आज का पंचाग आपका राशि फल, वसंत पंचमी ( नागपंचमी) व्रत महात्म्य और पूजा विधि विधान, यदि हनुमान एक हजार अमर राक्षसों का संहार अपने पराक्रम से ऐसे नहीं करते तो राम रावण संग्राम कभी समाप्त नहीं होता

🌷 *वसंत पंचमी* 🌷🌺🙏🌺

ॐ नमो नारायणाय!

देह में विद्यमान सुषम्ना नाड़ी ही सरस्वती है।

इसको जागरण ही सरस्वती पूजन है!

          -डॉ0 भगवती प्रसाद पुरोहित

 *05 फरवरी 2022 शनिवार को वसंत पंचमी हैं।

🙏🏻 *ब्रह्मवैवर्त पुराण तथा देवीभागवत पुराण के अनुसार जो मानव माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन संयमपूर्वक उत्तम भक्ति के साथ षोडशोपचार से भगवती सरस्वती की अर्चना करता है, वह वैकुण्ठ धाम में स्थान पाता है। माघ शुक्ल पंचमी विद्यारम्भ की मुख्य तिथि है। “माघस्य शुक्लपञ्चम्यां विद्यारम्भदिनेऽपि च।”*

🙏🏻 *श्रीकृष्ण ने सरस्वती से कहा था*

🌷 *प्रतिविश्वेषु ते पूजां महतीं ते मुदाऽन्विताः । माघस्य शुक्लपञ्चम्यां विद्यारम्भेषु सुन्दरि ।।*

*मानवा मनवो देवा मुनीन्द्राश्च मुमुक्षवः । सन्तश्च योगिनः सिद्धा नागगन्धर्वकिंनराः ।।*

*मद्वरेण करिष्यन्ति कल्पे कल्पे यथाविधि । भक्तियुक्ताश्च दत्त्वा वै चोपचारांश्च षोडश ।।*

*काण्वशाखोक्तविधिना ध्यानेन स्तवनेन च । जितेन्द्रियाः संयताश्च पुस्तकेषु घटेऽपि च ।।*

*कृत्वा सुवर्णगुटिकां गन्धचन्दन चर्च्चिताम् । कवचं ते ग्रहीष्यन्ति कण्ठे वा दक्षिणे भुजे ।।*

*पठिष्यन्ति च विद्वांसः पूजाकाले च पूजिते । इत्युक्त्वा पूजयामास तां देवीं सर्वपूजितः ।।*

*ततस्तत्पूजनं चक्रुर्ब्रह्मविष्णुमहेश्वराः । अनन्तश्चापि धर्मश्च मुनीन्द्राः सनकादयः ।।*

*सर्वे देवाश्च मनवो नृपा वा मानवादयः । बभूव पूजिता नित्या सर्वलोकैः सरस्वती ।।*

🙏🏻 *“सुन्दरि! प्रत्येक ब्रह्माण्ड में माघ शुक्ल पंचमी के दिन विद्यारम्भ के शुभ अवसर पर बड़े गौरव के साथ तुम्हारी विशाल पूजा होगी। मेरे वर के प्रभाव से आज से लेकर प्रलयपर्यन्त प्रत्येक कल्प में मनुष्य, मनुगण, देवता, मोक्षकामी प्रसिद्ध मुनिगण, वसु, योगी, सिद्ध, नाग, गन्धर्व और राक्षस– सभी बड़ी भक्ति के साथ सोलह प्रकार के उपचारों के द्वारा तुम्हारी पूजा करेंगे। उन संयमशील जितेन्द्रिय पुरुषों के द्वारा कण्वशाखा में कही हुई विधि के अनुसार तुम्हारा ध्यान और पूजन होगा। वे कलश अथवा पुस्तक में तुम्हें आवाहित करेंगे। तुम्हारे कवच को भोजपत्र पर लिखकर उसे सोने की डिब्बी में रख गन्ध एवं चन्दन आदि से सुपूजित करके लोग अपने गले अथवा दाहिनी भुजा में धारण करेंगे। पूजा के पवित्र अवसर पर विद्वान पुरुषों के द्वारा तुम्हारा सम्यक प्रकार से स्तुति-पाठ होगा। इस प्रकार कहकर सर्वपूजित भगवान श्रीकृष्ण ने देवी सरस्वती की पूजा की। तत्पश्चात, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अनन्त, धर्म, मुनीश्वर, सनकगण, देवता, मुनि, राजा और मनुगण– इन सब ने भगवती सरस्वती की आराधना की। तब से ये सरस्वती सम्पूर्ण प्राणियों द्वारा सदा पूजित होने लगीं।*

🙏🏻 *वसन्त पंचमी पर सरस्वती मूल मंत्र की कम से कम 1 माला जप जरूर करना चाहिए।* 

➡ *मूल मंत्र : “श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा”*

🙏🏻 *सरस्वती जी का वैदिक अष्टाक्षर मूल मंत्र जिसे भगवान शिव ने कणादमुनि तथा गौतम को, श्रीनारायण ने वाल्मीकि को, ब्रह्मा जी ने भृगु को, भृगुमुनि ने शुक्राचार्य को, कश्यप ने बृहस्पति को दिया था जिसको सिद्ध करने से मनुष्य बृहस्पति के समान हो जाता है ।*

🙏🏻 *सरस्वती पूजा के लिए नैवैद्य (ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार)*

*नवनीतं दधि क्षीरं लाजांश्च तिललड्डुकान् । इक्षुमिक्षुरसं शुक्लवर्णं पक्वगुडं मधु ।।*

*स्वस्तिकं शर्करां शुक्लधान्यस्याक्षतमक्षतम्। अस्विन्नशुक्लधान्यस्य पृथुकं शुक्लमोदकम् ।।*

*घृतसैन्धवसंस्कारैर्हविष्यैर्व्यञ्जनैस्तथा । यवगोधूमचूर्णानां पिष्टकं घृतसंस्कृतम् ।।*

*पिष्टकं स्वस्तिकस्यापि पक्वरम्भाफलस्य च । परमान्नं च सघृतं मिष्टान्नं च सुधोपमम् ।।* 

*नारिकेलं तदुदकं केशरं मूलमार्द्रकम् । पक्वरम्भाफलं चारु श्रीफलं बदरीफलम् ।।*

*कालदेशोद्भवं पक्वफलं शुक्लं सुसंस्कृतम् ।।*

🙏🏻 *ताजा मक्खन, दही, दूध, धान का लावा, तिल के लड्डू, सफेद गन्ना और उसका रस, उसे पकाकर बनाया हुआ गुड़, स्वास्तिक (एक प्रकार का पकवान), शक्कर या मिश्री, सफेद धान का चावल जो टूटा न हो (अक्षत), बिना उबाले हुए धान का चिउड़ा, सफेद लड्डू, घी और सेंधा नमक डालकर तैयार किये गये व्यंजन के साथ शास्त्रोक्त हविष्यान्न, जौ अथवा गेहूँ के आटे से घृत में तले हुए पदार्थ, पके हुए स्वच्छ केले का पिष्टक, उत्तम अन्न को घृत में पकाकर उससे बना हुआ अमृत के समान मधुर मिष्टान्न, नारियल, उसका पानी, कसेरू, मूली, अदरख, पका हुआ केला, बढ़िया बेल, बेर का फल, देश और काल के अनुसार उपलब्ध ऋतुफल तथा अन्य भी पवित्र स्वच्छ वर्ण के फल – ये सब नैवेद्य के समान हैं।*

🌷 *सुगन्धि शुक्लपुष्पं च गन्धाढ्यं शुक्लचन्दनम् । नवीनं शुक्लवस्त्रं च शङ्खं च सुमनोहरम् ।।*

*माल्यं च शुक्लपुष्पाणां मुक्ताहीरादिभूषणम् ।।*

🙏🏻 *सुगन्धित सफेद पुष्प, सफेद स्वच्छ चन्दन तथा नवीन श्वेत वस्त्र और सुन्दर शंख देवी सरस्वती को अर्पण करना चाहिये। श्वेत पुष्पों की माला और श्वेत भूषण भी भगवती को चढ़ावे।* 

🙏🏻 *स्मरण शक्ति प्राप्त करने के लिए वसंत पंचमी से शुरू करके प्रतिदिन याज्ञवल्क्य द्वारा रचित भगवती सरस्वती की स्तुति करनी चाहिए।*⛅

 *व्रत पर्व विवरण – बसंत पंचमी- श्री पंचमी, सरस्वती पूजा*

💥 *विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

💥 *ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)*

💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण)*

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हनुमानजी_का_अद्भुत_पराक्रम

जब रावण ने देखा कि हमारी पराजय निश्चित है तो उसने 1000 अमर राक्षसों को बुलाकर रणभूमि में भेजने का आदेश दिया। ये ऐसे थे जिनको काल भी नहीं खा सका था…

विभीषण के गुप्तचरों से समाचार मिलने पर श्री राम को चिंता हुई कि हम लोग इनसे कब तक लड़ेंगे ? सीता का उद्धार और विभीषण का राज तिलक कैसे होगा ? क्योंकि युद्ध की समाप्ति असंभव है।

श्रीराम कि इस स्थिति से वानरवाहिनी के साथ कपिराज सुग्रीव भी विचलित हो गए कि अब क्या होगा ? हम अनंत काल तक युद्ध तो कर सकते हैं पर विजयश्री का वरण नहीं ! पूर्वोक्त दोनों कार्य असंभव हैं।

अंजनानंदन हनुमान जी आकर वानर वाहिनी के साथ श्रीराम को चिंतित देखकर बोले – प्रभु ! क्या बात है ? 

श्रीराम के संकेत से विभीषण जी ने सारी बात बतलाई। अब विजय असंभव है।

पवन पुत्र ने कहा – असम्भव को संभव और संभव को असम्भव कर देने का नाम ही तो हनुमान है। प्रभु ! आप केवल मुझे आज्ञा दीजिए मैं अकेले ही जाकर रावण की अमर सेना को नष्ट कर दूँगा।

कैसे हनुमान ? वे तो अमर हैं।

प्रभु ! इसकी चिंता आप न करें सेवक पर विश्वास करें।

उधर रावण ने चलते समय राक्षसों से कहा था कि, वहां हनुमान नाम का एक वानर है उससे जरा सावधान रहना । 

एकाकी हनुमानजी को रणभूमि में देखकर राक्षसों ने पूछा – तुम कौन हो ? क्या हम लोगों को देखकर भय नहीं लगता जो अकेले रणभूमि में चले आये।

मारुति – क्यों आते समय राक्षस शराज रावण ने तुम लोगों को कुछ संकेत नहीं किया था जो मेरे समक्ष निर्भय खड़े हो।

निशाचरों को समझते देर न लगी कि ये महाबली हनुमान हैं। तो भी क्या ? हम अमर हैं, हमारा ये क्या बिगाड़ लेंगे।

भयंकर युद्ध आरम्भ हुआ। पवनपुत्र की मार से राक्षस रणभूमि में ढेर होने लगे। चौथाई सेना बची थी कि पीछे से आवाज आई – हनुमान हम लोग अमर हैं‌ हमें जीतना असंभव है। अतः अपने स्वामी के साथ लंका से लौट जाओ, इसी में तुम सबका कल्याण है।

आंजनेय ने कहा – लौटूंगा अवश्य पर तुम्हारे कहने से नहीं, अपितु अपनी इच्छा से। हाँ तुम सब मिलकर आक्रमण करो फिर मेरा बल देखो और रावण को जाकर बताना।

राक्षसों ने जैसे ही एक साथ मिलकर हनुमानजी पर आक्रमण करना चाहा, वैसे ही पवनपुत्र ने उन सबको अपनी पूंछ में लपेटकर ऊपर आकाश में फेंक दिया।

वे सब पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति जहाँ तक है वहां से भी ऊपर चले गए, चले ही जा रहे हैं। 

चले मग जात सूखि गए गात

गोस्वामी तुलसीदास

उनका शरीर सूख गया अमर होने के कारण मर सकते नहीं अतः रावण को गाली देते हुए और कष्ट के कारण अपनी अमरता को कोसते हुए अभी भी जा रहे हैं।

ईधर हनुमान जी ने आकर प्रभु के चरणों में शीश झुकाया।

श्रीराम बोले – क्या हुआ हनुमान ?

प्रभु ! उन्हें ऊपर भेजकर आ रहा हूँ।

राघव – पर वे अमर थे हनुमान।

हाँ स्वामी इसलिए उन्हें जीवित ही ऊपर भेज आया हूँ, अब वे कभी भी नीचे नहीं आ सकते ? रावण को अब आप शीघ्रातिशीघ्र ऊपर भेजने की कृपा करें। जिससे माता जानकी का आपसे मिलन और महाराज विभीषण का राजसिंहासन हो सके।

पवनपुत्र को प्रभु ने उठाकर गले लगा लिया। वे धन्य हो गए अविरल भक्ति का वर पाकर। श्रीराम उनके ऋणी बन गए और बोले – हनुमान जी ! आपने जो उपकार किया है, वह मेरे अंग-अंग में ही जीर्ण-शीर्ण हो जाय। 

मैं ! उसका बदला न चुका सकूं। क्योंकि उपकार का बदला विपत्तिकाल में ही चुकाया जाता है। पुत्र ! तुम पर कभी कोई विपत्ति न आये।

निहाल हो गए आंजनेय।

हनुमान जी की वीरता के समान साक्षात काल, देवराज इन्द्र, महाराज कुबेर तथा भगवान विष्णु की भी वीरता नहीं सुनी गयी। ऐसा कथन श्रीराम का है :-

न कालस्य न शक्रस्य न विष्णर्वित्तपस्य च।

कर्माणि तानि श्रूयन्ते यानि युद्धे हनूमतः॥

विश्व की सबसे बडी प्रेम की सत्य घटना की बात रामायण है और सबसे बड़ी प्रेम की निशानी रामसेतू है ।

      क्योंकि माता सिताजी को ढूंढने प्रभु श्री राम ने बलशाली चार लाख लोगों को चारों दिशा मे भेजा था और लंका पहूचने हेतु सौ योजन का पुल बनवाया था। और जीवन पर्यंत दुसरा विवाह नहीं किया था ।

प्रेम की निशानी रामसेतू ।

प्रेम की कहानी रामायण ।

 जय श्री सीता राम 🚩 

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शनिवार, ५ फरवरी २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०७:०७
सूर्यास्त: 🌅 ०५:५९
चन्द्रोदय: 🌝 ०९:५०
चन्द्रास्त: 🌜२२:१७
अयन 🌕 उत्तरायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: 🌫️ शिशिर
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 माघ
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 पञ्चमी (२७:४६ तक)
नक्षत्र 👉 उत्तराभाद्रपद (१६:०९ तक)
योग 👉 सिद्ध (१७:४२ तक)
प्रथम करण 👉 बव (१५:४० तक)
द्वितीय करण 👉 बालव (२७:४६ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मकर
चंद्र 🌟 मीन
मंगल 🌟 धनु (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 कुंम्भ (उदय, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 धनु (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०९ से १२:५३
अमृत काल 👉 ११:१९ से १२:५५
रवियोग १६:०९ से ३१:०४
विजय मुहूर्त 👉 १४:२० से १५:०३
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:४६ से १८:१०
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०४ से २४:५७
राहुकाल 👉 ०९:४८ से ११:०९
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १३:५३ से १५:१४
होमाहुति 👉 बुध
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 आकाश
चन्द्रवास 👉 उत्तर
शिववास 👉 कैलाश पर (२७:४६ से नन्दी पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
उत्तर-पश्चिम (वायविंडिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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बसंत पंचमी (सरस्वती जयन्ती), विवाह मुहूर्त मेष-वृष लग्न प्रातः १०:३७ से दोपहर ०२:११ तक, गौधूलि सायं ०५:५५ से ०६:५८ तक कन्या लग्न रात्रि ०९:०० से ११:३६ तक, वृश्चिक-धनु-मकर लग्न रात्रि ०१:३४ से प्रातः ०७:१४ तक, नींव खुदाई एवं गृह आरम्भ+विद्या एवं अक्षर आरम्भ+व्यवसाय आरम्भ+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०८:३४ से ०९:५६ तक, गृह प्रवेश मुहूर्त दोपहर १२:१९ से ०१:०३ तक, वाहन क्रय विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:४१ से सायं ०४:४३ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १६:०९ तक जन्मे शिशुओ का नाम
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (झ, ञ) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम रेवती नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश: (दे, दो, च) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मकर – २९:५२ से ०७:३३
कुम्भ – ०७:३३ से ०८:५९
मीन – ०८:५९ से १०:२२
मेष – १०:२२ से ११:५६
वृषभ – ११:५६ से १३:५१
मिथुन – १३:५१ से १६:०६
कर्क – १६:०६ से १८:२७
सिंह – १८:२७ से २०:४६
कन्या – २०:४६ से २३:०४
तुला – २३:०४ से २५:२५
वृश्चिक – २५:२५ से २७:४४
धनु – २७:४४ से २९:४८
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०७:०५ से ०७:३३
रज पञ्चक – ०७:३३ से ०८:५९
शुभ मुहूर्त – ०८:५९ से १०:२२
शुभ मुहूर्त – १०:२२ से ११:५६
रज पञ्चक – ११:५६ से १३:५१
शुभ मुहूर्त – १३:५१ से १६:०६
चोर पञ्चक – १६:०६ से १६:०९
शुभ मुहूर्त – १६:०९ से १८:२७
रोग पञ्चक – १८:२७ से २०:४६
शुभ मुहूर्त – २०:४६ से २३:०४
मृत्यु पञ्चक – २३:०४ से २५:२५
अग्नि पञ्चक – २५:२५ से २७:४४
शुभ मुहूर्त – २७:४४ से २७:४६
रज पञ्चक – २७:४६ से २९:४८
शुभ मुहूर्त – २९:४८ से ३१:०४
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन विपरीत फलदायक है स्वभाव की मनमानी आज किसी न किसी रूप में हानि कराएगी। आज भी आपका मन अनैतिक कर्मो में अधिक रहेगा किसी के टोकने पर अभद्र व्यवहार करने से भी नही शर्माएंगे। मौज शौक के पीछे संचित धन भी खर्च कर सकते है बाद में आर्थिक संकट में फसेंगे। कार्य व्यवसाय की स्थिति आज दयनीय रहेगी सहयोगी एवं समय की कमी के कारण बड़े लाभ से वंचित रह जाएंगे। मध्यान बाद थोड़ी बहुत आय होगी लेकिन आकस्मिक नुकसान भी होने से भरपाई नही कर पाएंगे। किसी से उधार लेने की नौबत आ सकती है आज वह भी मिलना मुश्किल है। घर मे माता से कलह के बाद अनैतिक लाभ उठाएंगे किसी न किसी से तकरार लगी रहेगी। किसी भी प्रकार के जोखिम से बचे दुर्घटना की सम्भवना है सेहत में उतारचढ़ाव लगा रहेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन भागदौड़ लगी रहेगी दिन के आरंभ से ही आकस्मिक यात्रा की योजना बनेगी इसके अंत समय पर टलने की संभावना भी है। आज आप जो भी कामना करेंगे परिस्थिति स्वतः ही उसके अनुकूल बनने लगेगी कार्य व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा रहने पर भी आपके कार्यो में बाधा नही पहुचेगी पूर्व में बनाई योजना आज फलीभूत होगी धन लाभ भी आवश्यकता पड़ने पर हो जाएगा लेकिन अतिरिक्त खर्च आने से हाथ मे रुकेगा नही। घर के सदस्यों से जबरदस्ती बात मनवाएँगे फिर भी परिजनों से भावनात्मक संबंध बने रहेंगे। संध्या बाद का समय अत्यधिक थकान वाला रहेगा फिर भी बेमन से सामाजिक व्यवहारों के कारण आराम करने का मौका चाह कर भी नही मिलेगा। सेहत में विकार आने की संभावना है सतर्क रहें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन साधारण रहेगा दिन के पूर्वार्ध में स्वास्थ्य ठीक रहने पर भी आलस्य के कारण कार्यो में विलंब होगा घरेलू कार्य भी धीमी गति से चलेंगे बाद में हड़बड़ी करने पर नुकसान होने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर लाभ पाने के लिये विविध युक्तियां लगाएंगे लेकिन आज अधिकांश में असफलता ही मिलेगी धन लाभ अवश्य होगा पर पुराने उधार एवं दैनिक खर्च के आगे कम ही रहेगा। धर्म कर्म में आस्था रहने पर भी आज भाग्य का साथ कम ही मिलेगा नौकरी वालो को आज पुराना अधूरा कार्य मुसीबत लगेगा। विरोधी पक्ष पर ढील न बरतें अन्यथा बाद में परेशानी में डालेंगे। घर मे खर्चो को लेकर आपसी मतभेद उभरेंगे। ठंड का प्रकोप सेहत पर देखने को मिलेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपके मन मे उधेड़ बुन लगी रहेगी जो करना चाहेंगे उसे नही कर पाएंगे उल्टे जिस का को करने से चिढ़ते है मजबूरी में वही करना पड़ेगा। मध्यान तक का समय फिर भी मानसिक एवं पारिवारिक रूप से शांतिदायक रहेगा घर मे पूजा पाठ दानपुण्य होने से वातावरण ऊर्जावान रहेगा। मध्यान बाद का समय विविध उलझनों वाला रहेगा। कार्य व्यवसाय में भी आज मंदी का सामना करना पड़ेगा भागदौड़ करने पर भी खर्च निकलने लायक आय मुश्किल से ही मिल पाएगी। सहकर्मी अपना काम आपके सर थोपेंगे व्यवहारिकता में मना भी नही कर पाएंगे। लघु यात्रा के योग है सम्भव हो तो टाले खर्च के अलावा कुछ नही मिलेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन सेहत को लेकर परेशान रहेंगे। घर मे मौसमी बीमारियों के कारण सर्दी जुखाम से कोई ना कोई परेशान रहेगा दैनिक कार्य भी विलंब से होंगे जिससे अन्य कार्यो में भी विलंब होता जाएगा। कार्य व्यवसाय से आज लाभ की आशा ना रखे उल्टे किसी से धन अथवा अन्य कारणों से विवाद होने पर भविष्य के लाभ से भी हाथ धो बैठेंगे। संध्या के आस पास किसी के सहयोग से धन संबंधित कोई काम बनने से कुछ राहत मिलेगी। लेकिन आज पैतृक धन अथवा संपत्ति में हास होने के योग भी है। घरेलू एवं व्यावसायिक खर्चो को लेकर विशेष चिंता रहेगी। धर्म कर्म में आज निष्ठा तो रहेगी फिर भी रुचि नही दिखाएंगे। परिजनों को अधिक समय दे गलतफहमियां दूर होंगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन शुभफलदायक रहेगा। भागदौड़ आज किसी न किसी काम से लगी रहेगी लेकिन इसका सफल परिणाम दिन भर उत्साहित रखेगा। दिन के आरंभ में पेट अथवा मासपेशियो मे थोड़ी बहुत तकलीफ होगी लेकिन मध्यान तक स्वतः ही सही हो जाएगी। काम-धंधे को लेकर आज गंभीर रहेंगे अन्य आवश्यक कार्य भी इसके लिये निरस्त करेंगे धन लाभ भाग्य का साथ मिलने से अवश्य होगा लेकिन तुरंत कही न कही खर्च भी हो जाएगा आज खर्च दिखावे के ऊपर भी करने पड़ेंगे। घर का वातावरण मध्यान तक शांत रहेगा इसके बाद इसके बाद व्यवसाय अथवा अन्य घरेलू कारणों से किसी से खींचतान होने की संभावना है वाणी का प्रयाग संभालकर करें अन्यथा संबंधों में लंबे समय के लिये कड़वाहट बन सकती है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपके लिये मिश्रित फलदायक रहेगा। पूर्व में किसी गलती को लेकर मन मे ग्लानि होगी लेकिन सुधार करने की जगह दोबारा वही गलती करने पर किसी से अनबन के साथ शत्रुओ में वृद्धि भी होगी। आज घरेलू एवं व्यक्तिगत सुख सुविधा जुटाने के चक्कर मे अनैतिक कार्यो करने से परहेज नही करेंगे इससे बचे अन्यथा सरकारी उलझनों में फंसने की संभावना है। कार्य व्यवसाय में स्थिरता नही रहेगी धन अन्य लोगो की नजर में आपका व्यवसाय उत्तम रहेगा लेकिन होगा इसके विपरीत ही पूर्व में किये किसी सौदे को छोड़ अन्य किसी मार्ग से धन की आमद रुकेगी। स्त्री वर्ग बोल चाल में सावधानी बरतें छोटी सी बात पर कलह हो सकती है। सेहत कुछ समय के लिये नरम रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आप प्रत्येक कार्य बुद्धि विवेक से करेंगे लेकिन पूर्व में बरती अनियमितता के कारण आज शत्रु पक्ष प्रबल रहेंगे घर के सदस्यों का व्यवहार भी आज विपरीत रहेगा फिर भी आपको सबकी कमजोरी पता होने का फायदा मिलेगा लोग पीठ पीछे ही आलोचना करेंगे सामने कोई नही आएगा। व्यवसाय की गति आज अन्य दिनों को तुलना में धीमी रहेगी किसी कार्य से लाभ होते होते अंत समय मे लटक सकता है फिर भी खर्च निकालने लायक आय किसी पुराने अनुबंध द्वारा सहज हो जाएगी। भागीदारी के कार्य मे आज निवेश से बचे नाही किसी वस्तु का संग्रह करें आगे धन फंस सकता है। घर मे आवश्यकता के समय ही बोले शांति बनी रहेगी। सेहत में कुछ न कुछ विकार लगा रहेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिये प्रतिकूल रहेगा दिन के आरंभ से ही किसी से कहासुनी की संभावना रहेगी इसके लिये ज्यादा इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा संतान अथवा किसी अन्य परिजन का उद्दंड व्यवहार कलह करवाएगा फिर भी आप धैर्य से काम लें अन्यथा एक बार मानसिक अशान्ति बनी तो संध्या तक परेशान करेगी। कार्य क्षेत्र से आज ज्यादा संभावना नही रहेगी फिर भी किसी न किसी माध्यम से आकस्मिक लाभ संचित कोष में वृद्धि करेगा। आज वाणी एवं व्यवहार पर अधिक संयम रखने की आवश्यकता है अन्यथा कई दिनों में बनी गरिमा धूमिल होने में वक्त नही लगेगा। संध्या के समय थकान अधिक होगी लेकिन स्वास्थ्य सामान्य बना रहेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन लाभदायक रहेगा लेकिन ध्यान रहे आपका व्यवहार होने वाले लाभ को कम या अधिक करने में महत्तवपूर्ण भूमिका रखेगा। वैसे तो आज काम निकालने के लिये मीठा व्यवहार ही करेंगे लेकिन जिससे ख़ट पट हुई उसकी शक्ल भी देखना पसंद नही करेंगे चाहे हानि ही क्यो ना हो। कार्य व्यवसाय के साथ अन्य मार्ग से धन की आमद अवश्य होगी माता का व्यवहार आज कुछ अटपटा रहने के बाद भी इनके सहयोग अथवा अचल संपत्ति से भी लाभ की संभावना है। पति-पत्नी में किसी बात को लेकर ठनेगी फिर भी मामला ज्यादा गंभीर नही होने देंगे। व्यावसायिक यात्रा से धन मिल सकता है। विदेश जाने के इच्छुक आज प्रयास अवश्य करें सफल होने की संभावना अधिक है। सेहत छोटी मोटी समस्या को छोड़ ठीक रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपको उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा आपका स्वभाव आज संतोषी ही रहेगा फिर भी आकस्मिक आने वाले क्रोध पर नियंत्रण रखना आवश्यक है। आज आपका स्वभाव शंकालु रहेगा हर कार्य को करने से पहके हानि लाभ की परख करेंगे लेकिन किसी के दबाव अथवा बहकावे में आकर गलत निर्णय लेंगे बाद में इससे पछतावा हो इससे बेहतर आज ज्यादा झमेले वाले कार्यो से दूर ही रहे। भाई बंधुओ से संबंध ईर्ष्या युक्त होने पर भी कार्य क्षेत्र पर सहयोग अथवा मार्गदर्शन मिलने से आवश्यकता अनुसार धन सहज ही मिल जाएगा। घर मे पति-अथवा पत्नी की किसी गुप्त कामना को पूर्ण ना कर पाने पर खटास आ सकती है। धर्म कर्म में केवल व्यवहारिकता मात्र ही रहेगी। आरोग्य बना रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
मन मे चंचलता बढ़ने के कारण आज आपका स्वभाव पल पल में बदलेगा किसी भी कार्य मे अनिर्णय की स्थिति बाधा डालेगी जिससे कार्यो में विलंब होगा। स्वभाव में आडंबर रहने पर सार्वजनिक क्षेत्र पर आपकी पहचान धनवानों जैसी बनेगी इसको बनाये रखने पर भी व्यर्थ खर्च करेंगे। कार्य व्यवसाय से आज कामना पूर्ति करना सम्भव नही माथापच्ची के बाद आय अवश्य होगी लेकिन नियमित ना होकर अंतराल पर होने से अधिक चौकन्ना रहना पड़ेगा। छाती अथवा छाती से ऊपरी भाग में कोई न कोई समस्या बनेगी समय से उपचार ले गंभीर भी हो सकती है। भावुकता अधिक रहेगी विपरीत लिंगीय के प्रति आकर्षित होंगे लेकिन मन ना मिलने पर दुख भी होगा।
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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏