आज का पंचाग आपका राशि फल, जान लो अपना इतिहास, बलिदान दिवस : परावर्तन के अग्रदूत स्वामी श्रद्धानन्द देहरादून में की थी कन्या पाठशाला की स्थापना

23 दिसम्बर/बलिदान-दिवस

परावर्तन के अग्रदूत स्वामी श्रद्धानन्द

भारत में आज जो मुस्लिम हैं, उन सबके पूर्वज हिन्दू ही थे। उन्हें अपने पूर्वजों के पवित्र धर्म में वापस लाने का सर्वाधिक सफल प्रयास स्वामी श्रद्धानन्द ने किया। संन्यास से पूर्व उनका नाम मुंशीराम था। उनका जन्म 1856 में ग्राम तलबन (जिला जालन्धर, पंजाब) में एक पुलिस अधिकारी नानकचन्द जी के घर में हुआ था। 12 वर्ष की अवस्था में ही उनका विवाह हो गया।

बरेली में आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द के प्रवचनों से वे अत्यन्त प्रभावित हुए। उन्होंने अस्पृश्यता तथा जातीय भेदभाव के विरुद्ध प्रबल संघर्ष करते हुए अपनी पुत्री अमृतकला तथा पुत्रों पंडित हरिश्चन्द्र विद्यालंकार व पंडित इन्द्र विद्यावाचस्पति का अंतरजातीय विवाह किया।

1917 में संन्यास लेने पर उनका नाम स्वामी श्रद्धानन्द हो गया। स्वामी जी और गांधी जी एक दूसरे से बहुत प्रभावित थे। गांधी जी को सबसे पहले ‘महात्मा’ सम्बोधन स्वामी जी ने ही दिया था, जो उनके नाम के साथ जुड़ गया। 30 मार्च, 1919 को चाँदनी चौक, दिल्ली में रौलट एक्ट के विरुद्ध हुए सत्याग्रह का नेतृत्व स्वामी श्रद्धानंद जी ने ही किया।

वहां सैनिकों ने सत्याग्रहियों पर लाठियाँ बरसायीं। इस पर स्वामी जी उनसे भिड़ गये। सैनिक अधिकारी ने उनका सीना छलनी कर देने की धमकी दी। इस पर स्वामी जी ने अपना सीना खोल दिया। सेना डर कर पीछे हट गयी।

स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लेने के कारण उन्हें एक वर्ष चार माह की सजा दी गयी। जेल से आकर वे अछूतोद्धार तथा मुसलमानों के शुद्धिकरण में लग गये। 1924 में शुद्धि सभा की स्थापना कर उन्होंने 30,000 मुस्लिम (मलकाना राजपूतों) को फिर से हिन्दू बनाया।

इससे कट्टरपंथी नाराज हो गये; पर स्वामी जी निर्भीकता से परावर्तन के काम में लगे रहे। 1924 में स्वामी जी ‘अखिल भारत हिन्दू महासभा’ के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। मुसलमानों में देशप्रेम जगाने के लिए खिलाफत आन्दोलन के समय वे चार अपै्रल, 1919 को दिल्ली की जामा मस्जिद में भाषण देने गये।

स्वामी जी ने हरिद्वार के पास 21 मार्च, 1902 को होली के शुभ अवसर पर ‘गुरुकुल कांगड़ी’ की स्थापना की। इसके लिए नजीबाबाद (जिला बिजनौर, उ.प्र.) के चौधरी अमनसिंह ने 120 बीघे भूमि और 11,000 रु. दिये। इसकी व्यवस्था के लिए स्वामी श्रद्धानंद जी ने अपना घर बेच दिया और सर्वप्रथम अपने दोनों लड़कों को प्रवेश दिलवाया। उन्होंने जालन्धर और देहरादून में कन्या पाठशाला की भी स्थापना की।

‘जलियाँवाला बाग नरसंहार’ के बाद जब पंजाब में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन करने का निर्णय हुआ, तो भयवश कोई कांग्रेसी उसका स्वागताध्यक्ष बनने को तैयार नहीं था। ऐसे में स्वामी श्रद्धानन्द जी आगे आये और 1920 में अमृतसर में अधिवेशन हो सका। इसमें स्वामी जी ने हिन्दी में भाषण दिया। इससे पूर्व अधिवेशनों में अंग्रेजी में भाषण होते थे। इसी प्रकार भाई परमानन्द और लाला लाजपतराय जी निर्वासन के बाद जब स्वदेश लौटे, तो स्वामी जी ने लाहौर में उनका सम्मान जुलूस निकलवाया।

स्वामी जी द्वारा प्रारम्भ परावर्तन का कार्य क्रमशः पूरे देश में जोर पकड़ रहा था। भारत के मुस्लिमों में अपने देश, धर्म और पूर्वजों का अभिमान जाग्रत होते देख कुछ मुस्लिम नेताओं ने उनके विरुद्ध फतवा जारी कर दिया। 23 दिसम्बर, 1926 को अब्दुल रशीद नामक एक कट्टरपन्थी युवक ने उनके सीने में तीन गोलियाँ उतार दीं। स्वामी जी के मुख से ‘ओम्’ की ध्वनि निकली और उन्होंने प्राण त्याग दिये। इस प्रकार के भाव पूण्य संदेश के लेखक एवं भेजने वाले महावीर सिघंल मो 9897230196

*जान लो अपना इतिहास!*

आज काशीविश्वनाथ का कॉरडॉर देखनेके बाद पता चलता है पचास-सौ सालमें इतिहास कितना भूला जाता है और छिपाया जा सकता है. ऐसेही कुछ और खास वास्तूओंके इतिहास पर एक नजर डाले!

दिल्ली स्थित जामा मस्जिद पहले माँ भद्रकाली और यमनोत्री देवी का हिन्दू मंदिर था।

मित्रो, लालकिला शाहजहाँ के जन्म से सैकड़ों साल पहले “महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय” द्वारा दिल्ली को बसाने के क्रम में ही बनाया गया था, जो कि महाभारत के अभिमन्यु के वंशज तथा महाराज पृथ्वीराज चौहान के नाना जी थे।
इतिहास के अनुसार लाल किला का असली नाम “लाल कोट” है,

“लाल कोट” को जिसे महाराज अनंगपालद्वितीय द्वारा सन 1060 ईस्वी में दिल्ली शहर को बसाने के क्रम में ही बनवाया गया था जबकि शाहजहाँ का जन्म ही उसके सैकड़ों वर्ष बाद 1592 ईस्वी में हुआ है। इसके पूरे साक्ष्य “प्रथवीराज रासोसे” ग्रन्थ में मिलते हैं।

लाल कोट जिसे लोग लाल किले के नाम से जानते हैं।
किले के मुख्य द्वार पर बाहर हाथी की मूर्ति अंकित है जबकि इस्लाम मूर्ति के विरोधी होते हैं और राजपूत राजा लोग हाथियों के प्रेम के लिए विख्यात थे। इसके अलावा लाल किले के महल मे लगे सुअर (वराह) के मुह वाले चार नल अभी भी हैं यह भी इस्लाम विरोधी प्रतीक चिन्ह है।

महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय माँ भद्र काली के उपासक थे तथा भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी यमनोत्री उनकी कुल देवी थी। इन्ही के लिये उन्होने अपने आवास “लाल कोट” (लाल किला) के निकट ही सामने भगवा पत्थर (हिंदुओं का पवित्र रंग ) से भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था तथा प्रत्येक राजउत्सव उसी परिसर में हुआ करते थे।

यहाँ की इमारतों में उपस्थित अष्टदलीय पुष्प, जंजीर, घंटियां, आदि के लक्षण वहां हिंदू धर्म चिन्हों के रूप में आज भी मौजूद हैं। हिंदुओं के मंदिर हिंदू सन्यासियों के भगवा रंग के अनुरूप भगवा पत्थरों ( लाल पत्थर ) से बनाए जाते थे जबकि मुसलमानों के इमारतें सफेद चूने से बनी होती थी और उन पर हरा रंग का प्रयोग किया जाता था।

दिल्ली के जामा मस्जिद में कोई भी मुस्लिम प्रतीक चिन्ह निर्माण काल से प्रयोग नहीं हुआ था बल्कि इस मस्जिद की बनावट इसके आकार वास्तु आदि हिंदुओं के भव्य मंदिर के अनुरुप है।

शाहजहां 1627 में अपने पिता की मृत्यु होने के बाद वह गद्दी पर बैठा तो वह चाहता था कि खुदा का दरबार उसके दरबार से ऊंचा हो। खुदा के घर का फर्श उसके तख्त और ताज से ऊपर हो,

इसीलिए उसने महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय स्थापित माँ भद्र काली तथा भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी यमनोत्री जो कि महाराज अनंगपाल कुल देवी थी उसे तुड़वा कर मंदिर से जुड़ी हुई भोजला नामक छोटी सी पहाड़ी जहां महाराज अनंगपाल राजकीय उत्सव के समय उत्सव देखने आने वालों के घोड़े बांधते थे उसे भी मस्जिद परिसर में मिलाने के लिये चुना और 6 अक्टूबर 1650 को मस्जिद को बनाने का काम शुरू हो गया।

मस्जिद बनाने के लिए 5000 मजदूरों ने छह साल तक काम किया।

आखिरकार दस लाख के खर्च करके और हजारों टन नया पत्थर की मदद से माँ भद्र काली मंदिर के स्थान पर ये आलीशान मस्जिद बनवाई गयी। 80 मीटर लंबी और 27 मीटर चौड़ी इस मस्जिद में तीन गुंबद बनाए गए। साथ ही दोनों तरफ 41 फीट उंची मीनारे तामीर की गईं। इस मस्जिद में एक साथ 25 हजार लोग नमाज अदा कर सकते हैं।

इस बेजोड़ मस्जिद का नाम भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी “यमनोत्री” के नाम के कारण मुसलमान “य” की जगह “ज” शब्द का उच्चारण करते हैं अत: मस्जिद ए जहांनुमा रखा गया। जिसे फिर लोगों ने जामा मस्जिद कहना शुरू कर दिया।

मस्जिद के तैयार होते ही उज्बेकिस्तान के एक छोटे से शहर बुखारा के सैय्यद अब्दुल गफूर शाह को दिल्ली लाकर उन्हें यहाँ का इमाम घोषित किया गया और 24 जुलाई 1656 को जामा मस्जिद में पहली बार नमाज अदा की गई।

इस नमाज में शाहजहां समेत सभी दरबारियों और दिल्ली के अवाम ने हिस्सा लिया। नमाज के बाद मुगल बादशाह ने इमाम अब्दुल गफूर को इमाम-ए-सल्तनत की पदवी दी और ये ऐलान भी किया कि उनका खानदान ही इस मस्जिद की इमामत करेंगे।

उस दिन के बाद से आजतक दिल्ली की जामा मस्जिद में इमामत का सिलसिला बुखारी खानदान के नाम हो गया। सैय्यद अब्दुल गफूर के बाद सय्यद अब्दुल शकूर इमाम बने। इसके बाद सैय्यद अब्दुल रहीम, सैय्यद अब्दुल गफूर, सैय्यद अब्दुल रहमान, सैय्यद अब्दुल करीम, सैय्यद मीर जीवान शाह, सैय्यद मीर अहमद अली, सैय्यद मोहम्मद शाह, सैय्यद अहमद बुखारी और सैय्यद हमीद बुखारी इमाम बने।

एक वक्त ऐसा भी था जब 1857 के बाद अंग्रेजों ने जामा मस्जिद में नमाज पर पाबंदी लगा दी और मस्जिद में अंग्रेजी फौज के घोड़े बांधे जाने लगे।

आखिरकार 1864 में मस्जिद को दोबारा नमाजियों के लिए खोल दिया गया। नमाजियों के साथ-साथ दुनिया के कई जाने माने लोगों ने जामा मस्जिद की जमीन पर सजदा अदा किया है।

  1. चाहे वो सऊदी अरब के बादशाह हों या फिर मिस्त्र के नासिर। कभी ईरान के शाह पहलवी तो कभी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्नो, सबने यहां सजदा किया।

    लेकिन इनमें से कोई भी यह नहीं जानता था कि जामा मस्जिद वास्तव में महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय स्थापित माँ भद्र काली तथा भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी यमनोत्री का मंदिर था जिसे शाहजहां ने तुड़वा कर जामा मस्जिद बनवाया था।(कोई भी मुस्लिम किसी भी मंदिर को पूरा न तोड़कर अपने द्वारा निर्मित मस्जिद प्रचारित करवा दिया)।

    ✍इतिहास के पन्नों से✍
    🙏कृपया हर भारतीय को यह लेख भेजे 🙏

  2. 🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
  3. 🌄सुप्रभातम🌄
  4. 🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
  5. 🌻गुरुवार, २३ दिसम्बर २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०७:१०

सूर्यास्त: 🌅 ०५:२६

चन्द्रोदय: 🌝 २१:०२

चन्द्रास्त: 🌜१०:१९

अयन 🌕 उत्तरायने (दक्षिणगोलीय

ऋतु: 🌫️ शिशिर

शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)

विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)

मास 👉 पौष

पक्ष 👉 कृष्ण

तिथि 👉 चतुर्थी (१८:२७ तक)

नक्षत्र 👉 आश्लेशा  (२६:४२ तक)

योग 👉 वैधृति (१२:१२ तक)

प्रथम करण 👉 बालव (१८:२७ तक)

द्वितीय करण 👉 कौलव (३१:०४ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥

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सूर्य 🌟 धनु

चंद्र 🌟 सिंह (२६:४१ से)

मंगल 🌟 वृश्चिक (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 धनु (उदय, पश्चिम, मार्गी)

गुरु 🌟 कुंम्भ (उदय, पूर्व, मार्गी)

शुक्र 🌟 धनु (उदय, पश्चिम, मार्गी)

शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 वृष

केतु 🌟 वृश्चिक

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५६ से १२:३६

अमृत काल 👉 २४:५८ से २६:४२

विजय मुहूर्त 👉 १३:५८ से १४:३९

गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:१२ से १७:३६

निशिता मुहूर्त 👉 २३:४९ से २४:४४

राहुकाल 👉 १३:३३ से १४:४९

राहुवास 👉 दक्षिण

यमगण्ड 👉 ०७:१० से ०८:२६

होमाहुति 👉 मंगल (२६:४२ तक)

दिशाशूल 👉 दक्षिण

अग्निवास 👉 आकाश

चन्द्रवास 👉 उत्तर पूर्व (२६:४२ से)

शिववास 👉 कैलाश पर (१८:२७ से नन्दी पर)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥

१ – शुभ २ – रोग

३ – उद्वेग ४ – चर

५ – लाभ ६ – अमृत

७ – काल ८ – शुभ

॥रात्रि का चौघड़िया॥

१ – अमृत २ – चर

३ – रोग ४ – काल

५ – लाभ ६ – उद्वेग

७ – शुभ ८ – अमृत

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।

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शुभ यात्रा दिशा

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पूर्व-उत्तर (दही का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण

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आज २६:४२ तक जन्मे शिशुओ का नाम

आश्लेषा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (डी, डू, डे, डो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम मघा नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश (मा) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

धनु – ३०:४१ से ०८:४५

मकर – ०८:४५ से १०:२६

कुम्भ – १०:२६ से ११:५२

मीन – ११:५२ से १३:१५

मेष – १३:१५ से १४:४९

वृषभ – १४:४९ से १६:४४

मिथुन – १६:४४ से १८:५९

कर्क – १८:५९ से २१:२०

सिंह – २१:२० से २३:३९

कन्या – २३:३९ से २५:५७

तुला – २५:५७ से २८:१८

वृश्चिक – २८:१८ से ३०:३७

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पञ्चक रहित मुहूर्त

चोर पञ्चक – ०७:१० से ०८:४५

शुभ मुहूर्त – ०८:४५ से १०:२६

रोग पञ्चक – १०:२६ से ११:५२

शुभ मुहूर्त – ११:५२ से १३:१५

शुभ मुहूर्त – १३:१५ से १४:४९

रोग पञ्चक – १४:४९ से १६:४४

शुभ मुहूर्त – १६:४४ से १८:२७

मृत्यु पञ्चक – १८:२७ से १८:५९

अग्नि पञ्चक – १८:५९ से २१:२०

शुभ मुहूर्त – २१:२० से २३:३९

रज पञ्चक – २३:३९ से २५:५७

शुभ मुहूर्त – २५:५७ से २६:४२

चोर पञ्चक – २६:४२ से २८:१८

शुभ मुहूर्त – २८:१८ से ३०:३७

रोग पञ्चक – ३०:३७ से ३१:१०

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आज का राशिफल

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन आपका व्यवहार अटपटा रहेगा सीधे शब्दों में बात नही करेंगे जिस वजह से अपने विचारों को किसी को भी समझने में विफ़ल रहेंगे। आज आपका मन मौज शौक अथवा अनैतिक कार्यो में भटकेगा किसी के रोक टोक करने पर झगड़े पर उतर आएंगे। कार्य क्षेत्र पर इसके विपरीत व्यवहार रहेगा अपना काम निकालने के लिए अत्यंत मीठा व्यवहार करेंगे फिर भी मन के कड़वे भाव छुप नही पाएंगे। दिमाग की जगह दिल की सुन्ना कुछ ना कुछ हानि ही कराएगा। आध्यत्मिक कार्यो से जुड़े धन के साथ सम्मान लाभ भी मिलेगा। भाग दौड़ कर कही ना कही से धन की व्यवस्था कर ही लेंगे। महिलाए अधिक बोलने से बचे अन्यथा स्वयं की ही दुख पहुचायेगी। सेहत में उतार चढ़ाव रहेगा।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आपके लिये आज का दिन धन लाभ वाला है। वाणी एवं व्यक्तित्त्व में प्रखरता रहेगी बिगड़े कार्यो को भी व्यवहारिकता से बना लेंगे। परिवार में किसी गलतफहमी को लेकर मतभेद होंगे यहाँ भी वाणी एवं विवेक से स्थिति संभाल लेंगे। कार्य व्यवसाय में आज आपकी बराबरी कोई नही कर सकेगा फिर भी सतर्क रहें पीछे से हानि पहुचाने वाले भी बहुत रहेंगे जो आपसे मन का भेद लेकर अपना प्रयोजन सिद्ध करेंगे। नौकरी वालो के लिये आज का दिन अत्यंत शुभ रहेगा आपके विचार अधिकारीवर्ग को प्रभावित करेंगे थोड़ी खुशामद करने पर पद प्रतिष्ठा का लाभ मिल सकता है।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आपकी सोच के विपरीत घटनाएं घटेंगी लेकिन संतोषी वृति आज कई समस्याओं का समाधान स्वयं ही कर देगी। बाहर जितना खुलापन अनुभव करेंगे घर के अंदर उतना ही दबाव या घुटन जैसी रहेगी। घर के सदस्य आपकी बातों को नजरअंदाज करेंगे इसके विपरीत बाहर के लोगो मे आपकी छवि भद्र इंसान जैसी बनेगी। कार्य व्यवसाय से लाभ तो होगा लेकिन घरेलू अथवा व्यक्तिगत सुख पूर्ति पर खर्च हो जाएगा। धर्म के प्रति आस्था रहने पर भी ग्रह दशा आध्यात्म से दूर रखेगी। पुरानी उपलब्धियों की तुलना वर्तमान से करने पर मन उदास होगा। भाई बहन से संबंधों में चंचलता आएगी। सेहत में छोटी मोटी समस्या लगी रहेगी।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन आपके लिये शुभ फलदायी रहेगा लेकिन मानसिक रूप से कुछ ना कुछ समस्या लगी ही रहेगी। किसी भी कार्य को एक बार मे पूर्ण नही कर पाएंगे आवश्यक कार्य भी कई बार प्रयास करने पर ही पूर्ण होंगे धन की आमद निश्चित नही रहेगी फिर भी कही ना कही से अवश्य हो ही जाएगी। पैतृक संबंधित कार्य कुछ समय के लिये स्थगित रखें परिणाम कुछ नही मिलेगा उल्टे व्यर्थ की भागदौड़ एवं धन हानि ही होगी। भाई बंधुओ से ही प्रतिस्पर्धा होगी धर्य से काम लेने पर ही इसमें सफलता मिल सकती है। परिवार की महिलाएं विवेकी व्यवहार करेंगी। लाभ होते होते क्रोध की भेंट चढ़ सकता है सतर्क रहें।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आपके लिये आज का दिन प्रतिकूल फलदायी रहेगा। जल्दबाजी में कार्य करने पर टूट फुट अथवा अन्य प्रकार से आर्थिक नुकसान होने की संभावना है। आज महिलाओं को अथवा किसी महिला द्वारा मानसिक क्लेश मिलेगा। रोजगार के क्षेत्र में संघर्ष अधिक रहेगा सोची हुई योजनाए निष्फल जाएंगी। केवल पूर्व में किये परोपकार का फल ही किसी ना किसी रूप में मिल जाएगा फिर भी दैनिक खर्च चलाना भी आज मुशिकल लगेगा। नए कार्य का आरंभ अथवा निवेश कुछ दिनों के लिये निरस्त करें। परिजनो की बात को ध्यान से सुने लेकिन कोई प्रतिक्रिया देने से पहले एक बार विचार अवश्य करें शांति बनी रहेगी।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन आपके स्वभाव एव व्यवहार में दिखावा अधिक रहेगा कोई भी कार्य सामाजिक हो या आध्यात्मिक अथवा घरेलू सभी मे आडंबर युक्त दिनचार्य रहेगी लेकिन फिर भी सामाजिक दृष्टिकोण से ये प्रसन्नता दायक ही रहेगी। कार्य क्षेत्र पर भाग्य का साथ मिलेगा सहयोग भी समय पर मिलने से सोची हुई योजनाए समय पर फलित होंगी धन लाभ आशाजनक रहेगा। पैतृक संपत्ति का सुख मिलेगा लेकिन भाई बंधुओ से थोड़ी बहुत गर्मा गर्मी हो सकती है। महिलाओं का किसी पुरुष अथवा पुरुषों का महिला के सहयोग से भाग्योदय होने की संभावना है। मनोरंजन पर अतिरिक्त खर्च करेंगे। शरीर में संध्या बाद शिथिलता आएगी।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आपके लिये आज का दिन कार्य सिद्धि दायक रहेगा। आज दौड़ धूप से बचने का प्रयास करेंगे लेकिन मनोवांछित सफलता के लिए भाग दौड़ करनी ही पड़ेगी। पहले से चल रही किसी योजना के पूर्ण होने पर धन लाभ होगा लेकिन समय पर ना होने के कारण ज्यादा काम नही आएगा। पारिवार में किस के अधिक बोलने की आदत से परेशान होंगे लेकिन ये आपके लिए हितकर ही रहेगा काम की बातों को छोड़ व्यर्थ की बातों को नजरअंदाज करें। धर्म कर्म में के मामलों में चंचलता दिखाएंगे मतलब से ही पूजा पाठ करेंगे। विद्यार्थी वर्ग का पढ़ाई में मन कम लगेगा फिर भी अन्य की तुलना में बुद्धि प्रखर रहेगी। सेहत आज उत्तम रहेगी।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन आपको धर्म लाभ मिलेगा। मन मे आध्यात्मिक भावनाएं जागृत होंगी लेकिन मन के भटकने के कारण पूजा पाठ में ध्यान केंद्रित नही कर सकेंगे फिर भी आज दिन पहले से बेहतर रहेगा। कार्य क्षेत्र पर भी आज व्यवस्था रहेगी निश्चित समय से थोड़ा आगे पीछे कार्य पूर्ण कर लेंगे मन मे कुछ नया करने की प्रेरणा मिलेगी लेकिन धनाभाव अथवा किसी अन्य कारण से कर नही पाएंगे। परोपकारी स्वभाव के कारण लोगो की मदद करेंगे बाद में स्वयं परेशानी में पड़ेंगे। धन लाभ आवश्यकता पूर्ति लायक ही मध्यम होगा। महिलाए का परिवार में महत्त्व बढेगा। नसों में दुर्बलता अथवा अकड़न की समस्या रह सकती है।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज आपकी सेहत में कुछ ना कुछ विकार बनेगा दिन के आरंभ में इसकी अनदेखी करने पर मध्यान के आस पास बढ़ने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर भी अधिकांश कार्य आपके मन के अनुसार ना होने पर बेमन से करने पड़ेंगे। व्यावसायिक कार्यो से यात्रा करनी पड़ेगी सम्भव हों तो आज टालने के प्रयास करें लाभ की जगह खर्च ही होगा। मानसिक विकार बनेंगे जो करना चाहेंगे उसके सफल होने के प्रति आशंकित रहेंगे। फिर भी पराक्रम से लाभ के अवसर बना लेंगे धन लाभ खर्च निकालने लायक होगा। पेट संबंधित समस्या से भी परेशानी रहेगी। तले भुने खाने से परहेज करें संतुलित मात्रा में ही खाये। बुद्धि विद्या संतान सुख मिलेगा लेकिन भाई बहनों से कम पटेगी।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन सामान्य से उत्तम रहेगा। दिन के आरंभ से ही लाभ की संभावना बनेगी लेकिन धन मध्यान तक परिश्रम करने के बाद ही संध्या के आस पास हाथ लगेगा। आज अचल संपत्ति संबंधित कार्य में सफलता की संभावना अधिक रहेगी। आध्यात्म में रुचि केवल व्यवहारिकता मात्र रहेगी। अपने कार्य के प्रति गंभीर रहेंगे फिर भी लापरवाही से बचें मेहनत करने पर पैतृक संपत्ति में वृद्धि के योग बन रहे हैं। धन लाभ थोड़ा बौद्धिक परिश्रम करने पर हो जाएगा। पारिवारिक स्थिति परेशान करेगी संतानो की वाणी अनियंत्रित रहने के कारण मन दुखी होगा। आरोग्य बना रहेगा।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज आप मानसिक रूप से अन्य दिनों की तुलना में शांति अनुभव करेंगे जल्दी से किसी की गलती का बुरा नही मानेंगे नाही विरोध प्रकट करेंगे लेकिन दिल से लगाने के कारण स्वयं ही मन ही मन दुखी होंगे। कार्य व्यवसाय से लाभ की उम्मीद कई बार बनेगी परन्तु सफलता एक आध में ही मिल सकेगी मध्यान बाद का समय ठीक ठाक रहेगा धन लाभ के साथ सुख के साधनों का उपभोग करेंगे लेकिन घर मे किसी को आपकी उन्नति अखरेगी भाई बंधु ईर्ष्या का भाव रखेंगे। सब सुख सुविधा मिलने पर भी दाम्पत्य जीवन मे कुछ ना कुछ रूखापन रहेगा। मानसिक अंतर्द्वंद्व को छोड़ सेहत ठीक ही रहेगी।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन सामान्य फलदायी रहेगा। प्रत्येक कार्य को सोच विचार कर ही करेंगे ज्यादा झंझट वाले कार्यो एवं विवादों में पड़ने से बचेंगे लेकिन धन को लेकर आज किसी न किसी से तकरार अवश्य होगी फिर भी बुद्धि विवेक जाग्रत रहने के कारण मामला गंभीर नही होने देंगे। व्यवसायी वर्ग को आज अधिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा शत्रु पक्ष में भी वृद्धि होगी इन पर ज्यादा ढील ना दे अन्यथा आगे के लिये सरदर्दी बढ़ सकती है। धन लाभ के लिये अधिक परिश्रम करना पड़ेगा फिर भी आशाजनक नही होगा। उधारी का व्यवहार बढ़ने के कारण धन की कमी अनुभव होगी। महिलाएं मन की इच्छा पूर्ण नही कर सकेंगी।

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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏