आज का पंचाग आपका राशि फल, पूजा विधि और विधान इससे पूजा फलदायी हो जाती है, खुजली और कोलेस्ट्राल कम करने के सरल घरेलू उपचार

 
आज का पंचाग आपका राशि फल,
पूजा विधि और विधान इससे पूजा फलदायी हो जाती है,
खुजली और कोलेस्ट्राल कम करने के सरल घरेलू उपचार। 
धर्म में विश्वास और आस्था रख पूजा पाठ करने वाले बहुत सारे लोगों की शिकायत रहती है कि वे लंबे समय से पूरी श्रद्धा और गंभीरता से पूजा उपासना करने के बाद, दान इत्यादि धार्मिक अनुष्ठान करने के बाद भी उनकी साधना को शायद ईश्वर स्वीकार ही नहीं कर रहे, जिससे सफलता के उचित परिणाम नहीं मिल रहे । इतनी पूजा पाठ के बाद भी बहुत सारी समस्याएं है कि पीछा ही नहीं छोड़ती । इस प्रकार की शिकायत करने वाले कोई एक या दो नहीं बहुत सारे लोग मिल जाएंगे ।
पूजा के शुद्ध नियम
1- घर में पूजा स्थल घर की दक्षिण पश्चिम या पश्चिम दिशा में होने पर भी पूजा पाठ का लाभ प्राप्त नहीं होता । पूजा करते समय साधक का मुख प्रातःकाल पूर्व दिशा की ओर एवं शाम के समय पश्चिम की तरफ होना चाहिए।
2- पूजा में हमेशा पीले या सफेद धुले हुए कपडों का ही प्रयोग करें । पूजा पाठ के अधिकतम फल के लिए तीन से चार बजे ब्रह्म महूर्त का समय सर्वोत्तम रहता है इस समय की गई पूजा उपासना निष्फल नहीं होती ।
4- हमारे शास्त्रों में पूजा पाठ इत्यादि के लिए आसन का प्रावधान बताया गया है और आसन के बारें में विस्तार से चर्चा की गयी है । इसलिए साधक यह सुनिश्चित कर लें कि पूजा पाठ के समय उचित और साफ धुले आसन का प्रयोग कर रहे हैं या नहीं । पूजा के समय यदि मंत्र पढ़ते है, लंबे पाठ आरती इत्यादि करते है परंतु आसन का प्रयोग नहीं करते तो साधक की पूजा का पृथ्वीकरण हो जाएगा । पूजा के फलस्वरूप पैदा हुई ऊर्जा आसन के अभाव में पृथ्वी में समा जाएगी, साधना के फल से वंचित हो जाएंगे ।
5- शास्त्रों में पूजा अर्चना को एकांत स्थान में करने का विधान बताया गया है क्योंकि यदि पूजा के समय यदि कोई छू देता है तो भी पूजा के फलस्वरूप पैदा हुई ऊर्जा का पृथ्वीकरण हो जायेगा, जिसे सामान्य भाषा में हम कहते कि अर्थिन्ग हो रहीं है ।
6- पूजा के बाद यदि कोई क्रोध करता है, सो जाता है, निंदा करता है तो भी पूजा का फल पूजा करने वाले को प्राप्त नहीं होता । इसलिए इन बातों से बचने का प्रयास करें ।
7- भूलकर भी पूजा उपासना चारपाई पर बैठ कर न करें, नंगे फर्श पर न बैठें, यदि आसन मिलना सम्भव न हो तो उनी कम्बल प्रयोग कर सकते हैं, कहने का अभिप्राय है कि पूजा के समय पृथ्वी के संपर्क में सीधे आने से बचें ।
8- यदि किसी व्यक्ति ने अनुपयुक्त रत्न पहना होगा तो भी पूजा पाठ का लाभ नहीं मिलता । जैसे कि छिद्र युक्त घड़े में पानी डाला जाए ।
9- यदि किसी परिवार में किसी अविवाहित सदस्य की अकाल मृत्यु हो जाती है तो उसे अतृप्त आत्मा माना जाता है और अतृप्त आत्मा अपनी मुक्ति के लिए बाधाएं पैदा करती है । पूजा पाठ का लाभ न प्राप्त होने पर इस बिन्दु पर भी ध्यान दें कि आपके परिवार में कहीं इस प्रकार की कोई घटना घटित तो नहीं हुई है यदि ऐसा हुआ है तो उस अतृप्त आत्मा की मुक्ति के लिए शास्त्रों में बताए गए नियमों में निहित विधियों का पालन करें ।
10- किसी नए मकान में रहने के लिए आएं है तो सुनिश्चित कर ले कि आपने अपना घर किसी नि:संतान व्यक्ति से तो नहीं खरीदा है । बहुत बार देखा गया है कि पितृ दोष के फलस्वरूप व्यक्ति नि:संतान रहता है और उससे प्राप्त हुई वस्तु भी दोष ग्रस्त हो सकती है ।
11- पूजा पाठ हमेशा घर के किसी एंकात स्थान में करना चाहिए जहां पर आसानी से दूसरों की दृष्टि नहीं पड़े । यदि घर में प्रवेश होते ही पूजा स्थल पर सबकी दृष्टि पड़ती है, अर्थात पूजा स्थल छिपा नहीं है तो भी पूजा पाठ का लाभ नहीं मिलता । सीढी के नीचे भी पूजा गृह अच्छा नहीं माना जाता ।
12- मंत्र हमारे ऋषि मुनियों द्वारा अविष्कृत बहुत ही वैज्ञानिक ध्वनियाँ है । मंत्र जप से कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है । यदि आप नियमित पूजा में मंत्र जप करते है तो ध्यान रखें कि मंत्र उच्चारण शुद्ध हो अन्यथा पूजा निरर्थक ही होगी । एक अक्षर की गलती आपको मन्त्र से होने वाले लाभ से वंचित रख सकती है । कभी कभी मन्त्र का उच्चारण गलत होने से नुक्सान होता भी देखा गया है । एक एक अक्षर से मन्त्र बनता है यदि कहीं त्रुटी हो तो मन्त्र के किसी जानकार से सही उच्चारण करना सिखता हैं ।
13- अगर कोई शास्त्र अनुसार नियमित पूजा पाठ करता हैं तो उसे खानपान में भी शुद्धता रहनी चाहिए । अगर साधक के परिवार को कोई सदस्य मांस-मदिरा का सेवन करता है तो भी पूजा का पूरा फल साधक को नहीं मिल पाता ।
14- यदि साधक चाहता हैं कि पूजा का फल पूरा मिले तो, सप्ताह में एक बार मौन व्रत जरूर रखें । मौन व्रत रखने से अध्यात्म बल बढ़ता है, सहन शक्ति का विकास होता है ।
15- आगर कोई किसी मंत्र का निरंतर और लम्बे समय तक जपता है तो उस साधक के शरीर के आस पास एक दिव्य आभामंडल बन जाता है, जिसे केवल कोई सिद्ध पुरुष ही देख पाते हैं, वह आभामंडल साधक की अनेक प्रकार से रक्षा करता है ।
16- यदि साधक के घर में किसी प्रकार का वास्तु दोष है तो ऐसे में घर में पूजा न करके किसी मंदिर में पूजा कर सकते हैं ।
17- अपनी पूजा का आसन, जप करने की माला और पूजा के कपड़े किसी दूसरे को हाथ नहीं लगाने दे ।
18- पूजा आपकी एक नियमित दिनचर्या का हिस्सा है। इसे नियमित एवं समयानुसार करे। 
20- आज की खुद को पढ़ी लिखी पीढ़ी खुद को बहुत समझदार एवं ज्ञानी समझने लगी है। वह पूजा पद्धति को पाखंड समझती है। लेकिन आपका कर्त्तव्य है उन्हें मानव जीवन में पूजा के महत्व को समझाए। सनातनी पूजा पद्धति मात्र पूजा ही नही जीवन जीने की कला एवं वैज्ञानिक पद्धति है।
21- जिन विद्ववानों के पास कई डिग्रियां है। उनको मात्र किताबी ज्ञान है। व्यवहारिक ज्ञान नहीं होता। उन्होंने काफी मेहनत से डिग्री तो प्राप्त कर ली है। लेकिन उनसे पूछों अपने धर्म ग्रन्थों की पढ़ाई कितनी की है।
आजकल के विद्ववानों से एक सवाल है उस युग में जब कंप्यूटर तो बहुत दूर की बात लिखने के लिए पेपर स्याही कलम के आभाव में भी खुद इन वस्तुओं का निर्माण करके शुद्ध भाषा का प्रयोग करते हुए जिसमे एक भी अशुद्धि नही होती थी, इतने भारी भरकम ग्रन्थों की रचना कर दी जिसे आप पढ़ने में भी असमर्थ है। जिसे उन्होंने विना स्वार्थ के लिखा उनके पास कितना विलक्षण ज्ञान का भंडार रहा होगा। कितना कठिन परिश्रम किया होगा।
अंत में इतना ही कहना चाहूंगा कि कोई भी पूजा उपासना यज्ञ अनुष्ठान नियम से करेंगे तो ईश्वर उनके साथ होते है। लेकिन मांस, मदिरा, निंदा, जीवहत्या, किसी का दिल दुखाना, किसी के बारे में गलत सोच रखने, गालिया देने, चोरी से छल कपट से धन अर्जित करने, ब्राह्मण होकर किसी की पूजा विधि विधान से न करवाना,  अपने जीमेवरियों का निर्वहन ईमानदारी से नही करना झूट का सहारा लेना, इन सभी अपगुणों से पूजा फलदायक कभी नही हो सकती है। और न ही मनुष्य जीवन का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻सोमवार, २७ जून २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:३१
सूर्यास्त: 🌅 ०७:१४
चन्द्रोदय: 🌝 २८:१८
चन्द्रास्त: 🌜१८:०७
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: ⛈️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (राक्षस)
मास 👉 आषाढ
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 चतुर्दशी (पूर्ण रात्रि)
नक्षत्र 👉 रोहिणी (१६:०२ से मृगशिरा)
योग 👉 शूल (०६:४८ से गण्ड)
प्रथम करण 👉 विष्टि (१६:३८ तक)
द्वितीय करण 👉 शकुनि (पूर्ण रात्रि)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मिथुन
चंद्र 🌟 मिथुन (२९:३५ से)
मंगल 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 वृष (उदित, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 वृष (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५२ से १२:४८
अमृत काल 👉 १२:२७ से १४:१५
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 पूरे दिन
अमृतसिद्धि योग 👉 १६:०२ से २९:१८
विजय मुहूर्त 👉 १४:४१ से १५:३७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०८ से १९:३२
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२२ से २०:२२
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०० से २४:४०
राहुकाल 👉 ०७:०३ से ०८:४९
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:३४ से १२:२०
होमाहुति 👉 केतु
दिशाशूल 👉 पूर्व
नक्षत्रशूल 👉 पश्चिम (१६:०२ तक)
अग्निवास 👉 पृथ्वी
भद्रावास 👉 स्वर्ग (१६:३८ तक)
चन्द्रवास 👉 दक्षिण
शिववास 👉 श्मशान में
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – अमृत २ – काल
३ – शुभ ४ – रोग
५ – उद्वेग ६ – चर
७ – लाभ ८ – अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – चर २ – रोग
३ – काल ४ – लाभ
५ – उद्वेग ६ – शुभ
७ – अमृत ८ – चर
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पश्चिम-दक्षिण (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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मासिक शिवरात्रि व्रत, देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०९:०३ से १०:४७ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १६:०२ तक जन्मे शिशुओ का नाम
रोहिणी नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (वी, वू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशु का नाम मृगशिरा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (वे, वो, क) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन – २८:३३ से ०६:४७
कर्क – ०६:४७ से ०९:०९
सिंह – ०९:०९ से ११:२८
कन्या – ११:२८ से १३:४६
तुला – १३:४६ से १६:०७
वृश्चिक – १६:०७ से १८:२६
धनु – १८:२६ से २०:३०
मकर – २०:३० से २२:११
कुम्भ – २२:११ से २३:३७
मीन – २३:३७ से २५:००
मेष – २५:०० से २६:३४
वृषभ – २६:३४ से २८:२९
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पञ्चक रहित मुहूर्त
अग्नि पञ्चक – ०५:१८ से ०६:४७
शुभ मुहूर्त – ०६:४७ से ०९:०९
रज पञ्चक – ०९:०९ से ११:२८
शुभ मुहूर्त – ११:२८ से १३:४६
चोर पञ्चक – १३:४६ से १६:०२
शुभ मुहूर्त – १६:०२ से १६:०७
रोग पञ्चक – १६:०७ से १८:२६
शुभ मुहूर्त – १८:२६ से २०:३०
मृत्यु पञ्चक – २०:३० से २२:११
अग्नि पञ्चक – २२:११ से २३:३७
शुभ मुहूर्त – २३:३७ से २५:००
मृत्यु पञ्चक – २५:०० से २६:३४
अग्नि पञ्चक – २६:३४ से २८:२९
शुभ मुहूर्त – २८:२९ से २९:१८
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आप आर्थिक मामलों को लेकर ज्यादा गंभीर रहेंगे मध्यान तक का समय इस विषय मे निराशाजनक रहेगा लेकिन इसके बाद मेहनत का फल मिलने लगेगा। किसी पुराने संबंध से अचानक धन लाभ होने से कार्यो में उत्साह बढेगा लेकिन लाभ आज एकबार ही होकर रह जायेगा फिर भी मेहनत करते रहे आने वाला समय अवश्य ही अधिक लाभदायक रहेगा। सहकर्मियों का कारण थोड़ी बहुत परेशानी होगी फिर भी तालमेल बिठा लेंगे। दूर के संबंधियों से दोपहर बाद प्रसन्नता दायक समाचार मिलेंगे। छोटी मोटी नोकझोंक को छोड़ पारिवारिक वातावरण शांत रहेगा। सेहत भी सामान्य रहेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज भी दिन आपके लिए अनुकूल बना हुआ है। आप जिस भी कार्य को आरम्भ करेंगे परिस्थितियां पहले से ही उसके योग्य बन जाएंगी। आस-पास का वातावरण भी हास्य-प्रमोद वाला मिलने से कठिन कार्य भी आसानी से पूर्ण कर लेंगे। व्यवसाय में निवेश आज न करें केवल योजना बना कर रखें भविष्य के लिए लाभदायक रहेगा। आज किये गए शुभकर्म अति लाभदायक सिद्ध होंगे।
सेहत में मामूली गिरावट अनुभव करेंगे। कार्य क्षेत्र पर थोडी माथापच्ची करनी पड़ सकती है परंतु धन लाभ के प्रयास अवश्य सफल होंगे। पैतृक संबंधो से आकस्मिक लाभ होगा। सरकारी कार्य कल के लिए छोड़ना बेहतर रहेगा। स्त्री से सुख मिलेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज भी दिन का आरंभिक भाग हानि वाला रहेगा आवश्यक कार्यो को आज मध्यान तक टालना ही बेहतर रहेगा। दिन के आरंभिक भाग में मन में किसी अरिष्ट की आशंका से भय रहेगा। व्यवहार तो करेंगे लेकिन खुल कर अपनी बात किसी को बताने से हिचकिचाएंगे। मध्यान के बाद परिस्थिति सामान्य बनने लगेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन भविष्य की योजनाओं के लिए महत्त्वपूर्ण रहेगा। बुजुर्गो की बातों की अनदेखी ना करें। धन लाभ आज कम ही होगा लेकिन भविष्य में होने की संभावनाएं मजबूत होंगी। परिवार में किसी से गलती होने पर धर्य से कम लें अन्यथा अशांति लंबे समय के लिए बनेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपके लिए मिश्रित फलदायक रहेगा। दिन के पूर्वार्ध में कार्य क्षेत्र पर बेहतर वातावरण मिलने से धन लाभ होगा। इसके बाद का समय गलत निर्णय लेने से हानिकर रहेगा लेकिन धन लाभ के कोई भी अवसर आज नहीं चूकेंगे। आकस्मिक खर्च रहने से आर्थिक समस्या बन सकती है। परिजनों का सहयोग बराबर मिलते रहने से मानसिक रूप से शान्ति रहेगी। मित्रो का भी साथ मिलेगा। स्वास्थ्य आज सर्दी जुखाम के कारण नरम रह सकता है फिर भी आपकी दिनचर्या पर इसका विशेष असर नहीं पड़ेगा। नौकरी व्यवसाय में आज आपके कार्य की प्रशंसा होगी। दाम्पत्य जीवन में सरसता बनी रहेगी। पत्नी संतान के साथ आज अच्छी पटेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज दिन के आरंभ में कार्य व्यवसाय अथवा सरकारी क्षेत्र से राहत वाले समाचार मिलेंगे। सरकारी कार्यो को आज प्राथमिकता दें थोड़े से परिश्रम से संतोषजनक परिणाम मिल सकते है। सार्वजनिक क्षेत्र पर योगदान देने से सम्मान में वृद्धि होगी। आज आप किसी की भी सहायता के लिये तैयार रहेंगे स्वभाव में मृदुता बिगड़े कामो को बनाने में मददगार रहेगी। धन की आमद पहले से ही निश्चित रहेगी संध्या बाद नए काम से भी अकस्मात मिलने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर विरोधी आज कम ही रहेंगे लेकिन परिवार में पैतृक संबंधित मामलों को लेकर स्वयंजन ही वैर भाव रखेंगे। शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन थोड़ा राहत प्रदान करेगा। सेहत में सुधार आएगा लेकिन कार्यो के प्रति चिता रहते हुए भी ज्यादा गंभीरता नही दिखाएंगे। धर्म कर्म के प्रति विशेष लगाव रहेगा। गूढ़ विषयो को जानने में अधिक रुचि लेंगे। नास्तिक लोग भी आज चमत्कारिक रूप से धर्म का पालन करते दिखेंगे। विद्यार्थी वर्ग पढाई के प्रति चंचल रहेंगे। कार्य व्यवसाय के लिए आज का दिन सामान्य ही रहेगा सहयोगी वातावरण रहने के बाद भी लाभ खर्च बराबर रहेंगे। परिवार में थोड़ी नोक-झोंक हो सकती है। व्यवहार में मधुरता रखे अटके काम बन जाएंगे। बड़े लोगो की दया दृष्टि रहने से अपनी बात मनवा लेंगे। परिजनों के साथ मित्र की तरह व्यवहार करने से आनंद की प्राप्ति होगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज दिन के पहले भाग को छोड़ शेष भाग में कुछ ना कुछ शारीरिक एवं मानसिक विषमताएं जन्म लेंगी सेहत की जांच समय रहते करा लें अन्यथा बाद में परेशानी बढ़ेगी। दिन भर सतर्क रहने की आवश्यकता है। सेहत नरम रहने से स्वभाव मे चिढ़चिढ़ापन आएगा फलस्वरूप किसी प्रियजन से मन मुटाव के प्रसंग बनेंगे। आर्थिक कारणों से चिंता बैचेनी रहेगी। कार्य क्षेत्र पर मन कम लगेगा। कानूनी उलझनों में फंसने की संभावना है। विरोधी आपको नीचा दिखाने का हर संभव प्रयास करेंगे व्यर्थ के विवाद से दूरी बना कर रहें। आज आपके पुण्य उदय होने से धर्म-कर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी आध्यात्म से जुड़े रहें।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आप जिस भी वस्तु की कामना करेंगे उसके लिए दोपहर तक परेशान रहेंगे माथापच्ची भी करनी पड़ेगी लेकिन दोपहर के बाद अधिकांश कामनाओ के पूर्ण होने की आशा जागेगी फिर भी कुछ एक कि ही प्राप्ती हो सकेगी। आज मेहनत करने से पीछे ना हटे जल्द ही स्थिति आपके पक्ष में बनने से धन धान्य की वृद्धि होगी। कार्य क्षेत्र पर जिस भी कार्य को करेंगे उसका लाभ पाने के लिये उतावले रहेंगे परन्तु आशाजनक परिणाम कल ही मिल सकेंगे। आपकी वाणी की सौम्यता नए सम्बंध स्थापित करने में सहायता करेगी। घर के किसी बुजुर्ग से शुभकार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। खर्च भी अधिक रहेगा। लंबी यात्रा से बचे सेहत ख़राब हो सकती है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज दिन का पहला भाग सुख शांति से बीतेगा दैनिक कार्यो में सुस्ती दिखाएंगे घर में कोई अप्रिय घटना के कारण बाहर का वातावरण ज्यादा पसंद आएगा। मध्यान के बाद परिस्थिति बदलने लगेगी इसलिए धन संबंधित व्यवहार पहले ही कर लें इसके बाद का समय कलह क्लेश की भेंट चढेगा। महिलाये छोटी बातो को बड़ा चढ़ा कर घर का माहौल खराब करेंगी। नौकरी वाले लोगो को भी मध्यान बाद अधिकारियों की नाराजगी का शिकार बनना पड़ेगा। धन की आमद के लिए ज्यादा प्रयास करना पड़ेगा मध्यान बाद रुकने की संभावना है। मानसिक तनाव अधिक रहेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज दिन के पूर्वार्ध में कुछ सोची हुई योजनाए पूर्ण होने से उत्साह में रहेंगे लेकिन अतिआत्मविश्वास की भावना निकट भविष्य में अवश्य ही कुछ ना कुछ हानि करायेगी। स्वभाव में भावुकता अधिक रहेगी किसी की भी बातो में जल्दी आ जाएंगे मध्यान बाद इसके कारण आर्थिक हानि होने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर मध्यान तक अधूरे कार्य समेटने पर ध्यान दें इसके बाद प्रत्येक कार्य मे जोखिम बढेगा इससे बचते बचते भी थोड़ा बहुत नुकसान होगा ही। आज आपको प्रतिस्पर्धियों की जगह स्वयं के निर्णयों को लेकर ज्यादा सन्देह रहेगा। धन की आमद खर्च के अनुपात में बराबर रहेगी। सेहत संध्या बाद प्रतिकूल बनेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन व्यर्थ की भागदौड़ वाला रहेगा। दिन का आरंभिक भाग आज भी पुरानी बातें ताजा होने पर गरमा गर्मी में खराब होगा। मध्यान बाद कार्य व्यवसाय में थोड़ी स्थिरता आने से संतोष होगा आज आप जो भी सोचेंगे उसका उल्टा परिणाम मिलेगा इसलिए धन संबंधित अथवा अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यो को फिलहाल स्थगित रखें। स्वयं को ज्यादा बुद्धिमान दिखाने का प्रयास हास्य का पात्र बना सकता है विवेक से व्यवहार करें। नौकरी वालो को मेहनत का परिश्रम आज नही मिल सकेगा। सेहत को लेकर थोड़े चिंतित रहेंगे। परिजनों से संभलकर बात करें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन का पूर्वाध धन लाभ की संभावनाएं जगायेगा लेकिन स्वभाव में लापरवाही रहने से प्राप्ति में संशय रहेगा। आज स्वयं के बल पर किये गए कार्य ज्यादा फायदेमंद रहेंगे लेकिन आवश्यकता पड़ने पर किसी नापसन्द व्यक्ति की मदद लेनी पड़ेगी जो कि हानिकारक ही रहेगी। मध्यान बाद आर्थिक विषयो को लेकर भागदौड़ करनी पड़ेगी इसके परिणाम संध्या तक संतोषजनक रहेंगे। नौकरी वाले लोग आलसी व्यवहार के कारण कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था फैलाएंगे। परिजनों का सहयोग सानिध्य कार्यो को सरल बनाएगा। खान पान संयमित रखें पेट खराब हो सकता है।
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*खुजली का सरल उपचार *

 

*नींबू को काटकर* उसके रस को खुजली वाली जगह पर मलने से हर तरह की खुजली से छुटकारा मिलता है।

*खुजली होने पर तुलसी के कुछ पत्तों* को लेकर उन्‍हें प्रभावित क्षेत्र पर रगड़ें

 

*खुजली वाले स्‍थान पर एलोवेरा के जैल* को रगड़ने से यह त्वचा की जलन को कम करने में मदद करता है और खुजली से जल्दी ही राहत प्रदान करता है। इसके लिए घर में लगे एलोवेरा के पौधे की पत्‍ती को काट लें और उसमें से निकलने वाले जेल को खुजली वाली जगह पर लगा लें।

*खुजली वाली त्‍वचा के लिए नारियल का तेल* बहुत अच्‍छा होता है। शुष्‍क त्‍वचा या मच्‍छर के काटने पर होने वाली खुजली के‍ लिए तो नारियल को तेल अद्भुत काम करता है। प्रभावित क्षेत्र पर सीधा इसे लगाना नारियल के तेल को इस्तेमाल करने का सबसे अच्छा तरीका है।

*पुदीना कीड़े के काटने और खुजली के लिए बहुत अच्‍छा होता है।* इसकी पत्तियों को मसलकर सीधे खुजली वाले स्‍थान पर रगड़ना पुदीने को लगाने का सबसे आसान और तेज तरीका है।

*नीम के तेल* को थोड़ा सा प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं और उससे मसाज करें। इस तेल को ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।