* आज का पंचाग आपका राशि फल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यून से दिया योग संदेश,शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना का संयोजन है योग- धामी, शिक्षक का अदभुत ज्ञान, मोदी नेहरू और विदेश यात्रा

*श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*

*सुप्रभातम*
*आज का पञ्चाङ्ग*
*_गुरुवार, २२ जून २०२३_*
सूर्योदय: 🌄 ०५:३८सूर्यास्त: 🌅 ०७:२०

चन्द्रोदय: 🌝 ०८:३८
चन्द्रास्त: 🌜२२:४२
अयन 🌖 दक्षिणायणे
(उत्तरगोलीय)
ऋतु: ⛈️ वर्षा
शक सम्वत:👉१९४५ (शोभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०८० (पिंगल)
मास 👉 आषाढ
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 चतुर्थी (१७:२७
से पञ्चमी)
नक्षत्र 👉 आश्लेशा
(२८:१८ से मघा)
योग👉हर्षण(२७:३२ से वज्र
प्रथम करण👉विष्टि(१७:२७ तक)
द्वितीय करण👉बव(पूर्ण रात्रि)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मिथुन
चंद्र 🌟 सिंह (२८:१७ से)
मंगल 🌟 कर्क
(उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध🌟वृष(अस्त,पूर्व,मार्गी)
गुरु🌟मेष(उदित,पश्चिम,मार्गी)
शुक्र🌟कर्क(उदित, पश्चिम)
शनि 🌟 कुम्भ
(उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५१ से १२:४७
अमृत काल 👉 २६:३० से २८:१८
रवियोग 👉 १८:०१ से २८:१८
विजय मुहूर्त 👉 १४:४० से १५:३६
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:२० से १९:४०
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२१ से २०:२१
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५९ से २४:३९
राहुकाल 👉 १४:०४ से १५:५०
राहुवास 👉 दक्षिण
यमगण्ड 👉 ०५:१६ से ०७:०२
होमाहुति 👉 बुध
दिशाशूल 👉 दक्षिण
अग्निवास 👉 पाताल (१७:२७ से पृथ्वी)
भद्रावास 👉 मृत्यु -(१७:२७ तक)
चन्द्रवास 👉 उत्तर (पूर्व २८:१८ से)
शिववास 👉 क्रीड़ा में (१७:२७ से कैलाश पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – शुभ २ – रोग
३ – उद्वेग ४ – चर
५ – लाभ ६ – अमृत
७ – काल ८ – शुभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – अमृत २ – चर
३ – रोग ४ – काल
५ – लाभ ६ – उद्वेग
७ – शुभ ८ – अमृत
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
उत्तर-पूर्व (दही का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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विनायक चतुर्थी, राष्ट्रीय आषाढ मास आरम्भ, स्वामी विवेकानंद स्मृति दिवस,
भूमि-भवन क्रय-विक्रय मुहूर्त सायं ०५:१६ से रात्रि ०९:३१ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २८:१८ तक जन्मे शिशुओ का नाम आश्लेषा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (डी, डू, डे, डो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम मघा नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (मा) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन – २८:५३ से ०७:०८
कर्क – ०७:०८ से ०९:३०
सिंह – ०९:३० से ११:४९
कन्या – ११:४९ से १४:०६
तुला – १४:०६ से १६:२७
वृश्चिक – १६:२७ से १८:४७
धनु – १८:४७ से २०:५०
मकर – २०:५० से २२:३१
कुम्भ – २२:३१ से २३:५७
मीन – २३:५७ से २५:२१
मेष – २५:२१ से २६:५४
वृषभ – २६:५४ से २८:४९
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:१६ से ०७:०८
रज पञ्चक – ०७:०८ से ०९:३०
शुभ मुहूर्त – ०९:३० से ११:४९
चोर पञ्चक – ११:४९ से १४:०६
शुभ मुहूर्त – १४:०६ से १६:२७
रोग पञ्चक – १६:२७ से १७:२७
शुभ मुहूर्त – १७:२७ से १८:४७
मृत्यु पञ्चक – १८:४७ से २०:५०
अग्नि पञ्चक – २०:५० से २२:३१
शुभ मुहूर्त – २२:३१ से २३:५७
रज पञ्चक – २३:५७ से २५:२१
अग्नि पञ्चक – २५:२१ से २६:५४
शुभ मुहूर्त – २६:५४ से २८:१८
रज पञ्चक – २८:१८ से २८:४९
शुभ मुहूर्त – २८:४९ से २९:१६
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन भी शुभ फलो की प्राप्ति कराएगा। छोटी-छोटी बातों पर क्रोध
वाले स्वभाव पर अंकुश लगाएं प्रेम संबंध में खटास बनेगी। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मी अथवा अन्य लोगो के आश्रित रहना पड़ेगा फिर भी जरूरत के अनुसार लाभ अवश्य हो जायेगा। किसी भी महत्त्वपूर्ण निर्णय को लेने से पहले एक बार लाभ हानि की समीक्षा अवश्य करें जल्दबाजी में लिए अधिकांश निर्णय गलत साबित हो सकते है। सामाजिक कार्यो में योगदान के अवसर मिलेंगे। महिलाये आज व्यवहार संयमित रखें मान हानि की संभावना है। आडंबर युक्त जीवन पर खर्च अधिक रहेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। प्रातः काल किसी योजना के पूर्ण होने से धन आगम होगा। आज दिनचर्या व्यवस्थित रहेगी कार्य भी समय से पूर्ण होंगे लेकिन यात्रा का मन बनने से आवश्यक कार्य मे बदलाव करना पड़ेगा। आर्थिक रूप से दिन शुभ रहेगा परन्तु हाथ खुला होने से ज्यादा देर टिकेगा नही। उधारी के व्यवहार ज्यादा ना बढ़ाएं अन्यथा उलझने बढ़ेंगी। सामाजिक सम्बन्ध आज दिखावा मात्र ही रहेंगे। परिवार में सुख शान्ति की अनुभूति होगी लेकिन महिला वर्ग का स्वभाव अचानक बदल सकता है सतर्क रहें। शान्ती बनाये रखने के लिए परिजनों की आवश्यकता पूर्ति करनी पड़ेगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आपके मन मे कुछ ना कुछ उधेड़-बुन लगी रहेगी। किसी बड़े कार्य को करने की योजना बनाएंगे लेकिन आर्थिक कारणों से पीछे हटना पड़ेगा। गलती करने पर भी ना मानने के कारण घर एवं बाहरी लोगो से बुरा-भला सुनना पड़ सकता है। कार्य व्यवसाय में परिश्रम अधिक रहेगा लेकिन प्राप्ति अल्प मात्रा में होगी। खर्चे आज आवश्यकता पर ही करेंगे। महिलाओं का विपरीत व्यवहार घर मे कलह कराएगा। संध्या के बाद से मन मे चंचलता अधिक रहेगी पल पल में बातों से पलटेंगे जिससे परिजनों के साथ मित्रो को भी असुविधा होगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आप दिन भर मन ही मन खयाली पुलाव पकाएंगे इनको सार्थक बनाने के लिए कोई ना कोई अभाव बाधा डालेगा। कार्य क्षेत्र अथवा घर मे शंकालु प्रवृत्ति रहने से किसी भी निर्णय को खुल कर नही ले सकेंगे। अधिकांश कार्यो के निर्णय अन्य के ऊपर डाल देंगे। आज आप फिजूल के झगड़े झंझटो से बच कर रहेंगे परन्तु फिर भी किसी अन्य के आपत्तिजनक व्यवहार के कारण माहौल उग्र बनेगा। धन संबंधित कार्यो में मध्यम सफलता मिलेगी। परिवार में थोड़ी खींच-तान के बाद भी स्थिति गंभीर नही बनेगी। संध्या पश्चात मनोरंजन के अवसर उपलब्ध होंगे।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
दिन के प्रारंभ में आप पूर्वाग्रह से ग्रसित रहेंगे। अपने आगे किसी की नही चलने देंगे जिस वजह से हानि संभावित रहेगी। कार्य व्यवसाय की गति भी धीमी रहेगी। घरेलू आवश्यकता पूर्ति करने में असमर्थ अनुभव करेंगे। अतिआत्मविश्वास से बचें आज आपके अधिकांश निर्णय गलत निकलेंगे।
परन्तु संध्या के समय व्यवसाय में आकस्मिक वृद्धि होगी धन लाभ भी काम चलाऊ हो जाएगा। आगे की योजनाओं पर खर्च करेंगे। महिलाये आज ईर्ष्यालु प्रवृत्ति से ग्रसित रह सकती है। सामाजिक क्षेत्र पर स्वयं के कारण से हास्य के पात्र बनेंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज दिन का पूर्वार्ध व्यस्तता से भरा रहेगा। व्यवसायी एवं नौकरी वाले लोग अपूर्ण कार्य पूर्ण करने का भरपूर प्रयास करेंगे फिर भी कुछ कार्य अधूरे रह सकते है। परिश्रम की अधिकता एवं स्वास्थ्य की अनदेखी के कारण शारीरिक रूप से कमजोरी थकान रहेगी। आज आपकी बौद्धिक क्षमता का विकास होगा परन्तु लाभ दिलाने में सहायक नही रहेगा। हतोत्साहित ना हो आशानुकूल ना सही काम चलाने लायक लाभ अवश्य होगा। पति पत्नी अथवा किसी अन्य से गरमा गरमी हो सकती है विवेकि व्यवहार अपनाए। यात्रा पर्यटन की योजना बनेगी। खर्च आज सोच समझ कर ही करें।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपको सरकारी पक्ष से लाभ कराएगा आर्थिक स्थिति भी पहले से ज्यादा बेहतर रहेगी। खर्च भी अनावश्यक रहेंगे दिखावे पर ज्यादा खर्च करेंगे। कार्य व्यवसाय क्षेत्र पर आज जल्दबाजी में कार्य करेंगे जिससे कुछ ना कुछ त्रुटि अवश्य रहेगी। व्यावसायिक गतिविधियों से धन सम्मान मिलने पर भी मन मे किसी चीज की कमी खलेगी। मित्र परिचितों के साथ संध्या के समय मौज शौक पूरे करेंगे परन्तु रंग में भंग पड़ने वाली स्थिति बन सकती है सतर्क रहें। विपरीत लिंगीय वर्ग से आकर्षण बढेगा। प्रेम प्रसंगों में नजदिकी आएगी। संताने जिद पर अड़ेंगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन भी आप सुख शांति से व्यतीत करेंगे। कार्य व्यवसाय में छोटी-मोटी बाधाएं आती रहेंगी लेकिन आप इनकी परवाह नही करेंगे। धर्म-आध्यत्म के प्रति गहरी आस्था कर्म पथ से डिगने नही देंगी। कम समय में ज्यादा लाभ कमाने के प्रलोभन भी मिलेंगे परन्तु ये कुछ ही समय प्रभाव दिखाएंगे आज आपके आचरण से किसी का अहित ना हो इसका विशेष ध्यान रखें। भाई-बंधुओ में कुछ समय के लिए अनबन गृहस्थ का वातावरण बिगाड़ेगी किसी बुजुर्ग के सहयोग से स्थिति सामान्य बनेगी फिर भी मन मे क्षोभ बना रहेगा। व्यावसायिक यात्रा की संभावना है लेकिन ज्यादा लाभदायक नही रहेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपको प्रत्येक कार्यो में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दोपहर तक दिनचर्या सामान्य रहेगी। जोड़ तोड़ करके कार्य चलते रहेंगे। नौकरी व्यवसाय दोनों में थोड़ी बहुत समस्या बनी रहेगी फिर भी लाभ के अवसर मिलते रहेंगे। परन्तु संध्या बाद स्थिति प्रतिकूल होने पर विशेष कर सेहत के लिए ज्यादा नुकसानदायक रहेगी। आकस्मिक दुर्घटना चोटादि का भय है। परिजनों की छोटी मोटी बातों का बुरा ना माने भाई बंधुओ से भी व्यर्थ बहस ना करें विवाद बढ़ सकता है। महिलाये आज किसी कारणवश स्वयं को लाचार अनुभव करेंगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपको लगभग सभी कार्यो में सफलता दिलाएगा जहां असफल होंगे वहां कारण किसी अन्य की दखलंदाजी रहेगी। नौकरी पेशा जातको को जटिल कार्य सौंपे जाएंगे जिससे आरंभ में थोड़ी असुविधा रहगी परन्तु बाद में वही कार्य लाभ के साथ सम्मान भी दिलाएगा। व्यवसायी वर्ग कार्य क्षेत्र पर खुल कर निर्णय ले सकेंगे फिर भी आर्थिक लाभ के लिए थोड़ा इंतजार एवं किसी की खुशामद भी करनी पड़ेगी। महिलाये कार्य बोझ के कारण चिड़चिड़ी रहेंगी फिर भी घरेलू दिनचर्या को बिगड़ने नही देंगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज धन की प्राप्ति जितनी सुगम रहेगी खर्च भी उतनीं ही जल्दी हो जाएगा। खर्चो पर नियंत्रण ना रहने से आर्थिक उलझने बनेगी। व्यवसाय में विस्तार की योजना बनाएंगे परन्तु आज निवेश ना करें धन फंसने की संभावना अधिक है। नौकरी वाले जातक कार्यो की अधिकता से परेशान रहेंगे। आर्थिक लाभ दिन भर होता रहेगा अगर खर्च पर नियंत्रण रख सके तो यह धन आने वाले समय मे अतिउपयोगी सिद्ध होगा। घर के बुजुर्ग अथवा अधिकारी वर्ग से उचित मार्ग दर्शन मिलेगा फिर भी स्वभाव में जल्दबाजी के कारण इसका लाभ कम ही उठा पाएंगे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपकी दिनचर्या आर्थिक कारणों से उथल-पुथल रहेगी। धार्मिक कार्यो में रुचि रहने पर भी एकाग्रता की कमी रहेगी कार्यो को बेमन से करने के कारण आरम्भ करने से पहले ही सफलता के प्रति आशंकित रहेंगे। आर्थिक लाभ परिश्रमानुसार अवश्य होगा परन्तु उधार के व्यवहारों के कारण बचत मुश्किल से ही कर पाएंगे। महिलाओं को भी आज गृहस्थी में तालमेल बैठाने में अधिक मशक्कत करनी पड़ेगी। पूर्व नियोजित यात्रा पर्यटन की योजना शारीरिक अथवा किसी अन्य कारण से निरस्त करनी पड़ेगी जिससे खास कर सन्ताने निराश होंगी। धर्म लाभ मिलेगा।
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कुछ लोग जीवित रहने के लिए भोजन ग्रहण करते हैं। लेकिन कुछ लोग केवल खाने के लिए जिंदा हैं और अपने शरीर को गैंडा बना कर रख दिए हैं उनके लिए जिस दिन प्रेरणा मिले वही जीवन दृष्टि बदलने का क्षण हो सकता है। जैसे #प्रधानमंत्री #नरेन्द्र_मोदी ने यून से जो #विश्व_योग_दिवस 2023 पर जिस तरह योग संदेश दिया कितने करोड़ लोगों को प्रेरित कर सकता है। #ओलंपिक #चैंपियनशिप जीतने वाले की दौड़ भी पहले कदम से आरंभ होती है। जब जागो तभी सबेरा।✍️हरीश मैखुरी 
breakinguttarakhand.com

*योग दिवस पर सीएम धामी ने अल्मोड़ा से दिया बड़ा संदेश*

*आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बनेगा जागेश्वर धाम*

*शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना का संयोजन है योग- धामी* 

देहरादून/ अल्मोड़ा: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जागेश्वर धाम पहुंचकर प्रदेश में योग के द्वारा धार्मिक पर्यटन को विकसित करते हुए नए विजन को दर्शाया है। सीएम धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकास के नव रत्नों में शामिल किए गए तीसरे रत्न मानसखंड क्षेत्र को इस बार इस आयोजन के लिए चुना है। 

*योग, ध्यान, अध्यात्म का केंद्र बनेगा जागेश्वर धाम*

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विशेष पहल पर इस बार योग महोत्सव का आयोजन सुदूरवर्ती अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम में किया गया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मानस मंदिर माला मिशन के जरिए सरकार कुमाऊं के प्राचीन मंदिरों में विभिन्न सुविधाओं को विकसित कर रही है। इस योजना की शुरुआत जागेश्वर धाम से की जा रही है, जागेश्वर धाम को योग ध्यान एवं आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बनाया जाएगा। 

*ये हैं योग के पांच संयोजन*

मुख्यमंत्री धामी ने जागेश्वर धाम से योग के पांच संयोजन का भी जिक्र करते हुए कहा कि योग ज्ञान रूपी धरोहर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योग शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना का संयोजन है। उन्होंने प्रदेशवासियों से उत्तराखण्ड को हर स्तर पर उत्कृष्ट बनाने के लिए प्रतिदिन एक घंटा योग करने का संकल्प लेने का अह्वान किया। सीएम धामी ने कहा कि प्रतिदिन योग करें, सूरज उगने से पहले जगना होगा और खुद को बदलना होगा, जिससे दवाओं पर आने वाला व्यय भी कम होगा।

*सनातन संस्कृति का मूल आधार “वसुधैव कुटुम्बकम’’*

मुख्यमंत्री धामी ने सनातन संस्कृति का उल्लेख करते हुये कहा कि हमारी गौरवशाली सनातन संस्कृति का मूल आधार ’’वसुधैव कुटुम्बकम’’ है और यही हमारे देश की 140 करोड़ जनता का मूल संस्कार भी है, जो सम्पूर्ण विश्व को एक परिवार का रूप मानता है। इसी सिद्धांत को केंद्र में रखते हुए इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम ’’वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’’ तय की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेकों वैश्विक चुनौतियों और षड्यंत्रों का सामना करने के बावजूद भारत ने कभी भी मानवीय मूल्यों से हटकर आचरण नहीं किया और हमारी इस लोक कल्याणकारी अवधारणा का आधार हमारी संस्कृति है, जिसके मुख्य स्तंभों में से एक योग भी है। इसी वजह से योग आज दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया है जो विश्व को भारतीय संस्कृति के साथ और अधिक प्रगाढ़ता से जोड़ने का काम कर रहा है।

*शिक्षक का अदभुत ज्ञान*
*शाकाहारी – मांसाहारी*

एक बार एक चिंतनशील शिक्षक ने अपने 7th – 8th स्टेंडर्ड के बच्चों से पूछा कि
आप लोग कहीं जा रहे हैं और
सामने से कोई कीड़ा मकोड़ा या कोई साँप, छिपकली या कोई गाय-भैंस या अन्य कोई ऐसा विचित्र जीव दिख गया, जो आपने जीवन में पहले कभी नहीं देखा हो, तो प्रश्न यह है कि
आप कैसे पहचानेंगे कि
वह जीव *अंडे* देता है *या बच्चे* ?
क्या पहचान है उसकी ?

अधिकांश बच्चे मौन रहे
जबकि कुछ बच्चों में बस आंतरिक खुसर-फुसर चलती रही…।

मिनट दो मिनट बाद
फिर उस चिंतनशील शिक्षक ने स्वयं ही बताया कि
बहुत आसान है,,
जिनके भी *कान बाहर* दिखाई देते हैं *वे सब बच्चे देते हैं*
और जिन जीवों के *कान बाहर नहीं* दिखाई देते हैं
*वे अंडे* देते हैं…. ।।
फिर दूसरा प्रश्न पूछा कि–
ये बताइए आप लोगों के सामने एकदम कोई प्राणी आ गया… तो आप कैसे पहचानेंगे की यह *शाकाहारी है या मांसाहारी ?*
क्योंकि आपने तो उसे पहले भोजन करते देखा ही नहीं,
बच्चों में फिर वही कौतूहल और खुसर फ़ुसर की आवाजें…..

शिक्षक ने कहा–
देखो भाई बहुत आसान है,,
जिन जीवों की *आँखों की बाहर की यानी ऊपरी संरचना गोल होती है, वे सब के सब माँसाहारी होते हैं*,
जैसे-कुत्ता, बिल्ली, बाज, चिड़िया, शेर, भेड़िया, चील या अन्य कोई भी आपके आस-पास का जीव-जंतु जिसकी आँखे गोल हैं वह माँसाहारी ही होगा और है भी,
ठीक उसी तरह जिसकी *आँखों की बाहरी संरचना लंबाई लिए हुए होती है, वे सब के सब जीव शाकाहारी होते हैं*,
जैसे- हिरन, गाय, हाथी, बैल, भैंस, बकरी,, इत्यादि।
इनकी आँखे बाहर की बनावट में लंबाई लिए होती है ….

फिर उस चिंतनशील शिक्षक ने बच्चों से पूछा कि-
बच्चों अब ये बताओ कि मनुष्य की आँखें गोल हैं या लंबाई वाली ?

इस बार सब बच्चों ने कहा कि मनुष्य की आंखें लंबाई वाली होती है…
इस बात पर
शिक्षक ने फिर बच्चों से पूछा कि
*यह बताओ इस हिसाब से मनुष्य शाकाहारी जीव हुआ या माँसाहारी ??*
सब के सब बच्चों का उत्तर था *शाकाहारी* ।

फिर शिक्षक से पूछा कि
बच्चों यह बताओ कि
फिर मनुष्य में बहुत सारे लोग मांसाहार क्यों करते हैं ?
तो इस बार बच्चों ने बहुत ही गम्भीर उत्तर दिया
और वह उत्तर था कि *अज्ञानतावश या मूर्खता के कारण।*

फिर उस चिंतनशील शिक्षक ने बच्चों को दूसरी बात यह बताई कि
जिन भी *जीवों के नाखून तीखे नुकीले होते हैं, वे सब के सब माँसाहारी* होते हैं,
जैसे- शेर, बिल्ली, कुत्ता, बाज, गिद्ध या अन्य कोई तीखे नुकीले नाखूनों वाला जीव….
और
जिन जीवों के *नाखून चौड़े चपटे होते हैं वे सब के सब शाकाहारी* होते हैं,
जैसे-मनुष्य, गाय, घोड़ा, गधा, बैल, हाथी, ऊँट, हिरण, बकरी इत्यादि।

इस हिसाब से भी अब ये बताओ बच्चों कि मनुष्य के नाखून तीखे नुकीले होते हैं या चौड़े चपटे ??

सभी बच्चों ने कहा कि
चौड़े चपटे,,

फिर शिक्षक ने पूछा कि
अब ये बताओ इस हिसाब से मनुष्य कौन से जीवों की श्रेणी में हुआ ??
सब के सब बच्चों ने एक सुर में कहा कि *शाकाहारी ।*

फिर शिक्षक ने बच्चों से तीसरी बात यह बताई कि,
जिन भी *जीवों अथवा पशु-प्राणियों को पसीना आता है, वे सब के सब शाकाहारी* होते हैं,
जैसे- घोड़ा, बैल, गाय, भैंस, खच्चर, आदि अनेकानेक प्राणी… ।
जबकि
*माँसाहारी जीवों को पसीना नहीं आता है, इसलिए कुदरती तौर पर वे जीव अपनी जीभ निकाल कर लार टपकाते हुए हाँफते रहते हैं*
इस प्रकार वे अपनी शरीर की गर्मी को नियंत्रित करते हैं…. ।

तो प्रश्न यह उठता है कि
मनुष्य को पसीना आता है या मनुष्य जीभ से अपने तापमान को एडजस्ट करता है ??

सभी बच्चों ने कहा कि मनुष्य को पसीना आता है, इसलिए मनुष्य भी शाकाहारी हुआ।
*फिर शिक्षक ने एक पहचान और बताई कि जो मांसाहारी होते हैं वह जीभ से चाट कर पानी पीते हैं जबकि शाकाहारी सुरूक कर या खींच कर पीते हैं।* बच्चों ने इस पर ताली बजाई।
शिक्षक ने कहा कि अच्छा यह बताओ कि
इस बात से भी मनुष्य कौन सा जीव सिद्ध हुआ, सब के सब बच्चों ने एक साथ कहा –
*शाकाहारी ।*
सभी लोग विशेषकर अहिंसा में, सनातन धर्म, संस्कृति और परम्पराओं में विश्वास करने वाले लोग भी चाहे तो बच्चों को नैतिक-बौद्धिक ज्ञान देने अथवा सीखने-पढ़ाने के लिए इस तरह बातचीत की शैली विकसित कर सकते हैं,
इससे जो वे समझेंगे सीखेंगे वह उन्हें जीवनभर काम आएगा…
याद रहेगा, पढ़ते वक्त बोर भी नहीं होंगे….।

बच्चे अगर बड़े हो जाएं तो उनको यह भी बताएं कि कैसे शाकाहारी मनुष्य जानकारी के अभाव में मांसाहार का उपयोग करता है और कहता है कि जब अन्न नहीं उपजाया जाता था तब मनुष्य मांसाहार का सेवन करते थे, जो सरासर गलत है ; तब मनुष्य कंद-मुल एवं फलों पर जीवित रहते थे, जो सही है एवं मनुष्य के संरचना और स्वभाव से मेल भी खाता है। *धन्यवाद*

*🙏🚩 हर हर महादेव🚩🙏*

मोदी, नेहरू और विदेश यात्रा।

कांग्रेस नेता शशि थरूर कह रहे हैं कि नेहरू जी अकेले ऐसे भारतीय प्रधानमंत्री थे, जिनका स्वागत करने खुद अमेरिका के राष्ट्रपति एयरपोर्ट आये। 

अब कांग्रेसी थरूर ने नेहरू गांधी गिरोह के प्रथम मुखिया नेहरू के लिए यह बात कही, तो हमारा भी दायित्व बनता है कि देश को शेष जानकारी हम दें।

किसी भी भारत के प्रधानमंत्री द्वारा ये पहली विदेश यात्रा थी और अमेरिका की यह यात्रा 10 अक्टूबर 1949 को आरम्भ हुई। अब उस जमाने में भारत के पास अपना कोई ऐसा हवाई जहाज नहीं था, जो दिल्ली से सीधे अमेरिका के लिए उड़ सकता हो। अमेरिका के लिए वाया यूरोप ही जाना पड़ता था। परन्तु नेहरू चचा का जलवा था, सो उन्होंने इंग्लैंड से जहाज भाड़े पर लिया और दिल्ली से उड़कर सीधे अमेरिका के वाशिंगटन डीसी पहुंच गए।

11 तारीख को USA पहुंचकर नेहरू चचा ने पहले से किराये पर ली गयी खुली लग्ज़री गाड़ी में अपनी शाही सवारी निकाली और राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन से वार्ता करने पहुँच गए। वार्ता के बाद उनसे पत्रकारों ने पूछा कि किन विषयों पर बात हुई तो चचा ने कहा-

मैंने तो केवल सामान्य बातें ही की, बाकी महत्वपूर्ण विषय जी. एस. बाजपेई देख लेंगे। ऐसा बोल उन्होंने बाजपेई की तरफ इशारा कर दिया।

अपनी इस कुल 45 मिनट की मुलाक़ात के बाद चचा लौटे नहीं, क्योंकि वो अकेले नहीं गए थे। वो भारत की गरीब जनता के पैसे से साथ में घुमाने को पद्मजा नायडू सहित अपनी आधा दर्जन सहेलियां भी ले गए थे, सो चचा नेहरु सहेलियों के साथ अमेरिका के नजारे उत्तर से दक्षिण देखने को कार पर सवार हो लिए और न्यूयॉर्क, शिकागो, सेनफ्रांसिस्को सहित कई शहरों में 6 दिन घूमते रहे।

लेकिन यात्रा यहीं समाप्त नहीं हुई !! 

दरअसल इस बीच उनकी लाड़ली ने फोन किया कि पप्पा तुम अमेरिका में मौज काट रहे हो और मैं यहां सड़ रही हूँ।फिर क्या चचा का हवाई जहाज उड़कर 16 अक्टूबर 1949 को दिल्ली आ गया और उसके चार दिन बाद वापस बिटिया और सहेलियों को साथ लेकर कनाडा को उड़ गया।

1954 के अक्टूबर में चचा ने अपनी सहेलियों के साथ ऐसी ही एक चीन और इंडो-चायना दर्शन यात्रा की और 10 दिन चीन में और इतने ही लगभग कुछ अन्य देशों में बिताकर लौटे।

नामुराद भारत में नवंबर बिताकर चचा फिर से थाई मसाज़ का आनंद और फार ईस्ट का भ्रमण करने निकल गए और आराम से दिसंबर माह बर्मा, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया में घूमते हुए, मौज करते बिताया।

चचा के जमाने में सोशल मीडिया होता तो कोई जरूर पूछता- अरे ओ चचा, कभी घर में भी रहा करो।

अब आप कहोगे कि चलो कोई नहीं, प्रधानमंत्री थे काम से गए, थोड़ा घूम भी लिए तो आगे सुनो…..1955 की गर्मियों में तो चचा नेहरू ने विदेश यात्रा का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला !!

अर्थात दुनिया के किसी भी देश के राष्ट्राध्यक्ष द्वारा की गई अब तक की सबसे लंबी दूरी और अवधि की विदेश यात्रा।

7 जून 1955 को मास्को पहुँचे और निकिता ख्रुश्चेव से मिलने का एहसान करके नेहरू USSR घूमने निकल पड़े। 17 दिनों तक पूरा सोवियत घूमने के बाद चचा ने यूगोस्लाविया का रुख किया, वहां से पोलेंड, फिर चेकोस्लोवाकिया, ऑस्ट्रिया, इटली, इजिप्ट आदि आदि इत्यादि घूमकर चचा जब पौने दो महीने में फ्री हुए, तो उन्हें याद आया कि वो भारत के प्रधानमंत्री भी हैं और बस चचा देश पर अहसान करने लौट आये।

ये वर्ल्ड रिकॉर्ड आज भी चचा नेहरू के नाम दर्ज है जिसे अभी तक तोड़ना बाकी है। मोदी भी नहीं तोड़ पाए। 

शशि थरूर यह महत्वपूर्ण जानकारी संकोच-वश नहीं दे पाए, टेंसन नहीं थरूर साब ! सोशल मीडिया का धरातल और हम हैं न… चिंता नहीं करना।

लोहिया ने कहा था देश कि 95% जनता चार आना रोज पर गुज़र कर रही है और लेहरू 25,000 रुपए रोज देश के गरीब का अपने पर खर्च करता था। ह