आज का पंचाग आपका राशि फल, जाने कब है ग्रहण और शरद पूर्णिमा❗️, गया काशी हरिद्वार और ब्रह्मकपाल एक ही गयासुर नामक विष्णु भक्त की शिला है❗, 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी से अच्छा विकल्प है ❗️

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻मंगलवार, २४ अक्टूबर २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:३५
सूर्यास्त: 🌅 ०५:४७
चन्द्रोदय: 🌝 १५:००
चन्द्रास्त: 🌜२६:१८
अयन 🌖 दक्षिणायणे (दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🗻 हेमन्त
शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 दशमी (१५:१४ से एकादशी)
नक्षत्र 👉 धनिष्ठा (१५:२८ से शतभिषा)
योग 👉 गण्ड (१५:४० से वृद्धि)
प्रथम करण 👉 गर (१५:१४ तक)
द्वितीय करण 👉 वणिज (२५:५४ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 तुला
चंद्र 🌟 कुम्भ
मंगल 🌟 तुला (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 तुला (अस्त, पूर्व, वक्री)
गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)
शुक्र 🌟 सिंह (उदित, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:३८ से १२:२३
रवियोग 👉 ०६:२४ से १५:२८
विजय मुहूर्त 👉 १३:५३ से १४:३८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:३७ से १८:०३
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:३७ से १८:५४
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३६ से २४:२७
राहुकाल 👉 १४:४९ से १६:१३
राहुवास 👉 पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०९:१३ से १०:३७
दुर्मुहूर्त 👉 ०८:३९ से ०९:२४
होमाहुति 👉 शनि
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पाताल (१५:१४ से पृथ्वी)
भद्रावास 👉 मृत्यु (२५:५४ से)
चन्द्रवास 👉 पश्चिम
शिववास 👉 सभा में (१५:१४ से क्रीड़ा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – रोग २ – उद्वेग
३ – चर ४ – लाभ
५ – अमृत ६ – काल
७ – शुभ ८ – रोग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – काल २ – लाभ
३ – उद्वेग ४ – शुभ
५ – अमृत ६ – चर
७ – रोग ८ – काल
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पश्चिम-दक्षिण (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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विजयदशमी (दशहरा) (शमी-आयुध- अपराजिता पूजा) आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १५:२८ तक जन्मे शिशुओ का नाम धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (गू, गे) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम शतभिषा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीया एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (गो, सा, सि) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
तुला – २९:५९ से ०८:२०
वृश्चिक – ०८:२० से १०:३९
धनु – १०:३९ से १२:४३
मकर – १२:४३ से १४:२
कुम्भ – १४:२४ से १५:५०
मीन – १५:५० से १७:१३
मेष – १७:१३ से १८:४७
वृषभ – १८:४७ से २०:४२
मिथुन – २०:४२ से २२:५७
कर्क – २२:५७ से २५:१८
सिंह – २५:१८ से २७:३७
कन्या – २७:३७ से २९:५५
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०६:२४ से ०८:२०
रोग पञ्चक – ०८:२० से १०:३९
शुभ मुहूर्त – १०:३९ से १२:४३
मृत्यु पञ्चक – १२:४३ से १४:२४
अग्नि पञ्चक – १४:२४ से १५:१४
शुभ मुहूर्त – १५:१४ से १५:२८
रज पञ्चक – १५:२८ से १५:५०
शुभ मुहूर्त – १५:५० से १७:१३
शुभ मुहूर्त – १७:१३ से १८:४७
रज पञ्चक – १८:४७ से २०:४२
शुभ मुहूर्त – २०:४२ से २२:५७
चोर पञ्चक – २२:५७ से २५:१८
शुभ मुहूर्त – २५:१८ से २७:३७
रोग पञ्चक – २७:३७ से २९:५५
शुभ मुहूर्त – २९:५५ से ३०:२५
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आप सब सुविधा मिलने के बाद भी उदासीनता युक्त जीवन जीयेंगे। महात्त्वकांक्षाये आज अन्य दिनों की तुलना में बढ़ी हुई रहेंगी निनके पूर्ण ना होने पर अंदर से मन दुखी रहेगा फिर भी इसका प्रदर्शन नही करेंगे। मध्यान बाद पेट सम्बंधित शिकायत रहने एवं अन्य शारीरिक कष्ट के कारण शरीर शिथिल रहेगा। कार्य क्षेत्र पर मन के अनुसार कार्य नहीं होंगे। कार्यो में विलम्ब के कारण परेशानियां होंगी। सरकारी कार्यो में भी अल्प सफलता मिलेगी। आस पास का वातावरण भी विरोधाभासी रहने से मन में वैराग्य उत्पन्न होगा। आध्यत्म के प्रति अधिक रुचि दिखाएँगे। परिजनों से शिकायत रहेगी। धन प्राप्ति के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज दिन का अधिकांश भाग आशा से अधिक शुभ रहेगा। आज के दिन आकस्मिक घटनाएं अधिक घटित होंगी चाहे वो आर्थिक या पारिवारिक हों परिणाम लेदेकर आपके पक्ष में ही रहेगा। नौकरी पेशा जातको को भी आज मेहनत का फल मिलेगा सम्मान में वृद्धि के साथ आय के मार्ग खुलेंगे। बेरोजगारों को थोड़ा प्रयास करने पर रोजगार उपलब्ध हो सकता है। लेकिन आज आपका हाथ खुला रहने और खर्च भी अचानक होने से थोड़ी असहजता रहेगी परन्तु स्थिति पूर्ण रूप से आपके नियंत्रण में ही रहेगी। भाग्योन्नति के योग बनेगे। परिवार में प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। सेहत मे सुधार रहेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आपकी महात्त्वकांक्षाओ की पूर्ती में थोड़ा सा भी विलंब होने पर धैर्य ना रहने पर हताशा में उटपटांग बयानबाजी कर सकते है। आज के दिन परिश्रम के साथ धैर्य भी रखना पड़ेगा तभी दिन से सार्थक फल पा सकते है। कार्य क्षेत्र पर अधिकारी एवं सहकर्मी सहयोग करेंगे निश्चित समय से पहले कार्य पूर्ण कर घरेलु कार्यो के कारण कुछ समय के लिये असहजता बनेगी। मध्यान बाद से स्थिति लाभजनक बनने लगेंगी। धार्मिक गतिविधियों में भी सक्रियता दिखाएँगे। आज आप किसी भी प्रकार के अनैतिक कार्यो से खुद को दूर रखने का हर संभव प्रयास करेंगे जिससे सम्मान के पात्र बनेंगे। धन लाभ विलंब से ही सही लेकिन होह जरूर। सेहत गले छाती संबंधित समस्या हो सकती है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज भी दिन विपरीत फल देने वाला रहेगा। स्वयं अथवा किसी पारिवारिक सदस्य का स्वास्थ्य अचानक खराब होने के कारण व्यर्थ की चिंता रहेगी दवाओं पर खर्च बढ़ेगा। कार्य क्षेत्र पर परिश्रम के अनुसार ही लाभ मिलेगा कम समय दे पाने के कारण नए कार्य विस्तार के विचार को टालना पड सकता है। सरकारी कार्यो में भी धन खर्च होने से आर्थिक कारणों से चिंता रहेगी परन्तु मध्यान के आस-पास थोड़े धन की आमद होने से दैनिक कार्य चलते रहेंगे। मध्यान से संध्या के बीच कोई दुखद समाचार मिलने की संभावना है। आज परिस्थितियां विपरीत रहने पर भी परिवार में तालमेल बना रहेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज दिन का प्रारंभिक भाग आलस्य में खराब होगा इसके बाद का समय लापरवाह रहने के बाद भी सुख-शांति से बितायेंगे। कोई मनोकामना पूर्ति होने से मन खुश रहेगा आसपास का वातावरण भी हास्यमय बनाएंगे। मित्र प्रियजनों के साथ भविष्य की योजनाओं पर खुल कर विचार करेंगे। दोपहर के समय स्थिति कुछ समय के लिये परेशानी वाली बनेगी। किसी मनोकामना के अपूर्ण रहने से ठेस पहुंचेगी इससे उबरने में भी थोड़ा समय लगेगा। आज स्वभाव में ज्यादा खुलापन भी ना रखें मन का भेद अन्य को देने से हानि भी हो सकती है। परिजनों से लाभ होने की संभावना है। स्वास्थ्य संबंधित छोटी मोटी समस्या लगी रहेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आपका आज का दिन मिश्रित फलदायक रहेगा। कार्यो की असफलता अथवा किसी महत्त्वपूर्ण अनुबंध के निरस्त होने से स्वभाव में चिड़चिड़ा पन आ सकता है। मध्यान तक वाणी का रूखापन रहेगा जिससे कार्य क्षेत्र एवं घर का वातावरण बिगाड़ेगा। इसके बाद विवेक से कार्य करेगें धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने से मानसिक दृढ़ता बढ़ेगी। दोपहर के बाद किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति से सहयोग मिलने की संभावना है। आज कोई नया कार्य अथवा संकलन में धन का निवेश करने से बचें धन नाश होने के प्रबल योग है इसका भी ध्यान रखे है। दोपहर के आस पास से स्वास्थ्य में भी उतार चढ़ाव बनेगा। घर के सदस्य आपसे किसी न किसी कारण से नाराज रहेंगे। सेहत में कोई नए छोटे मोटे विकार आ सकते है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज भी दिन का अधिकांश समय शांति से व्यतीत होगा। थोड़ी आर्थिक परेशानियां रह सकती है परंतु आज आप मानसिक रूप से दृढ़ रहेंगे। जिस भी कार्य को करने की ठानेंगे उसे हानि-लाभ की परवाह किये बिना पूर्ण करके छोड़ेंगे। मध्यान के समय कार्य क्षेत्र पर अन्य व्यक्ति की दखलंदाजी से थोड़ी परेशानी एवं बहस हो सकती है। सामूहिक आयोजन में सम्मिलित होने का अवसर भी मिलेगा आपकी बुद्धि विवेक की प्रशंसा होगी फिर भी आज आप बाहर की अपेक्षा घर में समय बिताना पसंद करेंगे। घर का वातावरण भविष्य को लेकर थोड़ा चिंतित बनेगा संध्या के आसपास कोई शुभ समाचार मिल सकता है। आंख गले संबंधित समस्या होने की संभावना है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज दिन का पूर्वार्ध नयी उलझने लाएगा। हठी प्रवृति रहने से व्यापार में हानि एवं प्रियजनों से दूरी बढ़ सकती है आज किसी भी बात की प्रतिक्रिया देने से पहले ठीक से सोचकर ही बोले अन्यथा मामूली बात का बतंगड़ बनते देर नही लगेगी। घरेलू अथवा कार्य क्षेत्र पर महत्त्वपूर्ण कार्य को अनुभवियों के परामर्श के बाद ही करें या थोड़े समय के लिए टाल दें। नौकरों के व्यवहार से भी परेशानी हो सकती है। दोपहर के बाद स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रण में आने लगेगी। आपके लिए निर्णय सफल होने से प्रातः जो आपसे विपरीत व्यवहार कर रहे थे वो भी स्वार्थ सिद्धि करने लगेंगे। आकस्मिक धन लाभ होने से राहत मिलेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज भी परिस्थितियां आपके अनुकूल रहने से लाभ के कई अवसर मिलेंगे परन्तु अज्ञान की स्थिति अथवा गलत सलाह के कारण लाभ होना संदिग्ध ही रहेगा। के दिनों से टलरहा बहु प्रतीक्षित अति महत्त्वपूर्ण कार्य पूरा होगा। धन लाभ रुक-रुक कर होने से संचय नही कर पाएंगे। घर में सुख के साधनों की वृद्धि होगी इस पर अधिक खर्च भी रहेगा। कार्य व्यवसाय में नए सम्बन्ध बनने से अतिरिक्त आय के मार्ग भी खुलेंगे। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति से आज पीछे नहीं हटेंगे। सेहत को लेकर कुछ समय के लिये भी की स्थिति बन सकती है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन धन की कमी रहने पर भी खुश रहने का सफल प्रयास करेंगे। संतोषी स्वभाव आज व्यर्थ के झंझट से बचाएगी लेकिन महिलाए एक बार जिद पकड़ लेंगी तो उसे पूरा कराकर ही मानेगी। घर मे बुजुर्ग परिजनों से भावनात्मक सम्बन्ध रहने से मन को शान्ति मिलेगी। परन्तु आज प्रेम प्रसंगों से दूरी बनाना ही बेहतर रहेगा अन्यथा धन और पारिवारिक मान हानि हो सकती है। किसी मांगलिक आयोजन में जाने के कारण अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा फिर भी आनंददायक वातावरण मिलने से खर्च व्यर्थ नहीं लगेगा। स्त्री पक्ष से विशेष निकटता रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन शुभफलदायक रहने वाला है। लेकिन दोपहर तक जिस भी कार्य को करेंगे उसका कोई निष्कर्ष नही मिलने पर कुछ समय के लिये असमंजस में पड़ेंगे। मध्यान बाद परिस्थिति में अकस्मात बदलाव आएगा। धन लाभ भी अचानक ही होगा। आज किसी व्यक्ति का ना चाहते हुए भी सहयोग अथवा कोई अप्रिय कार्य करना पडेगा। परिवार में आपसी मतभेद रहने से तालमेल नहीं बैठा पाएंगे। एकदम से ख़ुशी अगले ही पल दुःख वाली स्थिति दिन भर रहेगी। धन लाभ अवश्य होगा लेकिन मनोदशा में विकृत आ सकती है। खर्च करने में कृपणता दिखाएंगे। सेहत पर ध्यान दें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आपको प्रत्येक कार्य में सावधानी रखने की सलाह है। जल्दबाजी में लिए गए निर्णय के कारण धन के साथ सम्मान की भी हानि हो सकती है। कार्य क्षेत्र पर अप्रिय घटनाओं के कारण दुविधा की स्थिति बनेगी व्यवसायी वर्ग बना बनाया अनुबंध अचानक निरस्त होने से परेशान हो सकते है। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन निराश करेगा आवश्यकता के समय उधार भी नही मिलेगा। घर मे भी किसी पारिवारिक सदस्य के गलत आचरण से मन दुखी रहेगा मन में गलत विचार की भरमार रहने से सेहत पर बुरा असर पड़ेगा। सर अथवा अन्य शारीरिक अंग निष्क्रिय होते अनुभव होंगे। धैर्य से दिन बिताएं।
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🙏 राधे राधे 🙏

 

               *पौराणिक कथा*ब्रह्माजी

सृष्टि की रचना करने के बाद जब प्रकृति में संतुलन का सृजन कर रहे थे

तो उनसे असुर कुल में *गया* नामक असुर की रचना हो गई

जिसमें अनजाने में

*देवृति* शामिल हो गयी

*गया*

असुरों की संतान रूप में पैदा हुआ था

लेकिन उसमें *आसुरी प्रवृति* नहीं थी

वह देवताओं का सम्मान और आराधना करता था।

उसके मन में एक खटका था

वह सोचा करता था कि भले ही वह *संत प्रवृति* का है लेकिन असुर कुल में पैदा होने के कारण उसे कभी सम्मान नहीं मिलेगा

 इसलिए

क्यों न अच्छे कर्म से इतना पुण्य अर्जित किया जाए ताकि उसे स्वर्ग मिले।

*गयासुर* ने कठोर तप से भगवान श्री विष्णुजी को प्रसन्न किया

भगवान ने वरदान मांगने को कहा तो गयासुर ने मांगा- *आप मेरे शरीर में वास करें जो मुझे देखे उसके सारे पाप नष्ट हो जाएं*

*वह जीव पुण्यात्मा हो जाए और उसे स्वर्ग में स्थान मिले।*

भगवान से वरदान पाकर *गयासुर* घूम-घूमकर लोगों के पाप दूर करने लगा

जो भी उसे देख लेता उसके पाप नष्ट हो जाते और स्वर्ग का अधिकारी हो जाता।

इससे

यमराज की व्यवस्था गड़बड़ा गई

कोई घोर पापी भी कभी *गयासुर* के दर्शन कर लेता तो उसके पाप नष्ट हो जाते

यमराज उसे नर्क भेजने की तैयारी करते तो वह गयासुर के दर्शन के प्रभाव से स्वर्ग मांगने लगता

यमराज को हिसाब रखने में संकट हो गया था।

यमराज ने ब्रह्माजी से कहा कि अगर *गयासुर* को न रोका गया तो आपका वह विधान समाप्त हो जाएगा जिसमें आपने सभी को उसके कर्म के अनुसार फल भोगने की व्यवस्था दी है

 पापी भी *गयासुर* के प्रभाव से स्वर्ग भोंगेगे।

ब्रह्माजी ने उपाय निकाला उन्होंने *गयासुर* से कहा कि तुम्हारा शरीर सबसे ज्यादा पवित्र है इसलिए तुम्हारी पीठ पर बैठकर मैं सभी देवताओं के साथ यज्ञ करुंगा।

उसकी पीठ पर यज्ञ होगा यह सुनकर *गया* सहर्ष तैयार हो गया

ब्रह्माजी सभी देवताओं के साथ भारी पत्थर के हवन कुंड के साथ *गया* को दबाकर बैठ गए

इतने भार के बावजूद भी वह *अचल* नहीं हुआ

वह घूमने-फिरने में फिर भी समर्थ था।

देवताओं को चिंता हुई उन्होंने आपस में सलाह की कि इसे श्री विष्णु ने वरदान दिया है इसलिए अगर स्वयं श्री हरि भी देवताओं के साथ बैठ जाएं तो गयासुर अचल हो जाएगा

श्री हरि भी उसके शरीर पर आ बैठे।

श्री विष्णु जी को भी सभी देवताओं के साथ अपने शरीर पर बैठा देखकर *गयासुर* ने कहा- आप सब और मेरे आराध्य श्री हरि की मर्यादा के लिए अब मैं *अचल* हो रहा हूं घूम-घूमकर लोगों के पाप हरने का कार्य बंद कर दूंगा।

लेकिन

मुझे चूंकि श्री हरि का आशीर्वाद है इसलिए वह व्यर्थ नहीं जा सकता इसलिए श्री हरि आप मुझे पत्थर की शिला बना दें और यहीं स्थापित कर दें।

श्री हरि उसकी इस भावना से बड़े खुश हुए

उन्होंने कहा-

*गयासुर* अगर तुम्हारी कोई और इच्छा हो तो मुझसे वरदान के रूप में मांग लो।

 

*गया सुर* ने कहा- ” हे नारायण मेरी इच्छा है कि आप सभी देवताओं के साथ अप्रत्यक्ष रूप से इसी शिला पर विराजमान रहें और यह स्थान मृत्यु के बाद किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठानों के लिए तीर्थस्थल बन जाए”

श्री विष्णु ने कहा-

*गयासुर* तुम धन्य हो तुमने लोगों के जीवित अवस्था में भी कल्याण का वरदान मांगा और मृत्यु के बाद भी मृत आत्माओं के कल्याण के लिए वरदान मांग रहे हो

तुम्हारी इस कल्याणकारी भावना से हम सब बंध गए हैं।

भगवान ने आशीर्वाद दिया कि जहां *गयासुर* स्थापित हुआ वहां पितरों के श्राद्ध-तर्पण आदि करने से मृत आत्माओं को पीड़ा से मुक्ति मिलेगी

क्षेत्र का नाम *गयासुर के अर्धभाग गया नाम से तीर्थ रूप में विख्यात होगा*

मैं स्वयं यहां विराजमान रहूंगा।

इस तीर्थ से समस्त मानव जाति का कल्याण होगा।साथ ही वहा भगवान *”श्री विष्णुजी ने अपने पैर का निशान स्थापित किया जो आज भी वहा के मंदिर मे दर्शनीय है |*

*गया विधि के अनुसार श्राद्ध फल्गू नदी के तट पर विष्णु पद मंदिर में व अक्षयवट के नीचे किया जाता है।*

यह स्थान *बिहार* के गया में हुआ जहां श्राद्ध आदि करने से पितरों का कल्याण होता हैl

पिंडदान की शुरुआत कब और किसने की,

यह बताना उतना ही कठिन है जितना कि भारतीय धर्म-संस्कृति के उद्भव की कोई तिथि निश्चित करना।

 

 परंतु स्थानीय पंडों का कहना है कि सर्व प्रथम सतयुग में ब्रह्माजी ने पिंडदान किया था।

 महाभारत के *’वन पर्व’* में भीष्म पितामह और पांडवों की गया-यात्रा का उल्लेख मिलता है।

श्रीराम ने महाराजा दशरथ का पिण्ड दान यहीं (गया) में किया था।

गया के पंडों के पास साक्ष्यों से स्पष्ट है कि मौर्य और गुप्त राजाओं से लेकर कुमारिल भट्ट, चाणक्य, रामकृष्ण परमहंस व चैतन्य महाप्रभु जैसे महापुरुषों का भी गया में पिंडदान करने का प्रमाण मिलता है।

 

*गया में फल्गू नदी प्रायः सूखी रहती है।* इस संदर्भ में एक कथा प्रचलित है।

भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीताजी के साथ पिता दशरथ का श्राद्ध करने *गयाधाम* पहुंचे। श्राद्ध कर्म के लिए आवश्यक सामग्री लाने वे चले गये। तब तक राजा दशरथ की आत्मा ने पिंड की मांग कर दी। फल्गू नदी तट पर अकेली बैठी सीताजी अत्यंत असमंजस में पड़ गई। माता सीताजी ने फल्गु नदी, गाय, वटवृक्ष और केतकी के फूल को साक्षी मानकर पिंडदान कर दिया।जब भगवान श्री राम आए तो उन्हें पूरी कहानी सुनाई, परंतु भगवान को विश्वास नहीं हुआ।

तब जिन्हें साक्षी मानकर पिंडदान किया था, उन सबको सामने लाया गया। पंडा, फल्गु नदी, गाय और केतकी फूल ने झूठ बोल दिया परंतु अक्षयवट ने सत्यवादिता का परिचय देते हुए माता की लाज रख ली….।

इससे क्रोधित होकर सीताजी ने फल्गू नदी को श्राप दे दिया कि तुम सदा सूखी रहोगी जबकि गाय को मैला खाने का श्राप दिया केतकी के फूल को पितृ पूजन मे निषेध का।

 वटवृक्ष पर प्रसन्न होकर सीताजी ने उसे सदा दूसरों को छाया प्रदान करने व लंबी आयु का वरदान दिया।

 तब से ही फल्गू नदी हमेशा सूखी रहती हैं,जबकि वटवृक्ष अभी भी तीर्थयात्रियों को छाया प्रदान करता है।आज भी फल्गू तट पर स्थित सीता कुंड में बालू का पिंड दान करने की क्रिया (परंपरा) संपन्न होती है..!!

    *🙏🙏🏿🙏🏼जय श्री कृष्ण*🙏🏽🙏🏾🙏🏻

*भारत में दृश्य खण्डग्रास चन्द्रग्रहण*

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28 अक्टूबर 2023 आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा शनिवार को मध्यरात्रौपरान्त 1 बजकर 5 मिनट से मध्यरात्रौपरान्त 2 बजकर 24 मिनट तक खंडग्रास चन्द्रग्रहण होगा। 

इस ग्रहण को भारत के साथ-साथ श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान, चीन, मंगोलिया, कजाकिस्तान, रूस, ईरान, इराक, साऊदी अरब, सूडान, तुर्की, नाईजीरिया, अलजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, जर्मन, पोलेंड, यूक्रेन, फ्रांस, इटली, स्पेन,, ब्रिटेन, नार्वे, स्वीडन समेत पूरा यूरोप, थाईलेंड, मलेशिया, फिलीपींस, इण्डोनेशिया, आस्ट्रेलिया, जापान, कोरिया, तथा ब्राजील का पूर्वीभाग आदि से भी देखा जा सकेगा।

🌑 *सूतक-* खण्डग्रास चन्द्रग्रहण के सूतक(दोष) की शुरुआत ता.28 अक्टूबर 2023 सायं 4 बजकर 05 मिनट से ही शुरुआत हो जायेंगी। सूतकों में भोजन बनाना और ग्रहण करना निषेध माना गया है। इसमें आसक्त, रोगग्रस्त, असमर्थजनों को ग्रहण प्रतिबंधित नहीं किया गया है। 

🌑 *सूतक परिहार-* उदर में जिन महिलाओं के शिशु पल रहा हो, उन्हें चाकू आदि से फल-सब्जी, कैंची से वस्त्रादि न काटने चाहिए। ग्रहणकाल को ईश्वर की आराधना में व्यतीत करें। प्रकृति के विरुद्ध आचरण का दुष्प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। निवृत्ति के लिए सत्याचरण गेरुलेप से युक्त साड़ी का पल्ला सिर पर ओढ़ना चाहिए। दान देना, यज्ञादि कर्म करना अभिष्ट है।

 *कब है शरद पूर्णिमा 2023…!?* 

शरद पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 28 अक्टूबर, शनिवार, प्रात: 04:17 बजे से…

शरद पूर्णिमा तिथि का समापन: 29 अक्टूबर, रविवार, 01:53 एएम पर…

 *कब है चंद्र ग्रहण 2023…!?* 

साल का अंतिम चंद्र ग्रहण प्रारंभ समय: 28 अक्टूबर, देर रात 01:06 बजे‌… 

चंद्र ग्रहण समापन समय: 28 अक्टूबर, मध्य रात्रि 02:22 बजे

सूतक काल का समय: 28 अक्टूबर, दोपहर 02:52 बजे से लेकर मध्य रात्रि 02:22 बजे तक…

*चंद्र ग्रहण के समय न रखें शरद पूर्णिमा की खीर, इस गलती से बचें…* 

28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है और उस दिन चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर से प्रारंभ है. यदि आप इस दिन खीर बनाकर रखते हैं तो वह दूषित हो जाएगा. सूतक काल के पूर्व आप खीर बना लेते हैं तो भी वह ग्रहण से दूषित होगा. उसे आप ग्रहण के बाद चंद्रमा की रोशनी में रखकर नहीं खा सकते हैं. दूषित खीर आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.

 *शरद पूर्णिमा 2023 खीर रखने का सही समय…* 

आप शरद पूर्णिमा की खीर चतुर्दशी की रात यानि 27 अक्टूबर शुक्रवार की रात बना लें. फिर 28 अक्टूबर को जब शरद पूर्णिमा की तिथि प्रात: 04:17 बजे से शुरू हो तो उस समय उस खीर को चंद्रमा की रोशनी में रख दें. उस दिन चंद्रास्त प्रात: 04:42 पर होगा. यह समय नई दिल्ली का है. चंद्रास्त के बाद उस खीर को खा सकते हैं. 28 अक्टूबर के प्रात: पूर्णिमा तिथि में चंद्रमा की औषधियुक्त रोशनी प्राप्त हो जाएगी.

दूसरा विकल्प यह है कि आप 28 अक्टूबर के मध्य रात्रि चंद्र ग्रहण के बाद खीर बनाएं और उसे खुले आसमान के नीचे रख दें ताकि उसमें चंद्रमा की रोशनी पड़े. बाद में उस खीर को खा सकते हैं.

*शरद पूर्णिमा की खीर का महत्व…* 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण होकर आलोकित होता है. इस वजह से उसकी किरणों में अमृत के समान औषधीय गुण होते हैं. जब हम शरद पूर्णिमा की रात खीर को खुले आसमान के नीचे रखते हैं तो उसमें चंद्रमा की किरणें पड़ती हैं, जिससे वह खीर औषधीय गुणों वाला हो जाता है. खीर की सामग्री दूध, चावल और चीनी तीनों ही चंद्रमा से जुड़ी वस्तुएं हैं, इसके सेवन से स्वास्थ्य लाभ तो होता ही है, कुंडली का चंद्र दोष निवारण भी होता है.

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*जब आप को तब पढ़ लीजियेगा लेकिन अधूरा ना पड़े किंतु पूरा पढ़ना धैर्य और शांति से , फिर निष्कर्ष निकलना❗️*

                 *2024 BJP*

                        *VS*

*Congress + Left + BSP + SP + TDP + RJD + Shiv Sena + TMC + DMK + AAP + NDTV + ABP NEWS + Scroll + The Wire + Award Wapsi Gang + JNU + Pakistan + China*

*मोदी जी को हिंदू और मुसलमान दोनों हटाना चाहते हैं , किंतु दोनों के बीच अंतर देखिये : हिन्दू पेट्रोल का दाम देख रहा है* 

              *और*

*मुसलमान रोहिंग्या मुसलमान को*❗️ 

• हिन्दू जी एस टी से रूठे हैं और कांग्रेस को लाना चाहते हैं और मुसलमान भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाना चाहते हैं , इसलिए कांग्रेस को लाना चाहते हैं ! कारण जो भी हो उद्देश्य सबका एक ही है !l

• भारत में बहुत से लोग हैं , जो भ्रष्ट नेताओं की बातों में आकर , नरेन्द्र मोदी का विरोध करते हैं ! अच्छा है , लोकतंत्र है विरोध करें या समर्थन , ये तो आपका अपना हक है , पर मोदी का विरोध करके , आप समर्थन किसका कर रहे हैं , ये बडा गंभीर सवाल है , इसलिए निर्णय भी गंभीरता पूर्वक ही होना चाहिये !l 

• क्या ..; नीतिश कुमार, लालू , मायावती , सोनिया , राहुल , केजरीवाल , ममता बनर्जी , वामपंथी .; ये सब नरेन्द्र मोदी से बेहतर हैं या इनका रिकॉर्ड बेहतर है❓ *नही*

• क्या , नरेन्द्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्रीकाल की तुलना मे ममता बनर्जी , अखिलेश आदि का कार्यकाल बेहतर नजर आता है❓

*नही*

तुलना करनी है , तो गुजरात के किसी छोटे शहर मे जाकर , एक नजर मार लीजिये और फिर इन अन्य राज्यों की राजधानी का भ्रमण कीजिये !l

• राजनीति मे प्रवेश के समय लालू और नीतिशकुमार, दोनों के घर की स्थिति ऎसी थी , कि इनके पास साइकिल और लालटेन खरीदने तक के पैसे नहीं थे , जाति के नाम पर चलने वाले ये नेता आज अरबपति हैं , रामगोपाल चार्टर्ड प्लेन में घूमता है , तो शिवपाल ऑडी मे , कहां से आया इतना अकूत धन , क्या ये लोग नरेन्द्र मोदी से बेहतर हैं❓ *नही*

• सोनिया जी के बेटा – बेटी और दामाद , आज सभी अरबपति है , क्या ये नरेन्द्र मोदी से बेहतर हैं❓ *नही*

• क्या 35 साल बंगाल में राज करने वाले वामपंथी , नरेन्द्र मोदी से बेहतर हैं ❓ *नही*

• पांच साल केजरीवाल ने विज्ञापन चलाकर , दिल्ली के लोगों को चूना लगाया , WIFI , CCTV , 150 कॉलेज , 500 स्कूल , क्या ये कुकुरमुत्ता नरेंद्र मोदी से बेहतर है❓ *नही*

• जब मायावती राजनीती करने निकली थी और काशीराम की साथी थी , तब उसके घर में दिया जलाने का धन नहीं था , साईकल से प्रचार करती थी , आज उसका सैंडल भी प्लेन से आता है , उसके भाई के पास 497 कंपनियां हैं , क्या ये नरेंद्र मोदी से बेहतर है❓ *क्या नरेन्द्र मोदी के परिवार मे कम्पनी है ।*

• मोदी का विरोध करने वालों , विरोध करो , पर समर्थन किसका करना है , ये तो तय करो , कोई बेहतर विकल्प हो , तो बताना ! थोड़ा देश का भी सोचो , कितना बर्बाद करवाना है , कितना लूटवाना है❓ बाहर निकलो जातियो के बंधनों से , इसे उबारकर ये लूटेरे , हमे ही लूटते हैं❗️

● मुझे नहीं मालूम , कि अच्छे दिन आयेंगे या नहीं , पर मोदी जी के अतिरिक्त और कोई राजनेता दूर – दूर तक दिखाई नहीं देता , जो भारत के हिन्दुओ का हितैषी और अच्छे दिनों के लिए तन और मन से प्रयत्न करता हो !l 

● मुझे ये भी नहीं मालूम , कि मोदी जी भारत को हिन्दू राष्ट्र बना पायेंगे या नहीं , लेकिन ये पूरा यकीन हैं , कि वो पूरी संजीदगी और गंभीरता से भारत माता को पुनः विश्वगुरु का दर्जा दिलवाने हेतु प्रयासरत हैं !l

● मुझे फर्क नहीं पड़ता , कि मोदी जी के पास इतिहास की जानकारी है या नही , पर *मुझे पक्का यकीन है , कि उनके पास भविष्य की पूरी तैयारी है*‼️

                         *_जय भारत ।।।_* ❓*