आज का पंचाग आपका राशि फल, आज अक्षय तृतीया पर खुले गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कपाट, आज किये गये पुण्य कार्यों और मंत्रजपों का कभी क्षय नहीं होता, भगवान परशुराम का प्राकाट्योत्सव आज, गंगोत्री धाम में माता मंगला के हंस फाउंडेशन द्वारा चिकित्सालय का उद्घाटन आज, शोशल मीडिया पर छाया सांसद नवनीत राणा का जादू

🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹

      *श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७९ || शक-सम्वत् १९४४ || सौम्यायन् || नल नाम संवत्सर || वसन्त ऋतु || वैशाख शुक्लपक्ष || तिथि तृतीया || कुजवासर || वैसाख सौर २० प्रविष्ठ || तदनुसार ०३ मई २०२२ ई० || नक्षत्र रोहिणी (धाता) || वृषस्थ चन्द्रमा || अक्षय तृतीया || श्रीपरशुराम जयंती ||*

        💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾

🌹अक्षय तृतीया (आखातीज🌸) को अनंत-अक्षय-अक्षुण्ण फलदायक कहा जाता है। जो कभी क्षय नहीं होती उसे अक्षय कहते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि अक्षय तृतीया की यह तिथि परम पुण्यमय है। इस दिन दोपहर से पूर्व स्नान, जप, तप, होम, स्वाध्याय, पितृ-तर्पण तथा दान आदि करने वाला महाभाग अक्षय पुण्यफल का भागी होता है।

कहते हैं कि इस दिन जिनका परिणय-संस्कार होता है उनका सौभाग्य अखंड रहता है। इस दिन महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए भी विशेष अनुष्ठान होता है जिससे अक्षय पुण्य मिलता है।

इस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार इस दिन स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है।  ✍️पंडित शम्भु प्रसाद 

💐देवभूमि उत्तराखण्ड में पवित्र गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के शुभ अवसर पर समस्त देशवासियों एवं श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।जीवनदायिनी मां गंगा जी के अवतरण दिवस की हार्दिक बधाई। पवित्र गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम में सभी का स्वागत एवं अभिनन्दन

नमामि गंगे,तव दर्शनं मुक्ति:।।


1. ‘ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।।’

2. ‘ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात्।।’

3. ‘ॐ रां रां ॐ रां रां परशुहस्ताय नम:।।

चिरंजीवी ‘भगवान विष्णु जी के छठवें अवतार भगवान श्री परशुराम जी की जयंती पर समस्त देश एवं प्रदेशवासियों को प्रकट्य उत्सव एवं अक्षय तृतीया की सभी मित्रों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई।


माता मंगला और भोले जी महाराज के हंस फाउंडेशन द्वारा गंगोत्री धाम में चिकित्सालय का उद्घाटन आज किया जा रहा है। 

शोशल मीडिया पर छा रहा है नवनीत राणा का जादू हजारों यूजर्स ने लिखा है कि “एक अकेली मुस्लिम लड़की 10-20 हिंदू लड़कों से लड़ती है तो वो पोस्टर गर्ल बन जाती है मीडिया में।

पर हमारी बहन श्रीमती “नवनीत राणा” अकेले हनुमान चालीसा के पाठ को लेकर महाराष्ट्र की उद्धव सरकार से भीड़ गई।

हिंदुस्तानी शेरनी है “नवनीत राणा”

मुझे गर्व है मेरी बहन नवनीत राणा पर।

🚩 सनातन धर्म की जय 🚩

♥️🙏 जय श्री राम🙏♥️” शोशल मीडिया के दौर में युवाओं को दम भरने की देर है। अच्छे कार्यों को लोग हाथोंहाथ लेते हैं। 

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻मंगलवार, ३ मई २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:४५
सूर्यास्त: 🌅 ०६:४९
चन्द्रोदय: 🌝 ०६:५८
चन्द्रास्त: 🌜२१:२४
अयन 🌕 उत्तरायने (उत्तरगोलीय
ऋतु: 🌞 ग्रीष्म
शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (राक्षस)
मास 👉 वैशाख
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 तृतीया (पूर्ण रात्रि)
नक्षत्र 👉 रोहिणी (२७:१८ तक)
योग 👉 शोभन (१६:१६ तक)
प्रथम करण 👉 तैतिल (१८:२३ तक)
द्वितीय करण 👉 गर (पूर्ण रात्रि)
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰️〰️
॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मेष
चंद्र 🌟 वृष
मंगल 🌟 कुम्भ (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 वृष (उदय, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 मीन (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
〰〰〰〰〰〰〰
अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४७ से १२:४१
अमृत काल 👉 २३:४४ से २५:३१
रवियोग 👉 २७:१८ से २९:३२
विजय मुहूर्त 👉 १४:२८ से १५:२१
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:४२ से १९:०६
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:५५ से १९:५९
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५२ से २४:३५
होमाहुति 👉 सूर्य – २७:१८ तक
दिशाशूल 👉 उत्तर
नक्षत्र शूल 👉 पश्चिम (२७:१८ तक)
राहुवास 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्रवास 👉 दक्षिण
शिववास 👉 सभा में
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
☄चौघड़िया विचार☄
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – रोग २ – उद्वेग
३ – चर ४ – लाभ
५ – अमृत ६ – काल
७ – शुभ ८ – रोग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – काल २ – लाभ
३ – उद्वेग ४ – शुभ
५ – अमृत ६ – चर
७ – रोग ८ – काल
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
दक्षिण-पूर्व (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰️〰️〰️〰️〰️
तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
〰️〰️〰️〰️
अक्षय तृतीया (आखा तीज), श्री परशुराम जन्मोत्सव, माता मातंगी जयंती, विवाह मुहूर्त मेष लग्न प्रातः ०५:५१ से ०६:२९, मिथुन-कर्क लग्न प्रातः ०८:२६ से दोपहर १२:५९, तुला-वृश्चिक लग्न सायं ०५:३१ से रात्रि १०:०७ तक, उपनयन संस्कार+गृहप्रवेश मुहूर्त+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०९:०६ से दोपहर १२:२४ तक आदि।
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰️〰️
आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
〰〰〰〰〰〰〰〰〰️〰️
आज २७:१८ तक जन्मे शिशुओ का नाम
रोहिणी नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (वा, वी, वू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम मृगशिरा नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (वे) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
उदय-लग्न मुहूर्त
मेष – २८:४० से ०६:१४
वृषभ – ०६:१४ से ०८:०९
मिथुन – ०८:०९ से १०:२४
कर्क – १०:२४ से १२:४५
सिंह – १२:४५ से १५:०४
कन्या – १५:०४ से १७:२२
तुला – १७:२२ से १९:४३
वृश्चिक – १९:४३ से २२:०२
धनु – २२:०२ से २४:०६
मकर – २४:०६ से २५:४७
कुम्भ – २५:४७ से २७:१३
मीन – २७:१३ से २८:३६
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
पञ्चक रहित मुहूर्त
अग्नि पञ्चक – ०५:३२ से ०६:१४
शुभ मुहूर्त – ०६:१४ से ०८:०९
रज पञ्चक – ०८:०९ से १०:२४
शुभ मुहूर्त – १०:२४ से १२:४५
चोर पञ्चक – १२:४५ से १५:०४
शुभ मुहूर्त – १५:०४ से १७:२२
रोग पञ्चक – १७:२२ से १९:४३
शुभ मुहूर्त – १९:४३ से २२:०२
मृत्यु पञ्चक – २२:०२ से २४:०६
अग्नि पञ्चक – २४:०६ से २५:४७
शुभ मुहूर्त – २५:४७ से २७:१३
रज पञ्चक – २७:१३ से २७:१८
शुभ मुहूर्त – २७:१८ से २८:३६
शुभ मुहूर्त – २८:३६ से २९:३२
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
〰️〰️〰️〰️〰️〰️
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपका संतोषि स्वभाव विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य बनाये रखेगा। सोचे हुए कार्य ना बनने पर कुछ समय के लिये क्रोध आएगा फिर भी किसी का मीठा व्यवहार मिलेने से शांत हो जाएंगे। महिला वर्ग आज जितना मील उसी में संतोष करे अन्यथा स्वयंजन को दुख हो सकता है। काम-धंधे में कोई बड़ी चूक होने की संभावना है यहां भी किसी स्वजन का सहयोग बड़ी हानि होने से बचा लेगा। घर मे आज मातृ शक्ति का बोलबाला रहेगा इनसे बनाकर रखने में ही भलाई है अन्यथा दिन शांति से नही बिता पाएंगे। भाई बंधुओ से ईर्ष्या युक्त संबंध रहेंगे एक दूसरे की बात काटने पर तीखी बहस हो सकती है। माता का सुख उत्तम रहेगा अपनी बात आसानी से मनवा लेंगे। सेहत में आकस्मिक गिरावट आएगी सतर्क रहें।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन का आरंभ सुखद रहेगा किसी जटिल समस्या का तुरंत समाधान करने पर प्रशंसा के पात्र बनेंगे। घरेलू वातावरण में थोड़ी बहुत नोकझोंक भी होगी लेकिन इस सब पर आप ज्यादा ध्यान नही देंगे। कार्य व्यवसाय से आज आप कुछ ज्यादा ही उम्मीद लगाए रहेंगे लेकिन किसी के बीच मे व्यवधान डालने से अंत समय मे लाभ आगे के लिये टलेगा। नौकरी वाले लोग कार्य क्षेत्र पर बेहतर प्रदर्शन करेंगे सहकर्मी अथवा अन्य किसी व्यक्ति के बड़ाई पाने के लिये कार्यो में दखल देने से थोड़ा दबाव अनुभव होगा फिर भी अपने काम पर ध्यान से लगे रहे धन लाभ तो आशाजनक नही होगा लेकिन सम्मान मिलने में कमी नही रहेगी। व्यावसायिक कारणों से आकस्मिक यात्रा के योग है इससे ज्यादा लाभ की उम्मीद ना रखें। सेहत थोड़ी बहुत नरम होने पर भी कार्य निर्विघ्न चलते रहेंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन भी आपके लिये हानिकर रहेगा। जिस कार्य को करने का मन बनाएंगे उसमे पहले धन का अभाव फिर सहयोग की कमी बाधक बनेगी। व्यवसायी वर्ग आज संग्रह करने से बचे अन्यथा धन फसने के प्रबल योग है। सार्वजनिक क्षेत्र पर तो आपकी छवि धनवान जैसी बनेगी लेकिन अंदर से स्थिति इसके विपरीत रहेगी उधारी को लेकर किसी से किया वादा पूरा ना करने पर अपमानित होना पड़ेगा। जल्दबाजी में कोई भी जोखिम वाला कार्य ना करें अन्यथा लेने के देने पड़ जाएंगे। लंबी यात्रा, अग्नि और मशीनरी से सावधानी बरतें दुर्घटना हो सकती है। संध्या के समय बौद्धिक परिश्रम करने पर थोड़ा बहुत धन मिल जाएगा। घर मे किसी का जिद्दी व्यवहार क्रोध दिलाएगा शांत रहने का प्रयास करें वरना बिना बात सरदर्दी बढ़ेगी। स्वसन तंत्र में खराबी आएगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपका व्यक्तित्त्व भीड़ में अलग ही नजर आएगा। सार्वजिनक क्षेत्र पर आपकी पहचान खुशमिजाज व्यक्ति की बनेगी लेकिन आज मन का भेद किसी को ना बताये भावुकता में कुछ बोलने पर अन्यथा सम्मान में कमी आ सकती है। काम धंदा कुछ समय के लिये ही गति पकड़ेगा इस समय को व्यर्थ की बहस में ना गवाएं कम लाभ में व्यवसाय करने का लाभ आगे अवश्य दुगुना होकर मिल सकता है। नौकरी वाले लोग कार्यो में आलस्य करेंगे जिससे अधिकारी वर्ग की तीखी नजर में आएंगे। घर का वातावरण थोड़ा उथल पुथल रह सकता है किसी परिजन की सेहत बिगड़ने पर अतिरिक्त भागदौड़ के साथ धन का व्यय भी होगा। सरकारी कार्य आज ना करें धन के लेनदेन में सावधानी बरतें। सन्तान से शुभ समाचार मिलेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके अनुकूल रहने वाला है लेकिन दिन के आरम्भ से ही व्यवहार में मृदुता लाने का प्रयास करें अन्यथा जिस भी कार्य की करेंगे उसमे सफलता तो मिलेगी लेकिन जो कार्य आसानी से बन रहा था उसी को पूर्ण करने के लिये किसी की खुशामद करनी पड़ेगी। नौकरी पेशाओ को अकारण ही अधिकारी वर्ग के गुस्से का सामना करना पड़ेगा कुछ समय मौन रहकर विवाद को बढ़ने से बचा सकते है। पिता के प्रति मन मे हीन भावना रहने के कारण आज कम ही बनेगी। व्यवसायी वर्ग खर्च पर नियंत्रण का कितना भी प्रयास करें सफल नही हो पाएंगे आय से अधिक खर्च संध्या के समय अखरेगा। सन्तानो के कारण किसी परेशानी में फंस सकते है पहले ही नजर रखें। स्त्री वर्ग की रोग प्रतिरोधी क्षमता घटने से छोटी छोटी व्याधि परेशान करेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज दिन के आरम्भ में आप के ऊपर अकस्मात कार्य भर बढेगा। कुछ समय के लिये दिमाग शून्य जैसा रहेगा मध्यान आते आते ही कार्यो में सामान्य गति आ आपायेगी। आज कार्य छोटा हो या बड़ा मेहनत करने में कसर ना रखे अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा छोटा काम भी आगे बढ़ी सफलता का मार्ग खोलेगा। कार्य क्षेत्र पर आज आपके लिये अधिकांश निर्णय सही साबित होंगे लेकिन जिस कार्य मे हाथ डालेंगे उसमे पहले से ही प्रतिस्पर्धा रहने और प्रतिस्पर्धी हर विषय मे आपसे आगे रहने के कारण आरम्भ में परेशानी आएगी लेकिन दृढ़ संकल्प यहां लाभ दिला सकता है। घरेलू वातावरण शांत रहेगा परिजन किसी समारोह के कारण व्यस्त रहेंगे। रक्त संबंधित शिकायत हो सकती है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आपकी सेहत में उतार चढ़ाव लगा रहेगा। जल्दी से किसी कार्य को करने का मन नही करेगा जब भी कार्य करने का मन बनाएंगे तभी शारीरिक समस्या जोर पकड़ेगी आलस्य भी आज प्रत्येक कार्य मे बाधा डालेगा। घरेलू अथवा व्यावसायिक काम काज के लिये अन्य लोगो एवं परिजन के ऊपर निर्भर होना पड़ सकता है। संतानो की छोड़ अन्य सभी का सहयोग मिल जाएगा संताने अपनी मन की चलाएंगी जिस कारण क्रोध में आकर मुह से अपशब्द निकलने से वातावरण दूषित होगा। व्यवसाय से धन की आमद होगी लेकिन चोरी अथवा हेराफेरी से सावधान रहें। नौकरी पेशा लोग सहकर्मियो के आश्रित ना रहे। धर्म कर्म के प्रति भी अरुचि रहेगी। यात्रा ज्यादा जरूरी होने पर ही सावधानी से करें।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आपकी मानसिक स्थिति सुदृढ़ रहेगी लेकिन दाम्पत्य में छोटी-छोटी बातों को प्रतिष्ठा से जोड़कर झगड़ पड़ेंगे। शारीरिक रूप से छोटी मोटी व्याधि को छोड़ चुस्त ही रहेंगे लेकिन माता की सेहत को लेकर चिंता होगी आज दिन भर कई आर्थिक पारिवारिक एवं सामाजिक समस्या लगी रहेगी जो कुछ समय के लिये ही आपको मानसिक रूप से विचलित कर पाएंगी। धर्म कर्म में दिखावा मात्र रुचि रहेगी परोपकार भी मान बड़ाई पाने के लिये ही करेंगे लेकिन व्यस्तता के बाद भी मौज शौक के लिये आवश्यक कार्य छोड़कर उपस्थित रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर वाणी के प्रभाव और गुप्त युक्तियों के बल से असम्भव लाभ को भी संम्भव बनाने की योग्यता रखेंगे। घर मे शांति बनाए रखने के लिये आज कम ही बोले। संतान के ऊपर नजर रखें अन्य जगह दिमाग रहने के कारण पढ़ाई में लापरवाही करेंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके धनधान्य में वृद्धि करेगा। पिछले कुछ दिनों से मन मे चल रही किसी खास योजना को साकर रूप दे पाएंगे कार्य स्थल पर आज अस्थिरता के कारण कुछ सौदे बनते बनते बिगड़ने की संभावना है फिर भी आज पुराने व्यवहार अथवा किसी पुराने जानकार से आकस्मिक लाभ हो सकता है धन की आमद आवश्यकता अनुसार थोड़ी सी भागदौड़ के बाद हो जाएगी। आज आपके दिमाग मे कोई गुप्त शारीरिक समस्या दिन भर बनी रहेगी लेकिन संकोच में किसी से परामर्श लेने में हिचकिचाएंगे यह आये जाकर गंभीर रूप ना ले इसका ध्यान रखें। पिता अथवा किसी पैतृक समस्या का समाधान होने से राहत मिलेगी। पुश्तैनी प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी लेकिन गुप्त शत्रु भी बढ़ेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन बुद्धि विवेक की कमी रहने पर भी आपका व्यक्तित्त्व निखरा हुआ रहेगा। सार्वजनिक क्षेत्र से सम्मान के साथ भविष्य में लाभ के द्वार भी खुलेंगे। कार्य क्षेत्र पर लापरवाही करेंगे जिससे कोई पुराना स्नेह संबंध खराब हो सकता है। व्यवसायी वर्ग और नौकरी पेशा जातक शारीरिक परिश्रम की जगह आज दिमागी कसरत कर लाभ कमाएंगे लेकिन जिस लाभ के हकदार है उतना नही हो पाने पर निराशा भी होगी। स्वभाव में अकड़ रहने पर भी परिजनों से अच्छी पटेगी घर के सदस्य अपने निजी स्वार्थ के लिये आपकी गलतियों को अनदेखा करेंगे जिससे स्वभाव की उद्दंडता बढ़ेगी इसपर नियंत्रण रखें। आज हाथ पैरों में शिथिलता और जननेन्द्रिय संबंधित शिकायत से परेशानी होगी। यात्रा की योजना निरस्त होगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आपका स्वभाव छोटी छोटी बात पर गरम होगा। सेहत में भी आज कुछ न कुछ विकार लगा रहेगा जिससे स्वभाव में झुंझलाहट आ सकती है। दिन के आरम्भ में रूखे व्यवहार से परिजन को दुख पहुचायेंगे लेकिन बाहर स्वभाव को नियंत्रण में रखें अन्यथा सम्मान के साथ भविष्य के लाभ से भी हाथ धो बैठेंगे। सन्तानो की गलतियों को क्षमा करने का प्रयास करें। नौकरी व्यवसाय की गति पहले ही धीमी रहेगी ऊपर से आकस्मिक खर्च लगे रहने से कुछ समय के लिये मानसिक संतुलन खो सकते है विवेक से काम ले वरना किसी न किसी से लंबे समय के लिये संबंध में दरार आने की संभावना है। सरकारी कार्यो में ढील ना दे उलझने बढ़ सकती है। संध्या का समय मानसिक रूप से राहत दिलाएगा लेकिन फिजूल खर्ची के बाद ही। व्यसनों से दूर रहें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज भी दिन आर्थिक दृष्टिकोण से सुधार वाला रहेगा फिर भी धन को लेकर आज आप संतुष्ट नही रहेंगे। जिस भी कार्य से लाभ होगा उसमे कुछ न कुछ कमी ही रहेगी ज्यादा पाने के लालच में जितना मिलना है उसमें भी कमी आ सकती है। व्यवसाय में आज किसी को भूलकर भी उधार ना दें अन्यथा वापसी में परेशानी आ सकती है। भाई बंधुओ से पैतृक कार्य अथवा किसी अन्य पुराने कार्य को लेकर अनबन होने की संभावना है निर्णय लेने मे जल्दबाजी ना करें अन्य लोगो के विचार सुनने के बाद ही अपना पक्ष रखें इससे समाधान शीघ्र हो सकता है। भागीदारी के कार्य विशेष कर जमीन संबंधित कार्य मे विवाद हो सकता है आज इनको टालना ही बेहतर रहेगा। सर दर्द अपच की शिकायत हो सकती है।
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏

|| जय बद्री विशाल ||

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाता है।

धार्मिक मान्यता अनुसार अक्षय तृतीया के दिन त्रेता युग का आरंभ भी माना जाता है। कहते हैं, इस दिन किए गए कार्यों से अक्षयों फलों की प्राप्ति होती है। ‘न क्षय इति अक्षय’, यानि जिसका कभी क्षय न हो, वह अक्षय है।
इस अक्षत किया आपको कुछ विशेष शुभ योग देखने को मिलेंगे।

रोहिणी नक्षत्र और शोभन योग से मंगल रोहिणी योग बन रहा है। इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में, शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में, शनि अपनी स्वराशि कुंभ में और बृहस्पति अपनी स्वराशि मीन में विराजमान होंगे। मंगलवार को तृतीया तिथि होने से सर्वसिद्धि योग बन रहा है।

शुभ मुहूर्त:
अक्षय तृतीया पर पूजा का मुहूर्त शुक्रवार, 3 मई 2022 प्रातः 5 बजकर 39 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक।
तृतीया तिथि प्रारम्भ- 3 मई 2021 सुबह 5 बजकर 38 मिनट से
तृतीया तिथि समाप्त: 4 मई प्रातः 7 बजकर 59 मिनट तक।

पूजा विधि

घर में ही गंगा का स्मरण कर स्नान करें, तो गंगा स्नान का हमें पूण्य लाभ मिलेगा। बस इस श्‍लोक का उच्चारण कर स्नान करें..
गंगेच यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन सन्निधि कुरु।।

इसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी जी की मूर्ति को शुद्ध जल से स्नान कराएं रोली, कुमकुम अक्षत, पंचमेवा पंच मिठाई सफेद फूल अर्पित करें भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी के मंत्रों
(ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः) का जाप करें। घी का दीपक जलाकर आरती करें।

अक्षय तृतीया का पर्व बेहद शुभ और सौभाग्यशाली माना जाता है। इस दिन स्नान, दान, जप, तप, श्राद्ध और अनुष्ठान का बहुत महत्व है।

अक्षय तृतीया के दिन गौदान का संकल्प करें और जब संभव हो, तब गौदान करें। अक्षय तृतीया के अवसर पर वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है अन्न, वस्त्र, गाय को भोजन कराएं, जौ, तिल, भेंट व पित्रों की पसंदीदा वस्तुओं का दान कर सकते हैं।

अक्षय तृतीया के दिन को अत्यंत शुभ मानने को लेकर कई पौराणिक कथाएं भी हैं इस दिन के महत्व को और ज्यादा बढ़ा देती हैं। यहां हम अक्षय तृतीया से जुड़ी 5 कथाओं के बारे में जानेंगे-

भगवान परशुराम जन्मदिवस :

भगवान विष्णु के छठवें अवतार भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया को ही हुआ था। इसलिए इस दिन को परशुराम जन्मोत्सव के रूप में भी मनाते हैं। परशुराम महर्षि जमदाग्नि और माता रेनुकादेवी के पुत्र थे। उन्होंने अपने पराक्रम के बल से 21 बार पृथ्वी को छत्रिय विहीन कर पृथ्वी को ब्राह्मणों को दान कर दी थी। यही वजह है कि अक्षय तृतीया के शुभ दिन भगवान विष्‍णु की उपासना के साथ परशुराम जी की भी पूजा की जाती है।

ब्रह्मर्षि परशुराम के सामर्थ्य के लिए निम्नलिखित श्लोक रचा गया है:-

अग्रतः चतुरो वेदाः, पृष्ठतः सशरः धनुः।
इदं ब्राह्मः, इदं क्षात्रः, शास्त्रादपि शरादपि।।

अर्थात् परशुराम जी के समक्ष चारो वेदों का ज्ञान, पीठ पर वाणों से भरा तरकश विद्यमान था| ब्राह्म और क्षात्र गुण सम्पन्न यह ऋषि शास्त्र से या शस्त्र से हर हालत में विजय पाने में समर्थ थे| इन्होने स्वयं भगवान शंकर से शस्त्र की शिक्षा ली थी और शंकर ने उन्हें अपना एक धनुष उनकी वीरता से प्रसन्न होकर दिया था जिस पर बाण चढ़ाने वाले सिर्फ विष्णु या उनके अवतार ही हो सकते थे। इन्हीं गुणों के कारण इन्हें ब्रह्म क्षत्रिय भी कहते हैं।

देवी अन्नपूर्णा जयंती:

मान्यता है कि भंडार और रसोई की देवी माता अन्नपूर्णा का जन्म भी अक्षय तृतीया के दिन हुआ था। अक्षय तृतीया को मां अन्नपूर्णा की भी पूजा की जाती है। मां अन्नपूर्णा के प्रसन्न हो जाने पर कभी भी अन्न के भंडार खाली नहीं रहते। यानी संपन्ना और खुशहाली रहती है।

सुदामा की कृष्ण से मुलाकात :

भगवान कृष्ण और उनके परम मित्र सुदामा की कहानी तो जग में विख्यात है। कहा जाता है कि गरीब ब्राह्यमण सुदामा अक्षय तृतीया के दिन भगवान कृष्ण से मुलाकात करने गए थे। भगवान को सुदामा उपहार में सूखे चावल भेंट किए थे जिसके बदले भगवान कृष्ण ने उन्हें दो लोकों का स्वामी बना दिया था। मान्यता है कि आज के दिन भगवान विष्णु को चावल चढ़ाने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

द्रौपदी का अक्षय पात्र:

पौराणिक कथाओं में जिक्र मिलता है कि पांडवों की पत्नी द्रौपदी को भगवान विष्णु की उपासना करने पर आज के दिन ही अक्षय पात्र की प्राप्ति हुई थी। इस अक्षय पात्र का भोजन कभी घटता नहीं था।

गंगा का पृथ्वी पर अवतरण-

अक्षय तृतीया से पांचवी कथा है महाराज भगीरथ से प्रसन्न होकर मां गंगा की पृथ्वी पर अवतरण की। कहा जाता है कि हजारों की साल की तपस्या के बाद अक्षय तृतीया के दिन ही मां गंगा पृथ्वी पर आई थीं। महाराज भगीरथ भगवान राम और उनके पिता राजा दशरथ के पूर्वज थे।

अक्षय तृतीया का दिन विवाह, वाहन खरीदने और सोना आदि खरीदने के लिए बहुत ही शुभ माना गया है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु का विवाह इसी दिन हुआ था। यानी अक्षय तृतीया के दिन विवाह करने वाले दंपति माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की जोड़ी की तहर पूरे जीवन पर सुखी और प्रसन्न रहते हैं। अक्षय तृतीया को स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना गया है।

मान्यता है कि इस दिन किए जाने वाले दान का फल अक्षय होता है यानी कई जन्मों तक इसका लाभ मिलता है। अक्षय तृतीया पर दान करने वाले व्यक्ति को वैकुंठ धाम में जगह मिलती है, इसलिए इसे दान का महापर्व माना गया है। इस दिन गंगा स्नान करके जों एवं
गौ का दान अवश्य करना चाहिए, इससे मनुष्य के सभी पापा नाश हो जाते हैं। अक्षय तृतीया पर कलश का दान व पूजन अक्षय फल प्रदान करता है। इस जल से भरे कलश को मंदिर या किसी जरूरतमंद को दान करने से ब्रह्मा, विष्णु और महेश की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही पितरों को भी अक्षय तृप्ति होती है और नवग्रह की शांति होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन श्रीरामचरित मानस का पाठ करना चाहिए। साथ ही आपको भगवान विष्णु के दसावतार की कथा का पाठ करना चाहिए। इनका पाठ करने पर आपको ऋषियों और महान संतों के दर्शन का फल मिलता है।

अक्षय तृतीया पर तुलसी की जड़ को दूध से सींचे। भगवान विष्णु की पूजा को तुलसी पत्र के बिना अधूरी मानी जाती है। ऐसा करने पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

पौराणिक कथायें ग्रुप एवं श्री गौरी गिरधर गौशाला की और से आप सभी को अक्षय तृतीया की बहुत बहुत बधाई। धन की देवी लक्ष्मी तथा भगवान विष्णु की आप और आप के परिवार पर कृपा बनी रहें। माता अन्नपूर्णा आपका घर धन धान्य से परिपूर्ण रखे।