आज का पंचाग आपका राशि फल, भजन कीर्तन और देवदर्शन छोटी आयु से ही अविलंब आरंभ करें, हरिसिंह नलवा जैसे महा बलशाली और पराक्रमी वीर का नाम इतिहास से किसने छिपाया?

*🙏🏻ॐ सूर्यो देवाय नमः🙏🏻*
*पुण्य लाभ के लिए इस पंचांग को औरों को भी अवश्य भेजिए🙏🏻🙏🏻*🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 18 दिसम्बर 2022*
🌤️ *दिन – रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2079*
🌤️ *शक संवत -1944*
⛅ *सूर्यायन _ दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु _ हेमंत*
⛅ *मास _ पौष*
🌑 *पक्ष _ कृष्ण*
⛅ *तिथि _ दशमी रात्रि 03:32 तक तत्पश्चात एकादशी*
🌟 *नक्षत्र _ हस्त 10:18 तक तत्पश्चात चित्रा*
⛅ *योग _ शोभन अगली सुबह 05:23 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
🌥️ *करण _ वणिज दोपहर 03:43 तक तत्पश्चात विष्टि*
🌜 *चन्द्र राशि _ कन्या*
🌞 *सूर्य राशि _ धनु*
🌑 *राहुकाल _ शाम 04:10 से शाम 05:27:56 तक*
🌞 *सूर्योदय _ 07:12*
🌒 *सूर्यास्त _ 05:27*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *मन की शान्ति* 🌷
🌿 *मोर पंख आसन के नीचे रखने से मन में शान्ति मिलती है, ध्यान भजन में मन लगता है ।*
🙏🏻 *पूज्य बापूजी -13th Nov’08 Vadodara*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *बच्चों का रोना* 🌷
🍼 *रात को बच्चे उठकर रोते हैं तो दूध आदि पिलाकर/पिलाते हुए सिर पर हाथ घुमाते हुए गुरु मंत्र जप करें, तुलसी की माला पहनाये।*
🙏🏻 *सुरेशानंदजी -14th Dec’08, Rohini(Delhi)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷*भोजन के पहले और बाद में*🌷
👉🏻 *भोजन के पहले और बाद में चिंता की बात न सुनो, न सुनाओ; किसी को दुःख की बात सुनानी हो तो देर से सुनाओ, जरा बुद्धिमानी से सुनाओ; दुःख सहने की शक्ति भरते हुए उसे दुःख की बात बताओ*
🙏🏻 *पूज्य बापूजी -25th Jan’09, Vrindavan*
📖 *वैदिक पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *वैदिक पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
*आज का राशिफल*
🐐🐂💏🦀🦁⚖️🦂🐊🐅👩
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन भी अधिकांश समय परिस्थिति चिंता मुक्त रहेगी। लेकिन भ्रामक खबरों पर देख-भाल कर ही यकीन करें अन्यथा जल्दबाजी में गलत निर्णय हानि करा सकता है। कार्य व्यवसाय में किसी के बेवजह दखल देने से दुविधा में पड़ सकते है बुजुर्ग व्यक्ति ही इससे बाहर निकालने में मददगार बनेंगे। आज स्वयं के लिए निर्णय ज्यादा प्रभावी साबित होंगे प्रलोभनो से बच कर रहें। धन लाभ जरुरत के अनुसार अवश्य हो जाएगा। महिला वर्ग आज किसी काम के बिगड़ने से चिंतित रहेंगी परन्तु थोड़े अतिरिक्त श्रम के बाद स्थिति सामान्य बन जायेगी। संतानो के ऊपर नजर रखना आवश्यक है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन राहत देने वाला रहेगा। कुछ समय से चल रही परेशानियों में कमी आएगी। स्वास्थ्य पेट सम्बंधित समस्याओं को छोड़ ठीक रहेगा लापरवाही के कारण अन्य रोग होने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर माहौल खुशनुमा रहेगा आपके विचार सहकर्मियो को प्रभावित करेंगे। नौकरीपेशा जातको को भी अतिरिक्त आय के साधन बनेंगे। व्यवसायी वर्ग अपने कार्यो से संतुष्ट रहेंगे बीच में धन की आमद होने से खर्च चलते रहेंगे। धार्मिक कार्यो में रूचि रहेगी दान-पुण्य के अवसर मिलेंगे। महिला वर्ग भी आज पारिवारिक वातावरण से प्रसन्न रहेंगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
पिछले कुछ दिनों से चल रही आर्थिक स्थिति आज भी यथावत रहेगी प्रयास करने पर कही से खर्च लायक साधन जुटा लेंगे लेकिन मन मे भविष्य को लेकर दुविधा लगी रहेगी। कार्य व्यवसाय में आज निरंतर मिल रही असफलता से क्षुब्ध होकर कोई गलत कदम या निर्णय ले सकते है धीरज से काम ले अन्यथा आगे होने वाले लाभ से भी दूर हो सकते है। भूमि भवना संबंधित कार्यो से जुड़े लोग निवेश से बचे धन फंसने की सम्भवना है। धर्म-कर्म में निष्ठा रहेगी लेकिन व्यवहार पूर्ति के लिए ही समय देंगे। दोपहर बाद का समय थोड़ा राहत भरा रहेगा किसी पुराने परिचित से भेंट आनंदित करेगी। परिवार कुटुम्ब का सुख अपेक्षाकृत कम ही रहेगा। सेहत में कुछ समय के लिये नरमी रहेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपको आकस्मिक लाभ की सम्भावनाये बन रही है। जोखिम वाले कार्यो से डर लगेगा परन्तु शीघ्र ही इसके बेहतर परिणाम मिल सकते है। आज किसी अनजान व्यक्ति से उधार का व्यवहार ना करें डूबने की आशंका है परंतु उधारी चुकाने के लिए दिन उत्तम है। धन लाभ रुक रुक कर होगा खर्च भी विशेष रहेंगे फिर भी कई दिनों का कोटा पूर्ण कर लेंगे। संध्या तक व्यावसायिक कार्यो से निश्चिन्त हो सकेंगे। नौकरी पेशा जातको को आज कार्य क्षेत्र पर तालमेल बैठाने में संघर्ष करना पड़ेगा। अधिकारी वर्ग अकारण नाराज रहेंगे। दाम्पत्य जीवन में थोड़े उतार-चढाव आ सकते है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आप जहाँ भी रहेंगे वहीँ आलस्य प्रमाद फैलाएंगे। आर्थिक लाभ की उम्मीद न एक बराबर रहेगी परन्तु खर्चो में कमी लाने में सफल रहेंगे जिससे धन सम्बंधित समस्या नहीं बनेगी। दिनचर्या के अधिकांश कार्य परिजनों के सहयोग द्वारा पूर्ण हो जाएंगे। दोपहर के बाद किसी आवश्यक कार्य के पूर्ण होने से राहत मिलेगी।
घर की महिलाओं से मामूली बात पर नोक झोंक हो सकती है फिर भी शांति बनी रहेगी। सन्तानो से मित्रवत व्यवहार रहेगा। रिश्तेदारो के विषय में कोई अप्रिय समाचार मिलने से थोड़े समय की चिंता बनेगी। संध्या का समय पूरे दिन की अपेक्षा सुख दायक रहेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आप सौंदर्य के प्रति विशेष आकर्षित रहेंगे। मौज शौक साज सज्जा के सामान पर दिल खोल कर खर्च करेंगे। कार्य व्यवसाय में किसी बहुप्रतीक्षित काम के बनने से धन की आमद होगी लेकिन थोड़ा बहुत विलंब होने से हतोत्साहित ना हो। आज शत्रु पक्ष भी आपके कार्यशैली से प्रभावित होंगे बीच मे व्यवधान भी डालने का प्रयास करेंगे लेकिन असफल ही रहेंगे। संतान का सहयोग कार्य क्षेत्र पर मिलेगा लेकिन विचारो में अंतर रहने के कारण तालमेल बैठाने में परेशानी आयेगीं। पैतृक कारणों से पिता से अनबन हो सकती है नरमी से काम ले वरना भविष्य के लिये हानिकर रहेगा। दर्द अकड़न की शिकायत आज भी रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन संघर्षमय रहेगा। दिन के प्रथम भाग में ही थोड़ी शांति अनुभव करेंगे लेकिन इसके बाद किसी कारण से भय बना रहेगा कार्य व्यवसाय को लेकर मन मे चल रही दुविधा का हल ना निकलने पर स्थित गंभीर होने की सम्भवना है। व्यवसायी वर्ग कार्य क्षेत्र पर अग्नि अथवा अन्य प्रकार की हानि को लेकर पहले ही सतर्क रहें बाद में पछताने के अलावा कुछ नही कर सकेंगे। निवेश भूल कर भी ना करें डूबने की संभावना है। सभी प्रकार के आर्थिक लेनदेन दोपहर से पहले ही कर लें। आज पिता के अलावा अन्य किसी की मदद नही मिलेगी निराशा में संबंध खराब ना हो इसका भी ध्यान रखें। घरेलू माहौल में उदासीनता अधिक रहेगी। स्त्री वर्ग के स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। सेहत मध्यान बाद अकस्मात खराब हो सकती है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। सार्वजनिक एवं व्यावसायिक क्षेत्र पर व्यवहारिकता से नए संबंध बनाएंगे। कार्य व्यवसाय में थोड़ा उतार चढ़ाव लगा रहेगा अकस्मात वृद्ध होगी कुछ ही देर में उदासीनता छा जाएगी। धन लाभ को लेकर आज किसी भी तरह की कसर नही छोड़ेंगे फिर भी आशाजनक नही हो सकेगा। व्यवहारिकता के बल पर ही लाभ कमाया जा सकता है छोटे मोटे नुकसान होने पर बहस से बचे। आज पैतृक कार्यो से लाभ भी होगा एवं इनके ऊपर खर्च करना पड़ेगा। भाग्य का साथ मिलने से कुछ रुके कार्यो में गति आएगी। परिवार अथवा रिश्तेदारी में किसी समारोह के कारण खर्च में वृद्धि होगी। सेहत सामान्य रहेगी खर्च के कारण मानसिक बेचैनी रह सकती है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन व्यापारी वर्ग को लाभदायक सौदे मिलेंगे। भविष्य की योजनाओं पर भी धन का निवेश करेंगे साथ ही बचत भी कर पाएंगे। व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा रहने पर भी आपके कार्य निर्विघ्न चलते रहेंगे परन्तु बीच-बीच में सहकर्मियो के कारण थोड़ी असुविधा बन सकती है। धन लाभ आशा के अनुरूप हो जाएगा कार्य के नए क्षेत्र मिलेंगे। मित्र स्वयजनो के साथ धार्मिक यात्रा के योग भी बनेंगे। महिला वर्ग सेहत को लेकर परेशान रह सकती है थकान अधिक रहेगी स्वभाव में भी चिड़चिड़ा पन रहने से घरेलु कार्य अस्त-व्यस्त रहेंगे। सन्तान पढ़ाई पर कम ध्यान देंगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज दिन के आरम्भ में अन्य दिनों की तुलना में अधिक पूजा पाठ करेंगे। लघु धार्मिक यात्रा के भी योग है। कार्य व्यवसाय में आज भाग दौड़ अधिक करनी पड़ेगी परन्तु इसका परिणाम आशा से कम ही रहेगा लेकिन आज मेहनत का फल कम ही सही मिलेगा जरूर। सरकारी कार्य बनते बनते अंत समय मे किसी कमी से अधूरे रह जाएंगे कोर्ट कचहरी के कारण खर्च बढ़ेगा। नौकरी पेशाओ को अधिकारी वर्ग से तालमेल बनाने में परेशानी आएगी कहा सुनी भी हो सकती है। दोपहर के बाद किसी भी कार्य मे सफलता के नजदीक पहुच कर भी निराश होना पड़ेगा लेकिन सब्र बनाये रखें आने वाला समय आपके पक्ष ने ही रहेगा। परिवार मे वातावरण छोटी सी गलतफहमी के कारण उग्र होगा कुछ ही देर में शांत भी हो जाएगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आपके अंदर साहस की कमी रहेगी लोगो के सामने अपनी शेखी दिखाएंगे लेकिन अंदर से हालात कायर जैसे रहेंगे। दिन का पहला भाग शुभ समाचार मिलने से आनंद में बीतेगा लेकिन दोपहर के बाद कार्य व्यवसाय के साथ रिश्तेदारी के कारण अतिरिक्त भाग दौड़ करनी पड़ेगी। कार्य क्षेत्र पर आज मनमानी का परिणाम विपरीत मिलेगा लाभ की जगह धन फंसा लेंगे। सहकर्मी के साथ भी व्यवहार असामान्य रहेगा लोग मुह पर उल्टा जवाब देंगे धैर्य की कमी के कारण तकरार बढ़ भी सकती है। अड़ियल रवैये के कारण स्वयं ही नए शत्रु बढ़ाएंगे। संध्या के समय परिजन नाराज होने पर भी सहयोग करेंगे आपकी मानसिकता भी बदलने से शांति मिलेगी। आकस्मिक यात्रा के योग बन रहे है लाभदायी ही रहेगी लेकिन सेहत का ध्यान रखना होगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आप अपने महत्त्वपूर्ण कार्यो में सफलता पाने के लिये जी जान से प्रयत्न करेंगे आरम्भ में इनमे असफलता नजर आएगी परन्तु मध्यान के बाद परिश्रम का फल मध्यम ही सही लेकिन अवश्य मिलेगा। मन भटकेगा भी परन्तु एकाग्र होकर कार्यो में लगे रहें। व्यवसाय में आज जिस योजना पर कार्य करेंगे निकट भविष्य में वह धन लाभ कराएगा। घर एवं बाहर बडबोलेपन के कारण सम्मान हानि हो सकती है आवश्यकता से अधिक ना बोलें। घरेलु कार्यो के कारण अतिरिक्त श्रम करना पड़ेगा। महिला वर्ग पारिवारिक सम्बन्धो को जोड़े रखने में सहायक रहेंगी। आर्थिक कारणों से आज किसी से ना उलझें।
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
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〰〰〰🙏राधे राधे🙏〰〰〰〰
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  एक दल के बड़े नेता कहे थे भारत
तो सुई भी नहीं बना सकता था जब हमे आजादी मिली थी ,,😡
तो उन्हें बताना चाहिए पांच हजार वर्ष पहले ये मंदिर भारत के हिंदूओं ने ही बनाये हैं। 

इसे कागज पर भी बना 
तो मान जाएंगे तुम्हें!
इसे जूम कर के देखिए, कागज़ पर
भी इतना सुन्दर चित्र बनाना कठिन है।
कोदण्ड राम मंदिर पूर्व गोदावरी आंध्र प्रदेश।

इससे पहले कि आपके पैर असहाय हो जायें और घुटनों में गठिया का रोग पकड़ ले , घुटने जवाब दे दें , अपने तीर्थ स्थानों में जितना हो सके भ्रमण करें ।

इससे पहले कि आपका शरीर थकने लग जाये, केदारनाथ से लेकर हर सुदूर पहाड़ों, मंदिरों और तीर्थस्थलों का बिना थके भ्रमण कर लीजिए ।

इससे पहले कि आपकी आँखों से दिखना कम हो जाये , मंदिरों , देवालयों और उनके सुंदर सुंदर विग्रहों के दर्शन कर लीजिए ताकि समय आने पर रूप ध्यान साधना में सहायक हो सके। 

इससे पहले कि आपके कानों से सुनना कम हो जाये , भगवान के गुणों , लीलाओं को , कीर्तियों को ( कीर्तन ) को जी भर कर सुन लीजिए । महापुरुषों और संतों का संग करके उनके अमृत वचनों और ज्ञान की बातों से अपना हृदय मन और बुद्धि को भर लीजिए क्योंकि यही अन्ततः काम आएगा ।

इससे पहले कि आपका कंठ वृद्धावस्था एवं रोग के कारण अवरुद्ध हो जाये , कर्कश हो जाये , कफ से कंठ जाम हो जाये , खांसी से कंठ के तार तार टूट कर बिखर जाएं , हरि का गुणगान , उनकी कीर्तियों का , उनकी लीलाओं का , उनके नाम का , उनके गुणों का मुक्त कंठ से होकर गायन और वाचन करिये ।

इससे पहले कि आपकी जिह्वा वृद्धावस्था और रोगों के कारण मोटी हो जाये , बझने लगे , बोलने में कठिनाई आने लगे , हरिनाम और और उनके गुणों की चर्चा कर लीजिए ।

महापुरुषों , संतों , भक्तों , रसिकों का संग प्राप्त कर उनसे ज्ञान और अपने कल्याण संबंधी चर्चाओं को कर लीजिए , उनसे प्रश्न पूछिये , धर्म और आध्यात्म आधारित प्रश्नों की बौछार कर लीजिए वरना मन में अपने ही शास्त्रों और भगवद सम्बन्धी शंकाओं को लेकर ही मरेंगे और अधम गति की प्राप्ति होगी ।

इससे पहले कि आपकी जिह्वा रस लेना बंद कर दे , पेट की पाचन शक्ति कम हो जाये , व्रत उपवास इत्यादि कर शरीर और मन को बलिष्ठ बना लें और भगवान के विभिन्न भोगों के रस का आनंद प्राप्त कर लें ।

इससे पहले कि आपके हाथ काँपने लग जायें , अशक्त हो जायें , भगवान के विग्रहों के श्रृंगार से लेकर उनकी सेवा कर अपने भविष्य की साधना के लिए संग्रह कर लें ।

इससे पहले कि आपके पैर शिथिल हो जाये , थर थर काँपने लगे , भगवान्नम रस में उन्मत्त होकर नृत्य कर लें , धामों की परिक्रमा कर लें , दीवाना बनकर उनके रस में डूबकर प्रेमाश्रु छलकाते हुए घनघोर नृत्य कर लें । ऐसे अनुभवों को सहेज कर रख लें ताकि जब आप अशक्त होकर चारपाई पकड़ लें तो इन्हीं के सहारे आप आनंदित होकर अपनी साधना के मार्ग को प्रशस्त रख सकें ।

इससे पहले कि आपका धन खत्म हो जाये , विषय वासना , दारू और अन्य विषयी भोगों में लग जाये , सुपात्र को दान देकर अपना धन शुद्ध कर लें।
वरना आपका धन बैंक की तिजोरियों में भरा रहकर सड़ जाएगा , चोरी हो जाएगा , business में अथाह नुकसान होकर खत्म हो जाएगा , लूट लिया जाएगा आपके ही रिश्तेदारों द्वारा और जब आप खटिया पकड़ लेंगे तब जिनके लिए आप यह धन इकट्ठा कर रहे हैं गधों की तरह पिस पिस कर , यही आपको 2 रोटी टुकड़ा फ़ेंककर आपके ही पैसों से ऐश करेंगे और मरने के बाद आपके शव को बिजली से जलाकर त्रैरात्रि कर मौज करेंगे और आप हीनतर योनियों में अथाह कष्ट पाते हुए भटकते रहेंगे।

इससे पहले कि आपकी घ्राण शक्ति या सूँघने की क्षमता खत्म हो जाये , जाकर अपने तीर्थस्थानों में मंदिरों में यज्ञ , हवन , अगरबत्ती , भगवान के गले में पड़ी हुई गुलाब , मोगरा , बेला , तुलसी इत्यादि की सुगंध जी भर कर ले लीजिए ।

इससे पहले कि आपके आँखों के देखने की शक्ति मंद पड़ जाए ,शिथिल पड़ जाए , जाईये अपने धार्मिक स्थलों के दर्शन करिये , भगवान के श्री विग्रहों के दर्शन करिये , संतों महापुरुषों के दर्शन करिये , श्री विग्रहों की सुंदरता को अपने नेत्रों द्वारा हृदय और बुद्धि में भर लीजिए क्योंकि जब आप अशक्त होंगे तो यही रूपध्यान साधना में काम आएगा ।

अपने ज्ञान के अगाध समुद्र अपने शास्त्रों को पढ़ लीजिए , संतों महापुरुषों की जीवनियाँ पढ़ लीजिए , उनके भाष्यों को पढ़ लीजिए क्योंकि अंततः यही काम आएगा ।

जाईये और ऐसे सत्पुरुषों को खोजिए और जिज्ञासु भाव ( मात्र जिज्ञासु भाव से ) से अपने आत्मिक उन्नति के विषय में प्रश्न करिये , उपनिषदों , पुराणों , वेदों और अन्यान्य संतों महापुरुषों द्वारा भाषित भाष्यों में निहित ज्ञान को समझिए , हाथ धोकर पीछे पड़ जाईये क्योंकि अंततः यही काम आने वाला है ।

और कोई काम नहीं आएगा । जब आप अशक्त होकर , रोगों से ग्रसित होकर बिस्तर पर पड़ेंगे , मल मूत्र करने के लिए भी नहीं उठ पायेंगे तो यही लोग जिनके लिए आपने गधों की तरह मर मर कर जीवन में पैसा कमाया है और अपने मानव जीवन के महत्व को नकार दिया , यही लोग आपसे दूरी बनायेंगे , आपको झक्की , सठिया गया है कहकर आपको ignore करेंगे । यह बुड्ढा या बुढ़िया जल्दी मर जाये इसकी कामना करेंगे ।
और हो सकता है यह करने के लिए भी आपके वह धनपशु न मिले क्योंकि आपने तो उन्हें विदेश या किसी दूर शहर में जो settle कर दिया है ।

सड़ सड़ कर तड़पेंगे कि यह प्राण निकल जाए पर भोग भोगने के बाद ही शरीर से प्राण निकलेंगे ।
असंख्य बिच्छुओं के एक साथ काटने के समान असह्य कष्ट होगा , आप उस कष्ट की कल्पना तक नहीं कर सकते ।

इसलिए अपने कल्याण के निमित अभी से लग जाईये ताकि आप शरीर स्वयं छोड़ सकें और वह भी न्यूनतम कष्ट से या ब्रह्मरंध्र द्वारा आनंद से ।

अन्यथा हो सकता है उन अंगों के शिथिल होने से पहले ही पूरा शरीर ही अकस्मात शिथिल न पड़ जाए ।
कुछ हाथ नहीं आएगा । समय बीता जा रहा है ।
कौन कब जाएगा और कैसे जाएगा कोई नहीं जानता लेकिन कैसे जाएगा यह स्वयं के हाथ में है।
खाली हाथ या आत्मिक आनंद और निधि से परिपूर्ण होकर ।

देर मत करो , आज से ही लग जाओ ,अभी से ही ।
समय नहीं है बिल्कुल भी ।

इसलिए भज गोविंदं भज गोविंदं गोविंदं भज मूढ़मते ।

पठान का इतिहास और महान बीर हरिसिंह नलवा। 

हरि सिंह नलवा, जिनके डर से आज भी पठान मर्द महिलाओं के कपड़े पहनते हैं। आज जिसे पठानी सूट कहा जाता है, वह वास्तव में महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली सलवार कमीज ही थी।

एक बार एक बुजुर्ग सरदार जी ने भाषण के बीच ऊँचे स्वर में कहा था कि…. अरे इन धर्मान्तरित मुसलमानों की क्या औकात है? हमारे पूर्वज हरि सिंह नलवा ने पठानों को सलवार पहनाया। सिखों के डर से आज भी पठान सलवार पहनते हैं।

आप भी पढ़िए इतिहास की सच्ची घटना जिसे खुद मियां गुल औरंगजेब ने माना था।

(मियां गुल औरंगजेब पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह अयूब खान के दामाद और बलूचिस्तान के पूर्व गवर्नर हैं)

महाराजा रणजीत सिंह की सेना 1820 में हरि सिंह नलवा के नेतृत्व में सीमा पर आई। हरि सिंह नलवा की सेना ने पठानों को आसानी से जीत लिया था। पूरे लिखित इतिहास में यह एकमात्र समय है जब महाराजा रणजीत सिंह का शासन पठानों पर लागू हुआ और वे गुलाम बन गए। पठान सिक्ख सेना से इतने डरे हुए थे कि सिक्खों को बाजार में देखकर वे सब छिप जाते थे।

जिसने भी सिखों का विरोध किया उसे बेरहमी से कुचल दिया गया। उस समय यह बात बहुत प्रचलित हो गई थी कि सिख तीन लोगों की जान नहीं लेते… पहली महिला… दूसरे बच्चे और तीसरे बुजुर्ग।

इसके बाद पठानों ने पंजाबी महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली सलवार कमीज पहनना शुरू कर दिया। यानी एक समय ऐसा आया जब महिलाओं और पुरुषों ने एक जैसे कपड़े पहनना शुरू कर दिया। इसके बाद सिखों ने उन पठानों को मारने से भी परहेज किया जो महिलाओं की सलवार पहनते थे।

दरअसल पठानों की सलवार पहनना सिख सेना के सामने पठानों के आत्मसमर्पण का एक तरीका था और सिख वैसे भी आत्मसमर्पण करने वालों पर कभी हमला नहीं करते।

यह बयान अभी भी Defence.pk नाम की वेबसाइट पर मौजूद है. पाकिस्तान की जनता के विरोध के बावजूद इस वेबसाइट ने मियां गुल औरंगजेब के इस बयान को नहीं हटाया, क्योंकि इस पाकिस्तानी वेबसाइट का मानना है कि जब तक पाकिस्तानी मुसलमानों को उनकी कायरता का पता नहीं चलेगा, तब तक वे झूठी शेखी बघारते रहेंगे और भारत से हमेशा हारते रहेंगे. .

दूसरा प्रमाण।

इसके अतिरिक्त इस घटना के प्रमाण दो पुस्तकों में भी मिलते हैं… पहली पुस्तक… हरि सिंह नलवा… द चैंपियन ऑफ खालसा जी… इस पुस्तक के पृष्ठ संख्या 264 पर यह घटना उस समय की है जब हरि सिंह नलवा का उल्लेख मिलता है। इस पुस्तक के पृष्ठ संख्या 264 पर यह भी लिखा है कि हरि सिंह नलवा ने पठानों से कर की माँग की थी। फिर पठान सिर्फ यह देखने के लिए कि हरि सिंह नलवा क्या करते? टैक्स देने से मना कर दिया। गुस्से में लाल आंखों से हरी सिंह नलवा ने अपनी तलवार म्यान से निकाली तो पठानों ने घुटनों के बल माफी मांगी और कहा कि हम कर चुका देंगे। लेकिन हरि सिंह नलवा ने अपनी तलवार म्यान में नहीं रखी और कहा कि मेरी तलवार म्यान से निकल गई है।

अब अपना काम किए बिना नहीं लौटेगी… मुझे पांच पठानों के सिर चाहिए। तब पठानों ने बहुत विनती करने पर हरि सिंह नलवा को पांच बकरे दिए थे कि उन्हें मार कर अपनी तलवार के खून की प्यास बुझाओ

साभार Shwetabh Pathak ( श्वेताभ पाठक )