आज का पंचाग आपका राशि फल, राजा बलि होंगे भविष्य के इंद्र, हमारा इतिहास : यवन आक्रान्ताओं के आने से पहले भारत में जाति व्यवस्था नहीं थी, पीपल की जड़ों को सीमेंट कंक्रीट से घेरना भी महापाप है, महल और किले भारतीय आर्किटेक्चर है या विदेशी आक्रांताओं का!

*श्री हरिहरौ*

                *विजयतेतराम**सुप्रभातम*

             *आज का पञ्चाङ्ग*

*_शुक्रवार, १६ जून २०२३

*सूर्योदय: 🌄 ०५:३७

सूर्यास्त: 🌅 ०७:१७

चन्द्रोदय: 🌝 २८:१०

चन्द्रास्त: 🌜१७:५१

अयन 🌖 उत्तरायणे

(उत्तरगोलीय)

ऋतु: 🌡️ग्रीष्म

शक सम्वत:👉१९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत:👉२०८० (पिंगल)

मास 👉 आषाढ

पक्ष 👉 कृष्ण

तिथि 👉 त्रयोदशी (०८:३९ 

से चतुर्दशी)

नक्षत्र 👉 कृत्तिका (१५:०७

से रोहिणी)

योग👉धृति(२५:२३ से शूल

प्रथम करण👉वणिज(०८:३९तक

द्वितीय करण👉विष्टि(२०:५२तक

ɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨ

॥ गोचर ग्रहा: ॥

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 मिथुन

चंद्र 🌟 वृष

मंगल 🌟 कर्क

(उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध🌟वृष(उदय,पूर्व,मार्गी)

गुरु🌟मेष(उदित,पश्चिम,मार्गी)

शुक्र🌟कर्क(उदित, पश्चिम)

शनि 🌟 कुम्भ

(उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मेष

केतु 🌟 तुला

ɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨ

शुभाशुभ मुहूर्त विचार

⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳

ɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨ

अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४९ से १२:४६

अमृत काल 👉 १२:३७ से १४:१७

विजय मुहूर्त 👉 १४:३८ से १५:३५

गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:१९ से १९:३८

सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२० से २०:१९

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५८ से २४:३७

राहुकाल 👉 १०:३२ से १२:१८

राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व

यमगण्ड 👉 १५:४९ से १७:३४

होमाहुति 👉 केतु

दिशा शूल 👉 पश्चिम

नक्षत्र शूल 👉 पश्चिम (१५:०७ से) 

अग्निवास 👉 पृथ्वी

भद्रावास 👉 स्वर्ग (०८:३९ से २०:५२)

चन्द्रवास 👉 दक्षिण

शिववास 👉 भोजन में (०८:३९ से श्मशान में)

ɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨ

☄चौघड़िया विचार☄

ɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨ

॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – चर २ – लाभ

३ – अमृत ४ – काल

५ – शुभ ६ – रोग

७ – उद्वेग ८ – चर

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – रोग २ – काल

३ – लाभ ४ – उद्वेग

५ – शुभ ६ – अमृत

७ – चर ८ – रोग

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

ɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨ

शुभ यात्रा दिशा

🚌🚈🚗⛵🛫

दक्षिण-पूर्व (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)

ɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨ

तिथि विशेष

🗓📆🗓📆

ɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨ

मासिक शिवरात्रि आदि।

ɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨ

आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

ɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨ

आज १५:०७ तक जन्मे शिशुओ का नाम कृतिका नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (उ, ए) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम रोहिणी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (ओ, वा, वी) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

ɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨ

उदय-लग्न मुहूर्त

वृषभ – २७:२२ से ०५:१७

मिथुन – ०५:१७ से ०७:३२

कर्क – ०७:३२ से ०९:५३

सिंह – ०९:५३ से १२:१२

कन्या – १२:१२ से १४:३०

तुला – १४:३० से १६:५१

वृश्चिक – १६:५१ से १९:१०

धनु – १९:१० से २१:१४

मकर – २१:१४ से २२:५५

कुम्भ – २२:५५ से २४:२१

मीन – २४:२१ से २५:४४

मेष – २५:४४ से २७:१८

ɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨ

पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०५:१५ से ०५:१७

रज पञ्चक – ०५:१७ से ०७:३२

शुभ मुहूर्त – ०७:३२ से ०८:३९

चोर पञ्चक – ०८:३९ से ०९:५३

शुभ मुहूर्त – ०९:५३ से १२:१२

रोग पञ्चक – १२:१२ से १४:३०

शुभ मुहूर्त – १४:३० से १५:०७

मृत्यु पञ्चक – १५:०७ से १६:५१

अग्नि पञ्चक – १६:५१ से १९:१०

शुभ मुहूर्त – १९:१० से २१:१४

रज पञ्चक – २१:१४ से २२:५५

शुभ मुहूर्त – २२:५५ से २४:२१

चोर पञ्चक – २४:२१ से २५:४४

रज पञ्चक – २५:४४ से २७:१८

शुभ मुहूर्त – २७:१८ से २९:१५

ɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨ

आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

ɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨɨ

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन आपको मिला जुला फल देगा। दिन के आरंभ में थोड़ा आलस्य प्रमाद रहेगा लेकिन अधूरे कार्यो को पूर्ण करने की चिंता रहने से कार्यो में निष्ठा से लग जाएंगे लेकिन लाभ के लिए संध्या तक इंतजार करना पड़ेगा। सरकारी अथवा अन्य कागजी कार्यवाही भी मध्यान बाद तक लंबित रहेगी संध्या के आस-पास इनमे गति आने लगेगी फिर भी पूर्ण सफलता मिलना आज मुश्किल ही रहेगा। धन लाभ पूर्वनियोजित रहने से प्राप्ति के लिए उत्सुक रहेंगे। पारिवारिक वातावरण आज बिखरा रहने से महिलाओ को समेटने में खासी परेशानी आएगी। थकान को छोड़ सेहत सामान्य रहेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आप का व्यवहार विवेक पूर्ण रहेगा अपने प्रत्येक कार्य को लेकर गंभीर रहेंगे जिसके बाद भी आज लाभ के कम ही अवसर मिलेंगे और जो मिलेंगे उनका भी आशुकूल लाभ नही उठा पाएंगे। आज आपके गंभीर व्यक्तित्त्व में परिवर्तन देखने को मिलेगा हास्य विनोद से आसपास का वातावरण खुशनुमा बनायेगें आपको जानने वाले भी स्वभाव परिवर्तन से आश्चर्य में।रहेंगे लेकिन आज आपके व्यवहार के पीछे स्वार्थ सिद्धि की भावना भी छुपी रहेगी जिसे केवल महिलाये ही पढ़ सकेंगी। संध्या के आसपास कही से अकस्मात धन प्राप्ति हो सकती है। बुजुर्ग आज आपके पक्ष में रहेंगे। खान-पान संयमित रखें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आप ख्याली पुलाव पकाएंगे मन काल्पनिक दुनिया की सैर करेगा जिस वजह से प्रत्येक कार्यो में विलंब होगा किसी से किया वादा सही समय पर पूर्ण ना करने पर खरी-खोटी सुननी पड़ेगी। धन लाभ के लिए आज जोड़तोड़ वाली नीति अपनानी पड़ेगी फिर भी आशाजनक नही रहेगा। संध्या के समय किसी कार्य अथवा परिचित द्वारा अकस्मात धन मिलने से खर्च निकल जाएंगे। नौकरी वाले लोग अधूरे कार्यो को पूर्ण करने में व्यस्त रहेंगे किसी अन्य के हिस्से का कार्य भी आपको करना पड़ेगा जिस वजह से मन मे गुस्सा रहेगा। दाम्पत्य जीवन मे संध्या बाद आत्मीयता बढ़ने से राहत मिलेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज आपके अधिकांश कार्य बिना मेहनत किये सरलता से बनते चले जायेंगे आज आपको जिस जगह से हानि की उम्मीद रहेगी वहां से भी अकस्मात लाभ के समाचार मिलने पर उत्साहित रहेंगे। खाली समय मे मन पुरानी यादो में खोया रहेगा। व्यवसायी वर्ग व्यापार में निवेश करते समय अनुभवियों की सलाह अवश्य लें धन फंसने की भी संभावना है। दिन भर की गतिविधियों का संध्या के समय आंकलन करने पर संतोष की अनुभूति होगी। संध्या बाद का समय घर मे ही बिताना पसंद करेंगे महिलाओ से आज अच्छी जमेगी मनपसंद वस्तुओं की प्राप्ति सुख बढ़ाने में मददगार रहेगी। ठंडे प्रदार्थो का सेवन संयमित करें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आप प्रत्येक कार्य को बेहतर करने का प्रयास करेंगे इसमे सफल भी रहेंगे। कार्य व्यवसाय में धन लाभ के साथ ही मान-सम्मान की भी प्राप्ति होगी। महिलाये आज अकस्मात किसी शुभसमाचार मिलने से आनंदित रहेंगी। बेरोजगार लोग भी आज हतोत्साहित ना हो प्रयास करने पर आशाजनक रोजगार से जुड़ सकते है। सार्वजनिक क्षेत्र और नए संबंध बनेंगे जिनसे भविष्य में लाभ कमाने का अवसर मिलेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन अच्छा रहेगा खर्च भी आज कम रहने से धन संचय कर पाएंगे। स्वास्थ्य थोड़ा नरम रहेगा। आलस्य के कारण नींद आने की बीमारी से ग्रस्त रह सकते है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन आपका स्वभाव परोपकारी रहेगा किसी अन्य की परेशानी देख कर आपका दिल भी दुखी होगा इस कारण आज आपके साथ धोखा भी हो सकता है सतर्क रहें। महत्त्वपूर्ण कार्यो को आज प्राथमिकता से पूर्ण करने का प्रयास करें संध्या बाद से विघ्न-बाधाएं आने से प्रत्येक कार्य करने में मुश्किल होगी। आर्थिक रूप से दिन संतोषजनक रहेगा आवश्यकता अनुसार धन की प्राप्ति सहज हो जाएगी लेकिन आज महिलाये धन को लेकर परेशान रहेंगी मन की इच्छा पूर्ण ना होने पर झगड़ा भी कर सकती है। संतानो का उत्पाती व्यवहार रहेगा। सेहत संध्या बाद बिगड़ेंगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन भी आपके अनुकूल रहेगा दिन के मध्यान तक सभी कार्य निर्विघ्न चलते रहेंगे परन्तु इसके बाद कार्यो में विघ्न आने शुरू हो जाएंगे अतिआवश्यक कार्य मध्यान तक पूर्ण कर लें। व्यवसाय में पुराने कार्यो से धन की आमद होगी। नए अनुबंद मिलने में उलझने आएगी अथवा कम लाभ वाले मिलेंगे। व्यवसायी वर्ग आज जोखिम वाले कार्य ना करें निकट भविष्य में हानि हो सकती है। नए व्यापार का आरंभ भी फिलहाल स्थगित ही रखे। सरकारी कार्य भी कागजी कार्यवाही पूर्ण ना होने पर अधूरे रहेंगे। घर का वातावरण मध्यान तक शांत रहेगा इसके बाद महिलाओ की धैर्य हीनता के कारण उथल पुथल मचेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज दिन के आरंभिक भाग को छोड़ शेष दिन आशा के अनुकूल रहेगा। दिन के आरंभ में घरेलू एवं व्यावसायिक उलझनों के कारण दुविधा रहेगी परन्तु शीघ्र ही स्थिति स्पष्ट होने से बनाई हुई योजनाए सही दिशा में आगे बढ़ने लगेंगी। आज महिला एवं पुरुष दोनों ही अपने निखरे हुए व्यक्तित्त्व के बल पर समाज से सम्मान पाने के अधिकारी बनेंगे। आर्थिक लाभ के भी कई अवसर मिलेंगे साथ ही मितव्ययी प्रवृति रहने से बचत भी कर सकेंगे। जोखिम वाले कार्यो से भी अप्रत्याशित लाभ मिलेगा। स्त्री वर्ग भी आज आर्थिक मामलों में परिवार की मदद करेंगी। शारीरिक दर्द एवं सर्दी जुखाम की संभावना है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन भी आपकी दिनचार्य अस्त व्यस्त रहेगी जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उसी में विलंब होगा फिर भी प्रयास करना ना छोड़े दिन भर की मेहनत का फल संध्या में कम ही सही परन्तु आवश्यकता के समय होने से संतोष होगा। कार्य व्यवसाय में आज सहयोगियों की कमी अखरेगी। महिलाये भी आज शारीरिक समस्याओ के कारण अनमना व्यवहार करेंगी घर के कार्य भी बिखरे रहेंगे। नौकरी वाले जातको एवं बुजुर्गो से कोई हानि होने की संभावना है प्रत्येक कार्यो को जल्दबाजी की जगह आराम से करें। संतानो अंकुश लगाए अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा। संध्या बाद स्थिति सामान्य होने लगेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन आपके लिए कुछ राहत लेकर आएगा फिर भी आज बेतुकी बयानबाजी व आवेश को नियंत्रण में रखे वरना बनते कार्यं अधिक उलझ जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर आज लोग आपसे उलझेंगे इसकी अनदेखी कर अपने काम से काम रखें परिस्थिति संध्या बाद बदलने लगेगी। आर्थिक रूप से भी आज दिन मिश्रित ही रहेगा। प्रयास करने पर ही निर्वाह योग्य आय के साधन बन सकेंगे परन्तु आज भविष्य की कार्य योजना बना कर रखें लाभ का समय निकट ही है। महिलाओ का बर्ताव स्नेही जनों के दिल को चोट पहुचायेगा जिससे घर मे विवाद का माहौल बनेगा। संध्या बाद किसी के सहयोग से शांति स्थापित हो सकेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन भी आपके लिए घरेलू एवं आर्थिक समस्याओं से भरा रहेगा। परिवार में आज भी किसी ना किसी कारण से आपस खींचतान बनी रहेगी भाई बंधुओ का मनमुटाव महिलाओ के व्यवहार को भी प्रभावित करेगा। कार्य क्षेत्र पर भी इसका असर देखने को मिलेगा बेमन से कार्य करेंगे। धन के मामले में भी आज निराशा ही मिलेगी मेहनत के बाद भी उचित फल नही मिल पायेगा। सहयोगी अथवा अधिकारियों से भी अनबन होने से अव्यवस्था बढ़ेगी। आज क्रोध को वश में रखना अतिआवश्यक है धन सम्बन्धित व्यवहारों में स्पष्टता रखें। संध्या के बाद स्थिति में थोड़ा परिवर्तन आएगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन आपके लिये आर्थिक दृष्टिकोण से पिछले कुछ दिनों की अपेक्षा बेहतर रहेगा। दिन का आरंभिक भाग किसी से किया वादा पूरा करने में व्यतीत होगा लेकिन इसका सकारात्मक परिणाम भी मिलेगा सामाजिक व्यक्तित्त्व में विकास आएगा। आज खर्च ना चाहते हुए भी करना पड़ेगा फिर भी आय का पलड़ा भारी रहने से बजट बिगड़ेगा नही। नौकरी वाले लोगो को ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। व्यवसायी वर्ग भी मध्यान तक खाली रहेंगे इसके बाद ही कार्यो में व्यस्तता बढ़ेगी। सरकारी कार्यो में आज व्यवधान आएंगे कल पर छोड़ना बेहतर होगा। दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा। शरीर मे शिथिलता रहेगी।

राजा बलि ने पुरन्दर (इंद्र) को पराजित कर स्वर्ग पर अपनी सत्ता तो स्थापित कर ली , किन्तु न्यूनता थी तो केवल शतक्रतु (सौ अश्वमेध यज्ञ) करने की , जिसको करने से इंद्रत्व प्राप्त होता है।

वह यज्ञ भी बलि ने करना प्रारंभ किया ।

भगवान् ने स्वयं याचक बनकर बलि से प्रतिग्रह रूप में सम्पूर्ण त्रिलोकी ले लिया तथा उनको रसातल पर राज्याभिषिक्त किया ।

और अगले आठवें मन्वन्तर में बलि को इन्द्र बनने का आशीर्वाद दिया । (बलिरिन्द्रो भविष्यति)

तब बलि ने कहा == “जिस प्रकार देवताओं का अधिकार यज्ञ में होता है, उसी प्रकार मुझे भी कुछ अधिकार दिया जाये भगवन् !”

तब भगवान् ने राजा बलि को भी कुछ अधिकार प्रदान किये हैं———>

“अश्रोत्रियं श्राद्धमधीतमव्रत-
मदक्षिणं यज्ञमनर्त्विजा हुतम् ।
अश्रद्धया दत्तमसंस्कृतं हवि-
रेते प्रदत्तास्तव दैत्य भागा: ।।”
(हरिवंश पुराण)

भावार्थ == हे दैत्य ! श्रोत्रिय ब्राह्मण के बिना किये हुए श्राद्ध , बिना दक्षिणा के यज्ञ , बिना ऋत्विज के होम,
बिना श्रद्धा के दान और संस्कार हीन हविष्य —– ये सब आपके भाग है अर्थात् इनका पुण्य आपको मिलेगा ।

और मुझसे और मेरे भक्तों से द्वेष करने वालों का पुण्य भी आपको प्राप्त होगा ।

प्राचीन समय भारत मे कभी छुआछुत रहा ही नहीं, और ना ही कभी जातियाँ भेदभाव का कारण होती थी।

चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं। 

सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री सत्यवती से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की।

सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा?

महाभारत लिखने वाले वेद व्यास भी मछवारे थे, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।

विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे, हस्तिनापुर के महामंत्री बने, उनकी लिखी हुई विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।

भीम ने वनवासी हिडिम्बा से विवाह किया।

श्री कृष्ण दूध का व्यवसाय करने वालों के परिवार से थे, 

उनके भाई बलराम खेती करते थे, हमेशा हल साथ रखते थे।

यादव क्षत्रिय रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और श्री कृष्ण सबके पूजनीय हैं, गीता जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।

राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे।

उनके पुत्र लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल में पढ़े जो वनवासी थे

तो ये हो गयी वैदिक काल की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको शिक्षा का अधिकार था, कोई भी पद तक पहुंच सकता था अपनी योग्यता के अनुसार।

वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे, जिसको आज इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर कहते हैं वो ही।

प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे । 

नन्द वंश की शुरुवात महापद्मनंद ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये।

उसके बाद मौर्य वंश का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे और एक ब्राह्मण चाणक्य ने उन्हें पूरे देश का सम्राट बनाया । 506 साल देश पर मौर्यों का राज रहा।

फिर गुप्त वंश का राज हुआ, जो कि घोड़े का अस्तबल चलाते थे और घोड़ों का व्यापार करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।

केवल पुष्यमित्र शुंग के 36 साल के राज को छोड़ कर 92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया? यहां भी कोई शोषण वाली बात नहीं है।

फिर शुरू होता है मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है, इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह मुस्लिम आक्रमणकारियो का समय रहा और कुछ स्थानों पर उनका शासन भी चला।

अंत में मराठों का उदय हुआ, बाजी राव पेशवा जो कि ब्राह्मण थे, ने गाय चराने वाले गायकवाड़ को गुजरात का राजा बनाया, चरवाहा जाति के होलकर को मालवा का राजा बनाया।

अहिल्या बाई होलकर खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये। 

मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे और रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद थे|।

यहां भी शोषण वाली बात कहीं नहीं है।

मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई और यहां से पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह जैसी चीजें शुरू होती हैं।

1800 -1947 तक अंग्रेजो के शासन रहा और यहीं से जातिवाद शुरू हुआ । जो उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति के तहत किया। 

अंग्रेज अधिकारी निकोलस डार्क की किताब “कास्ट ऑफ़ माइंड” में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया और कैसे स्वार्थी भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका राजनीतिकरण किया।

इन हजारों सालों के इतिहास में देश में कई विदेशी आये जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि मेगास्थनीज ने इंडिका लिखी, फाहियान, ह्यू सांग और अलबरूनी जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की यहां किसी का शोषण होता था।

योगी आदित्यनाथ जो ब्राह्मण नहीं हैं, गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की उमा भारती महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जाति को छुआछुत व्यवस्था हिन्दुओ को कमजोर करने के लिए लाई गई थी।

इसलिए भारतीय होने पर गर्व करें और घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्रों से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं।

आज का चित्र : कुछ लोग वृक्षारोपण नहीं करते लेकिन वृक्ष देवता को सीमेंट कंक्रीट से घेर देते हैं इससे पेड़ की जड़ में हवा पानी और घूप बाधित होती है पेड़ ठीक से हवा पानी और भोजन नहीं ले पाते और घुट घुट कर रोग ग्रसित हो कर मर जाते हैं, इसका पाप उसी व्यक्ति और उसकी संतति को लगता है जो वृक्ष देवता को कंक्रीट से घेर देते हैं। कुछ मूढ़ लोग तो वट पीपल की जड़ में पानी डालने की जगह तेल डालकर पेड़ की प्राकृतिक प्रकिया ही बाधित कर देते हैं ऐसे लोग संतति सहित रोगी हो जाते हैं। भगवान कृष्ण कहते हैं पेड़ों में मैं पीपल हूँ। जो व्यक्ति एक भी पीपल लगाते हैं उनके परिवार में अकाल मृत्यु नहीं होती है, और जब तक पीपल रहता है उसके परिवार में भी तब तक सुख-समृद्धि बनी रहती है। चित्र में आप देख सकते हैं कि पेड़ स्वयं भी सीमेंट के घेरे को तोड़ कर संकेत दे रहा है कि इसे हटाओ लेकिन मूढ़ मनुष्य समझे तब ना! पीपल लगाओ पीपल को पानी दो। मैने अब तक करीब सौ पीपल लगा दिए हैं। पीपल लगाओ पीपल को पानी दो। अक्षय तृतीया और वट सावित्री के दिन दूर जंगलों में लगे वटवृक्ष या पीपल के पेड़ को जल चढ़ाने और जंगल की चींटियों को महाप्रसाद का चूर्ण बुरकने से यह पुण्य अक्षुण हो जाता है।✍️ हरीश मैखुरी

उत्तराखंड में भी भवन निर्माण और धारे पंदेरे यहां घर गांवों में सभी जगह मिल जाते हैं जो स्थानीय लोगों ने ही बनवाये हैं। पहले उत्तराखंड में पाषाण कला बहुत विकसित थी। बावन गढों का अद्वतीय आर्किटेक्चर यहां सुविख्यात है। मुगल आक्रमणकारियों ने यहां कुछ भी नहीं बनाया है। वीर को ही कालान्तर में पीर कहा जाने लगा है, जो गलत है। वीरों की पूजा हमारे यहां प्राचीन काल से प्रचलन में है। भगवान राम और भगवान श्रीकृष्ण को भी उनकी वीरता मर्यादा और परम कल्याणकारी होने के कारण ही पूजा जाता है। पीर शब्द का संबोधन गो भक्षी मुर्दे के लिए होता है। गायों को पूजने वाले और गायों को काटकर खाने वालों की सभ्यता में देव – दानव का अंतर है।

दुर्दांत लुटेरे कबीले मुगल आक्रान्ताओं के पास भवन निर्माण का आर्किटेक्चर था ही नहीं। उनके अपने देशों में तब झोपड़ियां तक नहीं थी वे बलवी गुफाओं में पशुओं को मार कर जैसे तैसे जीवन यापन करते थे। उन्होंने भारत में 28000 मंदिर लूटे और छिन्न भिन्न किए विद्रुप किए। नालंदा विश्वविद्यालय और तक्षशिला विश्वविद्यालय जैसे चार लाख गुरूकुल नष्ट किए #तेजोमहालय हो या दिल्ली का लालकोट ये सभी भारतीय पराक्रमी राजाओं ने बनाये हैं दिल्ली का लाल किला जिसे अनंग पाल द्वितीय ने 1060 ईस्वी में बनाया । महान इतिहासकार और लेखक #पुरूषोत्तम_नागेश_ओक ने इस संदर्भ में विस्तृत रूप से लिखा है जिस पर सैक्युलर सरकारों और बामपंथियों ने पर्दा डाल दिया था। वे आज भी #बामियान हो या पाकिस्तान या भारत मंदिरों को तोड़ रहे हैं तोड़ने वाले मूर्त भंजक कभी सृजक हो ही नहीं सकते। हम आज भी राम मंदिर बना रहे हैं देश की संसद बना रहे हैं। स्टैच्यू आफ यूनीटी बना रहे हैं वे आज भी आतंकी ही हैं ट्वीन टॉवर तोड़ रहे हैं। अफगानिस्तान में भारत की बनायी संसद पर नो बम गिरा देते हैं। ✍️हरीश मैखुरी