आज का पंचाग आपका राशि फल, निर्जला एकादशी आज, सन्यास गृहण के समय संत ने किया अपना पिंडदान पूजा में प्रयोग होने वाले कुछ शब्द और उनके अर्थ, अपने कृषि उपकरण संभाल कर रखें भगवान राम लक्षमण भले सारा राजपाट छोड़ कर वनवास गये लेकिन धनुष नहीं छोड़ा

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉  🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻बुधवार, ३१ मई २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:३६

सूर्यास्त: 🌅 ०७:११

चन्द्रोदय: 🌝 १५:२५

चन्द्रास्त: 🌜२७:०३

अयन 🌖 उत्तरायणे (उत्तरगोलीय)

ऋतु: 🌡️ग्रीष्म 

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)

मास 👉 ज्येष्ठ 

पक्ष 👉 शुक्ल 

तिथि 👉 एकादशी (१३:४५ से द्वादशी)

नक्षत्र 👉 हस्त (०६:०० से चित्रा)

योग 👉 व्यतीपात (२०:१५ से वरीयान)

प्रथम करण 👉 विष्टि (१३:४५ तक)

द्वितीय करण 👉 बव (२५:४८ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

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सूर्य 🌟 वृष 

चंद्र 🌟 तुला (१८:२९ से)

मंगल 🌟 कर्क (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 मेष (उदय, पूर्व, मार्गी)

गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र 🌟 कर्क (उदित, पश्चिम)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌️❌️❌️

अमृत काल 👉 २४:११ से २५:५१

सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०५:१६ से ०६:००

रवियोग 👉 ०५:१६ से ०६:००

विजय मुहूर्त 👉 १४:३४ से १५:३०

गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:११ से १९:३२

सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:१३ से २०:१३

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५४ से २४:३५

राहुकाल 👉 १२:१५ से १३:५९

राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०७:०१ से ०८:४६

होमाहुति 👉 शनि

दिशाशूल 👉 उत्तर

अग्निवास 👉 पृथ्वी (१३:४५ तक)

भद्रावास 👉 पाताल (१३:४५ तक)

चन्द्र वास 👉 दक्षिण (पश्चिम १८:३० से) 

शिववास 👉 क्रीड़ा में (१३:४५ से कैलाश पर)

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☄चौघड़िया विचार☄

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दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – लाभ २ – अमृत

३ – काल ४ – शुभ

५ – रोग ६ – उद्वेग

७ – चर ८ – लाभ

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – उद्वेग २ – शुभ

३ – अमृत ४ – चर

५ – रोग ६ – काल

७ – लाभ ८ – उद्वेग

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पश्चिम-दक्षिण (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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निर्जला एकादशी व्रत (सभी के लिए), वेदमाता गायत्री जयन्ती, विवाह मुहूर्त धनु-कुम्भ लग्न (०८:१५ से मध्यरात्रि ०१:३४) आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज ०६:०० तक जन्मे शिशुओ का नाम हस्त नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ठ) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम चित्रा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (पे, पो, रा, री) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

वृषभ – २८:२५ से ०६:२०

मिथुन – ०६:२० से ०८:३५

कर्क – ०८:३५ से १०:५६

सिंह – १०:५६ से १३:१५

कन्या – १३:१५ से १५:३३

तुला – १५:३३ से १७:५४

वृश्चिक – १७:५४ से २०:१३

धनु – २०:१३ से २२:१७

मकर – २२:१७ से २३:५८

कुम्भ – २३:५८ से २५:२४

मीन – २५:२४ से २६:४७

मेष – २६:४७ से २८:२१

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०५:१६ से ०६:००

रज पञ्चक – ०६:०० से ०६:२०

शुभ मुहूर्त – ०६:२० से ०८:३५

चोर पञ्चक – ०८:३५ से १०:५६

शुभ मुहूर्त – १०:५६ से १३:१५

रोग पञ्चक – १३:१५ से १३:४५

शुभ मुहूर्त – १३:४५ से १५:३३

मृत्यु पञ्चक – १५:३३ से १७:५४

अग्नि पञ्चक – १७:५४ से २०:१३

शुभ मुहूर्त – २०:१३ से २२:१७

रज पञ्चक – २२:१७ से २३:५८

शुभ मुहूर्त – २३:५८ से २५:२४

चोर पञ्चक – २५:२४ से २६:४७

रज पञ्चक – २६:४७ से २८:२१

शुभ मुहूर्त – २८:२१ से २९:१६

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन आपके लिए धन समृद्धि दायक रहेगा लेकिन प्रातः काल से ही आंखों में जलन अथवा पानी आने के कारण एवं बिना बात की कलह में पड़ने के कारण थोड़ी समस्या भी रहेगी। कार्यक्षेत्र पर कोई पुराना सौदा पूर्ण होने से धन की आमद होगी। जोखिम वाले कार्य जैसे की लाटरी सट्टा आदि में भी आकस्मिक लाभ होने की संभावना है। नौकरी करने वाले जातक विशेषकर सेना एवं पुलिस वाले लोगों को कोई अप्रत्याशित सफलता मिलेगी लेकिन इसके लिए दौड़-धूप भी अधिक करनी पड़ेगी। पारिवारिक वातावरण में आज छोटी-छोटी बातों को लेकर बहस तकरार होगी खासकर महिलाएं अपनी वाणी पर नियंत्रण न रखने के कारण कलह का कारण बनेगी। खर्च पर नियंत्रण कम ही रहेगा परंतु इसके बाद भी सुख शांति आशा अनुकूल नहीं मिल पाएगी। घर में आज मूक होकर रहना ही बेहतर है अन्यथा कल परिस्थिति आज से भी विकट हो सकती हो सकती है।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आप अपनी वाणी पर संयम रखने का काफी प्रयास करेंगे लेकिन इसमें सफल नहीं हो पाएंगे। स्वार्थ सिद्धि की भावना भी हद से ज्यादा ही रहेगी। अपना काम बनते ना देख लोगों की कमियां निकालना शुरू कर देंगे। पारिवारिक वातावरण बीते कल की तुलना में आज थोड़ा शांत रहेगा लेकिन इसको शांत बनाए रखने के लिए विवेक से काम लें अन्यथा आने वाला कल अवश्य ही कलह कराएगा। कार्य क्षेत्र से धन की आमद आशा से कम लेकिन आवश्यकता से अधिक ही होगी फिर भी आपको संतोष नहीं होगा ज्यादा पाने की लालसा में अनैतिक कार्य करने से भी नहीं चुकेंगे संध्या के समय पूर्व में की गई गलतियों को सुधारने का अवसर मिलेगा इसका लाभ उठाएं अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा पेट की समस्या को छोड़ सेहत ठीक ही रहेगी।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने की विशेष आवश्यकता है। या तो आप आज जल्दी से किसी से बोलेंगे नहीं बोलेंगे तो मुझसे कड़वे शब्द ही निकलेंगे लेकिन जहां स्वार्थ होगा वहां मीठा व्यवहार करेंगे आपकी यह दोहरी नीति कलह का कारण बनेगी। कार्यक्षेत्र पर व्यवसाय मध्यान बाद तक आशा के विपरीत रहेगा बाजार में मंदी का असर आप को भी प्रभावित करेगा लेकिन संध्या के आसपास बड़े भाई अथवा समतुल्य व्यक्ति से लाभ की संभावना है। धन की आमद आज आशा से कम ही रहेगी परिवार में किसी गलतफहमी के चलते तू तू मैं मैं होने से वातावरण अशांत बनेगा। बड़े बुजुर्ग बचाव में आएंगे लेकिन आप उन्हें भी अपमानित कर सकते हैं। बुद्धि विवेक से कार्य ले अपनी गलतियों अन्य के ऊपर डालने की जगह स्वीकार करें। सेहत में बीते दिन की अपेक्षा सुधार आएगा लेकिन स्वयं ही मानसिक अशांति को बढ़ावा देंगे।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन आपके लिए धन् लाभ वाला है। लेकिन सुबह से स्वाभकाव में जल्दबाजी रहेगी जिसके चलते कोई ना कोई गलती नुकसान का कारण बन सकती है। अपने कार्यों को लक्ष्य बनाकर करें तो जहां से हानि की संभावना रहेगी वहां से कुछ ना कुछ लाभ हासिल कर लेंगे। आप अंदर से चाहे जैसे भी रहे लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र पर आर्थिक रुप से संपन्न जैसे छवि बनेगी। जोखिम वाले कार्यों में निवेश निकट भविष्य में लाभ करा सकता है इस पर विचार कर सकते हैं। घरेलू वातावरण सामान्य ही रहेगा छोटी उम्र के परिजन को लेकर कुछ समय के लिए परेशानी होगी बाद में अपने आप ठीक भी हो जाएगी। दैनिक आय के अलावा भी आप अतिरिक्त आय बनाने का भरसक प्रयास करेंगे आय होने पर भी सुख वृद्धि पर तुरंत खर्चे हो जाएगी। शरीर की अनदेखी बाद में परेशानी में डालेगी पहले ही सतर्क रहें। खून से संबंधित अथवा चर्मरोग रोग की शिकायत हो सकती है।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन परिस्थितियां कल जैसी सुविधाजनक नहीं फिर भी संतोषजनक अवश्य रहेगी। आज आप आर्थिक विषयों को छोड़ अन्य किसी भी कार्य के प्रति अधिक गंभीरता नहीं दिखाएंगे कार्यक्षेत्र पर भी आज ज्यादा मेहनत करने के पक्ष में नहीं रहेंगे। जितना मिल जाए उतने से ही संतोष कर लेंगे लेकिन महिला वर्ग में संतोष की कमी रहने के कारण अधिक बेहतर प्रदर्शन के लिए निरंतर प्रयास करेंगी इसमे सफल भी होंगी। आय केवल खर्च निकालने लायक ही होगी। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मी एवं सुख सुविधा बढ़ाने पर खर्च करना पड़ेगा। पारिवारिक वातावरण आपके गर्म स्वभाव के चलते कुछ समय के लिए अशांत बनेगा। भाई बंधुओं में आरोप-प्रत्यारोप होने से स्थिति जटिल बनेगी। धार्मिक कार्यों में श्रद्धा की जगह आडंबर अधिक रहेगा। निकट भविष्य में कुटुंब के कार्य से यात्रा होगी। मौसमी बीमारियों का प्रकोप एवं रक्त संबंधित समस्या हो सकती है।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन आपके लिए शुभ फल दायक है। दिन के आरंभ में मिजाज हल्का रहने से घर का वातावरण भी हास्यास्पद बनाएंगे। कार्यों के प्रति आज भी लापरवाह रहेंगे गलती करने पर मानने की जगह सफाई पेश करेंगे जिससे परिवार में क्लेश होने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों का सहयोग मिलने से कोई लंबे समय से अटकी योजना को पूर्ण कर पाएंगे जिससे आज तो धन की आमद होगी ही निकट भविष्य में भी आय के नए मार्ग बनेंगे। आज स्वभाव में भावुकता अधिक रहेगी किसी की भी कही सुनी बातों को तुरंत मान जाएंगे। जोखिम वाले कार्यों में निवेश सोच समझकर करें अथवा आज नाही करें अन्यथा धन व्यर्थ ही जाएगा। सेहत में उतार चढ़ाव रहने के बाद भी दिनचर्या पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा फिर भी समय रहते जांच कराएं। ससुराल पक्ष से शुभ समाचार मिल सकते हैं।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन आपके लिए हानिकारक है। किसी भी कार्य में लाभ हानि का विचार करने के बाद निर्णय ले जल्दबाजी में जो भी कार्य करेंगे उसमें नुकसान ही होगा। आर्थिक निवेश बड़े बुजुर्गों एवं उस क्षेत्र के अनुभवी व्यक्तियों की सलाह के बाद ही करें अथवा कुछ दिन के लिए टालना ही बेहतर है। व्यवसाई वर्ग को कोई अशुभ समाचार मिलने से दिनभर मानसिक बेचैनी रहेगी। नौकरीपेशा जातकों को भी कार्य क्षेत्र पर किसी के वैर विरोध का सामना करना पड़ेगा। आप को किसी अन्य व्यक्ति का कार्य भी सौंपा जा सकता है जिससे आरंभ में परेशानी होगी लेकिन निकट भविष्य में यह सम्मान वृद्धि का कारण बनेगा। कुटुंबीजनों अथवा संतान के द्वारा हानि होने की संभावना है क्रोध से बचें अन्यथा संबंध खराब हो सकते हैं। संध्या के समय अपने विवेक से धन कमाएंगे लेकिन खर्चों को देखते हुए बहुत अल्प रहेगा। ठंडे पेय पदार्थों से परहेज करें सर्दी जुखाम गले छाती की समस्या हो सकती है।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन सार्वजनिक क्षेत्र पर लाभ के नए संपर्क जुड़ेंगे जिनकी आशा भी आपको नहीं रहेगी उन लोगों से सम्मान मिलेगा। कार्यक्षेत्र पर अधिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। मन के रहस्य सहकर्मियों से ना बाटे धोखा होने की संभावना है। कार्यक्षेत्र पर सहकर्मियों से अच्छा व्यवहार मिलेगा लेकिन अंदर ही अंदर ईर्ष्या से भरे रहेंगे। मध्यान्ह के बाद मन अनैतिक कार्यों में भटकेगा परोपकार के चक्कर मे भी कोई आवश्यक कार्य में विलंब होने पर बिगड़ सकता है। पारिवारिक वातावरण किसी ना किसी कारण से अस्त व्यस्त रहेगा परिजनों की मांगे पूरी ना करने पर नाराजगी देखनी पड़ेगी जीवनसाथी का चिड़चिड़ा स्वभाव मानसिक रूप से परेशान करेगा बुखार एवं आंखों संबंधित समस्या हो सकती है।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन मध्यान तक व्यर्थ में खराब होगा। जिस काम को करने की सोचेंगे उसकी जगह कोई नया काम सर आने से दुविधा होगी फिर भी आप आज जिस भी कार्य को करेंगे उसे पूर्ण निष्ठा से ही करेंगे अन्यथा करेंगे ही नही। मध्यान के बाद मेहनत रंग लाने लगेगी आय के साधन बनेंगे। आपका मन जोखिम वाले कार्यो अथवा सरकार विरोधी कार्यो से कम समय मे अधिक धन कमाने में रुचि लेगा मन मे भय भी रहेगा लेकिन इससे भी लाभ ही होगा। घर का शांत वातावरण अकस्मात ही किसी परिजन की जिद बहस के कारण खराब होगा। यात्रा के प्रसंग बनेंगे कुछ विघ्न के बाद टाल सकते है विचार कर लें आज सफल ही रहेगी। सेहत कुछ समय के लिये नरम होगी स्वतः ही सामान्य हो जाएगी।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन आपको मंगल कार्यो की तरफ खींचेगा। घर अथवा बाहर धार्मिक अथवा पारिवारिक कार्यक्रम में जाने के अवसर मिलेंगे। इससे कार्य व्यवसाय अथवा अन्य गतिविधियों में फेरबदल करना पड़ेगा थोड़ी असहजता भी होगी लेकिन मिलनसार वातावरण मिलने से परेशानी भूल जाएंगे। काम धंधे से लाभ के आश्वाशन अधिक मिलेंगे लेकिन अंत समय मे लोग टाल कर दुविधा में डालेंगे। सरकारी अथवा अन्य लोन स्वीकृत कराने के लिये अधिक परिश्रम करना पड़ेगा फिर भी सफलता संदिग्ध रहेगी। नौकरी वाले जातक कूटनीति का सहारा लेकर अतिरिक्त आय बनाएंगे। घरेलू वातावरण मिला जुला रहेगा परिजन मतलब से ही बात करेंगे। खाने पीने में सावधानी रखें पेट के कारण सेहत में थोड़ी बहुत गड़बड़ होगी।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन आपके लिए सेहत संबंधित परेशानियों को छोड़ अन्य अन्य विषयो में ठीक ही रहेगा। दिन के पहले हिस्से में शारीरिक अंगों में दर्द एवं अकड़न रहने के कारण किसी भी कार्य के प्रति उत्साह नहीं बना पाएंगे दोपहर के बाद दिनचर्या में स्थिरता आएगी।कार्यक्षेत्र पर धन लाभ के लिए कुछ अतिरिक्त भागदौड़ करनी पड़ेगी भूमि भवन अथवा चल अचल संपत्ति के व्यवसाय से जुड़े जातकों को शुभ समाचार मिलेंगे धन लाभ आशा के अनुसार होगा। अन्य व्यवसाइयों को भी काम चलाने लायक आय हो ही जाएगी। पारिवारिक वातावरण आज रोगग्रस्त रहेगा घर में किसी ना किसी के बीमार रहने से अव्यवस्था फैलेगी। दवाओं पर भी अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा संध्या के समय परिवारिक सदस्यों के साथ तालमेल बनाकर रहे स्वभाव का चिड़चिड़ापन बेवजह की बहस करा सकता है।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन आपके लिए बीते दिनों की तुलना में बेहतर रहेगा। प्रातः काल से ही किसी महत्वपूर्ण कार्य को सफल बनाने की जोड़-तोड़ में लग जाएंगे। आर्थिक मामले मध्यान्ह तक उलझाए रखेंगे लेकिन संध्या के आसपास जीवनसाथी अथवा जीवनसाथी के परिजनों से आर्थिक समस्याओं को सुलझाने के आश्वासन मिलने से मन को राहत मिलेगी। कार्यक्षेत्र पर अपनी ही किसी गलती से मन में भय रहेगा। किसी पारिवारिक अथवा व्यवसायिक कार्य से यात्रा की हो सकती है। इससे लाभ तो होगा लेकिन किसी न किसी रूप में शारीरिक क्षति भी होने की संभावना है। घर परिवार में किसी बड़े आयोजन के कारण व्यस्तता का वातावरण रहेगा घर के बड़े सदस्य आर्थिक कमी के कारण मानसिक रूप से परेशान होंगे। संध्या के समय मन अनैतिक संसाधनों से धन प्राप्त करने की ओर भटकेगा इससे बचने का प्रयास करें अन्यथा इस बार अवश्य ही किसी बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏

पूजा में प्रयोग होने वाले कुछ शब्द और उनके अर्थ।

1. पंचोपचार – गन्ध , पुष्प , धूप , दीप तथा नैवैध्य द्वारा पूजन करने को ‘पंचोपचार’ कहते हैं |

2. पंचामृत – दूध , दही , घृत , मधु { शहद ] तथा शक्कर इनके मिश्रण को ‘पंचामृत’ कहते हैं |

3. पंचगव्य – गाय के दूध , घृत , मूत्र तथा गोबर इन्हें सम्मिलित रूप में ‘पंचगव्य’ कहते हैं

4. षोडशोपचार – आवाहन् , आसन , पाध्य , अर्घ्य , आचमन , स्नान , वस्त्र, अलंकार , सुगंध , पुष्प , धूप , दीप , नैवैध्य , ,अक्षत , ताम्बुल तथा दक्षिणा इन सबके द्वारा पूजन करने की विधि को ‘षोडशोपचार’ कहते हैं। 

5. दशोपचार – पाध्य , अर्घ्य , आचमनीय , मधुपक्र , आचमन , गंध , पुष्प , धूप , दीप तथा नैवैध्य द्वारा पूजन करने की विधि को ‘दशोपचार’ कहते हैं। 

6. त्रिधातु – सोना , चांदी और लोहा। कुछ आचार्य सोना , चांदी, तांबा इनके मिश्रण को भी ‘त्रिधातु’ कहते हैं 

7. पंचधातु – सोना , चांदी , लोहा, तांबा और जस्ता।

8. अष्टधातु – सोना , चांदी , लोहा , तांबा , जस्ता , रांगा , कांसा और पारा। 

9. नैवैध्य – खीर , मिष्ठान आदि मीठी वस्तुये। 

10. नवग्रह – सूर्य , चन्द्र , मंगल , बुध, गुरु , शुक्र , शनि , राहु और केतु। 

11. नवरत्न – माणिक्य , मोती , मूंगा , पन्ना , पुखराज , हीरा , नीलम , गोमेद , और वैदूर्य। 

12. [A] अष्टगंध – अगर , तगर , गोरोचन, केसर , कस्तूरी , ,श्वेत चन्दन , लाल चन्दन और सिन्दूर [ देवपूजन हेतु ][B] अगर , लाल चन्दन , हल्दी , कुमकुम ,गोरोचन , जटामासी , शिलाजीत और कपूर [ देवी पूजन हेतु ]

13. गंधत्रय – सिन्दूर , हल्दी , कुमकुम। 

14. पञ्चांग – किसी वनस्पति के पुष्प , पत्र , फल , छाल ,और जड़। 

15. दशांश – दसवां भाग। 

16. सम्पुट – मिट्टी के दो शकोरों को एक-दुसरे के मुंह से मिला कर बंद करना। 

17. भोजपत्र – एक वृक्ष की छाल | मन्त्र प्रयोग के लिए भोजपत्र का ऐसा टुकडा लेना चाहिए , जो कटा-फटा न हो। 

18. मन्त्र धारण – किसी भी मन्त्र को स्त्री पुरुष दोनों ही कंठ में धारण कर सकते हैं ,परन्तु यदि भुजा में धारण करना चाहें तो पुरुष को अपनी दायीं भुजा में और स्त्री को बायीं भुजा में धारण करना चाहिए। 

19. ताबीज – यह तांबे के बने हुए

बाजार में बहुतायत से मिलते हैं। ये गोल तथा चपटे दो आकारों में मिलते हैं | सोना , चांदी , त्रिधातु तथा अष्टधातु आदि के ताबीज बनवाये जा सकते हैं। 

20. मुद्राएँ – हाथों की अँगुलियों को किसी विशेष स्तिथि में लेने कि क्रिया को ‘मुद्रा’ कहा जाता है | मुद्राएँ अनेक प्रकार की होती हैं |

21. स्नान – यह दो प्रकार का होता है | बाह्य तथा आतंरिक ,बाह्य स्नान जल से तथा आन्तरिक स्नान जप द्वारा होता है। 

22. तर्पण – नदी , सरोवर ,आदि के जल में घुटनों तक पानी में खड़े होकर, हाथ की अंजुली द्वारा जल गिराने की क्रिया को ‘तर्पण’ कहा जाता है | जहाँ नदी , सरोवर आदि न हो ,वहां किसी पात्र में पानी भरकर भी ‘तर्पण’ की क्रिया संपन्न कर ली जाती है। 

23. आचमन – हाथ में जल लेकर उसे अपने मुंह में डालने की क्रिया को आचमन कहते हैं। 

24. करन्यास – अंगूठा , अंगुली , करतल तथा करपृष्ठ पर मन्त्र जपने को ‘करन्यास’ कहा जाता है

25. हृद्याविन्यास – ह्रदय आदि अंगों को स्पर्श करते हुए मंत्रोच्चारण को ‘हृदय्विन्यास’ कहते हैं। 

26. अंगन्यास – ह्रदय , शिर , शिखा , कवच , नेत्र एवं करतल – इन 6 अंगों से मन्त्र का न्यास करने की क्रिया को ‘अंगन्यास’ कहते हैं। 

27. अर्घ्य – शंख , अंजलि आदि द्वारा जल छोड़ने को अर्घ्य देना कहा जाता है। घड़ा या कलश में पानी भरकर रखने को अर्घ्य-स्थापन कहते हैं | अर्घ्य पात्र में दूध , तिल , कुशा के टुकड़े , सरसों , जौ , पुष्प , चावल एवं कुमकुम इन सबको डाला जाता है।

सन्यास गृहण करने के समय स्वामी परमात्मा नन्द सरस्वती ने अपना पिंडदान और तर्पण भी किया। उन्होंने कहा कि परम पूज्य गुरुदेव शिव शक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर एवं श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यदि नरसिंहआनंद गिरि जी के द्वारा शिव शक्ति धाम डासना में संन्यास की दीक्षा ग्रहण की

 पूज्य गुरुदेव ने हमारा नामकरण किया यति परमात्मा नंद सरस्वती

 हम गुरु जी के आदेशानुसार भारत को सनातन वैदिक राष्ट्र बनाने के लिए एवं विश्व को जिहाद से मुक्त करने के लिए आजीवन कार्य करेंगे

 विजय मिले या वीरगति सब महादेव के नाम

 जीते जी रण छोड़ के जाना वीरों का नहीं काम

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🔔 गायत्री जयन्ती, निर्जला एकादशी, राम लक्ष्मण द्वादशी, भद्रा, सर्वार्थसिद्धि योग, रवियोग, विडालयोग 🔔

🌹 🙏 निर्जला एकादशी 🙏 🌹
*भगवान विष्णु ने जन कल्याण के लिए अपने शरीर से पुरुषोत्तम मास की एकादशियों सहित कुल 26 एकादशियों को उत्पन्न किया। इनमें ज्येष्ठ माह की एकादशी सब पापों का हरण करने और समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली है। इस एकादशी को निर्जला एकादशी, भीम एकादशी या पांडव एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल यह एकादशी 31 मई, बुधवार को है। इस एकादशी का व्रत करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस दिन जरूरतमंद लोगों को दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। यह व्रत मन को संयम सिखाता है और शरीर को नई ऊर्जा देता है।*
*इस व्रत को लेकर धार्मिक मान्यता यह है कि यदि आप पूरे साल एक भी एकादशी का व्रत नहीं करते हैं और निर्जला एकादशी का व्रत करते हैं तो आपको संपूर्ण एकादशियों का फल स्वतः ही प्राप्त हो जाता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। निर्जला यानि यह व्रत बिना जल ग्रहण किए और उपवास रखकर किया जाता है। इसलिए यह व्रत कठिन तप और साधना के समान महत्त्व रखता है। इस व्रत के प्रभाव से प्राणी जीवन-मरण के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करता है। निर्जला एकादशी के इस महान व्रत को ‘देवव्रत’ भी कहा जाता है क्योंकि सभी देवता,दानव,नाग,यक्ष,गन्धर्व,किन्नर,नवग्रह आदि अपनी रक्षा और जगत के पालनहार श्री हरि की कृपा प्राप्त करने के लिए एकादशी का व्रत करते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस एकादशी में ब्रह्महत्या सहित समस्त पापों का शमन करने की शक्ति होती है। इस दिन मन, कर्म, वचन द्वारा किसी भी प्रकार का पाप कर्म करने से बचने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही तामसिक आहार, परनिंदा एवं दूसरों का अपमान से भी दूर रहना चाहिए। भक्तिपूर्वक इस व्रत को करने से व्रती को करोड़ों गायों को दान करने के समान फल प्राप्त होता है।*
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आज का मंत्र – *ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नमः ।*

🙏🍀 *ॐ गजाननं भूतगणाधिसेवितं* *कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम् ।*
*उमासुतं शोकविनाशकारकम् नमामि* *विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥* 🍀🙏

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🙏🍀 *‘ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा’* 🍀🙏

आज का विचार ✍

💕💕 दूसरों के हित में अपना हित देखें, किसी के दुःख में काम आने के लिए अपने सुख का त्याग कर दें यही सच्ची सेवा है, दूसरों की सेवा करें, क्योंकि हर मनुष्य में ईश्र्वर निवास करता है, किसी की कठिनाई में सहायक होना ईश्र्वर की प्रार्थना के तुल्य है।
पूरी पृथ्वी पर इंसान ही ऐसा जीव है, जो दूसरों को खुशी दे सकता है। 💕💕

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साभार….

#रोज_बेरहमी_से_राक्षसों_के_हाथो_मरती_हिन्दू_लड़किया_और_चारो_तरह_सन्नाटा_हादसा_ये_नहीं_कि_हादसा_हो_गया हादसा यह है कि लोग खामोश है…?

घर में खुरपी है…हम कोई किसान थोड़ी है,

घर में हसिया है…हमने कौन सा गेहू काटना है,

घर में दराती है…कौन सा पालक व बथुआ काटना है,

घर में फावड़ा है…कौन सी मिटटी खोदनी है,

घर में लठ है…लठ का क्या करना बाप का सर फोड़ना है क्या, घर में हाकी है…हम तो मोबाइल पर गेम खेलते है,

घर में कोई लोहे की पतली सी लम्बी सी राड तो होगी ही नाली साफ़ करने के लिए…हमारा काम नहीं है सफाईकर्मी का काम है घर में पेचकश पलास हथोडी भी नहीं है अब क्या करे…?

अरे नहीं है तो बाज़ार जाकर खरीद ले आये इन सबकी कभी ना कभी घर में जरुरत पड़ जाती है इसके लिए सरकार से लाइसेंस लेने की जरुरत नहीं है एक बात कान नाक आंख सब खोल कर सुन ले आप चाहो ना चाहो आप युद्ध में है और युद्ध ने आप को चुन लिया है आप इस से बच नही सकते अपने हिस्से की लड़ाई आपको खुद लड़नी होगी,आप आंख नाक कान बन्द रखके सब कुछ होता नहीं देख सकते ना ही तटस्थ रह सकते है…?

महाभारत युद्ध भी बौद्धिक एवम् धार्मिक हिन्दुओ की लगातार चुप्पी और सहन शीलता के कारण हुआ था जिसे वह लोग धर्म आदर्श और संस्कार कहते रहे,भीष्म द्रोण कृपा चार्य व युधिष्ठिर जैसे अनेक बौद्धिक धार्मिक हिंदू धृतराष्ट्र और दुर्योधन की हरेक नापाक हरकत पर पर्दा डाल नजर अंदाज कर कर उनके हौसले बढ़ाते रहे उन्हें और ज्यादा ताकतवर और आशावादी बना दिया परिणाम पुरे देश का सत्यानाश हुआ साथ में पांडवो का भी…?

किसी धोखे में मत रहना कि जीत पांडवो की हुई उनका भी पूरी सेना के साथ वंशनाश हुआ था पांच पांडवो के सिवाय कुछ नहीं बचा था,ऐसी पोस्ट में डालता रहता हु हिन्दुओ की आँखे खोलने के लिए हमारे धर्म गुरुघंटाल गलत बताते है कि पांडवो कि जीत हुई थी,अरे लाखो निर्दोष लोगो को मरवा कर औरतो और बच्चो को अनाथ कर अपने पूरे वंश का खात्मा करवा के सिर्फ तुम्हारी जान बच जाए तो उसे जीत नहीं कहते,ये बौद्धिक और धार्मिक हिन्दुओ की चुप्पी तालिबान और बगदादी के खतरे से भीज्यादा खतरनाक विनाशकारी है जोकि हिन्दुओ को 1947 से लगातार खत्म कर रही है साथ ही देश धर्म का सर्वनाश कर रही है…? भागवत गीता और महाभारत से कुछ न सीखा हो तो सिर्फ एक बात ही सीख लो में सीखा देता हु वो ये “अधर्मी शत्रु को जितना समय देंगे जितना नजर अंदाज करोगे वो उतना ही ज्यादा शक्ति शाली होता जाता है तुम्हारा बचना और मुश्किल होता जाता है” अंत में पांच गांव की भीख मंगवाएंगे वो भी नहीं मिलेगी,चाहता हु यह पोस्ट हर हिन्दू संगठन और हर धर्म गुरु घंटाल तक पहुंचे ताकि बात पांच गावो की भीख मांगने तक ना पहुंचे…?

अवधेश प्रताप सिंह कानपुर उत्तर प्रदेश,9451221253