आज का पंचाग, आपका राशि फल, मनुष्य स्वाभाविक रूप से शाकाहारी प्राणी हैं, भगवान परशुराम की तपस्थली का रहस्य

 🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹 *श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७७ || शक-सम्वत् १९४२ || सौम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सर|| शिशिर ऋतु || माघ कृष्णपक्ष || तिथि सप्तमी मध्याह्न १२:०९ तक उपरान्त अष्टमी || गुरुवासर || माघ सौर २२ प्रविष्ट || तदनुसार ०४ फरवरी २०२१ ई० || नक्षत्र स्वाति (वायु) || तुलास्थ चन्द्रमा ||* 💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐 📖 *नीतिदर्शन……………….*✍🏿 *न सम्भरेणारभते त्रिवर्ग-* *माकारितः शंसति तत्वमेव।* *नमित्रार्थे रोचयते विवादं* *नापूजितः कुप्यति चाप्यमूढ:* 📝 *भावार्थ* 👉🏿 जो क्रोध या उतावली के साथ धर्म, अर्थ तथा काम का आरम्भ नहीं करता, पूछनेपर यथार्थ बात ही बतलाता है, मित्र के लिए झगड़ा नहीं पसंद करता तथा आदर न पाने पर क्रुद्ध नहीं होता। ऐसा मनुष्य सब जगह प्रशंसा पाता है। 💐👏🏿 *सुदिनम्* 👏🏿💐 . *।। ॐ ।।* 📜««« *आज का पंचांग* »»»📜 कलियुगाब्द…………………..5122 विक्रम संवत्………………….2077 शक संवत्…………………….1942 मास……………………………..माघ पक्ष……………………………..कृष्ण तिथी………………………….सप्तमी दोप 12.08 पर्यंत पश्चात अष्टमी रवि…………………………उत्तरायण सूर्योदय………..प्रातः 07.05.50 पर सूर्यास्त………..संध्या 06.17.19पर सूर्य राशि………………………मकर चन्द्र राशि………………………तुला गुरु राशि………………………मकर नक्षत्र…………………………स्वाति संध्या 07.41 पर्यंत पश्चात विशाखा योग……………………………..गंड रात्रि 10.05 पर्यंत पश्चात वृद्धि करण…………………………….बव दोप 12.08 पर्यंत पश्चात बालव ऋतु……………………………शिशिर दिन……………………………गुरुवार 🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-* 04 फरवरी सन 2021 ईस्वी । ⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-* प्रातः 12.18 से 01.02 तक । 👁‍🗨 *राहुकाल :-* दोपहर 02.03 से 0३.26 तक । *उदय लग्न मुहूर्त :-* *मकर* 05:49:49 07:21:39 *कुम्भ* 07:21:39 09:10:27 *मीन* 09:10:27 10:41:42 *मेष* 10:41:42 12:22:25 *वृषभ* 12:22:25 14:21:03 *मिथुन* 14:21:03 16:34:44 *कर्क* 16:34:44 18:50:54 *सिंह* 18:50:54 21:02:43 *कन्या* 21:02:43 23:13:23 *तुला* 23:13:23 25:28:00 *वृश्चिक* 25:28:00 27:44:11 *धनु* 27:44:11 29:49:49 🚦 *दिशाशूल :-* दक्षिणदिशा – यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें । ☸ शुभ अंक…………………..2 🔯 शुभ रंग……………..केसरिया ✡ *चौघडिया :-* प्रात: 11.16 से 12.39 तक चंचल दोप. 12.39 से 02.03 तक लाभ दोप. 02.03 से 03.26 तक अमृत सायं 04.49 से 06.12 तक शुभ सायं 06.12 से 07.49 तक अमृत रात्रि 07.49 से 09.25 तक चंचल | 📿 *आज का मंत्र :-* ।। ॐ सहस्रमूर्तये नमः ।। 📢 *सुभाषितानि :-* विलम्बो नैव कर्तव्यः आयुर्याति दिने दिने । न करोति यमः क्षान्तिं धर्मस्य त्वरिता गतिः ॥ अर्थात :- विलंब करना ठीक नहि । दिन ब दिन आयुष्य कम होता है । यमराज रुकेंगे नहि, धर्म की (काल की) गति त्वरित है । 🍃 *आरोग्यं :-* *फ्लू से लड़ने के लिए आसान घरेलू उपचार -* *3. लहसुन -* लहसुन अपने एंटी-बायोटीक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-हाइपरटेंसिव, एंटी-फंगल, एंटी-वायरल, एंटी-ऑक्सीडेंट और यहां तक कि कोलेस्ट्रॉल-कम करने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। लहसुन सर्दी-जुकाम से लड़ने में काफी मददगार होता है। फ्लू होने पर सुबह उठकर शहद और लहसुन का मिश्रण आपको सर्दी से निजात दिलाएगा। ⚜ *आज का राशिफल :-* 🐐 *राशि फलादेश मेष :-* *(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)* लाभ होगा। परिश्रम का पूरा परिणाम मिलेगा। अच्छी व सुखद स्थितियाँ निर्मित होंगी। विरोधी आपकी छवि खराब करने का प्रयास कर सकते हैं। पुराने संगी-साथियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। व्यावसायिक सफलता से मनोबल बढ़ेगा। 🐂 *राशि फलादेश वृष :-* *(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)* वाणी पर नियंत्रण रखें। लाभ होगा। व्यवसाय अच्छा चलेगा। कार्य क्षेत्र में नई योजनाओं से लाभ होगा। प्रयास सफल रहेंगे। प्रशंसा प्राप्त होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। लगन, मेहनत का उचित फल मिल सकेगा। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें। विवाद सुलझेंगे। 👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-* *(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)* अस्वस्थता बनी रहेगी। खुद के प्रयत्नों से ही जनप्रियता एवं सम्मान मिलेगा। पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। धैर्य रखें। रोजगार के क्षेत्र में संभावनाएँ बढ़ेंगी। स्थायी संपत्ति संबंधी खटपट हो सकती है। 🦀 *राशि फलादेश कर्क :-* *(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)* व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। नए कार्यों, योजनाओं की चर्चा होगी। लाभदायी समाचार आएँगे। समाज में आपके कार्यों की प्रशंसा होगी।पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग को सफलता मिलेगी। साहस, पराक्रम बढ़ेगा। विश्वासप्रद माहौल रहेगा। 🦁 *राशि फलादेश सिंह :-* *(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)* रोजगार मिलेगा। संतान के स्वास्थ्य में सुधार होगा। सोचे कामों में मनचाही सफलता मिलेगी। चोट व रोग से बाधा संभव है। बेचैनी रहेगी। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। व्यापारिक निर्णय समय पर लेना होंगे। पुरानी बीमारी उभर सकती है। .🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-* *(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)* राजकीय सहयोग मिलेगा। कार्यकुशलता सहयोग से लाभान्वित होंगे। काम में मन लगेगा। शारीरिक कष्‍ट से बाधा संभव है। भागदौड़ रहेगी। घर-परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। स्वयं का सोच अनुकूल रहेगा। रिश्तेदारों से संबंधों की मर्यादा बनाए रखें। ⚖ *राशि फलादेश तुला :-* *(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)* जोखिम व जमानत के कार्य टालें। परिवार की स्थिति अच्छी रहेगी। रचनात्मक काम करेंगे। कर्मचारियों पर निगाह रखें। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। परिवार की समस्या का उचित समाधान होगा। 🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-* *(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)* कानूनी बाधा दूर होकर लाभ होगा। पूँजी निवेश बढ़ेगा। पहले किए गए कार्यों का लाभदायी फल आज मिल सकेगाधर्म-कर्म में रुचि रहेगी। यात्रा सफल रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। । संतान के कामों से खुशी होगी। व्यापार-व्यवसाय में तरक्की होगी। 🏹 *राशि फलादेश धनु :-* *(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)* नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। किसी मामले में कटु अनुभव मिल सकते हैं। सरकारी, कानूनी विवाद सुलझेंगे। घर-बाहर तनाव रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। जल्दबाजी न करें। जोखिम, लोभ, लालच से बचें। नया काम, व्यवसाय आदि की बात बनेगी। 🐊 *राशि फलादेश मकर :-* *(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)* यात्रा सफल रहेगी। आपसी मतभेद, मनमुटाव बढ़ेगा। किसी से मदद की उम्मीद नहीं रहेगी। आर्थिक समस्या बनी रहेगी। विवाद से क्लेश होगा। शारीरिक कष्ट संभव है। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यसनाधीनता से बचें। व्यापार, रोजगार मध्यम रहेगा। 🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-* *(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)* व्यवसाय ठीक चलेगा। नवीन मुलाकातों से लाभ होगा। आमदनी बढ़ेगी। फालतू खर्च होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता रहेगी। रुका धन मिलने से निवेश में वृद्धि होने के योग हैं। उदर संबंधी विकार हो सकते हैं। 🐋 *राशि फलादेश मीन :-* *(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)* जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवाद न करें। नौकरी करने वालों को ऐच्छिक स्थानांतरण एवं पदोन्नति मिलने की संभावना है। रोजगार मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें। ☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।* *।। शुभम भवतु ।।* 🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

*प्रशासक समिति✊🚩* (०३/०३) 🥔🍎🌽🥕 📣 *मनुष्य स्वाभाविक रूप से शाकाहारी हैं* ■■■■■■■■■■■■■■■ 🔆 *प्रसिद्द वैज्ञानिक डॉ स्वामी सत्यप्रकाश जी द्वारा एक परिक्षण मनुष्य को प्राकृतिक रूप से शाकाहारी सिद्ध करने के लिए किया था।* 🔆 *उन्होंने गौ से भरे हुए बाड़े में मानव शिशु को छोड़ दिया , सभी गौ आराम से चरती रही और किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।* 🔆 *उसी बाड़े में उन्होंने शेर के एक छोटे शावक को छोड़ दिया , उसे देख कर सभी गौ ठिठक गई और चरना छोड़कर रक्षात्मक रूप से खड़ी होकर उसे एक तक घूरने लगी।* *इस परिक्षण से यही सिद्ध हुआ की मनुष्य स्वाभाविक रूप से शाकाहारी हैं।* . 🛡️ *शाकाहार और मांसाहार –* *⚜️1. ऐसा कहा जाता है एथलीट्स को मजबूत होने के लिये मीट खाने की जरूरत होती है।”* *👉सुशील कुमार ( ओलंपिक पदक विजेता} शाकाहारी है। मांसाहारी देश जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश, सोमालिया, सऊदी अर्ब, ईरान, ईराक आदि ओलंपिक सूची मे कहाँ हैं?* *⚜️2. “अकेले मेरे मांसाहार छोड़ने से कुछ नहीं बदलेगा।”* *👉प्रभाव पड़ता है।1 परिवार कम से कम 30 पशुओं को हर साल बचा सकता हैं। सिर्फ़ अमेरिका में लोगों ने पाँच साल पहले के मुकाबले पिछले साल कोई 400 कम जानवर खाए। और ऐसा ही भारत में भी हो रहा है। समय बदल रहा है।* *⚜️3. “हमें प्रोटीन के लिये मांस खाना चाहिये।”* *👉नहीं, ऐसा जरूरी नहीं है। प्रोटीन वनस्पतीय भोजन में भी प्रचुरता से भरे होते हैं। बीन्स (सेमफ़ली), मेवा से टोफ़ू और गेहूँ…. आपको पर्याप्त प्रोटीन प्राप्त करने के लिये मांसाहार की जरूरत नहीं है। यह एक मिथक है। । यदि मांस और प्रोटीन से ही स्वास्थ्य होता तो — अमेरिका मे 62% मोटे ना होते। पाकिस्तान मे दुनिया की सबसे अधिक जेनिटिक (अनुवानशींक) बीमारी नहीं होती।* *⚜️4. “फ़ार्म में पशुओं के साथ मानवीय व्यवहार होता है।”* *👉दूर-दूर तक नहीं। खाने के लिये पाले जाने वाले पशुओं में 95 प्रतिशत से अधिक फ़ैक्ट्री फ़ार्म में घोर कष्टमय जीवन जीते हैं। गंदे, तंग केज में खचाखच ठूँसे हुए, बिना दर्दनिबारक के अंग-भंग की पीड़ा सहने को मजबूर, और निर्दयतापूर्वक बध किये जाते हैं। यकीन नहीं होता ? तो youtyube पर टर्की पक्षी के पंख हटाने की प्रक्रिया देखिए। इतना ही नही फार्महाउस पर पशुओं और पक्षियों को बड़ी मात्रा मे अंटीबायोटिक व कृमिनाशक दवाई दी जाती है। यह दवाइया मांस के साथ अल्प मात्रा मे हमारे शरीर मे पहुँचती है। मानव शरीर मे जीवाणु इन दवाइयों के प्रति प्रतिरोध उत्पन्न कर लेते हैं। इससे हमारी बीमारी आदिक जटिल होती जा रही हैं।* *⚜️5. “मुझे शाकाहारी आहार पसंद नहीं है।”* *👉तो क्या आपको फ़्रेंच-फ़्राइज और पास्ता पसंद नहीं है? डोसा,-चटनी और ढोकला के बारे में क्या ख्याल है? मिठाइयाँ सभी पसंद करते हैं। आप अक्सर शाकाहारी भोजन खाते हैं और पसंद भी करते हैं लेकिन सिर्फ़ कहते नहीं है।* *⚜️6. “शाकाहारी होना अस्वास्थ्यकर है।”* *👉यदि मांसाहारी स्वस्थ होते तो पाकिस्तान ब्ंग्लादेश मे 100 % स्वस्थ होते. शाकाहारी प्रदेश हरियाणा, राजस्थान के लोग मांसाहारी बंगाल या केरल से अधिक स्वस्थ हैं।* *⚜️7. “लोग हमेशा से मांस खाते आए हैं और खाते रहेंगे।”* *👉माफ़ कीजिए…! यह सत्य नहीं है। मानव इतिहास में कई संस्कृतियाँ मांसाहार से परहेज करती हैं। वैदिक मान्यता के अनुसार जीने वाले प्राचीन भारतीय मांस नहीं खाते थे। कुछ चीजें बीते समय में होती थी तो इसका मतलब यह नहीं कि हम उसे जारी रखें। कल तक TB जानलेवा थी। आज नहीं। तो क्या आज भी इसका इलाज ना करवाएँ?* *⚜️8. “मेरे शरीर को मीट की जरूरत है।”* *👉नहीं, कोई जरूरत नहीं है। नंबर 6 फिर से पढ़िये। आपका शरीर इसके बिना कहीं ज़्यादा अच्छा रहेगा।* *⚜️9. “मांसाहार छोड़ दिया तो पूरे पृथ्वी पर मुर्गी और बकरी ही होंगी।”* *👉अगर लोग मांस खाना छोड़ देंगे तो फ़ार्मर्स पशुओं की ब्रीडिंग करना छोड़ देंगे। 99% मांस और अंडा मीट फार्मिंग से ही आता है*. *⚜️10. “पूरी दुनियाँ को खिलाने का एक मात्र उपाय फ़ैक्ट्री फ़ार्मिंग ही है।”* *👉एक मिनट..! फ़ैक्ट्री फ़ार्मिंग न केवल जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण है बल्कि इससे भारी बर्बादी भी होती है। एक किलो मांस के उत्पादन के लिये 16 किलो अनाज लगता है। जरा सोचिये…! उन अनाज से कितने लोगों का पेट भर सकता है।* *⚜️11- मांसाहारी बुद्धिमान होते हैं. जैसे अमेरिका, यूरोपीय देश या चीन.–* *👉58 मुस्लिम देश. 100% मांसाहारी. विश्व की मुख्य 500 युनिवर्सिटी में 1 भी इनमे नहीं. 100 बड़े चिकित्सालय में इनका नाम नहीं . जमीन तेल निकालने की योग्यता नहीं. अमेरिकन इंजिनियर निकालते हैं. बड़ी बिल्डिंग जैसे बुर्ज खलीफा के निर्माण योजनाकार अमेरिकी और यूरोपीय* तेल बेचने से पहले वेे दुर्दांत कबीले ही थे।  . *⚜️12- . टीवी में भी कहते हैं. सन्डे हो या मंडे रोज खाओ अंडे* *👉यह विज्ञापन पैसे के कारण दिखाई देता है. अंडा उत्पादन करने वालों की यूनियन इसके लिए पैसा देती है.* *⚜️13- कसाई (Butcher} शरीर से मजबूत होते हैं.* *👉इसका कारण उनका व्यवसाय नहीं मानसिकता है. अत्यन्त निर्दयी होने से उनमे मानव सुलभ संवेदनाए नहीं रहती. वे किसी भी बात को लेकर कभी आत्मग्लानि या पश्चाताप नहीं करते. चिन्ता से परेशान नहीं होते. हरियाणा में जो चरवाहे ( जिन्हें हरियाणा में पाली} कहते हैं शाकाहारी होते थे. आज से 30 साल पहले मजबूत शरीर के होते थे.क्योंकि वे सारा दिन मस्त रहते थे और चिन्ता नहीं करते थे.. कुछ सालों से शराब और नशे ने उनके स्वास्थ्य को चौपट कर दिया है* 🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️

भगवान परशुराम झारखंड के इस जंगली इलाके में स्थ‍ित इस मंदिर में भोलेनाथ के शाश्वत रूप में हैं। स्थानीय आदिवासी ही यहां के पुजारी है। यहां अधिकतर सावन और महाशिवरात्रि के दिन ही शिवभक्तों की भीड़ उमड़ती है। आश्चर्य की बात ये है कि खुले आसमान के नीचे धूप, छांव, बरसात- का कोई असर इस त्रिशूल पर नहीं पड़ता है इसमें कभी जंग नहीं लगता। भगवान परशुराम दशावतार में शिव हैं और क्षत्रियवंशीय राम के परम भक्त भी हैं, वे सदैव एक दूसरे का चिंतन-मनन ध्यान स्तवन करते हैं वे भगवद्स्व रूप में एक ही हैं। और सूक्ष्म शरीरों से सदैव विचरण करते हैं।  भगवान परशुराम और क्षत्रिय विवाद यह वह विवाद है, जिसे धार्मिक लोग छूना तक पसन्द नहीं करते । उन्हें लगता है, जातीय एकता के लिए इस मामले में चुप रहना ही उचित है —— लेकिन हमारी चुप्पी के पीठ पीछे ” भगवान ” श्रीविष्णु” के अवतार परशुराम जी को ही आधार बनाकर पूरी ब्राह्मण-क्षत्रिय कम्युनिटी में जहर घोला जा रहा है ।। सबसे पहले तो आपको यह पता होना चाहिए, परशुराम और क्षत्रिय विवाद केवल परशुराम से शुरू नही हुआ था, यह विवाद तो काफी ज्यादा पुराना था । #और्व ऋषि के समय से ।। और्व ऋषि – ऋषि च्वयन के पुत्र थे । ओरव ऋषि के कुल में ही रुचिक ऋषि का जन्म हुआ था । रुचिक के पुत्र जमदग्नि थे, और जमदग्नि के पुत्र थे भगवान परशुराम ।। ” वर्तमान अरब देश और्व ऋषि के नाम का ही अपभ्रंस है ” अरब के पास ही पर्शिया है – वह परशुराम के नाम पर ही है । जिसे बाद में अर्जुन ने जीता, ओर उस देश का नाम पार्थ उर्फ पार्थिया पार्थियन देश हुआ ।। वह आजकल ईरान है ।” महाभारत के वनपर्व में वर्णन है, की एक मामूली विवाद ने इतना तूल पकड़ा, की क्षत्रियो ने भृगुवंश का पूरा सुफड़ा ही साफ कर दिया ।। गर्भ में पल रहे शिशुओं तक को मारा गया ।। एकमात्र ऋषि और्व ही किसी तरह बच पाएं, क्यों की उनकी रक्षा इंद्र ने कर ली । और्व ऋषि बड़े हुए, योग्य हुए ।। और इतने समर्थ हो चुके थे, की तीन लोक में उन्हें कोई नही हरा सकता था । उन्ही और्व ऋषि ने प्रण ले लिया, की एक भी क्षत्रिय अब मैं जीवित नहीं छोडूंगा ।। तब उनके पितरों , देवताओ ने और्व ऋषि को समझाया, की सभी क्षत्रियो का दोष नही है । कोई भी दुःख हमारे ही पाप का फल है, तो व्यर्थ में क्रोध न् करो, ओर क्षत्रिय विनाश की बात अपने दिमाग़ से निकाल दो । तब और्व ऋषि ने अपना क्रोध शांत किया, तथा स्वयं जल में समा गए । क्यो की प्रण ले लिया था, अब या तो क्षत्रियो का विनाश करें, या स्वयं का । महान और्व ऋषि स्वयं जल में समाहित हो गए । क्षत्रियो तथा ब्राह्मणो ने पुनः प्रेम हो गया ।। फिर समय बीता, हमारे जैसे ही उत्पाती लोगो ने इस मामले को फिर से हवा दी । फिर से वही घटनाएं होनी शुरू हुईं ।। ओर जमदग्नि समेत पूरा भृगु वंश मारा गया ।। परशुराम जी को पुराने जख्म भी थे ही ।। उन्होंने अपने आसपास जितने क्षत्रिय थे सबका नाश किया ।। परशुरामजी ने भी गर्भ में पल रहे बच्चो तक को मारा । जो पूर्व में उनके परिवार के साथ हुआ, ठीक वही किया ।। लेकिन परशुराम स्वयं जानते थे, की यह सब जो हो रहा है, इसे करने के लिए उनकी आत्मा तैयार नहीं है । वह मात्र अपने पितर के प्रण को पूरा कर रहे है, जिससे उन्हें मुक्ति मिले ।। इस विनाश के बाद परशुरामजी ने अपने जीवन के सभी सुख त्याग दिए । विवाह तक नहीं किया, की कहीं मेरा वंश आगे चल गया, तो यह विवाद पुनः खड़ा हो जाएगा ।। पहले क्षत्रियों की तरफ से हिंसा हुई ईश्वर ने उन्हें इस बात का दंड दे दिया । ब्राह्मणो में साथ हिंसा इसलिए हुई की उनका भी कोई पुराना पाप आगे आया।  लेकिन ब्रह्म ऋषि परशुराम जी ने सन्यास लेकर उस सभी विवाद पर पक्का ताल बना दिया ।। आज उन्हीं परशुराम जी के नाम पर ब्राह्मण-क्षत्रिय को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है , जो स्वीकार्य नही है ।। ” शास्त्र कहते हैं, कि श्रेष्ठ क्षत्रिय को हमेशा अपने साथ पुरोहित(ब्राह्मण) रखना चाहिए , अगर योग्य ब्राह्मण क्षत्रिय के साथ हो, तो क्षत्रिय इंद्र से भी नहीं हार सकता ।। और ब्राह्मणों को स्मरण रहें , क्षत्रियों के अतिरिक्त आपका दूसरा ” नाथ ” कोई नहीं है ।। आपका अस्तित्व बनाये रखने के लिए क्षत्रियों ने अपने सिर कटाएँ हैं, पत्नियों-नवजात शिशुओं को अग्नि का ” होम” बनाकर आपकी रक्षा हेतु ” जौहर यज्ञ ” किया हैं। ब्राह्मण-क्षत्रिय के बलिदान और त्याग पर मिट्टी ना फेरें …..समूची धरती के सतयुुग के महाराजा मनु महाराज ने वर्ण व्यवस्था को कार्यों को स्वेच्छा से वरण करने की व्यवस्था तक सीमित कर दिया और सदैव के लिए वर्ण विभेद समाप्त कर दिया है। उसके बाद से अखंड भारत वर्ष में कभी वर्ण द्वेष नहीं रहा। तब से धरती के मनुष्य अपनी इच्छानुसार कार्यों (पेशों) का वरण कर अपना वर्ण निर्धारित स्वयं कर सकते हैं  इसलिए अब परा सतयुगीन उस शाकाहारी और मांसाहारी विवाद को आज के संदर्भ में देखना अनुचित और अधर्म है, हमें स्मरण रखना चाहिए कि भगवान परशुराम दशावतार में शिव हैं और क्षत्रियवंशीय राम के परम भक्त भी हैं, राम और परशुराम सदैव एक दूसरे का चिंतन-मनन ध्यान स्तवन करते हैं वे भगवद्स्व रूप में एक ही हैं। चिता भस्मालेपो गरल शमनम् दिक्पटधरो। दशों दिशाओं को धारण करने वाले शिव ही भगवान राम हैं परशुराम हैं। जो मनुष्य इनमें विभेद करता है वह पाप का भागी बना है और समूल नष्ट हो जाता है। वैसे भी संस्कार और पुरुषार्थ एक दूसरे से अलग करेंगे तो मानवता कहां बचेगी एक अराजक और व्यभिचारी समाज ही पैदा होगा।