आज का पंचाग, आपका राशि फल, गरुड़ पुराण में वर्णित 36 नर्क जानिए इसमें से कौन सा लोक है आपके लिए

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शुक्रवार, २२ अक्टूबर २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:२६
सूर्यास्त: 🌅 ०५:४१
चन्द्रोदय: 🌝 १८:४६
चन्द्रास्त: 🌜०७:४२
अयन 🌕 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (राक्षस)
मास 👉 कार्तिक
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 द्वितीया (२४:२९ तक)
नक्षत्र 👉 भरणी (१८:५६ तक)
योग 👉 सिद्धि (२१:४० तक)
प्रथम करण 👉 तैतिल (११:१९ तक)
द्वितीय करण 👉 गर (२४:२९ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य 🌟 तुला
चंद्र 🌟 वृष (२५:३८ से)
मंगल 🌟 तुला (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कन्या (उदित, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 वृश्चिक (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:३९ से १२:२४
अमृत काल 👉 १३:३६ से १५:२३
विजय मुहूर्त 👉 १३:५४ से १४:३९
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:२७ से १७:५१
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३६ से २४:२७
राहुकाल 👉 १०:३७ से १२:०१
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १४:५० से १६:१४
होमाहुति 👉 मंगल
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पृथ्वी (२४:२९ तक)
चन्द्रवास 👉 पूर्व दक्षिण (२५:३९ से)
शिववास 👉 सभा में (२४:२९ से क्रीड़ा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर २ – लाभ
३ – अमृत ४ – काल
५ – शुभ ६ – रोग
७ – उद्वेग ८ – चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग २ – काल
३ – लाभ ४ – उद्वेग
५ – शुभ ६ – अमृत
७ – चर ८ – रोग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ०९:५३ तक जन्मे शिशुओ का नाम
शतभिषा नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (सू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (से, सो, द, दी) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
तुला – ३०:०५ से ०८:२६
वृश्चिक – ०८:२६ से १०:४५
धनु – १०:४५ से १२:४९
मकर – १२:४९ से १४:३०
कुम्भ – १४:३० से १५:५६
मीन – १५:५६ से १७:१९
मेष – १७:१९ से १८:५३
वृषभ – १८:५३ से २०:४८
मिथुन – २०:४८ से २३:०३
कर्क – २३:०३ से २५:२४
सिंह – २५:२४ से २७:४३
कन्या – २७:४३ से ३०:०१
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०६:२३ से ०८:२६
चोर पञ्चक – ०८:२६ से १०:४५
शुभ मुहूर्त – १०:४५ से १२:४९
रोग पञ्चक – १२:४९ से १४:३०
शुभ मुहूर्त – १४:३० से १५:५६
मृत्यु पञ्चक – १५:५६ से १७:१९
रोग पञ्चक – १७:१९ से १८:५३
शुभ मुहूर्त – १८:५३ से १८:५६
मृत्यु पञ्चक – १८:५६ से २०:४८
अग्नि पञ्चक – २०:४८ से २३:०३
शुभ मुहूर्त – २३:०३ से २४:२९
रज पञ्चक – २४:२९ से २५:२४
शुभ मुहूर्त – २५:२४ से २७:४३
चोर पञ्चक – २७:४३ से ३०:०१
शुभ मुहूर्त – ३०:०१ से ३०:२४
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन लाभदायक रहेगा। स्वभाव से चंचल रहेंगे लेकिन अन्य लोगो के ऊपर इसका अनुकूल प्रभाव पड़ेगा लोग आपके सानिध्य में हल्कापन अनुभव करेंगे। कार्य क्षेत्र पर कोई भी काम निश्चित समय पर नही होगा फिर भी धन लाभ कही ना कही से अचानक होगा। आप घर मे सुख सुविधा बढ़ाने पर विचार करेंगे निकट भविष्य में इनके ऊपर खर्च करना पड़ेगा। आर्थिक मामलो में स्पष्टता ना रहने के कारण किसी प्रियपात्र से कलह हो सकती है। मध्यान के बाद शारीरिक कमजोरी अनुभव होगी हाथ पैरों में शिथिलता आएगी। महिलाओं को गृहस्थी में तालमेल बैठाने में अधिक मशक्कत करनी पड़ेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन हानिकारक है किसी भी प्रकार के आर्थिक अथवा अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य यथा संभव टालने का प्रयास करें धन का लेनदेन भूल कर भी ना करें। कार्य क्षेत्र अथवा डोर रहने वाले स्नेहीजन से अप्रिय समाचार मिलने से मन का उत्साह खत्म होगा। कल तक जो आपकी सहायता अथवा समर्थन कर रहे थे आज वे ही आवश्यकता के समय पल्ला झाड़ते नजर आएंगे। कार्य क्षेत्र पर किसी गलती के कारण हानि होने की संभावना है। किसी से कोई वादा ना करें पूरा नही कर पाएंगे। महिलाये भी प्रत्येक कार्य देखभाल कर ही करें बिगड़ने की संभावना अधिक है। धन की आमद न्यून आकस्मिक खर्च अधिक रहने से बजट बिगड़ेगा। मानसिक विकार आएंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपको आज का दिन पूर्व में किये शुभ कार्यो का फल देगा। आज आप जिस कार्य को बेमन से करेंगे उसमे भी सफलता मिलेगी लेकिन व्यवसायिक कार्यो की व्यस्तता के कारण घर के सदस्यों की अनदेखी भारी पड़ेगी घर मे किसी ना किसी से नाराजगी रहेगी। इसके विपरीत कार्यक्षेत्र पर व्यवहार एवं मृदु वाणी जय कराएगी। नौकरी वाले लोग अधिकारियों का सानिध्य मिलने से आत्मविश्वास से भरे रहेंगे। धन लाभ के लिये आज ज्यादा परेशान नही होना पड़ेगा पुराने कार्यो से बैठे बिठाये हो जाएगा लेकिन नए अनुबंध मिलने में संध्या तक इंतजार करना पड़ेगा। पैतृक मामलो को लेकर परेशानी हो सकती है। आरोग्य बना रहेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आपके लिये आज का दिन सफलता दायक है लेकिन आपका मिजाज अन्य लोगो से जल्दी मेल नही खायेगा जिससे कार्यक्षेत्र एवं घर मे दो राय बनेगी। किसी भी प्रकार के पुराने अधुरे कार्य आज थोड़े से प्रयास के बाद पूर्ण हो सकते है। आर्थिक रूप से दिन शुभ रहेगा धन की आमद में थोड़ा विलम्ब होगा लेकिन आवश्यकता अनुसार सजह हो जाएगी। व्यवसायी वर्ग ना चाहकर भी उधार देने के कारण थोड़े परेशान रहेंगे। भाग-दौड़ भरी दिनचार्य के कारण स्वास्थ्य प्रतिकूल होने की संभावना है। पारिवारिक वातावरण में छोटी मोटी छींटा कशी लगी रहेगी। बुजुर्गो की चिंता होगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आप मानसिक रूप से शान्त रहेंगे। दिन का आरंभ शुभ कार्यो में व्यतीत होगा आध्यात्मिक पक्ष बलवान रहेगा धर्म कर्म का किसी ना किसी रूप में फल अवश्य मिलेगा। आर्थिक लाभ पाने के लिये ज्यादा परिश्रम करना पड़ेगा। घर एवं व्यवसाय में तालमेल बैठाने के कारण दुविधा में रहेंगे। एक कार्य को करने के चक्कर मे अन्य कार्य अधूरे रहेंगे। सरकारी अथवा किसी भी प्रकार के जमीन-जायदाद संबंधित कार्य मे उलझने पड़ेंगी यथा संभव आज टालें। धन के व्यवहारों में जबरदस्ती ना करें। स्वास्थ्य में कमी रहेगी कमजोरी अथवा पेट संबंधित व्याधि परेशान करेगी। घर मे आज शांति रहेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन सेहत के लिए प्रतिकूल रहने वाला है लापरवाही से बचें अन्यथा परिणाम गंभीर हो सकते है। दिन के आरंभिक भाग में आपको परिजनों की उपेक्षा का शिकार होना पड़ेगा मानसिक एवं शारीरिक बेचैनी आज दिन भर ही रहेगी। कार्य स्थल पर अव्यवस्थ रहेगी समय भी कम ही दे पाएंगे लेकिन फिर भी धन लाभ कही ना कही से अकस्मात हो जायेगा। आपकी वाणी की सौम्यता नए सम्बंध स्थापित करने में सहायता करेगी। बुजुर्ग वर्ग से शुभकार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। शुभ समाचार मिलने से खुशी होगी। संतानों के व्यवहार से थोड़ी पीड़ा भी होगी। वाहन सावधानी से चलाए चोट लगने का भय है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन परिस्थितियां कुछ राहत वाली रहेंगी लेकिन आपका अकड़ू स्वभाव शांत हुए विवाद को फिर ताजा करेगा लेकिन स्थिति गंभीर होने से पहले संभल भी जाएंगे। घर अथवा घर के बुजुर्गो से सतर्क रहें अन्यथा कड़वी बाते सुनने को मिलेंगी। कार्य व्यवसाय में थोड़े परिश्रम के बाद मध्यान बाद से धन की आमद शुरू हो जाएगी जो संध्या तक रुक रुक कर चलती रहेगी। आज कंजूस प्रवृति रहने के कारण खर्च भी हिसाब से करेंगे। महिलाये आज अपने मन की ही करेंगी टोका टाकी करने पर उग्र हो सकती है। सेहत लगभग सामान्य ही रहेगी थोड़ा मानसिक दबाव अनुभव होगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन आपके लिये उन्नति कारक रहेगा। आज आप थोड़े में संतोष नही करेंगे अधिक से अधिक लाभ कमाने के चक्कर मे सेहत की भी अनदेखी करेंगे। आर्थिक रूप से आज का दिन उत्तम रहेगा व्यवहारिकता के बल पर लाभ और सम्मान कमाएंगे। महिलाये भी परिवार एवं अपने कार्यो के प्रति ज्यादा समर्पित रहेंगी जिस कार्य को करने की ठान लेंगी उसे अकेले ही पूर्ण करने का सामर्थ्य रखेंगी भविष्य के लिये संचय भी करेंगी। व्यवसायी वर्ग को अकस्मात लाभ के अनुबंध मिलेंगे जोखिम वाले कार्य करने में हिचकेंगे नही। नौकरी पेशा जातको को कोई महत्त्वपूर्ण कार्य सौंपा जाएगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिये साधारण रहेगा दिन का पहला भाग किसी ना किसी कारण अशान्त बनेगा कार्य क्षेत्र पर भी आरम्भ में व्यवधान आने से परेशान रहेंगे लेकिन दोपहर के बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी धन लाभ आशा से कम फिर भी खर्च निकालने लायक हो जाएगा। नौकरी वालो से अधिकारी वर्ग संतुष्ट रहेंगे लेकिन मन की इच्छा आज प्रकट ना करें निराशा मिलेगी। सरकारी कार्य मे कागजी कमी रुकावट डालेगी। आपका हृदय नरम रहेगा अपना काम छोड़कर अन्य की सहायता करेंगे। दोपहर बाद चक्कर आने पेट मस्तिष्क संबंधित समस्या खड़ी होगी। परिजनों से संबंध ठीक होंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन कलहकारी रहेगा दिन के आरम्भ में ही किसी छोटी सी गलती के कारण घरवालो से भिड़ंत होगी इसके बाद भी शांति नही मिलेगी रही सही कसर कार्य क्षेत्र पर सहकर्मी के ऊपर निकाल देंगे आज आपके साथ लोग केवल काम के लिये ही व्यवहार करेंगे।पारिवारिक संबंधो को जोड़ कर रखने का प्रयास करें। आपकी अविवेकी कार्यशैली रहने से आपसी विवादों को बढ़ने से रोक नही पाएंगे ध्यान रहे इसके परिणाम आगे गंभीर हो सकते है धैर्य से काम लें। सरकारी अथवा किसी भी प्रकार के जमीन-जायदाद संबंधित कार्य संभव आज टालें। घर मे किसी ना किसी की दवा पर खर्च होगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपको आकस्मिक धन लाभ करा कर आश्चर्यचकित करेगा। दिन के पूर्वार्ध से ही शुभ संकेत मिलने लगेंगे लेकिन स्थिति स्पष्ट ना होने के कारण दुविधा में रहेंगे। मध्यान बाद किसी पुराने व्यवहार से धन लाभ होगा आवश्यकता के समय पर होने से मन अधिक प्रसन्न रहेगा। आपका व्यवहार अन्य लोगो के लिए सहायक रहेगा लेकिन सोच-विचार कर ही किसी की बातों पर विश्वासः करें धोखा हो सकता है। पारिवारिक वातावरण भी परिजनों की मांग मान लेने से प्रसन्न रहेग। आज खर्च करने के लिए आपको सोचना नही पड़ेगा फिर भी व्यर्थ खर्च ना हो इसका भी ध्यान रखें। सेहत उत्तम रहेगी लेकिन अकस्मात क्रोध आएगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन सुख शांति से व्यतीत होगा मन मे धन संबंधित उलझने लगी रहेंगी इनका समाधान आज मुश्किल ही हो पायेगा फिर भी संतोषी प्रवृति के कारण ज्यादा परेशान नही होंगे। किसी भी कार्य को करने से पहले उसकी बारीकी से जांच करेंगे जिससे आगे भ्रमित होने की संभावना नही रहेगी। इसके विपरीत महिलाये अधिकांश कार्यो में जल्दबाजी दिखाएंगी जिस के कारण काम तो बिगड़ेगा ही साथ ही बड़ो की डांट भी सुन्नी पड़ेगी। व्यावसाय की स्थिति आपके परिश्रम के ऊपर निर्भर रहेगी नौकरी पेशाओ को भागदौड़ के बाद ही सफलता मिलेगी वही व्यवसायी वर्ग भी प्रतिस्पर्धा अधिक रहने से कुछ कमी अनुभव करेंगे। स्वसन संबंधित विकार बनेगा।

गरुड़ पुराण में वर्णित 36 नर्क
जानिए इसमें से कौन सी जगह है आपकी-
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हिंदू धर्म ग्रंथों में लिखी अनेक कथाओं में स्वर्ग और नर्क के बारे में बताया गया है। पुराणों के अनुसार स्वर्ग वह स्थान होता है जहां देवता रहते हैं और अच्छे कर्म करने वाले इंसान की आत्मा को भी वहां स्थान मिलता है, इसके विपरीत बुरे काम करने वाले लोगों को नर्क भेजा जाता है, जहां उन्हें सजा के तौर पर गर्म तेल में तला जाता है और अंगारों पर सुलाया जाता है।

हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों में 36 तरह के मुख्य नर्कों का वर्णन किया गया है। अलग-अलग कर्मों के लिए इन नर्कों में सजा का प्रावधान भी माना गया है। गरूड़ पुराण, अग्रिपुराण, कठोपनिषद जैसे प्रामाणिक ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है।

1. महावीचि- यह नर्क पूरी तरह रक्त यानी खून से भरा है और इसमें लोहे के बड़े-बड़े कांटे हैं। जो लोग गाय की हत्या करते हैं, उन्हें इस नर्क में यातना भुगतनी पड़ती है।

2. कुंभीपाक- इस नर्क की जमीन गरम बालू और अंगारों से भरी है। जो लोग किसी की भूमि हड़पते हैं या ब्राह्मण की हत्या करते हैं। उन्हें इस नर्क में आना पड़ता है।

3. रौरव- यहां लोहे के जलते हुए तीर होते हैं। जो लोग झूठी गवाही देते हैं उन्हें इन तीरों से बींधा जाता है।

4. मंजूष- यह जलते हुए लोहे जैसी धरती वाला नर्क है। यहां उनको सजा मिलती है, जो दूसरों को निरपराध बंदी बनाते हैं या कैद में रखते हैं।

5. अप्रतिष्ठ- यह पीब, मूत्र और उल्टी से भरा नर्क है। यहां वे लोग यातना पाते हैं, जो ब्राह्मणों को पीड़ा देते हैं या सताते हैं।

6. विलेपक- यह लाख की आग से जलने वाला नर्क है। यहां उन ब्राह्मणों को जलाया जाता है, जो शराब पीते हैं।

7. महाप्रभ- इस नर्क में एक बहुत बड़ा लोहे का नुकीला तीर है। जो लोग पति-पत्नी में फूट डालते हैं, पति-पत्नी के रिश्ते तुड़वाते हैं वे यहां इस तीर में पिरोए जाते हैं।

8. जयंती- यहां जीवात्माओं को लोहे की बड़ी चट्टान के नीचे दबाकर सजा दी जाती है। जो लोग पराई औरतों के साथ संभोग करते हैं, वे यहां लाए जाते हैं।

9. शाल्मलि- यह जलते हुए कांटों से भरा नर्क है। जो औरत कई पुरुषों से संभोग करती है व जो व्यक्ति हमेशा झूठ व कड़वा बोलता है, दूसरों के धन और स्त्री पर नजर डालता है। पुत्रवधू, पुत्री, बहन आदि से शारीरिक संबंध बनाता है व वृद्ध की हत्या करता है, ऐसे लोगों को यहां लाया जाता है।

10. महारौरव- इस नर्क में चारों तरफ आग ही आग होती है। जैसे किसी भट्टी में होती है। जो लोग दूसरों के घर, खेत, खलिहान या गोदाम में आग लगाते हैं, उन्हें यहां जलाया जाता है।

11. तामिस्र- इस नर्क में लोहे की पट्टियों और मुग्दरों से पिटाई की जाती है। यहां चोरों को यातना मिलती है।

12. महातामिस्र- इस नर्क में जौंके भरी हुई हैं, जो इंसान का रक्त चूसती हैं। माता, पिता और मित्र की हत्या करने वाले को इस नर्क में जाना पड़ता है।

13. असिपत्रवन- यह नर्क एक जंगल की तरह है, जिसके पेड़ों पर पत्तों की जगह तीखी तलवारें और खड्ग हैं। मित्रों से दगा करने वाला इंसान इस नर्क में गिराया जाता है।

14. करम्भ बालुका- यह नर्क एक कुएं की तरह है, जिसमें गर्म बालू रेत और अंगारे भरे हुए हैं। जो लोग दूसरे जीवों को जलाते हैं, वे इस कुएं में गिराए जाते हैं।

15. काकोल- यह पीब और कीड़ों से भरा नर्क है। जो लोग छुप-छुप कर अकेले ही मिठाई खाते हैं, दूसरों को नहीं देते, वे इस नर्क में लाए जाते हैं।

16. कुड्मल- यह मूत्र, पीब और विष्ठा (उल्टी) से भरा है। जो लोग दैनिक जीवन में पंचयज्ञों ( ब्रह्मयज्ञ, देवयज्ञ, भूतयज्ञ, पितृयज्ञ, मनुष्य यज्ञ) का अनुष्ठान नहीं करते वे इस नर्क में आते हैं।

17. महाभीम- यह नर्क बदबूदार मांस और रक्त से भरा है। जो लोग ऐसी चीजें खाते हैं, जिनका शास्त्रों ने निषेध बताया है, वो लोग इस नर्क में गिरते हैं।

18. महावट- इस नर्क में मुर्दे और कीड़े भरे हैं, जो लोग अपनी लड़कियों को बेचते हैं, वे यहां लाए जाते हैं।

19. तिलपाक- यहां दूसरों को सताने, पीड़ा देने वाले लोगों को तिल की तरह पेरा जाता है। जैसे तिल का तेल निकाला जाता है, ठीक उसी तरह।

20. तैलपाक- इस नर्क में खौलता हुआ तेल भरा है। जो लोग मित्रों या शरणागतों की हत्या करते हैं, वे यहां इस तेल में तले जाते हैं।

21. वज्रकपाट- यहां वज्रों की पूरी श्रंखला बनी है। जो लोग दूध बेचने का व्यवसाय करते है, वे यहां प्रताड़ना पाते हैं।

22. निरुच्छवास- इस नर्क में अंधेरा है, यहां वायु नहीं होती। जो लोग दिए जा रहे दान में विघ्न डालते हैं वे यहां फेंके जाते हैं।

23. अंगारोपच्य- यह नर्क अंगारों से भरा है। जो लोग दान देने का वादा करके भी दान देने से मुकर जाते हैं। वे यहां जलाए जाते हैं।

24. महापायी- यह नर्क हर तरह की गंदगी से भरा है। हमेशा असत्य बोलने वाले यहां औंधे मुंह गिराए जाते हैं।

25. महाज्वाल- इस नर्क में हर तरफ आग है। जो लोग हमेशा ही पाप में लगे रहते हैं वे इसमें जलाए जाते हैं।

26. गुड़पाक- यहां चारों ओर गरम गुड़ के कुंड हैं। जो लोग समाज में वर्ण संकरता फैलाते हैं, वे इस गुड़ में पकाए जाते हैं।

27. क्रकच- इस नर्क में तीखे आरे लगे हैं। जो लोग ऐसी महिलाओं से संभोग करते हैं, जिसके लिए शास्त्रों ने निषेध किया है, वे लोग इन्हीं आरों से चीरे जाते हैं।

28. क्षुरधार- यह नर्क तीखे उस्तरों से भरा है। ब्राह्मणों की भूमि हड़पने वाले यहां काटे जाते हैं।

29. अम्बरीष- यहां प्रलय अग्रि के समान आग जलती है। जो लोग सोने की चोरी करते हैं, वे इस आग में जलाए जाते हैं।

30. वज्रकुठार- यह नर्क वज्रों से भरा है। जो लोग पेड़ काटते हैं वे यहां लंबे समय तक वज्रों से पीटे जाते हैं।

31. परिताप- यह नर्क भी आग से जल रहा है। जो लोग दूसरों को जहर देते हैं या मधु (शहद) की चोरी करते हैं, वे यहां जलाए जाते हैं।

32. काल सूत्र- यह वज्र के समान सूत से बना है। जो लोग दूसरों की खेती नष्ट करते हैं। वे यहां सजा पाते हैं।

33. कश्मल- यह नर्क नाक और मुंह की गंदगी से भरा होता है। जो लोग मांसाहार में ज्यादा रुचि रखते हैं, वे यहां गिराए जाते हैं।

34. उग्रगंध- यह लार, मूत्र, विष्ठा और अन्य गंदगियों से भरा नर्क है। जो लोग पितरों को पिंडदान नहीं करते, वे यहां लाए जाते हैं।

35. दुर्धर- यह नर्क जौक और बिच्छुओं से भरा है। सूदखोर और ब्याज का धंधा करने वाले इस नर्क में भेजे जाते हैं।

36. वज्रमहापीड- यहां लोहे के भारी वज्र से मारा जाता है। जो लोग सोने की चोरी करते हैं, किसी प्राणी की हत्या कर उसे खाते हैं, दूसरों के आसन, शय्या और वस्त्र चुराते हैं, जो दूसरों के फल चुराते हैं, धर्म को नहीं मानते ऐसे सारे लोग यहां लाए जाते हैं
कर्मो के फल बिना भोगे नही कटते चाहे जितने जन्म लेना पड़े भोगना पड़ेगा ही,,,
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