिर का वास्तुशिल्प ऐसा होता है, जिससे वहां पवित्रता, शांति और दिव्यता बनी रहती है। मंदिर की छत ध्वनि सिद्धांत को ध्यान में रखकर बनाई जाती है, जिसे गुंबद कहा जाता है।
शिखर के केंद्र बिंदु के ठीक नीचे मूर्ति स्थापित होती है। गुंबद के कारण मंदिर में किए जाने वाले मंत्रों के स्वर और अन्य ध्वनियां गूंजती हैं तथा वहां उपस्थित व्यक्ति को प्रभावित करती है। गुंबद और मूर्ति का केंद्र एक ही होने से मूर्ति में निरंतर ऊर्जा प्रवाहित होती रहती है। जब हम उस मूर्ति को स्पर्श करते हैं, उसके आगे सिर टिकाते हैं तो हमारे अंदर भी वह ऊर्जा प्रवेश करती है। इस ऊर्जा से शक्ति, उत्साह और प्रसन्नता का संचार होता है।
ये सारी उपलब्धियां एक बार जरूर पढ़ें और देखें कि सैक्युलर सरकारों और वामी इतिहासकारों ने हमारे साथ क्या किया है।।
1. हावड़ा में गंगा पर पुल बनाकर कलकत्ता शहर बसाया।
2. अंग्रेजों को ना तो नदी पर टैक्स वसूलने दिया और ना दुर्गा पूजा की यात्रा रोकने दिया।
3. कलकत्ता में दक्षिणेश्वर मंदिर बनवाया।
4. कलकत्ता में गंगा नदी पर बाबू घाट, नीमतला घाट बनवाया।
5. श्रीनगर में शंकराचार्य मंदिर का पुनरोद्धार करवाया।
6. मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि की दीवार बनवाई।
7. ढाका में मुस्लिम नवाब से 2000 हिंदुओं की स्वतंत्रता खरीदी।
8. रामेश्वरम से श्रीलंका के मंदिरों के लिए नौका सेवा शुरू किया।
9. कलकत्ता का क्रिकेट स्टेडियम इनके द्वारा दान दी गई भूमि पर बना है।
10. सुवर्ण रेखा नदी से पुरी तक सड़क बनाया।
11. प्रेसिडेंसी कॉलेज और नेशनल लाइब्रेरी के लिए फंद दिया।
क्या इस महान हस्ती को नेहरू, मौलवी, पादरी ने आपके सिलेबस में शामिल किया?
इन महान हस्ती का नाम रानी राशमणि है। ये कलकत्ता के जमींदार की विधवा थीं। 1793 से 1863 तक के जीवन काल में रानी ने इतना यश कमाया है कि इनकी बड़ी बड़ी प्रतिमाएं दिल्ली और शेष भारत में लगनी चाहिए थीं।
रानी राशमणि कैवर्त जाति की थीं, जो आजकल अनुसूचित जाति में शामिल है। क्या दलित नेताओं को रानी राशमणि को नायिका नहीं बनाना चाहिए था?
साभार: नीलम अरोड़ा