आज का पंचाग आपका राशि फल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं सोमनाथ मंदिर के स्वर्णिम इतिहास को पुनर्स्थापित मंदिर पर १४५१ सोने के कलस लगाने का कार्य आरंभ, भगवान शंकर का केवल विल्व पत्र पुष्पांजलि पंचामृत और गंगा जल से करें अभिषेक

#सोमनाथ_मंदिर
“हमारे मंदिर, हमारा गौरव”
इस पावन धाम का ‘स्वर्णयुग’ पुनः लौटा आया है। भारत के 12 आदि ज्योतिर्लिंगों में से भगवान शिव का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। प्राचीन इतिहास में यह मंदिर अपनी भव्यता के लिए जितना ही प्रसिद्ध माना जाता रहा है।
मध्यकालीन इतिहास में इसपर तमाम मुस्लिम आतातायियों की बुरी नजर लग गई और 11वीं से लेकर 18वीं शताब्दी तक इसे लूटा-खसोटा जाता रहा और जब देश आजाद हुआ तो इसके अवशेष ही बच गए थे।

लेकिन वही सरदार पटेल की कोशिशों की वजह से यह मंदिर फिर से अपना मौजूदा स्वरूप पा सका है। संयोग है कि जब पीएम मोदी इसके नए चेयरमेन बने हैं तो इसके स्वर्णयुग की मानो फिर से शुरुआत हो रही है।

मंदिर के 1,451 कलशों पर स्वर्ण कलश चढ़ाए जाने का काम शुरू हो चुका है। इसके लिए 551 लोगों ने स्वर्ण दान दिए हैं। मुंबई से एक शिव भक्त ने 130 किलो सोना दान में उपलब्ध करवाया है। कलश चढ़ाने का काम इसी साल पूरा होना है। जानकारी के मुताबिक यह प्रक्रिया इस तरह से पूरी की जा रही है कि इसकी सुंदरता में भी चार-चांद आए और साथ ही समुद्री जलवायु और मौसम की मार से भी इसे सुरक्षित रखा जा सके। वैसे मंदिर के अंदर के खंभों और दीवारों पर पहले से भी सोने की परतें चढ़ी हुई हैं।
जय सोमनाथ ..महादेव

🙏भूतभावन भोलेनाथ को क्या प्रिय है भाँग धतूरा औऱ विल्वपत्र?????

भगवान शिव के बारे में एक मिथक प्रचलित है कि वे भांग और धतूरे जैसी नशीली वस्तुओं का सेवन करते हैं। लेकिन यह केवल मिथक है शास्त्रोक्त नहीं है। भगवान शंकर को केवल विल्व पत्र पंचामृत पुष्पांजलि और गंगाजल का अर्पण करना चाहिए। भगवान का भोग भी सात्विक ही लगाने का शास्त्रीय विधान है। इसी से उतम फल की प्राप्ति होती है। बाम मार्गी पूजा नर्क गामी बताई गई है। 

 मनुष्य के लिए भांग का यदि यदि थोड़ी मात्रा में ली जाए तो यह औषधि का काम भी करती है, इससे अनिद्रा, भूख आदि कम लगना जैसी समस्याएं भी मिटाई जा सकती हैं लेकिन अधिक मात्रा में लेने या नियमित सेवन करने पर यह शरीर को, विशेष रूप से पर आंतों को दुष्प्रभाव  करती हैं।

इसकी गर्मी और औषधिय गुणों के कारण ही इसे अकारण भगवान शिव से जोड़ा गया है। भांग-धतूरे और गांजा जैसी चीजों को शिव से जोडऩे का कोई कारण नहीं है। ये चीजें त्याज्य श्रेणी में आती हैं,।  

भगवान शिव को क्यों चढ़ाया जाता है बेल पत्र?

ज्योतिष के जानकारों की मानें तो भगवान शिव के पूजन में बेलपत्र का विशेष महत्व है। शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से प्रसन्न होते हैं महादेव। मान्यता है कि शिव की उपासना बिना बेलपत्र के पूरी नहीं होती। अगर आप भी देवों के देव महादेव की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो बेलपत्र के महत्व को समझना बेहद ज़रूरी है। आइए जानते हैं कि बेलपत्र क्यों है 

शिव को इतना प्रिय और क्या है बेलपत्र का महत्व…

बेल के पेड़ की पत्तियों को बेलपत्र कहते हैं। बेलपत्र में तीन पत्तियां एक साथ जुड़ी होती हैं लेकिन इन्हें एक ही पत्ती मानते हैं। भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र प्रयोग होते हैं और इनके बिना शिव की उपासना सम्पूर्ण नहीं होती। पूजा के साथ ही बेलपत्र के औषधीय प्रयोग भी होते हैं। इसका प्रयोग करके तमाम बीमारियां दूर की जा सकती हैं।

सही तरीके से करें अर्पित तभी मिलेगा उचित लाभ : ज्योतिष के जानकारों की मानें तो जब भी आप महादेव को बेलपत्र अर्पित करें तो कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। क्योंकि गलत तरीके से अर्पित किए हुए बेलपत्र शिव को अप्रसन्न भी कर सकते हैं। जानिए बेलपत्र से जुड़ी इन सावधानियों के बारे में…

एक बेलपत्र में तीन पत्तियां होनी चाहिए।पत्तियां कटी या टूटी हुई न हों और उनमें कोई छेद भी नहीं होना चाहिए। भगवान शिव को बेलपत्र चिकनी ओर से ही अर्पित करें। एक ही बेलपत्र को जल से धोकर बार-बार भी चढ़ा सकते हैं। शिव जी को बेलपत्र अर्पित करते समय साथ ही में जल की धारा जरूर चढ़ाएं। बिना जल के बेलपत्र अर्पित नहीं करना चाहिए।

बिल्व पत्र का महत्व- बिल्व तथा श्रीफल नाम से प्रसिद्ध यह फल बहुत ही काम का है। यह जिस पेड़ पर लगता है वह शिवद्रुम भी कहलाता है। बिल्व का पेड़ संपन्नता का प्रतीक, बहुत पवित्र तथा समृद्धि देने वाला है। बेल के पत्ते शंकर जी का आहार माने गए हैं, इसलिए भक्त लोग बड़ी श्रद्धा से इन्हें महादेव के ऊपर चढ़ाते हैं। शिव की पूजा के लिए बिल्व-पत्र बहुत ज़रूरी माना जाता है। शिव-भक्तों का विश्वास है कि पत्तों के त्रिनेत्रस्वरूप् तीनों पर्णक शिव के तीनों नेत्रों को विशेष प्रिय हैं।

भगवान शंकर का प्रिय- भगवान शंकर को बिल्व पत्र बेहद प्रिय हैं। भांग धतूरा और बिल्व पत्र से प्रसन्न होने वाले केवल शिव ही हैं। शिवरात्रि के अवसर पर बिल्वपत्रों से विशेष रूप से शिव की पूजा की जाती है। तीन पत्तियों वाले बिल्व पत्र आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं, किंतु कुछ ऐसे बिल्व पत्र भी होते हैं जो दुर्लभ पर चमत्कारिक और अद्भुत होते हैं।

 बिल्वाष्टक और शिव पुराण- बिल्व पत्र का भगवान शंकर के पूजन में विशेष महत्व है, जिसका प्रमाण शास्त्रों में मिलता है। बिल्वाष्टक और शिव पुराण में इसका स्पेशल उल्लेख है। अन्य कई ग्रंथों में भी इसका उल्लेख मिलता है। भगवान शंकर एवं पार्वती को बिल्व पत्र चढ़ाने का विशेष महत्व है।

मां भगवती को बिल्व पत्र- श्रीमद् देवी भागवत में स्पष्ट वर्णन है कि जो व्यक्ति मां भगवती को बिल्व पत्र अर्पित करता है वह कभी भी किसी भी परिस्थिति में दुखी नहीं होता। उसे हर तरह की सिद्धि प्राप्त होती है और कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और वह भगवान भोले नाथ का प्रिय भक्त हो जाता है। उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 बिल्व पत्र के प्रकार- बिल्व पत्र चार प्रकार के होते हैं – अखंड बिल्व पत्र, तीन पत्तियों के बिल्व पत्र, छः से 21 पत्तियों तक के बिल्व पत्र और श्वेत बिल्व पत्र। इन सभी बिल्व पत्रों का अपना-अपना आध्यात्मिक महत्व है। आप हैरान हो जाएंगे ये जानकर की कैसे ये बेलपत्र आपको भाग्यवान बना सकते हैं और लक्ष्मी कृपा दिला सकते हैं।

 अखंड बिल्व पत्र- इसका विवरण बिल्वाष्टक में इस प्रकार है – ‘‘अखंड बिल्व पत्रं नंदकेश्वरे सिद्धर्थ लक्ष्मी’’। यह अपने आप में लक्ष्मी सिद्ध है। एकमुखी रुद्राक्ष के समान ही इसका अपना विशेष महत्व है। यह वास्तुदोष का निवारण भी करता है। इसे गल्ले में रखकर नित्य पूजन करने से व्यापार में चैमुखी विकास होता है।

 तीन पत्तियों वाला बिल्व पत्र- इस बिल्व पत्र के महत्व का वर्णन भी बिल्वाष्टक में आया है जो इस प्रकार है- ‘‘त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुतम् त्रिजन्म पाप सहारं एक बिल्वपत्रं शिवार्पणम’’ यह तीन गणों से युक्त होने के कारण भगवान शिव को प्रिय है। इसके साथ यदि एक फूल धतूरे का चढ़ा दिया जाए, तो फलों में बहुत वृद्धि होती है।

 तीन पत्तियों वाला बिल्व पत्र- इस तरह बिल्व पत्र अर्पित करने से भक्त को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। रीतिकालीन कवि ने इसका वर्णन इस प्रकार किया है- ‘‘देखि त्रिपुरारी की उदारता अपार कहां पायो तो फल चार एक फूल दीनो धतूरा को’’ भगवान आशुतोष त्रिपुरारी भंडारी सबका भंडार भर देते हैं।

 तीन पत्तियों वाला बिल्व पत्र- आप भी फूल चढ़ाकर इसका चमत्कार स्वयं देख सकते हैं और सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं। तीन पत्तियों वाले बिल्व पत्र में अखंड बिल्व पत्र भी प्राप्त हो जाते हैं। कभी-कभी एक ही वृक्ष पर चार, पांच, छह पत्तियों वाले बिल्व पत्र भी पाए जाते हैं। परंतु ये बहुत दुर्लभ हैं।

 छह से लेकर 21 पत्तियों वाले बिल्व पत्र- ये मुख्यतः नेपाल में पाए जाते हैं। पर भारत में भी कहीं-कहीं मिलते हैं। जिस तरह रुद्राक्ष कई मुखों वाले होते हैं उसी तरह बिल्व पत्र भी कई पत्तियों वाले होते हैं।

 श्वेत बिल्व पत्र- जिस तरह सफेद सांप, सफेद टांक, सफेद आंख, सफेद दूर्वा आदि होते हैं उसी तरह सफेद बिल्वपत्र भी होता है। यह प्रकृति की अनमोल देन है। इस बिल्व पत्र के पूरे पेड़ पर श्वेत पत्ते पाए जाते हैं। इसमें हरी पत्तियां नहीं होतीं। इन्हें भगवान शंकर को अर्पित करने का विशेष महत्व है।

 कैसे आया बेल वृक्ष- बेल वृक्ष की उत्पत्ति के संबंध में ‘स्कंदपुराण’ में कहा गया है कि एक बार देवी पार्वती ने अपनी ललाट से पसीना पोछकर फेंका, जिसकी कुछ बूंदें मंदार पर्वत पर गिरीं, जिससे बेल वृक्ष उत्पन्न हुआ। इस वृक्ष की जड़ों में गिरिजा, तना में महेश्वरी, शाखाओं में दक्षयायनी, पत्तियों में पार्वती, फूलों में गौरी और फलों में कात्यायनी वास करती हैं।

यह एक रामबाण दवा भी है- धार्मिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होने के कारण इसे मंदिरों के पास लगाया जाता है। बिल्व वृक्ष की तासीर बहुत शीतल होती है। गर्मी की तपिश से बचने के लिए इसके फल का शर्बत बड़ा ही लाभकारी (होता है। यह शर्बत कुपचन, आंखों की रोशनी में कमी, पेट में कीड़े और लू लगने जैसी समस्याओं से निजात पाने के लिए उत्तम है। औषधीय गुणों से परिपूर्ण बिल्व की पत्तियों मे टैनिन, लोह, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नेशियम जैसे रसायन पाए जाते हैं।

संकट चौथ 2022 व्रत का महत्त्व और चंद्रमा निकलने का समय

राजेश मंत्री

संकट चौथ एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है जिसमे विवाहित महिलाएं उपवास रखती है। इस उपवास को माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन किया जाता है। इसे ‘तिल चौथ’ या ‘माहि चौथ’ भी कहा जाता है। संकट का अर्थ होता है अपभ्रंश। माना जाता है इस दिन श्री गणेश ने देवताओं की मदद कर उनके संकट को दूर किया था। जिसके बाद भगवान शिव ने गणेश जी को आशीर्वाद दिया था की आज से दिन को लोग संकट मोचन के रूप में मनाएं। जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत करेगा, उसके सभी संकट इस व्रत के प्रभाव से दूर हो जाएंगे। ‘वक्रतुण्डी चतुर्थी’, ‘माही चौथ’ और ‘तिलकुटा चौथ’ भी इसी पर्व के अन्य नाम है।

 

इस दिन विद्या बुद्धि, संकट हरण श्री गणेश तथा चंद्र देव का पूजन किया जाता है। यह व्रत संकटों को दूर करने और दुखों को दूर करने वाला होता है। यह उपवास रखने से व्रती की सभी इच्छाएं सम्पूर्ण हो जाती है।

महत्व 

संकट चौथ का उपवास श्री गणेश के पूजन और उनके ध्यान के लिए किया जाता है। इस दिन उनके पूजन का विशेष महत्व होता है। इस पर्व को उत्तर भारत में बड़े विशवास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। ये व्रत माताएं अपने पुत्रों के जीवन और उनकी खुशियों के लिए रखती है।

संकट माता मंदिर 

राजस्थान में एक गाँव है जिसे संकट गाँव कहा जाता है ! यहाँ देव सकट का एक प्राचीन मंदिर है। यहाँ मौजूद मूर्ति संकट चौथ माता की है। यह मंदिर अलवर से 60 किमी है जबकि जयपुर से 150 किमी है। इस मंदिर में जाकर आप देवी संकट के बारे में सभी जानकारियां ले सकते है।

2022 में सकट चौथ मुहूर्त व्रत 

वर्ष 2022 में सकट चौथ व्रत 21 जनवरी 2022 शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी।

सकट चौथ पूजा समय

सकट चौथ के दिन चंद्रमा निकलने का समय = 08:47 मिनट रात्रि में

चतुर्थी तिथि = 21 जनवरी 2022 शुक्रवार को सुबह 08:54 बजे प्रारंभ होगी।

चतुर्थी तिथि = 22जनवरी 2022, शनिवार को सुबह 09:17 मिनट पर समाप्त होगी।

जैसे की हमने आपको पहले बताया की इस दिन भगवान गणेश का भी पूजन किया जाता है और साथ में संकट माता के पूजन का भी विधान है।

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शुक्रवार, २१ जनवरी २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०७:१४
सूर्यास्त: 🌅 ०५:४८
चन्द्रोदय: 🌝 २०:५४
चन्द्रास्त: 🌜०९:३१
अयन 🌕 उत्तरायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: 🌫️ शिशिर
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 माघ
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 तृतीया (०८:५१ तक)
नक्षत्र 👉 मघा (०९:४३ तक)
योग 👉 सौभाग्य (१५:०६ तक)
प्रथम करण 👉 विष्टि (०८:५१ तक)
द्वितीय करण 👉 बव (२१:०६ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मकर
चंद्र 🌟 सिंह
मंगल 🌟 धनु (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, वक्री)
गुरु 🌟 कुंम्भ (उदय, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 धनु (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०७ से १२:४९
अमृत काल 👉 २७:५९ से २९:३९
विजय मुहूर्त 👉 १४:१४ से १४:५६
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:३४ से १७:५८
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०१ से २४:५५
राहुकाल 👉 ११:०९ से १२:२८
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १५:०६ से १६:२५
होमाहुति 👉 मंगल
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 आकाश
भद्रावास 👉 मृत्यु (०८:५१ तक)
चन्द्रवास 👉 पूर्व
शिववास 👉 क्रीड़ा में (०८:५१ से कैलाश पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर २ – लाभ
३ – अमृत ४ – काल
५ – शुभ ६ – रोग
७ – उद्वेग ८ – चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग २ – काल
३ – लाभ ४ – उद्वेग
५ – शुभ ६ – अमृत
७ – चर ८ – रोग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
पश्चिम-दक्षिण (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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राष्ट्रीय माघ मास आरम्भ, संकष्ट माघी तिल चतुर्थी व्रत (सकट चौथ), देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०७:२० से ११:१८ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ०९:४३ तक जन्मे शिशुओ का नाम
मघा नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (में) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश: (मो, टा, टी, टू) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मकर – ३०:५१ से ०८:३२
कुम्भ – ०८:३२ से ०९:५८
मीन – ०९:५८ से ११:२१
मेष – ११:२१ से १२:५५
वृषभ – १२:५५ से १४:५०
मिथुन – १४:५० से १७:०५
कर्क – १७:०५ से १९:२६
सिंह – १९:२६ से २१:४५
कन्या – २१:४५ से २४:०३
तुला – २४:०३ से २६:२४
वृश्चिक – २६:२४ से २८:४३
धनु – २८:४३ से ३०:४७
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रोग पञ्चक – ०७:१२ से ०८:३२
शुभ मुहूर्त – ०८:३२ से ०८:५१
मृत्यु पञ्चक – ०८:५१ से ०९:४३
अग्नि पञ्चक – ०९:४३ से ०९:५८
शुभ मुहूर्त – ०९:५८ से ११:२१
मृत्यु पञ्चक – ११:२१ से १२:५५
अग्नि पञ्चक – १२:५५ से १४:५०
शुभ मुहूर्त – १४:५० से १७:०५
रज पञ्चक – १७:०५ से १९:२६
शुभ मुहूर्त – १९:२६ से २१:४५
चोर पञ्चक – २१:४५ से २४:०३
शुभ मुहूर्त – २४:०३ से २६:२४
रोग पञ्चक – २६:२४ से २८:४३
शुभ मुहूर्त – २८:४३ से ३०:४७
मृत्यु पञ्चक – ३०:४७ से ३१:१२
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन मानसिक रूप से उठा पटक वाला रहेगा। दिमाग मे आज कुछ न कुछ खुरापात लगी ही रहेगी लेकिन मन के भेद आज किसी से बताना पसंद नही करेंगे। मध्यान तक का समय सोच विचार में नष्ट होगा इसके बाद ही कोई महात्त्वपूर्ण कार्य मे व्यस्तता आएगी। कार्य क्षेत्र पर गरमा गरमी से बचे वर्ना धन अथवा अन्य लाभ हाथ आते आते निकल सकता है। घर मे स्त्री वर्ग विशेष कर माता से भावनात्मक संबंध रहेंगे छोटी मोटी कहासुनी के बाद संबंध और प्रगाढ़ होंगे। आरोग्य उत्तम रहेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आपको आज का दिन सावधानी से बिताने की सलाह है दिमाग तो आज बात बात पर गर्म रहेगा ही किसी से अनजाने में कुछ ऐसा बोल देंगे जिसका बाद में पश्चाताप होगा लड़ाई होने पर प्रेम संबंध खराब होंगे वह अलग। कार्य व्यवसाय से भी ज्यादा उम्मीद न रखे धन की आमद होगी लेकिन उधारी अथवा अन्य खर्चो के लिये भी पूरी नही पड़ेगी। सहकर्मी तथा अधिकारी भी किसी न किसी कारण से नाराज रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर व्यवस्था रखने के लिये मामूली गलतियों व हानि को नजरअंदाज करना ही ठीक रहेगा। सरदर्द बदन दर्द की शिकायत रहेगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आपका पराक्रम बढ़ा हुआ रहेगा किसी भी काम मे जल्दी से हार नही मानेंगे। लेकिन कार्य व्यवसाय में अन्य के ऊपर निर्भर रहने के कारण चाहते हुए भी कुछ नही कर पाएंगे। भाग दौड़ करने पर भी कम चलाऊ धन की प्राप्ति ही हो सकेगी। भाई बंधुओ से संबंध असामान्य रहने पर भी किसी ना किसी रूप में लाभ होने की संभावना है बीच मे थोड़ा बहुत क्रोध आएगा लेकिन आज वाणी एवं व्यवहार के बल पर ही सफलता पाई जा सकती है इसलिए छोटी बातों पर व्यवहार खराब करने से बचें। सेहत सामान्य रहेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन लाभदायक रहेगा सोचा हुआ लाभ पाने के लिये प्रातः काल से ही योजना बनाकर कार्यो में लगना पड़ेगा। मध्यान तक कि परिश्रम दिन के अंतिम भाग में फल देने लगेगी धन लाभ नियत के अलावा आकस्मिक भी होगा लेकिन दिखावे के कारण खर्च अधिक बढ़ने से हाथ मे नही रुकेगा। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मी अथवा घर के लोगो से अहम को लेकर ठनेगी। भूमि भवन का सुख कम मिलेगा उल्टे इनपर खर्च ही करना पड़ेगा। महिलाओ को पुरुषों की तुलना में अधिक क्रोध आएगा परन्तु हाद होने पर ही प्रदर्शन करेंगी। सेहत ठीक ही रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपका व्यक्तित्त्व निखरा हुआ रहेगा सार्वजनिक क्षेत्र पर आज आप जैसी छवि बनाएंगे उसका उसी अनुसार फल आने वाले समय मे किसी न किसी रूप में मिलेगा। काम-काज सामान्य रहेगा धन की आमद होगी लेकिन भौतिक सुखों की कामना हाथ मे रुकने नही देगी। बोला चाल एवं व्यवहारिकता के बल पर अपने बिगड़े काम बना लेंगे लेकिन जिद्दी स्वभाव भी रहने के कारण आपके संपर्क में आने वालों को परेशानी होगी लेकिन निजी स्वार्थ निकालने के लिये किसी बात की परवाह नही करेंगे। धर्म कर्म में व्यवहारिकता मात्र रहेगी। सेहत में कुछ कमी अनुभव करेंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आपको आर्थिक व्यावसायिक एवं घरेलू संबंधित विविध समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। जिस कार्य को करने का मन बनायेगे वही पहले आलस बाद में किसी कमी के चलते विलम्ब से शुरू होगा तथा आधा होने के बाद मानसिक स्थिति बदलने से छोड़ने का मन करेगा आपकी यही मानसिकता सभी कार्यो के प्रति रहेगी जिसके कारण खर्च निकालना भी भारी पड़ेगा। धन संबंधित कोई भी जोखिम बहुत आवश्यक होने पर ही लें धन नाश के प्रबल योग है। घर का वातावरण उथलपुथल रहेगा। सेहत भी नरम गरम बनी रहेगी

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा आज दिन भर बीच बीच मे किसी की उद्दंडता पर क्रोध भी आएगा लेकिन इससे बचने का प्रयास करें अन्यथा सार्वजनिक क्षेत्र पर सम्मान में कमी आएगी। कार्य व्यवसाय में जोखिम वाले कार्यो को करने से डरेंगे धन संबंधित कार्यो में भी निर्णय लेने में दुविधा होगी किसी वरिष्ठ व्यक्ति के सहयोग से इससे पार पा ही लेंगे। धन की आमद निश्चित ना होकर अकस्मात ही होगी लेकिन होगी जरूर। पराक्रम में वृद्धि का प्रयोग गलत जगह ना हो इसका ध्यान रखें स्वभाव का उखड़ापन स्नेहीजन से वैर करा सकता है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज दिन के आरंभ में आप परिश्रम करने से बचेंगे लेकिन जितना इससे दूर भागेंगे उतने ही काम बढ़ेगे। दिन को लाभदायक बनाने के लिये मेहनत करनी ही पड़ेगी अन्य दिनों की तुलना में अतिरिक्त कार्य भी करना पड़ सकता है लेकिन जिस कार्य को एक बार आरम्भ करेंगे उसे पूरा करके ही मानेंगे। धन के कारण मन मे बेचैनी रहेगी लेकिन इसके लिये ज्यादा झंझट में नही पढ़ेंगे। आध्यात्म क्षेत्र से जुड़े जातकों अथवा साधको के सम्मान में वृद्धि होगी। पारिवारिक वातावरण भी शांत ही रहेगा। शारीरिक रूप से ठीक रहेंगे क्रोध के समय किसी से बात ना करें।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा धर्म कर्म आध्यात्म में रुचि बढ़ेगी। परोपकार के लिये भी तैयार रहेंगे लेकिन परिस्थिति इन सबको करने में बाधक बनेगी आज जोभी कार्य करे उसके प्रति दृढ़ रहने पर ही पूरा कर सकेंगे अन्यथा अधूरा ही रह जायेगा। दिन के आरंभ से मध्यान तक का समय इधर उधर की बातों में खराब होगा मध्यान बाद कार्य क्षेत्र से लाभ की संभावना बनेगी धन की आमद होगी भी लेकिन साथ ही साथ खर्च भी हो जाएगा हाथ कुछ नही लगेगा। माता से लाभ की संभावना है अंत समय मे टल भी सकता है। सेहत की अनदेखी आगे भारी पड़ सकती है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आप दिन भर शारीरिक कारणों से परेशान रहेंगे शरीर मे कोई ना कोई व्याधि लगी रहेगी एक को ठीक करेंगे तो दूसरी समस्या उभर आएगी सेहत ठीक भी रहे तो मानसिक तनाव निर्णय लेने मे व्यवधान डालेगा। मध्यान बाद ही कार्य करने में थोड़े बहुत सक्षम होंगे। काम धंधा सामान्य रहेगा लाभ -हानि बराबर रहने से तालमेल बना रहेगा अकस्मात खर्च आज परेशान करेंगे इसलिये सोच समझ कर ही कही धन फसाये। उधारी के व्यवहार गलती से भी ना करें अन्यथा वापसी की आशा ना रखें। शत्रु पक्ष आज निर्बल रहेगा घर मे असुविधा के कारण मन कम लगेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपकी दिनचार्य में सुधार आयेगा। दिन के आरंभ में किसी कारण से व्यर्थ की उलझन रहेगी परन्तु धीरे धीरे स्थिति सामान्य हो जाएगी। मध्यान का समय आज विशेष रहेगा किसी बहुप्रतीक्षित कार्य को लेकर बेचैन रहेंगे लेकिन नतीजा आपके पक्ष में आने से उत्साह वृद्धि होगी। सरकारी कार्य अथवा व्यावसायिक कागजी कार्य आज करना शुभ है सफलता निश्चित मिलेगी। परिवार में वातावरण तनावग्रस्त रहेगा मतभेद के चलते बोल चाल भी प्रभावित होगीं। व्यसन से दूर रहें अन्यथा धन एवं शरीर हानि होगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपका दिन पिछले दिनों की तुलना में अच्छा रहेगा लेकिन मानसिक क्लेश आज भी किसी न किसी कारण से लगा ही रहेगा। कोई भी काम बिना झंझट में पड़े सफल नही हो सकेगा। व्यवसायी वर्ग को भी जोखिम लेने के बाद ही सफलता मिल सकेगी। मध्यान तक का समय दौड़ धूप भरा रहेगा इसके बाद भी परिश्रम करना पड़ेगा लेकिन पहले की तुलना में कम और लाभ अधिक मिलेगा। पुराने कार्य पूर्ण होने अथवा उधारी की वापसी पर भी धन की आमद होगी। उधार किसी को ना दे अन्यथा वापसी में परेशानी आएगी। घर का वातावरण एवं सेहत दोनो बदलते रहेंगे।
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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏