आज का पंचाग आपका राशि फल, अब सड़कों पर वाहन चलने ‘ट्रैफिक विंड टरबाइन’ से बन रही है बिजली, 1914 में लिखी गई यूएन मुखर्जी की पुस्तक ‘हिन्दू – एक मरती हुई नस्ल’ के कुछ प्रसंग

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻रविवार, १९ जून २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:२९

सूर्यास्त: 🌅 ०७:१३

चन्द्रोदय: 🌝 २३:५२

चन्द्रास्त: 🌜१०:२१

अयन 🌕 उत्तरायने (उत्तरगोलीय

ऋतु: 🌞 ग्रीष्म 

शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (राक्षस)

मास 👉 आषाढ

पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 षष्ठी (२२:१८ से सप्तमी)

नक्षत्र 👉 धनिष्ठा (०५:५६ से शतभिषा) 

योग 👉 विष्कुम्भ (१०:५२ से प्रीति)

प्रथम करण 👉 गर (११:१३ तक)

द्वितीय करण 👉 वणिज (२२:१८ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 मिथुन 

चंद्र 🌟 कुम्भ 

मंगल 🌟 मीन (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 वृष (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

गुरु 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)

शुक्र 🌟 वृष (उदित, पूर्व, वक्री)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५० से १२:४६

अमृत काल 👉 २२:०० से २३:३२

त्रिपुष्कर योग 👉 २८:५३ से २९:१६

रवियोग 👉 ०५:५६ से २८:५३

विजय मुहूर्त 👉 १४:३९ से १५:३५

गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०७ से १९:३१

सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२१ से २०:२०

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५८ से २४:३८

राहुकाल 👉 १७:३५ से १९:२१

राहुवास 👉 उत्तर

यमगण्ड 👉 १२:१८ से १४:०४

होमाहुति 👉 गुरु

दिशाशूल 👉 पश्चिम

नक्षत्र शूल 👉 दक्षिण (२८:५३ से) 

अग्निवास 👉 पृथ्वी

भद्रावास 👉 मृत्यु (२२:१८ से) 

चन्द्र वास 👉 पश्चिम

शिववास 👉 भोजन में (२२:१८ से शमशान में)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – उद्वेग २ – चर

३ – लाभ ४ – अमृत

५ – काल ६ – शुभ

७ – रोग ८ – उद्वेग

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – शुभ २ – अमृत

३ – चर ४ – रोग

५ – काल ६ – लाभ

७ – उद्वेग ८ – शुभ

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पश्चिम-दक्षिण (पान का सेवन कर यात्रा करें)

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🔥 *विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
     🌞 *~ वैदिक पंचांग ~*  🌞
🌷 *मन्दिर में light कैसी हो* 🌷
👉🏻 *शिव मन्दिर में लप- झप कराने वाली light है तो शिव दर्शन से दूर करती… लप-झप करानेवाली lights मन्दिर में, पूजा के जगह पे रखना नुकसान का काम है, फायदा नहीं … चंचलता बढ़ेगी……*
     🌞 *~ वैदिक पंचांग ~*  🌞
🌷 *समस्त रोगनाशक उपाय* 🌷
👉🏻 *स्वास्थ्यप्राप्ति हेतु सिर पर हाथ रख के या संकल्प कर इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करें*
🌷 *अच्युतानन्तगोविन्दनामोच्चारणभेषजात् |*
*नश्यन्ति सकला रोगा: सत्यं सत्यं वदाम्यहम् ||*
👉🏻 *‘हे अच्च्युत ! हे अनंत ! हे गोविंद ! – इस नामोच्चारणरूप औषध से समस्त रोग नष्ट हो जाते हैं, यह मैं सत्य कहता हूँ …. सत्य कहता हूँ |’*
🙏🏻 *ऋषिप्रसाद – जून 2021*
     🌞 *~ वैदिक पंचांग ~*  🌞
            🌷 *स्नान* 🌷
➡️ *गो-झरण से स्नान कराने से रोग नष्ट होंगे पाप नष्ट होंगे…स्नान में गो-झरण डाले…पंचगव्य से स्नान करने से पापनाशिनी उर्जा मिलती है ।*
➡️ *कभी बिलि के पत्ते से स्नान करो , कभी उबटन का स्नान करो..कभी गो-झरण का स्नान करो तो कभी दही लगा के स्नान करो… दही लगाके स्नान करने से लक्ष्मी प्राप्ति होती है ..ये सभी शरीर के लिए है….शरीर स्वस्थ रख के अंतरात्मा में आने के लिए ये सब है…*

तिथि विशेष

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विद्या एवं अक्षर आरम्भ+देव प्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०७:१८ से दोपहर १२:२८ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज ०५:५५ तक जन्मे शिशुओ का नाम 

धनिष्ठा नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (गे) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशु का नाम शतभिशा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (गो, सा, सी, सू) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

मिथुन – २९:०४ से ०७:१९

कर्क – ०७:१९ से ०९:४०

सिंह – ०९:४० से ११:५९

कन्या – ११:५९ से १४:१७

तुला – १४:१७ से १६:३८

वृश्चिक – १६:३८ से १८:५७

धनु – १८:५७ से २१:०१

मकर – २१:०१ से २२:४२

कुम्भ – २२:४२ से २४:०८

मीन – २४:०८ से २५:३१

मेष – २५:३१ से २७:०५

वृषभ – २७:०५ से २९:००

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०५:१६ से ०५:५६

रज पञ्चक – ०५:५६ से ०७:१९

शुभ मुहूर्त – ०७:१९ से ०९:४०

चोर पञ्चक – ०९:४० से ११:५९

शुभ मुहूर्त – ११:५९ से १४:१७

रोग पञ्चक – १४:१७ से १६:३८

शुभ मुहूर्त – १६:३८ से १८:५७

मृत्यु पञ्चक – १८:५७ से २१:०१

अग्नि पञ्चक – २१:०१ से २२:१८

शुभ मुहूर्त – २२:१८ से २२:४२

रज पञ्चक – २२:४२ से २४:०८

शुभ मुहूर्त – २४:०८ से २५:३१

शुभ मुहूर्त – २५:३१ से २७:०५

शुभ मुहूर्त – २७:०५ से २८:५३

रज पञ्चक – २८:५३ से २९:००

शुभ मुहूर्त – २९:०० से २९:१६

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन ज्यादा लाभदायक तो नही फिर भी सधा रहने से आगे के लिये सफलता का मार्ग खोलेगा। दिन का आरंभ सुस्ती में होगा लेकिन इसके बाद सभी कार्य नियमित समय पर पूर्ण कर लेंगे। कार्य-व्यवसाय के प्रति आज अधिक गंभीर रहेंगे इसके लिये लघु यात्रा भी करनी पड़ेगी मध्यान के समय भगदौड़ व्यर्थ होती प्रतीत होगी धन की आमद आज अनिश्चित रहने के कारण मन निराश होगा लेकिन अपने कार्यो से संतुष्ट एवं भविष्य के लिये निश्चिन्त भी रहेंगे। परिवार में आपसी प्रेम स्नेह बढेगा। स्वास्थ्य में संध्या बाद कुछ नरमी आएगी।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन कार्य सफलता वाला है इसका लाभ उठाएं स्वभाव में आलस्य अधिक रहेगा इससे बचे अन्यथा लाभ हाथ आकर निकल भी सकता है। कार्य क्षेत्र पर मध्यान बाद ही अनुकूल परिस्थितियां बनेंगी लाभ के कई अवसर मिलेंगे लेकिन सकारात्मक परिणाम कुछ एक से ही मिलेगा। धन लाभ आवश्यकता अनुसार हो ही जायेगा। नौकरी वाले लोग किसी बहुप्रतीक्षित योजना पर कार्य आरंभ करेंगे शीघ्र ही इसके सही दिशा लेने पर भविष्य सुरक्षित बनेगा। सरकार की तरफ से नरमी रहेगी कागजी कार्य आज अवश्य पूर्ण करलें। घर मे सुख शांति रहेगी। 

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आपका स्वभाव अत्यंत आलसी रहेगा परन्तु फिर भी जिस भी कार्य को करेंगे उसमे सफलता अवश्य ही मिलेगी। घरेलू कार्यो के साथ ही व्यावसायिक कार्य भी एकसाथ करने में थोड़ी दुविधा बनेगी लेकिन बुजुर्गो का सहयोग मिलने से इससे निजात पा लेंगे। कार्य-व्यवसाय में आज किसी बहुप्रतीक्षित योजना के परिणाम को लेकर बेचैन रहेंगे धर्य से काम लें जल्दबाजी में कोई गलत निर्णय लेने से बचें विजय आपकी ही होगी। धन की आमद को लेकर दिन के आरंभ में आशंकित रहेंगे मध्यान बाद अकस्मात हो जाएगी। आपके पीछे से चुगली करने वाले लोग हानि पहुचा सकते है सतर्क रहें। सेहत में थोड़ा उतार-चढ़ाव लगा रहेगा मनोरंजन के अवसर मिलेंगे।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन प्रतिकूल रहेगा सेहत में सुबह से ही कुछ ना कुछ कमी बनेगी अनदेखी पर मध्यान तक इसके बढ़ने की संभावना है। कार्य क्षेत्र से आज आशा कम ही रखें दिन परिश्रम साध्य रहेगा कम परिश्रम करने पर लाभ भी कम ही मिल सकेगा। आज अकस्मात खर्च ज्यादा परेशान करेंगे व्यर्थ के खर्चो पर नियंत्रण की आवश्यकता है। नौकरी करने वाले कामना पूर्ति ना होने पर अधिकारियों से नाराज रहेंगे जानकर काम खराब भी कर सकते है। मध्यान के बाद धार्मिक भावनाओं का उदय होगा लेकिन पूजा पाठ में फिर भी मन केंद्रित नही कर पाएंगे।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन आपके लिए लाभदायक रहेगा सेहत एवं व्यापार दोनों उत्तम रहेंगे। क्रय-विक्रय के व्यवसाय अथवा शेयर सट्टे में निवेश से धन लाभ होगा। अन्य व्यवसाय में भी नए अनुबंध मिलने की सम्भवना रहेगी परन्तु नए व्यवसाय का आरम्भ अभी ना करें। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी साथ ही धन की उगाही भी कर पाएंगे। नौकरी पेशा जातको की कार्य क्षेत्र पर सामान्य दिनचर्या रहेगी। धार्मिक कृत्यों विशेषकर टोन टोटको में विश्वास करेंगे। पारिवारिक जीवन में खुशियां बढ़ेंगी शुभसमाचार की प्राप्ति होगी। विरोधीयो के सडयंत्र असफल रहेंगे।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन मिला जुला फल देगा। प्रातः काल से ही किसी कार्य को करने में किसी के सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी एवं जो सहयोग मिलेगा वह भी पर्याप्त नहीं रहेगा। बाहर की अपेक्षा घर के लोग ही सहायता के लिए आगे आएंगे फिर भी अन्य कार्यो की और ध्यान दें अन्यथा यहाँ भी लाभ से वंचित रहना पड़ेगा। नौकरी पेशा जातको को अतिरिक्त आय के अवसर मिलेंगे परन्तु अनैतिक कार्यो में ना पढ़ें हानि ही होगी इसका ध्यान रखें। अधिकारी वर्ग आपके प्रति उदासीन रहेंगे इसलिए कार्य निकालने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। गृहस्थ में आपसी तालमेल बना रहेगा। महिलाएं अधिक सहयोगी सिद्ध होंगी।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी। कई दिनों से लटकी योजना अथवा अति महत्त्वपूर्ण कार्य सम्पन्न होने से राहत मिलेगी। भाग दौड़ अन्य दिनों की अपेक्षा आज अधिक करनी पड़ेगी फिर भी परिणाम निराशाजनक नही रहेंगे। आज काम छोटा हो या बड़ा सभी कुछ ना कुछ लाभ ही देंगे। धन की आमद संतोषजनक रहेगी लेकिन कार्य क्षेत्र पर किसी से कहासुनी होने की संभावना है। आज गृहस्थ में बाहर की अपेक्षा शांति अनुभव करेंगे। संध्या के समय मन मे विपरीत विचार आएंगे सेहत सामान्य रहेगी।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन साधारण रहेगा पूर्व में किया किसी गलत आचरण का अफसोस होगा लेकिन सुधार फिर भी नही करेंगे। अन्य लोगो के ऊपर आश्रित रहने के कारण कार्य व्यवसाय में परिश्रम का लाभ कम ही मिलेगा फिर भी आज आवश्यकताए कम रहने से परेशानी नही होगी धन की आमद कम ही रहेगी। नौकरी वाले लोग आलसी व्यवहार के कारण कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था फैलाएंगे। परिजनों का सहयोग सानिध्य हौसला बढ़ाएगा लेकिन फिर भी काम नही आएगा। खान पान संयमित रखें पेट खराब हो सकता है।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन भी शुभफलदायी रहेगा। कुछ दिनों से मन में चल रही योजनाएं आज फलीभूत हो सकेंगी परन्तु इसके लिए अधिक परिश्रम भी करना पड़ेगा। धन लाभ के भी कई अवसर आएंगे लेकिन सफलता कुछ में ही मिलेगी फिर भी संध्या तक पर्याप्त धन अर्जित कर लेंगे। नौकरी पेशा जातक कार्यो के प्रति अधिक समर्पित रहने पर भी कुछ ना कुछ कमी का अनुभव करेंगे। सामाजिक जीवन पहले की अपेक्षा ज्यादा बेहतर बनेगा। मित्र स्वयजनो के साथ यात्रा प्रवास की योजना बनेगी। दाम्पत्य जीवन भी आज बेहतर रहेगा लेकीन किसी के रूठने मनाने का क्रम लगा रहेगा।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज आर्थिक विषयो को लेकर नई समस्याएं बनेगी जिनका समाधान होने में समय लग सकता है। कार्य क्षेत्र पर उदासीनता रहने से धन की आमद कम रहेगी। नौकरी पेशा जातक अथवा महिलाएं मनोकामना पूर्ती ना होने से अनमने मन से कार्य करेंगे। बीमारियों पर भी खर्च होने के योग है शारीरिक समस्याएं मध्यान के समय प्रबल रहेंगी अधिक मसाले वाले भोजन अथवा बाहर के खान-पान से परहेज करें। विद्यार्थी वर्ग को भी परिश्रम का उचित परिणाम नहीं मिलने से दुःख होगा। किसी से धन सम्बंधित वादे ना करे फिजूल खर्च पर भी नियंत्रण रखें। घर में थोड़ी खींच-तान होने पर भी स्थिति नियंत्रित रहेगी।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन शान्तिप्रद रहेगा दिन के आरंभ से मन मे चंचलता रहेगी परिजनों के साथ हल्की फुल्की मजाक से वातावरण हल्का बनेगा मध्यान के आस-पास किसी से शुभ समाचार मिलेंगे। कार्य क्षेत्र पर लाभ के सौदे हाथ लेंगेंगे लेकिन इनसे जितनी आशा थी उतना लाभ नही ले सकेंगे फिर भी आज खर्च से अधिक आय हो ही जाएगी। साथ काम करने वाले लोग आपके व्यवहार से आकर्षित होंगे। किसी से भी काम निकालना आज आसान रहेगा। महिलाओं अथवा बुजुर्गो को छाती में संक्रमण हो सकता है।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन बचते बचते कुछ ना कुछ हानि कराएगा। आज आपके विचार किसी से जल्दी मेल नही खाएंगे हानि वाले कामो में रुचि अधिक रहेगी। आज जिसकी आशंका नही रहेगी उसी कार्य से नुकसान होने की संभावना है। धन संबंधित लेन-देन अथवा निवेश पर आज विराम रखें अन्यथा आर्थिक कमी के कारण बाद में परेशानी होगी। नौकरी वाले जातको को लापरवाही के कारण डांट सुननी पड़ेगी। घर मे कुछ अप्रिय घटना होने से मन बेचैन रहेगा। हित शत्रुओ से विशेष सावधान रहें पीठ पीछे हानि पहुँचा सकते है। सेहत अकस्मात खराब होने की संभावना है।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏

आज ट्रैफिक विंड टरबाइन के बारे में बात करते हैं.
अक्सर आप देखते होंगे कि जब कोई वाहन सड़क पर बहुत तेजी से चलता है तो उसके आसपास हवा का झोंका सा भी बहुत तेजी से आता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कोई भी वाहन जब अपनी जगह छोड़ कर आगे की तरफ बढ़ता है तो उसके द्वारा की गई खाली जगह को भरने के लिए हवा बड़ी तेजी से उस और बढ़ती है और क्योंकि वाहन बहुत तेजी से एक तरफ चलता ही जाता है तो उसके पीछे पीछे वायु भी उस खाली स्थान को भरने के लिए बहुत तेजी से पीछे पीछे चलती है बस इस तरह से तेजी से चलने वाली वायु सड़क के किनारे पर लगे हुए विंड टरबाइन को बहुत तेजी से घूमाती  है और जिसके घूमने से बिजली पैदा होती है इस तरह से अगर सड़क के बीचो बीच हम हाईवे पर बहुत सारी छोटी-छोटी विंड टरबाइन लगा दे तो ट्रैफिक के आवागमन से यह बहुत तेजी से घूम कर बिजली पैदा करती रहेगी. एक अनुमान के तौर पर अगर पूरे विश्व की सड़कों पर इस तरह की विंड टरबाइन लगा दी जाए तो वह विश्व की कुल बिजली की जरूरत को पूरा कर सकती है. क्योंकि यह टरबाइन ट्रैफिक के चलने से काम करती है इसलिए इनको ट्रैफिक विंड टरबाइन कहते हैं!!
साल 1914 में यूएन मुखर्जी ने एक छोटी सी पुस्तक लिखी ‘हिन्दू – एक मरती हुई नस्ल’
1911 की जनगणना को देखकर ही 1914 में मुखर्जी ने पाकिस्तान बनने की भविष्यवाणी कर दी।
उस समय संघ नहीं था
सावरकर नहीं थे
हिन्दू महासभा नहीं थी
तब भी मुखर्जी ने वो देख लिया जो पिछले 100 सालों में एक दर्जन नरसंहार और एक तिहाई भूमि से हिन्दू विलुप्त करा देने के बाद भी कांग्रेसी,सपाई, रालोदी, एनसीपी, तृणमूल वाले सेक्युलर  हिन्दू नहीं देख पा रहे।
इस पुस्तक के छपते ही सुप्तावस्था से कुछ हिन्दू जगे।
अगले साल 1915 में पं मदन मोहन मालवीय जी के नेतृत्व में हिन्दू महासभा का गठन हुआ।
आर्य समाज ने शुद्धि आंदोलन शुरू किया जो एक मुस्लिम द्वारा स्वामी श्रद्धानंद की हत्या के साथ समाप्त हो गया।
1925 में हिन्दुओं को संगठित करने के उद्देश्य से संघ बना।
लेकिन ये सारे मिलकर भी वो नहीं रोक पाए जो यूएन मुखर्जी 1915 में ही देख लिया था। गांधीवादी अहिंसा ने इस्लामिक कट्टरवाद के साथ मिलकर मानव इतिहास के सबसे बड़े नरसंहार को जन्म दिया और काबुल से लेकर ढाका तक हिन्दू शरीयत के राज में समाप्त हो गए।
जो बची भूमि हिन्दुओं को मिली वो हिन्दुओं के लिए मॉडर्न संविधान के आधार पर थी और मुसलमानों के लिए शरीयत की छूट। धर्मांतरण की छूट, चार शादी की छूट, अलग पर्सनल लॉ की छूट, हिन्दू तीर्थों पर कब्जे की छूट सब कुछ स्टैंड बाय में है। हिन्दू एक बच्चे पर आ गए है वहां आज भी आबादी बढ़ाना शरीयत है।
जो लोग इसे केवल भाजपा कांग्रेस की राजनीति समझते हैं
उन्हें एक बार इस स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाना चाहिए 2015 में 1915 से क्या बदला है?
आज भी साल के अंत में वो अपना नफा गिनते हैं
हम अपना नुकसान
हमें आज भी अपने भविष्य के संदर्भ में कोई जानकारी नहीं है।
आज भी संयुक्त इस्लामिक जगत हम पर दबाव बनाए हुए हैं कि हम अपने तीर्थों पर कब्जा सहन करें लेकिन उपहास और अपमान की स्थिति में उसी भाषा में पलटकर जवाब भी न दें।
मराठों ने बीच में आकर 100-200 साल के लिए स्थिति को रोक दिया जिससे हमें थोड़ा और समय मिल गया है लेकिन ये संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है।
अपने बच्चों को देखिए आप उन्हें कैसा भविष्य देना चाहते हैं
मरती हुई हिन्दू नस्ल जैसा कि 1915 में यूएन मुखर्जी लिख गए थे।
अपने समय का एक समय
अपनी कमाई का एक हिस्सा

बिना किसी स्वार्थ के हिन्दू जनजागरण साल 1914 में यूएन मुखर्जी ने एक छोटी सी पुस्तक लिखी ‘हिन्दू – एक मरती हुई नस्ल’

1911 की जनगणना को देखकर ही 1914 में मुखर्जी ने पाकिस्तान बनने की भविष्यवाणी कर दी।
उस समय संघ नहीं था
सावरकर नहीं थे
हिन्दू महासभा नहीं थी
तब भी मुखर्जी ने वो देख लिया जो पिछले 100 सालों में एक दर्जन नरसंहार और एक तिहाई भूमि से हिन्दू विलुप्त करा देने के बाद भी कांग्रेसी,सपाई, रालोदी, एनसीपी, तृणमूल वाले सेक्युलर  हिन्दू नहीं देख पा रहे।
इस किताब के छपते ही सुप्तावस्था से कुछ हिन्दू जगे।
अगले साल 1915 में पं मदन मोहन मालवीय जी के नेतृत्व में हिन्दू महासभा का गठन हुआ।
आर्य समाज ने शुद्धि आंदोलन शुरू किया जो एक मुस्लिम द्वारा स्वामी श्रद्धानंद की हत्या के साथ समाप्त हो गया।
1925 में हिन्दुओं को संगठित करने के उद्देश्य से संघ बना।
लेकिन ये सारे मिलकर भी वो नहीं रोक पाए जो यूएन मुखर्जी 1915 में ही देख लिया था। गांधीवादी अहिंसा ने इस्लामिक कट्टरवाद के साथ मिलकर मानव इतिहास के सबसे बड़े नरसंहार को जन्म दिया और काबुल से लेकर ढाका तक हिन्दू शरीयत के राज में समाप्त हो गए।
जो बची भूमि हिन्दुओं को मिली वो हिन्दुओं के लिए मॉडर्न संविधान के आधार पर थी और मुसलमानों के लिए शरीयत की छूट। धर्मांतरण की छूट, चार शादी की छूट, अलग पर्सनल लॉ की छूट, हिन्दू तीर्थों पर कब्जे की छूट सब कुछ स्टैंड बाय में है। हिन्दू एक बच्चे पर आ गए है वहां आज भी आबादी बढ़ाना शरीयत है।
जो लोग इसे केवल भाजपा कांग्रेस की राजनीति समझते हैं
उन्हें एक बार इस स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाना चाहिए 2015 में 1915 से क्या बदला है?
आज भी साल के अंत में वो अपना नफा गिनते हैं
हम अपना नुकसान
हमें आज भी अपने भविष्य के संदर्भ में कोई जानकारी नहीं है।
आज भी संयुक्त इस्लामिक जगत हम पर दबाव बनाए हुए हैं कि हम अपने तीर्थों पर कब्जा सहन करें लेकिन उपहास और अपमान की स्थिति में उसी भाषा में पलटकर जवाब भी न दें।
मराठों ने बीच में आकर 100-200 साल के लिए स्थिति को रोक दिया जिससे हमें थोड़ा और समय मिल गया है लेकिन ये संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है।
अपने बच्चों को देखिए आप उन्हें कैसा भविष्य देना चाहते हैं
मरती हुई हिन्दू नस्ल जैसा कि 1915 में यूएन मुखर्जी लिख गए थे।
अपने समय का एक समय
अपनी कमाई का एक हिस्सा
बिना किसी स्वार्थ के हिन्दू जनजागरण में लगाइये अगर ये कोई भी दूसरा नहीं कर रहा तो खुद करीए।
नहीं तो आपके बच्चे अरबी मानसिकता के गुलाम, चौथी बीवी या  फिदायन हमलावर बनेंगे और इसके लिए सिर्फ आप जिम्मेदार होंगे।
Hindu dying race नहीं है
हम सनातन है
…  *और एक बात समझ लो, ये आखिरी “सदी” है*
_जब हम लड़ सकते हैं_

*इसके बाद हमारे पास भागने के लिए कोई जगह नहीं है।*🌲🌲 लगाइये अगर ये कोई भी दूसरा नहीं कर रहा तो खुद करीए।

नहीं तो आपके बच्चे अरबी मानसिकता के गुलाम, चौथी बीवी या  फिदायन हमलावर बनेंगे और इसके लिए सिर्फ आप जिम्मेदार होंगे।
Hindu dying race नहीं है
हम सनातन है
…  *और एक बात समझ लो, ये आखिरी “सदी” है*
_जब हम लड़ सकते हैं_
*इसके बाद हिंदुओं के पास भागने के लिए कोई जगह नहीं है।*🌲🌲(साभार)